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Adultery एक चौथाई इश्क एक तिहाई बदला

कहानी का पहला भाग खत्म हों गया तो पुराने पाठक अब ये बताइए , कहानी का कौन सा भाग शुरू करूं ?


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Innocent_devil

Evil by heart angel by mind 🖤
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2,390
124
Shrikama tow Ajinkya ko dekh ker mohit ho gayi baki ka kaam sammohan shakti n ker dia bas bas dekhte h kab hota h dono ka milan
Aaj ki suhagraat m dono ek doosre ko apni apni kuch shaktia di badhiya
Dekhte h aage kia hota h
Badhiya shaandaar update bhai
Dono ne hi apni shaktiyo ka kuch ansh diya hai ek dusre ko . Yaksh shakti air yogik shakti mil kar kya toofan layengi . Ye dekhne me aap logo ko maza aaye shauad
 

Innocent_devil

Evil by heart angel by mind 🖤
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#गताँक से आगे

यहां आपको कुछ नए किरदार से मिलवाता हूं

अंशुल : वर्तमान में २३ वर्षीय लड़की। घुंघराले बाल ,आंखे गहरी भूरी ,होंठ भरे हुए लाल रंग के उनके बीच चमकते हुए सफेद मोती से दांत ।हाइट ५.३ की देखने में बिल्कुल प्यारी सी । पर उतने ही गुस्सैल स्वभाव वाली । बाकी इसके बारे में आगे पता चलेगा

सुरेश बिल्डर : अंशुल के पिता ६० साल के । पूरी ज्यादद्द खुद के dum पर कमाई हुई है इसलिए पैसे का घमंड सर चढ़ कर बोलता है । किसी को अपने आगे कुछ नहीं समझते ।

गोवर्धन कुमार : कुसुमपुर के थाने का इंस्पेक्टर। और सुरेश बिल्डर का खास मोहरा । चेहरे से ही इसकी शराफत की फटी थैली का पता चलता हैं।


बाकी के किरदार (अहम हुए तो .. ) आते जायेंगे पता चलता जायेगा ।


कुसुमपुर के एक कोने में लगभग ५००० गज में एक सफेद रंग की कोठी बनी हुई थी । बड़े दरवाजे पर चौड़ी हमेशा रहता था । कोठी के बड़े से हाल में सोफे पड़े हुए थे । वहा कोई ३- ४ गुंडे बदमाश जैसे बैठे हुए थे । एक सोफे पर गोवर्धन बैठ कर शराब का पेग बना रहा था और सामने ही सफेद सफारी सूट में सुरेश बिल्डर बैठा हुआ था जो गहरे चिंतन में नजर आ रहा था ।

सुरेश b : तुमने अपनी आंखो से देखा है un sab लाशों को ?

पहला गुंडा : जी बिल्डर साहब , हम खुद अपनी आंखे से देखे है , नदी किनारे जो शंकर जी का मंदिर है वहा पड़ी हुई थी । इंस्पेक्टर साहब आप भी बोलिए न

गोवर्धन : सही कह रहा है ये बिल्डर साहब । किसी ने बहुत बुरे तरीके से मारा है उन सब को ।

सुरेश b : तुम्हे क्या लगता है किसने मारा होगा ?


ती सरा गुंडा: बिल्डर साहब मुझे तो ये किसी जानवर का काम लग रहा है ।

गोवर्धन : मुझे भी यही लगता है बिल्डर साहब । क्यू कि उन सभी के शरीर में किसी का भी दिल नही था । और एक दो का तो सर भी नही था । सभी के शरीर में नाखूनों के निशान है ।

सुरेश b : तो इंक्वायरी करो गोवर्धन और मुझे जल्द से जल्द सच पता करके बताओ ।

गोवर्धन : जी बिलकुल

ये कहकर गोवर्धन उठ खड़ा होता है उसी के साथ बाकी के ४ गुंडे भी उठ जाते है । लेकिन सुरेश को कुछ याद आता है गोवर्धन को आवाज देते है

सुरेश b : गोवर्धन

गोवर्धन : जी बिल्डर साहब बताइए

सुरेश b : वो शहर वाला काम का क्या हुआ

गोवर्धन : अजीत को बोला है मैने , जैसे ही भारद्वाज साहब से डील पक्की होती है आपको खबर कर देंगे

सुरेश b : ठीक है , अब तुम लोग जाओ



to be continued


Aaj likhne ka man nahi kar raha । Tabiyat thodi sahi nahi chal rahi indino । Kal shayad bada uodate dunga action wala
 

A.A.G.

Well-Known Member
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173
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Rajnish bharadwaj - 48 वर्षीय , तेज दिमाग कुटिल रणनीतिज्ञ और अपनी जुबान पर रहने वाला व्यक्ति । ....... शहर का ex cm विपक्षी पार्टी का अध्यक्ष और सबसे असरदार नेता


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श्रीकामा भारद्वाज - 39 वर्षीय बिजनेस विमेन , खुद की एक टेक्सटाइल कंपनी है । और साथ ही साथ बेहद कामुक और महत्वकांछी महिला । इन्हे जवान और खूबसूरत का मर्दों को कपड़े की तरह बदलने की आदत है । और इनकी इस आदत से इनके पति भी वाकिफ है ।



#गताँक से आगे

शाम हो चली थी , घर के बाहर पोर्च में पार्टी चल रही थी । बहुत से लोग आए हुए थे । एकदुसरे से बातों में लगे हुए थे और किसी के हाथ में व्हिस्की के ग्लास थे तो किसी के हाथ शैम्पेन के थे । सभी को आशी और उसके अनजान पति को देखने का इंतजार था ।


कुछ देर में आशी और अजिंक्य बाहर चलते हुए आए। एक दूसरे के हाथ में हाथ डाले हुए ।अजिंक्य के गोरे रंग पर सफेद शर्ट और काले रंग का कोट बेहद जंच रहा था । आशी लाल रंग के हाई स्प्लिट गाउन में बेहद सेक्सी और सुंदर लग रही थी। जैसे ही वो आए सबकी नजर उनकी तरफ ही घूम गई । सभी लोग उनसे मिल रहे थे । और तारीफ कर रहा थे । सब से मिलने के बाद आशी अजिंक्य खुद ही रजनीश और श्रीकामा के पास गए । आशी ने अजिंक्य को बोला k पैर छुए । अजिंक्य जैसे ही पैर छूने झुका तो रजनीश ने उसे कंधे से पकड़ लिया और गले लगा लिए

रजनीश : और तुम तो दामाद हो हमारे । और दामादों की जगह पैरो में नही ,दिल में होती है ।

अजिंक्य अब श्री कामा की तरफ घुमा तो उसने भी उसे गले से लगा लिया । श्री कामा तो अजिंक्य से मोहित हो चुकी थी । और बाकी काम जब अजिंक्य ने श्री कामा के आंखो में आंखे डाल कर देख रहा था तब उसकी सम्मोहन दृष्टि ने कर दिया था । अब बस श्री कामा कहीं अकेले में अजिंक्य से मिलने और बात करने का इंतजार कर रही थी । आशी और अजिंक्य दोनो ही। इन दोनो से बात कर रहे थे।

रजनीश : भई तुम्हारा नाम भी तुम्हारे सूरत के जैसा ही खूबसूरत है । कहां तक पढ़े हो

अजिंक्य : जी वो ....

आशी : जी अंकल इनकी पढ़ाई छूट गई थी , इंजीनियरिंग 2nd year से । इनके माता पिता गुजरने के वजह से ।

रजनीश : ओह । बहुत दुख हुआ। तो अब घर में कौन कौन है ।

अजिंक्य : बस मैं और आशी

श्री कामा : कोई बात नही ,हम भी तो तुम्हारे ही है ।

और ये कह कर मुस्कुरा कर निचला होंठ काटने लगी। आशी उसकिन हरकत नोटिस कर ली थी । बस मुस्कुरा कर रह गई । थोड़ी देर ने पार्टी खत्म होने लगी तो सब अपने अपने घर जाने लगे ।

रजनीश : तो अजिंक्य और आशी बेटा , अभी हम चले । लेकिन तुम लोग आना , जरा कुछ बात करनी है श्री को तुम लोगो से नए प्रोजेक्ट के बारे में ।

आशी : जरूर अंकल ,हम सुबह १० बजे तक आ जायेंगे।

दोनो ही अपने घर चले गए और आशी अजिंक्य भी अपने रूम पर आ गए । अजिंक्य बिस्तर पर बैठ कर अपने जूते उतार रहा था। ,आशी ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े हो कर अपना गाउन उतार कर सिर्फ लेसी ब्रा और thongs मे खड़ी थी ।

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आशी : बाबू वो रजनीश जी की वाइफ तुमसे इंप्रेस हो गई है । अब बस तुम्हे उसको अपने बॉटल में उतारना है

अजिंक्य : मुझे उसके साथ सेक्स नही करना

आशी : तुमसे सेक्स सिर्फ साथ करना है , रजनीश बीवी को तो तुम्हे सिर्फ चोदना है जानवरो जैसे ।

अजिंक्य : बस बातें करवा लो तुमसे ।

आशी अब अजिंक्य के नजदीक आ कर उसके होंठो पर किस की । और चल दी बेडरूम की लाइट बुझा कर मोमबत्तियां जलाने । इतने में अजिंक्य अपने कपड़े उतारने लगा ।

आज इन दोनो की सुहागरात थी और साथ में तांत्रिक संभोग भी होना था ,जिससे रतिप्रिया की शक्तियों का कुछ अंश अजिंक्य को मिलना था ।

कमरे में अंधेरा कर दिया था बस कुछ मोमबत्तियों की रोशनी आ रही थी । दोनो ही अपने पूरे कपड़े उतार कर नग्न अवस्था में थे । अब दोनों जमीन पर एक एक तकिया रख कर उसके ऊपर एक दूसरे के सामने बैठे थे ।

आशी : बाबू जैसा जैसा मैं करु वैसा वैसा करना । पहले तुम्हे मेरी आंखों में देखना है । मेरी आंखों में को जाना है , ध्यान लगाना है । समझ रहे हो ना ?


आजिंक्य : हां समझ गया ।
दोनो ही शांति से एक दूसरे की आंखो में देखने लगे । एक दूसरे की नजरो में खोने लगे ।पर आशी को लगा जैसे वो इन नजरो से सम्मोहित हो रही है । कुछ देर तक तो खुद को संभालती रही पर जब न संभाला गया तो उसने नजर हटा ली अपनी । वो समझ गई थी कि ये सब अजिंक्य की दृष्टि का कमाल है । शायद ये सम्मोहन शक्ति है । और ये इतनी तेज है की एक यक्षणी को भी सम्मोहित कर सकती है । ये सब सोच कर आशी मुस्कुरा दी । फिर हाथ उठा कर अपनी हथेली अजिंक्य के हृदय के ऊपर रख दी और अजिंक्य का हाथ उठा कर उसकी हथेली अपने हृदय के ऊपर रखवा दी । अब खुद अपनी आंखे बंद कर ॐ का जाप करने लगी । ये देख कर अजिंक्य भी आंखे बंद कर ध्यान मग्न हो गया।

कुछ देर दोनो ध्यान में थे । अचानक अजिंक्य को एक झटका लगा लेकिन वो संभल गया और ध्यानमग्न ही रहा । और इसके कुछ देर बाद आशी को झटका लगा पर वो भी ध्यानमग्न ही रही । कुछ देर बाद दोनो ध्यान से हटे । आशी ने अजिंक्य को लिटा दिया और उसके शरीर को चूमने लगी । उसके निपल्स को चूसने और काटने लगी । और धीरे से नीचे आ कर उसके लंड को मुंह में भर कर चूसने लगी । कुछ देर चूसती रही । लुंड मुंह से निकाल कर उसे कपड़े से पोंछ दिया । और एक तेल की शीशी से तेल अजिंक्य के लंड पर गिरा कर उससे मालिश करने लगीं

अजिंक्य : ये क्या कर रही हो
आशी : ये लिंगम मसाज हैं। अपने आपको कंट्रोल करना ।


एक इंसान योगी तभी बनता है जब वो अपनी पंच इंद्रियों को काबू में करना सीख जाता है । तुम्हे अपने लिंग इंद्री को काबू करना है अजिंक्य । और इसके बाद तुम मेरी योनि मसाज करना ।

कुछ देर आशी ने मसाज की फिर अजिंक्य ने आशी को योनि मसाज दिया । उसके बाद आशी उठी और अजिंक्य के ऊपर गोद में बैठ गई । दोनो पैर उसकी कमर लपेट कर और उसका लंड अपनी चूत में डाल कर । आशी भरी सांसों से हल्के। हल्के अजिंक्य के कान में बोल रही थी

आशी : जान ये शिव शक्ति मुद्रा है । इसमें एक दूसरे को हम घंटो। महसूस कर सकते है । और इसी मुद्रा के जरिए एक दूसरे की ऊर्जा का स्थानांतरण होता हैं।
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दोनो ने अपनी आंखे मूंद ली । सांसों को एकमय करके एक दूसरे की ऊर्जा महसूस करने लगी । लिंग और योनि एकाकार हो रहे थे । अजिंक्य का लिंग मानो आशी के शरीर को अंदर तक भेद रहा था । और आशी की योनि अजिंक्य को अपने अंदर समा रही थी । अद्भुत और अलौकिक था ये सब । सुबह के ४ बजे तक दोनो का सम्भोग चलता रहा , और आखिर में दोनो ने अपना कामरस निकाल कर। दोनो सो गए । अजिंक्य को आशी की शक्तियों का कुछ अंश मिला था और। आशी को अजिंक्य की यौगिक ऊर्जा का कुछ अंश मिल गया था ।



to be continued
nice update..!!
rajnish aur uski biwi shreekama se toh aashi aur ajinkya ne mil liya..shreekama toh ajinkya pe full fida hogayi hai..ab woh jarur ajinkya se chudegi..lagta hai aashi ne apna business khada karne ke sath sath apne contacts bhi banaye hai..ab dekhte hai ajinkya se kaise shreekama milti hai..!! ajinkya aur aashi ne tantrik sambhog bhi kar liya..ajinkya ne aashi ko bhi sammohit kar liya tha..ab ajinkya ko aashi ki bhi shaktiya mil gayi hai..ab maja aayega..!!
 

A.A.G.

Well-Known Member
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#गताँक से आगे

यहां आपको कुछ नए किरदार से मिलवाता हूं

अंशुल : वर्तमान में २३ वर्षीय लड़की। घुंघराले बाल ,आंखे गहरी भूरी ,होंठ भरे हुए लाल रंग के उनके बीच चमकते हुए सफेद मोती से दांत ।हाइट ५.३ की देखने में बिल्कुल प्यारी सी । पर उतने ही गुस्सैल स्वभाव वाली । बाकी इसके बारे में आगे पता चलेगा

सुरेश बिल्डर : अंशुल के पिता ६० साल के । पूरी ज्यादद्द खुद के dum पर कमाई हुई है इसलिए पैसे का घमंड सर चढ़ कर बोलता है । किसी को अपने आगे कुछ नहीं समझते ।

गोवर्धन कुमार : कुसुमपुर के थाने का इंस्पेक्टर। और सुरेश बिल्डर का खास मोहरा । चेहरे से ही इसकी शराफत की फटी थैली का पता चलता हैं।


बाकी के किरदार (अहम हुए तो .. ) आते जायेंगे पता चलता जायेगा ।


कुसुमपुर के एक कोने में लगभग ५००० गज में एक सफेद रंग की कोठी बनी हुई थी । बड़े दरवाजे पर चौड़ी हमेशा रहता था । कोठी के बड़े से हाल में सोफे पड़े हुए थे । वहा कोई ३- ४ गुंडे बदमाश जैसे बैठे हुए थे । एक सोफे पर गोवर्धन बैठ कर शराब का पेग बना रहा था और सामने ही सफेद सफारी सूट में सुरेश बिल्डर बैठा हुआ था जो गहरे चिंतन में नजर आ रहा था ।

सुरेश b : तुमने अपनी आंखो से देखा है un sab लाशों को ?

पहला गुंडा : जी बिल्डर साहब , हम खुद अपनी आंखे से देखे है , नदी किनारे जो शंकर जी का मंदिर है वहा पड़ी हुई थी । इंस्पेक्टर साहब आप भी बोलिए न

गोवर्धन : सही कह रहा है ये बिल्डर साहब । किसी ने बहुत बुरे तरीके से मारा है उन सब को ।

सुरेश b : तुम्हे क्या लगता है किसने मारा होगा ?


ती सरा गुंडा: बिल्डर साहब मुझे तो ये किसी जानवर का काम लग रहा है ।

गोवर्धन : मुझे भी यही लगता है बिल्डर साहब । क्यू कि उन सभी के शरीर में किसी का भी दिल नही था । और एक दो का तो सर भी नही था । सभी के शरीर में नाखूनों के निशान है ।

सुरेश b : तो इंक्वायरी करो गोवर्धन और मुझे जल्द से जल्द सच पता करके बताओ ।

गोवर्धन : जी बिलकुल

ये कहकर गोवर्धन उठ खड़ा होता है उसी के साथ बाकी के ४ गुंडे भी उठ जाते है । लेकिन सुरेश को कुछ याद आता है गोवर्धन को आवाज देते है

सुरेश b : गोवर्धन

गोवर्धन : जी बिल्डर साहब बताइए

सुरेश b : वो शहर वाला काम का क्या हुआ

गोवर्धन : अजीत को बोला है मैने , जैसे ही भारद्वाज साहब से डील पक्की होती है आपको खबर कर देंगे

सुरेश b : ठीक है , अब तुम लोग जाओ



to be continued


Aaj likhne ka man nahi kar raha । Tabiyat thodi sahi nahi chal rahi indino । Kal shayad bada uodate dunga action wala
nice update..!!
anshul ek paheli lagti hai..!! suresh anshu ka baap hai aur paiso ka ispe bahot ghamand hai..pehle iske saare jo contacts hai unhe todana hoga..fir iska ghamand todana hoga..isko aur iski family ko paiso ko liye tadpana hoga aur raste par bheek mangwana hoga..uske baad inko mout ki saja milegi..aur agar anshul bhi isme shamil huyi toh usko bhi yahi saja mukarrar ki jayegi..!! yeh suresh unn aadmiyon ki mout ka pata karwa raha hai gowardhan se..lekin kuchh pata chalne se raha..pehle iss gowardhan ko maar do..aur yeh suresh bhardwaj se kaun si deal ki baat kar raha hai..yeh deal ajinkya ko leni hogi..!!
 

A.A.G.

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अंशुल : वर्तमान में २३ वर्षीय लड़की। घुंघराले बाल ,आंखे गहरी भूरी ,होंठ भरे हुए लाल रंग के उनके बीच चमकते हुए सफेद मोती से दांत ।हाइट ५.३ की देखने में बिल्कुल प्यारी सी । पर उतने ही गुस्सैल स्वभाव वाली । बाकी इसके बारे में आगे पता चलेगा

सुरेश बिल्डर : अंशुल के पिता ६० साल के । पूरी ज्यादद्द खुद के dum पर कमाई हुई है इसलिए पैसे का घमंड सर चढ़ कर बोलता है । किसी को अपने आगे कुछ नहीं समझते ।

गोवर्धन कुमार : कुसुमपुर के थाने का इंस्पेक्टर। और सुरेश बिल्डर का खास मोहरा । चेहरे से ही इसकी शराफत की फटी थैली का पता चलता हैं।


बाकी के किरदार (अहम हुए तो .. ) आते जायेंगे पता चलता जायेगा ।


कुसुमपुर के एक कोने में लगभग ५००० गज में एक सफेद रंग की कोठी बनी हुई थी । बड़े दरवाजे पर चौड़ी हमेशा रहता था । कोठी के बड़े से हाल में सोफे पड़े हुए थे । वहा कोई ३- ४ गुंडे बदमाश जैसे बैठे हुए थे । एक सोफे पर गोवर्धन बैठ कर शराब का पेग बना रहा था और सामने ही सफेद सफारी सूट में सुरेश बिल्डर बैठा हुआ था जो गहरे चिंतन में नजर आ रहा था ।

सुरेश b : तुमने अपनी आंखो से देखा है un sab लाशों को ?

पहला गुंडा : जी बिल्डर साहब , हम खुद अपनी आंखे से देखे है , नदी किनारे जो शंकर जी का मंदिर है वहा पड़ी हुई थी । इंस्पेक्टर साहब आप भी बोलिए न

गोवर्धन : सही कह रहा है ये बिल्डर साहब । किसी ने बहुत बुरे तरीके से मारा है उन सब को ।

सुरेश b : तुम्हे क्या लगता है किसने मारा होगा ?


ती सरा गुंडा: बिल्डर साहब मुझे तो ये किसी जानवर का काम लग रहा है ।

गोवर्धन : मुझे भी यही लगता है बिल्डर साहब । क्यू कि उन सभी के शरीर में किसी का भी दिल नही था । और एक दो का तो सर भी नही था । सभी के शरीर में नाखूनों के निशान है ।

सुरेश b : तो इंक्वायरी करो गोवर्धन और मुझे जल्द से जल्द सच पता करके बताओ ।

गोवर्धन : जी बिलकुल

ये कहकर गोवर्धन उठ खड़ा होता है उसी के साथ बाकी के ४ गुंडे भी उठ जाते है । लेकिन सुरेश को कुछ याद आता है गोवर्धन को आवाज देते है

सुरेश b : गोवर्धन

गोवर्धन : जी बिल्डर साहब बताइए

सुरेश b : वो शहर वाला काम का क्या हुआ

गोवर्धन : अजीत को बोला है मैने , जैसे ही भारद्वाज साहब से डील पक्की होती है आपको खबर कर देंगे

सुरेश b : ठीक है , अब तुम लोग जाओ



to be continued


Aaj likhne ka man nahi kar raha । Tabiyat thodi sahi nahi chal rahi indino । Kal shayad bada uodate dunga action wala
nice update..!!
anshul ek paheli lagti hai..!! suresh anshu ka baap hai aur paiso ka ispe bahot ghamand hai..pehle iske saare jo contacts hai unhe todana hoga..fir iska ghamand todana hoga..isko aur iski family ko paiso ko liye tadpana hoga aur raste par bheek mangwana hoga..uske baad inko mout ki saja milegi..aur agar anshul bhi isme shamil huyi toh usko bhi yahi saja mukarrar ki jayegi..!! yeh suresh unn aadmiyon ki mout ka pata karwa raha hai gowardhan se..lekin kuchh pata chalne se raha..pehle iss gowardhan ko maar do..aur yeh suresh bhardwaj se kaun si deal ki baat kar raha hai..yeh deal ajinkya ko leni hogi..!!
 
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