जिन महाभावों को कहानी बहुत जल्दी से पढ़ने की आकांक्षा है उनसे निवेदन है यह कहानी आपके लिए नहीं है, जितना समय मेरे पास है उसमें प्रति सप्ताह एक अध्याय ही अधिक से अधिक मैं लिख सकता हूं, तो जिन भी सज्जनों को इससे आपत्ति है आप अन्य कहानियों पर जा सकते हैं, मुझ पर टीका टिप्पणी करने का कोई लाभ नहीं होगा, परिवार और व्यापार से जो समय मिलेगा उसी में लिखूंगा, नहीं बचेगा तो नहीं लिखूंगा, उत्साह वर्धन न कर सकें तो अनुचित टिप्पणियां भी न करें, किसी को भी कहानी पढ़ने के लिए मैंने आमंत्रित नहीं किया है आप अपनी मर्ज़ी से आए हैं जा भी सकते हैं,
।।धन्यवाद।।