Samohir karea ke chodega hmm badiya hai ye jhatka kahi dono ki shaktiyan ek dusre me aarahi thi kahi uss karan to nahi hua ab jab ajinkya jayega to acche se faad ke aayega uski burr
Rajnish bharadwaj - 48 वर्षीय , तेज दिमाग कुटिल रणनीतिज्ञ और अपनी जुबान पर रहने वाला व्यक्ति । ....... शहर का ex cm विपक्षी पार्टी का अध्यक्ष और सबसे असरदार नेता
श्रीकामा भारद्वाज - 39 वर्षीय बिजनेस विमेन , खुद की एक टेक्सटाइल कंपनी है । और साथ ही साथ बेहद कामुक और महत्वकांछी महिला । इन्हे जवान और खूबसूरत का मर्दों को कपड़े की तरह बदलने की आदत है । और इनकी इस आदत से इनके पति भी वाकिफ है ।
#गताँक से आगे
शाम हो चली थी , घर के बाहर पोर्च में पार्टी चल रही थी । बहुत से लोग आए हुए थे । एकदुसरे से बातों में लगे हुए थे और किसी के हाथ में व्हिस्की के ग्लास थे तो किसी के हाथ शैम्पेन के थे । सभी को आशी और उसके अनजान पति को देखने का इंतजार था ।
कुछ देर में आशी और अजिंक्य बाहर चलते हुए आए। एक दूसरे के हाथ में हाथ डाले हुए ।अजिंक्य के गोरे रंग पर सफेद शर्ट और काले रंग का कोट बेहद जंच रहा था । आशी लाल रंग के हाई स्प्लिट गाउन में बेहद सेक्सी और सुंदर लग रही थी। जैसे ही वो आए सबकी नजर उनकी तरफ ही घूम गई । सभी लोग उनसे मिल रहे थे । और तारीफ कर रहा थे । सब से मिलने के बाद आशी अजिंक्य खुद ही रजनीश और श्रीकामा के पास गए । आशी ने अजिंक्य को बोला k पैर छुए । अजिंक्य जैसे ही पैर छूने झुका तो रजनीश ने उसे कंधे से पकड़ लिया और गले लगा लिए
रजनीश : और तुम तो दामाद हो हमारे । और दामादों की जगह पैरो में नही ,दिल में होती है ।
अजिंक्य अब श्री कामा की तरफ घुमा तो उसने भी उसे गले से लगा लिया । श्री कामा तो अजिंक्य से मोहित हो चुकी थी । और बाकी काम जब अजिंक्य ने श्री कामा के आंखो में आंखे डाल कर देख रहा था तब उसकी सम्मोहन दृष्टि ने कर दिया था । अब बस श्री कामा कहीं अकेले में अजिंक्य से मिलने और बात करने का इंतजार कर रही थी । आशी और अजिंक्य दोनो ही। इन दोनो से बात कर रहे थे।
रजनीश : भई तुम्हारा नाम भी तुम्हारे सूरत के जैसा ही खूबसूरत है । कहां तक पढ़े हो
अजिंक्य : जी वो ....
आशी : जी अंकल इनकी पढ़ाई छूट गई थी , इंजीनियरिंग 2nd year से । इनके माता पिता गुजरने के वजह से ।
रजनीश : ओह । बहुत दुख हुआ। तो अब घर में कौन कौन है ।
अजिंक्य : बस मैं और आशी
श्री कामा : कोई बात नही ,हम भी तो तुम्हारे ही है ।
और ये कह कर मुस्कुरा कर निचला होंठ काटने लगी। आशी उसकिन हरकत नोटिस कर ली थी । बस मुस्कुरा कर रह गई । थोड़ी देर ने पार्टी खत्म होने लगी तो सब अपने अपने घर जाने लगे ।
रजनीश : तो अजिंक्य और आशी बेटा , अभी हम चले । लेकिन तुम लोग आना , जरा कुछ बात करनी है श्री को तुम लोगो से नए प्रोजेक्ट के बारे में ।
आशी : जरूर अंकल ,हम सुबह १० बजे तक आ जायेंगे।
दोनो ही अपने घर चले गए और आशी अजिंक्य भी अपने रूम पर आ गए । अजिंक्य बिस्तर पर बैठ कर अपने जूते उतार रहा था। ,आशी ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े हो कर अपना गाउन उतार कर सिर्फ लेसी ब्रा और thongs मे खड़ी थी ।
आशी : बाबू वो रजनीश जी की वाइफ तुमसे इंप्रेस हो गई है । अब बस तुम्हे उसको अपने बॉटल में उतारना है
अजिंक्य : मुझे उसके साथ सेक्स नही करना
आशी : तुमसे सेक्स सिर्फ साथ करना है , रजनीश बीवी को तो तुम्हे सिर्फ चोदना है जानवरो जैसे ।
अजिंक्य : बस बातें करवा लो तुमसे ।
आशी अब अजिंक्य के नजदीक आ कर उसके होंठो पर किस की । और चल दी बेडरूम की लाइट बुझा कर मोमबत्तियां जलाने । इतने में अजिंक्य अपने कपड़े उतारने लगा ।
आज इन दोनो की सुहागरात थी और साथ में तांत्रिक संभोग भी होना था ,जिससे रतिप्रिया की शक्तियों का कुछ अंश अजिंक्य को मिलना था ।
कमरे में अंधेरा कर दिया था बस कुछ मोमबत्तियों की रोशनी आ रही थी । दोनो ही अपने पूरे कपड़े उतार कर नग्न अवस्था में थे । अब दोनों जमीन पर एक एक तकिया रख कर उसके ऊपर एक दूसरे के सामने बैठे थे ।
आशी : बाबू जैसा जैसा मैं करु वैसा वैसा करना । पहले तुम्हे मेरी आंखों में देखना है । मेरी आंखों में को जाना है , ध्यान लगाना है । समझ रहे हो ना ?
आजिंक्य : हां समझ गया ।
दोनो ही शांति से एक दूसरे की आंखो में देखने लगे । एक दूसरे की नजरो में खोने लगे ।पर आशी को लगा जैसे वो इन नजरो से सम्मोहित हो रही है । कुछ देर तक तो खुद को संभालती रही पर जब न संभाला गया तो उसने नजर हटा ली अपनी । वो समझ गई थी कि ये सब अजिंक्य की दृष्टि का कमाल है । शायद ये सम्मोहन शक्ति है । और ये इतनी तेज है की एक यक्षणी को भी सम्मोहित कर सकती है । ये सब सोच कर आशी मुस्कुरा दी । फिर हाथ उठा कर अपनी हथेली अजिंक्य के हृदय के ऊपर रख दी और अजिंक्य का हाथ उठा कर उसकी हथेली अपने हृदय के ऊपर रखवा दी । अब खुद अपनी आंखे बंद कर ॐ का जाप करने लगी । ये देख कर अजिंक्य भी आंखे बंद कर ध्यान मग्न हो गया।
कुछ देर दोनो ध्यान में थे । अचानक अजिंक्य को एक झटका लगा लेकिन वो संभल गया और ध्यानमग्न ही रहा । और इसके कुछ देर बाद आशी को झटका लगा पर वो भी ध्यानमग्न ही रही । कुछ देर बाद दोनो ध्यान से हटे । आशी ने अजिंक्य को लिटा दिया और उसके शरीर को चूमने लगी । उसके निपल्स को चूसने और काटने लगी । और धीरे से नीचे आ कर उसके लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी । कुछ देर चूसती रही । लुंड मुंह से निकाल कर उसे कपड़े से पोंछ दिया । और एक तेल की शीशी से तेल अजिंक्य के लंड पर गिरा कर उससे मालिश करने लगीं
अजिंक्य : ये क्या कर रही हो
आशी : ये लिंगम मसाज हैं। अपने आपको कंट्रोल करना ।
एक इंसान योगी तभी बनता है जब वो अपनी पंच इंद्रियों को काबू में करना सीख जाता है । तुम्हे अपने लिंग इंद्री को काबू करना है अजिंक्य । और इसके बाद तुम मेरी योनि मसाज करना ।
कुछ देर आशी ने मसाज की फिर अजिंक्य ने आशी को योनि मसाज दिया । उसके बाद आशी उठी और अजिंक्य के ऊपर गोद में बैठ गई । दोनो पैर उसकी कमर लपेट कर और उसका लंड अपनी चूत में डाल कर । आशी भरी सांसों से हल्के। हल्के अजिंक्य के कान में बोल रही थी
आशी : जान ये शिव शक्ति मुद्रा है । इसमें एक दूसरे को हम घंटो। महसूस कर सकते है । और इसी मुद्रा के जरिए एक दूसरे की ऊर्जा का स्थानांतरण होता हैं।
दोनो ने अपनी आंखे मूंद ली । सांसों को एकमय करके एक दूसरे की ऊर्जा महसूस करने लगी । लिंग और योनि एकाकार हो रहे थे । अजिंक्य का लिंग मानो आशी के शरीर को अंदर तक भेद रहा था । और आशी की योनि अजिंक्य को अपने अंदर समा रही थी । अद्भुत और अलौकिक था ये सब । सुबह के ४ बजे तक दोनो का सम्भोग चलता रहा , और आखिर में दोनो ने अपना कामरस निकाल कर। दोनो सो गए । अजिंक्य को आशी की शक्तियों का कुछ अंश मिला था और। आशी को अजिंक्य की यौगिक ऊर्जा का कुछ अंश मिल गया था ।
to be continued
Zaberdast scene likha tha bhai dononki maut wala aisa laga hi nahi ki koyi sapna ya fir future m aisa kich hoga#गतांक से आगे
" उठो अजिंक्य उठो "
आशी अजिंक्य को हिला हिला कर जगाने लगी । जब देखा के अजिंक्य नही जाग रहा है तो उसने अपनी हथेली अजिंक्य के माथे पर रखी और मन में कुछ मंत्र पढ़ने लगी । और साथ में उसके माथे पर शिकन आने लगी । कुछ ही पलों में अजिंक्य हड़बड़ाते हुए जाग गया और उठ बैठा । वो पूरा पसीने में भीग हुआ था हालांकि कमरे में ac चल रहा था और ठंडक भी थी । वो उठ बैठा और आशी को पास में देखते ही उसे गले से लगा कर रोने लगा । आशी उसे अपने सीने से लगा ली
आशी : शांत हो जाओ ,मै यही हू , मै यहीं तो हूं
अजिंक्य : ये क्या सपना था आशी ,बहुत ही भयानक था ।
आशी अजिंक्य को गले से हटा कर बोली , ये सिर्फ सपना नही था। था ये हमारा संभावित भविष्य है । तुम्हारी कुंडलिनी जागृत है जिसके वजह से तुम्हारा अवचेतन मस्तिष्क तुम्हे भविष्य की कुछ झलकियां दिखा रहा है ।
अजिंक्य : भविष्य ? मै कुछ समझा नहीं बाबू
आशी : मै समझाती हूं । बहुत से लोगो को कुछ परिस्थितियों में एक पल को ये लगता है कि ये को अभी चल रहा है ये पहले भी हों चुका है । इसे अंग्रेजी में देजावू भी कहते हैं। ये सब हमारे अवचेतन मस्तिष्क का खेल होता है । और जो लोग योग और ध्यान करते है उनका ये देजावु काफी अच्छा भी होता है । शिवकेश की मदद से अब तुम योगी बन चुके हो इसलिए तुम्हारा अवचेतन मस्तिष्क तुम्हे ये सब सपने में दिखा रहा है । और संभावित इसलिए कि ये भविष्य बदल भी सकता है अगर तुम कोशिश करो तो ।
अजिंक्य : like timeline paradox ?
आशी : हां कुछ कुछ वैसा ही। पर पूरे तरीके से नहीं । खैर तुम ध्यान लगाना चाहिए । इससे तुम्हारी कुंडलिनी शक्तियों का पता चलेगा और जो तुम्हारे साथ हो रहा है उसका भी राज पता चलेगा । मै आती हू जरा !
ये कह कर आशी उठी और जींस टॉप पहन कर चल दी बाहर की तरफ और जाते हुए दरवाजा लगा गई क्यू के अजिंक्य अभी बिना कपड़ो के था । अजिंक्य उठ बैठा और पालती मार कर ध्यान की मुद्रा में चला गया ।
इधर आशी नीचे आई और सीधे अपने मम्मी पापा के कमरे में गई । वहा मां बाप दोनो किसी विचार विमर्श में लगे हुए थे । आशी के आने की आहट से दोनो चौंके । आशी को आया देख उसे बैठने को बोले
आशी की मां का नाम ब्रह्माणी देवी था वो लगभग ४५ वर्षीय गोरी महिला थी । और पिता जी का नाम सुदेश शुक्ला था । वो पुलिस महकमे में थाना इंस्पेक्टर रह चुके थे और कुछ समय पहले ही अर्ली रिटायरमेंट ले कर घर में ही बैठे थे और आशी का काम देखते थे । यक्षणी के मदद से आशी सबसे पहले शेयर मार्केट में intra day trading करती थी। वहां से उसे सफलता मिलती गई तो वो पैसे जोड़ कर। एक IT firm डाल ली थी। यक्षणी उसे हर जगह ही मदद करती थी जिसके वजह से आशी को कभी बिजनेस में असफलता नही मिली । वो जा कर अपने मम्मी पापा के सामने पड़े सोफे पर बैठ गई ।
मम्मी : गुनगुन बेटा एक बात बताओ ये लड़का तो वही है ना तुम्हारे कॉलेज वाला दोस्त , जिसकी फोटो तुम्हारे कमरे में हैं
आशी शरमाते हुई
आशी : हां मम्मी वही है ये । और अब मेरे पति मेरे जीवनसाथी है ।
पापा : वो तो ठीक है ,पर इसके मां बाप को पता है ये सब ? इसी के वजह से ही तो शायद तुम पर जानलेवा हमला हुआ था न ।
आशी ने अपने मां। बाप को सब कुछ बता दिया जो जो अजिंक्य और उसके साथ हुआ औरंजो अजिंक्य के मां बाप के साथ किया गया था । हालांकि उसने अजिंक्य , शिवकेश बाबा और यक्षिणी वाली बात छुपा ली थी।
तीनो के आंखो में आंसू आ गए थे । ब्रह्माणी देवी ने अपने आंसू पोछे और बोली
ब्रह्माणी देवी : कोई बात नही आज से वो हमारा जमाई और साथ में बेटा भी ।
आशी : हा साथ में मेरी कंपनी का मालिक भी
पापा : गुनगुन तुम ये फैसला सोच समझ कर तो ले रही हो ना । क्यू के देख हमने तो अपनी जिंदगी जी ली । आज है ,कल नही ,लेकिन तुम्हारी पूरी जिंदगी पड़ी है अभी ।
आशी : हां पापा मैंने बहुत सोच समझ कर फैसला लिया है । और उनके लिए मैं। अपनी जान तक दे दूं। ये तो सिर्फ दौलत ही है ।
ब्रह्माणी देवी : चलो अच्छा है फिर । तुम दोनो बस खुश रहो । अच्छा हम आज पार्टी दे रहे है शाम को तुम दोनो की खुशी में । खाने पीने का हो गया है । बस कुछ क्लोज दोस्त और रिश्तेदार को बुला रहे है । ठीक है ना ?
आशी उठ खड़े हो कर कमरे से बाहर की तरफ जाते हुए बोली
" आपको जैसा ठीक लगे , वैसे करिए । मै जरा शॉपिंग पर जा रही हू "
आशी शहर के सबसे बड़े माल में शॉपिंग कर रही थी । शॉपिंग क्या बस वो अजिंक्य के लिए ही समान खरीद रही थी अपनी पसंद का । उसे सब कुछ पता था । जूते मोजे ,बनियान , अंडरवियर , tshirt ,jeans ,shirt formal trouser सब कुछ ही खरीद ली थी । वापस आते समय ,अजिंक्य के फ्लैट में जा कर उसका सामान भी अपने ड्राइवर को बोल कर पैक करवा के घर ले आई थी । और एक नौकर को वही छोड़ कर अपने घर आ गई ताकि वो पूरे घर का सामान अच्छे से समेट कर उसे आशी के घर ले आए । अब वो रात की तैयारी में लग गई । एक तो आज पार्टी भी थी और आज उसकी सुहागरात भी थी । बहुत खुश थी । रास्ते में वो एक ब्यूटीपार्लर रुक कर पूरे शरीर की वैक्सिंग फेशियल ,बॉडी। पोलिश भी करवाई जिससे वो रात में एकदम खूबसूरत लगे अजिंक्य को । ये सब करते हुए वो शाम तक घर आ गई ।
to be continued
Badhiya zaberdast shaandaar update bhai#गताँक से आगे
आशी वापस घर आ चुकी थी ,और देखी तो अजिंक्य अभी शवासन की मुद्रा में है । आशी कमरे के अंदर आई और दरवाजा लॉक कर दिया और अगोचर दृष्टि से देखना शुरू की तो उसे अजिंक्य के शरीर से एक पतली चमकीली रस्सी सी निकलती देखी । वो समझ गई थी की अजिंक्य अपने सूक्ष्म शरीर के जरिए लोक विचरण कर रहा है । अपने सवाल के जवाब ढूंढ रहा है । आशी ने अपने आंखे बंद कर के अजिंक्य को मन में ही पुकारा । थोड़े ही देर में अजिंक्य वापस उठ बैठा और आशी को देख कर मुस्कुरा कर आवाज दी
अजिंक्य : तुमने पुकारा और हम चले आए ,जान हथेली पर ले आएं
आशी अजिंक्य को गाते सुन मजाक में अपने कानो पर हाथ रख लिए और बोली
आशी : प्लीज कान में दर्द हो रहा हैं
दोनो हंसने लगे । आशी उसके पास गई पहले तो होंठो पर चूमा और फिर सीधे अजिंक्य के सोए हुए लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी । दो तीन पलों तक मुंह में ले कर चूसा और बाहर निकाल कर उसके गले में अपने बाहें डाल कर उसकी गोद में बैठ कर उसकी आंखो में आंखे डाल कर बोली
" जमाने में भर में वो बुराई हमारी किया करते है
सुना है उदास होने पर इश्क पर लिखी कहानी भी हमारी ही पढ़ा करते है "
ये सुन कर अजिंक्य की आंखे चौड़ी हो गई । वो बोला
" ये ये तो मेरी लिखी हुई है ना ,तुम्हे कहा मिली "
आशी मुस्कुराते हुए उसे बोली ,
" तुम शायद भूल गए हो , एक बार जब तुम किसी बातबसे उदास थे तो तुमने दिन में ही शराब पी ली थी और मुझे कॉल किया था । तब तुमने ये शायरी मुझे सुनाई थी "
" पर इसे तो बहुत समय हो गया न "
अजिंक्य चौंकते हुए पूछा
" तो क्या हुआ ,मुझे आज भी तुम्हारी हर एक बात ,कर एक मुलाकात याद है "
आशी अब अपने बिस्तर पर लेटते हुए बोली
आशी : यार मैं भी क्या ले कर बैठ गई । अच्छा सुनो ,मैने तुम्हारे फ्लैट से तुम्हारा सामान खाली कर दिया है । और उसे ताला कर दिया हैं।
अजिंक्य चौंकते हुए : फिर हम रहेंगे कहां
आशी : कहां रहेंगे से क्या मतलब है । यहीं रहेंगे
अजिंक्य : यहां। ? पर कैसे । ये तो तुम्हारे मम्मी पापा का घर है ना ।
आशी : ये मेरा घर है । और जो मेरा है वो तुम्हारा है । तुम आज से इस घर के मेरे कंपनी के और मेरी जिंदगी के मालिक हो ।
अजिंक्य : i love you so much babu
आशी : ये सब छोड़ो और ध्यान से सुनो । आज पार्टी में कुछ बहुत जरूरी लोग आ रहे है । उनमें से एक रजनीश भारद्वाज भी होंगे । वो यहां के ex cm थे । पर आज भी बहुत कद्दावर नेता है ।
अजिंक्य : हम पर तुम मुझे क्यू बता रही हो
आशी : और बाबू सुनो ना तुम , तुम्हे उनको अपने शीशे में उतारना होगा । और इसके लिए तुम्हे उनकी पत्नी को अपने वश में करना होगा । और वो वश में तब आयेगी जब तुम उसको कामग्नी को शांत कर दोगे ।
अजिंक्य : मतलब। सेक्स करना होगा ?
आशी सर हिला कर बोली : हां
अजिंक्य बिस्तर से उठ खड़ा हुआ और बोला
अजिंक्य : अब एक थप्पड़ दूंगा न गाल पर , सब कुछ ठिकाने पर आ जाएगा । मै किसी से सेक्स नही करने वाला
आशी अपने कूल्हे दिखाते हुए बोली
आशी : बाबू गाल पे नही ,यहां पर थप्पड़ मारना । पर मेरी बात समझो । हमारे दुश्मन कोई सड़कछाप लोग नही है । बहुत बड़े धनाढ्य। और राजनीति में ऊंची पहुंच वाले है । और रजनीश के करीबी है । अगर उनकी जड़ काटनी है तो रजनीश को अपने साइड करना पड़ेगा ।
ये सुन कर अजिंक्य कुछ पल को सोचा और बोला
अजिंक्य : ठीक है मैं देखता हू । पर आज नही करूंगा । आज तो तुम्हारे साथ पूरी रात करना है ना ।
आशी : हां बाबू आज तो तुम सिर्फ मेरे हो । और याद रखो , अब तुम्हारी शक्तियां परखने का समय आ चुका है ।
Zaberdast scene likha tha bhai dononki maut wala aisa laga hi nahi ki koyi sapna ya fir future m aisa kich hoga
Badhiya shaandaar update
Badla to aisa hi hota hai . Agar kisi ko turant hi khatm kar diye jaye to badla to pura ho jata hai lekin man ki santushti nahi hoti .Badhiya zaberdast shaandaar update bhai
Aashi ka kehna sahi dushman se badla lena h ager tow uske doston se dushmani karwao or jab woh kamjor ho jaye tab hamla karo
Ab dekhna yeh h ki kaise Ajinkya Rajnish ki biwi ko patata h
Bahot behtareen shaandaar update bhai
Nice and lovely update....#गताँक से आगे
आशी वापस घर आ चुकी थी ,और देखी तो अजिंक्य अभी शवासन की मुद्रा में है । आशी कमरे के अंदर आई और दरवाजा लॉक कर दिया और अगोचर दृष्टि से देखना शुरू की तो उसे अजिंक्य के शरीर से एक पतली चमकीली रस्सी सी निकलती देखी । वो समझ गई थी की अजिंक्य अपने सूक्ष्म शरीर के जरिए लोक विचरण कर रहा है । अपने सवाल के जवाब ढूंढ रहा है । आशी ने अपने आंखे बंद कर के अजिंक्य को मन में ही पुकारा । थोड़े ही देर में अजिंक्य वापस उठ बैठा और आशी को देख कर मुस्कुरा कर आवाज दी
अजिंक्य : तुमने पुकारा और हम चले आए ,जान हथेली पर ले आएं
आशी अजिंक्य को गाते सुन मजाक में अपने कानो पर हाथ रख लिए और बोली
आशी : प्लीज कान में दर्द हो रहा हैं
दोनो हंसने लगे । आशी उसके पास गई पहले तो होंठो पर चूमा और फिर सीधे अजिंक्य के सोए हुए लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी । दो तीन पलों तक मुंह में ले कर चूसा और बाहर निकाल कर उसके गले में अपने बाहें डाल कर उसकी गोद में बैठ कर उसकी आंखो में आंखे डाल कर बोली
" जमाने में भर में वो बुराई हमारी किया करते है
सुना है उदास होने पर इश्क पर लिखी कहानी भी हमारी ही पढ़ा करते है "
ये सुन कर अजिंक्य की आंखे चौड़ी हो गई । वो बोला
" ये ये तो मेरी लिखी हुई है ना ,तुम्हे कहा मिली "
आशी मुस्कुराते हुए उसे बोली ,
" तुम शायद भूल गए हो , एक बार जब तुम किसी बातबसे उदास थे तो तुमने दिन में ही शराब पी ली थी और मुझे कॉल किया था । तब तुमने ये शायरी मुझे सुनाई थी "
" पर इसे तो बहुत समय हो गया न "
अजिंक्य चौंकते हुए पूछा
" तो क्या हुआ ,मुझे आज भी तुम्हारी हर एक बात ,कर एक मुलाकात याद है "
आशी अब अपने बिस्तर पर लेटते हुए बोली
आशी : यार मैं भी क्या ले कर बैठ गई । अच्छा सुनो ,मैने तुम्हारे फ्लैट से तुम्हारा सामान खाली कर दिया है । और उसे ताला कर दिया हैं।
अजिंक्य चौंकते हुए : फिर हम रहेंगे कहां
आशी : कहां रहेंगे से क्या मतलब है । यहीं रहेंगे
अजिंक्य : यहां। ? पर कैसे । ये तो तुम्हारे मम्मी पापा का घर है ना ।
आशी : ये मेरा घर है । और जो मेरा है वो तुम्हारा है । तुम आज से इस घर के मेरे कंपनी के और मेरी जिंदगी के मालिक हो ।
अजिंक्य : i love you so much babu
आशी : ये सब छोड़ो और ध्यान से सुनो । आज पार्टी में कुछ बहुत जरूरी लोग आ रहे है । उनमें से एक रजनीश भारद्वाज भी होंगे । वो यहां के ex cm थे । पर आज भी बहुत कद्दावर नेता है ।
अजिंक्य : हम पर तुम मुझे क्यू बता रही हो
आशी : और बाबू सुनो ना तुम , तुम्हे उनको अपने शीशे में उतारना होगा । और इसके लिए तुम्हे उनकी पत्नी को अपने वश में करना होगा । और वो वश में तब आयेगी जब तुम उसको कामग्नी को शांत कर दोगे ।
अजिंक्य : मतलब। सेक्स करना होगा ?
आशी सर हिला कर बोली : हां
अजिंक्य बिस्तर से उठ खड़ा हुआ और बोला
अजिंक्य : अब एक थप्पड़ दूंगा न गाल पर , सब कुछ ठिकाने पर आ जाएगा । मै किसी से सेक्स नही करने वाला
आशी अपने कूल्हे दिखाते हुए बोली
आशी : बाबू गाल पे नही ,यहां पर थप्पड़ मारना । पर मेरी बात समझो । हमारे दुश्मन कोई सड़कछाप लोग नही है । बहुत बड़े धनाढ्य। और राजनीति में ऊंची पहुंच वाले है । और रजनीश के करीबी है । अगर उनकी जड़ काटनी है तो रजनीश को अपने साइड करना पड़ेगा ।
ये सुन कर अजिंक्य कुछ पल को सोचा और बोला
अजिंक्य : ठीक है मैं देखता हू । पर आज नही करूंगा । आज तो तुम्हारे साथ पूरी रात करना है ना ।
आशी : हां बाबू आज तो तुम सिर्फ मेरे हो । और याद रखो , अब तुम्हारी शक्तियां परखने का समय आ चुका है ।
Shrikama tow Ajinkya ko dekh ker mohit ho gayi baki ka kaam sammohan shakti n ker dia bas bas dekhte h kab hota h dono ka milan
Rajnish bharadwaj - 48 वर्षीय , तेज दिमाग कुटिल रणनीतिज्ञ और अपनी जुबान पर रहने वाला व्यक्ति । ....... शहर का ex cm विपक्षी पार्टी का अध्यक्ष और सबसे असरदार नेता
श्रीकामा भारद्वाज - 39 वर्षीय बिजनेस विमेन , खुद की एक टेक्सटाइल कंपनी है । और साथ ही साथ बेहद कामुक और महत्वकांछी महिला । इन्हे जवान और खूबसूरत का मर्दों को कपड़े की तरह बदलने की आदत है । और इनकी इस आदत से इनके पति भी वाकिफ है ।
#गताँक से आगे
शाम हो चली थी , घर के बाहर पोर्च में पार्टी चल रही थी । बहुत से लोग आए हुए थे । एकदुसरे से बातों में लगे हुए थे और किसी के हाथ में व्हिस्की के ग्लास थे तो किसी के हाथ शैम्पेन के थे । सभी को आशी और उसके अनजान पति को देखने का इंतजार था ।
कुछ देर में आशी और अजिंक्य बाहर चलते हुए आए। एक दूसरे के हाथ में हाथ डाले हुए ।अजिंक्य के गोरे रंग पर सफेद शर्ट और काले रंग का कोट बेहद जंच रहा था । आशी लाल रंग के हाई स्प्लिट गाउन में बेहद सेक्सी और सुंदर लग रही थी। जैसे ही वो आए सबकी नजर उनकी तरफ ही घूम गई । सभी लोग उनसे मिल रहे थे । और तारीफ कर रहा थे । सब से मिलने के बाद आशी अजिंक्य खुद ही रजनीश और श्रीकामा के पास गए । आशी ने अजिंक्य को बोला k पैर छुए । अजिंक्य जैसे ही पैर छूने झुका तो रजनीश ने उसे कंधे से पकड़ लिया और गले लगा लिए
रजनीश : और तुम तो दामाद हो हमारे । और दामादों की जगह पैरो में नही ,दिल में होती है ।
अजिंक्य अब श्री कामा की तरफ घुमा तो उसने भी उसे गले से लगा लिया । श्री कामा तो अजिंक्य से मोहित हो चुकी थी । और बाकी काम जब अजिंक्य ने श्री कामा के आंखो में आंखे डाल कर देख रहा था तब उसकी सम्मोहन दृष्टि ने कर दिया था । अब बस श्री कामा कहीं अकेले में अजिंक्य से मिलने और बात करने का इंतजार कर रही थी । आशी और अजिंक्य दोनो ही। इन दोनो से बात कर रहे थे।
रजनीश : भई तुम्हारा नाम भी तुम्हारे सूरत के जैसा ही खूबसूरत है । कहां तक पढ़े हो
अजिंक्य : जी वो ....
आशी : जी अंकल इनकी पढ़ाई छूट गई थी , इंजीनियरिंग 2nd year से । इनके माता पिता गुजरने के वजह से ।
रजनीश : ओह । बहुत दुख हुआ। तो अब घर में कौन कौन है ।
अजिंक्य : बस मैं और आशी
श्री कामा : कोई बात नही ,हम भी तो तुम्हारे ही है ।
और ये कह कर मुस्कुरा कर निचला होंठ काटने लगी। आशी उसकिन हरकत नोटिस कर ली थी । बस मुस्कुरा कर रह गई । थोड़ी देर ने पार्टी खत्म होने लगी तो सब अपने अपने घर जाने लगे ।
रजनीश : तो अजिंक्य और आशी बेटा , अभी हम चले । लेकिन तुम लोग आना , जरा कुछ बात करनी है श्री को तुम लोगो से नए प्रोजेक्ट के बारे में ।
आशी : जरूर अंकल ,हम सुबह १० बजे तक आ जायेंगे।
दोनो ही अपने घर चले गए और आशी अजिंक्य भी अपने रूम पर आ गए । अजिंक्य बिस्तर पर बैठ कर अपने जूते उतार रहा था। ,आशी ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े हो कर अपना गाउन उतार कर सिर्फ लेसी ब्रा और thongs मे खड़ी थी ।
आशी : बाबू वो रजनीश जी की वाइफ तुमसे इंप्रेस हो गई है । अब बस तुम्हे उसको अपने बॉटल में उतारना है
अजिंक्य : मुझे उसके साथ सेक्स नही करना
आशी : तुमसे सेक्स सिर्फ साथ करना है , रजनीश बीवी को तो तुम्हे सिर्फ चोदना है जानवरो जैसे ।
अजिंक्य : बस बातें करवा लो तुमसे ।
आशी अब अजिंक्य के नजदीक आ कर उसके होंठो पर किस की । और चल दी बेडरूम की लाइट बुझा कर मोमबत्तियां जलाने । इतने में अजिंक्य अपने कपड़े उतारने लगा ।
आज इन दोनो की सुहागरात थी और साथ में तांत्रिक संभोग भी होना था ,जिससे रतिप्रिया की शक्तियों का कुछ अंश अजिंक्य को मिलना था ।
कमरे में अंधेरा कर दिया था बस कुछ मोमबत्तियों की रोशनी आ रही थी । दोनो ही अपने पूरे कपड़े उतार कर नग्न अवस्था में थे । अब दोनों जमीन पर एक एक तकिया रख कर उसके ऊपर एक दूसरे के सामने बैठे थे ।
आशी : बाबू जैसा जैसा मैं करु वैसा वैसा करना । पहले तुम्हे मेरी आंखों में देखना है । मेरी आंखों में को जाना है , ध्यान लगाना है । समझ रहे हो ना ?
आजिंक्य : हां समझ गया ।
दोनो ही शांति से एक दूसरे की आंखो में देखने लगे । एक दूसरे की नजरो में खोने लगे ।पर आशी को लगा जैसे वो इन नजरो से सम्मोहित हो रही है । कुछ देर तक तो खुद को संभालती रही पर जब न संभाला गया तो उसने नजर हटा ली अपनी । वो समझ गई थी कि ये सब अजिंक्य की दृष्टि का कमाल है । शायद ये सम्मोहन शक्ति है । और ये इतनी तेज है की एक यक्षणी को भी सम्मोहित कर सकती है । ये सब सोच कर आशी मुस्कुरा दी । फिर हाथ उठा कर अपनी हथेली अजिंक्य के हृदय के ऊपर रख दी और अजिंक्य का हाथ उठा कर उसकी हथेली अपने हृदय के ऊपर रखवा दी । अब खुद अपनी आंखे बंद कर ॐ का जाप करने लगी । ये देख कर अजिंक्य भी आंखे बंद कर ध्यान मग्न हो गया।
कुछ देर दोनो ध्यान में थे । अचानक अजिंक्य को एक झटका लगा लेकिन वो संभल गया और ध्यानमग्न ही रहा । और इसके कुछ देर बाद आशी को झटका लगा पर वो भी ध्यानमग्न ही रही । कुछ देर बाद दोनो ध्यान से हटे । आशी ने अजिंक्य को लिटा दिया और उसके शरीर को चूमने लगी । उसके निपल्स को चूसने और काटने लगी । और धीरे से नीचे आ कर उसके लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी । कुछ देर चूसती रही । लुंड मुंह से निकाल कर उसे कपड़े से पोंछ दिया । और एक तेल की शीशी से तेल अजिंक्य के लंड पर गिरा कर उससे मालिश करने लगीं
अजिंक्य : ये क्या कर रही हो
आशी : ये लिंगम मसाज हैं। अपने आपको कंट्रोल करना ।
एक इंसान योगी तभी बनता है जब वो अपनी पंच इंद्रियों को काबू में करना सीख जाता है । तुम्हे अपने लिंग इंद्री को काबू करना है अजिंक्य । और इसके बाद तुम मेरी योनि मसाज करना ।
कुछ देर आशी ने मसाज की फिर अजिंक्य ने आशी को योनि मसाज दिया । उसके बाद आशी उठी और अजिंक्य के ऊपर गोद में बैठ गई । दोनो पैर उसकी कमर लपेट कर और उसका लंड अपनी चूत में डाल कर । आशी भरी सांसों से हल्के। हल्के अजिंक्य के कान में बोल रही थी
आशी : जान ये शिव शक्ति मुद्रा है । इसमें एक दूसरे को हम घंटो। महसूस कर सकते है । और इसी मुद्रा के जरिए एक दूसरे की ऊर्जा का स्थानांतरण होता हैं।
दोनो ने अपनी आंखे मूंद ली । सांसों को एकमय करके एक दूसरे की ऊर्जा महसूस करने लगी । लिंग और योनि एकाकार हो रहे थे । अजिंक्य का लिंग मानो आशी के शरीर को अंदर तक भेद रहा था । और आशी की योनि अजिंक्य को अपने अंदर समा रही थी । अद्भुत और अलौकिक था ये सब । सुबह के ४ बजे तक दोनो का सम्भोग चलता रहा , और आखिर में दोनो ने अपना कामरस निकाल कर। दोनो सो गए । अजिंक्य को आशी की शक्तियों का कुछ अंश मिला था और। आशी को अजिंक्य की यौगिक ऊर्जा का कुछ अंश मिल गया था ।
to be continued
Nice and beautiful update...
Rajnish bharadwaj - 48 वर्षीय , तेज दिमाग कुटिल रणनीतिज्ञ और अपनी जुबान पर रहने वाला व्यक्ति । ....... शहर का ex cm विपक्षी पार्टी का अध्यक्ष और सबसे असरदार नेता
श्रीकामा भारद्वाज - 39 वर्षीय बिजनेस विमेन , खुद की एक टेक्सटाइल कंपनी है । और साथ ही साथ बेहद कामुक और महत्वकांछी महिला । इन्हे जवान और खूबसूरत का मर्दों को कपड़े की तरह बदलने की आदत है । और इनकी इस आदत से इनके पति भी वाकिफ है ।
#गताँक से आगे
शाम हो चली थी , घर के बाहर पोर्च में पार्टी चल रही थी । बहुत से लोग आए हुए थे । एकदुसरे से बातों में लगे हुए थे और किसी के हाथ में व्हिस्की के ग्लास थे तो किसी के हाथ शैम्पेन के थे । सभी को आशी और उसके अनजान पति को देखने का इंतजार था ।
कुछ देर में आशी और अजिंक्य बाहर चलते हुए आए। एक दूसरे के हाथ में हाथ डाले हुए ।अजिंक्य के गोरे रंग पर सफेद शर्ट और काले रंग का कोट बेहद जंच रहा था । आशी लाल रंग के हाई स्प्लिट गाउन में बेहद सेक्सी और सुंदर लग रही थी। जैसे ही वो आए सबकी नजर उनकी तरफ ही घूम गई । सभी लोग उनसे मिल रहे थे । और तारीफ कर रहा थे । सब से मिलने के बाद आशी अजिंक्य खुद ही रजनीश और श्रीकामा के पास गए । आशी ने अजिंक्य को बोला k पैर छुए । अजिंक्य जैसे ही पैर छूने झुका तो रजनीश ने उसे कंधे से पकड़ लिया और गले लगा लिए
रजनीश : और तुम तो दामाद हो हमारे । और दामादों की जगह पैरो में नही ,दिल में होती है ।
अजिंक्य अब श्री कामा की तरफ घुमा तो उसने भी उसे गले से लगा लिया । श्री कामा तो अजिंक्य से मोहित हो चुकी थी । और बाकी काम जब अजिंक्य ने श्री कामा के आंखो में आंखे डाल कर देख रहा था तब उसकी सम्मोहन दृष्टि ने कर दिया था । अब बस श्री कामा कहीं अकेले में अजिंक्य से मिलने और बात करने का इंतजार कर रही थी । आशी और अजिंक्य दोनो ही। इन दोनो से बात कर रहे थे।
रजनीश : भई तुम्हारा नाम भी तुम्हारे सूरत के जैसा ही खूबसूरत है । कहां तक पढ़े हो
अजिंक्य : जी वो ....
आशी : जी अंकल इनकी पढ़ाई छूट गई थी , इंजीनियरिंग 2nd year से । इनके माता पिता गुजरने के वजह से ।
रजनीश : ओह । बहुत दुख हुआ। तो अब घर में कौन कौन है ।
अजिंक्य : बस मैं और आशी
श्री कामा : कोई बात नही ,हम भी तो तुम्हारे ही है ।
और ये कह कर मुस्कुरा कर निचला होंठ काटने लगी। आशी उसकिन हरकत नोटिस कर ली थी । बस मुस्कुरा कर रह गई । थोड़ी देर ने पार्टी खत्म होने लगी तो सब अपने अपने घर जाने लगे ।
रजनीश : तो अजिंक्य और आशी बेटा , अभी हम चले । लेकिन तुम लोग आना , जरा कुछ बात करनी है श्री को तुम लोगो से नए प्रोजेक्ट के बारे में ।
आशी : जरूर अंकल ,हम सुबह १० बजे तक आ जायेंगे।
दोनो ही अपने घर चले गए और आशी अजिंक्य भी अपने रूम पर आ गए । अजिंक्य बिस्तर पर बैठ कर अपने जूते उतार रहा था। ,आशी ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े हो कर अपना गाउन उतार कर सिर्फ लेसी ब्रा और thongs मे खड़ी थी ।
आशी : बाबू वो रजनीश जी की वाइफ तुमसे इंप्रेस हो गई है । अब बस तुम्हे उसको अपने बॉटल में उतारना है
अजिंक्य : मुझे उसके साथ सेक्स नही करना
आशी : तुमसे सेक्स सिर्फ साथ करना है , रजनीश बीवी को तो तुम्हे सिर्फ चोदना है जानवरो जैसे ।
अजिंक्य : बस बातें करवा लो तुमसे ।
आशी अब अजिंक्य के नजदीक आ कर उसके होंठो पर किस की । और चल दी बेडरूम की लाइट बुझा कर मोमबत्तियां जलाने । इतने में अजिंक्य अपने कपड़े उतारने लगा ।
आज इन दोनो की सुहागरात थी और साथ में तांत्रिक संभोग भी होना था ,जिससे रतिप्रिया की शक्तियों का कुछ अंश अजिंक्य को मिलना था ।
कमरे में अंधेरा कर दिया था बस कुछ मोमबत्तियों की रोशनी आ रही थी । दोनो ही अपने पूरे कपड़े उतार कर नग्न अवस्था में थे । अब दोनों जमीन पर एक एक तकिया रख कर उसके ऊपर एक दूसरे के सामने बैठे थे ।
आशी : बाबू जैसा जैसा मैं करु वैसा वैसा करना । पहले तुम्हे मेरी आंखों में देखना है । मेरी आंखों में को जाना है , ध्यान लगाना है । समझ रहे हो ना ?
आजिंक्य : हां समझ गया ।
दोनो ही शांति से एक दूसरे की आंखो में देखने लगे । एक दूसरे की नजरो में खोने लगे ।पर आशी को लगा जैसे वो इन नजरो से सम्मोहित हो रही है । कुछ देर तक तो खुद को संभालती रही पर जब न संभाला गया तो उसने नजर हटा ली अपनी । वो समझ गई थी कि ये सब अजिंक्य की दृष्टि का कमाल है । शायद ये सम्मोहन शक्ति है । और ये इतनी तेज है की एक यक्षणी को भी सम्मोहित कर सकती है । ये सब सोच कर आशी मुस्कुरा दी । फिर हाथ उठा कर अपनी हथेली अजिंक्य के हृदय के ऊपर रख दी और अजिंक्य का हाथ उठा कर उसकी हथेली अपने हृदय के ऊपर रखवा दी । अब खुद अपनी आंखे बंद कर ॐ का जाप करने लगी । ये देख कर अजिंक्य भी आंखे बंद कर ध्यान मग्न हो गया।
कुछ देर दोनो ध्यान में थे । अचानक अजिंक्य को एक झटका लगा लेकिन वो संभल गया और ध्यानमग्न ही रहा । और इसके कुछ देर बाद आशी को झटका लगा पर वो भी ध्यानमग्न ही रही । कुछ देर बाद दोनो ध्यान से हटे । आशी ने अजिंक्य को लिटा दिया और उसके शरीर को चूमने लगी । उसके निपल्स को चूसने और काटने लगी । और धीरे से नीचे आ कर उसके लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी । कुछ देर चूसती रही । लुंड मुंह से निकाल कर उसे कपड़े से पोंछ दिया । और एक तेल की शीशी से तेल अजिंक्य के लंड पर गिरा कर उससे मालिश करने लगीं
अजिंक्य : ये क्या कर रही हो
आशी : ये लिंगम मसाज हैं। अपने आपको कंट्रोल करना ।
एक इंसान योगी तभी बनता है जब वो अपनी पंच इंद्रियों को काबू में करना सीख जाता है । तुम्हे अपने लिंग इंद्री को काबू करना है अजिंक्य । और इसके बाद तुम मेरी योनि मसाज करना ।
कुछ देर आशी ने मसाज की फिर अजिंक्य ने आशी को योनि मसाज दिया । उसके बाद आशी उठी और अजिंक्य के ऊपर गोद में बैठ गई । दोनो पैर उसकी कमर लपेट कर और उसका लंड अपनी चूत में डाल कर । आशी भरी सांसों से हल्के। हल्के अजिंक्य के कान में बोल रही थी
आशी : जान ये शिव शक्ति मुद्रा है । इसमें एक दूसरे को हम घंटो। महसूस कर सकते है । और इसी मुद्रा के जरिए एक दूसरे की ऊर्जा का स्थानांतरण होता हैं।
दोनो ने अपनी आंखे मूंद ली । सांसों को एकमय करके एक दूसरे की ऊर्जा महसूस करने लगी । लिंग और योनि एकाकार हो रहे थे । अजिंक्य का लिंग मानो आशी के शरीर को अंदर तक भेद रहा था । और आशी की योनि अजिंक्य को अपने अंदर समा रही थी । अद्भुत और अलौकिक था ये सब । सुबह के ४ बजे तक दोनो का सम्भोग चलता रहा , और आखिर में दोनो ने अपना कामरस निकाल कर। दोनो सो गए । अजिंक्य को आशी की शक्तियों का कुछ अंश मिला था और। आशी को अजिंक्य की यौगिक ऊर्जा का कुछ अंश मिल गया था ।
to be continued