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Abhi to thik ho gaye naDear,
i had a fever last week, was gonna write an update. But got sick.
Soon i will write an update and post it.
Thanks
ha yar umid chali gyi h update ki
The lounge mein chit chat karne mein busy hai writer sahab...seriously
Abhi to thik ho gaye na
See... the lounge mein chit chat bhi kiye jaa rahe ho.. lage hatho idhar update bhi de do
The lounge mein chit chat karne mein busy hai writer sahab...
bachho ki tarah duniya bhar ki fantasy photos chipka diyaअपडेट- 37………
सीन- श्याम नवाबी और रात गुलाबी जारी रखते हुए…….॥रात गुलाबी…….
सीन भाग- मनोहर पंडित और शैतान की पूजा
पिछले भाग मे।।
दोनों अब उस जगह का मुआयना कर रहे होते है, शैतान की दुनिया मे काले और लाल बादल थे। जिनमे से लगातार बिजली चमक रही थी, सूरज और चाँद का कोई निशान नहीं था, आसमान मे बस एक काला अंधेरा था जो हर जगह फैला हुआ था।
जमीन पर देखते हुए उन्हे नजर आता है की लगभग हर जगह आग लगी हुई है, और किसी तर के अजीब प्राणी आपस मे लड़ रहे है। कुछ कुछ देखने मे मानव जैसे लगते थे पर सबमे कुछ न कुछ अजीब अलग तरीके के शरीर के अंग थे।
ऐसे अजीबो गरीब प्राणियों को देखकर पंडित औ पांडे दोंनो सन्न रह गए।
अब आगे।।
आगे कहानी मे भीमसिंघ- BS, रामलाल- RL,चन्दा- Ch, कंचन- KN
मनोहर-MN लिखा जाएगा
गतिशील सीन
पांडे- उस्ताद ये कैसी दुनिया है देखो यह कैसे कैसे प्राणी है।
पंडित- हा पांडे ये दुनिया बहुत अलग है, ये शैतान की दुनिया है
पांडे- क्या शैतान की दुनिया, इसका क्या मतलब है उस्ताद
पंडित- इसका मतलब ये है की यहा धरती के किसी भ अवतार या भगवान का कोई वजूद नहीं है, यह सब काले कामों, पापों और बुरे लोग मरने के बाद आते है
(दोनों हवा मे तैरते हुए शैतान के महल की और जा रहे थे, और अपने नीचे हो रहे घमासान लड़ाई और युद्ध को देखर रहे थे)
1. कुछ लोग / प्राणी घोड़े की तरह थे, उनके चार पैर और पूछ थी घोड़े की तरह पर आदमी का पेट तक का शरीर उससे जुड़ा था, और उसके कमर के बाल और सिर के बाल पर आग लगी हुई थी, और आंखे लाल रोशनी मे चमक रही थी, ये सब आपस मे लड़ रहे थे, कुछ प्राणियों ने तीर कमान का इस्तेमाल करा हुआ था, जिसके तीर मे से आग निकल रही थी, और कुछ के पास भाला था जिसका तिकोना चोर लाल रोशनी मे चमक रहा था। अपने अगले दोनों पैर उठाकर और भागकर भाले से प्रहार कर वो प्राणी लड़ रहे थे। एक घोड़े के शरीर होने की वजह से उनके अंदर अपार शक्ति और सफ़ूरती मालूम होती थी। उनके आदमी और घोड़े से मिले जुले शरीर बहुत ही बड़े और भारी मासपेशियों के थे। और उनके लिंग के सभी लक्षण घोड़े की तरह ही थे। पांडे और पंडित दोनों ये सब देख रहे थे, वो लोग आपस मे एक दूसरे को मार काट रहे थे, पूरी जमीन जैसे खून से लाल मालूम होती थी।
पांडे- देखिए उस्ताद ये कैसे अजीब घोड़े जैसे लोग है, इनका शरीर अजीब तरीके से घोड़े से जुड़ा हुआ है।
पंडित- पांडे इन्हे सेन्टॉर (centaur) कहते है इनका जनम शैतान से हुआ है, शैतान ने इन्हे घोड़े का रूप दे दिया है
पांडे चोकते हुए- क्या उस्ताद, शैतान से जन्म
पंडित- हा पांडे, बहुत लोग के अलग अलग कुकर्मों की वजह से उन्हे ऐसा रूप मिला है
पांडे- उस्ताद ये तो बहुत भयंकर नजारा है, कैसे एक दूसरे को मार रहे है ये लोग
पंडित- इस दुनिया मे जीवन का कोई निशान नहीं है, यह लोग एक दूसरे को मारते है और फिर शैतान मरने के बाद उन्हे फिर से जींद कर देता है
पांडे- पांडे डर से कांप रहा था, क्या उस्ताद मुझे तो बहुत डर लग रहा है
पंडित- चिंता मत कर हम मारे नहीं है, हमारा इस दुनिया से अभी कोई वास्ता नहीं है
पांडे- तो इसका मतलब हम वापस चले जाएंगे
पंडित- हा पांडे, हम शैतान से मिलने के बाद वापस चले जाएंगे
पंडित अपने मन मे प्लान बुन रहा था, वो शक्ति पाने के लिए भूखा हो चुका वो अपनी इंसानियत को तयाग चुका था, अब कंचन को पाने के लिए कुछ भी कर सकता था, पर कंचन योनिदेवी का अवतार थी और वो इतनी आसानी से पंडित के हाथ नहीं आनी थी। इसके लिए वो शैतान का सहारा ले रहा था।
2. कुछ प्राणी बिल्कुल भेड़िये या शेर जैसे दिखते थे, उनके पूरे शरीर पर एक भेड़िये या जानवर के जैसे बाल थे, और उनका मुंह बिल्कुल एक भेड़िये से मेल खाता था, उनके बड़े बड़े दात थे, और आंखे काली लाल, और कान बिल्कुल किस भेड़िये की तरह खड़े थे, उनकी उचाई 8-10 फुट के बीच मे थे, वो एक आदमी की तरह दो पैर पर खड़े होकर लड़ रहे थे, उनके हाथों के नाखून बहुत बड़े और नुकीले थे, और दोनों पैर, जिन पर वो चल रहे थे वो एक जानवर की तरह मुड़े हुए थे, वो सब बहुत तेजी से आपस मे लड़ रहे थे, उनके अंदर एक जानवर के जैसे लड़ने की क्षमता थी, वो अपने डाटों और पंजों का इस्तेमाल करते हुए एक दूसरे को मार रहे थे, उन्मे से कुछ प्राणी प्राणियों के पास भाला और तलवार थी और कुछ बिना किसी हथियार के खाली हाथों से लड़ रहे थे। उनके पंजे औ नाखून इतने नुकीले थे की एक वार से ही सामने वाले की खाल को भेद का एक चाकू के जैसे काट देते थे और खून बह जाता था। एक दूसरे को मार के लिए वो अपने मुंह के डाटों से एक दूसरे की गार्डन और शरीर के अंगों को काट खा रहे थे। उनकी चीखे और दहाड़ उस जगह गूंज रही थी जिन्हे पंडित और पांडे सुनकर डर रहे थे, उनके आँखों के आखों अलग ही दुनिया थी, जिसे देख कर दोनों भय से कांप रहे थे। उस जगह काला अंधेरा था ना सूरज था ना चाँद था एक आग की वजह से लाल रोशनी पूरे वातावरण मे फैली हुई थी, ये बताना मुस्किल था की वो रोशनी खून की वजह से लाल है या कोई और वजह है।
पांडे- देखिए उस्ताद कैसे जानवर जैसे प्राणी है ये, इनके तो नाखून और चेहरा किसी शेर से मेल खाते है
पंडित- शेर नहीं पांडे भेड़िया, ये भेड़िया आदमी है, (warewolf), इनका जनम आदमी और भेड़िये को मिलाके हुआ है ये बहुत तेज, फूरतीले और खतरनाक होते है, एक ही वार है किसी भी आदमी को मार सकते है
पांडे- एक दम से चोंकते हुए, क्या उस्ताद, एक ही वार मे
पंडित- हा पांडे
पांडे ये सुनकर थोड़ा खुश हो जाता है, तरह तरह के लोग और प्राणी वह थे और सबसे कहा बात ये थी की सभी बहुत शक्तिशाली थे, पांडे के मन मे ये देखकर लालच आ जाता है
३. कुछ प्राणी चमगादड़ जैसे रूप के थे, उनकी कमर पर चमगादड़ के जैसे पंख थे, और वो हवा मे उड़ कर एक दूसरे से लड़ रहे थे, उनके नाखून बड़े थे और शरीर पूरा gray रंग का था, और चेहरा बहुत ही बदधा था, नायक छोटी थी और उसकी हड्डी दिख रही थी, और डाट लंबे नुकीले थे, वो बहुत शक्तिशाली मालूम होते थे, क्यू की उनके एक ही वार से सामने वाला एक दम से आसमान से सीधा जमीन मे जाके धस जाता था।
४. कुछ प्राणी 15-20 फुट लंबे थे उनका शरीर बहुत बड़ा था, पर उनकी एक आँख थी और वो सबसे शक्तिशाली मालूम होते थे, उनके हाथ पैर बहुत बड़े और भारी थे, और वो आसानी से किसी को भी कुचल सकते थे। उनके एक कदम के साथ ही जमीन हिल जाती थी, और उनपर आसानी से किसी भी तरह के वार का असर नहीं होता था।
ऐसे ही तरह तरह के बहुत सारे प्राणी वहा लड़ रहे थे, बहुत सारे प्राणी एक दम शैतान से मिलते जुलते है जिनका सिर्फ पंडित को पता था, वहा ऐसे अजीबो गरीब प्राणी बहुत संख्या मे थे, जिनको एक एक करके गिनना मुस्किल था। और देखने मे साफ पता लगता था वहा दोनों आदमी और औरत, दोनों तरह के जीव थे, सब आपस मे एक दूसरे की जान के लिए लड़ रहे थे
पंडित पांडे को इन सब परानिओ के बारे मे बताता जा रहा था, पंडित जैसे जैसे पांडे को ये सब बात रहा था पांडे के अंदर का डर खतम हो रहा था और उत्साह बढ़ रहा था, बेशक वो पहली बार शैतान की दुनिया मे आया था, पर जैसे जैसे दोनों की आत्मा शैतान की दुनिया मे समय बिता रही थी, उनका उनके शरीर और धरती की चीजों से नाता टूट रहा था, कम हो रहा था, जो था उनकी भावनाए और जुड़ाव, जिनमे डर, प्यार और नफरत शामिल थे, ये बात पंडित जानता था, और उसके साथ भी ऐसा हो रहा था, पर वो अपने लक्ष्य से जुड़ा हुआ था, उसका सडीओ पुराना प्रेम और इच्छा थी, वो हर हाल मे कंचन को पाना चाहता था।
देखते ही देखते दोनों शैतान के मैहल के आगे पहुच जाते है, मैहल मे जाने का रास्ता ऊंची लंबी सीढ़ियों से जाता था, सीढ़ियों के दोनों तरफ आग की उची उची लपटे थी, जो किसी भी मानव को जला का राख का सकती थी, महल के ऊपर किला रूपी इमारत थी जिसके बीच मे से गहरी लाल रोशनी निकाल रही थी, जो आसमान मे जाकर मिल रही थी, दोनों कुछ पल के लिए मैहल के आगे खड़े होकर भय से खड़े हो जाते इतने मे ही अंदर से ऊंची भारी आवाज आती है
आवाज- .....आओ पंडित और पांडे अंदर आओ बाहर क्यू रुक गए, हमे तुम्हारा ही इंतज़ार था........
ये सुनकर पंडित और पांडे सन्न हो जाते है।
पांडे- उस्ताद अब क्या करे
पंडित- करना क्या है पांडे अंदर चलते है, इसी के लिए तो यह आए है, हा याद रखना शैतान से ज्यादा बात ना करने मे भी भलाई है, वरना वो तुम्हारी पूरी ज़िंदगी और आगे की सभी जिंदगिया कहा लेगा
पांडे- ये सुनकर पांडे चौक जाता है, क्या आगे की जिंदगिया मतलब ?
पंडित- ये बाद मे बताऊँगा, अभी के लिए बस इतना याद रखो कम बोलना, और मेरे साथ रहना, और जो मैं बोलू उसमे मेरा साथ देना
पांडे- ठीक है उस्ताद
पांडे को पंडित पे पूरा भरोसा था, पर पंडित कंचन को पाने के लिए सब कुछ भूल चुका था, अब देखना ये था की वो पांडे और बाकी साथियों के साथ क्या करता ही।
बाकी अगले अपडेट मे॥ मिलते है कुछ वक्त बाद।।
logo ki imagination ke lie daali hai, kahani me inka exactly pata hona chahiye ki kaise dikhte hai.bachho ki tarah duniya bhar ki fantasy photos chipka diya
itne dino baad bas ek update, wo bhi itna chhotaप्रिय पाठकों,
नया अपडेट, अपडेट-37 आज श्याम तक आ जाएगा ।
धन्यवाद ।