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Incest एक अधूरी प्यास.... 2 (Completed)

Sandy66

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निर्मला जैसे ही दरवाजा खोली सामने शीतल खड़ी थी जो कि मुस्कुरा रही थी,,,, यह मुस्कुराहट उसके विजय की थी,,, जो कि वह निर्मला के ऊपर पा चुकी थी,,,
निर्मला पर मुस्कुराकर शीतल का स्वागत की और उसके अंदर आते ही दरवाजा बंद कर दी थोड़ी देर बाद शुभम भी सीढ़ियां उतरते हुए साथ में अपने शर्ट की बटन को बंद करते हुए नीचे उतरने लगा,,,,शुभम के ऊपर नजर पड़ते ही उसकी हालत को देखकर सीतल को समझते देर नहीं लगी कि उसके पीठ पीछे उसके जाते ही निर्मला अपने बेटे के लंड के ऊपर चढ़ गई,,

क्या निर्मला तुम दोनों मां बेटे से इतना भी नहीं रहा गया थोड़ा तो इंतजार कर लेती,,, ऐसा लग रहा था कि मुझे यहां बुलाने का फैसला तुमने अपनी बुर में अपने बेटे के लंड को लेते हुए ही की हो,,,

नहीं नहीं सीतल ऐसी कोई बात नहीं है यह तो अभी अभी नहा कर आया है,,,,,

देखो निर्मला आप मुझसे छुपाने की कोई जरूरत नहीं है मैं सब कुछ समझती हुंं ,,,,अब तो हम तीनों को एक दूसरे का राज दार बनकर रहना है ,,,,आपस में तो हम खुलकर रह ही सकते हैं,,,
(शीतल की बात सुनकर निर्मला समझ गई कि अब सीकर से कुछ भी छुपा पाना मुश्किल है वैसे भी कुछ देर पहले उसके बाल बंधे हुए थे और अब पूरी तरह से खुले हुए थे और बिखरे हुए भी,,, यह देख कर कोई भी अनुभवी औरत बता सकती है कि कुछ देर पहले उस औरत ने क्या कर के आई है,,, इसी से शीतल की समझ गई थी और शुभम जिस तरह से अपनी शर्ट के बटन को बंद करते हुए सीढ़ियां नीचे उतर रहा था उसे देखते ही वह पक्के तौर पर समझ गई थी कि उसके चाहिए देना चुदाई का अद्भुत खेल खेल रहे थे। इसलिए निर्मला बोली।)

हां तुम ठीक समझ रही हो तुम्हारी गर्म बातों ने मुझे भी गर्म कर दिया था,,,

मेरी गर्म बातों ने नहीं तुम्हारे बेटे का लंड इतना दमदार है कि उसे देखते ही औरत पागल हो जाती है उसे अपनी बुर में लेने के लिए,,,,पर तुम तो ना जाने कितनी बार अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में डलवा कर अपनी बुर की गहराई नपवा चुकी हो तुम्हारी यह हालत होगी यह तो निश्चित ही है,,में खुद ही रात भर तुम्हारे बेटे से चुदने के बाद भी मेरी इच्छा बार-बार हो रही है कि तुम्हारे बेटे के लंड के ऊपर चढ जाऊ।


तुम दोनों मिलकर लगता हैं मेरी जान ले लोगी,,,,

नहीं नहीं ऐसा कुछ भी नहीं होगा तेरी जान हम दोनों के लिए बहुत कीमती है,,,

मेरी जान किमती है कि मेरा लंड,,,,

तुझमे जान रहेगी तभी ना तेरे लंड में जान आएगी,,,
(शीतल की बातें सुन कर तीनो हंसने लगे,,, धीरे-धीरे तीनों आपस में खुलने लगे थे,,,, निर्मला शीतल की तरफ कुर्सी आगे बढ़ाकर उसे बैठने के लिए बोली,,,।)

मैं तुम्हारी बात से सहमत हूं शीतल,,,यह मैं पक्के तौर पर तो नहीं कह सकती कि इस तरह से करने पर हम तीनों को मजा आएगा कि नहीं आएगा लेकिन फिर भी जैसा तुम कह रही हो एक बार इसका अनुभव ले लेना चाहिए,,,
(निर्मला जानबूझकर शीतल से झूठ बोल रही थी कि उसका यह पहला अनुभव है जबकि वह तीन जनों के साथ में मिलकर चुदाई का खेल पहले भी खेल चुकी थी जिसमें उसे आनंद ही आनंद आया था.,,, जबकि यह शीतल के लिए पहला अनुभव था और वह काफी उत्साहित और उतावली भी थी,,,)

तुमने सही फैसला ली हो निर्मला,,, तुम्हारे बेटे के जरिए मैं भी अपनी नई जिंदगी की शुरुआत कर रही हूं,, मुझे तो अभी से अनुभव हो रहा है कि आगे बहुत मजा आने वाला है,,

लेकिन सीतल मुझे डर लगता है कि अगर इस बारे में किसी और को पता लग गया तो क्या होगा,,

कैसे पता चलेगा मेरी जान यह बात में तुम और तुम्हारा बेटा हम तीनों के सीवा चौथा जान ही नहीं सकता,,, चारदीवारी में बंद कमरे के अंदर हम तीनों दुनिया की नजरों से छुपके छुपाते क्या गुल खिला रहे है किसी को क्या पता चलने वाला है।(यह सब कहते हुए सीतल काफी उत्साहित नजर आ रही थी,,,, निर्मला का भी रोमांच बढ़ता जा रहा था,, सब कुछ तय होता जा रहा था लेकिन यह सब होगा कहां यह भी निश्चित नहीं था इसलिए निर्मला अपनी बात रखते हुए बोली,,,।)

शीतल जिस तरह का अनुभव हम तीनों मिलकर लेना चाहते हैं उसके लिए काफी समय चाहिए एक ऐसी जगह चाहिए जहां पर हम तीनों के सिवा तीसरा कोई आता जाता ना हो,, मेरे घर में यह संभव नहीं है इसके पापा वैसे तो इतनी जल्दी नहीं आती लेकिन उनका कोई न कि नहीं है कभी भी आ सकते हैं और ऐसे में अगर हम तीनों मुड में आ गए और इसके पापा आ गए तो सब काम बिगड़ जाएगा,,
और तुम्हारे वहां भी यह नहीं हो सकता क्योंकि हम दोनों के तुम्हारे घर रहेंगे तो इसके पापा कभी भी घर पर आकर हम दोनों को ढूंढने लगेगे।,,,,(शीतल निर्मला की बातों को बड़े गौर से सुन रही थी और मन ही मन मुस्कुरा रही थी निर्मला की पूरी बात सुनने के बाद वह मुस्कुराते हुए बोली ।)

तुम पागल हो गई हो निर्मला ,,, जिस तरह का खेल हम तीनों को खेलना है उसके लिए ना मेरा घर ना तुम्हारा घर बिल्कुल भी ठीक नहीं है।,,,

तो,,,,(निर्मला और शुभम एक साथ आश्चर्य से बोले)

तो यह कि इस काम के लिए हमें इस शहर से बाहर जाना होगा,,,

क्या पागल वाली बात कर रही हो शीतल,,, यह काम करने के लिए अपने शहर से बाहर जाएंगे,,,

क्यों लोग हनीमून पर नहीं जाते हैं क्या,,,?

हनीमून,,,,!(निर्मला आश्चर्य से बोली,,, शीतल की बात सुनकर उसके बदन में गुदगुदी हो रही थी ।)

हां हनीमून हम तीनों के लिए यह एक हनीमुन ही होगा,,,

तुम पागल हो रही हो शीतल,,,यहां पर हम तीनों में से किसी की शादी नहीं हुई है जो हनीमून पर जाएंगे,,,

तुम एकदम नादान हो निर्मला बस ना जाने कैसे हिम्मत करके अपने बेटे के लंड को अपनी बुर में डलवा ली हो बस,,, अरे हनीमून पर जाते किसलिए चुदाई करने के लिए ना और हम तीनों के लिए जा रहे हैं चुदाई करने तो एक तरह से ये हम तीनों का यह हनीमून ही हुआ,,,, और हम तीनों को शिमला जाना होगा,,,(सीतल लेकिन फटाक से बोल पड़ी,,,)

शिमला,,,, नहीं-नहीं शीतल,,, यहां कौन संभालेगा,,,,

गर्मियों की छुट्टी पड़ चुकी है और वैसे भी तुम गर्मियों की छुट्टी में गांव में तो जाती ही हो,,, तो इस बार शिमला चलते हैं,,,,, मेरी बात मानो निर्मला वहां बहुत मजा आएगा। चारों तरफ बर्फ ही बर्फ ठंडी ठंडी में हम तीनों की गर्म जवानी,,,ऊहहहहहह,,, बहुत मजा आएगा,,,( ऐसा कहते हुए शीतल एकदम से गनगनाने लगी.. मानव सच में उसके ऊपर बर्फ गिर रही हो,,, शीतल की बात सुनकर निर्मला भी सोचने पर मजबूर हो गई उसे भी शिमला घूमने जाना था लेकिन कब जाना था यह निश्चित नहीं कर पाई थी आज यीशु एकाएक शीतल के कहने पर उसके मन की अभिलाषा एक बार फिर से जागरूक हो गई,,,, शुभम तो काफी खुश और उत्साहित नजर आ रहा था शीतल की गरम बातों से वो एकदम से गर्म हो चुका था उसके पजामे में उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था,,, वह तो सच में अपनी मां और शीतल के साथ हनीमून मनाने के लिए मचलने लगा था।निर्मला थोड़ा उदास लग रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह शिमला जहां पाएगी या नहीं इसलिए वह अपने मन की शंका को शीतल से बताते हुए बोली,,,।)

लेकिन शीतल कहीं इसके पापा जाने नहीं दिए तो,,,,

ऐसा कुछ भी नहीं होगा स्कूल की छुट्टी तो पड ही गई है,,, तुम उन्हें समझाओ गी तो वह समझ जाएंगे,,,

चलो ठीक है मैं उन्हें समझा लूंगी लेकिन जाना कब है और कैसे,,,,?

2 दिन बाद तुम्हारी ही गाड़ी से,,,,

2 दिन बाद बहुत जल्दी नहीं है,,

अरे मेरी जान मैं तो इतनी जल्दी में हूं कि तुम्हारी आंखों के सामने अभी तुम्हारे बेटे के लंड को अपनी बुर में डलवा कर चुदवा सकती हुं,,,,, यकीन ना आए तो देख लो अभी तुम्हारे बेटे का लंड खड़ा होगा,,,,,,

इसकी कोई जरूरत नहीं है मैं खुद ही दिखा देता हूं,,,(इतना कहने के साथ ही शुभम एकदम बेशर्म बनता हुआ कुर्सी पर से खड़ा हो गया, और उसके पर जाने पर बना अच्छा खासा तंबू नजर आने लगा जिसे देखते ही निर्मला के साथ-साथ शीतल की भी बुर कुलबुलाने लगी,,,,। और यह देखकर तीनों हंसने लगे,,। आखिरकार तीनों ने मिलकर फैसला कर लिया कि 2 दिन बाद उन्हें शिमला के लिए निकलना है जिसके लिए शुभम शीतल और निर्मला तीनों शाम को है वहां जाने के लिए कपड़े खरीदने के लिए मॉल चले गए और वहां पर अपनी अपनी पसंद के कपड़े के साथ साथ रात को पहनने के लिए बेहद खूबसूरत और सेक्सी गाउन भी खरीद ली,,, निर्मला अपने पति अशोक से वहां जाने की इजाजत ले ली थी,,, वहां पर तीनों 10 दिन के लिए जा रहे थे,,,,।
शानदार, लगता है कि शिमला में सब दूरियां मिट जाएंगी।
गरमा गर्म अपडेट का इंतज़ार है।
 
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rohnny4545

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शानदार, लगता है कि शिमला में सब दूरियां मिट जाएंगी।
गरमा गर्म अपडेट का इंतज़ार है।
धन्यवाद
 
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