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Adultery एक निर्दयी का पुनर्जन्म : शौर्य

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Sanju@

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अध्याय 06: इलाज



"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय……" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।


"दीदी दूसरा उपाय इनके साथ सेक्स करना है लेकिन बिना किसी की मर्जी के साथ सेक्स करना क्या अच्छा रहेगा।" शौर्य प्रिया की बात समझते हुए बोला।


"भाई अब आपने जान बचाई है तो आप ऐसे ही इसे छोड़कर तो जा नही सकते। है ना?" प्रिया लड़की को देखते हुए बोली "इसको देखकर ऐसा लगता है जैसे कोई अपनी हो!! आपको भी ऐसा लगता है क्या!!!"


"हा दीदी, ऐसा तब ही लगता है जब मैं आपके साथ होता हूं। जैसे कोई अपनी हो और अलग हो गई हो।"


"भाई ये सब छोड़ो और पहले इसको बचाओ।"


"लेकिन दीदी आप…"


"आह!! तुम मेरी फिक्र मत कर बचपन से तुझे नंगा देखती आ रही हूं। एकबार और देख लिया तो कुछ नहीं होगा और वैसे भी तुम्हारी वो दी गई दवाई के खाने से नींद बहुत जल्दी आती है।" शौर्य ने पहले से ही प्रिया और अपने लिए सारी दवाई बना ली थी। प्रिया जब भी दवाई लेती तो उनको किसी लॉज में रुकना पड़ता था। क्योंकि उसको खाकर एक तो प्रिया को बहुत ही नींद आती थी और दूसरी उसके पूरे शरीर से काली काली खून के साथ गंदगी भी निकलती थी तो वह बिना नहाए नही रह सकती थी। अब तक उसकी शरीर काफी बदल चुकी थी। अब वह पहले के मुकाबले पतली हो गई थी। आज वह कार में ही दवा लेना चाहती थी जिससे भाई को शर्म ना आए। "वैसे भाई कभी किया है तूने।"


"अरे दीदी कैसी बाते करती हो। एक और उपाय है दीदी लेकिन आपको मेरी मदद करनी होगी।" शौर्य कुछ सोचते हुए बोला।


"क्या और भी उपाय है!! तो पहले क्यों नही बताया।" प्रिया खुशी से बोली। वह भी नही चाहती थी उसके भाई को बिना सामने वाले की मर्जी से सेक्स करना पड़े।


"दीदी आप अपनी दवाई की दो गोलियां इनको खिला दो और यह तेल उसके पूरे शरीर पर मालिश कर दो।" शौर्य ने प्रिया केलिए दो चीजे बनाई थी। एक दवाई की गोली और एक दवाई जो तेल में मिलाई गई थी जिसे वह प्रिया को बाद में देने वाला था।


जब प्रिया ने यह सुना तो वह तुरंत रही हो गई। दोनो लड़की को कार की पिछली सीट पर लिटा दिया। शौर्य बाहर खड़ा हो गया। वही सबसे पहले प्रिया ने दो गोलियां पानी में घोलकर उसे चम्मच से लड़की को पिलाई। उसके बाद उसको तेल से मालिश करना शुरू कर दिया। लड़की कोई अठारह साल की लग रही थी।


उसको देखकर लग रहा था की यह बहुत ही अमीर घर की लड़की होगी। प्रिया को शौर्य बताता गया की क्या करना है। वह भी उसके अनुसार लड़की के शरीर की मालिश करने लगी। पूरे दो घंटे के मालिश के बाद अंत में जब शौर्य ने प्रिया को लड़की के चूत की भी मालीश करने को कहा तो प्रिया शर्मा गई और वह रुक गई।


"क्या हुआ दीदी!!" जब गाड़ी के अंदर से कोई हलचल नहीं हुई तो शौर्य ने पूछा।


"क्या यह करना जरूरी है।" प्रिया शर्माते हुए शौर्य से पूछी। जिससे शौर्य की हंसी छूट गई फिर वह गंभीर होते हुए प्रिया को बताता है।


"दीदी जो दवाई हमने पहले इस लड़की को दिया वह इस लड़की के शरीर में मौजूद ड्रग्स को खून से तो अलग कर दिया मगर फिर भी हम इसको शरीर से बाहर जल्दी नहीं निकाल सकते थे जो लड़की के लिए हानिकारक थी। मगर जब आप इस तेल से लड़की के हरेक बॉडी पार्ट्स को मालिश कर रही थी तो उससे उसके रक्त संचार की शक्ति बहुत तेज हो गई। जिसके कारण बहुत जल्द ही बॉडी के हर पार्ट्स से मौजूद ड्रग्स को किडनी में ले गया। मगर यह जागी हुई नही है जिसके कारण यह मूत नही सकती। अब आपको इसे एक्साइट करना होगा जिसके कारण लड़की मूतने लगे। समझ गई दीदी!!"


"हा बाबा समझ गई। करती हु मै भी यह!!" प्रिया चिढ़ते हुए बोली। खैर कुछ ही देर में प्रिया की मेहनत रंग लाई। प्रिया ने लड़की के नीचे एक टूटी हुई बाल्टी लगा दी थी जो शौर्य कही से ढूंढकर लाया था। जब सब काम हो गया तो शौर्य ने एक बार उस लड़की की हालत चेक की। अब सब नॉर्मल लग रहा था। "दीदी अब सब नॉर्मल है। बहुत सारे ड्रग्स निकल चुके है। जो कुछ बचे है वह कल सुबह शहर जाकर एंटीनॉड लेने से निकल जायेंगे।"


शौर्य प्रिया को सोने केलिए बोल देता है। प्रिया भी उस लड़की के साथ ही लेट गई थी। उसने कार के बीच एक परदा टांग दिया था। शौर्य भी अंदर आगे की शीट पर सो जाता है।


_________________


राजगीर शहर के शर्मा निवास में……


उस बड़े से बंगले के कमरे में,


एक आदमी और एक औरत बैठे हुए थे। वे कुछ परेशान लग रहे थे। उनके सामने एक नौकर सर झुकाए खड़ा था। तभी एक नौकर भागते हुए आया।


"मालिक निशा बिटिया घर में कही मिल नहीं रही है। मैने उनके दूसरे घर में भी चेक करवाया था वहा पर भी नही है और उनका फोन भी नही लगा रहा है।" नौकर की बात सुनकर आदमी और औरत दोनो परेशान हो गए।


"अब क्या करे जी यह लड़की तो हमारी सुनती ही नही। रात भर बाहर ही रहती है। आज न जाने मेरा मन भी शांत नही हो रहा है। लग रहा है जैसे कुछ होने वाला है।" औरत बोलती है।


"मुझे भी यही लग रहा है। लेकिन पहले भी तो वह घर से बाहर गई हुई थी। लेकिन कभी इतनी रात तक घर से बाहर नहीं रही। इन सब में हमारा ही तो दोष है।" आदमी भी धीरे से आह भरते हुए बोला। उसके आवाज में लाचारी साफ झलक रही थी।


"लेकिन लड़कियों को लड़ना झगड़ना कोई अच्छी बात है क्या जी!!" औरत थोड़ा निराश होते हुए बोली।


"ऐसी बात नही है लेकिन उसे अपनी सुरक्षा करना भी तो आना चाहिए। है ना। नही तो आज हम इतना परेशान नही होते।" आदमी धीरे से बोला।



वे दोनो ऐसे ही बहुत देर तक बाते करते रहे और अंतिम में सोने चले गए।
*********
शानदार अपडेट
शौर्य ने आयुष के आर्युवेद के ज्ञान की वजह से प्रिया को ठीक कर दिया है साथ में उस लड़की निशा की भी जान बचा ली है वो भी बिना सेक्स किए लगता था सेक्स के अलावा कोई दूसरा एंटीडॉज नही है लेकिन आयुष के ज्ञान के कारण बिना किसी की मर्जी बिना सेक्स किए उसकी जान बच गई
प्रिया और शौर्य ने कहा कि लड़की अपनी सी लगती हैं क्या आयुष का निशा से कोई रिश्ता है या शौर्य से कोई नया रिश्ता बनेगा देखते हैं
 

Sanju@

Well-Known Member
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शानदार अपडेट।

शौर्य अपने पिछले जन्म के ज्ञान का भरपूर उपयोग कर रहा है और अभी के समय में तो दूसरों की मदद ही करता दिख रहा है।

निशा भी इस कहानी का अहम किरदार होने वाली है, शायद कहानी की नायिका।
हमे भी लगता है कहानी की नायिका निशा ही होने वाली है
 

Alex Xender

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अध्याय 06: इलाज



"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय……" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।


"दीदी दूसरा उपाय इनके साथ सेक्स करना है लेकिन बिना किसी की मर्जी के साथ सेक्स करना क्या अच्छा रहेगा।" शौर्य प्रिया की बात समझते हुए बोला।


"भाई अब आपने जान बचाई है तो आप ऐसे ही इसे छोड़कर तो जा नही सकते। है ना?" प्रिया लड़की को देखते हुए बोली "इसको देखकर ऐसा लगता है जैसे कोई अपनी हो!! आपको भी ऐसा लगता है क्या!!!"


"हा दीदी, ऐसा तब ही लगता है जब मैं आपके साथ होता हूं। जैसे कोई अपनी हो और अलग हो गई हो।"


"भाई ये सब छोड़ो और पहले इसको बचाओ।"


"लेकिन दीदी आप…"


"आह!! तुम मेरी फिक्र मत कर बचपन से तुझे नंगा देखती आ रही हूं। एकबार और देख लिया तो कुछ नहीं होगा और वैसे भी तुम्हारी वो दी गई दवाई के खाने से नींद बहुत जल्दी आती है।" शौर्य ने पहले से ही प्रिया और अपने लिए सारी दवाई बना ली थी। प्रिया जब भी दवाई लेती तो उनको किसी लॉज में रुकना पड़ता था। क्योंकि उसको खाकर एक तो प्रिया को बहुत ही नींद आती थी और दूसरी उसके पूरे शरीर से काली काली खून के साथ गंदगी भी निकलती थी तो वह बिना नहाए नही रह सकती थी। अब तक उसकी शरीर काफी बदल चुकी थी। अब वह पहले के मुकाबले पतली हो गई थी। आज वह कार में ही दवा लेना चाहती थी जिससे भाई को शर्म ना आए। "वैसे भाई कभी किया है तूने।"


"अरे दीदी कैसी बाते करती हो। एक और उपाय है दीदी लेकिन आपको मेरी मदद करनी होगी।" शौर्य कुछ सोचते हुए बोला।


"क्या और भी उपाय है!! तो पहले क्यों नही बताया।" प्रिया खुशी से बोली। वह भी नही चाहती थी उसके भाई को बिना सामने वाले की मर्जी से सेक्स करना पड़े।


"दीदी आप अपनी दवाई की दो गोलियां इनको खिला दो और यह तेल उसके पूरे शरीर पर मालिश कर दो।" शौर्य ने प्रिया केलिए दो चीजे बनाई थी। एक दवाई की गोली और एक दवाई जो तेल में मिलाई गई थी जिसे वह प्रिया को बाद में देने वाला था।


जब प्रिया ने यह सुना तो वह तुरंत रही हो गई। दोनो लड़की को कार की पिछली सीट पर लिटा दिया। शौर्य बाहर खड़ा हो गया। वही सबसे पहले प्रिया ने दो गोलियां पानी में घोलकर उसे चम्मच से लड़की को पिलाई। उसके बाद उसको तेल से मालिश करना शुरू कर दिया। लड़की कोई अठारह साल की लग रही थी।


उसको देखकर लग रहा था की यह बहुत ही अमीर घर की लड़की होगी। प्रिया को शौर्य बताता गया की क्या करना है। वह भी उसके अनुसार लड़की के शरीर की मालिश करने लगी। पूरे दो घंटे के मालिश के बाद अंत में जब शौर्य ने प्रिया को लड़की के चूत की भी मालीश करने को कहा तो प्रिया शर्मा गई और वह रुक गई।


"क्या हुआ दीदी!!" जब गाड़ी के अंदर से कोई हलचल नहीं हुई तो शौर्य ने पूछा।


"क्या यह करना जरूरी है।" प्रिया शर्माते हुए शौर्य से पूछी। जिससे शौर्य की हंसी छूट गई फिर वह गंभीर होते हुए प्रिया को बताता है।


"दीदी जो दवाई हमने पहले इस लड़की को दिया वह इस लड़की के शरीर में मौजूद ड्रग्स को खून से तो अलग कर दिया मगर फिर भी हम इसको शरीर से बाहर जल्दी नहीं निकाल सकते थे जो लड़की के लिए हानिकारक थी। मगर जब आप इस तेल से लड़की के हरेक बॉडी पार्ट्स को मालिश कर रही थी तो उससे उसके रक्त संचार की शक्ति बहुत तेज हो गई। जिसके कारण बहुत जल्द ही बॉडी के हर पार्ट्स से मौजूद ड्रग्स को किडनी में ले गया। मगर यह जागी हुई नही है जिसके कारण यह मूत नही सकती। अब आपको इसे एक्साइट करना होगा जिसके कारण लड़की मूतने लगे। समझ गई दीदी!!"


"हा बाबा समझ गई। करती हु मै भी यह!!" प्रिया चिढ़ते हुए बोली। खैर कुछ ही देर में प्रिया की मेहनत रंग लाई। प्रिया ने लड़की के नीचे एक टूटी हुई बाल्टी लगा दी थी जो शौर्य कही से ढूंढकर लाया था। जब सब काम हो गया तो शौर्य ने एक बार उस लड़की की हालत चेक की। अब सब नॉर्मल लग रहा था। "दीदी अब सब नॉर्मल है। बहुत सारे ड्रग्स निकल चुके है। जो कुछ बचे है वह कल सुबह शहर जाकर एंटीनॉड लेने से निकल जायेंगे।"


शौर्य प्रिया को सोने केलिए बोल देता है। प्रिया भी उस लड़की के साथ ही लेट गई थी। उसने कार के बीच एक परदा टांग दिया था। शौर्य भी अंदर आगे की शीट पर सो जाता है।


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राजगीर शहर के शर्मा निवास में……


उस बड़े से बंगले के कमरे में,


एक आदमी और एक औरत बैठे हुए थे। वे कुछ परेशान लग रहे थे। उनके सामने एक नौकर सर झुकाए खड़ा था। तभी एक नौकर भागते हुए आया।


"मालिक निशा बिटिया घर में कही मिल नहीं रही है। मैने उनके दूसरे घर में भी चेक करवाया था वहा पर भी नही है और उनका फोन भी नही लगा रहा है।" नौकर की बात सुनकर आदमी और औरत दोनो परेशान हो गए।


"अब क्या करे जी यह लड़की तो हमारी सुनती ही नही। रात भर बाहर ही रहती है। आज न जाने मेरा मन भी शांत नही हो रहा है। लग रहा है जैसे कुछ होने वाला है।" औरत बोलती है।


"मुझे भी यही लग रहा है। लेकिन पहले भी तो वह घर से बाहर गई हुई थी। लेकिन कभी इतनी रात तक घर से बाहर नहीं रही। इन सब में हमारा ही तो दोष है।" आदमी भी धीरे से आह भरते हुए बोला। उसके आवाज में लाचारी साफ झलक रही थी।


"लेकिन लड़कियों को लड़ना झगड़ना कोई अच्छी बात है क्या जी!!" औरत थोड़ा निराश होते हुए बोली।


"ऐसी बात नही है लेकिन उसे अपनी सुरक्षा करना भी तो आना चाहिए। है ना। नही तो आज हम इतना परेशान नही होते।" आदमी धीरे से बोला।



वे दोनो ऐसे ही बहुत देर तक बाते करते रहे और अंतिम में सोने चले गए।
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ashish_1982_in

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अध्याय 02 : पुनर्जन्म


मनाली लाइफ केयर हॉस्पिटल

"मैं तुम्हे नहीं छोडूंगा रजत भाटिया। हर एक से गिन गिन कर बदला लूंगा।" आरुष को जैसे ही होश आता है वह अपने मन में सोचने लगता है….

"Huh मैं कैसे सोच सकता हू मै तो समुंद्र में कूद गया था न यानी की मै जिंदा हूं। हा हा हा…." आरुष मन ही मन सोचता है उसने अपनी आंखे खोलने की कोशिश की लेकिन उसे बहुत ही तेज सिर दर्द होने लगा। उसके दिमाग में एक लड़के की पूरी जिंदगी चलने लगी थी। करीब एक घंटे बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ। उसने अपनी आंखे खोलकर देखा तो उसके बगल में एक लड़की उसका हाथ पकड़े सोई हुई थी। उसके सामने एक बड़ी सी TV पर एक ब्रेकिंग न्यूज चल रही थी।

एंकर जोर जोर से बोल रहा था "मुंबई की जाने माने बिजनेसमैन महेंद्र भाटिया के बेटे आरुष भाटिया की समुंद्र में मौत हो गई। उनकी हत्या उनके ही भरोसेमंद साथी रानी मल्होत्रा ने की है। पोस्टमार्टम में पता चला है की उनपर रानी ने अपनी बंदूक से पांच गोलियां चलाई थी। उसके बाद उन्होंने खुद ही अपनी बंदूक से अपनी हत्या कर ली। और दोनो समुंद्र में कूद गए।"

यह सुनते ही आरुष की आंखे नम हो गई। रानी उसकी बहन की तरह थी। उसकी भी हत्या सबने मिलकर कर दी। उसने बगल से TV की रिमोट उठाई और टीवी को बंद कर दिया।

आरुष अपने आप को शांत करता है। फिर वह वर्तमान के बारे में सोचने लगता हैं। वह अभी जिस लड़के के शरीर में था उसका नाम शौर्य वर्मा था। उसका परिवार एक मिडिल क्लास फैमिली से belong करती थी। कल उसका अठारहवां जन्मदिन था। उसके परिवार में कुल 8 लोग थे। उसके माता पिता, और पांच बड़ी बहने। वह नीलम नाम की एक लड़की से प्यार करता था जो उसके ही क्लास में पढ़ा करती थी।

फ्लैसबैक

कल रात उसने अपने जन्मदिन की पार्टी रखी थी। जिसमे अपने दो दोस्त रोहन, सोहन और साथ ही नीलम को भी बुलवाया था। रोहन एक हाई क्लास परिवार का लड़का था। वही सोहन और नीलम मिडिल क्लास परिवार से थे।

शौर्य दिखने में ज्यादा हैंडसम नहीं था थोड़ा सांवला ही था। लेकिन उसके नैन नक्श बहुत ही अच्छे थे। वह और नीलम एक दूसरे से बहुत ही प्यार करते थे। लेकिन आज की पार्टी में कुछ देर केलिए नीलम और रोहन गायब हो गए थे। जब उसने सोहन से पूछा तो उसने उसे बताया की नीलम घर के पीछे गार्डन में गई है। वह भी वहा चला गया। घर के पीछे एक छोटा सा गार्डन था। वहा पर रोहन और नीलम एक दूसरे के हाथ में हाथ डाले बैठे हुए थे।

"नीलू अब कब तक उस चपरगंजू के साथ रहेगी। छोर दे ना उसको और मैं तुमसे शादी करने केलिए तैयार हूं।" रोहन नीलम से बोलता है।

"रोहन तुम जानते हो उससे मुझे क्या काम है। मैने तो उसे अपने नोट्स बनाने केलिए साथ रखा है। वह एक मजदूर की तरह हम सभी के नोट्स बनाता है। इतना अच्छा मजदूर हम कहा ढूंढ कर लायेंगे।" इतना कहकर वह रोहन के होंठो पर एक किस कर देती है। और बोलती है "उसकी तो अभी तक हिम्मत ही नहीं हुई है मुझे एक किस भी कर सके। वह कहता की यह सब हम शादी के बाद करेंगे। हा हा हा…."

शौर्य उनकी बात सुनकर आग बबूला हो गया। अभी दोनो कुछ और बोलते पीछे से शौर्य ने एक मुक्का रोहन के कंधे पर मारा। जिससे रोहन दर्द से बिलबिलाता वहा से निकल गया।

वही शौर्य गुस्से से नीलम के पास गया और उसको एक थप्पड़ मारा। वह उसके चेहरे को पकड़कर उसको बुरी तरह किस करने लगा। शौर्य नीलम के कंधे को पकड़ा और उसके ड्रेस को कंधे से फाड़ते हुए बोला। "कितने पैसे लेगी यह सब करने के लिए बोल……"

"शौर्य मुझे छोड़ दो… मैं तुमसे हाथ जोड़कर कहती हूं।"

"बोल ना कितने पैसे चाहिए।" शौर्य अपना गुस्सा में सब कुछ भूल चुका था की वह कहा है और क्या कर रहा है आज उसके विश्वास को तोड़ा गया था।

उधर सोहन पार्टी में जाकर सबको गार्डन भेज देता है की शौर्य सबको पीछे बुला रहा है। जब सभी आ ही रहे थे की उन्हे दर्द में रोहन दिखाई देता है। पूछने पर रोहन बताता है की शौर्य नीलम के साथ बदतमीजी कर रहा था जब मैंने उसे समझने की कोसिस की तो उसने मुझे मुक्का मार दिया। जल्दी चलिए और नीलम को बचा लो वरना पता नहीं वह क्या करेगा।

सब जल्दी जल्दी वहा पहुंचे तो उनके कानो में शौर्य की गुस्से भरी आखिरी वाक्य पड़ी। जब सबने यह सुना तो सब लोग शौर्य को पीटने लगे केवल एक को छोड़कर वह थी प्रिया शौर्य की पांचवी बहन और उससे एक साल बड़ी।

प्रिया अपने भाई से बहुत प्यार करती थी। वह थोड़ी मोटी और सावली थी। उसे शौर्य पर पूरा भरोसा था। उसे दुख तो हुआ की उसके भाई ने ये शब्द कैसे बोले लेकिन वह अपने भाई को सबसे अच्छे से जानती थी। उसने आते हुए शौर्य के आंखो में आंसू देख लिए थे। उसे पता था की कुछ तो जरूर हुआ होगा इसीलिए शौर्य ने अपना आपा खो दिया है।

प्रिया बचपन से ही थोड़ी मोटी और सावली थी इसलिए उसके साथ कोई भी नही खेला करता उसकी चारो बहने गोरे थे। जब शौर्य का जन्म हुआ तो वह भी सांवला था। उसे भी कोई प्यार नही करता था। इसीलिए शौर्य बचपन से ही प्रिया के साथ खेलता था। प्रिया को पता था की अभी उसके बोलने से कोई फायदा नही है। घर में कोई भी शौर्य या उसकी बात नही सुनेगा। वह यह भी जानती थी की शौर्य को लोग बहुत बुरी तरह घायल करेंगे।

प्रिया अपने घर की तरफ तेजी से भागी। उसने अपने कार की चाभी, एटीएम कार्ड लिए। उसने शौर्य और अपने सारे डॉक्यूमेंट्स एक बैग में पैक किए साथ ही वह कुछ कपड़े भी पैक कर लिए थे। वह भागते हुए नीचे आई। उसने देखा की शौर्य को अभी भी सब मार रहे है। उसने सबको अलग किया। वह शौर्य को ले जाते हुए बोली "आपलोगो ने मेरे भाई के साथ जो किया है उसका फल ईश्वर आपको जरूर देगा। मैं घर छोड़कर जा रही हू। आप लोग रहिए इस घर में।" इतना बोलकर प्रिया वहा से निकल गई।
______

शौर्य के सर में बहुत तेज चोट के कारण उसकी मौत सुबह ही हो गई थी और आरुष की आत्मा उसमे आ गई थी। आरुष ने अपने आप से कहा आज से वह शौर्य की जिंदगी जिएगा। उसकी सारी तकलीफ मेरी होगी। आज से आरुष दुनिया केलिए मार गया और रह गया तो शौर्य वर्मा!!!
*************
very nice update
 

ashish_1982_in

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अध्याय 03: सफर



"भाई भाई…… डॉक्टर देखो ना भाई को क्या हो गया है वह बोल क्यों नहीं रहा है।" जब प्रिया शौर्य को ऐसे आंखे खोले हुए देखती है तो वह शौर्य को आवाज लगती है। लेकिन जब शौर्य कोई जबाव नहीं देता तो उसे अपने भाई केलिए डर लगने लगता है।


"दीदी मैं ठीक हूं। अब चलो यहां से।" शौर्य अपनी सोच में आते हुए प्रिया से बोलता है।


"थैंक गॉड तुम ठीक हो। वरना मैं क्या करती।" प्रिया बोली। "एक बार चेकअप करवा ले भाई फिर चलते है।"


"ठीक है" शौर्य बोलता है। फिर कुछ सोचकर "दीदी हमलोग तो घर छोड़कर चले आए अब हम कहा जाएंगे।"


"भाई अब मनाली में रहने का मेरा मन नही करता चलो कहीं और चलते है।"


"ठीक है दीदी!!" शौर्य इतना कहता है की डॉक्टर आ जाते है।


डॉक्टर चेकअप करने के बाद "यह बिलकुल ठीक है। इसे कुछ नही हुआ है। आप इन्हे ले जा सकती है। बस खाने पीने का ध्यान रखिएगा।"


यह सब बताकर डॉक्टर वार्ड से बाहर चला गया। शौर्य प्रिया की मदद से हॉस्पिटल से बाहर आकर कार में बैठ जाता है।


प्रिया कार चलाने लगती है। वह कार अपने और शौर्य के स्कूल की तरफ ले जाती है। उसे ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने थे। कुछ देर बाद जब प्रिया स्कूल पहुंचती है तो करीब दोपहर के एक बज चुके थे। वह शौर्य को कार में बिठाकर प्रिंसिपल ऑफिस चली जाती है। जब प्रिंसिपल को पता चलता है की दोनो स्कूल छोड़कर जा रहे है तो उसे बहुत ही बुरा लगता है। क्योंकि दोनो स्कूल के टॉप स्टूडेंट थे।


प्रिया आकर कार में बैठ जाती है। तब शौर्य उससे पूछता है "हम कहा चल रहे है।"


"पहले तो खाना खाने उसके बाद ही फिर सोचेंगे।" प्रिया चुप हो जाती है। कुछ देर बाद प्रिया कार एक ढाबे के पास रोकती है। वहा से खाने का पैकेट और पानी की बोतल लेकर प्रिया फिर कार में आ बैठती है। दोनो साथ खाना खाते हैं। प्रिया खाते वक्त कुछ सोच रही थी।


"दीदी आपने कुछ सोचा की हम कहा जाएंगे।" शौर्य प्रिया से एक बार फिर पूछता है।


"भाई जब हमारे सामने सब रास्ते बंद हो जाते है न तो ईश्वर हमे कोई न कोई रास्ता दिखा ही देता है। चलो चलते है, सायद कुछ देर में हमे कोई रास्ता मिल जाए।" प्रिया शौर्य को इतना व्याकुल देख उसे समझाती है। "तुम इस सब के बारे में मत सोचो अभी तुम्हे आराम करना चाहिए।"


प्रिया रातभर हाईवे पर गाड़ी चलती रही। पता नही कितने सहर पार कर चुके थे। जब कुछ सुबह हुई तो उसने कार एक पार्क के बाहर खड़ी कर दी और वही सोने लगी। उसकी नींद 11 बजे खुली। उसने फिर गाड़ी आगे बढ़ाई और एक होटल के सामने रोका। उसने रिसेप्शन पर जाकर एंट्री की। फिर वह शौर्य के साथ रूम में चली गई।


दोनो नहा धो कर तैयार हो कर नीचे आए। उन्होंने होटल के रेस्टोरेंट में ही अपना खाना खाया और फिर आराम करने लगे। उनकी नींद शाम को खुली। पता करने पर उन्हें मालूम हुआ की वे लोग रातभर ड्राइव करते हुए दिल्ली में है।


दोनो ने एक रात और होटल में रुकने का फैसला करते है।


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Very nice update
 

tpk

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अध्याय 06: इलाज



"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय……" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।


"दीदी दूसरा उपाय इनके साथ सेक्स करना है लेकिन बिना किसी की मर्जी के साथ सेक्स करना क्या अच्छा रहेगा।" शौर्य प्रिया की बात समझते हुए बोला।


"भाई अब आपने जान बचाई है तो आप ऐसे ही इसे छोड़कर तो जा नही सकते। है ना?" प्रिया लड़की को देखते हुए बोली "इसको देखकर ऐसा लगता है जैसे कोई अपनी हो!! आपको भी ऐसा लगता है क्या!!!"


"हा दीदी, ऐसा तब ही लगता है जब मैं आपके साथ होता हूं। जैसे कोई अपनी हो और अलग हो गई हो।"


"भाई ये सब छोड़ो और पहले इसको बचाओ।"


"लेकिन दीदी आप…"


"आह!! तुम मेरी फिक्र मत कर बचपन से तुझे नंगा देखती आ रही हूं। एकबार और देख लिया तो कुछ नहीं होगा और वैसे भी तुम्हारी वो दी गई दवाई के खाने से नींद बहुत जल्दी आती है।" शौर्य ने पहले से ही प्रिया और अपने लिए सारी दवाई बना ली थी। प्रिया जब भी दवाई लेती तो उनको किसी लॉज में रुकना पड़ता था। क्योंकि उसको खाकर एक तो प्रिया को बहुत ही नींद आती थी और दूसरी उसके पूरे शरीर से काली काली खून के साथ गंदगी भी निकलती थी तो वह बिना नहाए नही रह सकती थी। अब तक उसकी शरीर काफी बदल चुकी थी। अब वह पहले के मुकाबले पतली हो गई थी। आज वह कार में ही दवा लेना चाहती थी जिससे भाई को शर्म ना आए। "वैसे भाई कभी किया है तूने।"


"अरे दीदी कैसी बाते करती हो। एक और उपाय है दीदी लेकिन आपको मेरी मदद करनी होगी।" शौर्य कुछ सोचते हुए बोला।


"क्या और भी उपाय है!! तो पहले क्यों नही बताया।" प्रिया खुशी से बोली। वह भी नही चाहती थी उसके भाई को बिना सामने वाले की मर्जी से सेक्स करना पड़े।


"दीदी आप अपनी दवाई की दो गोलियां इनको खिला दो और यह तेल उसके पूरे शरीर पर मालिश कर दो।" शौर्य ने प्रिया केलिए दो चीजे बनाई थी। एक दवाई की गोली और एक दवाई जो तेल में मिलाई गई थी जिसे वह प्रिया को बाद में देने वाला था।


जब प्रिया ने यह सुना तो वह तुरंत रही हो गई। दोनो लड़की को कार की पिछली सीट पर लिटा दिया। शौर्य बाहर खड़ा हो गया। वही सबसे पहले प्रिया ने दो गोलियां पानी में घोलकर उसे चम्मच से लड़की को पिलाई। उसके बाद उसको तेल से मालिश करना शुरू कर दिया। लड़की कोई अठारह साल की लग रही थी।


उसको देखकर लग रहा था की यह बहुत ही अमीर घर की लड़की होगी। प्रिया को शौर्य बताता गया की क्या करना है। वह भी उसके अनुसार लड़की के शरीर की मालिश करने लगी। पूरे दो घंटे के मालिश के बाद अंत में जब शौर्य ने प्रिया को लड़की के चूत की भी मालीश करने को कहा तो प्रिया शर्मा गई और वह रुक गई।


"क्या हुआ दीदी!!" जब गाड़ी के अंदर से कोई हलचल नहीं हुई तो शौर्य ने पूछा।


"क्या यह करना जरूरी है।" प्रिया शर्माते हुए शौर्य से पूछी। जिससे शौर्य की हंसी छूट गई फिर वह गंभीर होते हुए प्रिया को बताता है।


"दीदी जो दवाई हमने पहले इस लड़की को दिया वह इस लड़की के शरीर में मौजूद ड्रग्स को खून से तो अलग कर दिया मगर फिर भी हम इसको शरीर से बाहर जल्दी नहीं निकाल सकते थे जो लड़की के लिए हानिकारक थी। मगर जब आप इस तेल से लड़की के हरेक बॉडी पार्ट्स को मालिश कर रही थी तो उससे उसके रक्त संचार की शक्ति बहुत तेज हो गई। जिसके कारण बहुत जल्द ही बॉडी के हर पार्ट्स से मौजूद ड्रग्स को किडनी में ले गया। मगर यह जागी हुई नही है जिसके कारण यह मूत नही सकती। अब आपको इसे एक्साइट करना होगा जिसके कारण लड़की मूतने लगे। समझ गई दीदी!!"


"हा बाबा समझ गई। करती हु मै भी यह!!" प्रिया चिढ़ते हुए बोली। खैर कुछ ही देर में प्रिया की मेहनत रंग लाई। प्रिया ने लड़की के नीचे एक टूटी हुई बाल्टी लगा दी थी जो शौर्य कही से ढूंढकर लाया था। जब सब काम हो गया तो शौर्य ने एक बार उस लड़की की हालत चेक की। अब सब नॉर्मल लग रहा था। "दीदी अब सब नॉर्मल है। बहुत सारे ड्रग्स निकल चुके है। जो कुछ बचे है वह कल सुबह शहर जाकर एंटीनॉड लेने से निकल जायेंगे।"


शौर्य प्रिया को सोने केलिए बोल देता है। प्रिया भी उस लड़की के साथ ही लेट गई थी। उसने कार के बीच एक परदा टांग दिया था। शौर्य भी अंदर आगे की शीट पर सो जाता है।


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राजगीर शहर के शर्मा निवास में……


उस बड़े से बंगले के कमरे में,


एक आदमी और एक औरत बैठे हुए थे। वे कुछ परेशान लग रहे थे। उनके सामने एक नौकर सर झुकाए खड़ा था। तभी एक नौकर भागते हुए आया।


"मालिक निशा बिटिया घर में कही मिल नहीं रही है। मैने उनके दूसरे घर में भी चेक करवाया था वहा पर भी नही है और उनका फोन भी नही लगा रहा है।" नौकर की बात सुनकर आदमी और औरत दोनो परेशान हो गए।


"अब क्या करे जी यह लड़की तो हमारी सुनती ही नही। रात भर बाहर ही रहती है। आज न जाने मेरा मन भी शांत नही हो रहा है। लग रहा है जैसे कुछ होने वाला है।" औरत बोलती है।


"मुझे भी यही लग रहा है। लेकिन पहले भी तो वह घर से बाहर गई हुई थी। लेकिन कभी इतनी रात तक घर से बाहर नहीं रही। इन सब में हमारा ही तो दोष है।" आदमी भी धीरे से आह भरते हुए बोला। उसके आवाज में लाचारी साफ झलक रही थी।


"लेकिन लड़कियों को लड़ना झगड़ना कोई अच्छी बात है क्या जी!!" औरत थोड़ा निराश होते हुए बोली।


"ऐसी बात नही है लेकिन उसे अपनी सुरक्षा करना भी तो आना चाहिए। है ना। नही तो आज हम इतना परेशान नही होते।" आदमी धीरे से बोला।



वे दोनो ऐसे ही बहुत देर तक बाते करते रहे और अंतिम में सोने चले गए।
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nice update
 

Itachi_Uchiha

अंतःअस्ति प्रारंभः
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अध्याय 05: राजगीर, मदद




प्रिया और शौर्य दोनो की आंखे बहुत देर से खुली। आज कितने दिनों बाद वे सकून से सोए हुए थे। वे जल्दी से तैयार होकर अपना सामान समेटने लगे। होटल से एग्जिट करने के बाद प्रिया गाड़ी ड्राइव करने लगी।


रास्ते में शौर्य को एक आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों की दुकान दिखी। वह प्रिया से कार रुकवा कर उसने बहुत सारी जड़ी बूटियां और उसके कूटने और पीसने की चीजे वह कार में रखवा दिया। वहा से दोनो चल पड़े इस अनजाने सफर पर। जब कोई ढाबा दिखता तो खाना खा लेते। जब पेट्रोल पंप दिखता तो टंकी फुल करवा लेते। जब नींद आती तो कोई लॉज या होटल में ठहर जाते। ऐसे ही तीन दिन गुजर गए।


आज वे दोनो गाड़ी चलाते चलाते उत्तर प्रदेश भी पार कर लिए। उन्होंने बिहार में कदम रखा। गाड़ी चलाते चलाते रात तक वे राजगीर डिस्ट्रिक्ट पहुंच चुके थे। गाड़ी अपनी रफ्तार से ही जा रही थी। यह रास्ता काफी सुनसान था। इक्की दुक्की गाड़िया कभी कभी आती जाती दिखाई दे जाती थी। यह रास्ता राजगीर के जंगलों से होकर शहर की ओर जा रहा था।


उनकी गाड़ी तेज रफ्तार से आगे की ओर निकल रही थी। की तभी सन्नाटे को चीरती हुई लड़की की तेज चीख उनके कानो में पड़ी। उन्होंने एकाएक ब्रेक लगा दिया। दोनो कार से उतर गए। अभी वे बाहर निकले ही थे की उनके कानो में एक बार फिर चीख की आवाज सुनाई दी।


दोनो उस तरफ बढ़ गए जहा से आवाज आ रही थी। कुछ आगे जंगल के अंदर प्रवेश करने पर उन्हें हल्की हल्की आवाज सुनाई देने लगी।


"ओय रामू!!!! एकर मुंह बंद कर त!! साली एतना जोर से चिल्लात बीया की काउनो आ जाई!!" यह बात एक मोटे तगड़े आदमी ने कही थी। जैसे वह कमांड दे रहा था वह उस गैंग का लीडर लग रहा था।


वही पर खड़े आदमियों में से एक जो की रामू होगा।, आगे आया और लड़की के मुंह को कपड़े से बांध दिया। लड़की बहुत डर गई थी। उसे हाई डोज का ड्रग्स भी दिया गया था। जिससे वह बेहोशी की हालत में जाने लगी थी।


गैंग लीडर आगे बढ़ा "अब मजा आई, अरे छोकड़िया तू का समझत रही री हमरा के हमर ही गांव से निकलवा के तू कइसे जा सकत है। ई हमार इलाका हई री।"


अभी वह आगे कुछ बोलता उससे पहले ही उसके कानो में तेज चीखें पड़ी। हुआ यह था की जब ये लोग बाते कर रहे थे तब तक प्रिया और शौर्य वहा पहुंच चुके थे। प्रिया को एक पेड़ के पीछे खड़ा करके शौर्य आगे आया। उसने सबसे अंतिम में खड़े आदमी की गर्दन पकड़ी और घुमा दिया। घूमते ही गर्दन टूटने की आवाज आई। आवाज बहुत हल्की थी। उसने अब उस आदमी की हाथो में पकड़े रॉड को अपने हाथो में लिया और तेजी से घुमाने लगा। अभी वहा कोई कुछ कर पाता सभी जमीन पड़ ढेर हो चुके थे।


जब प्रिया ने देखा की वहा कोई जिंदा नहीं बचा तो वह पेड़ के पीछे से बाहर आई। वह शौर्य के इस भयानक रूप को देखकर डर गई थी। उसने शौर्य को कसके गले से लगा लिया।


"दीदी प्लीज़ शांत हो जाइए। अब सब कुछ खत्म हो गया है।" शौर्य अपनी बहन को समझाते हुए बोला। लेकिन प्रिया अभी भी डरी हुई उससे चिपकी हुई थी। शौर्य यह सब प्रिया के सामने नहीं करना चाहता था लेकिन वह जानता था की भविष्य में जब वह बाहर निकलेगा तो उसके दुश्मन प्रिया को भी निशाना बना सकते है। इसीलिए उसने पहले से ही प्रिया को तैयार करने का सोचा। इसके लिए ही उसने सबको इतनी बुरी तरह से मारा था की कौन किसका अंग है किसीको पता भी नही चलेगा।


जब शौर्य को कुछ और नही सुझा तो उसने प्रिया को अपने पीछे से हटाया और अपने साथ कर लिया और सामने दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी ये लोग इस लड़की का रेप करना चाहते थे। और न जाने अब तक कितने लड़किया इनलोगो का शिकार बन चुकी है। मैने तो बस उन्हे अपने किए की सजा दी है।" अभी भी प्रिया को डरी हुई देखकर शौर्य आगे बोला।


"दीदी, मैं आपको एक सच्चाई बताता हूं। दीदी आपका भाई अब इस दुनिया में दो लोगो की जिंदगी जी रहा है। और आप जानती हो वो दूसरा इंसान कौन है??"


"कौन है भाई!!!"


"दीदी जब मैं बेहोश हुआ था तो ऐसा लगा जैसे मैं अंधकार में जा रहा हूं। और मैं मरने वाला हूं। तभी मेरे सामने एक और आत्मा आई। उसने मुझसे कहा था की ' देखो बाहर तुम्हारी बहन तुम्हारा इंतजार कर रही है अगर तुम ही उसका साथ छोड़ दो तो उसको कौन देखेगा।' लेकिन उस वक्त मैं अंधकार में घिरा हुआ था। चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा थी। में किसी और कही जा नही पा रहा था। तो उस आत्मा ने कहा अगर तुम वादा करते हो की मेरा बदला मेरे दुश्मनों से लोग तो मैं तुम्हे यहां से निकलने में मदद करूंगा और साथ ही साथ तुम्हे मेरी सभी यादाश्त भी मिलेगी। मैने उसको प्रोमिश कर दिया। तो वह मेरी आत्मा के साथ मिल गया और मुझको उसके जीवन में घटी सारी घटनाएं पता चली। अब अपना फोन दो मैं उस शख्स को दिखाता हूं की वह कौन है।"


शौर्य इतना कहकर प्रिया के हाथो से फोन लेकर न्यूज ढूंढने लगता है। कुछ देर में उसने आरुष के मौत की खबर को ढूंढा और इसको दिखाते हुए बोला। "देखो दीदी यही है वह आरुष भाटिया, जो अपने परिवार के प्यार को पाने केलिए वह हर गलत काम करता जो भाटिया ग्रुप्स को फायदा पहुंचा सके। लेकिन अंत में उसे धोखा मिला था। उसकी मंगेतर और सौतेले भाई ने साजिश रच कर उसकी हत्या कर दी और उसकी हत्या की जिम्मेदारी रानी पर लगा दी जो आरुष की सगी बहन ही न सही लेकिन उससे बढ़कर थी। इसीलिए मैं कह रहा हू दीदी इसके जैसा इंसान जब अपनी के धोखे से बच नहीं पाया तो हम कैसे बच सकते है। इसीलिए दीदी मैं कह रहा हू अगर इस संसार में अगर अच्छे से जिंदगी जीनी है तो आपको कभी कभी निर्दयी भी बनना पड़ता है।" शौर्य इतना कहकर चुप हो गया। उसे पता था की इस बात को हज़म करने केलिए प्रिया को कुछ समय लगेंगे। कुछ देर तक दोनो चुप रहे। कुछ देर बाद प्रिया बोली।


"भाई, मैं समझ गई अब मुझे मार्शल आर्ट सीखनी है जिससे समय आने पर खुद की रक्षा कर सकूं। अब चलो पहले इस लड़की को देखो क्या हुआ है। यह बेहोश हो गई है।" प्रिया सामने पड़ी नंगी लड़की को देखते हुए बोलती है। "वैसे भाई इसकी फिगर मस्त है न?"


"हा दी वो तो है!!!" शौर्य अपने सामने पड़ी नंगी लड़की की नब्ज को चेक करने के बाद उसके माथे हाथ और गर्दन की गर्मी को महसूस करने लगा था। "दीदी इसको बहुत ही तेज सेक्स ड्रग्स दिया गया है। अगर इसे अगले 15 मिनट में एंटीनोड नही मिली तो यह मर जायेगी।"


"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय..........।" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।

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Wahhh bahut hi acha Update tha priya ji maja aagaya. Matlab ab sex start ho jayega story me dekhte hai aage aur kya kya bawal hota hai ? Quoi ab to soury nebhi bata diya hai priya ko sb kuch aur wo bhi ab kud ko strong banana chahiye hai.
 
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