#गताँक से आगे
" नही , रुको रुको मुझे मत मारो प्लीज "
सामने से अजिंक्य को ४ आदमी घेर में खड़े थे ,सभी के हाथ में बेसबॉल वाला स्लैगर था । अजिंक्य को जगह जगह चोट लगी हुई थी ,खून बह रहा था
" तुझे जान से मार देंगे , इस बार तुझे पानी में नही फेंकेंगे , काट कर जमीन में गाड़ देंगे हाहहहह "
एक आदमी के हंसने के साथ ही बाकी लोग भी हंसने लगे और धीरे धीरे। वो लोग आगे बढ़ने लगे और अजिंक्य अपने कदम पीछे हटाने लगा ।लेकिन पीछे जाता भी कहा ,उसकी पीठ दीवार से लगी । तभी उसको एक तेज दर्द की लहर महसूस हुई पेट में ,उसके पेट में हाथ लगाया तो वहां एक लंबे फल वाला चाकू था ,जो दूसरे आदमी ने घुसाया हुआ था । आदमी ने चाकू को पेट के अंदर ही मोड़ा और बाहर निकाल लिया , बाहर आते ही चाकू के साथ अजिंक्य की आतें बाहर आ गई और साथ में देर सारा खून , अजिंक्य बैठ चुका था नीचे । तभी तीसरे आदमी ने एक रॉड अजिंक्य के पसली पर मार दी , लगा की अब अजिंक्य की मौत हो जाएगी । पर अभी तक मरा नहीं था ।
अजिंक्य मन में सोचा
" मेरी शक्तियां क्यू नही काम कर रही ,क्या हुआ इन्हे । मै ध्यान भी नही लगा पा रहा हू "
इतना सोच ही रहा था कि पीठ में कुछ तेज दर्द महसूस हुआ , दूसरे आदमी ने वापस अपना चाकू अजिंक्य की पीठ में घुसा दिया था ।
पहला आदमी : इसको ऐसे नही मारना है ,मालकिन ने कहा है कि मरने के पहले ये मौत के लिए तड़पे
दूसरा आदमी : हां सही कहा , इसकी लुगाई को ले कर आ
फिर दो आदमी चले जाते है और घसीट कर आशी का शरीर ले आते है । अजिंक्य ने अपनी डूबती आंखो से देखा कि ये हैवान आशी को घसीट कर ला रहे है । जगह जगह से आशी के बदन से खून रिस रहा था । उसकी सांसे भी डूब रही थी अब । उन आदमियों ने ला कर आशी के बदन को अजिंक्य के सामने रख दिया । अजिंक्य घिसट कर आशी के पास पहुंचा। ,और उसके गाल थपथपाने लगा
अजिंक्य : बाबू उठो उठो ,देखो मैं अजिंक्य ,मै तुम्हे कुछ नही होने दूंगा ,मै अभी तुम्हे हॉस्पिटल ले चलता हूं ।
अजिंक्य खड़ा होने लगा तो उन चारो में से एक आदमी ने अजिंक्य को लात मार कर वापस गिरा दिया । अजिंक्य घुटनो के बल बैठ उनके सामने हाथ जोड़ कर रोते हुए बोला
" प्लीज मुझे हॉस्पिटल ले जाने दो , ये मर जायेगी , प्लीज मै तुम्हारे सामने हाथ जोड़ता हू । जो कहोगे वो करूंगा । प्लीज ले जाने दो "
चारों आदमी हंस रहे थे , उनमें से एक ने फिर अजिंक्य को लात मार कर गिरा दिया
" प्लीज मुझे जाने दो । एक बार हॉस्पिटल ले जाने दो , मै वादा करता हू ,में वापस आऊंगा तुम मुझे जान से मार देना । पर प्लीज मुझे इसे बचा लेने दो प्लीज हाथ जोड़ता हू तुम लोगो के "
अजिंक्य बेतहाशा रो रहा था । उन चारो में से एक आदमी आगे बढ़ा ,आशी के जिस्म की ओर । अपना लंबे फल वाला चुका निकाला और चाकू का अगला सिरा आशी की चूत में अंदर तक डाला , आशी दर्द के वजहबसे बहुत चिल्लाई , उसकी चीख इस शांत मौसम में बहुत दूर तक गई होगी । और इसके साथ अजिंक्य भी चिल्लाया और उठने लगा तो बाकी के आदमियों ने उसे पकड़ लिया । पहला आदमी अपना चाकू धीरे धीरे ऊपर ला रहा था । उसका चाकू चूत से अंदर से काटता हुआ ऊपर तक आ रहा था । और ऐसे करते हुए कुछ ही देर में वो आदमी अपना चाकू आशी के गले तक ले आया । आशी एक बार और चिल्ला कर मर गई । अजिंक्य उसकी लाश को पकड़ कर रो रहा था । दहाड़े मार रहा था । उसके आंसू अब खून बन कर निकल रहे थे । आज वो अपना सब कुछ खो दिया था । तभी एक गोली के शोर ने सबको अपनी ओर खींचा। और गोली जा कर लगी सीधे अजिंक्य के दिल में । अजिंक्य अपना सीना पकड़ कर लेटता चला गया और बोलता रहा
" इसे खत्म मत समझना अंशुल ,मै वापस आऊंगा । और तुम्हारे प्यार खानदान को तड़पा कर मारूंगा ,जैसे मैं आज तड़पा हू ,मै वापस आऊंगा , i will be back motherfuckers , i will be back "