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Bas kuch ghanto me aayegaWaiting
Bas kuch ghanto me aayegaWaiting
Simple but acha update yaha par tum dr.chutiya ko leke aagye chalo acha hai vo hi kuch bata sakte hai iske baare me waiting for next good going#गताँक से आगे
१ दिन बाद ग्यारस है । किसी शक्ति को प्राप्त करने हेतु अनुष्ठान करने के लिए सबसे उपयुक्त दिवस होता है ।
अजिंक्य ने आशी को वो चमड़े का पत्र और अजीब सी दिखने वाली चाभी दिखाई थी । दोनो ही अपने अपने लेवल पर पता कर रहे थे कि ये क्या है ।
आशी : यार बाबू समझ नही आ रहा कि ये नक्शा और चाबी कहां की है । तुम्हे मम्मी जी ने कुछ बताया था क्या ?
अजिंक्य : नही यार ,बस ये बोली थी कि आगे आने वाले वक्त में ये सब मुझे काम आएगा ।
आशी : पर ये नक्शा किस चीज का है ,कैसे पता चलेगा
अजिंक्य : हम्म्म। किसी को तो ढूंढना पड़ेगा ।
आशी : बाबू एक आइडिया दिमाग में आ रहा है
अजिंक्य : क्या बताओ
आशी : बाबू the red rooms
अजिंक्य : ये क्या है
आशी : C.S तुमने लिया था न
अजिंक्य : और यार पहेलियां न बुझाओ
आशी : और भोंदू राम deep web में ही red rooms होते है ना । वहां कुछ पता चल जायेगा
अजिंक्य एकदम उछलते हुए ,खुश हो कर आशी को पकड़ कर किस कर लेता हैं
अजिंक्य : मेरे पहचान में ऐसा बंदा है । उससे मैं फेसबुक में मिला था । मेरे पास उसका नंबर है , उससे बात करता हू ।
फिर अजिंक्य उस बन्दे से बात करने लगा और बात करने के बाद आशी को बोला
एअजिंक्य : थोड़ी देर में चल रहे है मिलने । वो मार्केट में मिलेगा हमे । I hope कुछ पता चल जायेगा ।
आशी : हां आज ये सब करते है , कल कुसुमपुर भी जाना है । पैकिंग करनी है ।
दोनो मार्केट जाते है जहां वो बंदा मिलता है । अपना नाम उसने waterfox बताया था । अजिंक्य ने वो चमड़े का पत्र दिखाया पहले तो अलट पलट के देखता रहा फिर बोला
वाटरफॉक्स : यार AJ मै डीप वेब में ढूंढ तो लूंगा पर अगर ये चीज सच में कुछ अनोखी निकली तो याद रखना। तुम लोग फोकट में अपने और भी दुश्मन बना लोगे ।
अजिंक्य : यार मैंने तो ये सोचा ही नहीं। , सुना तुमने ?
आशी : हा सुन ली । पर अब करें क्या ,ये भी बताओ ।
वाटरफोक्स : एक रास्ता है
अजिंक्य : बताओ
waterfox : कुसुमपुर का नाम सुना होगा तुमने ?
आशी और अजिंक्य दोनो चौंक जाते है पर। सामान्य रहने का नाटक करके बोलते है
अजिंक्य : हां सुना है आगे बोलो
waterfox : उससे आगे एक गांव पड़ता है साहनपुर
अजिंक्य : हां लगभग सवा सौ किलोमीटर होगा
waterfox : वहां डॉक्टर Chutiyadr आए हुए है । बहुत पहुंचे हुए फिलासफर है
आशी मुस्कुराते हुए
" ये कैसा नाम है , dr chutiya
waterfox : अरे नाम पर मत जाओ , तुम उनके पास जाओ , और मै उनके mail कर दूंगा । तुम्हारा काम शतप्रतिशत होगा
अजिंक्य : अच्छा साहनपुर का एड्रेस दो
दोनो लोग एड्रेस ले कर वापस आ जाते है ।और कुसुमपुर जाने की लिए पैकिंग करने लगते है । क्यू के सुबह सुबह ही निकलना था । पूरी टीम सुबह 4 बजे आ जायेगी ।
वही दूसरी तरफ , कुसुमपुर में
एक आदमी शराब पी कर गांव के रास्ते में चला जा रहा था डगमगाते हुए । चारो तरफ स्ट्रीट लाइट की रोशनी थी ही और अभी तो सिर्फ रात के साढ़े आठ ही बजे थे । अचानक उसे लगा के उसे किसी ने आवाज दी
" कन्हैया लाल "
वो रुक कर पलट कर देखा तो कोई नही था , वो फिर आगे चल दिया । कुछ देर बार फिर उसे किसी ने आवाज दी। " कन्हैया लाल रुको न "
इस बार फिर पलट कर उसने देखा तो उसे कोई न दिखा पर उसकी हवा जरूर टाइट हो गई थी । आगे तेज तेज चलने लगा। लेकिन उसने ध्यान दिया के उसके पास उसकी परछाई नही है । उसने रुक कर देखा तो रोशनी तो है आसपास पर उसकी परछाई किधर गई । थोड़ी आगे चला तो उसने देखा उसकी परछाई अब आ गई है पर उसकी परछाइनुस्के दो कदम आगे चल रही है । अब उसकी हालत खराब हो गई । कैसे भी करके वो भागने लगा लेकिन कुछ दूर भागने के बाद वो गिर पड़ा और बेहोश हो गया ।
रात १२ के बाद का वक्त है सुरेश बिल्डर के घर से फिर से चीखने की आवाज आ रही थी। , और साथ में किसी के हसने की भी । ये चीखना और हंसना बरसो से होता आ रहा है इसलिए सुरेश बिल्डर के घर के नौकर अपने कान में रुई डाल कर सोते है । जब सुरेश ने इसे बेनाम सिद्धि को सिद्ध किया था तब उससे बचने के लिए। खुद को और घर के सारे नौकरों को जीवन के लिए वादा लिया था की जब तक वो नही कहेगा तब तक किसी को तकलीफ नही होनी चाहिए ।
सुरेश वापस पहुंचा अंशुल के रूम में । वो कमरे के। बीच में एक हवनकुंड है , अंशुल पूरी तरह से मग्न है और वो धीरे धीरे उस आदमी के शरीर से एक एक पार्ट मांस उतार कर हवन कुंड में डाल रही है कोई मंत्र पढ़ते हुआ । कुछ देर तक मांस अर्पण करती रही । फिर उस आदमी का दिल निकाल कर सीधे हवन कुंड में डाल दिया और उसका लिंग काट खुद खाने लगी । सुरेश बिल्डर ये देख कर भय और आश्चर्य से भर गया । अंशुल ने सुरेश बिल्डर को देखा तो अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा
" ले खाएगा ?
सुरेश ने कुछ नही कहा बस अपनी जलती हुई आंखो से देखने लगा
अंशुल लिंग को खा ने के बाद वही पास पड़े हथौड़े से us laash ka कपाल फोड़ दिया । और जो खून बाहर बह रहा था उसे अपनी हथेलियों में भर कर पीने लगी ।
" बस कुछ दिनों की बात है , मै फिर से वो अदभुत रक्त चखूंगी । , सुरेश तेरा लालच और बदला वापस आ रहा है । लेकिन इस बार तेरी पराजय पक्की है । जा बच सके तो बच जा ।। हाहहहहहाह "
सुरेश बिल्डर ने कुछ जवाब नही दिया बस जा कर अपने रूम में लेट गया और आगे की प्लानिंग करने लगा
to be continued
Haa unhe aana hi tha , wo character bahut pasand aa gaya hai mujhe । Khair ab kahani ka first phrase khatm hone wala hai । Kuch naye rahasya उजागर होंगे । कुछ नए दुश्मन आयेंगे । कुछ नई शक्तियां सामने आएंगीSimple but acha update yaha par tum dr.chutiya ko leke aagye chalo acha hai vo hi kuch bata sakte hai iske baare me waiting for next good going
nice update..!!#गताँक से आगे
१ दिन बाद ग्यारस है । किसी शक्ति को प्राप्त करने हेतु अनुष्ठान करने के लिए सबसे उपयुक्त दिवस होता है ।
अजिंक्य ने आशी को वो चमड़े का पत्र और अजीब सी दिखने वाली चाभी दिखाई थी । दोनो ही अपने अपने लेवल पर पता कर रहे थे कि ये क्या है ।
आशी : यार बाबू समझ नही आ रहा कि ये नक्शा और चाबी कहां की है । तुम्हे मम्मी जी ने कुछ बताया था क्या ?
अजिंक्य : नही यार ,बस ये बोली थी कि आगे आने वाले वक्त में ये सब मुझे काम आएगा ।
आशी : पर ये नक्शा किस चीज का है ,कैसे पता चलेगा
अजिंक्य : हम्म्म। किसी को तो ढूंढना पड़ेगा ।
आशी : बाबू एक आइडिया दिमाग में आ रहा है
अजिंक्य : क्या बताओ
आशी : बाबू the red rooms
अजिंक्य : ये क्या है
आशी : C.S तुमने लिया था न
अजिंक्य : और यार पहेलियां न बुझाओ
आशी : और भोंदू राम deep web में ही red rooms होते है ना । वहां कुछ पता चल जायेगा
अजिंक्य एकदम उछलते हुए ,खुश हो कर आशी को पकड़ कर किस कर लेता हैं
अजिंक्य : मेरे पहचान में ऐसा बंदा है । उससे मैं फेसबुक में मिला था । मेरे पास उसका नंबर है , उससे बात करता हू ।
फिर अजिंक्य उस बन्दे से बात करने लगा और बात करने के बाद आशी को बोला
एअजिंक्य : थोड़ी देर में चल रहे है मिलने । वो मार्केट में मिलेगा हमे । I hope कुछ पता चल जायेगा ।
आशी : हां आज ये सब करते है , कल कुसुमपुर भी जाना है । पैकिंग करनी है ।
दोनो मार्केट जाते है जहां वो बंदा मिलता है । अपना नाम उसने waterfox बताया था । अजिंक्य ने वो चमड़े का पत्र दिखाया पहले तो अलट पलट के देखता रहा फिर बोला
वाटरफॉक्स : यार AJ मै डीप वेब में ढूंढ तो लूंगा पर अगर ये चीज सच में कुछ अनोखी निकली तो याद रखना। तुम लोग फोकट में अपने और भी दुश्मन बना लोगे ।
अजिंक्य : यार मैंने तो ये सोचा ही नहीं। , सुना तुमने ?
आशी : हा सुन ली । पर अब करें क्या ,ये भी बताओ ।
वाटरफोक्स : एक रास्ता है
अजिंक्य : बताओ
waterfox : कुसुमपुर का नाम सुना होगा तुमने ?
आशी और अजिंक्य दोनो चौंक जाते है पर। सामान्य रहने का नाटक करके बोलते है
अजिंक्य : हां सुना है आगे बोलो
waterfox : उससे आगे एक गांव पड़ता है साहनपुर
अजिंक्य : हां लगभग सवा सौ किलोमीटर होगा
waterfox : वहां डॉक्टर Chutiyadr आए हुए है । बहुत पहुंचे हुए फिलासफर है
आशी मुस्कुराते हुए
" ये कैसा नाम है , dr chutiya
waterfox : अरे नाम पर मत जाओ , तुम उनके पास जाओ , और मै उनके mail कर दूंगा । तुम्हारा काम शतप्रतिशत होगा
अजिंक्य : अच्छा साहनपुर का एड्रेस दो
दोनो लोग एड्रेस ले कर वापस आ जाते है ।और कुसुमपुर जाने की लिए पैकिंग करने लगते है । क्यू के सुबह सुबह ही निकलना था । पूरी टीम सुबह 4 बजे आ जायेगी ।
वही दूसरी तरफ , कुसुमपुर में
एक आदमी शराब पी कर गांव के रास्ते में चला जा रहा था डगमगाते हुए । चारो तरफ स्ट्रीट लाइट की रोशनी थी ही और अभी तो सिर्फ रात के साढ़े आठ ही बजे थे । अचानक उसे लगा के उसे किसी ने आवाज दी
" कन्हैया लाल "
वो रुक कर पलट कर देखा तो कोई नही था , वो फिर आगे चल दिया । कुछ देर बार फिर उसे किसी ने आवाज दी। " कन्हैया लाल रुको न "
इस बार फिर पलट कर उसने देखा तो उसे कोई न दिखा पर उसकी हवा जरूर टाइट हो गई थी । आगे तेज तेज चलने लगा। लेकिन उसने ध्यान दिया के उसके पास उसकी परछाई नही है । उसने रुक कर देखा तो रोशनी तो है आसपास पर उसकी परछाई किधर गई । थोड़ी आगे चला तो उसने देखा उसकी परछाई अब आ गई है पर उसकी परछाइनुस्के दो कदम आगे चल रही है । अब उसकी हालत खराब हो गई । कैसे भी करके वो भागने लगा लेकिन कुछ दूर भागने के बाद वो गिर पड़ा और बेहोश हो गया ।
रात १२ के बाद का वक्त है सुरेश बिल्डर के घर से फिर से चीखने की आवाज आ रही थी। , और साथ में किसी के हसने की भी । ये चीखना और हंसना बरसो से होता आ रहा है इसलिए सुरेश बिल्डर के घर के नौकर अपने कान में रुई डाल कर सोते है । जब सुरेश ने इसे बेनाम सिद्धि को सिद्ध किया था तब उससे बचने के लिए। खुद को और घर के सारे नौकरों को जीवन के लिए वादा लिया था की जब तक वो नही कहेगा तब तक किसी को तकलीफ नही होनी चाहिए ।
सुरेश वापस पहुंचा अंशुल के रूम में । वो कमरे के। बीच में एक हवनकुंड है , अंशुल पूरी तरह से मग्न है और वो धीरे धीरे उस आदमी के शरीर से एक एक पार्ट मांस उतार कर हवन कुंड में डाल रही है कोई मंत्र पढ़ते हुआ । कुछ देर तक मांस अर्पण करती रही । फिर उस आदमी का दिल निकाल कर सीधे हवन कुंड में डाल दिया और उसका लिंग काट खुद खाने लगी । सुरेश बिल्डर ये देख कर भय और आश्चर्य से भर गया । अंशुल ने सुरेश बिल्डर को देखा तो अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा
" ले खाएगा ?
सुरेश ने कुछ नही कहा बस अपनी जलती हुई आंखो से देखने लगा
अंशुल लिंग को खा ने के बाद वही पास पड़े हथौड़े से us laash ka कपाल फोड़ दिया । और जो खून बाहर बह रहा था उसे अपनी हथेलियों में भर कर पीने लगी ।
" बस कुछ दिनों की बात है , मै फिर से वो अदभुत रक्त चखूंगी । , सुरेश तेरा लालच और बदला वापस आ रहा है । लेकिन इस बार तेरी पराजय पक्की है । जा बच सके तो बच जा ।। हाहहहहहाह "
सुरेश बिल्डर ने कुछ जवाब नही दिया बस जा कर अपने रूम में लेट गया और आगे की प्लानिंग करने लगा
to be continued
Na dr. Chutiya sahanpur me rehte nahi hai wo to shikari aur chudail ki madad karne gaye the na . Ab iske baad wo kunvar ki madad karne jayengenice update..!!
yeh gyaras ka din shayad shakti pane ke liye achha rehta hai..!! ajinkya aur aashi ko samajh nahi aaraha hai ki yeh naksha aur chaavi kis chiz ki hai..isliye ajinkya ne apne red room wale friend se contact kiya lekin usse milkar bhi kuchh samajh nahi aaya lekin uss bande ne dr. chutia ka pata bataya hai aur woh jarur inn dono ki madat karega aur yeh doctor sahanpur me rehta hai..!! iss harami suresh ki wajah se uski beti anshul ki kitni buri halat hogayi hai..woh shayad hosh me hi nahi hai aur uske andar jo hai woh usse ghinoune kaam karwa raha hai..aur usne suresh ko yeh bol diya hai ki ab suresh ka lalach aur badla wapas aaraha hai aur iss bar uski haar pakki hai..!!
Nice and beautiful update...#गताँक से आगे
१ दिन बाद ग्यारस है । किसी शक्ति को प्राप्त करने हेतु अनुष्ठान करने के लिए सबसे उपयुक्त दिवस होता है ।
अजिंक्य ने आशी को वो चमड़े का पत्र और अजीब सी दिखने वाली चाभी दिखाई थी । दोनो ही अपने अपने लेवल पर पता कर रहे थे कि ये क्या है ।
आशी : यार बाबू समझ नही आ रहा कि ये नक्शा और चाबी कहां की है । तुम्हे मम्मी जी ने कुछ बताया था क्या ?
अजिंक्य : नही यार ,बस ये बोली थी कि आगे आने वाले वक्त में ये सब मुझे काम आएगा ।
आशी : पर ये नक्शा किस चीज का है ,कैसे पता चलेगा
अजिंक्य : हम्म्म। किसी को तो ढूंढना पड़ेगा ।
आशी : बाबू एक आइडिया दिमाग में आ रहा है
अजिंक्य : क्या बताओ
आशी : बाबू the red rooms
अजिंक्य : ये क्या है
आशी : C.S तुमने लिया था न
अजिंक्य : और यार पहेलियां न बुझाओ
आशी : और भोंदू राम deep web में ही red rooms होते है ना । वहां कुछ पता चल जायेगा
अजिंक्य एकदम उछलते हुए ,खुश हो कर आशी को पकड़ कर किस कर लेता हैं
अजिंक्य : मेरे पहचान में ऐसा बंदा है । उससे मैं फेसबुक में मिला था । मेरे पास उसका नंबर है , उससे बात करता हू ।
फिर अजिंक्य उस बन्दे से बात करने लगा और बात करने के बाद आशी को बोला
एअजिंक्य : थोड़ी देर में चल रहे है मिलने । वो मार्केट में मिलेगा हमे । I hope कुछ पता चल जायेगा ।
आशी : हां आज ये सब करते है , कल कुसुमपुर भी जाना है । पैकिंग करनी है ।
दोनो मार्केट जाते है जहां वो बंदा मिलता है । अपना नाम उसने waterfox बताया था । अजिंक्य ने वो चमड़े का पत्र दिखाया पहले तो अलट पलट के देखता रहा फिर बोला
वाटरफॉक्स : यार AJ मै डीप वेब में ढूंढ तो लूंगा पर अगर ये चीज सच में कुछ अनोखी निकली तो याद रखना। तुम लोग फोकट में अपने और भी दुश्मन बना लोगे ।
अजिंक्य : यार मैंने तो ये सोचा ही नहीं। , सुना तुमने ?
आशी : हा सुन ली । पर अब करें क्या ,ये भी बताओ ।
वाटरफोक्स : एक रास्ता है
अजिंक्य : बताओ
waterfox : कुसुमपुर का नाम सुना होगा तुमने ?
आशी और अजिंक्य दोनो चौंक जाते है पर। सामान्य रहने का नाटक करके बोलते है
अजिंक्य : हां सुना है आगे बोलो
waterfox : उससे आगे एक गांव पड़ता है साहनपुर
अजिंक्य : हां लगभग सवा सौ किलोमीटर होगा
waterfox : वहां डॉक्टर Chutiyadr आए हुए है । बहुत पहुंचे हुए फिलासफर है
आशी मुस्कुराते हुए
" ये कैसा नाम है , dr chutiya
waterfox : अरे नाम पर मत जाओ , तुम उनके पास जाओ , और मै उनके mail कर दूंगा । तुम्हारा काम शतप्रतिशत होगा
अजिंक्य : अच्छा साहनपुर का एड्रेस दो
दोनो लोग एड्रेस ले कर वापस आ जाते है ।और कुसुमपुर जाने की लिए पैकिंग करने लगते है । क्यू के सुबह सुबह ही निकलना था । पूरी टीम सुबह 4 बजे आ जायेगी ।
वही दूसरी तरफ , कुसुमपुर में
एक आदमी शराब पी कर गांव के रास्ते में चला जा रहा था डगमगाते हुए । चारो तरफ स्ट्रीट लाइट की रोशनी थी ही और अभी तो सिर्फ रात के साढ़े आठ ही बजे थे । अचानक उसे लगा के उसे किसी ने आवाज दी
" कन्हैया लाल "
वो रुक कर पलट कर देखा तो कोई नही था , वो फिर आगे चल दिया । कुछ देर बार फिर उसे किसी ने आवाज दी। " कन्हैया लाल रुको न "
इस बार फिर पलट कर उसने देखा तो उसे कोई न दिखा पर उसकी हवा जरूर टाइट हो गई थी । आगे तेज तेज चलने लगा। लेकिन उसने ध्यान दिया के उसके पास उसकी परछाई नही है । उसने रुक कर देखा तो रोशनी तो है आसपास पर उसकी परछाई किधर गई । थोड़ी आगे चला तो उसने देखा उसकी परछाई अब आ गई है पर उसकी परछाइनुस्के दो कदम आगे चल रही है । अब उसकी हालत खराब हो गई । कैसे भी करके वो भागने लगा लेकिन कुछ दूर भागने के बाद वो गिर पड़ा और बेहोश हो गया ।
रात १२ के बाद का वक्त है सुरेश बिल्डर के घर से फिर से चीखने की आवाज आ रही थी। , और साथ में किसी के हसने की भी । ये चीखना और हंसना बरसो से होता आ रहा है इसलिए सुरेश बिल्डर के घर के नौकर अपने कान में रुई डाल कर सोते है । जब सुरेश ने इसे बेनाम सिद्धि को सिद्ध किया था तब उससे बचने के लिए। खुद को और घर के सारे नौकरों को जीवन के लिए वादा लिया था की जब तक वो नही कहेगा तब तक किसी को तकलीफ नही होनी चाहिए ।
सुरेश वापस पहुंचा अंशुल के रूम में । वो कमरे के। बीच में एक हवनकुंड है , अंशुल पूरी तरह से मग्न है और वो धीरे धीरे उस आदमी के शरीर से एक एक पार्ट मांस उतार कर हवन कुंड में डाल रही है कोई मंत्र पढ़ते हुआ । कुछ देर तक मांस अर्पण करती रही । फिर उस आदमी का दिल निकाल कर सीधे हवन कुंड में डाल दिया और उसका लिंग काट खुद खाने लगी । सुरेश बिल्डर ये देख कर भय और आश्चर्य से भर गया । अंशुल ने सुरेश बिल्डर को देखा तो अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा
" ले खाएगा ?
सुरेश ने कुछ नही कहा बस अपनी जलती हुई आंखो से देखने लगा
अंशुल लिंग को खा ने के बाद वही पास पड़े हथौड़े से us laash ka कपाल फोड़ दिया । और जो खून बाहर बह रहा था उसे अपनी हथेलियों में भर कर पीने लगी ।
" बस कुछ दिनों की बात है , मै फिर से वो अदभुत रक्त चखूंगी । , सुरेश तेरा लालच और बदला वापस आ रहा है । लेकिन इस बार तेरी पराजय पक्की है । जा बच सके तो बच जा ।। हाहहहहहाह "
सुरेश बिल्डर ने कुछ जवाब नही दिया बस जा कर अपने रूम में लेट गया और आगे की प्लानिंग करने लगा
to be continued
Brilliant bro naye thriller horor suspence ke intejaar meHaa unhe aana hi tha , wo character bahut pasand aa gaya hai mujhe । Khair ab kahani ka first phrase khatm hone wala hai । Kuch naye rahasya उजागर होंगे । कुछ नए दुश्मन आयेंगे । कुछ नई शक्तियां सामने आएंगी