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Adultery एक निर्दयी का पुनर्जन्म : शौर्य

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Itachi_Uchiha

अंतःअस्ति प्रारंभः
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अध्याय 06: इलाज



"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय……" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।


"दीदी दूसरा उपाय इनके साथ सेक्स करना है लेकिन बिना किसी की मर्जी के साथ सेक्स करना क्या अच्छा रहेगा।" शौर्य प्रिया की बात समझते हुए बोला।


"भाई अब आपने जान बचाई है तो आप ऐसे ही इसे छोड़कर तो जा नही सकते। है ना?" प्रिया लड़की को देखते हुए बोली "इसको देखकर ऐसा लगता है जैसे कोई अपनी हो!! आपको भी ऐसा लगता है क्या!!!"


"हा दीदी, ऐसा तब ही लगता है जब मैं आपके साथ होता हूं। जैसे कोई अपनी हो और अलग हो गई हो।"


"भाई ये सब छोड़ो और पहले इसको बचाओ।"


"लेकिन दीदी आप…"


"आह!! तुम मेरी फिक्र मत कर बचपन से तुझे नंगा देखती आ रही हूं। एकबार और देख लिया तो कुछ नहीं होगा और वैसे भी तुम्हारी वो दी गई दवाई के खाने से नींद बहुत जल्दी आती है।" शौर्य ने पहले से ही प्रिया और अपने लिए सारी दवाई बना ली थी। प्रिया जब भी दवाई लेती तो उनको किसी लॉज में रुकना पड़ता था। क्योंकि उसको खाकर एक तो प्रिया को बहुत ही नींद आती थी और दूसरी उसके पूरे शरीर से काली काली खून के साथ गंदगी भी निकलती थी तो वह बिना नहाए नही रह सकती थी। अब तक उसकी शरीर काफी बदल चुकी थी। अब वह पहले के मुकाबले पतली हो गई थी। आज वह कार में ही दवा लेना चाहती थी जिससे भाई को शर्म ना आए। "वैसे भाई कभी किया है तूने।"


"अरे दीदी कैसी बाते करती हो। एक और उपाय है दीदी लेकिन आपको मेरी मदद करनी होगी।" शौर्य कुछ सोचते हुए बोला।


"क्या और भी उपाय है!! तो पहले क्यों नही बताया।" प्रिया खुशी से बोली। वह भी नही चाहती थी उसके भाई को बिना सामने वाले की मर्जी से सेक्स करना पड़े।


"दीदी आप अपनी दवाई की दो गोलियां इनको खिला दो और यह तेल उसके पूरे शरीर पर मालिश कर दो।" शौर्य ने प्रिया केलिए दो चीजे बनाई थी। एक दवाई की गोली और एक दवाई जो तेल में मिलाई गई थी जिसे वह प्रिया को बाद में देने वाला था।


जब प्रिया ने यह सुना तो वह तुरंत रही हो गई। दोनो लड़की को कार की पिछली सीट पर लिटा दिया। शौर्य बाहर खड़ा हो गया। वही सबसे पहले प्रिया ने दो गोलियां पानी में घोलकर उसे चम्मच से लड़की को पिलाई। उसके बाद उसको तेल से मालिश करना शुरू कर दिया। लड़की कोई अठारह साल की लग रही थी।


उसको देखकर लग रहा था की यह बहुत ही अमीर घर की लड़की होगी। प्रिया को शौर्य बताता गया की क्या करना है। वह भी उसके अनुसार लड़की के शरीर की मालिश करने लगी। पूरे दो घंटे के मालिश के बाद अंत में जब शौर्य ने प्रिया को लड़की के चूत की भी मालीश करने को कहा तो प्रिया शर्मा गई और वह रुक गई।


"क्या हुआ दीदी!!" जब गाड़ी के अंदर से कोई हलचल नहीं हुई तो शौर्य ने पूछा।


"क्या यह करना जरूरी है।" प्रिया शर्माते हुए शौर्य से पूछी। जिससे शौर्य की हंसी छूट गई फिर वह गंभीर होते हुए प्रिया को बताता है।


"दीदी जो दवाई हमने पहले इस लड़की को दिया वह इस लड़की के शरीर में मौजूद ड्रग्स को खून से तो अलग कर दिया मगर फिर भी हम इसको शरीर से बाहर जल्दी नहीं निकाल सकते थे जो लड़की के लिए हानिकारक थी। मगर जब आप इस तेल से लड़की के हरेक बॉडी पार्ट्स को मालिश कर रही थी तो उससे उसके रक्त संचार की शक्ति बहुत तेज हो गई। जिसके कारण बहुत जल्द ही बॉडी के हर पार्ट्स से मौजूद ड्रग्स को किडनी में ले गया। मगर यह जागी हुई नही है जिसके कारण यह मूत नही सकती। अब आपको इसे एक्साइट करना होगा जिसके कारण लड़की मूतने लगे। समझ गई दीदी!!"


"हा बाबा समझ गई। करती हु मै भी यह!!" प्रिया चिढ़ते हुए बोली। खैर कुछ ही देर में प्रिया की मेहनत रंग लाई। प्रिया ने लड़की के नीचे एक टूटी हुई बाल्टी लगा दी थी जो शौर्य कही से ढूंढकर लाया था। जब सब काम हो गया तो शौर्य ने एक बार उस लड़की की हालत चेक की। अब सब नॉर्मल लग रहा था। "दीदी अब सब नॉर्मल है। बहुत सारे ड्रग्स निकल चुके है। जो कुछ बचे है वह कल सुबह शहर जाकर एंटीनॉड लेने से निकल जायेंगे।"


शौर्य प्रिया को सोने केलिए बोल देता है। प्रिया भी उस लड़की के साथ ही लेट गई थी। उसने कार के बीच एक परदा टांग दिया था। शौर्य भी अंदर आगे की शीट पर सो जाता है।


_________________


राजगीर शहर के शर्मा निवास में……


उस बड़े से बंगले के कमरे में,


एक आदमी और एक औरत बैठे हुए थे। वे कुछ परेशान लग रहे थे। उनके सामने एक नौकर सर झुकाए खड़ा था। तभी एक नौकर भागते हुए आया।


"मालिक निशा बिटिया घर में कही मिल नहीं रही है। मैने उनके दूसरे घर में भी चेक करवाया था वहा पर भी नही है और उनका फोन भी नही लगा रहा है।" नौकर की बात सुनकर आदमी और औरत दोनो परेशान हो गए।


"अब क्या करे जी यह लड़की तो हमारी सुनती ही नही। रात भर बाहर ही रहती है। आज न जाने मेरा मन भी शांत नही हो रहा है। लग रहा है जैसे कुछ होने वाला है।" औरत बोलती है।


"मुझे भी यही लग रहा है। लेकिन पहले भी तो वह घर से बाहर गई हुई थी। लेकिन कभी इतनी रात तक घर से बाहर नहीं रही। इन सब में हमारा ही तो दोष है।" आदमी भी धीरे से आह भरते हुए बोला। उसके आवाज में लाचारी साफ झलक रही थी।


"लेकिन लड़कियों को लड़ना झगड़ना कोई अच्छी बात है क्या जी!!" औरत थोड़ा निराश होते हुए बोली।


"ऐसी बात नही है लेकिन उसे अपनी सुरक्षा करना भी तो आना चाहिए। है ना। नही तो आज हम इतना परेशान नही होते।" आदमी धीरे से बोला।



वे दोनो ऐसे ही बहुत देर तक बाते करते रहे और अंतिम में सोने चले गए।
*********
Wahh nice update priya ji maja aagaya. Hmko to laga ki sex ho jayega lakin bach gayi wo ladki aur bas forplay karke priya ne uska kaam karwa diya. Khair dekhte hai wo ladki utha kar kya karegi ? Kaisa reaction rahega uska dono ke liye ?
 

Vk248517

I love Fantasy and Sci-fiction story.
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अध्याय 06: इलाज



"लेकिन भाई हम इतनी जल्दी एंटीनॉड कहा से लायेंगे। शहर भी 50 मिनट में पहुंचेंगे। कोई दूसरा उपाय……" प्रिया आखिरी बात शौर्य की आंखों में देखते हुए बोली जैसे कुछ कहना चाह रही हो।


"दीदी दूसरा उपाय इनके साथ सेक्स करना है लेकिन बिना किसी की मर्जी के साथ सेक्स करना क्या अच्छा रहेगा।" शौर्य प्रिया की बात समझते हुए बोला।


"भाई अब आपने जान बचाई है तो आप ऐसे ही इसे छोड़कर तो जा नही सकते। है ना?" प्रिया लड़की को देखते हुए बोली "इसको देखकर ऐसा लगता है जैसे कोई अपनी हो!! आपको भी ऐसा लगता है क्या!!!"


"हा दीदी, ऐसा तब ही लगता है जब मैं आपके साथ होता हूं। जैसे कोई अपनी हो और अलग हो गई हो।"


"भाई ये सब छोड़ो और पहले इसको बचाओ।"


"लेकिन दीदी आप…"


"आह!! तुम मेरी फिक्र मत कर बचपन से तुझे नंगा देखती आ रही हूं। एकबार और देख लिया तो कुछ नहीं होगा और वैसे भी तुम्हारी वो दी गई दवाई के खाने से नींद बहुत जल्दी आती है।" शौर्य ने पहले से ही प्रिया और अपने लिए सारी दवाई बना ली थी। प्रिया जब भी दवाई लेती तो उनको किसी लॉज में रुकना पड़ता था। क्योंकि उसको खाकर एक तो प्रिया को बहुत ही नींद आती थी और दूसरी उसके पूरे शरीर से काली काली खून के साथ गंदगी भी निकलती थी तो वह बिना नहाए नही रह सकती थी। अब तक उसकी शरीर काफी बदल चुकी थी। अब वह पहले के मुकाबले पतली हो गई थी। आज वह कार में ही दवा लेना चाहती थी जिससे भाई को शर्म ना आए। "वैसे भाई कभी किया है तूने।"


"अरे दीदी कैसी बाते करती हो। एक और उपाय है दीदी लेकिन आपको मेरी मदद करनी होगी।" शौर्य कुछ सोचते हुए बोला।


"क्या और भी उपाय है!! तो पहले क्यों नही बताया।" प्रिया खुशी से बोली। वह भी नही चाहती थी उसके भाई को बिना सामने वाले की मर्जी से सेक्स करना पड़े।


"दीदी आप अपनी दवाई की दो गोलियां इनको खिला दो और यह तेल उसके पूरे शरीर पर मालिश कर दो।" शौर्य ने प्रिया केलिए दो चीजे बनाई थी। एक दवाई की गोली और एक दवाई जो तेल में मिलाई गई थी जिसे वह प्रिया को बाद में देने वाला था।


जब प्रिया ने यह सुना तो वह तुरंत रही हो गई। दोनो लड़की को कार की पिछली सीट पर लिटा दिया। शौर्य बाहर खड़ा हो गया। वही सबसे पहले प्रिया ने दो गोलियां पानी में घोलकर उसे चम्मच से लड़की को पिलाई। उसके बाद उसको तेल से मालिश करना शुरू कर दिया। लड़की कोई अठारह साल की लग रही थी।


उसको देखकर लग रहा था की यह बहुत ही अमीर घर की लड़की होगी। प्रिया को शौर्य बताता गया की क्या करना है। वह भी उसके अनुसार लड़की के शरीर की मालिश करने लगी। पूरे दो घंटे के मालिश के बाद अंत में जब शौर्य ने प्रिया को लड़की के चूत की भी मालीश करने को कहा तो प्रिया शर्मा गई और वह रुक गई।


"क्या हुआ दीदी!!" जब गाड़ी के अंदर से कोई हलचल नहीं हुई तो शौर्य ने पूछा।


"क्या यह करना जरूरी है।" प्रिया शर्माते हुए शौर्य से पूछी। जिससे शौर्य की हंसी छूट गई फिर वह गंभीर होते हुए प्रिया को बताता है।


"दीदी जो दवाई हमने पहले इस लड़की को दिया वह इस लड़की के शरीर में मौजूद ड्रग्स को खून से तो अलग कर दिया मगर फिर भी हम इसको शरीर से बाहर जल्दी नहीं निकाल सकते थे जो लड़की के लिए हानिकारक थी। मगर जब आप इस तेल से लड़की के हरेक बॉडी पार्ट्स को मालिश कर रही थी तो उससे उसके रक्त संचार की शक्ति बहुत तेज हो गई। जिसके कारण बहुत जल्द ही बॉडी के हर पार्ट्स से मौजूद ड्रग्स को किडनी में ले गया। मगर यह जागी हुई नही है जिसके कारण यह मूत नही सकती। अब आपको इसे एक्साइट करना होगा जिसके कारण लड़की मूतने लगे। समझ गई दीदी!!"


"हा बाबा समझ गई। करती हु मै भी यह!!" प्रिया चिढ़ते हुए बोली। खैर कुछ ही देर में प्रिया की मेहनत रंग लाई। प्रिया ने लड़की के नीचे एक टूटी हुई बाल्टी लगा दी थी जो शौर्य कही से ढूंढकर लाया था। जब सब काम हो गया तो शौर्य ने एक बार उस लड़की की हालत चेक की। अब सब नॉर्मल लग रहा था। "दीदी अब सब नॉर्मल है। बहुत सारे ड्रग्स निकल चुके है। जो कुछ बचे है वह कल सुबह शहर जाकर एंटीनॉड लेने से निकल जायेंगे।"


शौर्य प्रिया को सोने केलिए बोल देता है। प्रिया भी उस लड़की के साथ ही लेट गई थी। उसने कार के बीच एक परदा टांग दिया था। शौर्य भी अंदर आगे की शीट पर सो जाता है।


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राजगीर शहर के शर्मा निवास में……


उस बड़े से बंगले के कमरे में,


एक आदमी और एक औरत बैठे हुए थे। वे कुछ परेशान लग रहे थे। उनके सामने एक नौकर सर झुकाए खड़ा था। तभी एक नौकर भागते हुए आया।


"मालिक निशा बिटिया घर में कही मिल नहीं रही है। मैने उनके दूसरे घर में भी चेक करवाया था वहा पर भी नही है और उनका फोन भी नही लगा रहा है।" नौकर की बात सुनकर आदमी और औरत दोनो परेशान हो गए।


"अब क्या करे जी यह लड़की तो हमारी सुनती ही नही। रात भर बाहर ही रहती है। आज न जाने मेरा मन भी शांत नही हो रहा है। लग रहा है जैसे कुछ होने वाला है।" औरत बोलती है।


"मुझे भी यही लग रहा है। लेकिन पहले भी तो वह घर से बाहर गई हुई थी। लेकिन कभी इतनी रात तक घर से बाहर नहीं रही। इन सब में हमारा ही तो दोष है।" आदमी भी धीरे से आह भरते हुए बोला। उसके आवाज में लाचारी साफ झलक रही थी।


"लेकिन लड़कियों को लड़ना झगड़ना कोई अच्छी बात है क्या जी!!" औरत थोड़ा निराश होते हुए बोली।


"ऐसी बात नही है लेकिन उसे अपनी सुरक्षा करना भी तो आना चाहिए। है ना। नही तो आज हम इतना परेशान नही होते।" आदमी धीरे से बोला।



वे दोनो ऐसे ही बहुत देर तक बाते करते रहे और अंतिम में सोने चले गए।
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Awesome updates🎉👍
 

ashish_1982_in

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अध्याय 04 भाई - बहन



वे शाम का नाश्ता करने चले जाते है। जब वे नाश्ता कर रहे थे तब शौर्य ने अपनी बहन को गौर से देखा। भले ही उसकी बहन केवल एक साल बड़ी थी लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी शांति थी। ऐसा लग रहा था जैसे उसने बहुत दुनिया देख रखी हो। वह भी शौर्य के क्लास में ही पढ़ती थी लेकिन अब तक उसने बहुत सारे पार्ट टाइम जॉब किए थे। घर पर उन दोनो को कभी पॉकेट मनी नही मिली। या यू कहो मिली तो थी पर उनकी पॉकेट मनी बाकी की बहने जब्त कर लेती थी।


"क्या हुआ भाई ऐसे क्यों देख रहे हो?? मेरे चेहरे पर कुछ लगा है क्या?" जब प्रिया शौर्य को अपनी तरफ ऐसे घूर घूर कर देखते हुए पाती है तो वह पूछ बैठती है।


"कु… कुछ नहीं दीदी।" फिर अपने आप को संभालकर शौर्य कहता है "दीदी अपना हाथ आगे करना।"


प्रिया बिना हिचकिचाए अपना हाथ शौर्य के हाथो में दे देती है। शौर्य प्रिया की हथेली पकड़कर उसकी नब्ज़ को चेक करता है। जैसे जैसे समय बीत रहा था वैसे वैसे शौर्य के चेहरे के भाव बदल रहे थे। यह बात प्रिया ने भी नोटिस की।


"भाई क्या बात है।" प्रिया ने पूछा।


"दीदी हम रूम में चलकर बात करते है।" इतना कहकर शौर्य रूम की ओर जाने लगा। प्रिया भी इसके पीछे पीछे चल दी। जब प्रिया रूम में पहुंची तो शौर्य उसको सोफे पर बिठा दिया और वह उसकी गोद में सर रखकर पसर गया।


"दीदी क्या आपने कभी अपना चेकअप करवाया है।" शौर्य प्रिया से पूछता है।


"किस चीज का चेकअप भाई।" प्रिया कन्फ्यूजन में शौर्य से पूछती है।


"दीदी यही की आपको अजीब नही लगता की आपकी बॉडी इतनी मोटी और आपकी स्किन इतनी रूखी सी क्यों है??" शौर्य प्रिया को बताता है। जैसे ही प्रिया ये बात सुनती है उसके हाथ जो की बड़े प्यार से शौर्य के सर को सहला रहे थे। बीच हवा में ही रुक गए। उसकी आंखों में आंसू की कुछ बूंदे अपने आप आ गई।


जब शौर्य को कोई जबाव नहीं मिला तो वह थोड़ा हैरान हो गया। जब उसे ध्यान आया की उसने अभी अभी अपनी सबसे प्यारी दीदी को मोटी बोला तो उसे अपने आप पर गुस्सा आने लगा।


शौर्य सोफे से उतरकर फर्श पर बैठ गया। वह अपनी बहन के आंखो से आंसू पोछता है। "दीदी आपको एक बात बतानी थी।"


इसपर प्रिया कुछ नही बोलती। फिर शौर्य आगे कहता है "दीदी जब मैं हॉस्पिटल में बेहोश पड़ा था तो ऐसा लगा जैसे मैं उस पांच घंटे में एक अलग जिंदगी जी है। मेरी उस जिंदगी में सिर्फ लड़ाई झगडे मार काट खून खराबा ही थी। उसमे मैं एक अच्छा मार्शल आर्टिस्ट भी था। साथ ही साथ मैंने आयुर्वैदिक और आधुनिक चिकित्सा पर भी काफी अच्छी पकड़ बनाई थी। मैं उस जिंदगी में केवल किसी के नब्ज को चेक कर के ही बता सकता था की कौन सी बीमारी है। फिर जब उस जिंदगी में मेरी मौत हो गई तो मैं फिर अपने शरीर में वापस लौट आया। जब अभी मैंने आपकी नब्ज को देखा तो ऐसा लगा जैसे आपकी यह कंडीशन जन्म से नहीं है किसी ने आपको पॉयजन दिया था। इसीलिए मैंने पूछा की कभी अपने अपना चेकअप करवाया है।" यह कहकर शौर्य कुछ देर तक चुप रहा। फिर प्रिया की गोद में अपना सर रखकर बोलता है "दीदी आप मेरे से नाराज मत होना आपने मुझे मां बाप भाई बहन सभी का प्यार दिया है। अगर आप ही मुझसे रूठ गई तो मैं क्या करूंगा दीदी!!"


प्रिया यह सब सुनकर कुछ देर शॉक्ड रही फिर शौर्य को अपने से कसकर गले लगा लिया। जिससे शौर्य के आंखो से आंसू बहने लगे। 'आरुष' अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में याद करने लगा था वहा पर कोई भी प्यार करने वाला नही था। लेकिन शौर्य से इस जिंदगी में उसे जान से ज्यादा प्यार करने वाली बहन जो मिली थी। "मैं तुमसे कैसे नाराज हो सकती हूं भाई तुम तो मेरी जान हो। और हा अब जब तुमने मेरी हालत के बारे में इतना पता कर ही लिया है तो इलाज भी जनता होगा। मुझको जल्दी ठीक करना होगा तुझे।"


"दीदी आपको नहीं लगता की मै झूठ बोल रहा हूं।" शौर्य प्रिया से पूछता है। उसे इस बात की हैरानी हो रही थी की कोई इतनी अद्भुत बात एक बार में ही कैसे समझ सकता है और विश्वास भी कर ले।


"भाई इन्ही हाथो से मैने पाला है तुझे इतना तो जानती हूं की चाहे तू कितनी भी जिंदगी जी ले लेकिन मुझे पता है की कब तू सच बोल रहा है और कब झूठ। और अगर तेरे हाथ की जहर भी मुझे पीनी पड़े तो मैं खुशी खुशी पी लूंगी।" प्रिया शौर्य की बालो को सहलाते हुए बोली। शौर्य की आंखो से आंसू लगातार बहने लगे। उसे आज पता चला की उसकी दुनिया के ताने को सहती यह बहन उससे कितना प्यार करती है।


दोनो एक दूसरे के गले लगाए ही बिस्तर पर चले गए कब उनकी आंख लगी पता ही नही चला।

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Nice update
 

Mink

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