Sangeeta Maurya
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अत्याचार करने से बड़ा पाप अत्याचार सहना है। नेहा बेटे, मुझे गर्व है तुम पर कि इतनी सी उम्र में तुम्हारे अंदर इतनी हिम्मत है कि तुम अपने ऊपर होने वाले अत्याचार, और खासतौर पर ऐसे मूर्खतापूर्ण, सनक भरे अत्याचार का विरोध कर सकी। ये बिटिया हिम्मतवाली है। देखते हैं, इसका बाप इसके दिखाए मार्ग पर चल पाता है या नहीं।
Ye baat
Manu bhaiya ye bolke palla jad dete h ki mai gussa nhi karta bacho pe,sirf bhouji karti h
Apne bikul shi kha manu bhaiya jyada doshi h, jo sab kuch dekhkar bhi sirf ankho se laal aag dikhane tak simit h ,mano Southmovie ke actor ho
Man liya ki unko bacho ke samne bhouji ki image khrab nhi karni, lekin akele me to sut sakte hai na
हा हा हा! लेखक महोदय "कड़ी निंदा" कर के संतुष्ट हो लेते हैं .... मन में!
आप दोनों महान महापुरुषों के कमेंट पढ़ कर मुझे बहुत हैरानी हुई है...... हमारे लेखक जी पर दोष लगाने वाले ये दो महान लोगों में से एक की जिंदगी में आजतक एक गर्लफ्रेंड नहीं आई....और दूसरे महापुरुष वो हैं जिन्हें एक बेटी पालने में मुश्किल हो रही है..... दूसरे पर दोष लगाना आसान है..... चिढ़ाना आसान है...उसकी जगह हो कर हालात को हैंडल करना और है...... इस अपडेट को ध्यान से पढ़ो...और समझो की इसमें लिखे सभी पात्र किस कठनाई से जूझ रहे हैं......एक तरफ माँ-पिताजी हैं जो अपने बेटे पर गर्व कर रहे हैं की वो इतना लायक है....एक तरफ लेखक महोदय की प्रेयसी है.... जो इस समय कश्मकश में फंसी है की कैसे ये घर न बिखरे....अपनी बेवकूफी में जो अपने चाहने वाले को इतना तड़पा रही है....जो अपने ही बच्चों को इस तरह झिड़क रही है....एक तरफ बच्चे हैं जो निर्दोष होते हुए भी बेकार की झिड़की सुन रहे हैं....मगर इतना ही बहुत है की उनके पापा उनका इतना ध्यान रखते हैं...... एक तरफ बेचारे लेखक महोदय हैं जिनके सर सबकी जिम्मेदारी है..... काम है...माँ-पिताजी है...बच्चे हैं...और एक बुद्धू प्रेयसी है...... इतना सब मैनेज करना आसान है...... हमारे लेखक महोदय एक आम इंसान हैं....भारत मूवी के सलमान खान नहीं जो सब संभाल लेंगे..... फिर भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह अच्छे से कर रहे हैं.... और अक्की बेटा....तुझे तो मैं सूतूंगी