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Adultery एक निर्दयी का पुनर्जन्म : शौर्य

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Sanju@

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अध्याय 05: राजगीर, मदद




प्रिया और शौर्य दोनो की आंखे बहुत देर से खुली। आज कितने दिनों बाद वे सकून से सोए हुए थे। वे जल्दी से तैयार होकर अपना सामान समेटने लगे। होटल से एग्जिट करने के बाद प्रिया गाड़ी ड्राइव करने लगी।


रास्ते में शौर्य को एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों की दुकान दिखी। वह प्रिया से कार रुकवा कर उसने बहुत सारी जड़ी बूटियां और उसके कूटने और पीसने की चीजे वह कार में रखवा दिया। वहा से दोनो चल पड़े इस अनजाने सफर पर। जब कोई ढाबा दिखता तो खाना खा लेते। जब पेट्रोल पंप दिखता तो टंकी फुल करवा लेते। जब नींद आती तो कोई लॉज या होटल में ठहर जाते। ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।


आज वे दोनो गाड़ी चलाते चलाते उत्तर प्रदेश भी पार कर लिए। उन्होंने बिहार में कदम रखा। गाड़ी चलाते चलाते रात तक वे राजगीर डिस्ट्रिक्ट पहुंच चुके थे। गाड़ी अपनी रफ्तार से ही जा रही थी। यह रास्ता काफी सुनसान था। इक्की दुक्की गाड़िया कभी कभी आती जाती दिखाई दे जाती थी। यह रास्ता राजगीर के जंगलों से होकर शहर की ओर जा रहा था।


उनकी गाड़ी तेज रफ्तार से आगे की ओर निकल रही थी। की तभी सन्नाटे को चीरती हुई लड़की की तेज चीख उनके कानो में पड़ी। उन्होंने एकाएक ब्रेक लगा दिया। दोनो कार से उतर गए। अभी वे बाहर निकले ही थे की उनके कानो में एक बार फिर चीख की आवाज सुनाई दी।


दोनो उस तरफ बढ़ गए जहा से आवाज आ रही थी। कुछ आगे जंगल के अंदर प्रवेश करने पर उन्हें हल्की हल्की आवाज सुनाई देने लगी।


"ओय रामू!!!! एकर मुंह बंद कर त!! साली एतना जोर से चिल्लात बीया की काउनो आ जाई!!" यह बात एक मोटे तगड़े आदमी ने कही थी। जैसे वह कमांड दे रहा था वह उस गैंग का लीडर लग रहा था।


वही पर खड़े आदमियों में से एक जो की रामू होगा।, आगे आया और लड़की के मुंह को कपड़े से बांध दिया। लड़की बहुत डर गई थी। उसे हाई डोज का ड्रग्स भी दिया गया था। जिससे वह बेहोशी की हालत में जाने लगी थी।


गैंग लीडर आगे बढ़ा "अब मजा आई, अरे छोकड़िया तू का समझत रही री हमरा के हमर ही गांव से निकलवा के तू कइसे जा सकत है। ई हमार इलाका हई री।"


अभी वह आगे कुछ बोलता उससे पहले ही उसके कानो में तेज चीखें पड़ी। हुआ यह था की जब ये लोग बाते कर रहे थे तब तक प्रिया और शौर्य वहा पहुंच चुके थे। प्रिया को एक पेड़ के पीछे खड़ा करके शौर्य आगे आया। उसने सबसे अंतिम में खड़े आदमी की गर्दन पकड़ी और घुमा दिया। घूमते ही गर्दन टूटने की आवाज आई। आवाज बहुत हल्की थी। उसने अब उस आदमी की हाथो में पकड़े रॉड को अपने हाथो में लिया और तेजी से घुमाने लगा। अभी वहा कोई कुछ कर पाता सभी जमीन पड़ ढेर हो चुके थे।


जब प्रिया ने देखा की वहा कोई जिंदा नहीं बचा तो वह पेड़ के पीछे से बाहर आई। वह शौर्य के इस भयानक रूप को देखकर डर गई थी। उसने शौर्य को कसके गले से लगा लिया।


"दीदी प्लीज़ शांत हो जाइए। अब सब कुछ खत्म हो गया है।" शौर्य अपनी बहन को समझाते हुए बोला। लेकिन प्रिया अभी भी डरी हुई उससे चिपकी हुई थी। शौर्य यह सब प्रिया के सामने नहीं करना चाहता था लेकिन वह जानता था की भविष्य में जब वह बाहर निकलेगा तो उसके दुश्मन प्रिया को भी निशाना बना सकते है। इसीलिए उसने पहले से ही प्रिया को तैयार करने का सोचा। इसके लिए ही उसने सबको इतनी बुरी तरह से मारा था की कौन किसका अंग है किसीको पता भी नही चलेगा।


जब शौर्य को कुछ और नही सुझा तो उसने प्रिया को अपने पीछे से हटाया और अपने साथ कर लिया और सामने दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी ये लोग इस लड़की का रेप करना चाहते थे। और न जाने अब तक कितने लड़किया इनलोगो का शिकार बन चुकी है। मैने तो बस उन्हे अपने किए की सजा दी है।" अभी भी प्रिया को डरी हुई देखकर शौर्य आगे बोला।


"दीदी, मैं आपको एक सच्चाई बताता हूं। दीदी आपका भाई अब इस दुनिया में दो लोगो की जिंदगी जी रहा है। और आप जानती हो वो दूसरा इंसान कौन है??"


"कौन है भाई!!!"


"दीदी जब मैं बेहोश हुआ था तो ऐसा लगा जैसे मैं अंधकार में जा रहा हूं। और मैं मरने वाला हूं। तभी मेरे सामने एक और आत्मा आई। उसने मुझसे कहा था की ' देखो बाहर तुम्हारी बहन तुम्हारा इंतजार कर रही है अगर तुम ही उसका साथ छोड़ दो तो उसको कौन देखेगा।' लेकिन उस वक्त मैं अंधकार में घिरा हुआ था। चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा थी। में किसी और कही जा नही पा रहा था। तो उस आत्मा ने कहा अगर तुम वादा करते हो की मेरा बदला मेरे दुश्मनों से लोग तो मैं तुम्हे यहां से निकलने में मदद करूंगा और साथ ही साथ तुम्हे मेरी सभी यादाश्त भी मिलेगी। मैने उसको प्रोमिश कर दिया। तो वह मेरी आत्मा के साथ मिल गया और मुझको उसके जीवन में घटी सारी घटनाएं पता चली। अब अपना फोन दो मैं उस शख्स को दिखाता हूं की वह कौन है।"


शौर्य इतना कहकर प्रिया के हाथो से फोन लेकर न्यूज ढूंढने लगता है। कुछ देर में उसने आरुष के मौत की खबर को ढूंढा और इसको दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी यही है वह आरुष भाटिया, जो अपने परिवार के प्यार को पाने केलिए वह हर गलत काम करता जो भाटिया ग्रुप्स को फायदा पहुंचा सके। लेकिन अंत में उसे धोखा मिला था। उसकी मंगेतर और सौतेले भाई ने साजिश रच कर उसकी हत्या कर दी और उसकी हत्या की जिम्मेदारी रानी पर लगा दी जो आरुष की सगी बहन ही न सही लेकिन उससे बढ़कर थी। इसीलिए मैं कह रहा हू दीदी इसके जैसा इंसान जब अपनी के धोखे से बच नहीं पाया तो हम कैसे बच सकते है। इसीलिए दीदी मैं कह रहा हू अगर इस संसार में अगर अच्छे से जिंदगी जीनी है तो आपको कभी कभी निर्दयी भी बनना पड़ता है।" शौर्य इतना कहकर चुप हो गया। उसे पता था की इस बात को हज़म करने केलिए प्रिया को कुछ समय लगेंगे। कुछ देर तक दोनो चुप रहे। कुछ देर बाद प्रिया बोली।


"भाई, मैं समझ गई अब मुझे मार्शल आर्ट सीखनी है जिससे समय आने पर खुद की रक्षा कर सकूं। अब चलो पहले इस लड़की को देखो क्या हुआ है। यह बेहोश हो गई है।" प्रिया सामने पड़ी नंगी लड़की को देखते हुए बोलती है। "वैसे भाई इसकी फिगर मस्त है न?"


"हा दी वो तो है!!!" शौर्य अपने सामने पड़ी नंगी लड़की की नब्ज को चेक करने के बाद उसके माथे हाथ और गर्दन की गर्मी को महसूस करने लगा था। "दीदी इसको बहुत ही तेज सेक्स ड्रग्स दिया गया है। अगर इसे अगले 15 मिनट में एंटीनोड नही मिली तो यह मर जायेगी।"


"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय..........।" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।

*******
Shandar update
दोनो भाई बहन चलते जा रहे है ना कोई मंजिल है बस सफर कर रहे हैं इस सफर में शौर्य ने कुछ जड़ी बूटियां प्रिया को बचाने के लिए ले ली है और शायद और भी काम आ सकती है राजगीर के जंगलों में लड़की की आवाज सुनकर उसे बचाने के लिए जाता है शौर्य आरुष की फाइटिंग कि वजह से सब को खत्म कर पाया। उसने प्रिया को अपनी दोहरी जिंदगी के बारे में सच बता दिया है लेकिन लगता है प्रिया के कुछ समझ नही आया है लेकिन उसे शौर्य पर भरोसा है। उस लड़की की हालत खराब है उसको बचाने के लिए प्रिया शौर्य को उस लड़की के साथ सेक्स करने को कहेंग या कुछ और इंतजाम करते हैं
 
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parkas

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अध्याय 05: राजगीर, मदद




प्रिया और शौर्य दोनो की आंखे बहुत देर से खुली। आज कितने दिनों बाद वे सकून से सोए हुए थे। वे जल्दी से तैयार होकर अपना सामान समेटने लगे। होटल से एग्जिट करने के बाद प्रिया गाड़ी ड्राइव करने लगी।


रास्ते में शौर्य को एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों की दुकान दिखी। वह प्रिया से कार रुकवा कर उसने बहुत सारी जड़ी बूटियां और उसके कूटने और पीसने की चीजे वह कार में रखवा दिया। वहा से दोनो चल पड़े इस अनजाने सफर पर। जब कोई ढाबा दिखता तो खाना खा लेते। जब पेट्रोल पंप दिखता तो टंकी फुल करवा लेते। जब नींद आती तो कोई लॉज या होटल में ठहर जाते। ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।


आज वे दोनो गाड़ी चलाते चलाते उत्तर प्रदेश भी पार कर लिए। उन्होंने बिहार में कदम रखा। गाड़ी चलाते चलाते रात तक वे राजगीर डिस्ट्रिक्ट पहुंच चुके थे। गाड़ी अपनी रफ्तार से ही जा रही थी। यह रास्ता काफी सुनसान था। इक्की दुक्की गाड़िया कभी कभी आती जाती दिखाई दे जाती थी। यह रास्ता राजगीर के जंगलों से होकर शहर की ओर जा रहा था।


उनकी गाड़ी तेज रफ्तार से आगे की ओर निकल रही थी। की तभी सन्नाटे को चीरती हुई लड़की की तेज चीख उनके कानो में पड़ी। उन्होंने एकाएक ब्रेक लगा दिया। दोनो कार से उतर गए। अभी वे बाहर निकले ही थे की उनके कानो में एक बार फिर चीख की आवाज सुनाई दी।


दोनो उस तरफ बढ़ गए जहा से आवाज आ रही थी। कुछ आगे जंगल के अंदर प्रवेश करने पर उन्हें हल्की हल्की आवाज सुनाई देने लगी।


"ओय रामू!!!! एकर मुंह बंद कर त!! साली एतना जोर से चिल्लात बीया की काउनो आ जाई!!" यह बात एक मोटे तगड़े आदमी ने कही थी। जैसे वह कमांड दे रहा था वह उस गैंग का लीडर लग रहा था।


वही पर खड़े आदमियों में से एक जो की रामू होगा।, आगे आया और लड़की के मुंह को कपड़े से बांध दिया। लड़की बहुत डर गई थी। उसे हाई डोज का ड्रग्स भी दिया गया था। जिससे वह बेहोशी की हालत में जाने लगी थी।


गैंग लीडर आगे बढ़ा "अब मजा आई, अरे छोकड़िया तू का समझत रही री हमरा के हमर ही गांव से निकलवा के तू कइसे जा सकत है। ई हमार इलाका हई री।"


अभी वह आगे कुछ बोलता उससे पहले ही उसके कानो में तेज चीखें पड़ी। हुआ यह था की जब ये लोग बाते कर रहे थे तब तक प्रिया और शौर्य वहा पहुंच चुके थे। प्रिया को एक पेड़ के पीछे खड़ा करके शौर्य आगे आया। उसने सबसे अंतिम में खड़े आदमी की गर्दन पकड़ी और घुमा दिया। घूमते ही गर्दन टूटने की आवाज आई। आवाज बहुत हल्की थी। उसने अब उस आदमी की हाथो में पकड़े रॉड को अपने हाथो में लिया और तेजी से घुमाने लगा। अभी वहा कोई कुछ कर पाता सभी जमीन पड़ ढेर हो चुके थे।


जब प्रिया ने देखा की वहा कोई जिंदा नहीं बचा तो वह पेड़ के पीछे से बाहर आई। वह शौर्य के इस भयानक रूप को देखकर डर गई थी। उसने शौर्य को कसके गले से लगा लिया।


"दीदी प्लीज़ शांत हो जाइए। अब सब कुछ खत्म हो गया है।" शौर्य अपनी बहन को समझाते हुए बोला। लेकिन प्रिया अभी भी डरी हुई उससे चिपकी हुई थी। शौर्य यह सब प्रिया के सामने नहीं करना चाहता था लेकिन वह जानता था की भविष्य में जब वह बाहर निकलेगा तो उसके दुश्मन प्रिया को भी निशाना बना सकते है। इसीलिए उसने पहले से ही प्रिया को तैयार करने का सोचा। इसके लिए ही उसने सबको इतनी बुरी तरह से मारा था की कौन किसका अंग है किसीको पता भी नही चलेगा।


जब शौर्य को कुछ और नही सुझा तो उसने प्रिया को अपने पीछे से हटाया और अपने साथ कर लिया और सामने दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी ये लोग इस लड़की का रेप करना चाहते थे। और न जाने अब तक कितने लड़किया इनलोगो का शिकार बन चुकी है। मैने तो बस उन्हे अपने किए की सजा दी है।" अभी भी प्रिया को डरी हुई देखकर शौर्य आगे बोला।


"दीदी, मैं आपको एक सच्चाई बताता हूं। दीदी आपका भाई अब इस दुनिया में दो लोगो की जिंदगी जी रहा है। और आप जानती हो वो दूसरा इंसान कौन है??"


"कौन है भाई!!!"


"दीदी जब मैं बेहोश हुआ था तो ऐसा लगा जैसे मैं अंधकार में जा रहा हूं। और मैं मरने वाला हूं। तभी मेरे सामने एक और आत्मा आई। उसने मुझसे कहा था की ' देखो बाहर तुम्हारी बहन तुम्हारा इंतजार कर रही है अगर तुम ही उसका साथ छोड़ दो तो उसको कौन देखेगा।' लेकिन उस वक्त मैं अंधकार में घिरा हुआ था। चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा थी। में किसी और कही जा नही पा रहा था। तो उस आत्मा ने कहा अगर तुम वादा करते हो की मेरा बदला मेरे दुश्मनों से लोग तो मैं तुम्हे यहां से निकलने में मदद करूंगा और साथ ही साथ तुम्हे मेरी सभी यादाश्त भी मिलेगी। मैने उसको प्रोमिश कर दिया। तो वह मेरी आत्मा के साथ मिल गया और मुझको उसके जीवन में घटी सारी घटनाएं पता चली। अब अपना फोन दो मैं उस शख्स को दिखाता हूं की वह कौन है।"


शौर्य इतना कहकर प्रिया के हाथो से फोन लेकर न्यूज ढूंढने लगता है। कुछ देर में उसने आरुष के मौत की खबर को ढूंढा और इसको दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी यही है वह आरुष भाटिया, जो अपने परिवार के प्यार को पाने केलिए वह हर गलत काम करता जो भाटिया ग्रुप्स को फायदा पहुंचा सके। लेकिन अंत में उसे धोखा मिला था। उसकी मंगेतर और सौतेले भाई ने साजिश रच कर उसकी हत्या कर दी और उसकी हत्या की जिम्मेदारी रानी पर लगा दी जो आरुष की सगी बहन ही न सही लेकिन उससे बढ़कर थी। इसीलिए मैं कह रहा हू दीदी इसके जैसा इंसान जब अपनी के धोखे से बच नहीं पाया तो हम कैसे बच सकते है। इसीलिए दीदी मैं कह रहा हू अगर इस संसार में अगर अच्छे से जिंदगी जीनी है तो आपको कभी कभी निर्दयी भी बनना पड़ता है।" शौर्य इतना कहकर चुप हो गया। उसे पता था की इस बात को हज़म करने केलिए प्रिया को कुछ समय लगेंगे। कुछ देर तक दोनो चुप रहे। कुछ देर बाद प्रिया बोली।


"भाई, मैं समझ गई अब मुझे मार्शल आर्ट सीखनी है जिससे समय आने पर खुद की रक्षा कर सकूं। अब चलो पहले इस लड़की को देखो क्या हुआ है। यह बेहोश हो गई है।" प्रिया सामने पड़ी नंगी लड़की को देखते हुए बोलती है। "वैसे भाई इसकी फिगर मस्त है न?"


"हा दी वो तो है!!!" शौर्य अपने सामने पड़ी नंगी लड़की की नब्ज को चेक करने के बाद उसके माथे हाथ और गर्दन की गर्मी को महसूस करने लगा था। "दीदी इसको बहुत ही तेज सेक्स ड्रग्स दिया गया है। अगर इसे अगले 15 मिनट में एंटीनोड नही मिली तो यह मर जायेगी।"


"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय..........।" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।

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Nice and beautiful update....
 

Mahendra Baranwal

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अध्याय 05: राजगीर, मदद




प्रिया और शौर्य दोनो की आंखे बहुत देर से खुली। आज कितने दिनों बाद वे सकून से सोए हुए थे। वे जल्दी से तैयार होकर अपना सामान समेटने लगे। होटल से एग्जिट करने के बाद प्रिया गाड़ी ड्राइव करने लगी।


रास्ते में शौर्य को एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों की दुकान दिखी। वह प्रिया से कार रुकवा कर उसने बहुत सारी जड़ी बूटियां और उसके कूटने और पीसने की चीजे वह कार में रखवा दिया। वहा से दोनो चल पड़े इस अनजाने सफर पर। जब कोई ढाबा दिखता तो खाना खा लेते। जब पेट्रोल पंप दिखता तो टंकी फुल करवा लेते। जब नींद आती तो कोई लॉज या होटल में ठहर जाते। ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।


आज वे दोनो गाड़ी चलाते चलाते उत्तर प्रदेश भी पार कर लिए। उन्होंने बिहार में कदम रखा। गाड़ी चलाते चलाते रात तक वे राजगीर डिस्ट्रिक्ट पहुंच चुके थे। गाड़ी अपनी रफ्तार से ही जा रही थी। यह रास्ता काफी सुनसान था। इक्की दुक्की गाड़िया कभी कभी आती जाती दिखाई दे जाती थी। यह रास्ता राजगीर के जंगलों से होकर शहर की ओर जा रहा था।


उनकी गाड़ी तेज रफ्तार से आगे की ओर निकल रही थी। की तभी सन्नाटे को चीरती हुई लड़की की तेज चीख उनके कानो में पड़ी। उन्होंने एकाएक ब्रेक लगा दिया। दोनो कार से उतर गए। अभी वे बाहर निकले ही थे की उनके कानो में एक बार फिर चीख की आवाज सुनाई दी।


दोनो उस तरफ बढ़ गए जहा से आवाज आ रही थी। कुछ आगे जंगल के अंदर प्रवेश करने पर उन्हें हल्की हल्की आवाज सुनाई देने लगी।


"ओय रामू!!!! एकर मुंह बंद कर त!! साली एतना जोर से चिल्लात बीया की काउनो आ जाई!!" यह बात एक मोटे तगड़े आदमी ने कही थी। जैसे वह कमांड दे रहा था वह उस गैंग का लीडर लग रहा था।


वही पर खड़े आदमियों में से एक जो की रामू होगा।, आगे आया और लड़की के मुंह को कपड़े से बांध दिया। लड़की बहुत डर गई थी। उसे हाई डोज का ड्रग्स भी दिया गया था। जिससे वह बेहोशी की हालत में जाने लगी थी।


गैंग लीडर आगे बढ़ा "अब मजा आई, अरे छोकड़िया तू का समझत रही री हमरा के हमर ही गांव से निकलवा के तू कइसे जा सकत है। ई हमार इलाका हई री।"


अभी वह आगे कुछ बोलता उससे पहले ही उसके कानो में तेज चीखें पड़ी। हुआ यह था की जब ये लोग बाते कर रहे थे तब तक प्रिया और शौर्य वहा पहुंच चुके थे। प्रिया को एक पेड़ के पीछे खड़ा करके शौर्य आगे आया। उसने सबसे अंतिम में खड़े आदमी की गर्दन पकड़ी और घुमा दिया। घूमते ही गर्दन टूटने की आवाज आई। आवाज बहुत हल्की थी। उसने अब उस आदमी की हाथो में पकड़े रॉड को अपने हाथो में लिया और तेजी से घुमाने लगा। अभी वहा कोई कुछ कर पाता सभी जमीन पड़ ढेर हो चुके थे।


जब प्रिया ने देखा की वहा कोई जिंदा नहीं बचा तो वह पेड़ के पीछे से बाहर आई। वह शौर्य के इस भयानक रूप को देखकर डर गई थी। उसने शौर्य को कसके गले से लगा लिया।


"दीदी प्लीज़ शांत हो जाइए। अब सब कुछ खत्म हो गया है।" शौर्य अपनी बहन को समझाते हुए बोला। लेकिन प्रिया अभी भी डरी हुई उससे चिपकी हुई थी। शौर्य यह सब प्रिया के सामने नहीं करना चाहता था लेकिन वह जानता था की भविष्य में जब वह बाहर निकलेगा तो उसके दुश्मन प्रिया को भी निशाना बना सकते है। इसीलिए उसने पहले से ही प्रिया को तैयार करने का सोचा। इसके लिए ही उसने सबको इतनी बुरी तरह से मारा था की कौन किसका अंग है किसीको पता भी नही चलेगा।


जब शौर्य को कुछ और नही सुझा तो उसने प्रिया को अपने पीछे से हटाया और अपने साथ कर लिया और सामने दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी ये लोग इस लड़की का रेप करना चाहते थे। और न जाने अब तक कितने लड़किया इनलोगो का शिकार बन चुकी है। मैने तो बस उन्हे अपने किए की सजा दी है।" अभी भी प्रिया को डरी हुई देखकर शौर्य आगे बोला।


"दीदी, मैं आपको एक सच्चाई बताता हूं। दीदी आपका भाई अब इस दुनिया में दो लोगो की जिंदगी जी रहा है। और आप जानती हो वो दूसरा इंसान कौन है??"


"कौन है भाई!!!"


"दीदी जब मैं बेहोश हुआ था तो ऐसा लगा जैसे मैं अंधकार में जा रहा हूं। और मैं मरने वाला हूं। तभी मेरे सामने एक और आत्मा आई। उसने मुझसे कहा था की ' देखो बाहर तुम्हारी बहन तुम्हारा इंतजार कर रही है अगर तुम ही उसका साथ छोड़ दो तो उसको कौन देखेगा।' लेकिन उस वक्त मैं अंधकार में घिरा हुआ था। चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा थी। में किसी और कही जा नही पा रहा था। तो उस आत्मा ने कहा अगर तुम वादा करते हो की मेरा बदला मेरे दुश्मनों से लोग तो मैं तुम्हे यहां से निकलने में मदद करूंगा और साथ ही साथ तुम्हे मेरी सभी यादाश्त भी मिलेगी। मैने उसको प्रोमिश कर दिया। तो वह मेरी आत्मा के साथ मिल गया और मुझको उसके जीवन में घटी सारी घटनाएं पता चली। अब अपना फोन दो मैं उस शख्स को दिखाता हूं की वह कौन है।"


शौर्य इतना कहकर प्रिया के हाथो से फोन लेकर न्यूज ढूंढने लगता है। कुछ देर में उसने आरुष के मौत की खबर को ढूंढा और इसको दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी यही है वह आरुष भाटिया, जो अपने परिवार के प्यार को पाने केलिए वह हर गलत काम करता जो भाटिया ग्रुप्स को फायदा पहुंचा सके। लेकिन अंत में उसे धोखा मिला था। उसकी मंगेतर और सौतेले भाई ने साजिश रच कर उसकी हत्या कर दी और उसकी हत्या की जिम्मेदारी रानी पर लगा दी जो आरुष की सगी बहन ही न सही लेकिन उससे बढ़कर थी। इसीलिए मैं कह रहा हू दीदी इसके जैसा इंसान जब अपनी के धोखे से बच नहीं पाया तो हम कैसे बच सकते है। इसीलिए दीदी मैं कह रहा हू अगर इस संसार में अगर अच्छे से जिंदगी जीनी है तो आपको कभी कभी निर्दयी भी बनना पड़ता है।" शौर्य इतना कहकर चुप हो गया। उसे पता था की इस बात को हज़म करने केलिए प्रिया को कुछ समय लगेंगे। कुछ देर तक दोनो चुप रहे। कुछ देर बाद प्रिया बोली।


"भाई, मैं समझ गई अब मुझे मार्शल आर्ट सीखनी है जिससे समय आने पर खुद की रक्षा कर सकूं। अब चलो पहले इस लड़की को देखो क्या हुआ है। यह बेहोश हो गई है।" प्रिया सामने पड़ी नंगी लड़की को देखते हुए बोलती है। "वैसे भाई इसकी फिगर मस्त है न?"


"हा दी वो तो है!!!" शौर्य अपने सामने पड़ी नंगी लड़की की नब्ज को चेक करने के बाद उसके माथे हाथ और गर्दन की गर्मी को महसूस करने लगा था। "दीदी इसको बहुत ही तेज सेक्स ड्रग्स दिया गया है। अगर इसे अगले 15 मिनट में एंटीनोड नही मिली तो यह मर जायेगी।"


"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय..........।" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।
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Mast jabardast fantastic
 

kas1709

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प्रिया और शौर्य दोनो की आंखे बहुत देर से खुली। आज कितने दिनों बाद वे सकून से सोए हुए थे। वे जल्दी से तैयार होकर अपना सामान समेटने लगे। होटल से एग्जिट करने के बाद प्रिया गाड़ी ड्राइव करने लगी।


रास्ते में शौर्य को एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों की दुकान दिखी। वह प्रिया से कार रुकवा कर उसने बहुत सारी जड़ी बूटियां और उसके कूटने और पीसने की चीजे वह कार में रखवा दिया। वहा से दोनो चल पड़े इस अनजाने सफर पर। जब कोई ढाबा दिखता तो खाना खा लेते। जब पेट्रोल पंप दिखता तो टंकी फुल करवा लेते। जब नींद आती तो कोई लॉज या होटल में ठहर जाते। ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।


आज वे दोनो गाड़ी चलाते चलाते उत्तर प्रदेश भी पार कर लिए। उन्होंने बिहार में कदम रखा। गाड़ी चलाते चलाते रात तक वे राजगीर डिस्ट्रिक्ट पहुंच चुके थे। गाड़ी अपनी रफ्तार से ही जा रही थी। यह रास्ता काफी सुनसान था। इक्की दुक्की गाड़िया कभी कभी आती जाती दिखाई दे जाती थी। यह रास्ता राजगीर के जंगलों से होकर शहर की ओर जा रहा था।


उनकी गाड़ी तेज रफ्तार से आगे की ओर निकल रही थी। की तभी सन्नाटे को चीरती हुई लड़की की तेज चीख उनके कानो में पड़ी। उन्होंने एकाएक ब्रेक लगा दिया। दोनो कार से उतर गए। अभी वे बाहर निकले ही थे की उनके कानो में एक बार फिर चीख की आवाज सुनाई दी।


दोनो उस तरफ बढ़ गए जहा से आवाज आ रही थी। कुछ आगे जंगल के अंदर प्रवेश करने पर उन्हें हल्की हल्की आवाज सुनाई देने लगी।


"ओय रामू!!!! एकर मुंह बंद कर त!! साली एतना जोर से चिल्लात बीया की काउनो आ जाई!!" यह बात एक मोटे तगड़े आदमी ने कही थी। जैसे वह कमांड दे रहा था वह उस गैंग का लीडर लग रहा था।


वही पर खड़े आदमियों में से एक जो की रामू होगा।, आगे आया और लड़की के मुंह को कपड़े से बांध दिया। लड़की बहुत डर गई थी। उसे हाई डोज का ड्रग्स भी दिया गया था। जिससे वह बेहोशी की हालत में जाने लगी थी।


गैंग लीडर आगे बढ़ा "अब मजा आई, अरे छोकड़िया तू का समझत रही री हमरा के हमर ही गांव से निकलवा के तू कइसे जा सकत है। ई हमार इलाका हई री।"


अभी वह आगे कुछ बोलता उससे पहले ही उसके कानो में तेज चीखें पड़ी। हुआ यह था की जब ये लोग बाते कर रहे थे तब तक प्रिया और शौर्य वहा पहुंच चुके थे। प्रिया को एक पेड़ के पीछे खड़ा करके शौर्य आगे आया। उसने सबसे अंतिम में खड़े आदमी की गर्दन पकड़ी और घुमा दिया। घूमते ही गर्दन टूटने की आवाज आई। आवाज बहुत हल्की थी। उसने अब उस आदमी की हाथो में पकड़े रॉड को अपने हाथो में लिया और तेजी से घुमाने लगा। अभी वहा कोई कुछ कर पाता सभी जमीन पड़ ढेर हो चुके थे।


जब प्रिया ने देखा की वहा कोई जिंदा नहीं बचा तो वह पेड़ के पीछे से बाहर आई। वह शौर्य के इस भयानक रूप को देखकर डर गई थी। उसने शौर्य को कसके गले से लगा लिया।


"दीदी प्लीज़ शांत हो जाइए। अब सब कुछ खत्म हो गया है।" शौर्य अपनी बहन को समझाते हुए बोला। लेकिन प्रिया अभी भी डरी हुई उससे चिपकी हुई थी। शौर्य यह सब प्रिया के सामने नहीं करना चाहता था लेकिन वह जानता था की भविष्य में जब वह बाहर निकलेगा तो उसके दुश्मन प्रिया को भी निशाना बना सकते है। इसीलिए उसने पहले से ही प्रिया को तैयार करने का सोचा। इसके लिए ही उसने सबको इतनी बुरी तरह से मारा था की कौन किसका अंग है किसीको पता भी नही चलेगा।


जब शौर्य को कुछ और नही सुझा तो उसने प्रिया को अपने पीछे से हटाया और अपने साथ कर लिया और सामने दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी ये लोग इस लड़की का रेप करना चाहते थे। और न जाने अब तक कितने लड़किया इनलोगो का शिकार बन चुकी है। मैने तो बस उन्हे अपने किए की सजा दी है।" अभी भी प्रिया को डरी हुई देखकर शौर्य आगे बोला।


"दीदी, मैं आपको एक सच्चाई बताता हूं। दीदी आपका भाई अब इस दुनिया में दो लोगो की जिंदगी जी रहा है। और आप जानती हो वो दूसरा इंसान कौन है??"


"कौन है भाई!!!"


"दीदी जब मैं बेहोश हुआ था तो ऐसा लगा जैसे मैं अंधकार में जा रहा हूं। और मैं मरने वाला हूं। तभी मेरे सामने एक और आत्मा आई। उसने मुझसे कहा था की ' देखो बाहर तुम्हारी बहन तुम्हारा इंतजार कर रही है अगर तुम ही उसका साथ छोड़ दो तो उसको कौन देखेगा।' लेकिन उस वक्त मैं अंधकार में घिरा हुआ था। चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा थी। में किसी और कही जा नही पा रहा था। तो उस आत्मा ने कहा अगर तुम वादा करते हो की मेरा बदला मेरे दुश्मनों से लोग तो मैं तुम्हे यहां से निकलने में मदद करूंगा और साथ ही साथ तुम्हे मेरी सभी यादाश्त भी मिलेगी। मैने उसको प्रोमिश कर दिया। तो वह मेरी आत्मा के साथ मिल गया और मुझको उसके जीवन में घटी सारी घटनाएं पता चली। अब अपना फोन दो मैं उस शख्स को दिखाता हूं की वह कौन है।"


शौर्य इतना कहकर प्रिया के हाथो से फोन लेकर न्यूज ढूंढने लगता है। कुछ देर में उसने आरुष के मौत की खबर को ढूंढा और इसको दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी यही है वह आरुष भाटिया, जो अपने परिवार के प्यार को पाने केलिए वह हर गलत काम करता जो भाटिया ग्रुप्स को फायदा पहुंचा सके। लेकिन अंत में उसे धोखा मिला था। उसकी मंगेतर और सौतेले भाई ने साजिश रच कर उसकी हत्या कर दी और उसकी हत्या की जिम्मेदारी रानी पर लगा दी जो आरुष की सगी बहन ही न सही लेकिन उससे बढ़कर थी। इसीलिए मैं कह रहा हू दीदी इसके जैसा इंसान जब अपनी के धोखे से बच नहीं पाया तो हम कैसे बच सकते है। इसीलिए दीदी मैं कह रहा हू अगर इस संसार में अगर अच्छे से जिंदगी जीनी है तो आपको कभी कभी निर्दयी भी बनना पड़ता है।" शौर्य इतना कहकर चुप हो गया। उसे पता था की इस बात को हज़म करने केलिए प्रिया को कुछ समय लगेंगे। कुछ देर तक दोनो चुप रहे। कुछ देर बाद प्रिया बोली।


"भाई, मैं समझ गई अब मुझे मार्शल आर्ट सीखनी है जिससे समय आने पर खुद की रक्षा कर सकूं। अब चलो पहले इस लड़की को देखो क्या हुआ है। यह बेहोश हो गई है।" प्रिया सामने पड़ी नंगी लड़की को देखते हुए बोलती है। "वैसे भाई इसकी फिगर मस्त है न?"


"हा दी वो तो है!!!" शौर्य अपने सामने पड़ी नंगी लड़की की नब्ज को चेक करने के बाद उसके माथे हाथ और गर्दन की गर्मी को महसूस करने लगा था। "दीदी इसको बहुत ही तेज सेक्स ड्रग्स दिया गया है। अगर इसे अगले 15 मिनट में एंटीनोड नही मिली तो यह मर जायेगी।"


"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय..........।" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।

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Nice update....
 

malikarman

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अध्याय 05: राजगीर, मदद




प्रिया और शौर्य दोनो की आंखे बहुत देर से खुली। आज कितने दिनों बाद वे सकून से सोए हुए थे। वे जल्दी से तैयार होकर अपना सामान समेटने लगे। होटल से एग्जिट करने के बाद प्रिया गाड़ी ड्राइव करने लगी।


रास्ते में शौर्य को एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों की दुकान दिखी। वह प्रिया से कार रुकवा कर उसने बहुत सारी जड़ी बूटियां और उसके कूटने और पीसने की चीजे वह कार में रखवा दिया। वहा से दोनो चल पड़े इस अनजाने सफर पर। जब कोई ढाबा दिखता तो खाना खा लेते। जब पेट्रोल पंप दिखता तो टंकी फुल करवा लेते। जब नींद आती तो कोई लॉज या होटल में ठहर जाते। ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।


आज वे दोनो गाड़ी चलाते चलाते उत्तर प्रदेश भी पार कर लिए। उन्होंने बिहार में कदम रखा। गाड़ी चलाते चलाते रात तक वे राजगीर डिस्ट्रिक्ट पहुंच चुके थे। गाड़ी अपनी रफ्तार से ही जा रही थी। यह रास्ता काफी सुनसान था। इक्की दुक्की गाड़िया कभी कभी आती जाती दिखाई दे जाती थी। यह रास्ता राजगीर के जंगलों से होकर शहर की ओर जा रहा था।


उनकी गाड़ी तेज रफ्तार से आगे की ओर निकल रही थी। की तभी सन्नाटे को चीरती हुई लड़की की तेज चीख उनके कानो में पड़ी। उन्होंने एकाएक ब्रेक लगा दिया। दोनो कार से उतर गए। अभी वे बाहर निकले ही थे की उनके कानो में एक बार फिर चीख की आवाज सुनाई दी।


दोनो उस तरफ बढ़ गए जहा से आवाज आ रही थी। कुछ आगे जंगल के अंदर प्रवेश करने पर उन्हें हल्की हल्की आवाज सुनाई देने लगी।


"ओय रामू!!!! एकर मुंह बंद कर त!! साली एतना जोर से चिल्लात बीया की काउनो आ जाई!!" यह बात एक मोटे तगड़े आदमी ने कही थी। जैसे वह कमांड दे रहा था वह उस गैंग का लीडर लग रहा था।


वही पर खड़े आदमियों में से एक जो की रामू होगा।, आगे आया और लड़की के मुंह को कपड़े से बांध दिया। लड़की बहुत डर गई थी। उसे हाई डोज का ड्रग्स भी दिया गया था। जिससे वह बेहोशी की हालत में जाने लगी थी।


गैंग लीडर आगे बढ़ा "अब मजा आई, अरे छोकड़िया तू का समझत रही री हमरा के हमर ही गांव से निकलवा के तू कइसे जा सकत है। ई हमार इलाका हई री।"


अभी वह आगे कुछ बोलता उससे पहले ही उसके कानो में तेज चीखें पड़ी। हुआ यह था की जब ये लोग बाते कर रहे थे तब तक प्रिया और शौर्य वहा पहुंच चुके थे। प्रिया को एक पेड़ के पीछे खड़ा करके शौर्य आगे आया। उसने सबसे अंतिम में खड़े आदमी की गर्दन पकड़ी और घुमा दिया। घूमते ही गर्दन टूटने की आवाज आई। आवाज बहुत हल्की थी। उसने अब उस आदमी की हाथो में पकड़े रॉड को अपने हाथो में लिया और तेजी से घुमाने लगा। अभी वहा कोई कुछ कर पाता सभी जमीन पड़ ढेर हो चुके थे।


जब प्रिया ने देखा की वहा कोई जिंदा नहीं बचा तो वह पेड़ के पीछे से बाहर आई। वह शौर्य के इस भयानक रूप को देखकर डर गई थी। उसने शौर्य को कसके गले से लगा लिया।


"दीदी प्लीज़ शांत हो जाइए। अब सब कुछ खत्म हो गया है।" शौर्य अपनी बहन को समझाते हुए बोला। लेकिन प्रिया अभी भी डरी हुई उससे चिपकी हुई थी। शौर्य यह सब प्रिया के सामने नहीं करना चाहता था लेकिन वह जानता था की भविष्य में जब वह बाहर निकलेगा तो उसके दुश्मन प्रिया को भी निशाना बना सकते है। इसीलिए उसने पहले से ही प्रिया को तैयार करने का सोचा। इसके लिए ही उसने सबको इतनी बुरी तरह से मारा था की कौन किसका अंग है किसीको पता भी नही चलेगा।


जब शौर्य को कुछ और नही सुझा तो उसने प्रिया को अपने पीछे से हटाया और अपने साथ कर लिया और सामने दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी ये लोग इस लड़की का रेप करना चाहते थे। और न जाने अब तक कितने लड़किया इनलोगो का शिकार बन चुकी है। मैने तो बस उन्हे अपने किए की सजा दी है।" अभी भी प्रिया को डरी हुई देखकर शौर्य आगे बोला।


"दीदी, मैं आपको एक सच्चाई बताता हूं। दीदी आपका भाई अब इस दुनिया में दो लोगो की जिंदगी जी रहा है। और आप जानती हो वो दूसरा इंसान कौन है??"


"कौन है भाई!!!"


"दीदी जब मैं बेहोश हुआ था तो ऐसा लगा जैसे मैं अंधकार में जा रहा हूं। और मैं मरने वाला हूं। तभी मेरे सामने एक और आत्मा आई। उसने मुझसे कहा था की ' देखो बाहर तुम्हारी बहन तुम्हारा इंतजार कर रही है अगर तुम ही उसका साथ छोड़ दो तो उसको कौन देखेगा।' लेकिन उस वक्त मैं अंधकार में घिरा हुआ था। चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा थी। में किसी और कही जा नही पा रहा था। तो उस आत्मा ने कहा अगर तुम वादा करते हो की मेरा बदला मेरे दुश्मनों से लोग तो मैं तुम्हे यहां से निकलने में मदद करूंगा और साथ ही साथ तुम्हे मेरी सभी यादाश्त भी मिलेगी। मैने उसको प्रोमिश कर दिया। तो वह मेरी आत्मा के साथ मिल गया और मुझको उसके जीवन में घटी सारी घटनाएं पता चली। अब अपना फोन दो मैं उस शख्स को दिखाता हूं की वह कौन है।"


शौर्य इतना कहकर प्रिया के हाथो से फोन लेकर न्यूज ढूंढने लगता है। कुछ देर में उसने आरुष के मौत की खबर को ढूंढा और इसको दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी यही है वह आरुष भाटिया, जो अपने परिवार के प्यार को पाने केलिए वह हर गलत काम करता जो भाटिया ग्रुप्स को फायदा पहुंचा सके। लेकिन अंत में उसे धोखा मिला था। उसकी मंगेतर और सौतेले भाई ने साजिश रच कर उसकी हत्या कर दी और उसकी हत्या की जिम्मेदारी रानी पर लगा दी जो आरुष की सगी बहन ही न सही लेकिन उससे बढ़कर थी। इसीलिए मैं कह रहा हू दीदी इसके जैसा इंसान जब अपनी के धोखे से बच नहीं पाया तो हम कैसे बच सकते है। इसीलिए दीदी मैं कह रहा हू अगर इस संसार में अगर अच्छे से जिंदगी जीनी है तो आपको कभी कभी निर्दयी भी बनना पड़ता है।" शौर्य इतना कहकर चुप हो गया। उसे पता था की इस बात को हज़म करने केलिए प्रिया को कुछ समय लगेंगे। कुछ देर तक दोनो चुप रहे। कुछ देर बाद प्रिया बोली।


"भाई, मैं समझ गई अब मुझे मार्शल आर्ट सीखनी है जिससे समय आने पर खुद की रक्षा कर सकूं। अब चलो पहले इस लड़की को देखो क्या हुआ है। यह बेहोश हो गई है।" प्रिया सामने पड़ी नंगी लड़की को देखते हुए बोलती है। "वैसे भाई इसकी फिगर मस्त है न?"


"हा दी वो तो है!!!" शौर्य अपने सामने पड़ी नंगी लड़की की नब्ज को चेक करने के बाद उसके माथे हाथ और गर्दन की गर्मी को महसूस करने लगा था। "दीदी इसको बहुत ही तेज सेक्स ड्रग्स दिया गया है। अगर इसे अगले 15 मिनट में एंटीनोड नही मिली तो यह मर जायेगी।"


"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय..........।" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।

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Lovely update
 
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