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Adultery उस रात पापा ने मुझे चोद दिया, एक कामुक तंत्र कथा (अनीता )

Funlover

I am here only for sex stories No personal contact
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इस वक़्त update लिख रही हूँ,
और एक बात सच सच बताऊं, इस कहानी को लिखते समय, ना जाने क्यूँ, मैं अपने अंदर कहानी वाली अनीता को महसूस करने लगती हूँ,
जैसे कहानी से निकल कर मैं खुद अपने ही अंदर समा गई हूँ,
अजीब सी fantasy और सेक्स मे डूबने की इच्छा मेरे ऊपर हावी होने लगती है,
जैसे जैसे कहानी के plots मेरे अंदर पनप रहे है, मैं अंदर से बदल रही हूँ,
सपने मे भी अब अजीब अजीब fantasizes होने लगे है.
जैसे मैं अब एक लड़की से सच मे पोर्नस्टार या सेक्स addict खिलौना बन रही हूँ
हमेशा अब यही ख्याल आता रहता है, जैसे मैं उससे सेक्स कर रही हूँ, या किसी गंदे इंसान से, कभी बूढ़े से, कभी बच्चे से, कभी जैसे मुझे कई लोग use कर रहे हो, या कोई ग्रुप मुझे blackmail करके सेक्स toy बना रहा है.
जैसे मैं किसी से भी बोल दूँ "प्लीज use me " ****fuck me pls
यहाँ तक की अब जिसके साथ मैं लिविंग रिलेशन me हूँ, मैं उसके दोस्तों और दुश्मनों को भी fantasy me अपने ऊपर मुझे use करते हुए महसूस करने लगी हूँ 😒
मुझे ना जाने क्यूँ "abused होने की fantasy होने लगी है, "
जैसे मैं खुद बोल रही हूँ, प्लीज मुझे abused करो, गाली दो "

जानती हूँ मैं यें सब अजीब है, एक Taboo है

मैं बदल रही हूँ.
क्या अब यें ठीक है?

अपनी सारी fantasies इस कहानी मे भर दूंगी 🙏

मगर यें कहानी मुझे बदल देगी,
एक लड़की से एक रंडी तक का सफर है शायद यें कहानी 🙏

आपकी सबकी अनीता

update आज रात से पहले आ जायगा 🙏
well apne aap pe kaabu rakho kuchh samay is kahani se bahar aake apni real life jio
ek female hone ne nate muje ye pata hai ki tum pe kya guajarti hogi
PAR EK BAAT DHYAN ME RAKHO RANDI YA SEX TOY BAN NA ITNA ASAAN NAHI KHAS KAR APNI REAL LIFE ME
mera ek sujhav agar tumhe achchha lage to
apni fantasy yahi kisi unknown friends se chat karke puri karo aur us chat ko yahi isi platform tak simit rakho
sab se pehe aisa excitement ho to kahani ko thoda time break de do
kher maine ye kahani just padhna shuru ki hai page no 12 par hu
kahani atyant sundar hai aur manorajak hai ek naye plot ke saath aur nayi fantasy bhi, yes admit karti hu ki jaisi tumhari halat hui vaise sab ki hui (mari bhi) kyu ki sab ki koi na koi fantasy jarur hoti hai aur kahi na kahi aisi story mil hi jaati hai jaha uske fantasy se match karti ho aur agar nahi karti bhi to dusari fantasy janm le leti hai
APNE AAP KE CONTROL RAKHO
vaise muje ye sab nahi kehna chahiye tha fir bhi agaar kahi aaptti hui ho to MAF kar dena plz age se dhyan rakhungi ki bina vaja suggestion na du ....

thank you
 

normal_boy

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ok punishment पूरा कर रही हूँ
मगर update 3-4 दिन मे ही दे पाऊँगी
Real pic है मेरी ये🙏


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chehare ki khushi bata rahi hai ki punidhment pura karne me tujhe kitna maza aa raha hai... eaise ek baat bata... ye pic li kisne hai
 
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hritik

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UPDATE-11
दो तीन दिन यूँ ही निकल गये, रिज़वान् के बारे मे पता करते हुए,
थोड़ा बहुत पता चला कि रिज़वान जो की एक बिल्डर है, और पापा के घर के पीछे वाले अपार्टमेंट उसी ने बनाये थे, वो भी वहीं रहता है.
उस शाम मुझे रिज़वान की गाड़ी thar दिख गई,
देखते ही मैं समझ गई कि यही है वो,
कियुँकि उसकी Thar के आगे लिखा था RIZWAN KHAN,
सीने मे जलन का अहसास इस कदर हुआ कि आँखो से कुछ बुँदे आंसुओ कि छलक आई,
मेरी नज़रे लगातार रिज़वान कि Thar को देख रही थी, काली रंग की thar, मैं यूँ ही देखती रही जब तक वो गाडी आँखों से ओझल होकर अपार्टमेंट मे घुस ना गई.
मुझे कुछ तो करना होगा, कुछ तो करना होगा,
समझ मे नहीं आ रहा था क्या करू
सच बताऊं मैं किसी की जान नहीं लें सकती थी, अगर ऐसा कर भी देती, अगर कर पाती तो पापा का क्या होता,
उनका आने वाला और जायदा बुढ़ापा कैसे कटेगा हम सब के बिना.
मैं ना जाने कब रोने लगी, मुझे भी नहीं पता.
अचानक मेरे mobile की रिंग बज उठी....

और मैंने देखा कि मेरी सहेली नंदिता का कॉल है,
वहाँ से आती आवाज़ ने जैसे मुझे सकून दिया,

Hi अनीता, कैसी है?

उसके इस सवाल पर क्या बोलती मैं,
बस मैंने उल्टा उससे पूछ लिया,

मेरी छोड़, तू बता तू कैसी है?

और जवाब मिला,
मस्त टिंच टिपटॉप हूँ यार,

इसके साथ उसने पुछा
वो ओइजा बोर्ड वाला जादू काम आया?
उसकी आवाज़ मे संजीदगी भरी थी.

मैं उसे पूरी बात नहीं बता सकती थी मगर बस इतना बोल दिया
हाँ एक डायरी मिली है...

सुन मैं तेरे पास आती हूँ, वहीं बताउंगी पूरी बात
यें कह कर मैंने तैयार होना शुरू किया,

faded blue jean पर white top डालकर जैसे ही मैं बाहर निकली,
कि पापा मुझे घर के अंदर आते दिखाई दिए
ना चाहते हुए भी मेरी निगाह उनके लण्ड की तरफ चली गई

पैंट के अंदर से भी अब मैं उसके साइज का अंदाजा लगा सकती थी
उफ्फ्फ बदन मे फुरफुरी उठ गई

हाँ यें वही लण्ड है जिसने सच मे मुझे स्त्री होने का सुख दिया.

हाँ दोस्तों.. यें सच है.. पापा का लण्ड सोचते ही मेरी बदन के सिरहन सी उठने लगी थी

कहाँ चल दी बेटी?
पापा के इस बात पर मैंने निगाह उठा कर धीरे से कहा

पापा वो नंदिता के पास जा रही हूँ, शायद आज रात वहीं रुक जाऊं

मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी पापा से निगाह मिलाने की

कोई ना बेटी.. जाऊ मन बहल जायगा.
और हस्ते हुए पापा अंदर की तरफ चल दिए,

और मैं यूँ ही निगाह झुकाये स्कूटी की तरफ बढ़ गई
........
वहाँ जाकर मैंने सूरज की बात नंदिता को बताई, हाँ बस सेक्स वाली बात काट दी

उसने बताया,
यार रिज़वान् को कौन नहीं जानता यहाँ
दरअसल मेरा यें फ्लैट भी रिज़वान् से मेरे dad ने 2 साल पहले खरीदा था,
हमारा वाला अपार्टमेंट भी उसी ने बनवाया था,

मुझे नहीं लगता तू उसका कुछ कर पायेगी
बोलकर वो चुप हो गई
और मैं भी कुछ ना बोल सकी

मैं जानती थी रिज़वान् जैसे इंसान का मैं कुछ करू, यें मेरी औकात की बात नहीं.

फिर मैंने धीरे से नंदिता से कहा

सुन रिज़वान् का नंबर होगा तुम्हारे पास, अगर यें फ्लैट रिज़वान् से लिया है तो.

इस पर नंदिता उठी और almirah मे कुछ कागजो मे से एक कार्ड निकाल लाई

यें रिज़वान khan का कार्ड है

मैंने देखा उसमे उस कुत्ते का ऑफिस एड्रेस और contact नंबर्स थे.
काफ़ी था इतना.. मेरे लिए...

मैंने आँख बन्द की और लेट गई, मेरे अंदर गुस्से और डर के मिले जुले भाव उभर और मिट रहे थे...

दोस्तों छोटे update के लिए sorry, आज अभी लैपटॉप मिला मुझे इसीलिए लेट टाइपिंग करनी पड़ी , sorry

,कल का update मुझे Rizwan khan तक पहुँचा देगा, देखते है क्या कहेगी कहानी आगे,
आपकी अनीता 🙏
Bahan ki lodi, mera lund chus kar energy lele or jaldi se kahani aage badha warna Teri gaand faad dunga randi
 

hritik

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UPDATE-12

अगले दिन मैंने RIZWAN को एक व्हाट्सप्प मैसेज किया

Hi Rizwan Sir
My identity is Anita Sharma. Additionally, I require a 2BHK apartment on the second or third floor of your building (SunRay Residency). Please respond to me if it's possible so I can come.
Regards:A
nita शर्मा

यें सब लिखते वक़्त मैं ब्यान नहीं कर सकती कि कितनी नफ़रत और गुस्सा मैं अपने अंदर महसूस कर रही थी, और साथ ही साथ मेरे अंदर एक अजीब सा डर बस रहा था, पता नहीं क्यूँ?
इसका जवाब मेरे पास नहीं है,

मेरी एक और दोस्त है, गरिमा चौधरी.
डॉक्टर है वो अपॉली हॉस्पिटल मे,
उससे मिलने की मैं सोच रही हूँ,
शयाद वो मेरी मदद कर सके,

कॉलेज मे हम 5 दोस्त थे
उनमे एक गरिमा भी है
नंदिता से तो आप मिल ही चुके हैँ

तो गरिमा से मिलने के लिए मैंने उसे भी मैसेज कर दिया,
और रिप्लाई मे बेहद मीठा मैसेज आया

अनीता dear
आज ही आजा जल्दी से.
बहुत याद आ रही हैँ यार सबकी
come soon


और मैंने बता दिया कि आज शाम 7बजे मैं आउंगी उसके घर

(कहानी थोड़ी जल्दी खींच रही हूँ, sorry

अगर ऐसा नहीं किया तो बहुत लम्बी कहानी हो जायगी )

शाम को मैं उसके घर पर थी,
और उसको ouija board के बारे मे बताया, सूरज का डायरी देना, और डायरी से रिज़वान् का सफर भी बताया.
बस नहीं बताया तो यें कि मुझे मेरे पापा चोद चुके हैँ, सूरज के आत्मा के द्वारा.

अब गरिमा संजीदा सी मेरे सामने बैठी हुई थी,
शांत
जैसे वो मुझे से पूछ रही हो
तू क्या करना चाहती हैँ
और लो जी उसने पूछ भी लिया..

अनीता, मैं क्या मदद कर सकती हूँ?
यें बता प्लीज
अगर सूरज कि मौत की बात हैँ तो मैं पूरी कोशिश करूंगी,

और बदले मे मैंने धीरे से कहा,
कुछ ऐसा देदे जिसको पीते ही Rizwan बेसुध हो जाये, उसको होश ना रहे,..
कुछ ऐसा मिल सकता हैँ क्या?

और मैं गरिमा के चेहरे की तरफ लगातार देखने लगी

वो सोचने लगी, और फिर धीरे से बोली,
अनीता, मैं दे सकती हूँ ऐसी दवाई,

पिला देना उसे, तो साला सो जायगा,
मगर सोने के बाद तू करेगी क्या उसके साथ

और इस सवाल पर मेरा चेहरा सख्त होता गया

मैं धीरे से बोली, मैं उसकी prestige, उसकी जीवन का सुख और यें नाम छीन लुंगी गरिमा

मगर कैसे?..... मेरी बात पर अनीता का यें सवाल लाज़मी ही था

मैंने नीचे देखा, जमीन की तरफ, कियुँकि मुझे नहीं पता था कि जो मैं करूंगी, क्या वास्तव मे उसका उसके जीवन पर कोई फर्क पड़ेगा भी या नहीं?

मगर मैं उसकी जान लेकर जेल नहीं जाना चाहती थी, अगर चाली जाती तो पापा के और बूढ़े होने पर कौन होगा उनकी देखभाल करने वाला?

बदला जैसे मेरे दिलो दिमाग पर छाया था, मगर डर भी उसी प्रकार मौजूद था, मेरे दिल दिमाग़ के हर कोने मे.

मैंने धीरे से कहा,

गरिमा मैं मास्क लगा कर उसकी strapon sex की porn movie shoot करूंगी, उसको इतना strapon (नकली सिलिकॉन का लण्ड ) से की वो जब उठे तो चल ना सके कई दिन, फिर उसकी video सारी अपार्टमेंट के साथ साथ porn video sites पर अपलोड कर दूंगी,

उसकी इज़्ज़त और दबदबा खत्म कर दूंगी इस तरह,

इस बात पर गरिमा चौंक गई, और धीरे से मुस्कुराई
yes अनीता, इससे उस साले कुत्ते की जिंदगी नर्क बन जायगी, उसके सारे रिश्तेदार, दोस्त, clients, और जहां जहां उसे कोई भी जानता हैँ सब जगह भेजना उस video को.

मैं तुझे Rohypnol (flunitrazepam) नाम की medicine दूंगी, किसी भी
चीज मे मिला कर पिला देना, साले को याद भी नहीं रहेगा, कि किसने किया उसके साथ यें सब

उसकी इस बात पर मैं मुस्कुराई,
और धीरे से बोली हाँ यार
यही होगा.

उस रात करीब9.30pm तक मुझे वो medicine मिल चुकी थी,
गरिमा को कहीं जाना पड़ा था, और वापसी मे वो उस ड्रग (medicine ) को लें आई थी
tablets के रूप मे थी वो medicine.

रात जब मैं घर पहुंची तो सारे प्लान पर एक बार ध्यान से सोचा,
सब सही लगा मुझे
rizwan मुझे नहीं जानता होगा, इसीलिए सब आसान हो जायगा.

सुबह जब उठी तो देखा, whatsapp पर उस कुत्ते का रिप्लाई आया था,

Anita जी
आप ऑफिस आ जाईगा, floor आपको मिल जायगा, आप आज विजिट कर सकती हैँ.
नीचे रिज़वान् जे ऑफिस का एड्रेस था जो पहले ही नंदिता ने मुझे दे चुकी थी.

अब अगला कदम था, वो strapon खरीदना
कुछ websites मे check किया और लो मुझे यें मिल गया


Screenshot-2024-05-11-09-53-33-37-40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12

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यें देख मैंने झट से order प्लेस कर दिया,
10 इंच लम्बा लण्ड, उसकी गरुर, इज़्ज़त, रेपुटेशन और दबदबा सब खत्म कर देगा,

अब बस अगले दिन उससे मिलना था...

................................................
जब मैं rizwan के ऑफिस मे पहुंची, तो मेरा दिल बुरी तरह धड़क रहा था,
मैं कोई क्रिमनल नहीं. जो गुनाह का अहसास ना हो,
बदला लेना था मगर था तो क्राइम ही,
आज इस वक़्त वो गुस्सा महसूस नहीं हो पर रहा था, वो जलन जैसे कमजोर पड रही हो,
डर का अहसास बहुत जायदा था इस वक़्त

मैं जैसे यांत्रिक क्रिया से चल रही थी, वस जैसे कोई धकेल रहा हो, वरना दिल मे डर अपना घर बना चूका था,
जैसे ही मैं उसके ऑफिस मे पहुंची मुझे दो आदमियों ने एक केबिन की तरफ इशारा कर दिया,
और अंदर जाते ही मैंने देखा वो एक बड़े से revolving chair पर बैठा मेरी तरफ घूर रहा था,
नीचे से ऊपर,उसकी निगाह बार बार मेरे होंठ, कमर, बूब्स, जाँघे और गर्दन पर घूम रही थी
मैंने इस वक़्त yellow colour का टाइट suit पहना हुआ था, उसकी आँखों मे अजीब सी दरिंदगी और हवस की चमक उभर रही थी

6 फुट से भी कुछ लम्बा होगा उसका कद, वजन भी लघुब्घ 100 kg के आसपास, शरीर जैसे किसी बॉडीबिल्डर का हो
बदसूरत और रंग से काला.
कुल मिला कर यें कह सकते हो, कलयुग मे जैसे किसी आदि राक्षस का जन्म हुआ हो.



अचानक वो बोल उठा
आइये anita जी
आइये
बताइये कोई तकलीफ तो नहीं हुई, हमारा ऑफिस ढूंढने मे

और बदले मे मेरी कमजोर सी आवाज़ निकली
नहीं नहीं, आपके ऑफिस के बारे मे जिससे पुछा उसने बता दिया,

हा हा हा वो जोर से हसा,
अरेट anita जी बताइये क्या लेंगी आप?
इस "लेंगी" शब्द मे अजीब सा खींचाव था, जैसे दो मतलब हो इस शब्द के.

मैंने मुस्कुराते हुए कहा
रिज़वान् जी
हो लेना देना तो होता रहेगा जी
आप floor का बताइये..

वो मुस्कुरा दिया मेरी बात पर
और एक आदमी को बुला मुझे floor दिखाने भेज दिया,

वो मुलाक़ात सिर्फ़ शुरुआत थी, मकसद दूर था,

और floor देखने के बाद मे रिज़वान् से फिर मिली,
और अब कुछ कॉन्फिडेंस मेरे अंदर आ चूका था

उसके पूछने पर कि कैसा लगा आपको floor?

मैंने मुस्करा कर कहा, आपके जैसा लगा जी
मैने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा
जैसा आपका विशाल दिल, वैसा ही आपका floor, बहुत सुन्दर लगा floor.

वो मुस्कुरा दिया
anita जी आप सेवा करने का अवसर दीजिये, ऐसे और बहुत फ्लोरस हैँ, जो आपको पसंद आएंगे

बदले मे मैं मुस्कुरा गई

अगले दिन बाकि floors के विजिट कि बात पक्की करके मैं चली आई

......
शुरुआत हो चुकी थी, अब बस
इंतकाम बाकि था.


और उस रात....
रिज़वान का मैसेज आया

Rizwan :Hi Anita ji
kal 11am aapko aana hai, aapko Rajouri wale flats bhi dikha dete hain.
ummid hai pasand aayenge aapko

Anita: ji bilkul, aap dikhao aur hume pasnd na aaye, aisa kaise ho skta hai

मेरे इस मेसेज से जरूर उसको लगा होगा कि मैं इम्प्रेस हूँ उससे.
और लो जी वही हुआ

Rizwaan : Anita ji, hum pasand aa jaye aapko? Aisi kismat kahaan humari?
fir bhi agar aapko humari koi baat pasand aa gai toh mashaallah humari kismat jahenaseeb.


बढ़ी तेजी के साथ, रिज़वान् खान के शब्द बदल रहे थे, मेरी सोच से जायदा गिरा हुआ और flirty इंसान था वो, मुझे यही मौका भी चाहिए था, उसको फ़साना जो था, और अगर खुद कोई फ़स रहा हो तो???

Anita: arey rizwan ji, aapne shayad apni personality dekhi nhi, aisa kon hai jo aapki personality se impress na ho? Mai to aapse puri trh impress huun

यें लिखते लिखते मेरी आँखों मे आंसुओ उभर आये, सामने लगी सूरज कि तस्वीर मुझे जैसे देख रही थी, सूरज तुम जानते हो यें सब किसलिए कर रही हूँ.
और रिज़वान का रिप्लाई आया

Rizwan : uff anita ji kya bol diya,

Lagta hai aapne khud ko nhi dekha, yuun hasin aurat ho aap jisko kon na impress krna chahega, kya mast figure hai aapka, aapko dekhte hee kiski hasrat na hogi aapko impress krne ki

और मैंने यें पढ़ा तो मेरी सांस ना जाने क्यूँ तेज हो गई
गुस्सा था मेरे मे, मगर फिर भी सांस तेज हो गई, पता नहीं क्यूँ

मैंने उठ कर सूरज कि तस्वीर उठा ली और सीने से लगा ली.
कोई मेरे बदन की तारीफ कर रहा था, और मैं चुपचाप बैठी थी,
कोई प्रतिरोध नहीं, शायद यें सही हैँ वो फस चूका या फ़स रहा हैँ

Anita: To janaab ko kera figure etna achcha lga? Kya achcha lag gya aisa?

इस
पर reply आया

Rizwan : khuda ne noor bhar diya hai aapke jism me anita ji
kon na chahega es noor ko chhuna ayr kon na chahega es noor ko pina?

साला बढ़ी तेजी के साथ फ़्लर्ट कर रहा था,जैसे शब्द बेलगाम होते जा रहे हो उसके

Anita: to fir kabhi aao aap ghar humare, hum bhi dekhe kya kya pi sakte hi aap?


Rizwaan : allah kasam mauka to do, khali na kr diya aapka noor toh naam badal dena anita ji mera 😛

तीर चला जा चूका था, अब वापस लौटना मुमकिन नहीं था,
मैंने last मैसेज काँपते हाथों से type किया

Anita: toh Rizwaan ji, aa jao aap ghar mere, aaj 10 tarikh hai, aap 12 ko aa jao shaam 7pm pr.
dekhte hai aapke flat ki kimat jayda hai ya aapki baaton ki?

यें बात मैंने जान बुझ कर लिखी ताकि रिज़वान् को लगे कि मैं यें सब फ्लैट को कम कीमत पर ओने के लिए कर रही हूँ या मुफ्त मे पाने के लिए

Rizwaan : Anita ji aapke upar ek nhi do flats kurbaan kar dunga. Aap ho hee etni mast sundar sexy ki koi bhi aap jo maango wo de de.

अब यें पक्का था वो यही समझा कि anita (मैं ) फ्लैट के लिए, फस रही हूँ, जल्दी ही उसे अफ़सोस होगा अपनी सोच पर.

फिर भी मैं न जाने क्यूँ रोने लगी...
......................


रिज़वान और मेरे बीच कौन जीतेगा,?
आप बताओ....
यें तो तय हैँ वो फस चूका हैँ.
अब उसको उसकी किये की कीमत चुकानी ही होंगी
कहानी थोड़ी जल्दी बढ़ा दी मैंने, sorry 🙏 जल्दी कहानी बढ़ा रही हूँ, emotions words कम डाल पर रही हूँ sorry यें करना पड़ रहा हैँ ताकि रिज़वान् को उसकी सज़ा जल्दी मिल सके

आज शाम से पहले अगला update दे दूंगी मेरा वादा हैँ
Pic देने का वादा था मेरा, तो यहाँ डाल रही हूँ, pics मेरी real हैँ,


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asian premium snapchat

(आपकी naughty Anita🙏)
Apni chut bhi khol kar dikha de bahan ki lodi to maaza aa jayega
 
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well apne aap pe kaabu rakho kuchh samay is kahani se bahar aake apni real life jio
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PAR EK BAAT DHYAN ME RAKHO RANDI YA SEX TOY BAN NA ITNA ASAAN NAHI KHAS KAR APNI REAL LIFE ME
mera ek sujhav agar tumhe achchha lage to
apni fantasy yahi kisi unknown friends se chat karke puri karo aur us chat ko yahi isi platform tak simit rakho
sab se pehe aisa excitement ho to kahani ko thoda time break de do
kher maine ye kahani just padhna shuru ki hai page no 12 par hu
kahani atyant sundar hai aur manorajak hai ek naye plot ke saath aur nayi fantasy bhi, yes admit karti hu ki jaisi tumhari halat hui vaise sab ki hui (mari bhi) kyu ki sab ki koi na koi fantasy jarur hoti hai aur kahi na kahi aisi story mil hi jaati hai jaha uske fantasy se match karti ho aur agar nahi karti bhi to dusari fantasy janm le leti hai
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thank you
Sach bola aapne🙏
 

Shetan

Well-Known Member
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UPDATE-4
अरे बोल बेटा.. देख रो मत.. बता क्या चाहिए या मुझे क्या करना हैँ..

पापा की इस बात और उनकी जिंदादिली ने मुझे उस वक़्त सच मे बहुत सकून दिया...

अब मैं अपनी बात पापा को ठीक से बता सकती थी.. मैं दौड़ कर गई. और कुछ पलों बाद उस किताब के साथ लौटी पापा ये देखो “ओइजा “..

ये देखो पापा..... कहते हुए मैंने सीधे किताब का आखिरी पन्ना खोल दिया... उत्सुकता के कारण मेरी साँस तेज थी और जुबान भी लड़खड़ा रही थी...

पापा उस पन्ने की तरफ देखने लगे..

देखो पापा जी.... और फिर मैंने किताब के उस पन्ने के पीछे वाली किताब के बैक कवर मे अंदर की तरफ चिपका हुआ लकड़ी का दिल से मिलता जुलते आकार का टुकड़ा निकला और पन्ने के ऊपर रख दिया..

अब पापा आपको मेरे साथ इस लकड़ी पर अपनी ऊँगली रखनी हैँ..

मैं कुछ पूछूँगी और अगर सूरज की आत्मा यहाँ होंगी तो ये लकड़ी का टुकड़ा yes वाले शब्द पर जायगा.. इसी तरह अल्फाबेट और नंबर्स पर जा जा कर हमें सूरज सारी बात बताएगा..

प्लीज करोगे ना आप...

मेरी उत्सुकता और बौखलाहट देख कर पापा चाह कर भी मना ना कर पाए, बस धीरे से बोले

हाँ बेटा जी.. जैसा बोलो करूंगा तुम्हारे लिऐ... पापा हूं तुम्हारा... तुम्हारी ख़ुशी मे मेरी ख़ुशी हैँ बेटा जी...

इस बात पर अब जाकर सुबह से पहली बार मुस्कान आ गई...

कब करना हैँ ये सब बेटा?

पापा के इस सवाल पर मैंने चहक कर कहा..

आज ही रात 12 बजे पापा जी..

पापा ने प्यार से मेरे सिर पर हाथ रख दिया.

......................

शाम को मैं बहुत खुश थी, जैसे सच मे आज मैं सूरज से मिल पाऊँगी... सुन पाउंगी, या शायद देख भी पाऊँगी..

मैंने एक नज़र ओइजा किताब पर डाली और उसका आखिरी पन्ना, जिसमे ओइजा बोर्ड छपा था वो किताब से बड़े ही सलीके के साथ अलग कर के उसको एक लकड़ी के चिकने बोर्ड पर फेविकोल की सहायता से बड़े ही करीने से चिपका दिया.....

वुडेन बोरड़ सन्माइका होने के कारण चिकना था तो वो पन्ना भी बहुत अच्छी तरह से उसपर लग गया था :::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::

उस रात डिनर के वक़्त मैं कुछ नहीं खा रही थी

अनीता बेटी ....

पापा ने मुझे गुमसुम देख शायद चिंता मे पुछा था....

बेटी जैसा तूने कहा वैसा सब हो रहा हैँ.. फिर क्यों उदास सी हैँ?

पापा उदास नहीं बस सोच रही हूँ, अगर ये सब काम ना आया तो? मेरा मतलब अगर ओइजा बोर्ड ने वैसा काम नहीं किया जैसा कहा या लिखा जाता हैँ तो?

मेरी इस बात पर पापा मुस्कुरा उठे... और प्यार से बोले...

इतनी बड़ी हो गई हैँ.. मगर बातें अभी भी बचपन वाली..

अरे बेटा अगर ये तरीका तेरा काम नहीं करता हैँ तो कोई बात नहीं.. कोई और तरीका TRY कर लेंगे..

अरे भई... तुझे लोन की चिंता हैँ ना?

बेटा मैं अभी जिन्दा हूँ.. हाँ या नहीं बोल बोल...

पापा की इस बात पर मैं सिर्फ “जी पापा “ बोल पाई..

तो क्यों चिंता करती हैँ... अरे इतना बड़ा घर हैँ ये... बेच देंगे तो लोन भी क्लियर हो जायगा और बात मेरी रही तो पूना वाला अपना फ्लैट भी तो हैँ.. वहाँ मेरा गुज़र बसर हो जायगा....

तू.. तू... चिंता ना कर बेटा....

मैं मुस्कुरा दीं... और पापा की तरफ देखकर बोली..

पापा.. जो माँगा मैंने वो सब आपने दिया.. अब क्या आपका ये घर भी लें लू?

नहीं पापा, आपका ये घर नहीं बिकेगा..

मेरा नहीं बेटा हमारा घर.. ये हमारा घर है ..

पापा प्यार से मेरे सिर को सहलाते हुए बोले..

चल अब उदास नहीं.. गुमसुम नहीं...

चल बता क्या तैयारी करनी हैँ..?

पापा जी आप 11 बजे नहा लेना,

12 बजे हम शुरू करेंगे....

पापा ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया..

हाँ बेटा चिंता मत कर... सब ठीक होगा...

......................

रात के करीब 11 बज रहे थे..

मैंने आवाज़ सुनी कि पापा बाथरूम नहाने जा रहे हैँ..

मैं भी जल्दी से टॉवल उठा ऊपर वाले बाथरूम की तरफ चल दीं...

......

नहाने के बाद मैंने गुलाबी रंग की Silk की Short Nighty और उसके साथ का Rob Night Gown पहन लिया..


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मन मे आशंका थी अभी भी पता नहीं क्या होगा?

घड़ी मे देखा तो 11.35 बज चुके थे

मुझे बेचैनी महसूस लगी... जैसे गला सुख रहा हो.. मैंने तुरंत फ्रीज़ से पानी की बोतल निकली और एक साँस मे लगभग आधी पीती चली गई.

मैंने देखा पापा कुर्ता पजामा पहन मेरी तरफ आप रहे हैँ, मैंने खुद को संभाला..

पापा ने आते ही मेरी हालात समझ ली थी और मेरी पीठ सहलाते हुए बोले..

अगर मान लो सूरज यहीं कहीं हुआ तो कितना दुखी होगा तुम्हारी ये हालत देखकर..

बेटा सम्भालो खुद को..

मैंने बहुत पानी की बोतल वापस रखी और पापा से बोली.. पापा मेरे कमरे मे चलते हैँ वहीं आगे की ritual (तंत्र क्रिया ) करेंगे..

पापा की आँखों मे मेरे प्रति प्यार और संवेदना देखकर मेरी हिम्मत लौटने लगी थी...

कमरे मे जाकर पापा मेरे बेड पर बैठ गये.. मैंने वो ओइजा बोर्ड उठया और कॉफ़ी टेबल पर रख दिया..

घड़ी मे देखा तो 11.50 हो रहे थे...

मैंने एक मोटी सी मोमबत्ती ड्रेसिंग टेबल से निकली और कॉफ़ी टेबल के पास कैंडल स्टैंड पर वो मोमबत्ती रख कर जलाने लगी..

मेरे हाथ कांप रहे थे..

पापा ये सब देख कर चुप ना रह सके.. पगली मुझे दे मैं जला देता हुँ..

और मेरे हाथों से उन्होंने आगे बढ़कर माचिस लें ली..

एक ही बार मे मोमबत्ती उन्होंने जला दीं और कॉफ़ी टेबल पर रख दीं...

पता नहीं क्यों मुझे ऐसा महसूस होने लगा जैसे ओइजा बोर्ड और मोमबत्ती दोनों एक साथ जैसे मुझे बुला रहे हो...

मैंने आँख बंद कर ली.... थोड़ी देर बाद आँखें खोली और ड्रेसिंग टेबल से प्लेनचेट (Planchetti) निकल लिया

ये एक तिकोने आकार लकड़ी का टुकड़ा जैसा था, जिसके बीच मे एक छेद था..


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पापा ने उसको देखा और पुछा ये क्या हैँ?

मैंने उनको बतया कि

पापा ये प्लेनचेट हैँ, ये किताब के बैक कवर मे चिपका हुआ था.

दरअसल पापा.. इसी पर हमको अपनी एक एक ऊँगली रखनी हैँ... ये जो बीच मे hole हैँ यही हमें बताएगा जो सूरज बोलना चाहेगा...


ओह्ह्ह पापा ने समझते हुए आवाज़ निकाली...

मैं कॉफ़ी टेबल के सामने बेड पर बैठ गई और पापा मेरे सामने एक चेयर पर बैठ गये..

मेरा दिल धड़क रहा था कि क्या होगा अब?

मैंने वो प्लेनचेट ओइजा बोर्ड के ऊपर रख दिया... और घड़ी की तरफ देखने लगी....

समय के गुजरने के साथ ही घड़ी की सुई आगे बढ़ती रही....... और दिवार घड़ी ने संकेत दे दिए कि ठीक 12 बज चुके हैँ...

मैंने आँख बंद की और थोड़ी देर बाद आँखें खोली...

यही समय था... जिसका मुझे इंतज़ार था...

मैंने पापा की तरफ देखा तो वो बिलकुल शान्त से लगातार मुझे देख रहे थे.. जैसे पूछ रहे हो कि अब करना क्या हैँ?

पापा.....

मैंने संजीदगी भर स्वर मे पापा को पुकारा...

पापा ने कोई जवाब नहीं दिया बस

हम्म्म्म जैसी आवाज़ निकली...

पापा अपना सारा ध्यान सूरज की तरफ लगाइये..

उसको याद करिये और महसूस कीजिये की वो आस पास ही हैँ इसी कमरे में...

और अपनी right hand की फिंगर प्लेनचेट पर धीरे से रखिये.. ज्यादा दवाब नहीं देना और ना ही बहुत हल्का रखना आप ऊँगली प्लेनचेट पर..

बिना कुछ बोले पापा ने अपनी ऊँगली प्लेनचेट पर रख दीं और आँखें बंद कर शयद दिल से सूरज को याद और महसूस करने लगे...

यही मैंने भी किया अपनी एक ऊँगली प्लेनचेट पर रख दीं और दोनों आँखें बंद कर सारा ध्यान प्लेनचेट पर लगा दिया...

मुझे महसूस हो रहा था कि सूरज मेरे पास ही खड़ा हो जैसे..... दिल से...

............................


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कुछ समय हम ऐसे ही बैठे रहे..

और फिर.... मैंने लगभग थोड़ा जोर से बोलना शुरू किया..

सूरज..... मैं जानती हूँ कि तुम यहीं हो...

अगर तुम यहीं हो तो जवाब दो..

बताओ तुम यहीं हो...

सूरज मैं जानती हूं कि तुम यहीं हो..

बताओ मुझे अगर तुम यहीं हो..

बताओ सूरज...

बात करो...


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और मेरे पुरे बदन मे झुरझुरी सी आ गई....

उफ्फफ्फ्फ़ वो प्लेनचेट धीरे से हिला जैसे किसी ने उसे सरकाया हो...

मैं जानती थी पापा जानबूझ कर ऐसा नहीं करेंगे...

शायद पापा भी काँप गये थे

कियुँकि उनकी साँस की आवाज़ तेज होने लगी थी.. जो मैं साफ सुन सकती थी..

यही हाल मेरा भी था.. मेरी साँस एक दम तेज होने लगी...

सूरज तुम यहीं हो.. बताओ मुझे...

मैंने एक बार और इस बात को दोहरा दिया...

प्लेनचेट दोबारा हिला... और...

और.... वो सरकने लगा..

उस प्लेनचेट के साथ पापा और मेरी उंगलियां भी सरकार रही थी..

और प्लेनचेट YES शब्द के ऊपर आकर रुक गया.

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मैंने आँख खोली तो पाया प्लेनचेट के बीच वाले hole मे से YES शब्द साफ नज़र आ रहा था..

मैं डर और ख़ुशी दोनों अहसास को एक साथ महसूस कर रही थी...

मैंने पापा को देखा तो उन्होंने भी आँखें खोल यही देखा और वो भी शायद डर से गये थे..

उनका चेहरा डर के मारे सफ़ेद सा हो रहा था.. उन्होंने मेरी तरफ देखा...

और मैंने आँखें बंद करके सूरज को ध्यान कर फिर पुछा..

सूरज तुम आप गये.. अब please मुझे बताओ.. कि तुम कैसे हो?

ये सवाल शायद नहीं करना चाहिए था मुझे.. मैंने औचारिकता के चलते पुछा था और प्लेनचेट हिला और रुका मैंने आँख खोली तो पापा आँख खोल उस प्लेनचेट को देख रहे थे.. थोड़ा डरे से थे वो अभी भी

प्लेनचेट आई (I ) शब्द के ऊपर रुका हुआ था..

मैं समझ गई सूरज I मतलब "मैं" कहना चाह रहा हैँ..

हाँ सूरज बताओ मैं क्या?

पूछते हुए मैंने आँख बंद कर ली थी.

तभी प्लेनचेट हिलता हुआ महसूस हुआ मैंने आँख नहीं खोली..

ज़ब वो रुक गया तब आँख खोली तो पापा कभी प्लेनचेट को घूर रहे थे और कभी मुझे... डरे हुए से थे वो बहुत..

मैं जानती थी वो इन सबपर विश्वास नहीं करतें थे और ज़ब ये सच होता देख रहे थे तो उनका बुरा हाल था..

फिर मैंने प्लेनचेट को देखा...

इस बार वो M शब्द के ऊपर था...

यानि I M (I am) इतना तो मे समझ गई थी...

मैं सुनना चाहती थी.. आगे वो क्या बोलना चाह रहा हैँ fine या not fine

मेरी आँखों को कोरे मे तीर्व जलन और दर्द का अहसास हुआ कियुँकि आँखों के कोरों से जाने कब से रुके आँसू बाहर आने की जिद पलकों के नीचे पीछे भरने लगे थे... आँखें डबड़बा गई..

पापा धुंधले दिखाई पड़ने लगे थे..

मेरी आँखें खुद बंद होती चली गई.. शायद आँखों से पिछले कई दिन से आँसू नहीं उभरे थे इसीलिए..

तभी प्लेनचेट हिला और रुका मैंने आँख खोली तो आँखों में आँसू भरे होने के कारण कुछ दिखाई ना दिया..

दूसरे हाथ से मैंने अपने आँसू पोंछ डाले और ओइजा बोर्ड की तरफ देखा तो प्लेनचेट फिर से आई ( I ) शब्द के ऊपर रुका हुआ था...

मैं समझ नहीं पाई सूरज क्या कहना चाहता हैँ

मैंने पापा की तरफ देखा तो उनकी आँखों मे भी आँसू भरे हुए थे और वो दूसरे हाथ से अपनी आँखें पोंछ रहे था..

शायद मुझे रोता देख उनका ये हाल हो रह था...

तभी प्लेनचेट एक दम से हिला..जैसे उसे झटके से सरकाया गया हो.

मैंने नीचे देखा ओइजा बोर्ड की तरफ तो इस बार प्लेनचेट N के ऊपर था..

मतलब सूरज ने बोला.. (I am in )

सूरज कहीं हैँ... इसका मतलब..

कहाँ?

वो क्या कहना चाहता हैँ?

Hell, Paradise, heaven, room, home क्या होगा उसका अगला शब्द...

और तभी प्लेनचेट हिला....

और P पर रुक गया...

ये क्या इससे पहले मैं समझ पाती प्लेनचेट फिर हिला और A पर रुका, बिना कुछ समझने का मौका दिया प्लेनचेट अचानक सरका और फिर P शब्द पर रुका और फिर A पर जाकर रुक गया..

मैंने शब्द जोड़े

(I am in P A P A )

उफ्फ्फफ्फ्फ़ मेरे मुँह से बस इतना ही निकला पाया कि पापा एकदम जमीन पर गिर पड़ें..

मैं डर गई...

ये क्या हुआ... पापा मे जोर से चिल्लाई


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ओइजा बोर्ड को इस्तेमाल करतें वक़्त अपनी उंगलियाँ प्लेनचेट से नहीं हटानी चाहिए, यही नियम हैँ

मगर इस वक़्त पापा जरुरी थे..

पापा मे तेजी से उठी और पापा को पलट कर देखना चाहा..

पापा को कुछ ना हो जाये.. इसी डर के मारे मेरा बुरा हाल था..

पापा क्या हुआ...?

मैंने चीखते हुए बोला..

मैंने पूरा जोर लगाकर पापा को पलट दिया......

मैं बुरी तरह चौंक गई
उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़फ

मैंने देखा कि....... कि.........
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बाकि स्टोरी अगले update में पेश करूंगी दोस्तों,
वादा हैं मेरा पूरी कोशिश की है कि , यें वाला update बहुत कामुक दूँ ,
इस आशा के साथ कि आपको पसंद आएगा
अगर जल्दी हो update chahiye तो बताइये,
मैं कोशिश करके आज रात में भी दे सकती हूँ,
wo भी लिख चुकी हूँ, बस check करना बाकि है spelling वगैरह.

थोड़ा जागना पड़ेगा और थोड़ा सा check करना होगा, अगर आज ही चाहिए तो साफ बता देना आप 🙏

बस आप सबका प्यार यूँ ही बना रहे

(आपकी: अनीता 🙏🙏🙏🙏🙏)
Me hamesha se hi horror likhna pasand karti hu. Ese kai game hai. Jis se aas pas ki supernatural energy ko bulaya ja sakta hai. Par amuman kisi ko back karte nahi aata. Is tarah kai log pajesh bhi hue hai. Aap ne story ko amezing drama ke roop me pesh kiya
Amezing...
 
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