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सुबह में निर्मला की नींद खुली तो उसने महसूस की कि वह शुभम की बाहों में थी जो कि वह उसे पीछे से जकड़े हुए थे। और रात की जबरदस्त चुदाई के बाद दोनों बिना कपड़े पहने ही एकदम नंगे ही सो गए थे जिसकी वजह से निर्मला को साफ तौर पर महसूस हो रहा था कि उसकी बड़ी बड़ी गांड की दरारों के बीच शुभम का मोटा तगड़ा लंड फंसा हुआ था। निर्मला को महसूस हो रहा था कि उसके बेटे का लंड पूरी तरह से उत्तेजित अवस्था में नहीं था लेकिन फिर भी जितना खड़र में जाने के लिए काफी था। एक बार फिर से सुबह की पहली किरण के साथ ही खिड़की से आ रही शीतल हवाओं के झोंकों की वजह से और लग्न अवस्था में अपने बेटे से चिपके होने की वजह से निर्मला के बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी उससे रहा नहीं गया और वह अपनी बड़ी बड़ी गांड को पीछे से ही अपने बेटे के लंड पर रगड़ना शुरू हो गई। बड़ी बड़ी मद मस्त गांड की गर्माहट को शुभम ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाया और अपनी मां की मस्त गांड की गर्मी की वजह से उसकी नींद खुल गई,,, नींद खुलते ही देखा कि उसकी मां अपनी बड़ी बड़ी गांड को पीछे ठलते हुए उसके मोटे तगड़े बड़े लंड पर रगड़ रही है यह देखते ही उसकी मदमस्त बर्दाश्त के बाहर कर देने वाली जवानी की गर्मी से उसका पूरा बदन उत्तेजना में अकड़ने लगा,,,,,
Nirmala ki khubsurat gaand jise dekhkar sab mast ho jate he
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जिस तरह से स्वर्ग की अप्सरा एक तपस्वी की तपस्या को भंग कर देती है उसी तरह से निर्मला भी अपने बेटे की नींद को अपनी मद मस्त जवानी की गर्मी से भंग कर दी थी लेकिन इसमें निर्मला के साथ-साथ उसके बेटे का भी फायदा था अपनी मां की हरकत को देखकर शुभम से रहा नहीं गया और वह अपने दोनों हाथ को नीचे की तरफ ले जाकर अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड पर जोर जोर से चपत लगाने लगा।
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आहहहह,,,,,ऊठ गया तू ,,,, मुझे लगा कि तू सोया ही रहेगा,,,,,
ऐसा कैसे हो सकता है मेरी रानी कि तुम प्यासी रहो और मैं चैन की नींद सोता रहुं। मुझसे तुम्हारी यह तड़प देखी नहीं जाती इसीलिए तो जाग गया हूं और साथ ही देखो मेरा लंड जाग गया है। ,,,,,
जाग गया हैं तो देर किस बात की है मेरे राजा इसे इसकी गुफ़ा का रास्ता दिखाओ।( निर्मला एकदम मादक स्वर में अपने बेटे की तरफ देखते हूए बोली,,, शुभम तो अपनी मां की इस बात पर एकदम कायल हो गया,,,,, और वह पीछे से ही अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को एक हाथ से फैलाते हुए अपने लिए रास्ता बनाते हुए बोला।,,,,, )
Nirmla or Shubham
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ससससहहहह,,,,,, मेरी जान मेरा शेर तेरी गुफा में घुसने के लिए पूरा तैयार हो गया है,,,,( इतना कहने के साथ ही शुभम अपनी मां की मोटी मोटी जांघ को थोड़ा ऊपर की तरफ उठाया और निर्मला भी अपने बेटे के इस इशारे को समझ गई और खुद ही अपनी टांग को घुटनों से मोड़कर ऊपर की तरफ उठा दी जिससे उसके गुलाबी रंग का गुलाबी छेद शुभम के लंड के ठीक सामने आ गया और जैसे शुभम का लंड ईसी ताक में था जैसे ही गुलाबी बुरका गुलाबी छेद नजर आया वैसे ही वह सीधा जाकर छेद पर टिक गया,,,, एक बार फिर से निर्मला के मुंह से गर्म सिसकारी छूट गई,,, अपनी मां की गरम सिसकारी की आवाज सुनकर शुभम की उत्तेजना बढ़ने लगी और वह एक हाथ से अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को थामकर हल्के से अपनी कमर को आगे की तरफ ठलने लगा,,,, देखते ही देखते शुभम का मोटा तगड़ा लंड एक बार फिर से उसकी मां की गुलाबी बुर के अंदर समा गया था। सुबह-सुबह निर्मला का दिन बन गया था वह नहीं जानती थी कि आज सुबह सुबह ही दिन की शुरुआत ही अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड से होगी वह काफी उत्तेजित नजर आ रही थी। शुभम अभी अपने मोटे तगड़े लंड को अपनी मां की बुर के अंदर डाला ही था कि वह खुद ही अपनी बड़ी बड़ी गांड को पीछे की तरफ से धकेलते हुए अपने उतावले पन को प्रदर्शित कर रही थी जिसे देखते हुए शुभम भी अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से थाम कर धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया। निर्मला की सांसो की गति होले होले तेज होती जा रही थी। उत्तेजना के मारे निर्मला की कसमसाहट बढ़ती जा रही थी।
Nirmla or Shubham
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शुभम को इस बात की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी कि इस तरह से सुबह-सुबह ही आज उसे अपनी मां की बुर चोदने को मिल जाएगी लेकिन आज उसे उम्मीद से अधिक मिल रहा था। खिड़की से आ रही ठंडी भरी हवाएं शुभम और निर्मला दोनों के बदन को तरोताजा कर दे रही थी लेकिन फिर भी शुभम के माथे पर पसीने की बूंदें उपस रही थी क्योंकि जितनी ठंडी हवा खिड़की से अंदर आ रही थी उतनी ही गरमाहट उसे अपनी मां की खूबसूरत बदन से मिल रही थी। ठंडी हवाओं के साथ साथ अपनी मां की गरम सिसकारी की आवाज का आनंद उठाते हुए शुभम धीरे-धीरे अपनी मां को चोद रहा था। और निर्मला थी कि अपनी कसी हुई बुर में अपने बेटे के मोटे लंड को महसूस करके गरम आहें भर रही थी। शुभम बड़े आराम से अपनी मां की चुदाई कर रहा था वह धीरे-धीरे अपना पूरा लंड उसकी बुर की गहराई में डालता और आपस धीरे-धीरे उसे बाहर की तरफ खींचता ऐसा करने में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी। जैसे-जैसे शुभम का मोटा लंड रगड़ता हुआ निर्मला की बुर के अंदर तक जाता अपनी बुर की अंदरूनी दीवारों पर अपने बेटे के लंड की रगड़ को महसूस करके निर्मला का पूरा बदन उत्तेजना के मारे अकड़ने लगता और उसकी बुर की अंदरूनी दीवारों से नमकीन रस पानी बनकर रिसने लगता।
Nirmla ko chudai karta Shubham
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आहहहह,,,,आहहहह,,,, शुभम मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है तेरा मोटा लंड है मेरी बुर की धज्जियां उड़ा दे रहा है।आआआहहहह,,,, आज का दिन बहुत अच्छा जाएगा क्योंकि आज दिन की शुरुआत ही तेरे लंड से हुई है बस ऐसे ही मुझे चोदता रह,,,,,,आआआहहहह,,,, मेरे राजा जोर जोर से धक्के लगा फाड़ दे मेरी बुर को अंदर तक घुसा दे,,,,आहहहहह,,,,,, ससससहहहह,,,, बहुत मजा आ रहा है बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा,,,,,,( निर्मला पर चुदाई की मदहोशी पूरी तरह से छा चुकी थी वह पागलों की तरह उत्तेजना के मारे मुंह से गंदी गंदी बातें बोल रही थीं और उससे गंदी बातों को सुनकर शुभम की हालत खराब हो रही थी उसकी भी उत्तेजना निरंतर बढ़ती जा रही थी हल्के हल्के धक्कों की जगह अब तेज गति और जबरदस्त धक्कों ने ले लिया। शुभम की कमर अब रफ्तार से आगे पीछे होने लगी वह इतनी जोर जोर से धक्के लगाने लगा कि पूरा पलंग चरमरने लगा,,,,,
Nirmala shubham se chudwati huyi
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निर्मला अपने बेटे के साथ चुदाई का असली सुख भोग रही थी। उसे मालूम था कि चुदाई का असली मजा उसके बेटे के साथ ही आता है इसलिए वह बिस्तर पर मस्त होकर अपने बेटे से चुदाई का आनंद ले रही थी उसके हर एक धक्के का स्वागत वह अपनी बड़ी बड़ी गांड को पीछे की तरफ धकेल कर दे रही थी। शुभम भी लगातार छक्के लगाते हो मेरे लेकर अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड पर जोर का चपत लगा दे रहा था जिससे वातावरण में मादकता और दोनों का आनंद दोनों बढ़ जा रहा था। अपनी मां की मदमस्त जवानी का सुख भोगते हुए शुभम की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी वह इस तरह से लेटे लेटे ज्यादा जोर से धक्के नहीं लगा पा रहा था इसलिए वह तुरंत उठा और अपनी मां की दोनों टांगों को फैलात हुआ ऊसे कमर से पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और अपने लंड को एक बार फिर उसकी बुर के अंदर डालकर लगातार धक्के पर धक्के पेलता रहा। अब शुभम रुकने वाला नहीं था क्योंकि वह अपने लिए जगह बना लिया था निर्मला भी अब पुरी तरह से मस्त हो चुकी थी उसे मालूम था कि इस पोजीशन में उसका बेटा उसकी जबरदस्त चुदाई करेगा,,, और उसके सोचने के मुताबिक ही शुभम अपनी कमर हिला रहा था सुबह के वातावरण में ठंडक का अहसास होते हुए भी दोनों के बदन से पसीने की बूदें टपक रही थी दोनों अपनी मदमस्त जवानी की गर्माहट में पूरी तरह से गर्म हो चुके थे ।
Nirmala ki jabaradast chudai
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निर्मला अपने बेटे के जबरदस्त धक्कों को तो झेल ले रही थी लेकिन उसकी जबरदस्त मदहोश कर देने वाली चुदाई के आगे व ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई और भल भला कर झड़ गई थोड़ी देर बाद शुभम भी झड़ गया।
Nirmla maje leti huyi
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वासना का तूफान थमते ही निर्मला बिस्तर पर से उठी और अपने बेटे के होठों पर चुंबन करके बिना कपड़े पहने उसी तरह से एकदम नंगी ही कमरे से बाहर जाने लगी। शुभम अपनी मां की मदद की जाए देखकर मन ही मन प्रसन्न होने लगा यह सोच कर कि वाकई में इसकी मां दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत औरत है।
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शुभम को रविवार का इंतजार बड़ी बेसब्री से था वह उतावला था और उसी के घर जाकर उसे वापस लाने के लिए क्योंकि वह जानता था कि जब वह उसे उसके घर छोड़ने गया था तब वहां उसके द्वारा दिखाया गया नजारा रुचि के मन पर जरूर असर किया होगा और वह उस असर का क्या परिणाम आता है यह देखने के लिए उतावला था आखिरकार उसके सब्र का फल मीठा होता नजर आने लगा,,,, उसके इंतजार की घड़ी खत्म हुई और रविवार आ गया सुबह सुबह जल्दी से वह तैयार होकर रुचि के मायके उसे लेने के लिए चला गया।
Nirmala ki khubsurat gaand jise dekhkar sab mast ho jate he
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जिस तरह से स्वर्ग की अप्सरा एक तपस्वी की तपस्या को भंग कर देती है उसी तरह से निर्मला भी अपने बेटे की नींद को अपनी मद मस्त जवानी की गर्मी से भंग कर दी थी लेकिन इसमें निर्मला के साथ-साथ उसके बेटे का भी फायदा था अपनी मां की हरकत को देखकर शुभम से रहा नहीं गया और वह अपने दोनों हाथ को नीचे की तरफ ले जाकर अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड पर जोर जोर से चपत लगाने लगा।
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आहहहह,,,,,ऊठ गया तू ,,,, मुझे लगा कि तू सोया ही रहेगा,,,,,
ऐसा कैसे हो सकता है मेरी रानी कि तुम प्यासी रहो और मैं चैन की नींद सोता रहुं। मुझसे तुम्हारी यह तड़प देखी नहीं जाती इसीलिए तो जाग गया हूं और साथ ही देखो मेरा लंड जाग गया है। ,,,,,
जाग गया हैं तो देर किस बात की है मेरे राजा इसे इसकी गुफ़ा का रास्ता दिखाओ।( निर्मला एकदम मादक स्वर में अपने बेटे की तरफ देखते हूए बोली,,, शुभम तो अपनी मां की इस बात पर एकदम कायल हो गया,,,,, और वह पीछे से ही अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को एक हाथ से फैलाते हुए अपने लिए रास्ता बनाते हुए बोला।,,,,, )
Nirmla or Shubham
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ससससहहहह,,,,,, मेरी जान मेरा शेर तेरी गुफा में घुसने के लिए पूरा तैयार हो गया है,,,,( इतना कहने के साथ ही शुभम अपनी मां की मोटी मोटी जांघ को थोड़ा ऊपर की तरफ उठाया और निर्मला भी अपने बेटे के इस इशारे को समझ गई और खुद ही अपनी टांग को घुटनों से मोड़कर ऊपर की तरफ उठा दी जिससे उसके गुलाबी रंग का गुलाबी छेद शुभम के लंड के ठीक सामने आ गया और जैसे शुभम का लंड ईसी ताक में था जैसे ही गुलाबी बुरका गुलाबी छेद नजर आया वैसे ही वह सीधा जाकर छेद पर टिक गया,,,, एक बार फिर से निर्मला के मुंह से गर्म सिसकारी छूट गई,,, अपनी मां की गरम सिसकारी की आवाज सुनकर शुभम की उत्तेजना बढ़ने लगी और वह एक हाथ से अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को थामकर हल्के से अपनी कमर को आगे की तरफ ठलने लगा,,,, देखते ही देखते शुभम का मोटा तगड़ा लंड एक बार फिर से उसकी मां की गुलाबी बुर के अंदर समा गया था। सुबह-सुबह निर्मला का दिन बन गया था वह नहीं जानती थी कि आज सुबह सुबह ही दिन की शुरुआत ही अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड से होगी वह काफी उत्तेजित नजर आ रही थी। शुभम अभी अपने मोटे तगड़े लंड को अपनी मां की बुर के अंदर डाला ही था कि वह खुद ही अपनी बड़ी बड़ी गांड को पीछे की तरफ से धकेलते हुए अपने उतावले पन को प्रदर्शित कर रही थी जिसे देखते हुए शुभम भी अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से थाम कर धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया। निर्मला की सांसो की गति होले होले तेज होती जा रही थी। उत्तेजना के मारे निर्मला की कसमसाहट बढ़ती जा रही थी।
Nirmla or Shubham
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शुभम को इस बात की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी कि इस तरह से सुबह-सुबह ही आज उसे अपनी मां की बुर चोदने को मिल जाएगी लेकिन आज उसे उम्मीद से अधिक मिल रहा था। खिड़की से आ रही ठंडी भरी हवाएं शुभम और निर्मला दोनों के बदन को तरोताजा कर दे रही थी लेकिन फिर भी शुभम के माथे पर पसीने की बूंदें उपस रही थी क्योंकि जितनी ठंडी हवा खिड़की से अंदर आ रही थी उतनी ही गरमाहट उसे अपनी मां की खूबसूरत बदन से मिल रही थी। ठंडी हवाओं के साथ साथ अपनी मां की गरम सिसकारी की आवाज का आनंद उठाते हुए शुभम धीरे-धीरे अपनी मां को चोद रहा था। और निर्मला थी कि अपनी कसी हुई बुर में अपने बेटे के मोटे लंड को महसूस करके गरम आहें भर रही थी। शुभम बड़े आराम से अपनी मां की चुदाई कर रहा था वह धीरे-धीरे अपना पूरा लंड उसकी बुर की गहराई में डालता और आपस धीरे-धीरे उसे बाहर की तरफ खींचता ऐसा करने में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी। जैसे-जैसे शुभम का मोटा लंड रगड़ता हुआ निर्मला की बुर के अंदर तक जाता अपनी बुर की अंदरूनी दीवारों पर अपने बेटे के लंड की रगड़ को महसूस करके निर्मला का पूरा बदन उत्तेजना के मारे अकड़ने लगता और उसकी बुर की अंदरूनी दीवारों से नमकीन रस पानी बनकर रिसने लगता।
Nirmla ko chudai karta Shubham
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आहहहह,,,,आहहहह,,,, शुभम मेरे राजा बहुत मजा आ रहा है तेरा मोटा लंड है मेरी बुर की धज्जियां उड़ा दे रहा है।आआआहहहह,,,, आज का दिन बहुत अच्छा जाएगा क्योंकि आज दिन की शुरुआत ही तेरे लंड से हुई है बस ऐसे ही मुझे चोदता रह,,,,,,आआआहहहह,,,, मेरे राजा जोर जोर से धक्के लगा फाड़ दे मेरी बुर को अंदर तक घुसा दे,,,,आहहहहह,,,,,, ससससहहहह,,,, बहुत मजा आ रहा है बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा,,,,,,( निर्मला पर चुदाई की मदहोशी पूरी तरह से छा चुकी थी वह पागलों की तरह उत्तेजना के मारे मुंह से गंदी गंदी बातें बोल रही थीं और उससे गंदी बातों को सुनकर शुभम की हालत खराब हो रही थी उसकी भी उत्तेजना निरंतर बढ़ती जा रही थी हल्के हल्के धक्कों की जगह अब तेज गति और जबरदस्त धक्कों ने ले लिया। शुभम की कमर अब रफ्तार से आगे पीछे होने लगी वह इतनी जोर जोर से धक्के लगाने लगा कि पूरा पलंग चरमरने लगा,,,,,
Nirmala shubham se chudwati huyi
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निर्मला अपने बेटे के साथ चुदाई का असली सुख भोग रही थी। उसे मालूम था कि चुदाई का असली मजा उसके बेटे के साथ ही आता है इसलिए वह बिस्तर पर मस्त होकर अपने बेटे से चुदाई का आनंद ले रही थी उसके हर एक धक्के का स्वागत वह अपनी बड़ी बड़ी गांड को पीछे की तरफ धकेल कर दे रही थी। शुभम भी लगातार छक्के लगाते हो मेरे लेकर अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड पर जोर का चपत लगा दे रहा था जिससे वातावरण में मादकता और दोनों का आनंद दोनों बढ़ जा रहा था। अपनी मां की मदमस्त जवानी का सुख भोगते हुए शुभम की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी वह इस तरह से लेटे लेटे ज्यादा जोर से धक्के नहीं लगा पा रहा था इसलिए वह तुरंत उठा और अपनी मां की दोनों टांगों को फैलात हुआ ऊसे कमर से पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और अपने लंड को एक बार फिर उसकी बुर के अंदर डालकर लगातार धक्के पर धक्के पेलता रहा। अब शुभम रुकने वाला नहीं था क्योंकि वह अपने लिए जगह बना लिया था निर्मला भी अब पुरी तरह से मस्त हो चुकी थी उसे मालूम था कि इस पोजीशन में उसका बेटा उसकी जबरदस्त चुदाई करेगा,,, और उसके सोचने के मुताबिक ही शुभम अपनी कमर हिला रहा था सुबह के वातावरण में ठंडक का अहसास होते हुए भी दोनों के बदन से पसीने की बूदें टपक रही थी दोनों अपनी मदमस्त जवानी की गर्माहट में पूरी तरह से गर्म हो चुके थे ।
Nirmala ki jabaradast chudai
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निर्मला अपने बेटे के जबरदस्त धक्कों को तो झेल ले रही थी लेकिन उसकी जबरदस्त मदहोश कर देने वाली चुदाई के आगे व ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई और भल भला कर झड़ गई थोड़ी देर बाद शुभम भी झड़ गया।
Nirmla maje leti huyi
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वासना का तूफान थमते ही निर्मला बिस्तर पर से उठी और अपने बेटे के होठों पर चुंबन करके बिना कपड़े पहने उसी तरह से एकदम नंगी ही कमरे से बाहर जाने लगी। शुभम अपनी मां की मदद की जाए देखकर मन ही मन प्रसन्न होने लगा यह सोच कर कि वाकई में इसकी मां दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत औरत है।
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शुभम को रविवार का इंतजार बड़ी बेसब्री से था वह उतावला था और उसी के घर जाकर उसे वापस लाने के लिए क्योंकि वह जानता था कि जब वह उसे उसके घर छोड़ने गया था तब वहां उसके द्वारा दिखाया गया नजारा रुचि के मन पर जरूर असर किया होगा और वह उस असर का क्या परिणाम आता है यह देखने के लिए उतावला था आखिरकार उसके सब्र का फल मीठा होता नजर आने लगा,,,, उसके इंतजार की घड़ी खत्म हुई और रविवार आ गया सुबह सुबह जल्दी से वह तैयार होकर रुचि के मायके उसे लेने के लिए चला गया।
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