#गताँक से आगे
" हहहहहहहा हाहाहाहाहा "
भयानक अट्टहास कर रहा था वो शख्स । अंधेरे में अकेले घूमते हुए।खुद से ही बातें कर रहा था
" जिंदा है वो ,वो लड़का जिंदा है । अब मुझे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती वो ताकत पाने से "
अपने आप में ही खुश हो रहा था वो । उसके नुमाइंदे सिर्फ उसको आंखे फाड़ कर देख ही रहे थे ।
" लड़की को छोड़ो अजिंक्य को ढूंढो । आकाश पाताल एक कर दो ,मुझे लड़का जिंदा सही सलामत चाहिए "
इधर ..... शहर में अजिंक्य ने आखिरकार अंधेरा होने पर किसी तरफ घसीट कर उस लाश को छत तक ले गया और वहां उसके चेहरे और कपड़े में अपने फ्लैट में रखी हुई पुरानी शराब की बॉटल में से शराब उड़ेल दी और बिल्डिंग के पीछे एक मैदान था जहां बड़े बड़े पत्थर पड़े हुए थे । वहां उसे फेंक दिया नीचे । और खुद भी अपने फ्लैट को ताला मार कर चुपके से अपनी बिल्डिंग से बाहर आ कर मैन रोड से ऑटो पकड़ लिया । ऑटो में से ही उसने किसी को फोन मिलाया
" हेलो अजिंक्य बोल रहा हू
"............."
" मैं ठीक हू , कुसुमपुर आ रहा हू , तैयारी करो "
".................."
" ठीक है सुबह अपडेट करता हू "
इतना कह सुन कर फोन काट दिया। ,थोड़ी देर में वो आशी के घर पहुंच गया जहां पर उसने देखा आशी घर के पोर्च में घूमते हुए अजिंक्य का इंतजार कर रही थी । जैसे उसने देखा के अजिंक्य गेट खोल कर अंदर आ रहा है तो वो दौड़ कर गई और उसके सीने से चिपक गई
" कहां चले गए थे तुम , और तुम्हारा फोन क्यू नही मिल रहा था , अभी थोड़ी देर पहले कनेक्ट भी हुआ था तो तुम किसी से बात कर रहे थे और मेरा कॉल कट कर दिया "
अजिंक्य ने आशी के बालों पे हाथ फेरते हुए उसके सर पे किस किया और बोला
" अरे मेरी जान ,मुझे सांस तो लेने दो , मै बस फ्लैट तक गया था । अच्छा अब मुझे घर के अंदर तो ले चलो ,सब बताता हू "
अजिंक्य घर के अंदर आया , कपड़े उतार कर नहाया और खाना खा कर बाहर बालकनी में सिगरेट पीते हुए। आशी को सब कुछ बता दिया। । अब आशी कुछ सोचने वाली मुद्रा में आ गई थी ।
" आखिर कौन है ये लोग जो मेरे पीछे ,खासकर तुम्हारे पीछे पड़े है , और वो शख्स कौन है जिसे तुम्हारे सूक्ष्म शरीर ने देखा और सबसे बड़ी बात वो कोई आम इंसान नही होगा , क्यू कि उसने तुम्हारे सूक्ष्म शरीर का आभास हो गया था । कुछ तो बात है उसमे "
अजिंक्य भी आसमान की तरफ आधे चांद कोंडेखते हुए बोला
" हां यार कुछ तो बात है और लफड़ा भी है ,जिसमे हम फंसने जा रहे है । एक तो वो मादरचोद बिल्डर अभी तक जिंदा है और ये एक नई मुसीबत आ गई "
" यार कुछ भी हो , अब से तुम मेरे साथ ही रहोगे , मेरे बिना कहीं नहीं जाओगे बस कहे देती हू । "
आशी गुस्से से बोली तो अजिंक्य मुस्कुरा कर उसे अपने सीने से चिपकते हुए बोला
" अरे तुम तो मेरी जान हो , सांस हो ,तुम मेरी सरकार हो , तुम्हारे बिना कहां ही जाऊंगा मैं "
दोनो ही सोने चले गए थे ।
वहीं दूसरी तरफ कुसुमपुर में
" मै तुम्हारे हाथ जोड़ता हू मेरी बेटी को छोड़ दे । चाहे तो मैं तेरे लिए कोई दूसरा शरीर का इंतजाम करवा देता हू "
सुरेश बिल्डर हाथ जोड़े खड़ा था और सामने ही अंशुल उस इंसान के शरीर का आखिरी हिस्सा हाथ में लिए बैठी थी । इंसानी दिल था उसके हाथ में जिसे वो चाट रही थी ।
" हहहहहहह मै नही जाऊंगी इसे छोड़ कर । तुझे पहले ही समझाया था लेकिन तूने अपने बदले की आग और लालच में अंधा हो गया था , तूने ही मुझे सिद्ध किया था , तूने ही अपनी बेटी का शरीर सौंपा था। , तूने ही मुझे वो अदभुत रक्त चखाया था । मै कही नही जाने वाली हाहहहहह "
अंशुल हंसते हुए बोल रही थी कि अचानक उसके शरीर को झटका लगा जिससे वो बिस्तर से नीचे गिर गई
" पापा। ,पापा ,पापा , मै कहां हू पापा , ये मुझे क्या हो रहा है "
अचानक ही अंशुल की सामान्य आवाज आई तो सुरेश भागता हुआ अंशुल के पास पहुंचा
" मेरी बेटी वापस आ गई। ,चलो जल्दी से "
हाथ पकड़ कर उठाने लगा तो अंशुल ने उसकी कलाई झटक दी
" कहां ले जा रहा है मुझे , परे हट । "
इतना कह कर अंशुल ने अपनी कलाई छुड़वा ली और और खड़े हो कर अपने कमरे की खिड़की के पास चली गई और आधे चांद को देखने लगी। और बोली
" वो अदभुत रक्त वाला आ रहा है । वो कुसुमपुर आ रहा है। , मेरी प्यास बूझेगी अब "
ये सुनते ही सुरेश बिल्डर की आंखे चौड़ी हो गई अविश्वास से । उसे विश्वास नही हो रहा था जो अभी सुना उसने । पर उसे विश्वास करना था । सो वो नीचे चला गया और अपने नुमाइंदों को आवाज देने लगा
to be continued