• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery एक निर्दयी का पुनर्जन्म : शौर्य

Status
Not open for further replies.

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
10,210
42,633
174
अध्याय 05: राजगीर, मदद




प्रिया और शौर्य दोनो की आंखे बहुत देर से खुली। आज कितने दिनों बाद वे सकून से सोए हुए थे। वे जल्दी से तैयार होकर अपना सामान समेटने लगे। होटल से एग्जिट करने के बाद प्रिया गाड़ी ड्राइव करने लगी।


रास्ते में शौर्य को एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों की दुकान दिखी। वह प्रिया से कार रुकवा कर उसने बहुत सारी जड़ी बूटियां और उसके कूटने और पीसने की चीजे वह कार में रखवा दिया। वहा से दोनो चल पड़े इस अनजाने सफर पर। जब कोई ढाबा दिखता तो खाना खा लेते। जब पेट्रोल पंप दिखता तो टंकी फुल करवा लेते। जब नींद आती तो कोई लॉज या होटल में ठहर जाते। ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।


आज वे दोनो गाड़ी चलाते चलाते उत्तर प्रदेश भी पार कर लिए। उन्होंने बिहार में कदम रखा। गाड़ी चलाते चलाते रात तक वे राजगीर डिस्ट्रिक्ट पहुंच चुके थे। गाड़ी अपनी रफ्तार से ही जा रही थी। यह रास्ता काफी सुनसान था। इक्की दुक्की गाड़िया कभी कभी आती जाती दिखाई दे जाती थी। यह रास्ता राजगीर के जंगलों से होकर शहर की ओर जा रहा था।


उनकी गाड़ी तेज रफ्तार से आगे की ओर निकल रही थी। की तभी सन्नाटे को चीरती हुई लड़की की तेज चीख उनके कानो में पड़ी। उन्होंने एकाएक ब्रेक लगा दिया। दोनो कार से उतर गए। अभी वे बाहर निकले ही थे की उनके कानो में एक बार फिर चीख की आवाज सुनाई दी।


दोनो उस तरफ बढ़ गए जहा से आवाज आ रही थी। कुछ आगे जंगल के अंदर प्रवेश करने पर उन्हें हल्की हल्की आवाज सुनाई देने लगी।


"ओय रामू!!!! एकर मुंह बंद कर त!! साली एतना जोर से चिल्लात बीया की काउनो आ जाई!!" यह बात एक मोटे तगड़े आदमी ने कही थी। जैसे वह कमांड दे रहा था वह उस गैंग का लीडर लग रहा था।


वही पर खड़े आदमियों में से एक जो की रामू होगा।, आगे आया और लड़की के मुंह को कपड़े से बांध दिया। लड़की बहुत डर गई थी। उसे हाई डोज का ड्रग्स भी दिया गया था। जिससे वह बेहोशी की हालत में जाने लगी थी।


गैंग लीडर आगे बढ़ा "अब मजा आई, अरे छोकड़िया तू का समझत रही री हमरा के हमर ही गांव से निकलवा के तू कइसे जा सकत है। ई हमार इलाका हई री।"


अभी वह आगे कुछ बोलता उससे पहले ही उसके कानो में तेज चीखें पड़ी। हुआ यह था की जब ये लोग बाते कर रहे थे तब तक प्रिया और शौर्य वहा पहुंच चुके थे। प्रिया को एक पेड़ के पीछे खड़ा करके शौर्य आगे आया। उसने सबसे अंतिम में खड़े आदमी की गर्दन पकड़ी और घुमा दिया। घूमते ही गर्दन टूटने की आवाज आई। आवाज बहुत हल्की थी। उसने अब उस आदमी की हाथो में पकड़े रॉड को अपने हाथो में लिया और तेजी से घुमाने लगा। अभी वहा कोई कुछ कर पाता सभी जमीन पड़ ढेर हो चुके थे।


जब प्रिया ने देखा की वहा कोई जिंदा नहीं बचा तो वह पेड़ के पीछे से बाहर आई। वह शौर्य के इस भयानक रूप को देखकर डर गई थी। उसने शौर्य को कसके गले से लगा लिया।


"दीदी प्लीज़ शांत हो जाइए। अब सब कुछ खत्म हो गया है।" शौर्य अपनी बहन को समझाते हुए बोला। लेकिन प्रिया अभी भी डरी हुई उससे चिपकी हुई थी। शौर्य यह सब प्रिया के सामने नहीं करना चाहता था लेकिन वह जानता था की भविष्य में जब वह बाहर निकलेगा तो उसके दुश्मन प्रिया को भी निशाना बना सकते है। इसीलिए उसने पहले से ही प्रिया को तैयार करने का सोचा। इसके लिए ही उसने सबको इतनी बुरी तरह से मारा था की कौन किसका अंग है किसीको पता भी नही चलेगा।


जब शौर्य को कुछ और नही सुझा तो उसने प्रिया को अपने पीछे से हटाया और अपने साथ कर लिया और सामने दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी ये लोग इस लड़की का रेप करना चाहते थे। और न जाने अब तक कितने लड़किया इनलोगो का शिकार बन चुकी है। मैने तो बस उन्हे अपने किए की सजा दी है।" अभी भी प्रिया को डरी हुई देखकर शौर्य आगे बोला।


"दीदी, मैं आपको एक सच्चाई बताता हूं। दीदी आपका भाई अब इस दुनिया में दो लोगो की जिंदगी जी रहा है। और आप जानती हो वो दूसरा इंसान कौन है??"


"कौन है भाई!!!"


"दीदी जब मैं बेहोश हुआ था तो ऐसा लगा जैसे मैं अंधकार में जा रहा हूं। और मैं मरने वाला हूं। तभी मेरे सामने एक और आत्मा आई। उसने मुझसे कहा था की ' देखो बाहर तुम्हारी बहन तुम्हारा इंतजार कर रही है अगर तुम ही उसका साथ छोड़ दो तो उसको कौन देखेगा।' लेकिन उस वक्त मैं अंधकार में घिरा हुआ था। चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा थी। में किसी और कही जा नही पा रहा था। तो उस आत्मा ने कहा अगर तुम वादा करते हो की मेरा बदला मेरे दुश्मनों से लोग तो मैं तुम्हे यहां से निकलने में मदद करूंगा और साथ ही साथ तुम्हे मेरी सभी यादाश्त भी मिलेगी। मैने उसको प्रोमिश कर दिया। तो वह मेरी आत्मा के साथ मिल गया और मुझको उसके जीवन में घटी सारी घटनाएं पता चली। अब अपना फोन दो मैं उस शख्स को दिखाता हूं की वह कौन है।"


शौर्य इतना कहकर प्रिया के हाथो से फोन लेकर न्यूज ढूंढने लगता है। कुछ देर में उसने आरुष के मौत की खबर को ढूंढा और इसको दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी यही है वह आरुष भाटिया, जो अपने परिवार के प्यार को पाने केलिए वह हर गलत काम करता जो भाटिया ग्रुप्स को फायदा पहुंचा सके। लेकिन अंत में उसे धोखा मिला था। उसकी मंगेतर और सौतेले भाई ने साजिश रच कर उसकी हत्या कर दी और उसकी हत्या की जिम्मेदारी रानी पर लगा दी जो आरुष की सगी बहन ही न सही लेकिन उससे बढ़कर थी। इसीलिए मैं कह रहा हू दीदी इसके जैसा इंसान जब अपनी के धोखे से बच नहीं पाया तो हम कैसे बच सकते है। इसीलिए दीदी मैं कह रहा हू अगर इस संसार में अगर अच्छे से जिंदगी जीनी है तो आपको कभी कभी निर्दयी भी बनना पड़ता है।" शौर्य इतना कहकर चुप हो गया। उसे पता था की इस बात को हज़म करने केलिए प्रिया को कुछ समय लगेंगे। कुछ देर तक दोनो चुप रहे। कुछ देर बाद प्रिया बोली।


"भाई, मैं समझ गई अब मुझे मार्शल आर्ट सीखनी है जिससे समय आने पर खुद की रक्षा कर सकूं। अब चलो पहले इस लड़की को देखो क्या हुआ है। यह बेहोश हो गई है।" प्रिया सामने पड़ी नंगी लड़की को देखते हुए बोलती है। "वैसे भाई इसकी फिगर मस्त है न?"


"हा दी वो तो है!!!" शौर्य अपने सामने पड़ी नंगी लड़की की नब्ज को चेक करने के बाद उसके माथे हाथ और गर्दन की गर्मी को महसूस करने लगा था। "दीदी इसको बहुत ही तेज सेक्स ड्रग्स दिया गया है। अगर इसे अगले 15 मिनट में एंटीनोड नही मिली तो यह मर जायेगी।"


"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय..........।" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।

*******

Kya baat hai maza aa gya padh kr priya ji Super'b update sandar jabarjast

Shaurya or priya dono apni manjil ki talash me aage badhte hi ja rhe hai or raste me Sayad priya ke liye kuchh jadi butiya bhi kharid li hai, ho sakta hai sarir ko majboot karne ke liye ho, kyoki sarir to shaurya ka hi hai or bahan ko bhi Thik Karna hai...

Ye bihar ke ek jile se hote huye ja rhe the lekin unhe koi chikh sunai deti hai jo madad ke liye pukar rahi thi shaurya ne use bchane ke liye un sabhi gundo ko mar diya or use dekh priya dar gyi hai...

Shaurya ne unhe samjhaya ki vo sirf ek hi jindgi nhi ji sakta hai use dohri jindgi jini padegi pr uske liye khud ko majboot bnane ki jarurat hai, priya ne bhi martal art sikhne ka kaha hai...

Vo ladki ko high dose sex drug diya gya hai jisko jald se jald treatment ki avasyakta hai, Dekhte hai shaurya uske sath sambandh bnata hai ya use Apne ayurvidya se Thik karne ki Kosis karta hai...

Superb :applause:
 

dhparikh

Well-Known Member
9,734
11,311
173
अध्याय 05: राजगीर, मदद




प्रिया और शौर्य दोनो की आंखे बहुत देर से खुली। आज कितने दिनों बाद वे सकून से सोए हुए थे। वे जल्दी से तैयार होकर अपना सामान समेटने लगे। होटल से एग्जिट करने के बाद प्रिया गाड़ी ड्राइव करने लगी।


रास्ते में शौर्य को एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों की दुकान दिखी। वह प्रिया से कार रुकवा कर उसने बहुत सारी जड़ी बूटियां और उसके कूटने और पीसने की चीजे वह कार में रखवा दिया। वहा से दोनो चल पड़े इस अनजाने सफर पर। जब कोई ढाबा दिखता तो खाना खा लेते। जब पेट्रोल पंप दिखता तो टंकी फुल करवा लेते। जब नींद आती तो कोई लॉज या होटल में ठहर जाते। ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।


आज वे दोनो गाड़ी चलाते चलाते उत्तर प्रदेश भी पार कर लिए। उन्होंने बिहार में कदम रखा। गाड़ी चलाते चलाते रात तक वे राजगीर डिस्ट्रिक्ट पहुंच चुके थे। गाड़ी अपनी रफ्तार से ही जा रही थी। यह रास्ता काफी सुनसान था। इक्की दुक्की गाड़िया कभी कभी आती जाती दिखाई दे जाती थी। यह रास्ता राजगीर के जंगलों से होकर शहर की ओर जा रहा था।


उनकी गाड़ी तेज रफ्तार से आगे की ओर निकल रही थी। की तभी सन्नाटे को चीरती हुई लड़की की तेज चीख उनके कानो में पड़ी। उन्होंने एकाएक ब्रेक लगा दिया। दोनो कार से उतर गए। अभी वे बाहर निकले ही थे की उनके कानो में एक बार फिर चीख की आवाज सुनाई दी।


दोनो उस तरफ बढ़ गए जहा से आवाज आ रही थी। कुछ आगे जंगल के अंदर प्रवेश करने पर उन्हें हल्की हल्की आवाज सुनाई देने लगी।


"ओय रामू!!!! एकर मुंह बंद कर त!! साली एतना जोर से चिल्लात बीया की काउनो आ जाई!!" यह बात एक मोटे तगड़े आदमी ने कही थी। जैसे वह कमांड दे रहा था वह उस गैंग का लीडर लग रहा था।


वही पर खड़े आदमियों में से एक जो की रामू होगा।, आगे आया और लड़की के मुंह को कपड़े से बांध दिया। लड़की बहुत डर गई थी। उसे हाई डोज का ड्रग्स भी दिया गया था। जिससे वह बेहोशी की हालत में जाने लगी थी।


गैंग लीडर आगे बढ़ा "अब मजा आई, अरे छोकड़िया तू का समझत रही री हमरा के हमर ही गांव से निकलवा के तू कइसे जा सकत है। ई हमार इलाका हई री।"


अभी वह आगे कुछ बोलता उससे पहले ही उसके कानो में तेज चीखें पड़ी। हुआ यह था की जब ये लोग बाते कर रहे थे तब तक प्रिया और शौर्य वहा पहुंच चुके थे। प्रिया को एक पेड़ के पीछे खड़ा करके शौर्य आगे आया। उसने सबसे अंतिम में खड़े आदमी की गर्दन पकड़ी और घुमा दिया। घूमते ही गर्दन टूटने की आवाज आई। आवाज बहुत हल्की थी। उसने अब उस आदमी की हाथो में पकड़े रॉड को अपने हाथो में लिया और तेजी से घुमाने लगा। अभी वहा कोई कुछ कर पाता सभी जमीन पड़ ढेर हो चुके थे।


जब प्रिया ने देखा की वहा कोई जिंदा नहीं बचा तो वह पेड़ के पीछे से बाहर आई। वह शौर्य के इस भयानक रूप को देखकर डर गई थी। उसने शौर्य को कसके गले से लगा लिया।


"दीदी प्लीज़ शांत हो जाइए। अब सब कुछ खत्म हो गया है।" शौर्य अपनी बहन को समझाते हुए बोला। लेकिन प्रिया अभी भी डरी हुई उससे चिपकी हुई थी। शौर्य यह सब प्रिया के सामने नहीं करना चाहता था लेकिन वह जानता था की भविष्य में जब वह बाहर निकलेगा तो उसके दुश्मन प्रिया को भी निशाना बना सकते है। इसीलिए उसने पहले से ही प्रिया को तैयार करने का सोचा। इसके लिए ही उसने सबको इतनी बुरी तरह से मारा था की कौन किसका अंग है किसीको पता भी नही चलेगा।


जब शौर्य को कुछ और नही सुझा तो उसने प्रिया को अपने पीछे से हटाया और अपने साथ कर लिया और सामने दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी ये लोग इस लड़की का रेप करना चाहते थे। और न जाने अब तक कितने लड़किया इनलोगो का शिकार बन चुकी है। मैने तो बस उन्हे अपने किए की सजा दी है।" अभी भी प्रिया को डरी हुई देखकर शौर्य आगे बोला।


"दीदी, मैं आपको एक सच्चाई बताता हूं। दीदी आपका भाई अब इस दुनिया में दो लोगो की जिंदगी जी रहा है। और आप जानती हो वो दूसरा इंसान कौन है??"


"कौन है भाई!!!"


"दीदी जब मैं बेहोश हुआ था तो ऐसा लगा जैसे मैं अंधकार में जा रहा हूं। और मैं मरने वाला हूं। तभी मेरे सामने एक और आत्मा आई। उसने मुझसे कहा था की ' देखो बाहर तुम्हारी बहन तुम्हारा इंतजार कर रही है अगर तुम ही उसका साथ छोड़ दो तो उसको कौन देखेगा।' लेकिन उस वक्त मैं अंधकार में घिरा हुआ था। चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा थी। में किसी और कही जा नही पा रहा था। तो उस आत्मा ने कहा अगर तुम वादा करते हो की मेरा बदला मेरे दुश्मनों से लोग तो मैं तुम्हे यहां से निकलने में मदद करूंगा और साथ ही साथ तुम्हे मेरी सभी यादाश्त भी मिलेगी। मैने उसको प्रोमिश कर दिया। तो वह मेरी आत्मा के साथ मिल गया और मुझको उसके जीवन में घटी सारी घटनाएं पता चली। अब अपना फोन दो मैं उस शख्स को दिखाता हूं की वह कौन है।"


शौर्य इतना कहकर प्रिया के हाथो से फोन लेकर न्यूज ढूंढने लगता है। कुछ देर में उसने आरुष के मौत की खबर को ढूंढा और इसको दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी यही है वह आरुष भाटिया, जो अपने परिवार के प्यार को पाने केलिए वह हर गलत काम करता जो भाटिया ग्रुप्स को फायदा पहुंचा सके। लेकिन अंत में उसे धोखा मिला था। उसकी मंगेतर और सौतेले भाई ने साजिश रच कर उसकी हत्या कर दी और उसकी हत्या की जिम्मेदारी रानी पर लगा दी जो आरुष की सगी बहन ही न सही लेकिन उससे बढ़कर थी। इसीलिए मैं कह रहा हू दीदी इसके जैसा इंसान जब अपनी के धोखे से बच नहीं पाया तो हम कैसे बच सकते है। इसीलिए दीदी मैं कह रहा हू अगर इस संसार में अगर अच्छे से जिंदगी जीनी है तो आपको कभी कभी निर्दयी भी बनना पड़ता है।" शौर्य इतना कहकर चुप हो गया। उसे पता था की इस बात को हज़म करने केलिए प्रिया को कुछ समय लगेंगे। कुछ देर तक दोनो चुप रहे। कुछ देर बाद प्रिया बोली।


"भाई, मैं समझ गई अब मुझे मार्शल आर्ट सीखनी है जिससे समय आने पर खुद की रक्षा कर सकूं। अब चलो पहले इस लड़की को देखो क्या हुआ है। यह बेहोश हो गई है।" प्रिया सामने पड़ी नंगी लड़की को देखते हुए बोलती है। "वैसे भाई इसकी फिगर मस्त है न?"


"हा दी वो तो है!!!" शौर्य अपने सामने पड़ी नंगी लड़की की नब्ज को चेक करने के बाद उसके माथे हाथ और गर्दन की गर्मी को महसूस करने लगा था। "दीदी इसको बहुत ही तेज सेक्स ड्रग्स दिया गया है। अगर इसे अगले 15 मिनट में एंटीनोड नही मिली तो यह मर जायेगी।"


"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय..........।" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।

*******
Nice update....
 

Riitesh02

Creepy Reader
863
2,878
138
अध्याय 05: राजगीर, मदद




प्रिया और शौर्य दोनो की आंखे बहुत देर से खुली। आज कितने दिनों बाद वे सकून से सोए हुए थे। वे जल्दी से तैयार होकर अपना सामान समेटने लगे। होटल से एग्जिट करने के बाद प्रिया गाड़ी ड्राइव करने लगी।


रास्ते में शौर्य को एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों की दुकान दिखी। वह प्रिया से कार रुकवा कर उसने बहुत सारी जड़ी बूटियां और उसके कूटने और पीसने की चीजे वह कार में रखवा दिया। वहा से दोनो चल पड़े इस अनजाने सफर पर। जब कोई ढाबा दिखता तो खाना खा लेते। जब पेट्रोल पंप दिखता तो टंकी फुल करवा लेते। जब नींद आती तो कोई लॉज या होटल में ठहर जाते। ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।


आज वे दोनो गाड़ी चलाते चलाते उत्तर प्रदेश भी पार कर लिए। उन्होंने बिहार में कदम रखा। गाड़ी चलाते चलाते रात तक वे राजगीर डिस्ट्रिक्ट पहुंच चुके थे। गाड़ी अपनी रफ्तार से ही जा रही थी। यह रास्ता काफी सुनसान था। इक्की दुक्की गाड़िया कभी कभी आती जाती दिखाई दे जाती थी। यह रास्ता राजगीर के जंगलों से होकर शहर की ओर जा रहा था।


उनकी गाड़ी तेज रफ्तार से आगे की ओर निकल रही थी। की तभी सन्नाटे को चीरती हुई लड़की की तेज चीख उनके कानो में पड़ी। उन्होंने एकाएक ब्रेक लगा दिया। दोनो कार से उतर गए। अभी वे बाहर निकले ही थे की उनके कानो में एक बार फिर चीख की आवाज सुनाई दी।


दोनो उस तरफ बढ़ गए जहा से आवाज आ रही थी। कुछ आगे जंगल के अंदर प्रवेश करने पर उन्हें हल्की हल्की आवाज सुनाई देने लगी।


"ओय रामू!!!! एकर मुंह बंद कर त!! साली एतना जोर से चिल्लात बीया की काउनो आ जाई!!" यह बात एक मोटे तगड़े आदमी ने कही थी। जैसे वह कमांड दे रहा था वह उस गैंग का लीडर लग रहा था।


वही पर खड़े आदमियों में से एक जो की रामू होगा।, आगे आया और लड़की के मुंह को कपड़े से बांध दिया। लड़की बहुत डर गई थी। उसे हाई डोज का ड्रग्स भी दिया गया था। जिससे वह बेहोशी की हालत में जाने लगी थी।


गैंग लीडर आगे बढ़ा "अब मजा आई, अरे छोकड़िया तू का समझत रही री हमरा के हमर ही गांव से निकलवा के तू कइसे जा सकत है। ई हमार इलाका हई री।"


अभी वह आगे कुछ बोलता उससे पहले ही उसके कानो में तेज चीखें पड़ी। हुआ यह था की जब ये लोग बाते कर रहे थे तब तक प्रिया और शौर्य वहा पहुंच चुके थे। प्रिया को एक पेड़ के पीछे खड़ा करके शौर्य आगे आया। उसने सबसे अंतिम में खड़े आदमी की गर्दन पकड़ी और घुमा दिया। घूमते ही गर्दन टूटने की आवाज आई। आवाज बहुत हल्की थी। उसने अब उस आदमी की हाथो में पकड़े रॉड को अपने हाथो में लिया और तेजी से घुमाने लगा। अभी वहा कोई कुछ कर पाता सभी जमीन पड़ ढेर हो चुके थे।


जब प्रिया ने देखा की वहा कोई जिंदा नहीं बचा तो वह पेड़ के पीछे से बाहर आई। वह शौर्य के इस भयानक रूप को देखकर डर गई थी। उसने शौर्य को कसके गले से लगा लिया।


"दीदी प्लीज़ शांत हो जाइए। अब सब कुछ खत्म हो गया है।" शौर्य अपनी बहन को समझाते हुए बोला। लेकिन प्रिया अभी भी डरी हुई उससे चिपकी हुई थी। शौर्य यह सब प्रिया के सामने नहीं करना चाहता था लेकिन वह जानता था की भविष्य में जब वह बाहर निकलेगा तो उसके दुश्मन प्रिया को भी निशाना बना सकते है। इसीलिए उसने पहले से ही प्रिया को तैयार करने का सोचा। इसके लिए ही उसने सबको इतनी बुरी तरह से मारा था की कौन किसका अंग है किसीको पता भी नही चलेगा।


जब शौर्य को कुछ और नही सुझा तो उसने प्रिया को अपने पीछे से हटाया और अपने साथ कर लिया और सामने दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी ये लोग इस लड़की का रेप करना चाहते थे। और न जाने अब तक कितने लड़किया इनलोगो का शिकार बन चुकी है। मैने तो बस उन्हे अपने किए की सजा दी है।" अभी भी प्रिया को डरी हुई देखकर शौर्य आगे बोला।


"दीदी, मैं आपको एक सच्चाई बताता हूं। दीदी आपका भाई अब इस दुनिया में दो लोगो की जिंदगी जी रहा है। और आप जानती हो वो दूसरा इंसान कौन है??"


"कौन है भाई!!!"


"दीदी जब मैं बेहोश हुआ था तो ऐसा लगा जैसे मैं अंधकार में जा रहा हूं। और मैं मरने वाला हूं। तभी मेरे सामने एक और आत्मा आई। उसने मुझसे कहा था की ' देखो बाहर तुम्हारी बहन तुम्हारा इंतजार कर रही है अगर तुम ही उसका साथ छोड़ दो तो उसको कौन देखेगा।' लेकिन उस वक्त मैं अंधकार में घिरा हुआ था। चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा थी। में किसी और कही जा नही पा रहा था। तो उस आत्मा ने कहा अगर तुम वादा करते हो की मेरा बदला मेरे दुश्मनों से लोग तो मैं तुम्हे यहां से निकलने में मदद करूंगा और साथ ही साथ तुम्हे मेरी सभी यादाश्त भी मिलेगी। मैने उसको प्रोमिश कर दिया। तो वह मेरी आत्मा के साथ मिल गया और मुझको उसके जीवन में घटी सारी घटनाएं पता चली। अब अपना फोन दो मैं उस शख्स को दिखाता हूं की वह कौन है।"


शौर्य इतना कहकर प्रिया के हाथो से फोन लेकर न्यूज ढूंढने लगता है। कुछ देर में उसने आरुष के मौत की खबर को ढूंढा और इसको दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी यही है वह आरुष भाटिया, जो अपने परिवार के प्यार को पाने केलिए वह हर गलत काम करता जो भाटिया ग्रुप्स को फायदा पहुंचा सके। लेकिन अंत में उसे धोखा मिला था। उसकी मंगेतर और सौतेले भाई ने साजिश रच कर उसकी हत्या कर दी और उसकी हत्या की जिम्मेदारी रानी पर लगा दी जो आरुष की सगी बहन ही न सही लेकिन उससे बढ़कर थी। इसीलिए मैं कह रहा हू दीदी इसके जैसा इंसान जब अपनी के धोखे से बच नहीं पाया तो हम कैसे बच सकते है। इसीलिए दीदी मैं कह रहा हू अगर इस संसार में अगर अच्छे से जिंदगी जीनी है तो आपको कभी कभी निर्दयी भी बनना पड़ता है।" शौर्य इतना कहकर चुप हो गया। उसे पता था की इस बात को हज़म करने केलिए प्रिया को कुछ समय लगेंगे। कुछ देर तक दोनो चुप रहे। कुछ देर बाद प्रिया बोली।


"भाई, मैं समझ गई अब मुझे मार्शल आर्ट सीखनी है जिससे समय आने पर खुद की रक्षा कर सकूं। अब चलो पहले इस लड़की को देखो क्या हुआ है। यह बेहोश हो गई है।" प्रिया सामने पड़ी नंगी लड़की को देखते हुए बोलती है। "वैसे भाई इसकी फिगर मस्त है न?"


"हा दी वो तो है!!!" शौर्य अपने सामने पड़ी नंगी लड़की की नब्ज को चेक करने के बाद उसके माथे हाथ और गर्दन की गर्मी को महसूस करने लगा था। "दीदी इसको बहुत ही तेज सेक्स ड्रग्स दिया गया है। अगर इसे अगले 15 मिनट में एंटीनोड नही मिली तो यह मर जायेगी।"


"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय..........।" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।

*******
Badhiya update tha Priya ji
Ye story toh bhai 0 se sidha 100 me chale gai haha.
Mai soch rha tha story diesel engine ki tarah dhire dhire speed pakdegi lekin yaha toh apna hero kitne log ko tapka bhi liya aur apni behen ko apna raaz bhi bata diya ab next update me lag rha ghapa ghap bhi krne wala hai.
Dekhne hai Priya aur Shaurya kaise bachate hai ladki ko sex drug se.
 

Vk248517

I love Fantasy and Sci-fiction story.
5,771
17,828
189
अध्याय 05: राजगीर, मदद




प्रिया और शौर्य दोनो की आंखे बहुत देर से खुली। आज कितने दिनों बाद वे सकून से सोए हुए थे। वे जल्दी से तैयार होकर अपना सामान समेटने लगे। होटल से एग्जिट करने के बाद प्रिया गाड़ी ड्राइव करने लगी।


रास्ते में शौर्य को एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों की दुकान दिखी। वह प्रिया से कार रुकवा कर उसने बहुत सारी जड़ी बूटियां और उसके कूटने और पीसने की चीजे वह कार में रखवा दिया। वहा से दोनो चल पड़े इस अनजाने सफर पर। जब कोई ढाबा दिखता तो खाना खा लेते। जब पेट्रोल पंप दिखता तो टंकी फुल करवा लेते। जब नींद आती तो कोई लॉज या होटल में ठहर जाते। ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।


आज वे दोनो गाड़ी चलाते चलाते उत्तर प्रदेश भी पार कर लिए। उन्होंने बिहार में कदम रखा। गाड़ी चलाते चलाते रात तक वे राजगीर डिस्ट्रिक्ट पहुंच चुके थे। गाड़ी अपनी रफ्तार से ही जा रही थी। यह रास्ता काफी सुनसान था। इक्की दुक्की गाड़िया कभी कभी आती जाती दिखाई दे जाती थी। यह रास्ता राजगीर के जंगलों से होकर शहर की ओर जा रहा था।


उनकी गाड़ी तेज रफ्तार से आगे की ओर निकल रही थी। की तभी सन्नाटे को चीरती हुई लड़की की तेज चीख उनके कानो में पड़ी। उन्होंने एकाएक ब्रेक लगा दिया। दोनो कार से उतर गए। अभी वे बाहर निकले ही थे की उनके कानो में एक बार फिर चीख की आवाज सुनाई दी।


दोनो उस तरफ बढ़ गए जहा से आवाज आ रही थी। कुछ आगे जंगल के अंदर प्रवेश करने पर उन्हें हल्की हल्की आवाज सुनाई देने लगी।


"ओय रामू!!!! एकर मुंह बंद कर त!! साली एतना जोर से चिल्लात बीया की काउनो आ जाई!!" यह बात एक मोटे तगड़े आदमी ने कही थी। जैसे वह कमांड दे रहा था वह उस गैंग का लीडर लग रहा था।


वही पर खड़े आदमियों में से एक जो की रामू होगा।, आगे आया और लड़की के मुंह को कपड़े से बांध दिया। लड़की बहुत डर गई थी। उसे हाई डोज का ड्रग्स भी दिया गया था। जिससे वह बेहोशी की हालत में जाने लगी थी।


गैंग लीडर आगे बढ़ा "अब मजा आई, अरे छोकड़िया तू का समझत रही री हमरा के हमर ही गांव से निकलवा के तू कइसे जा सकत है। ई हमार इलाका हई री।"


अभी वह आगे कुछ बोलता उससे पहले ही उसके कानो में तेज चीखें पड़ी। हुआ यह था की जब ये लोग बाते कर रहे थे तब तक प्रिया और शौर्य वहा पहुंच चुके थे। प्रिया को एक पेड़ के पीछे खड़ा करके शौर्य आगे आया। उसने सबसे अंतिम में खड़े आदमी की गर्दन पकड़ी और घुमा दिया। घूमते ही गर्दन टूटने की आवाज आई। आवाज बहुत हल्की थी। उसने अब उस आदमी की हाथो में पकड़े रॉड को अपने हाथो में लिया और तेजी से घुमाने लगा। अभी वहा कोई कुछ कर पाता सभी जमीन पड़ ढेर हो चुके थे।


जब प्रिया ने देखा की वहा कोई जिंदा नहीं बचा तो वह पेड़ के पीछे से बाहर आई। वह शौर्य के इस भयानक रूप को देखकर डर गई थी। उसने शौर्य को कसके गले से लगा लिया।


"दीदी प्लीज़ शांत हो जाइए। अब सब कुछ खत्म हो गया है।" शौर्य अपनी बहन को समझाते हुए बोला। लेकिन प्रिया अभी भी डरी हुई उससे चिपकी हुई थी। शौर्य यह सब प्रिया के सामने नहीं करना चाहता था लेकिन वह जानता था की भविष्य में जब वह बाहर निकलेगा तो उसके दुश्मन प्रिया को भी निशाना बना सकते है। इसीलिए उसने पहले से ही प्रिया को तैयार करने का सोचा। इसके लिए ही उसने सबको इतनी बुरी तरह से मारा था की कौन किसका अंग है किसीको पता भी नही चलेगा।


जब शौर्य को कुछ और नही सुझा तो उसने प्रिया को अपने पीछे से हटाया और अपने साथ कर लिया और सामने दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी ये लोग इस लड़की का रेप करना चाहते थे। और न जाने अब तक कितने लड़किया इनलोगो का शिकार बन चुकी है। मैने तो बस उन्हे अपने किए की सजा दी है।" अभी भी प्रिया को डरी हुई देखकर शौर्य आगे बोला।


"दीदी, मैं आपको एक सच्चाई बताता हूं। दीदी आपका भाई अब इस दुनिया में दो लोगो की जिंदगी जी रहा है। और आप जानती हो वो दूसरा इंसान कौन है??"


"कौन है भाई!!!"


"दीदी जब मैं बेहोश हुआ था तो ऐसा लगा जैसे मैं अंधकार में जा रहा हूं। और मैं मरने वाला हूं। तभी मेरे सामने एक और आत्मा आई। उसने मुझसे कहा था की ' देखो बाहर तुम्हारी बहन तुम्हारा इंतजार कर रही है अगर तुम ही उसका साथ छोड़ दो तो उसको कौन देखेगा।' लेकिन उस वक्त मैं अंधकार में घिरा हुआ था। चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा थी। में किसी और कही जा नही पा रहा था। तो उस आत्मा ने कहा अगर तुम वादा करते हो की मेरा बदला मेरे दुश्मनों से लोग तो मैं तुम्हे यहां से निकलने में मदद करूंगा और साथ ही साथ तुम्हे मेरी सभी यादाश्त भी मिलेगी। मैने उसको प्रोमिश कर दिया। तो वह मेरी आत्मा के साथ मिल गया और मुझको उसके जीवन में घटी सारी घटनाएं पता चली। अब अपना फोन दो मैं उस शख्स को दिखाता हूं की वह कौन है।"


शौर्य इतना कहकर प्रिया के हाथो से फोन लेकर न्यूज ढूंढने लगता है। कुछ देर में उसने आरुष के मौत की खबर को ढूंढा और इसको दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी यही है वह आरुष भाटिया, जो अपने परिवार के प्यार को पाने केलिए वह हर गलत काम करता जो भाटिया ग्रुप्स को फायदा पहुंचा सके। लेकिन अंत में उसे धोखा मिला था। उसकी मंगेतर और सौतेले भाई ने साजिश रच कर उसकी हत्या कर दी और उसकी हत्या की जिम्मेदारी रानी पर लगा दी जो आरुष की सगी बहन ही न सही लेकिन उससे बढ़कर थी। इसीलिए मैं कह रहा हू दीदी इसके जैसा इंसान जब अपनी के धोखे से बच नहीं पाया तो हम कैसे बच सकते है। इसीलिए दीदी मैं कह रहा हू अगर इस संसार में अगर अच्छे से जिंदगी जीनी है तो आपको कभी कभी निर्दयी भी बनना पड़ता है।" शौर्य इतना कहकर चुप हो गया। उसे पता था की इस बात को हज़म करने केलिए प्रिया को कुछ समय लगेंगे। कुछ देर तक दोनो चुप रहे। कुछ देर बाद प्रिया बोली।


"भाई, मैं समझ गई अब मुझे मार्शल आर्ट सीखनी है जिससे समय आने पर खुद की रक्षा कर सकूं। अब चलो पहले इस लड़की को देखो क्या हुआ है। यह बेहोश हो गई है।" प्रिया सामने पड़ी नंगी लड़की को देखते हुए बोलती है। "वैसे भाई इसकी फिगर मस्त है न?"


"हा दी वो तो है!!!" शौर्य अपने सामने पड़ी नंगी लड़की की नब्ज को चेक करने के बाद उसके माथे हाथ और गर्दन की गर्मी को महसूस करने लगा था। "दीदी इसको बहुत ही तेज सेक्स ड्रग्स दिया गया है। अगर इसे अगले 15 मिनट में एंटीनोड नही मिली तो यह मर जायेगी।"


"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय..........।" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।

*******
Nice updates🎉👍
 

Ouseph

New Member
96
445
53
शानदार, रोमांचक और उत्तेजक अपडेट। कहानी कई सवाल पूर्व के भागो में छोड़ गई थी, जिनके जवाब धीरे धीरे मिल रहे हैं। कहानी यूं ही संतुलित तरीके से आगे बढ़ाते रहें। धन्यवाद
 

X123

Banned
87
331
63
अध्याय 02 : पुनर्जन्म


मनाली लाइफ केयर हॉस्पिटल

"मैं तुम्हे नहीं छोडूंगा रजत भाटिया। हर एक से गिन गिन कर बदला लूंगा।" आरुष को जैसे ही होश आता है वह अपने मन में सोचने लगता है….

"Huh मैं कैसे सोच सकता हू मै तो समुंद्र में कूद गया था न यानी की मै जिंदा हूं। हा हा हा…." आरुष मन ही मन सोचता है उसने अपनी आंखे खोलने की कोशिश की लेकिन उसे बहुत ही तेज सिर दर्द होने लगा। उसके दिमाग में एक लड़के की पूरी जिंदगी चलने लगी थी। करीब एक घंटे बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ। उसने अपनी आंखे खोलकर देखा तो उसके बगल में एक लड़की उसका हाथ पकड़े सोई हुई थी। उसके सामने एक बड़ी सी TV पर एक ब्रेकिंग न्यूज चल रही थी।

एंकर जोर जोर से बोल रहा था "मुंबई की जाने माने बिजनेसमैन महेंद्र भाटिया के बेटे आरुष भाटिया की समुंद्र में मौत हो गई। उनकी हत्या उनके ही भरोसेमंद साथी रानी मल्होत्रा ने की है। पोस्टमार्टम में पता चला है की उनपर रानी ने अपनी बंदूक से पांच गोलियां चलाई थी। उसके बाद उन्होंने खुद ही अपनी बंदूक से अपनी हत्या कर ली। और दोनो समुंद्र में कूद गए।"

यह सुनते ही आरुष की आंखे नम हो गई। रानी उसकी बहन की तरह थी। उसकी भी हत्या सबने मिलकर कर दी। उसने बगल से TV की रिमोट उठाई और टीवी को बंद कर दिया।

आरुष अपने आप को शांत करता है। फिर वह वर्तमान के बारे में सोचने लगता हैं। वह अभी जिस लड़के के शरीर में था उसका नाम शौर्य वर्मा था। उसका परिवार एक मिडिल क्लास फैमिली से belong करती थी। कल उसका अठारहवां जन्मदिन था। उसके परिवार में कुल 8 लोग थे। उसके माता पिता, और पांच बड़ी बहने। वह नीलम नाम की एक लड़की से प्यार करता था जो उसके ही क्लास में पढ़ा करती थी।

फ्लैसबैक

कल रात उसने अपने जन्मदिन की पार्टी रखी थी। जिसमे अपने दो दोस्त रोहन, सोहन और साथ ही नीलम को भी बुलवाया था। रोहन एक हाई क्लास परिवार का लड़का था। वही सोहन और नीलम मिडिल क्लास परिवार से थे।

शौर्य दिखने में ज्यादा हैंडसम नहीं था थोड़ा सांवला ही था। लेकिन उसके नैन नक्श बहुत ही अच्छे थे। वह और नीलम एक दूसरे से बहुत ही प्यार करते थे। लेकिन आज की पार्टी में कुछ देर केलिए नीलम और रोहन गायब हो गए थे। जब उसने सोहन से पूछा तो उसने उसे बताया की नीलम घर के पीछे गार्डन में गई है। वह भी वहा चला गया। घर के पीछे एक छोटा सा गार्डन था। वहा पर रोहन और नीलम एक दूसरे के हाथ में हाथ डाले बैठे हुए थे।

"नीलू अब कब तक उस चपरगंजू के साथ रहेगी। छोर दे ना उसको और मैं तुमसे शादी करने केलिए तैयार हूं।" रोहन नीलम से बोलता है।

"रोहन तुम जानते हो उससे मुझे क्या काम है। मैने तो उसे अपने नोट्स बनाने केलिए साथ रखा है। वह एक मजदूर की तरह हम सभी के नोट्स बनाता है। इतना अच्छा मजदूर हम कहा ढूंढ कर लायेंगे।" इतना कहकर वह रोहन के होंठो पर एक किस कर देती है। और बोलती है "उसकी तो अभी तक हिम्मत ही नहीं हुई है मुझे एक किस भी कर सके। वह कहता की यह सब हम शादी के बाद करेंगे। हा हा हा…."

शौर्य उनकी बात सुनकर आग बबूला हो गया। अभी दोनो कुछ और बोलते पीछे से शौर्य ने एक मुक्का रोहन के कंधे पर मारा। जिससे रोहन दर्द से बिलबिलाता वहा से निकल गया।

वही शौर्य गुस्से से नीलम के पास गया और उसको एक थप्पड़ मारा। वह उसके चेहरे को पकड़कर उसको बुरी तरह किस करने लगा। शौर्य नीलम के कंधे को पकड़ा और उसके ड्रेस को कंधे से फाड़ते हुए बोला। "कितने पैसे लेगी यह सब करने के लिए बोल……"

"शौर्य मुझे छोड़ दो… मैं तुमसे हाथ जोड़कर कहती हूं।"

"बोल ना कितने पैसे चाहिए।" शौर्य अपना गुस्सा में सब कुछ भूल चुका था की वह कहा है और क्या कर रहा है आज उसके विश्वास को तोड़ा गया था।

उधर सोहन पार्टी में जाकर सबको गार्डन भेज देता है की शौर्य सबको पीछे बुला रहा है। जब सभी आ ही रहे थे की उन्हे दर्द में रोहन दिखाई देता है। पूछने पर रोहन बताता है की शौर्य नीलम के साथ बदतमीजी कर रहा था जब मैंने उसे समझने की कोसिस की तो उसने मुझे मुक्का मार दिया। जल्दी चलिए और नीलम को बचा लो वरना पता नहीं वह क्या करेगा।

सब जल्दी जल्दी वहा पहुंचे तो उनके कानो में शौर्य की गुस्से भरी आखिरी वाक्य पड़ी। जब सबने यह सुना तो सब लोग शौर्य को पीटने लगे केवल एक को छोड़कर वह थी प्रिया शौर्य की पांचवी बहन और उससे एक साल बड़ी।

प्रिया अपने भाई से बहुत प्यार करती थी। वह थोड़ी मोटी और सावली थी। उसे शौर्य पर पूरा भरोसा था। उसे दुख तो हुआ की उसके भाई ने ये शब्द कैसे बोले लेकिन वह अपने भाई को सबसे अच्छे से जानती थी। उसने आते हुए शौर्य के आंखो में आंसू देख लिए थे। उसे पता था की कुछ तो जरूर हुआ होगा इसीलिए शौर्य ने अपना आपा खो दिया है।

प्रिया बचपन से ही थोड़ी मोटी और सावली थी इसलिए उसके साथ कोई भी नही खेला करता उसकी चारो बहने गोरे थे। जब शौर्य का जन्म हुआ तो वह भी सांवला था। उसे भी कोई प्यार नही करता था। इसीलिए शौर्य बचपन से ही प्रिया के साथ खेलता था। प्रिया को पता था की अभी उसके बोलने से कोई फायदा नही है। घर में कोई भी शौर्य या उसकी बात नही सुनेगा। वह यह भी जानती थी की शौर्य को लोग बहुत बुरी तरह घायल करेंगे।

प्रिया अपने घर की तरफ तेजी से भागी। उसने अपने कार की चाभी, एटीएम कार्ड लिए। उसने शौर्य और अपने सारे डॉक्यूमेंट्स एक बैग में पैक किए साथ ही वह कुछ कपड़े भी पैक कर लिए थे। वह भागते हुए नीचे आई। उसने देखा की शौर्य को अभी भी सब मार रहे है। उसने सबको अलग किया। वह शौर्य को ले जाते हुए बोली "आपलोगो ने मेरे भाई के साथ जो किया है उसका फल ईश्वर आपको जरूर देगा। मैं घर छोड़कर जा रही हू। आप लोग रहिए इस घर में।" इतना बोलकर प्रिया वहा से निकल गई।
______

शौर्य के सर में बहुत तेज चोट के कारण उसकी मौत सुबह ही हो गई थी और आरुष की आत्मा उसमे आ गई थी। आरुष ने अपने आप से कहा आज से वह शौर्य की जिंदगी जिएगा। उसकी सारी तकलीफ मेरी होगी। आज से आरुष दुनिया केलिए मार गया और रह गया तो शौर्य वर्मा!!!
*************
Nice update
 

X123

Banned
87
331
63
अध्याय 05: राजगीर, मदद




प्रिया और शौर्य दोनो की आंखे बहुत देर से खुली। आज कितने दिनों बाद वे सकून से सोए हुए थे। वे जल्दी से तैयार होकर अपना सामान समेटने लगे। होटल से एग्जिट करने के बाद प्रिया गाड़ी ड्राइव करने लगी।


रास्ते में शौर्य को एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों की दुकान दिखी। वह प्रिया से कार रुकवा कर उसने बहुत सारी जड़ी बूटियां और उसके कूटने और पीसने की चीजे वह कार में रखवा दिया। वहा से दोनो चल पड़े इस अनजाने सफर पर। जब कोई ढाबा दिखता तो खाना खा लेते। जब पेट्रोल पंप दिखता तो टंकी फुल करवा लेते। जब नींद आती तो कोई लॉज या होटल में ठहर जाते। ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।


आज वे दोनो गाड़ी चलाते चलाते उत्तर प्रदेश भी पार कर लिए। उन्होंने बिहार में कदम रखा। गाड़ी चलाते चलाते रात तक वे राजगीर डिस्ट्रिक्ट पहुंच चुके थे। गाड़ी अपनी रफ्तार से ही जा रही थी। यह रास्ता काफी सुनसान था। इक्की दुक्की गाड़िया कभी कभी आती जाती दिखाई दे जाती थी। यह रास्ता राजगीर के जंगलों से होकर शहर की ओर जा रहा था।


उनकी गाड़ी तेज रफ्तार से आगे की ओर निकल रही थी। की तभी सन्नाटे को चीरती हुई लड़की की तेज चीख उनके कानो में पड़ी। उन्होंने एकाएक ब्रेक लगा दिया। दोनो कार से उतर गए। अभी वे बाहर निकले ही थे की उनके कानो में एक बार फिर चीख की आवाज सुनाई दी।


दोनो उस तरफ बढ़ गए जहा से आवाज आ रही थी। कुछ आगे जंगल के अंदर प्रवेश करने पर उन्हें हल्की हल्की आवाज सुनाई देने लगी।


"ओय रामू!!!! एकर मुंह बंद कर त!! साली एतना जोर से चिल्लात बीया की काउनो आ जाई!!" यह बात एक मोटे तगड़े आदमी ने कही थी। जैसे वह कमांड दे रहा था वह उस गैंग का लीडर लग रहा था।


वही पर खड़े आदमियों में से एक जो की रामू होगा।, आगे आया और लड़की के मुंह को कपड़े से बांध दिया। लड़की बहुत डर गई थी। उसे हाई डोज का ड्रग्स भी दिया गया था। जिससे वह बेहोशी की हालत में जाने लगी थी।


गैंग लीडर आगे बढ़ा "अब मजा आई, अरे छोकड़िया तू का समझत रही री हमरा के हमर ही गांव से निकलवा के तू कइसे जा सकत है। ई हमार इलाका हई री।"


अभी वह आगे कुछ बोलता उससे पहले ही उसके कानो में तेज चीखें पड़ी। हुआ यह था की जब ये लोग बाते कर रहे थे तब तक प्रिया और शौर्य वहा पहुंच चुके थे। प्रिया को एक पेड़ के पीछे खड़ा करके शौर्य आगे आया। उसने सबसे अंतिम में खड़े आदमी की गर्दन पकड़ी और घुमा दिया। घूमते ही गर्दन टूटने की आवाज आई। आवाज बहुत हल्की थी। उसने अब उस आदमी की हाथो में पकड़े रॉड को अपने हाथो में लिया और तेजी से घुमाने लगा। अभी वहा कोई कुछ कर पाता सभी जमीन पड़ ढेर हो चुके थे।


जब प्रिया ने देखा की वहा कोई जिंदा नहीं बचा तो वह पेड़ के पीछे से बाहर आई। वह शौर्य के इस भयानक रूप को देखकर डर गई थी। उसने शौर्य को कसके गले से लगा लिया।


"दीदी प्लीज़ शांत हो जाइए। अब सब कुछ खत्म हो गया है।" शौर्य अपनी बहन को समझाते हुए बोला। लेकिन प्रिया अभी भी डरी हुई उससे चिपकी हुई थी। शौर्य यह सब प्रिया के सामने नहीं करना चाहता था लेकिन वह जानता था की भविष्य में जब वह बाहर निकलेगा तो उसके दुश्मन प्रिया को भी निशाना बना सकते है। इसीलिए उसने पहले से ही प्रिया को तैयार करने का सोचा। इसके लिए ही उसने सबको इतनी बुरी तरह से मारा था की कौन किसका अंग है किसीको पता भी नही चलेगा।


जब शौर्य को कुछ और नही सुझा तो उसने प्रिया को अपने पीछे से हटाया और अपने साथ कर लिया और सामने दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी ये लोग इस लड़की का रेप करना चाहते थे। और न जाने अब तक कितने लड़किया इनलोगो का शिकार बन चुकी है। मैने तो बस उन्हे अपने किए की सजा दी है।" अभी भी प्रिया को डरी हुई देखकर शौर्य आगे बोला।


"दीदी, मैं आपको एक सच्चाई बताता हूं। दीदी आपका भाई अब इस दुनिया में दो लोगो की जिंदगी जी रहा है। और आप जानती हो वो दूसरा इंसान कौन है??"


"कौन है भाई!!!"


"दीदी जब मैं बेहोश हुआ था तो ऐसा लगा जैसे मैं अंधकार में जा रहा हूं। और मैं मरने वाला हूं। तभी मेरे सामने एक और आत्मा आई। उसने मुझसे कहा था की ' देखो बाहर तुम्हारी बहन तुम्हारा इंतजार कर रही है अगर तुम ही उसका साथ छोड़ दो तो उसको कौन देखेगा।' लेकिन उस वक्त मैं अंधकार में घिरा हुआ था। चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा थी। में किसी और कही जा नही पा रहा था। तो उस आत्मा ने कहा अगर तुम वादा करते हो की मेरा बदला मेरे दुश्मनों से लोग तो मैं तुम्हे यहां से निकलने में मदद करूंगा और साथ ही साथ तुम्हे मेरी सभी यादाश्त भी मिलेगी। मैने उसको प्रोमिश कर दिया। तो वह मेरी आत्मा के साथ मिल गया और मुझको उसके जीवन में घटी सारी घटनाएं पता चली। अब अपना फोन दो मैं उस शख्स को दिखाता हूं की वह कौन है।"


शौर्य इतना कहकर प्रिया के हाथो से फोन लेकर न्यूज ढूंढने लगता है। कुछ देर में उसने आरुष के मौत की खबर को ढूंढा और इसको दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी यही है वह आरुष भाटिया, जो अपने परिवार के प्यार को पाने केलिए वह हर गलत काम करता जो भाटिया ग्रुप्स को फायदा पहुंचा सके। लेकिन अंत में उसे धोखा मिला था। उसकी मंगेतर और सौतेले भाई ने साजिश रच कर उसकी हत्या कर दी और उसकी हत्या की जिम्मेदारी रानी पर लगा दी जो आरुष की सगी बहन ही न सही लेकिन उससे बढ़कर थी। इसीलिए मैं कह रहा हू दीदी इसके जैसा इंसान जब अपनी के धोखे से बच नहीं पाया तो हम कैसे बच सकते है। इसीलिए दीदी मैं कह रहा हू अगर इस संसार में अगर अच्छे से जिंदगी जीनी है तो आपको कभी कभी निर्दयी भी बनना पड़ता है।" शौर्य इतना कहकर चुप हो गया। उसे पता था की इस बात को हज़म करने केलिए प्रिया को कुछ समय लगेंगे। कुछ देर तक दोनो चुप रहे। कुछ देर बाद प्रिया बोली।


"भाई, मैं समझ गई अब मुझे मार्शल आर्ट सीखनी है जिससे समय आने पर खुद की रक्षा कर सकूं। अब चलो पहले इस लड़की को देखो क्या हुआ है। यह बेहोश हो गई है।" प्रिया सामने पड़ी नंगी लड़की को देखते हुए बोलती है। "वैसे भाई इसकी फिगर मस्त है न?"


"हा दी वो तो है!!!" शौर्य अपने सामने पड़ी नंगी लड़की की नब्ज को चेक करने के बाद उसके माथे हाथ और गर्दन की गर्मी को महसूस करने लगा था। "दीदी इसको बहुत ही तेज सेक्स ड्रग्स दिया गया है। अगर इसे अगले 15 मिनट में एंटीनोड नही मिली तो यह मर जायेगी।"


"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय..........।" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।

*******
Waiting for next
 
Status
Not open for further replies.
Top