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Adultery एक चौथाई इश्क एक तिहाई बदला

कहानी का पहला भाग खत्म हों गया तो पुराने पाठक अब ये बताइए , कहानी का कौन सा भाग शुरू करूं ?


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    28
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Innocent_devil

Evil by heart angel by mind 🖤
978
2,390
124
Yeh kia tha bhai sapna ya fir haqeeqat jo aage inn dono saath hogi...?
Badi dardnaak maut mili h dono ko
Kahani m naya mod
Dekhte h aage kia hone wala h
Kal update dunga . Tab tak maze lijiye bas samajhiye na ye pura sapna hai aur na puri haqiqat hai
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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159
#गताँक से आगे

" नही , रुको रुको मुझे मत मारो प्लीज "

सामने से अजिंक्य को ४ आदमी घेर में खड़े थे ,सभी के हाथ में बेसबॉल वाला स्लैगर था । अजिंक्य को जगह जगह चोट लगी हुई थी ,खून बह रहा था

" तुझे जान से मार देंगे , इस बार तुझे पानी में नही फेंकेंगे , काट कर जमीन में गाड़ देंगे हाहहहह "

एक आदमी के हंसने के साथ ही बाकी लोग भी हंसने लगे और धीरे धीरे। वो लोग आगे बढ़ने लगे और अजिंक्य अपने कदम पीछे हटाने लगा ।लेकिन पीछे जाता भी कहा ,उसकी पीठ दीवार से लगी । तभी उसको एक तेज दर्द की लहर महसूस हुई पेट में ,उसके पेट में हाथ लगाया तो वहां एक लंबे फल वाला चाकू था ,जो दूसरे आदमी ने घुसाया हुआ था । आदमी ने चाकू को पेट के अंदर ही मोड़ा और बाहर निकाल लिया , बाहर आते ही चाकू के साथ अजिंक्य की आतें बाहर आ गई और साथ में देर सारा खून , अजिंक्य बैठ चुका था नीचे । तभी तीसरे आदमी ने एक रॉड अजिंक्य के पसली पर मार दी , लगा की अब अजिंक्य की मौत हो जाएगी । पर अभी तक मरा नहीं था ।
अजिंक्य मन में सोचा

" मेरी शक्तियां क्यू नही काम कर रही ,क्या हुआ इन्हे । मै ध्यान भी नही लगा पा रहा हू "

इतना सोच ही रहा था कि पीठ में कुछ तेज दर्द महसूस हुआ , दूसरे आदमी ने वापस अपना चाकू अजिंक्य की पीठ में घुसा दिया था ।

पहला आदमी : इसको ऐसे नही मारना है ,मालकिन ने कहा है कि मरने के पहले ये मौत के लिए तड़पे

दूसरा आदमी : हां सही कहा , इसकी लुगाई को ले कर आ

फिर दो आदमी चले जाते है और घसीट कर आशी का शरीर ले आते है । अजिंक्य ने अपनी डूबती आंखो से देखा कि ये हैवान आशी को घसीट कर ला रहे है । जगह जगह से आशी के बदन से खून रिस रहा था । उसकी सांसे भी डूब रही थी अब । उन आदमियों ने ला कर आशी के बदन को अजिंक्य के सामने रख दिया । अजिंक्य घिसट कर आशी के पास पहुंचा। ,और उसके गाल थपथपाने लगा

अजिंक्य : बाबू उठो उठो ,देखो मैं अजिंक्य ,मै तुम्हे कुछ नही होने दूंगा ,मै अभी तुम्हे हॉस्पिटल ले चलता हूं ।

अजिंक्य खड़ा होने लगा तो उन चारो में से एक आदमी ने अजिंक्य को लात मार कर वापस गिरा दिया । अजिंक्य घुटनो के बल बैठ उनके सामने हाथ जोड़ कर रोते हुए बोला


" प्लीज मुझे हॉस्पिटल ले जाने दो , ये मर जायेगी , प्लीज मै तुम्हारे सामने हाथ जोड़ता हू । जो कहोगे वो करूंगा । प्लीज ले जाने दो "

चारों आदमी हंस रहे थे , उनमें से एक ने फिर अजिंक्य को लात मार कर गिरा दिया

" प्लीज मुझे जाने दो । एक बार हॉस्पिटल ले जाने दो , मै वादा करता हू ,में वापस आऊंगा तुम मुझे जान से मार देना । पर प्लीज मुझे इसे बचा लेने दो प्लीज हाथ जोड़ता हू तुम लोगो के "

अजिंक्य बेतहाशा रो रहा था । उन चारो में से एक आदमी आगे बढ़ा ,आशी के जिस्म की ओर । अपना लंबे फल वाला चुका निकाला और चाकू का अगला सिरा आशी की चूत में अंदर तक डाला , आशी दर्द के वजहबसे बहुत चिल्लाई , उसकी चीख इस शांत मौसम में बहुत दूर तक गई होगी । और इसके साथ अजिंक्य भी चिल्लाया और उठने लगा तो बाकी के आदमियों ने उसे पकड़ लिया । पहला आदमी अपना चाकू धीरे धीरे ऊपर ला रहा था । उसका चाकू चूत से अंदर से काटता हुआ ऊपर तक आ रहा था । और ऐसे करते हुए कुछ ही देर में वो आदमी अपना चाकू आशी के गले तक ले आया । आशी एक बार और चिल्ला कर मर गई । अजिंक्य उसकी लाश को पकड़ कर रो रहा था । दहाड़े मार रहा था । उसके आंसू अब खून बन कर निकल रहे थे । आज वो अपना सब कुछ खो दिया था । तभी एक गोली के शोर ने सबको अपनी ओर खींचा। और गोली जा कर लगी सीधे अजिंक्य के दिल में । अजिंक्य अपना सीना पकड़ कर लेटता चला गया और बोलता रहा

" इसे खत्म मत समझना अंशुल ,मै वापस आऊंगा । और तुम्हारे प्यार खानदान को तड़पा कर मारूंगा ,जैसे मैं आज तड़पा हू ,मै वापस आऊंगा , i will be back motherfuckers , i will be back "


Bhai update se kuch confusion ho gaya he............ aakhir ye sab kaise hua, ya shayad koi sapna ho ???????

Waiting for the next update
 

Innocent_devil

Evil by heart angel by mind 🖤
978
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#गतांक से आगे

" उठो अजिंक्य उठो "

आशी अजिंक्य को हिला हिला कर जगाने लगी । जब देखा के अजिंक्य नही जाग रहा है तो उसने अपनी हथेली
अजिंक्य के माथे पर रखी और मन में कुछ मंत्र पढ़ने लगी । और साथ में उसके माथे पर शिकन आने लगी । कुछ ही पलों में अजिंक्य हड़बड़ाते हुए जाग गया और उठ बैठा । वो पूरा पसीने में भीग हुआ था हालांकि कमरे में ac चल रहा था और ठंडक भी थी । वो उठ बैठा और आशी को पास में देखते ही उसे गले से लगा कर रोने लगा । आशी उसे अपने सीने से लगा ली
आशी : शांत हो जाओ ,मै यही हू , मै यहीं तो हूं

अजिंक्य : ये क्या सपना था आशी ,बहुत ही भयानक था ।

आशी अजिंक्य को गले से हटा कर बोली , ये सिर्फ सपना नही था। था ये हमारा संभावित भविष्य है । तुम्हारी कुंडलिनी जागृत है जिसके वजह से तुम्हारा अवचेतन मस्तिष्क तुम्हे भविष्य की कुछ झलकियां दिखा रहा है ।

अजिंक्य : भविष्य ? मै कुछ समझा नहीं बाबू

आशी : मै समझाती हूं । बहुत से लोगो को कुछ परिस्थितियों में एक पल को ये लगता है कि ये को अभी चल रहा है ये पहले भी हों चुका है । इसे अंग्रेजी में देजावू भी कहते हैं। ये सब हमारे अवचेतन मस्तिष्क का खेल होता है । और जो लोग योग और ध्यान करते है उनका ये देजावु काफी अच्छा भी होता है । शिवकेश की मदद से अब तुम योगी बन चुके हो इसलिए तुम्हारा अवचेतन मस्तिष्क तुम्हे ये सब सपने में दिखा रहा है । और संभावित इसलिए कि ये भविष्य बदल भी सकता है अगर तुम कोशिश करो तो ।

अजिंक्य : like timeline paradox ?


आशी : हां कुछ कुछ वैसा ही। पर पूरे तरीके से नहीं । खैर तुम ध्यान लगाना चाहिए । इससे तुम्हारी कुंडलिनी शक्तियों का पता चलेगा और जो तुम्हारे साथ हो रहा है उसका भी राज पता चलेगा । मै आती हू जरा !

ये कह कर आशी उठी और जींस टॉप पहन कर चल दी बाहर की तरफ और जाते हुए दरवाजा लगा गई क्यू के अजिंक्य अभी बिना कपड़ो के था । अजिंक्य उठ बैठा और पालती मार कर ध्यान की मुद्रा में चला गया ।

इधर आशी नीचे आई और सीधे अपने मम्मी पापा के कमरे में गई । वहा मां बाप दोनो किसी विचार विमर्श में लगे हुए थे । आशी के आने की आहट से दोनो चौंके । आशी को आया देख उसे बैठने को बोले

आशी की मां का नाम ब्रह्माणी देवी था वो लगभग ४५ वर्षीय गोरी महिला थी । और पिता जी का नाम सुदेश शुक्ला था । वो पुलिस महकमे में थाना इंस्पेक्टर रह चुके थे और कुछ समय पहले ही अर्ली रिटायरमेंट ले कर घर में ही बैठे थे और आशी का काम देखते थे । यक्षणी के मदद से आशी सबसे पहले शेयर मार्केट में intra day trading करती थी। वहां से उसे सफलता मिलती गई तो वो पैसे जोड़ कर। एक IT firm डाल ली थी। यक्षणी उसे हर जगह ही मदद करती थी जिसके वजह से आशी को कभी बिजनेस में असफलता नही मिली । वो जा कर अपने मम्मी पापा के सामने पड़े सोफे पर बैठ गई ।

मम्मी : गुनगुन बेटा एक बात बताओ ये लड़का तो वही है ना तुम्हारे कॉलेज वाला दोस्त , जिसकी फोटो तुम्हारे कमरे में हैं

आशी शरमाते हुई

आशी : हां मम्मी वही है ये । और अब मेरे पति मेरे जीवनसाथी है ।

पापा : वो तो ठीक है ,पर इसके मां बाप को पता है ये सब ? इसी के वजह से ही तो शायद तुम पर जानलेवा हमला हुआ था न ।

आशी ने अपने मां। बाप को सब कुछ बता दिया जो जो अजिंक्य और उसके साथ हुआ औरंजो अजिंक्य के मां बाप के साथ किया गया था । हालांकि उसने अजिंक्य , शिवकेश बाबा और यक्षिणी वाली बात छुपा ली थी।
तीनो के आंखो में आंसू आ गए थे । ब्रह्माणी देवी ने अपने आंसू पोछे और बोली

ब्रह्माणी देवी : कोई बात नही आज से वो हमारा जमाई और साथ में बेटा भी ।

आशी : हा साथ में मेरी कंपनी का मालिक भी

पापा : गुनगुन तुम ये फैसला सोच समझ कर तो ले रही हो ना । क्यू के देख हमने तो अपनी जिंदगी जी ली । आज है ,कल नही ,लेकिन तुम्हारी पूरी जिंदगी पड़ी है अभी ।

आशी : हां पापा मैंने बहुत सोच समझ कर फैसला लिया है । और उनके लिए मैं। अपनी जान तक दे दूं। ये तो सिर्फ दौलत ही है ।

ब्रह्माणी देवी : चलो अच्छा है फिर । तुम दोनो बस खुश रहो । अच्छा हम आज पार्टी दे रहे है शाम को तुम दोनो की खुशी में । खाने पीने का हो गया है । बस कुछ क्लोज दोस्त और रिश्तेदार को बुला रहे है । ठीक है ना ?

आशी उठ खड़े हो कर कमरे से बाहर की तरफ जाते हुए बोली

" आपको जैसा ठीक लगे , वैसे करिए । मै जरा शॉपिंग पर जा रही हू "


आशी शहर के सबसे बड़े माल में शॉपिंग कर रही थी । शॉपिंग क्या बस वो अजिंक्य के लिए ही समान खरीद रही थी अपनी पसंद का । उसे सब कुछ पता था । जूते मोजे ,बनियान , अंडरवियर , tshirt ,jeans ,shirt formal trouser सब कुछ ही खरीद ली थी । वापस आते समय ,अजिंक्य के फ्लैट में जा कर उसका सामान भी अपने ड्राइवर को बोल कर पैक करवा के घर ले आई थी । और एक नौकर को वही छोड़ कर अपने घर आ गई ताकि वो पूरे घर का सामान अच्छे से समेट कर उसे आशी के घर ले आए । अब वो रात की तैयारी में लग गई । एक तो आज पार्टी भी थी और आज उसकी सुहागरात भी थी । बहुत खुश थी । रास्ते में वो एक ब्यूटीपार्लर रुक कर पूरे शरीर की वैक्सिंग फेशियल ,बॉडी। पोलिश भी करवाई जिससे वो रात में एकदम खूबसूरत लगे अजिंक्य को । ये सब करते हुए वो शाम तक घर आ गई ।



to be continued
 

Innocent_devil

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Bhai update se kuch confusion ho gaya he............ aakhir ye sab kaise hua, ya shayad koi sapna ho ???????

Waiting for the next update
Mera guess bilkul thik tha, ye sapna hi tha...... Shandar tarike se likh rahe ho Bhai aap, keep posting
Nahi ye sapna nahi tha । Sapna ho kar bhi ye future prediction thi । एक संभावित भविष्य !
 

parkas

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#गतांक से आगे

" उठो अजिंक्य उठो "

आशी अजिंक्य को हिला हिला कर जगाने लगी । जब देखा के अजिंक्य नही जाग रहा है तो उसने अपनी हथेली
अजिंक्य के माथे पर रखी और मन में कुछ मंत्र पढ़ने लगी । और साथ में उसके माथे पर शिकन आने लगी । कुछ ही पलों में अजिंक्य हड़बड़ाते हुए जाग गया और उठ बैठा । वो पूरा पसीने में भीग हुआ था हालांकि कमरे में ac चल रहा था और ठंडक भी थी । वो उठ बैठा और आशी को पास में देखते ही उसे गले से लगा कर रोने लगा । आशी उसे अपने सीने से लगा ली
आशी : शांत हो जाओ ,मै यही हू , मै यहीं तो हूं

अजिंक्य : ये क्या सपना था आशी ,बहुत ही भयानक था ।

आशी अजिंक्य को गले से हटा कर बोली , ये सिर्फ सपना नही था। था ये हमारा संभावित भविष्य है । तुम्हारी कुंडलिनी जागृत है जिसके वजह से तुम्हारा अवचेतन मस्तिष्क तुम्हे भविष्य की कुछ झलकियां दिखा रहा है ।

अजिंक्य : भविष्य ? मै कुछ समझा नहीं बाबू

आशी : मै समझाती हूं । बहुत से लोगो को कुछ परिस्थितियों में एक पल को ये लगता है कि ये को अभी चल रहा है ये पहले भी हों चुका है । इसे अंग्रेजी में देजावू भी कहते हैं। ये सब हमारे अवचेतन मस्तिष्क का खेल होता है । और जो लोग योग और ध्यान करते है उनका ये देजावु काफी अच्छा भी होता है । शिवकेश की मदद से अब तुम योगी बन चुके हो इसलिए तुम्हारा अवचेतन मस्तिष्क तुम्हे ये सब सपने में दिखा रहा है । और संभावित इसलिए कि ये भविष्य बदल भी सकता है अगर तुम कोशिश करो तो ।

अजिंक्य : like timeline paradox ?


आशी : हां कुछ कुछ वैसा ही। पर पूरे तरीके से नहीं । खैर तुम ध्यान लगाना चाहिए । इससे तुम्हारी कुंडलिनी शक्तियों का पता चलेगा और जो तुम्हारे साथ हो रहा है उसका भी राज पता चलेगा । मै आती हू जरा !

ये कह कर आशी उठी और जींस टॉप पहन कर चल दी बाहर की तरफ और जाते हुए दरवाजा लगा गई क्यू के अजिंक्य अभी बिना कपड़ो के था । अजिंक्य उठ बैठा और पालती मार कर ध्यान की मुद्रा में चला गया ।

इधर आशी नीचे आई और सीधे अपने मम्मी पापा के कमरे में गई । वहा मां बाप दोनो किसी विचार विमर्श में लगे हुए थे । आशी के आने की आहट से दोनो चौंके । आशी को आया देख उसे बैठने को बोले

आशी की मां का नाम ब्रह्माणी देवी था वो लगभग ४५ वर्षीय गोरी महिला थी । और पिता जी का नाम सुदेश शुक्ला था । वो पुलिस महकमे में थाना इंस्पेक्टर रह चुके थे और कुछ समय पहले ही अर्ली रिटायरमेंट ले कर घर में ही बैठे थे और आशी का काम देखते थे । यक्षणी के मदद से आशी सबसे पहले शेयर मार्केट में intra day trading करती थी। वहां से उसे सफलता मिलती गई तो वो पैसे जोड़ कर। एक IT firm डाल ली थी। यक्षणी उसे हर जगह ही मदद करती थी जिसके वजह से आशी को कभी बिजनेस में असफलता नही मिली । वो जा कर अपने मम्मी पापा के सामने पड़े सोफे पर बैठ गई ।

मम्मी : गुनगुन बेटा एक बात बताओ ये लड़का तो वही है ना तुम्हारे कॉलेज वाला दोस्त , जिसकी फोटो तुम्हारे कमरे में हैं

आशी शरमाते हुई

आशी : हां मम्मी वही है ये । और अब मेरे पति मेरे जीवनसाथी है ।

पापा : वो तो ठीक है ,पर इसके मां बाप को पता है ये सब ? इसी के वजह से ही तो शायद तुम पर जानलेवा हमला हुआ था न ।

आशी ने अपने मां। बाप को सब कुछ बता दिया जो जो अजिंक्य और उसके साथ हुआ औरंजो अजिंक्य के मां बाप के साथ किया गया था । हालांकि उसने अजिंक्य , शिवकेश बाबा और यक्षिणी वाली बात छुपा ली थी।
तीनो के आंखो में आंसू आ गए थे । ब्रह्माणी देवी ने अपने आंसू पोछे और बोली

ब्रह्माणी देवी : कोई बात नही आज से वो हमारा जमाई और साथ में बेटा भी ।

आशी : हा साथ में मेरी कंपनी का मालिक भी

पापा : गुनगुन तुम ये फैसला सोच समझ कर तो ले रही हो ना । क्यू के देख हमने तो अपनी जिंदगी जी ली । आज है ,कल नही ,लेकिन तुम्हारी पूरी जिंदगी पड़ी है अभी ।

आशी : हां पापा मैंने बहुत सोच समझ कर फैसला लिया है । और उनके लिए मैं। अपनी जान तक दे दूं। ये तो सिर्फ दौलत ही है ।

ब्रह्माणी देवी : चलो अच्छा है फिर । तुम दोनो बस खुश रहो । अच्छा हम आज पार्टी दे रहे है शाम को तुम दोनो की खुशी में । खाने पीने का हो गया है । बस कुछ क्लोज दोस्त और रिश्तेदार को बुला रहे है । ठीक है ना ?

आशी उठ खड़े हो कर कमरे से बाहर की तरफ जाते हुए बोली

" आपको जैसा ठीक लगे , वैसे करिए । मै जरा शॉपिंग पर जा रही हू "


आशी शहर के सबसे बड़े माल में शॉपिंग कर रही थी । शॉपिंग क्या बस वो अजिंक्य के लिए ही समान खरीद रही थी अपनी पसंद का । उसे सब कुछ पता था । जूते मोजे ,बनियान , अंडरवियर , tshirt ,jeans ,shirt formal trouser सब कुछ ही खरीद ली थी । वापस आते समय ,अजिंक्य के फ्लैट में जा कर उसका सामान भी अपने ड्राइवर को बोल कर पैक करवा के घर ले आई थी । और एक नौकर को वही छोड़ कर अपने घर आ गई ताकि वो पूरे घर का सामान अच्छे से समेट कर उसे आशी के घर ले आए । अब वो रात की तैयारी में लग गई । एक तो आज पार्टी भी थी और आज उसकी सुहागरात भी थी । बहुत खुश थी । रास्ते में वो एक ब्यूटीपार्लर रुक कर पूरे शरीर की वैक्सिंग फेशियल ,बॉडी। पोलिश भी करवाई जिससे वो रात में एकदम खूबसूरत लगे अजिंक्य को । ये सब करते हुए वो शाम तक घर आ गई ।



to be continued
Nice and beautiful update...
 

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Evil by heart angel by mind 🖤
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2,390
124
#गताँक से आगे

आशी वापस घर आ चुकी थी ,और देखी तो अजिंक्य अभी शवासन की मुद्रा में है । आशी कमरे के अंदर आई और दरवाजा लॉक कर दिया और अगोचर दृष्टि से देखना शुरू की तो उसे अजिंक्य के शरीर से एक पतली चमकीली रस्सी सी निकलती देखी । वो समझ गई थी की अजिंक्य अपने सूक्ष्म शरीर के जरिए लोक विचरण कर रहा है । अपने सवाल के जवाब ढूंढ रहा है । आशी ने अपने आंखे बंद कर के अजिंक्य को मन में ही पुकारा । थोड़े ही देर में अजिंक्य वापस उठ बैठा और आशी को देख कर मुस्कुरा कर आवाज दी

अजिंक्य : तुमने पुकारा और हम चले आए ,जान हथेली पर ले आएं

आशी अजिंक्य को गाते सुन मजाक में अपने कानो पर हाथ रख लिए और बोली


आशी : प्लीज कान में दर्द हो रहा हैं

दोनो हंसने लगे । आशी उसके पास गई पहले तो होंठो पर चूमा और फिर सीधे अजिंक्य के सोए हुए लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी । दो तीन पलों तक मुंह में ले कर चूसा और बाहर निकाल कर उसके गले में अपने बाहें डाल कर उसकी गोद में बैठ कर उसकी आंखो में आंखे डाल कर बोली

" जमाने में भर में वो बुराई हमारी किया करते है
सुना है उदास होने पर इश्क पर लिखी कहानी भी हमारी ही पढ़ा करते है "

ये सुन कर अजिंक्य की आंखे चौड़ी हो गई । वो बोला

" ये ये तो मेरी लिखी हुई है ना ,तुम्हे कहा मिली "
आशी मुस्कुराते हुए उसे बोली ,

" तुम शायद भूल गए हो , एक बार जब तुम किसी बातबसे उदास थे तो तुमने दिन में ही शराब पी ली थी और मुझे कॉल किया था । तब तुमने ये शायरी मुझे सुनाई थी "
" पर इसे तो बहुत समय हो गया न "
अजिंक्य चौंकते हुए पूछा

" तो क्या हुआ ,मुझे आज भी तुम्हारी हर एक बात ,कर एक मुलाकात याद है "

आशी अब अपने बिस्तर पर लेटते हुए बोली

आशी : यार मैं भी क्या ले कर बैठ गई । अच्छा सुनो ,मैने तुम्हारे फ्लैट से तुम्हारा सामान खाली कर दिया है । और उसे ताला कर दिया हैं।

अजिंक्य चौंकते हुए : फिर हम रहेंगे कहां

आशी : कहां रहेंगे से क्या मतलब है । यहीं रहेंगे

अजिंक्य : यहां। ? पर कैसे । ये तो तुम्हारे मम्मी पापा का घर है ना ।

आशी : ये मेरा घर है । और जो मेरा है वो तुम्हारा है । तुम आज से इस घर के मेरे कंपनी के और मेरी जिंदगी के मालिक हो ।

अजिंक्य : i love you so much babu

आशी : ये सब छोड़ो और ध्यान से सुनो । आज पार्टी में कुछ बहुत जरूरी लोग आ रहे है । उनमें से एक रजनीश भारद्वाज भी होंगे । वो यहां के ex cm थे । पर आज भी बहुत कद्दावर नेता है ।

अजिंक्य : हम पर तुम मुझे क्यू बता रही हो

आशी : और बाबू सुनो ना तुम , तुम्हे उनको अपने शीशे में उतारना होगा । और इसके लिए तुम्हे उनकी पत्नी को अपने वश में करना होगा । और वो वश में तब आयेगी जब तुम उसको कामग्नी को शांत कर दोगे ।

अजिंक्य : मतलब। सेक्स करना होगा ?

आशी सर हिला कर बोली : हां

अजिंक्य बिस्तर से उठ खड़ा हुआ और बोला


अजिंक्य : अब एक थप्पड़ दूंगा न गाल पर , सब कुछ ठिकाने पर आ जाएगा । मै किसी से सेक्स नही करने वाला

आशी अपने कूल्हे दिखाते हुए बोली

आशी : बाबू गाल पे नही ,यहां पर थप्पड़ मारना । पर मेरी बात समझो । हमारे दुश्मन कोई सड़कछाप लोग नही है । बहुत बड़े धनाढ्य। और राजनीति में ऊंची पहुंच वाले है । और रजनीश के करीबी है । अगर उनकी जड़ काटनी है तो रजनीश को अपने साइड करना पड़ेगा ।

ये सुन कर अजिंक्य कुछ पल को सोचा और बोला

अजिंक्य : ठीक है मैं देखता हू । पर आज नही करूंगा । आज तो तुम्हारे साथ पूरी रात करना है ना ।

आशी : हां बाबू आज तो तुम सिर्फ मेरे हो । और याद रखो , अब तुम्हारी शक्तियां परखने का समय आ चुका है ।
 

A.A.G.

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#गतांक से आगे

" उठो अजिंक्य उठो "

आशी अजिंक्य को हिला हिला कर जगाने लगी । जब देखा के अजिंक्य नही जाग रहा है तो उसने अपनी हथेली
अजिंक्य के माथे पर रखी और मन में कुछ मंत्र पढ़ने लगी । और साथ में उसके माथे पर शिकन आने लगी । कुछ ही पलों में अजिंक्य हड़बड़ाते हुए जाग गया और उठ बैठा । वो पूरा पसीने में भीग हुआ था हालांकि कमरे में ac चल रहा था और ठंडक भी थी । वो उठ बैठा और आशी को पास में देखते ही उसे गले से लगा कर रोने लगा । आशी उसे अपने सीने से लगा ली
आशी : शांत हो जाओ ,मै यही हू , मै यहीं तो हूं

अजिंक्य : ये क्या सपना था आशी ,बहुत ही भयानक था ।

आशी अजिंक्य को गले से हटा कर बोली , ये सिर्फ सपना नही था। था ये हमारा संभावित भविष्य है । तुम्हारी कुंडलिनी जागृत है जिसके वजह से तुम्हारा अवचेतन मस्तिष्क तुम्हे भविष्य की कुछ झलकियां दिखा रहा है ।

अजिंक्य : भविष्य ? मै कुछ समझा नहीं बाबू

आशी : मै समझाती हूं । बहुत से लोगो को कुछ परिस्थितियों में एक पल को ये लगता है कि ये को अभी चल रहा है ये पहले भी हों चुका है । इसे अंग्रेजी में देजावू भी कहते हैं। ये सब हमारे अवचेतन मस्तिष्क का खेल होता है । और जो लोग योग और ध्यान करते है उनका ये देजावु काफी अच्छा भी होता है । शिवकेश की मदद से अब तुम योगी बन चुके हो इसलिए तुम्हारा अवचेतन मस्तिष्क तुम्हे ये सब सपने में दिखा रहा है । और संभावित इसलिए कि ये भविष्य बदल भी सकता है अगर तुम कोशिश करो तो ।

अजिंक्य : like timeline paradox ?


आशी : हां कुछ कुछ वैसा ही। पर पूरे तरीके से नहीं । खैर तुम ध्यान लगाना चाहिए । इससे तुम्हारी कुंडलिनी शक्तियों का पता चलेगा और जो तुम्हारे साथ हो रहा है उसका भी राज पता चलेगा । मै आती हू जरा !

ये कह कर आशी उठी और जींस टॉप पहन कर चल दी बाहर की तरफ और जाते हुए दरवाजा लगा गई क्यू के अजिंक्य अभी बिना कपड़ो के था । अजिंक्य उठ बैठा और पालती मार कर ध्यान की मुद्रा में चला गया ।

इधर आशी नीचे आई और सीधे अपने मम्मी पापा के कमरे में गई । वहा मां बाप दोनो किसी विचार विमर्श में लगे हुए थे । आशी के आने की आहट से दोनो चौंके । आशी को आया देख उसे बैठने को बोले

आशी की मां का नाम ब्रह्माणी देवी था वो लगभग ४५ वर्षीय गोरी महिला थी । और पिता जी का नाम सुदेश शुक्ला था । वो पुलिस महकमे में थाना इंस्पेक्टर रह चुके थे और कुछ समय पहले ही अर्ली रिटायरमेंट ले कर घर में ही बैठे थे और आशी का काम देखते थे । यक्षणी के मदद से आशी सबसे पहले शेयर मार्केट में intra day trading करती थी। वहां से उसे सफलता मिलती गई तो वो पैसे जोड़ कर। एक IT firm डाल ली थी। यक्षणी उसे हर जगह ही मदद करती थी जिसके वजह से आशी को कभी बिजनेस में असफलता नही मिली । वो जा कर अपने मम्मी पापा के सामने पड़े सोफे पर बैठ गई ।

मम्मी : गुनगुन बेटा एक बात बताओ ये लड़का तो वही है ना तुम्हारे कॉलेज वाला दोस्त , जिसकी फोटो तुम्हारे कमरे में हैं

आशी शरमाते हुई

आशी : हां मम्मी वही है ये । और अब मेरे पति मेरे जीवनसाथी है ।

पापा : वो तो ठीक है ,पर इसके मां बाप को पता है ये सब ? इसी के वजह से ही तो शायद तुम पर जानलेवा हमला हुआ था न ।

आशी ने अपने मां। बाप को सब कुछ बता दिया जो जो अजिंक्य और उसके साथ हुआ औरंजो अजिंक्य के मां बाप के साथ किया गया था । हालांकि उसने अजिंक्य , शिवकेश बाबा और यक्षिणी वाली बात छुपा ली थी।
तीनो के आंखो में आंसू आ गए थे । ब्रह्माणी देवी ने अपने आंसू पोछे और बोली

ब्रह्माणी देवी : कोई बात नही आज से वो हमारा जमाई और साथ में बेटा भी ।

आशी : हा साथ में मेरी कंपनी का मालिक भी

पापा : गुनगुन तुम ये फैसला सोच समझ कर तो ले रही हो ना । क्यू के देख हमने तो अपनी जिंदगी जी ली । आज है ,कल नही ,लेकिन तुम्हारी पूरी जिंदगी पड़ी है अभी ।

आशी : हां पापा मैंने बहुत सोच समझ कर फैसला लिया है । और उनके लिए मैं। अपनी जान तक दे दूं। ये तो सिर्फ दौलत ही है ।

ब्रह्माणी देवी : चलो अच्छा है फिर । तुम दोनो बस खुश रहो । अच्छा हम आज पार्टी दे रहे है शाम को तुम दोनो की खुशी में । खाने पीने का हो गया है । बस कुछ क्लोज दोस्त और रिश्तेदार को बुला रहे है । ठीक है ना ?

आशी उठ खड़े हो कर कमरे से बाहर की तरफ जाते हुए बोली

" आपको जैसा ठीक लगे , वैसे करिए । मै जरा शॉपिंग पर जा रही हू "


आशी शहर के सबसे बड़े माल में शॉपिंग कर रही थी । शॉपिंग क्या बस वो अजिंक्य के लिए ही समान खरीद रही थी अपनी पसंद का । उसे सब कुछ पता था । जूते मोजे ,बनियान , अंडरवियर , tshirt ,jeans ,shirt formal trouser सब कुछ ही खरीद ली थी । वापस आते समय ,अजिंक्य के फ्लैट में जा कर उसका सामान भी अपने ड्राइवर को बोल कर पैक करवा के घर ले आई थी । और एक नौकर को वही छोड़ कर अपने घर आ गई ताकि वो पूरे घर का सामान अच्छे से समेट कर उसे आशी के घर ले आए । अब वो रात की तैयारी में लग गई । एक तो आज पार्टी भी थी और आज उसकी सुहागरात भी थी । बहुत खुश थी । रास्ते में वो एक ब्यूटीपार्लर रुक कर पूरे शरीर की वैक्सिंग फेशियल ,बॉडी। पोलिश भी करवाई जिससे वो रात में एकदम खूबसूरत लगे अजिंक्य को । ये सब करते हुए वो शाम तक घर आ गई ।



to be continued
nice update..!!
ajinkya ne jo dekha waisa bhavishya me hosakta hai lekin ab ajinkya ke paas shaktiya hai toh waisa kabhi hone nahi dega..ab toh usse apne dushmano se bhi jyada strong banana hai..!! aashi ne apne maa baap ko sab bata diya.aashi ne toh bahot badi company bhi khol rakhi hai aur ab ajinkya hi sabka malik hai..ab ajinkya ko bhi soch samajh kar aage badhna hoga..aur yoga karke apni sari shaktiyon ke bare me janana hoga..!!
 
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A.A.G.

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#गताँक से आगे

आशी वापस घर आ चुकी थी ,और देखी तो अजिंक्य अभी शवासन की मुद्रा में है । आशी कमरे के अंदर आई और दरवाजा लॉक कर दिया और अगोचर दृष्टि से देखना शुरू की तो उसे अजिंक्य के शरीर से एक पतली चमकीली रस्सी सी निकलती देखी । वो समझ गई थी की अजिंक्य अपने सूक्ष्म शरीर के जरिए लोक विचरण कर रहा है । अपने सवाल के जवाब ढूंढ रहा है । आशी ने अपने आंखे बंद कर के अजिंक्य को मन में ही पुकारा । थोड़े ही देर में अजिंक्य वापस उठ बैठा और आशी को देख कर मुस्कुरा कर आवाज दी

अजिंक्य : तुमने पुकारा और हम चले आए ,जान हथेली पर ले आएं

आशी अजिंक्य को गाते सुन मजाक में अपने कानो पर हाथ रख लिए और बोली


आशी : प्लीज कान में दर्द हो रहा हैं

दोनो हंसने लगे । आशी उसके पास गई पहले तो होंठो पर चूमा और फिर सीधे अजिंक्य के सोए हुए लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी । दो तीन पलों तक मुंह में ले कर चूसा और बाहर निकाल कर उसके गले में अपने बाहें डाल कर उसकी गोद में बैठ कर उसकी आंखो में आंखे डाल कर बोली

" जमाने में भर में वो बुराई हमारी किया करते है
सुना है उदास होने पर इश्क पर लिखी कहानी भी हमारी ही पढ़ा करते है "

ये सुन कर अजिंक्य की आंखे चौड़ी हो गई । वो बोला

" ये ये तो मेरी लिखी हुई है ना ,तुम्हे कहा मिली "
आशी मुस्कुराते हुए उसे बोली ,

" तुम शायद भूल गए हो , एक बार जब तुम किसी बातबसे उदास थे तो तुमने दिन में ही शराब पी ली थी और मुझे कॉल किया था । तब तुमने ये शायरी मुझे सुनाई थी "
" पर इसे तो बहुत समय हो गया न "
अजिंक्य चौंकते हुए पूछा

" तो क्या हुआ ,मुझे आज भी तुम्हारी हर एक बात ,कर एक मुलाकात याद है "

आशी अब अपने बिस्तर पर लेटते हुए बोली

आशी : यार मैं भी क्या ले कर बैठ गई । अच्छा सुनो ,मैने तुम्हारे फ्लैट से तुम्हारा सामान खाली कर दिया है । और उसे ताला कर दिया हैं।

अजिंक्य चौंकते हुए : फिर हम रहेंगे कहां

आशी : कहां रहेंगे से क्या मतलब है । यहीं रहेंगे

अजिंक्य : यहां। ? पर कैसे । ये तो तुम्हारे मम्मी पापा का घर है ना ।

आशी : ये मेरा घर है । और जो मेरा है वो तुम्हारा है । तुम आज से इस घर के मेरे कंपनी के और मेरी जिंदगी के मालिक हो ।

अजिंक्य : i love you so much babu

आशी : ये सब छोड़ो और ध्यान से सुनो । आज पार्टी में कुछ बहुत जरूरी लोग आ रहे है । उनमें से एक रजनीश भारद्वाज भी होंगे । वो यहां के ex cm थे । पर आज भी बहुत कद्दावर नेता है ।

अजिंक्य : हम पर तुम मुझे क्यू बता रही हो

आशी : और बाबू सुनो ना तुम , तुम्हे उनको अपने शीशे में उतारना होगा । और इसके लिए तुम्हे उनकी पत्नी को अपने वश में करना होगा । और वो वश में तब आयेगी जब तुम उसको कामग्नी को शांत कर दोगे ।

अजिंक्य : मतलब। सेक्स करना होगा ?

आशी सर हिला कर बोली : हां

अजिंक्य बिस्तर से उठ खड़ा हुआ और बोला


अजिंक्य : अब एक थप्पड़ दूंगा न गाल पर , सब कुछ ठिकाने पर आ जाएगा । मै किसी से सेक्स नही करने वाला

आशी अपने कूल्हे दिखाते हुए बोली

आशी : बाबू गाल पे नही ,यहां पर थप्पड़ मारना । पर मेरी बात समझो । हमारे दुश्मन कोई सड़कछाप लोग नही है । बहुत बड़े धनाढ्य। और राजनीति में ऊंची पहुंच वाले है । और रजनीश के करीबी है । अगर उनकी जड़ काटनी है तो रजनीश को अपने साइड करना पड़ेगा ।

ये सुन कर अजिंक्य कुछ पल को सोचा और बोला

अजिंक्य : ठीक है मैं देखता हू । पर आज नही करूंगा । आज तो तुम्हारे साथ पूरी रात करना है ना ।

आशी : हां बाबू आज तो तुम सिर्फ मेरे हो । और याद रखो , अब तुम्हारी शक्तियां परखने का समय आ चुका है ।
nice update..!!
aashi ko ajinkya ki sab baate yaad hai aur shayari bhi yaad hai..!! aashi ne party me ex-cm rajnish bhardwaj aur uski biwi ko invite kiya hai..aur ajinkya ko usko patana hai..ajinkya ko ab yeh karna hi padega kyunki uske dushman strong hai aur ek ek karke ajinkya ko apne dushmano ka saara support system hi tabah karna padega..ab dekhte hai aage ajinkya kaise aur kya karta hai..!!
 
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