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Incest एक अधूरी प्यास.... 2 (Completed)

Desi Man

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Dhimu

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Jassandhu

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rohnny4545

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आहहहह आहहहहह,,,,ऊहहहहहहह,,
(शुभम जोर-जोर से नौकरानी शांति की चूचियों को दबा रहा था जिसकी वजह से उसके मुख से गर्म सिसकारी के साथ-साथ कराहने की आवाज निकल रही थी,,शुभम को शांती की चूचियों को दबाने में बहुत आनंद आ रहा था क्योंकि उसकी दोनों चूचियां टेनिस के बोल की कड़क कड़क थी,,, शुभम हैरान था क्योंकि अब तक उसने कड़क दिखने वाली चूचियों को दबा कर इनकी गर्माहट का अहसास ही किया था लेकिन शांति की चुचिया ऊतनी नरम नहीं थी जितनी की होनी चाहिए थी,,,। शांति की दोनों चुचियों को देखने की उत्सुकता शुभम के अंदर बढ़ती जा रही थी। वह जल्द से जल्द शांति के दूध से भरी दोनों गुब्बारो के दर्शन करना चाहता था,,,। इसलिए शांति का ओवरकोट उसके बदन से उतारे बीना ही वह ब्लाउज के बटन खोलने लगा,,,

बहुत तेज हो तुम,,,,(शांति शुभम की आंखों में आंखें डाल ते हुए बोली)

अगर तेज नहीं होता तो इस समय मैं तुम्हारे घर पर नहीं होता,,,।(पर इतना कहने के साथ ही शुभम शांति के ब्लाउज के सारे बटन खोल कर उसकी ब्राह्मी के दर्द नंगी चूचियों को अपने दोनों हथेली में भरकर दबाना शुरू कर दिया,,,, पीले रंग की ब्रा में शांति की मदमस्त चूचियां बेहद खूबसूरत लग रही थी,,,,)

आहहहहह,,, थोड़ा धीरे ,,,(शांति कराहते हुए बोली,,)

धीरे धीरे दबाऊंगा तो ना तो तूम्हे मजा आएगा और ना ही मुझे ,,, चुचियों का असली मजा तभी आता है जब उन्हें जोर जोर से मसला जाता है।(ऐसा कहते हुए शुभम शांति की ब्रा को नीचे से पकड़ कर ऊपर की तरफ खींच दिया जिससे उसकी दोनों संतरे उछल कर बाहर आ गए, और उसके दोनों मदमस्त चुचियों को देखकर शुभम की आंखें चकाचौंध हो गई। वास्तव में शांति की चुचियों में एक अजीब प्रकार का आकर्षण था। शुभम फटी आंखों से शांति की दोनों चूचियों को घूरे जा रहा था,,,, शुभम अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर उसकी दोनों चूचियों की गोलाइयों को थाम लिया,,, चॉकलेटी कलर की निप्पल अलग अंदाज में अपनी चुचियों का आकर्षण और ज्यादा बढ़ा रही थी। उसकी कड़ी तनी हुई निप्पल को देखते ही शुभम के मुंह में पानी आ गया,,,शांति की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी क्योंकि वह शुभम की गोद में बैठी हुई थी और शुभम का लंड पुरि औकात में आ चुका था जो की सीधा शांति के गोलाकार नितंबों पर गड़ रहा था,,,, लेकिन शुभम के लंड की चुभन अपनी गांड पर महसूस करके शांति कामातुर हुए जा रही थी,,,, शुभम से रहा नहीं गया और वह शांति की दोनों चुचियों को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया,,,, शांति उत्तेजना के मारे शुभम की गोद में कसमसा रही थी, शुभम के मुंह में पानी आ रहा थावैसे भी वह जब से शांति को देखा था तब से उसका दूध पीने का बहुत उसका मन कर रहा था इसलिए वह बिल्कुल भी समय गवाएं बिना अपना मुंह नीचे की तरफ लाकर अपने होंठों में उसकी कड़ी निप्पल को भर लिया और उसे जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया,,, यह सब शांति के सोचने के बिल्कुल विपरीत हो रहा था,,
शांति को यही लगा था कि शुभम भी दूसरे मर्दों की तरह घर में आते ही उसके कपड़े उतारे गया तो उसकी साड़ी कमर तक उठाकर उसको चोदना शुरू कर देगा और काम खत्म करके चला जाएगा लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था वह यह बात नहीं जानती थी कि तुम दूसरे मर्दों की अपेक्षा उनसे बहुत ही अलग था, वह तब तक औरतों के जिस्म से खेलता था जब तक की औरत पूरी तरह से काम विह्वल ना हो जाए,,,शांति को शुभम का इस तरह से उसके दूध को मुंह में भर कर पीना बहुत ही अच्छा लग रहा था,, पेशे से वह एक नौकरानी थी इसलिए उसे ऐसा ही लग रहा था कि शुभम उसके बदन से इस तरह से खुलकर नहीं खेलेगा। लेकिन ऐसा लग रहा था कि शुभम उसके जिस्म से नहीं बल्कि उसके दिमाग से खेल रहा था क्योंकि पल-पल शुभम शांति को एक नया झटका सा दे रहा था इसलिए तो वह मुंह में उसकी चूचियों को भरकर पीते हुए एक हाथ नीचे की तरफ लाकर उसकी साड़ी को ऊपर की तरफ उठा रहा था,,,,मखमली चिकनी टांगों पर शुभम की गर्म हथेलियों का स्पर्श शांति को पूरी तरह से मदमस्त कर रहा था।देखते ही देखते शुभम शांति की साड़ी को घुटनों के ऊपर तक ला दिया उसकी मदमस्त मोटी मोटी जांघों पर अपनी हथेली घुमाते हुए शुभम को यह एहसास हो रहा था कि जैसे वह मक्खन को अपनी हथेली से फैला रहा हो,,,शुभम की हरकत की वजह से शांति के पूरे बदन में चीटियां रेंग रही थी उत्तेजना की चिकोटि उसके बदन के हर एक कोने को काट रही थी,,

आहहहहह शुभम,, ऐसे मत काटो दर्द होता है,,,

लेकिन मुझे तो ऐसे ही मजा आता है तुम्हारी चूचियों के निप्पल एकदम कैडबरी चॉकलेट की तरह है,, जैसे मुंह में लेकर चूसने में मुझे बहुत मजा आ रहा है,,,,(इतना कहने के साथ शुभम फिर से उसकी दोनों चूचियों पर टूट पड़ा बारी-बारी से दोनों चूचियों को मुंह में लेकर स्तनपान करने का आनंद लूट रहा था,,,। स्तनपान करना शुभम की विलासिता में संपूर्ण रूप से शामिल था वैसे भी उसने अपनी मां का दूध कम और दूसरी औरतों की चुचियों का स्तनपान कुछ ज्यादा ही किया है,,, शांति पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी वह आंहे भर रही थी,,, उत्तेजना की मदहोशी में उसकी दोनों आंखें बंद थी बस एहसास उसे जगा रहा था,,,। घुटनों तक उठी हुई साड़ी के अंदर हाथ डालकर शुभम उसकी बुर को टटोल कर देखना चाहता था और जैसे ही उसकी हथेली शांति की दोनों टांगों के बीच आई तो बुर की गर्माहट से वह पूरी तरह से पिघलने लगा,,, शांति अंदर पेंटिं नहीं पहनी थी,,, यह एहसास शुभम को शांति की दोनों टांगों के बीच हाथ लगाते ही हो गया वह मन ही मन सोचने लगा कि शांति पूरी तैयारी के साथ घर के अंदर उसका इंतजार कर रही थी,,,बुर पर हाथ पढ़ते ही शुभम से रहा नहीं किया और वह उसकी समोसे जैसी खुली हुई बुर को अपनी हथेली में जोर से दबोच लिया,,,,।


आहहहह,,,,(शांति एकदम से सिहर उठी उसे इस बात का अहसास बिल्कुल भी नहीं था कि शुभम उसकी बुर के साथ यह हरकत करेगा... लोग तो दूर को अच्छे से सहलाते हैं हल्का-हल्का दबाते हैं,,, लेकिन यह मुआ तो उसे जोर से मसल दिया,,,, शांति अपने मन में ही यह बात बोल कर अपने चेहरे पर बनावटी गुस्सा करने लगी। शुभम उसके चेहरे के बदलते भाव को देखकर बोला,,,)

क्या हुआ मेरी जानू,,,


इतनी जोर से कोई दबाता है क्या,,,,?

मैं दबाता हूं ना जानू,,,,,(शुभम के मुंह से अपने लिए जानू शब्द सुनकर शांति के चेहरे पर मुस्कान आ गई,, क्योंकि शांति अपनी और शुभम के बीच उम्र की गहरी दीवार को अच्छी तरह से समझती थी,,, और इतनी छोटी उम्र का होकर वह उसे जानू कह रहा था,,,, खैर कोई बात नहीं शांति शुभम से खुश थी,,,,कचोरी जैसी फुली हुई बुर को अपनी हथेली में लेकर वह बार-बार उसे जोर जोर से दबा दे रहा था,,,,उत्तेजना के मारे शांति अपना संतुलन खोती जा रही थी बार-बार वह उसकी गोद से नीचे की तरफ खसक जा रही थी जिसे शुभम बार-बार उसकी बड़ी गांड के नीचे हाथ लगाकर उसे अपनी तरफ खींच ले रहा था।
शुभम को उसके बदन से खेलने में बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी साथ ही उसे यह भी एहसास हो रहा था कि उसका खड़ा लंड उसकी गांड के बीचो-बीच चुभ रहा था,,।
कुछ देर तक शुभम ऐसे ही शांति के बदन से खेलता रहा जब तक की शांति एकदम गरम होकर पूरी तरह से गर्म सिसकारी की आवाज निकालने लगी और थोड़ी देर में शांति के मुख से गरमा गरम आवाज आने की वह पूरी तरह से गरमा चुकी थी,,,। आनंद की परकाष्ठा के एकदम करीब पहुंच गई थी,,, उसकी बुर से मदन रस का लगातार बहाव हो रहा था।,,,शुभम को समझते देर नहीं लगी कि अब वह घड़ी आ चुकी है जब उसके एक-एक वस्त्र को उतारकर निर्वस्त्र किया जाए,,, एक बार फिर शुभम उसके लाल-लाल होठों को मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया,,,,साथ ही अपनी गोदी में लिए हुए ही वह शांति के ओवरकोट को उतारने लगा शांति भी समझ गई कि अब शुभम उसे नंगी करना चाहता है,,, इसलिए वह शुभम का पूरी तरह से सहयोग करने लगी,देखते ही देखते शुभम शांति के कपड़े उतार कर पूरी तरह से उसे निर्वस्त्र कर दिया वह उसकी आंखों के सामने खड़ी थी और वह भी उसके सामने ही खड़ा था जिसके आखरी वस्त्र के रूप में वह ऊसकी ब्रा को उसकी बाहों में से निकाल रहा था,,,,जिंदगी में पहली बार शांति को शुभम के द्वारा कपड़े उतारने में बेहद आनंद की प्राप्ति हुई और शायद बरसों बाद वह किसी मर्द के सामने इस तरह से निर्वस्त्र खड़ी थी,,,शुभम तो उसकी मदद से नंगी जवानी को देखता ही रह गया उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी आंखों के सामने जो महिला खड़ी है वह पैसे से नौकरानी है,,। शायद नौकरानी बनना उसकी मजबूरी ही रही होगी वरना वह किसी के घर की महारानी होने के काबिल थी। शुभम से रहा नहीं गया और वह उसके चारों तरफ चक्कर काटते हुए उसके खूबसूरत नंगे बदन के संपूर्ण वजूद को अपनी आंखों से देखने लगा।


यकीन नहीं होता कि तुम इतनी खूबसूरत हो
(शुभम की बातें सुनकर शांति मंत्र में तो मुस्कुरा रही थी उसके बाद खुले हुए थे जो कि अपनों को उतारते समय शुभम ने ही उसके बाल के बक्कल को खोल कर उसके रेशमी बालों को खुला कर दिया.)

तुम्हारा जवानी से भरा यह बदन मेरी जान ले रहा है,,,,सच तुम्हें इस तरह से नंगी देख कर मैं बहुत खुश हूं आज तक मैंने तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत नहीं देखा कि दो दो बच्चों की मां होने के बावजूद भी इतनी टाइट हो।
(भला दुनिया में ऐसी कौन सी औरत होगी जो अपनी तारीफ नहीं सुनना पसंद करेगी,,, शुभम के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर शांति फूले नहीं समा रही थी,,,वह अंदर ही अंदर बेहद प्रसन्न हो रही थी और उसकी प्रसन्नता उसके चेहरे पर साफ झलक रही थी। और वह चोर नजरों से शुभम के पेंट में बने तंबू को भी देख रही थी जिस पर इस समय उसका पूरा हक था। शुभम भी यह बात समझ गया था कि शांति नजरें झुका कर उसके कौन से अंग को देख रही है इसलिए वह शांति की आंखों के सामने खड़ा हो गया और उसकी खूबसूरती की तारीफ जारी रखते हुए अपनी जींस का बेल्ट खोलने लगा। यह देख कर शांति की सांसे ऊपर नीचे होने लगी उसका संपूर्ण बदन कसमसाने लगा,,,एक औरत के लिए यह पल बेहद उन्माद और उत्तेजना से भरा होता है जब उसकी आंखों के सामने कोई मर्द अपने कपड़े उतारता हो,,, खास करके जब अपनी पैंट उतार रहा हो,,, क्योंकि औरत अच्छी तरह से समझ जाती है कि अब यह क्या करने वाला है,,।उसकी आंखों के सामने ही वह अपनी पैंट उतार कर उसके कौन से मर्दाना ताकत भरा अंग दिखाने वाला है,,, ओर यही क्रिया शुभम को करता देख कर शांति की टांगों के बीच हलचल होने लगी उसका पूरा बदन उत्तेजना के मारे कसमसाने लगा,,,,
Shubham apni naukrani k ghar me

delete repeated words
वह ललचाए आंखों से चोर नजरों से शुभम की तरफ देख रही थी शांति संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में शिमला की कड़कड़ाती सर्दी में अपने कमरे के बीचों बीच खड़ी थी। लेकिन ऊसे ठंडी का एहसास जरा भी नहीं हो रहा था क्योंकि जवानी का जोश और शुभम की कामुक हरकतों ने उसके तन बदन में आग लगा दी थी।
शुभम अपना बेल्ट खोलते हुए शांति को ही देख रहा था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि नौकरानी का जिस्म इतना खूबसूरत और जवान हो सकता है,,,, शुभम शायद यह भूल गया था कि वह नौकरानी बाद में लेकिन एक औरत पहले थी,, उसके पास भी उसी तरह का हुस्न का खजाना था जो कि उसकी मां के पास था। शुभम की आंखों में नौकरानी शांति की टांगों के बीच की पतली दरार एकदम से बस गई थी,,, एकदम चिकनी रेशमी बालों का रेशा तक नजर नहीं आ रहा था ऐसा लग रहा था कि अभी कुछ घंटों पहले ही उसने क्रीम लगाकर उसे अच्छी तरह से साफ की थी उत्तेजना के मारे कचोरी की तरह पूरी तरह से फुल चुकी थी,,, शांति की गरम तवे पर फूली हुई रोटी की तरह बुर को देख कर यह बात अच्छी तरह से समझ में आ रही थी कि रोटी और बुर में कुछ ज्यादा फर्क नहीं होता। क्योंकि दोनों का काम भूख मिटाना ही होता है। रोटी पेट की आग जाती है और बुर जिस्म की,,,
Naukrani ki masti

देखते ही देखते सुभम अपनी बेल्ट को उतार कर एक साइड में रख दिया और अपने पेंट की बटन खोलने लगा,,, यह सब देख कर शांति के मन में मलाल पैदा हो रहा था क्योंकि यह शुभ काम वह अपने हाथों से करना चाहती थी लेकिन शर्म के मारे वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। देखते ही देखते शांति की आंखों के सामने शुभम अपनी पेंट को नीचे उतारकर घुटने तक कर दिया,,, शांति हैरान थी क्योंकि शुभम के अंडर वियर में अच्छा-खासा तंबू बना हुआ था।
अंडरवियर में बना था वो बेहद मनमोहक और उन्माद से भरा हुआ लग रहा था।

ओह शांति,,, मेरे करीब आ ओ,,,आहहहहह,,,(शुभम बेहद ऊतेजनात्मक तरीके से अपनी अंडरवियर में उठे हुए तंबू को अपनी मुट्ठी में लेकर दबाते हुए गरम सिसकारी लेकर बोला,,,शांति अपनी नजरों से शुभम की हरकत को देखकर पूरी तरह से पानी-पानी हो गई लेकिन उसके मन में लालच पैदा हो गई बहुत जल्द से जल्द शुभम के करीब जाना चाहती थी,,, अपने मलाल को पूरा करना चाहती थी इसलिए वह एक कदम आगे बढ़ा कर शुभम के करीब पहुंच गए शुभम उसे एक झटके में अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसकी पतली कमर को थाम कर अपनी तरफ खींच लिया और उसके लाल-लाल होठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन लेना शुरू कर दिया। देखते ही देखते शांति पूरी तरह से उत्तेजित होने लगी क्योंकि वह पूरी तरह से शुभम के बदन से चिपकी हुई थी और उसके अंडरवीयर में बना तंबू उसकी टांगों के बीच सीधा उसकी बुर के ऊपरी दीवारों पर ठोकर मार रहा था,,,।शांति से रहा नहीं गया और वह अपने हाथ को नीचे की तरफ ले जाकर अंडरवियर के ऊपर से ही शुभम के लंड को पकड़ ली,, अंडरवियर के ऊपर से ही शांति के नारा मुगलों का स्पर्श पाते ही शुभम का लंड पूरी तरह से अंडरवियर के अंदर हलचल मचाने लगा,,,, जिससे शुभम का चुंबन और ज्यादा प्रगाढ़ हो गया। शुभम पागलों की तरह शांति के लाल लाल होंठों को चूस रहा था।
शांति पागलों की तरह अंडरवियर के ऊपर से ही शुभम के लंड को अपनी मुट्ठी में कस के ऐंठ रही थी,,,, शुभम की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी,, शुभम अपने हाथों से ही अपनी टी-शर्ट उतारने लगा,, अपना ओवरकोट वह पहले से ही उतारकर कुर्सी पर रख दिया था। देखते ही देखते लगभग शुभम भी संपूर्ण रूप से नंगा हो चुका था बस उसके बदन पर अंडर वियर ही रह गई थी और उसकी पेंट घुटनों में फंसी हुई थी। दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी शांति को यकीन नहीं हो रहा था कि वह अपने से कम उम्र के लड़के के साथ इस तरह से मदहोश हो जाएगी। इतनी देर में शांति को समझते देर नहीं लगी कि शुभम काफी अनुभवी लड़का है। शुभम की हरकत को देखते हुए वह समझ गई कि वह कई औरतों के साथ संबंध बना चुका है,,, तभी तो वह अपनी हर एक हरकत से उसे मदहोश किए जा रहा था।
Naukrani Shubham k sath maje lete huye

remove duplicate lines
दोनों के बीच किसी भी प्रकार का वार्तालाप हो नहीं रहा था दोनों एक दूसरे के चेहरे पर अपनी गर्म सांसे छोड़ रहे थे। दोनों की सांसो की गति बड़ी तेज चल रही थी शुभम उसके होठों का रसपान करते हुए उसके दोनों संतरो को पकड़ कर अपनी मुट्ठी में भींच रहा था,,,

आहहहहह आहहहहहब,,, सुभम,,,,ओहहहहहहह,,,
स्तन मर्दन से लगातार शांति के मुख से गर्म सिसकारी फूट रही थी।,,

ओहह शांति मेरी रानी मेरी जान,,,आहहहहहह,,,,(ऐसा कहते हुए शुभम उसके दोनों कंधों पर अपना हाथ रख कर उसे नीचे की तरफ दबाने लगा क्योंकि उसे नीचे बैठने की इशारा कर रहा था,,, शांति उसके हाथों के दबाव के नीचे बेटी चली गई और देखते ही देखते वह अपने घुटनों के बल हो गई... शुभम की अंडर वियर में अपना तंबू ठीक उसकी आंखों के सामने था. जिसे देख कर उसकी टांगों के बीच थरथराहट हो रही थी. शायद जो शुभम कराना चाहता था वह शांति समझ गई थी इसलिए शुभम की तरफ देखते हुए अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा कर शुभम के अंडर वियर को दोनों हाथों से पकड़कर नीचे की तरफ खींचने लगी। और देखते ही देखते शांति ने , श्रम के अंडरवियर को उतारकर उसे घुटनों तक खींच दी,, अंडरवियर की कैद से आजाद होते ही शुभम का लंबा तगड़ा लंड हवा में झूलने लगा,,,


उसके ऊपर नीचे होकर झूलते हुए लंड को देखकर शांति की आंखें फटी की फटी रह गई, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह हकीकत में यह सब देख रही है या कोई सपना है। क्योंकि शांति आज तक इस तरह के मर्दाना ताकत से भरे हुए लंबे तगड़े मोटे लंड को नहीं देखी थी।उससे रहा नहीं गया और वह अपने हाथ आगे बढ़ाकर उसके झूलते हुए लंड को अपने हाथ में थाम ली।लंड की गर्माहट उसे अपनी हथेली के साथ-साथ पूरे बदन में महसूस हो रही थी खास करके शुभम के लंड को पकड़ते ही उसकी बुर उत्तेजना के मारे फुलने पिचकने लगी थी,,,

Naukrani ki har tarah se chudai karta hua Shubham

how to remove duplicates in word


इसे मुंह में लो शांति,,,, तब जाकर इसे शांति मिलेगी,,,,
(शुभम के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर शांति एकदम हैरान थी क्योंकि दोनों के बीच उम्र का फर्क कुछ ज्यादा ही था...शुभम को जब वह पहली बार देखी थी तो उसे इस बात का आभास तक नहीं था कि यह लड़का इतना तेज तर्रार होगा। जोकि धीरे-धीरे इस मकाम तक पहुंच जाएगा कि उसे उस लड़के को अपने घर बुलाना पड़ेगा। लेकिन होनी और हकीकत को कौन टाल सकता है शायद शांति के नसीब में शुभम की तरफ से तृप्ति का एहसास लिखा हुआ था इसलिए तो आज वह अपने ही कमरे में एक अनजान लड़की के सामने एकदम नंगे होकर घुटनों के बल बैठ कर उसके लंड को मुंह में लेकर चूसने की तैयारी कर रही थी। अगले ही पल शांति के लाल-लाल होठों के बीच से गुजरता हुआ शुभम का मोटा तगड़ा लंबा लंड एकदम गले तक पहुंच गया,,,,)



आहहहहह,,,,गजब ,,,,,,,(शांति के होठों के बीच की गर्माहट को पाकर शुभम के मुख से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी,, सुभम अद्भुत अहसास से भर गया था,,, गजब का सुख मिल रहा था,,, शांति तो पागल हुए जा रही थी वह आइसक्रीम के कौन की तरह पूरा मुंह खोलकर शुभम के लंड का स्वागत करते हुए उसे अपने गले तक आश्रय दे रही थी उसका बस चलता है तो वह गले से नीचे गटक जाती,,,,देखते ही देखते शांति के तन बदन में कुमारी का नशा छाने लगा मदहोशी अपनी गिरफ्त में लेने लगी इसलिए तो वह पागलों की तरह अपना मुंह जोर-जोर से आगे पीछे करते हुए शुभम के लंड को चूस रही थी और शुभम भी अपनी कमर को आगे पीछे करता हुआ शांति के मुंह को चोद रहा था,,, शुभम के लिए सब पूरा मामला परम उत्तेजना से भरा हुआ था क्योंकि किसी के घर में घुसकर उसके पति की गैर हाजिरी में चोरी-छिपे उससे शारीरिक संबंध बनाने में कुछ ज्यादा ही मजा आता है।इसलिए तो इस अद्भुत पल का मजा लेते हुए शुभम अपनी कमर को आगे पीछे करता हुआ शांति के मुंह को चोद रहा था।
शांति के मुख से घुटी-घुटि सी आवाज बाहर आ रही थी,,,,
कुछ देर तक दोनों मजा लेते रहे शुभम कुछ ज्यादा ही उत्तेजना का अनुभव कर रहा था वह इस बात से डर रहा था कि कहीं शांति के द्वारा अद्भुत चुसाई से गर्म होकर उसका लंड पिघल ना जाए,,, इसलिए वह गरम आहें भरते हुए शांति के मुंह से अपने बमपिलाट लंड को बाहर निकाल लिया,,,। लंड के मुंह से बाहर निकलते ही शांति गहरी गहरी सांसें लेने लगी उसका मुंह खुला का खुला था और वह नजर ऊपर करके शुभम की तरफ देख रही थी। शुभम नीचे जो कर उसकी दोनों बाहें थाम लिया और उसे ऊपर उठाने लगा,,, पर एक बार फिर से शुभम ऊसके लाल-लाल होठों में एकाकार हो गया,,,पास में ही बिस्तर था और एक नजर बिस्तर पर डालकर शुभम शांति को अपनी गोद में उठा लिया,,,,

आहहहह,,, क्या कर रहे हो गिर जाऊंगी मुझे डर लगता है,,,, अरे सुनो तो नीचे उतारो मुझे,,,,
(शांति कुछ और कह पाती इससे पहले ही धम्म की आवाज के साथ,, पलंग पर बिछाई गद्दी पर चारों खाने चित हो गई,,, शुभम उसे पलंग पर गिरा तो ही अपने लैंड को पकड़कर हीलाते हुए बोला,,,)

जानेमन मेरी बाहों में तुम्हें डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है,,,(शांति शुभम की तरफ देखी तो देखती ही रह गई वाकई में वह अपना हीलाते हुए बलशाली लग रहा था,,,शांति के लिए पहली बार था कि किसी ने उसे अपनी गोद में उठाया था और वह भी तब जब वह पूरी तरह से नंगी थी एक अद्भुत अहसास से वह भर गई,,, शांति शुभम के ऊपर नीचे हो रहे लंड को देखते हुए बोली।)

मैं तो डर ही गई थी,,,,

मैं तुमसे कहा ना डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है इतना कहने के साथ ही शुभम घुटनों के बल बिस्तर पर चढ़ गया,,, और उसकी दोनों टांगों को अपने हाथ में पकड़ कर फैला दिया,,, शांति को ऐसा लग रहा था कि अब वह उसे चोदेगा,,,लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था इतनी जल्दी शुभम किसी भी औरत पर चढ़ नहीं जाता जब तक कि उसे अपनी हरकतों से पानी पानी ना कर दे,,, शांति की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी,,, उसके बदन में हलचल मची हुई थी। जिंदगी में पहली बार मैं अपने से कम बहुत ही कम उम्र के लड़के के सामने इस तरह से नंगी लेटी थी,,वह कर भी क्या सकती थी एकदम मजबूर हो गई थी वरना अपनी मर्जी के बिना व किसी को हाथ भी नहीं लगाने देती थी लेकिन क्या करें शुभम की बात ही कुछ और थी उस दिन किचन में जिस तरह की हरकत करते हुए उसने उसे उत्तेजना के परम शिखर पर ले गया था और साथ ही रात को सड़क पर चलते हुए जिस तरह से वह उसका हाथ खींच कर पेड़ के पीछे ले जा कर के उसे चोदने की कोशिश किया था उससे शांति पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी थी और जल्द से जल्द शुभम से चुदवाने कि आस बंधा कर रखी थी,,, जो कि आज उसकी मंशा पूरी होने जा रही थी,,,, देखते ही देखते कब शुभम अपना मुंह उसकी दोनों टांगों के बीच ले जा करके उसकी कचोरी जैसी फूली हुई बुर के ऊपर रखकर उसके मदन रस को चाटना शुरू कर दिया यह शांति को पता ही नहीं चला,,,,,

आहहहरहह,,,,,की गरम सिसकारी की आवाज के साथ ही शांति अपनी भारी-भरकम गोलाकार गांड को ऊपर की तरफ उठा दी,,, शुभम को अपनी दोनों टांगों के बीच झुका हुआ देखकर एकदम मस्त हो गई उसे यकीन नहीं हो रहा था कि जो वह अपनी आंखों से देख रही है वह सच है,,‌क्योंकि उसका पति कभी भी उसे इस तरह से प्यार बिल्कुल भी नहीं करता था और बुर चाटने की तो बात ही दूर थी,, अपने पति के बाद उसने किसी से भी संबंध बनाई थी उन लोगों ने आज तक उसकी बुर को अपने मुंह से नहीं लगाया था लेकिन शुभम उन सब से अलग सबसे जुदा था। क्योंकि वह शांति के पेसे से नहीं बल्कि उसके खूबसूरत जिस्म को प्यार करता था इसलिए एक हाई क्लास औरत और नौकरानी शांति में उसे बिल्कुल भी फर्क नहीं लग रहा था तभी तो वह बिना झिझक के उसकी रसीली बुर को अपने होठों से लगाकर उसके मदन रस को जीप से चाट रहा था,,,,
शुभम अपनी जीभ का कमाल उसकी कचोरी जैसी फूली हुई बुर पर बराबर दिखा रहा था,,,,शांति शुभम की हरकत की वजह से पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी और वह पलंग पर अपना सर उत्तेजना के मारे दाएं बाएं पटक रही थी,,,।
ओहहहह,,, शुभम यह क्या कर रहा है तू आहहहहह,,,,,शांति की उत्तेजना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं थी वह अपने दोनों हाथों से अपनी बड़ी बड़ी चूची को दबाए जा रही थी और शुभम की हरकतों का मजा लूटे जा रही थी,,,,, शुभम को भी शांति की बुर चाटने में बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी। देखते ही देखते शुभम उसकी रसीली पुर के अंदर एक साथ अपनी दो उंगली डाल दिया क्योंकि वह जानता था,,, उसके लंड के लिए उसकी बुर के अंदर रास्ता बनाना बेहद जरूरी है,,, वरना उसके मोटे लंड का मोटा सुपाड़ा उसकी बुर के छोटे से छेद को पार नहीं कर पाएगा,,,,,दो ऊंगली एक साथ अपनी बुर के अंदर महसूस करते ही शांति एकदम पागल होने लगी एकदम मदहोश होने लगी उसकी आंखों में नशा छाने लगा। उसकी सिसकारियां की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी,,,, शुभम उसकी बड़ी बड़ी गांड की नीचे अपनी दोनों हथेली ले जाकर के उसके नितंबों को दबाता हुआ उसकी बुर चाटने का आनंद लूट रहा था,,,,, शिमला की कड़कड़ाती 3डी में दोनों निर्वस्त्र होकर पलंग पर जवानी का आनंद लूट रहे थे इस बात से शांति भी एकदम हैरान थी क्योंकि अधिकतर जब भी बर्फ गिरती रहती है तब वह अपने पूरे कपड़े उतार कर अपने पति से नहीं चुदवाती या किसी से भी नहीं चुदवाती,,,क्योंकि ठंडी ही ईतनी पडती है कि बिल्कुल भी हिम्मत नहीं होती कि अपने सारे कपड़े उतार कर चुदाई का आनंद लूट सके,,, और ऐसा उसके साथ नहीं बल्कि अधिकतर लोगों के साथ होता था,,, उसको चोदने वाला भी कभी भी अपने सारे कपड़े उतारता नहीं था केवल काम भर का ही,,, अपनी पेंट नीचे करके साड़ी ऊपर करके ज्यादा कुछ हो तो ब्लाउज के बटन खोल कर मजा ले लिया जाता था लेकिन शुभम की कामुक हरकतो ने उसे इतना अधिक गर्म कर दिया था कि,,,वर्क आप अपने हाथों से उसके सारे कपड़े उतार कर उसे निर्वस्त्र कर दिया यह उसे पता ही नहीं चला था और आलम यह था कि शिमला की कड़कड़ाती ठंडी में उसी समय ठंडी का बिल्कुल भी एहसास नहीं हो रहा था। शुभम कुछ देर तक यूं ही शांति की बुर पर अपने होंठ लगाकर उसके रसीले रस को चूसता रहा,,,। शांति के बदन को कसमसाता हुआ देखकरशुभम को समझते देर नहीं लगी कि अब ऊसे अपनी बुर के अंदर उंगली नहीं बल्कि लंड चाहिए,,,,इसलिए शुभम देखते ही देखते शांति की मखमली मोटी चिकनी जांघों के बीच अपने लिए जगह बना लिया।


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शांति का दिल जोरों से धड़क रहा था सांसो की गति के साथ उसकी गोलाकार चूचियां ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखकर शुभम के मुंह में पानी आ रहा था। लेकिन अभी वह अपना सारा ध्यान शांति की दोनों टांगों के बीच केंद्रित किया हुआ था अपने लंड के मोटे सुपाड़े को शांति की बुर पर रखकर वह हल्के से अपनी कमर को आगे की तरफ ठेला,,, तो शांति थोड़ा सा और पीछे की तरफ अपने आप सरक गई इसलिए शुभम शांति की बड़ी बड़ी गांड को पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और अब शायद उसके लिए पोजीशन एकदम सही हो गई थी क्योंकि शांति की मोटी चिकनी सुडोल जांगे सुभम की जांघों के ऊपर थी,,, इस बार शुभम के प्रयास सफल होते नजर आने लगे जैसे-जैसे शुभम का मोटा तगड़ा लंबा लंड उसकी गुलाबी पत्तियों को चीरता हुआ अंदर की तरफ जा रहा थावैसे वैसे शांति के खूबसूरत चेहरे का हाव भाव बदलता जा रहा था उसे दर्द का एहसास हो रहा था लेकिन एक अनुभवी औरत होने के नाते उसे इस बात का आभास हा के दर्द के बाद ही असली मजा है,,,, देखते ही देखते शुभम धीरे-धीरे अपने लंड के मोटे सुपाडे सहित अपना आधा लंड ऊसकी बुर में पेल दिया,,शांति की हालत खराब हो रही थी उसे इस बात का अहसास हो गया था कि शुभम का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा था और आज तक उसने इतना मोटा लंड अपनी बुर में कभी भी नहीं ली थी ,,, वैसे भी हर काम जिंदगी में पहली बार ही होता है शांति के लिए शुभम का लंड अपनी बुर के अंदर तक लेना आज उसके लिए यह काम पहली बार का ही था,,, शुभम पसीना पसीना हो गया था और दर्द के मारे यही हाल शांति का भी था। वह बार-बार अपना सर उठा कर अपनी दोनों टांगों के बीच देख ले रही थी जिसकी बीच की पतली दरार में शुभम का मोटा लंड आधे से ज्यादा फंसा हुआ था,,, शांति अपने दर्द को अपने फोटो के पीछे दबा ले गई थी। शुभम जीतना लंड घुसा था उतने को ही बाहर निकाल कर अंदर बाहर करते हुए उसे चोदना शुरू कर दिया था,,,, थोड़ी ही देर में शांति को मजा आने लगा और मौके की नजाकत को समझते हुए शुभम उसकी दोनों चूचियों को अपने हाथों में थाम कर एक जबरदस्त करारा धक्का लगाया और इस बार शुभम का मोटा तगड़ा लंड बुर के अंदर की सारी अड़चनों को दूर करता हुआ सीधे जाकर के उसके बच्चेदानी से टकरा गया और इस जबरजस्तप्रहार को शांति झेल नहीं पाई और उसके मुख से चीख निकल गई,,,,

आहहहह मर गई रे हाय दैया मेरी तो बुर गई,,,(इतना कहते हुए शांति अपना सर उठा कर अपनी दोनों टांगों के बीच देखने लगी जिसके अंदर सुभम का पूरा लंड गहराई में खो सा गया था,,,,, शांति एकदम हैरान थी उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी बुर शुभम के मोटे तगड़े लंबे-लंबे को अपनी दूर के अंदर पूरा का पूरा ले ली है,,, लेकिन उसे बहुत जोरों का दर्द हो रहा था,,,) बहुत दुख रहा है सुभम ईसे निकाल ले,,,,,


एक बार निकाल लिया तो जानेमन तुम मुझे दोबारा डालने नहीं दोगी,,, तुम बस थोड़ा हौसला रखो इसके बाद बहुत मजा आएगा।


हौसला कैसे रखूं शुभम मुझसे रहा नहीं जा रहा है जो दर्द सहा नहीं जा रहा है मुझे तो लगता है कि मेरी बुर फट गई,,


सब सही सलामत है मेरी जान,,,,(शुभम अच्छी तरह से जानता था कि औरतों को इस दर्द से कैसे निकाला जाता है इसलिए आवाज झुककर शांति की दोनों चूचियों को पकड़ कर बारी बारी से उसे मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,, थोड़ी ही देर में शांति एकदम रास्ते पर आकर उसके मुख से गर्म सिसकारी फूटने लगी,,,, यह देखकर शुभम उसकी आंखों में झांकते हुए बोला।)


अब बोल जानेमन क्या इरादा है,,,
(सुभम की बातें सुनकर शांति बोली कुछ नहीं बस शर्म के मारे अपनी नजरें दूसरी तरफ फेर ली,,, उसकी शर्मो हया और उसकी मुस्कान देख कर शुभम को समझते देर नहीं लगी क्या वह पूरी तरह से तैयार है उसका हर एक धक्का झेलने के लिए,,, फिर क्या था शुभम उसकी कमर थाम लिया और एक बार अपने लंड को वापस बाहर की तरफ खींच कर फिर से धक्का लगाया इस बार शांति के मुंह से हल्की सी आह निकल गई,,, जो कि इस चुदाई के लिए उसकी तरफ से पूरी तरह से हामी थी,,, बस फिर क्या था शुभम शुरू हो गया देखते ही देखते शांति का पलंग चरमराने लगा,,, हर धक्के के साथ शांति को स्वर्ग का सुख मिल रहा था उसने जिंदगी में इस तरह की जबरदस्त चुदाई का मजा कभी नहीं लूटी थी, शुभम धीरे धीरे से चर्मसुख के करीब लेता जा रहा था,,, वह आज के दिन उसके बदन से हर तरह का मजा ले लेना चाहता था इसलिए अपना लंड उसकी बुर से बाहर निकाल कर उसे घोड़ी बनने के लिए बोला,,,वह भी शुभम की जबरदस्त चुदाई से अपने घुटने टेक दी थी इसलिए जैसा वह बोला वैसे ही अपनी पोजीशन बना ली शुभम उसका भारी-भरकम पिछवाड़ा देखकरउत्तेजना से भरा जा रहा था बिल्कुल भी देर किए बिना वहां उसके पीछे जा करके उसकी बड़ी बड़ी गांड को थाम दिया और अपना लंड उसकी बुर में पेल कर चोदना शुरू कर दिया,,,, तकरीबन 25 मिनट की जबरदस्त चुदाई के बाद शुभम का पानी निकल गया लेकिन इस दौरान शांति दो बार झड़ चुकी थी। पहली बार 25 मिनट के दौरान वह दो बार झड़ी थी,,, और पहली बार ही वह इतने लंबे समय तक चुदाई का मजा लूट रही थी,,, दोनों की नंगी एक दूसरे की बाहों में बिस्तर पर लेटे थे कि तभी शुभम के मोबाइल की घंटी बजने लगी सुबह बिस्तर पर से नंगा ही उठा और चलता होगा अपनी पेंट उठाया और उसमें से मोबाइल निकाल कर देख ने लगाई स्क्रीन पर उसकी मां का नंबर था वह कॉल रिसीव करके बोला।

क्या हुआ मम्मी,,

तुम इधर से गए काफी देर हो गई है कहां हो तुम,,,

बस मम्मी 15 मिनट में निकलने वाला हूं यहां पर एक अच्छा सा रेस्टोरेंट हाउस में बैठकर कॉफी पी रहा हूं,,,

ठीक है बेटा जल्दी करना शाम होने वाली है।


तुम चिंता मत करो मम्मी मैं समय पर पहुंच जाऊंगा,,
(इतना कहकर शुभम फोन काट दिया और शांति की तरफ देखने लगा शांति बिस्तर पर लेटे हुए ही उससे बोली ।)

काम तो पूरा हो गया है अब चले जाओ तुम्हारी मम्मी चिंता करती होंगी,,,


मेरी जान आज मिली हो पता नहीं कब मिलोगी ऐसा मौका में अपने हाथ से नहीं जाने दूंगा,,,

मतलब तुम्हारा फिर से करने का इरादा है।

हां लेकिन पीछे से,,,


करतो लिए पीछे से,,,,


मेरा मतलब तुम समझी नहीं मेरी जानेमन आगे का खजाना तो लुटा चुकी हो पीछे का भी लुटा दो,,,
(शुभम की बात का मतलब समझते ही शांति शर्म से पानी पानी हो गई और अंदर तक सिहर उठी क्योंकि वह अच्छी तरह से समझ रही थी कि जब शुभम का मोटा लंड उसकी बुर में बड़ी मुश्किल से खुश रहा था तो उसकी गांड के छोटे से छेद में कैसे घुसेगा,,,)

नहीं नहीं सुभम यह मुझसे बिल्कुल भी नहीं हो पाएगा आज तक मैंने कभी भी गांड नहीं मरवाई,,,


नहीं मरवाई हो तो आज मरवाने बहुत मजा आएगा,,

बहुत दुखेगा,,,,


मजा भी बहुत आएगा,(शुभम अपने लंड को हिलाते हुए बिस्तर की तरह आगे बढ़ते हुए बोला,,,)

मेरे पति और बच्चों के आने का समय हो गया है,,,

तब तक तो हम दोनों का काम हो जाएगा शांति मेरी जान,,,
(शांति को अंदर ही अंदर घबराहट भी हो रही थी गांड मरवाने की बात सुनकर ही उसके बदन में सिहरन सी दौड़ गई थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि शुभम ऊसकी गांड मारने वाला है,,, बहुत पहले लगभग शादी के 2 साल बाद ही उसका बॉयफ्रेंड उसकी गांड मारने की कोशिश कर रहा था लेकिन अंदर जाने से पहले इसका पानी निकल गया था तब से शांति ने कभी भी गांड मरवाने का प्रयास नहीं की थी और ना ही किसी ने मारने की,,, लेकिन सुभम की मर्दाना ताकत को देखकर शांति के मन में थोड़ी आस का दिया जल रहा था,,, क्योंकि भले ही उसे घबराहट हो रही थी लेकिन गांड मरवाने की उत्सुकता भी हो रही थी। एक बार फिर से शुभम उसके बिस्तर पर पहुंच गया था।)

दर्द हुआ तो।

कुछ नहीं होगा बस मुझ पर छोड़ दो।

(एक बार फिर से शुभम शांति को पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया शुभम की हरकतों के आगे वह एक बार फिर से अपना घुटना टेक दी, देखते ही देखते शुभम शांति को एक बार फिर से घोड़ी बना दिया उसकी भारी-भरकम बड़ी-बड़ी गोरी मदमस्त पिछवाड़े को देखकर शुभम का घोड़ा फिर तैयार हो गया,,,, शुभम अच्छी तरह से जानते थे औरत को किस तरह से आनंद देना है,,,उनकी गांड मारने के लिए किस तरह से आगे बढ़ा जाता है इसमें वह अच्छी तरह से माहिर था देखते ही देखते शुभम पूरी तरह से शांति पर छा गया पहले तो शांति को दर्द का एहसास होने लगा लेकिन धीरे-धीरे शुभम के कहे अनुसार उसे मज़ा आने लगा और देखते ही देखते शांति खुद अपनी बड़े पिछवाड़े को पीछे की तरफ खोलकर शुभम के द्वारा गांड मरवाने का आनंद लूट रही थी,,,,

आखिरकार शुभम ने शांति की आगे और पीछे से दोनों जगह से ले चुका था अब वह कपड़े पहनकर जाने के लिए तैयार हो गया था शांति जिंदगी में पहली बार संपूर्ण शुद्ध तरीके का तृप्ति का एहसास की थी,,, वह शुभम के गले लग गई और उसके होठों को चूम कर उसे विदा की,,,
शुभम मुस्कुराता हुआ घर से बाहर निकल गया और चलते हुए अपने घर की तरफ जाने लगा,,,। और अपने मन में यही सोच रहा था कि एक साथ अगर शीतल और उसकी मां की गांड मारा जाए तो कैसा रहेगा,,,

नौकरानी शांति इस तरह से शुभम के लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी


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Nevil singh

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प्रिय पाठक गणआप लोगों के कमैंट्स और आप लोगों की सराहना को देखकर मुझे फिर कहानी लिखने की इच्छा हो रही है इसलिए मैं एक कहानी थी जिसका नाम था एक अधूरी प्यास..... जिसको आप लोगों का ढेर सारा प्यार और ढेर सारे कमेंट मिले थे मैं उसी कहानी को उसका दूसरा भाग लिखने जा रहा हूं और उम्मीद है कि आप लोगों को यह कहानी बेहद पसंद आएगी...

आप लोगों को इस कहानी का दूसरा भाग पसंद आएगा कि नहीं आएगा यह तो मैं नहीं कह सकता लेकिन मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगा कि आप लोगों को यह कहानी पहेली की तरह ही पसंद आए और यहां पर आप लोगों को एक बार फिर से निर्मला की खूबसूरत मद भरी जवानी के बारे में पढ़ने को मिलेगा शीतल की चंचलता और उसकी उत्सुकता जो कि शुभम के प्रति उसके साथ शरीर सुख पाने के लिए बढ़ती जा रही थी उसके बारे में आप लोगों को पढ़ने को मिलेगा...

आप लोग अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं...
sukhad kahani
 
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