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उस गाने से उनका पीछा छुड़वा दो जल्दी से, उस गाने में कोरोना भी है![]()
ये समय भी बहुत ही अजीब तरह से व्यवहार करता है जब हम छोटे होते है और जल्दी बड़ा होना चाहते है तो ऐसा लगता है कि जैसे केंचुए की तरह रेंग रहा हो मगर जब अपने बच्चो की बात आती है तो ऐसा लगता है जैसे तेंदुए की रफ्तार से दौड़ रहा हो, बच्चो के बचपन का ठीक से आनद भी नही लिया होता कि बच्चे बड़े हो जाते है और अपनी जिंदगी में व्यस्त हो जाते है। कुछ अजीब ही धोखेबाजी है इस समय की।
स्तुति सच में बहुत ही क्यूट और शैतान होगी जैसे अपडेट्स से पता चलाता है और बात सच भी है कि एक बेटी जितनी रौनक घर में लाती है उतनी 10 बेटे भी नही ला सकते और आप तो भाग्यशाली है कि आपके पास 2 बेटियां है। मगर ये हमारे समाज का और खासतौर पर पुरुष वर्ग का दुर्भाग्य है उन्होंने भगवान की बनाई इस अमूल्य कृति बंदिशों, दुराचार और अपमान के ऐसे जाल में जकड़ा है कि बेटी के बचपन में जितनी खुशियां मिलती है मां बाप को, उतना ही डर और अविश्वास बेटी के बड़े होने पर मां बाप के दिल में घर कर लेता है। एक बेटी जिसको उड़ने के लिए खुला आसमान हम देना चाहिए उसको हम बंदिशों की जंजीरे दे देते है मगर हम मां बाप भी क्या करे अब समाज को तो बदल नही सकते तो बेटी की सुरक्षा के लिए उसे ही बंदिशों की सजा बिना किसी जुर्म के सुना देते है या फिर ये कहे कि उसका लड़की होना ही अक्स सबसे बड़ा जुर्म बन जाता है।
हरबार की तरह इस बार भी आपके अपडेट ने कहीं ना कहीं हमें अपनी ही जिंदगी के कुछ गुजरे हुए पलों से फिर से सम्मुख करा दिया। बहुत ही ह्रदयस्पर्शी अपडेट।
आज के अपडेट पर मेरे एक पसंदीदा गाने की पंक्तियां
पल कैसा पल पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पायेगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
हम्म.. ख्वाहिश है इतनी सी यार
देर तक रुकना अबकी बार
प्यार के लम्हे हों हज़ार
उन्ही में सदियाँ जी लूँगा मैं
ओह.. पल कैसा पल पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पायेगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना..
मटमैले पानियों में अक्स तेरा दिखता है
बारिश की बूंदा बांदी में पन्ने धुंधले लिखता है
जो होना है हो जाने दो
तारों को सो जाने दो
साँसों को खो जाने दो ना..
अब तेरे बिन मेरा ज़िक्र ही गुम जाएगा
इस पल को कास के थाम लूँ
हथेली से फिर निकल जाए ना
ओह.. पल कैसा पल पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊं ना
मिलके जुदा हो ना पायेगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊं ना
समझ पाऊं ना..
समझ पाऊं ना..
अब आप दर्शन ही नही देती तो क्या करे और कहां जिक्र करे। अब नायिका हो तो फिलम में बार बार आते रहना चाहिए ना ये थोड़े ही के जब मूड हुआ आगये जब मूड हुआ तब गायब
Bahut hi achha update Manu bhai .Bachhe kitne jaldi bade ho jate pata hi nahi chalta .Stuti ki shaiytaniya badi hi achhi hai.
Awesome.Update, bachcho ke mamle me samay kaise bit jata hai malum hi nhi padta, meri gudiya bhi jaise kal huyi aur ab 16 yrs ki ho chuki hai, aur aaj ke waqt me sabse bada bhay same aapke wala hi rhta hai khi bahak na jaye, bahut jyada waqt isi me gujar jata hai,
बहुत खूब
बहुत बढ़िया लगी यह अपडेट
नेहा की बचपन छूट रहा है और धीरे धीरे जवान जो रही है
स्तुति स्कुल जाने लगी है और आयुष जिम्मेदार भाई और बेटा बनता जा रहा है
अब नेहा के साथ जो हो रहा है वह आज के दौर की सच्चाई है
तीन पीढ़ी के बीच ऐसी जेनेरेशन गैप आम बात है
बीच वाला पिस्ता रहता है यह सच्चाई है
मनु भाई
आप और हम एक ही कश्ती के सवार हैं
कोई नहीं मेरे घर में मेरी बेटी के वजह से मेरी माँ मेरी क्लास लगाती रहती है l
बस आप भौजी का तनिक खयाल करो
हाल चाल पूछा करो
प्यार की टॉनिक भी दिया करो
Bahut hi badhiya update tha![]()
Nice update
ये कहानी हमें अपने टाइप की लग रही है। साफ सुथरी। इसके लिए समय निकालना होगा।
Bahut umda update Manu Bhai,
Bachche na jne kab bade ho jate he...pata hi nahi chalta.........samay to khaskar ladkiyo ke mamle me kuch jyada hi tej gati se chalta he..........
Keep posting Bhai