UPDATE 01
एक पचपन वर्ष के आदमी के साथ इक्कीस वर्ष की युवती की योन क्रीड़ा।
गंगाराम एक 55 साल का हट्टा कट्टा आदमी है। उसका कद कोई 5'7" लम्बाई होगी। दिखने में आकर्षक दिखता है और अच्छे सलीके से रहता है। उसके दांत में दो दिन से दर्द हो रहा था और आज वह डेंटिस्ट से मिलने आया है। उसने अंदर कदम रखा और एक 20 - 21 साल की उम्र की एक लड़की को एक छोटीसी टेबल पीछे बैठा पाया। लड़की उसे देख कर उठी और उससे काम पूछी, गंगाराम अपनी दर्द के बारे में बताया।
"डॉक्टर साब तो अभी आए नहीं 15 मिनिट में आजाएंगे आप बैठिये" उसने वहां पड़े कुछ कुर्सियों की ओर दिखाती बोली। गंगाराम उसके सामने की एक कुर्सी पर बैठ गया।
लड़की ने उसे परखा की वह वह एक सिल्क की जुब्बा पहने था और जीन्स में था। उसके दायां हाथ में एक सोने की ब्रेसलेट और बाया कलाई के दो उँगलियों में सोने की वजनी अंगूठियां है। उसके खुले गले से गले में का सोने की चैन भी दिख रहीथी। बहुत अमीर होगा लड़की सोची और उसके नाम और उम्र पूछ रजिस्टर में लिखी। और उसके लिये एक मेडिकल कार्ड बनायीं।
गंगाराम भी उस लड़की को परखा, उसकी उम्र कोई 20 -22 की होगा गंगाराम सोचा। लड़की दुबली पतली और, सावंली है। नयन नक्श अच्छे है। वह सलवार और कमीज पहनी थी और उसके उपर सलेटी रंग की कोट पहनी। शायद डाक्टर ने दिया हो। लड़की अपना काम करती इधर उधर घूम फिर रही थी तो गंगाराम ने देखा की उसके नितम्ब छोटे छोटे है लेकिन मांसल है। उसके नितम्ब लुभावनी अंदाज़ मे आगे पीछे हो रहे थे। उसके चूचियां भी छोटे छोटे है। बस एक हाथ में पूरे आ जाएंगे।
बैठे बैठे बोर होता गंगारम ने पुछा "नाम क्या है बेटी तुम्हारा?" रजिस्टर में कुछ लिखते लड़की ने सर उठाया और उसे देख कर बोली "जी... स्नेहा"। कुछ देर खामोशी रही और फिर पुछा "क्षमा करना बेटी बोर हो रहा हूँ इसीलिए पूछ रहा हूँ.. यहाँ कब से काम कर रही हो?"
"परवाह नहीं अंकल; तीन साल से कर रही हूँ" लड़की हँसते बोली। उसकी हसी बहुत मोहक है' सोचा गंगाराम। और गंगाराम के पैंट के अंदर सुर सूरी होने लगी।
"क्या सालरी मिलती है?" गंगाराम ने फिर पुछा।
वह एक क्षण हीच किचाई और बोली "जी, बारह हज़ार रूपये"।
"कितने बजे तक काम करती हो?" गंगाराम अपना बोरियत दूर करने की नियत से पूछा।
"सुबह ग्यारह बजे से दोपहर दो तक और शाम छह से दस तक..." लड़की ने उत्तर दिया।
"कहाँ तक पड़ी हो..?"
"इंटर पास हूँ..." लड़की को भी टाइम पास होता रहा था तो जवाब देने लगी।
यहाँ थोडा सा गंगाराम के बारे में जानते है। जैसे की ऊपर दिया गया है वह 55 का आदमी है। और एक रियल एस्टेट बिज़नेस करता है। वह पहले एक सरकारी कारखाने में काम करता था। और साइड में एक रियल एस्टेट बिज़नेस के सामान्य सा एजेंट बन गया। वह एजेंसी ऐसी थी की उस समय वह plots सेल करती थी वह भी किश्तियों (instalments) में। Plot का सेल फाइनल होते ही वह एजेंट को कमीशन देतीथी, साथ ही साथ हर बीस प्लाट बेचने पर एक प्लाट फ्री में देती थी।
गंगाराम क्यों की फैक्ट्री में काम करता था और plot किश्तियों में मिल रहा है ज्यादा तर वहां काम करने वाले खरीद लेते थे। गंगाराम को अच्छा कमाई होती थी और plots मुफ्त में मिल जाते थे। उसका कमाई इतनी थी की वह नौकरी छोड़ कर इसे ही अपना धंधा बना लिया। इस धंधे में उसने अच्छी कमाई की और अपने दोनों बेटों को अच्छा पढ़ाया और अब वह दोनो; एक अमरीका में है तो दूसरा ऑस्ट्रेलियामें है। दोनों की शादी हो गयी और घर भी बस गए। गंगाराम स्वयं विदुर है। उसकी पत्नी पांच साल पहले गुजर चुकी है।
हाथ में ढेर सारा पैसा जिस से वह मनमौजी बन गया। बढ़िया खाना बढ़िया पीने के साथ साथ उसे बढ़िया औरतों का भी शौक लग गयी। सुन्दर और जवान औरतों को देख कर उसके लार टपकते थे।
अब डेंटिस्ट के पास इस लड़की स्नेहा को देख कर भी उसके यही हाल हुआ। वह कुछ और बात बढ़ाने की सोचा इतने में डॉक्टर आगया तो लड़की सजग हो गयी। फिर गंगाराम को अंदर भेजी। डॉक्टर ने उसका मुआइना किया और उसे कहा की उसके दांत में सुराख़ पड़गई और अंदर कीड़े भी हो सकते है। डॉक्टर ने उसे कुछ दवई लिखी और चार दिन तक हर रोज आने को कहा। और उस सुराख़ को भरने की बात कही।
दुसरे दिन गंगाराम 10 बजे चला गया। स्नेहा उसे देखकर विश करि और बैठने को बोली। "आप जल्दी आगये अंकल डॉक्टर तो 11 या 11.15 बजे आते है।" स्नेहा बोली।
"हाँ मालूम है, आखिर घर में भी बैठना ही है, सोचा यही बैठ लेते है" फिर दोनों के बीच चुप्पी रही। "आप क्या काम करते है अंकल?" स्नेहा ने उसके उँगलियों में अंगूठियां देखती पूछी।
"कुछ नहीं, बस मौज मस्ती करता हूँ..."
"मतलब।...?"
"रियल एस्टेट में बहुत कमाया, सारा पैसा FD में लगाया है, हर तीन महीने में उसका ब्याज आती है और एक अपर्टमेंट है जिस से किराया आ जाता है, बस इसी से काम चलता है" वह बोला।
लड़की में उत्सुकता जागी पूछी "वैसे महीने में कितना income है अंकल?"
"हर महीना एक लाख किराया आता है, और हर तीन महीने में एक बार उतना ही पैसा ब्याज आता है।"
स्नेहा आश्चर्य चकित रह जाती है, फिर अपने आप को संभालती है और पूछती है "आपके पत्नी, बच्चे..."
"दो लड़के है, एक अमेरिका में है तो दूसरा ऑस्ट्रेलिया में है। दोनों की शादी हो गयी है और पत्नी पांच साल पहले कैंसर से भगवान को प्यारी होगयी है" उदास स्वर में बोला। सब मुझे ही पूछोगी, अपना भी तो कुछ बताओ" वह लड़की देखते पुछा।
"हमारा क्या है अंकल, एक निम्न मध्य वर्गीय (lower middle class) फॅमिली है। घर में मैं सबसे बड़ी हूँ और मेरे बाद एक बहेन है 18 साल इंटर में है और एक भाई 14 साल आठवीं में पढ़ रहा है। माँ और पिताजी।"
"तुम्हारे पीताजी कया करते है?" पुछा।
लड़की ने जवाब नहीं दिया, खामोश रह गयी। गंगाराम ने जवाब के लिए जोर नहीं दिया।
इतने में डॉक्टर साहिबा आगयी और बात वही रुक गयी। डॉक्टर ने उसके इलाज किया और दवा लिख कर चार दिन और आने को कही। इन चार दिनों में गंगारामने स्नेहा और घनिस्टता बढगई। लड़की स्नेहा ने भी उसमे रूचि लेने लगी। इस बीच गंगाराम ने मालूम किया की लड़की का बाप बेवड़ा है, नौकरि चले गयी, अब कुछ करता नहीं है। घर का खर्च तो लडकी की कमाई और घर में माँ कुछ सिलाई करके कमाती है, उसी से चलता है।
कहानी जारी रहेगी