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एक भाई की वासना
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Bahut hot update hai Odin bhai....to ab raat ka intzar khatam....to ab inke jazbaat ek dusre ke samne aa hi gye....dekhte hai aage kya hot hata hai.....again bahut umda update hai bhai...Update- 36
आपने अभी तक पढ़ा..
अचानक सूरज ने रश्मि का बाज़ू पकड़ कर अपनी तरफ करवट दिला दी और उसे अपनी बाँहों में ले लिया। उसकी नंगी कमर पर अपने हाथ मज़बूती से जमा कर अपने होंठ उसकी पतले-पतले गुलाबी होंठों पर रख दिए।
अब वो अपनी बहन के होंठों को चूमते हुए उसे चूसने लगा। रश्मि का बुरा हाल हो रहा था। नीचे से सूरज का लंड अकड़ कर उसकी चूत पर टक्करें मार रहा था और उसके शॉर्ट्स को फाड़ते हुए उसकी चूत के अन्दर तक घुसने की कोशिश में लग रहा था।
अब आगे..
सूरज ने अपने शॉर्ट्स को नीचे करते हुए अपना लंड बाहर निकाल लिया और अब उसका नंगा लंड अपनी बहन की नंगी मुलायम जाँघों से टकरा रहा था। वो अपने लौड़े को रश्मि की दोनों जाँघों के बीच में घुसा रहा था और फिर वो इसमें कामयाब भी हो गया कि उसने अपना लंड रश्मि की दोनों जाँघों के बीच धकेल दिया।
अब आहिस्ता आहिस्ता अपने लंड को उसकी जाँघों के बीच में फंसा कर सूरज रगड़ने लगा।
मैं फील कर रही थी कि रश्मि की विरोध दम तोड़ती जा रही थी और उसका जिस्म ढीला पड़ता जा रहा था। उसके बदन पर सूरज के हाथों की हरकतें तेज होती जा रही थीं। कभी उसका हाथ अपनी बहन की नंगी कमर को सहलाने लगता और कभी नीचे को जाकर उसके चूतड़ों को सहलाने लगता।
सूरज ने अपना हाथ रश्मि के टॉप के नीचे डाला और उसकी नंगी कमर को ऊपर तक सहलाने लगा।
उधर आगे सूरज ने अपनी ज़ुबान को रश्मि के होंठों के बीच में घुसेड़ दिया और उसे अपनी ज़ुबान को चूसने पर मजबूर करने लगा।
रश्मि जैसी कुँवारी और अनछुई लड़की के लिए यह बहुत ज्यादा हो रहा था। उसका दिमाग बंद होता जा रहा था और साँसें तेज हो चुकी थीं।
उसे समझ नहीं आ रहा था कि इस सबसे खुद को कैसे बचाए। नीचे उसकी चूत गीली होती जा रही थी और पानी छोड़ने वाली थी। सूरज ने पीछे से उसके शॉर्ट्स के अन्दर अपना हाथ डाला और अपना हाथ उसकी नंगे चूतड़ों पर रख दिया और उन्हें सहलाने लगा।
अचानक से शायद सूरज ने उसके चूतड़ों के बीच उंगली डाल कर उसकी गाण्ड के सुराख को छुआ जिसकी वजह से रश्मि फ़ौरन से उछल सी पड़ी और जोर से चिल्लाई- भैया आ आ आ..
मेरे लिए भी अब चुप रहना मुश्किल हो गया था। मैंने जैसे नींद से उठने की नाटक करते हुए कहा- हाँ.. बोल.. क्या हो गया है तुझे.. क्यूँ आधी रात को चिल्ला रही हो.. कोई बुरा सपना देख लिया है क्या?
मैंने उठ कर बैठते हुए कहा।
इतनी देर में सूरज अपनी जगह पर लेट कर नॉर्मल हो चुका था।
रश्मि भी उठ कर बैठ गई और मुस्करा कर अपने भाई की तरफ देख कर बोली- हाँ भाई.. सपना ही था शायद.. इसलिए डर गई मैं..
सूरज बोला- लेट जा चुप करके.. और सो जा.. सुबह तुझे कॉलेज भी जाना है।
रश्मि ने एक नज़र अपने भैया पर डाली और फिर मुस्कराते हुई बिस्तर से नीचे उतर कर वॉशरूम में चली गई।
कुछ देर बाद वापिस आई तो उसने मुझे बीच में धकेल दिया और खुद मेरी जगह पर लेट गई।
उसके चेहरे पर एक शरारती सी मुस्कराहट थी।
उसका भाई उसकी तरफ ही देख रहा था और मेरी नज़र बचा कर उसे बीच में आने का इशारा भी किया.. लेकिन मैंने देखा कि जाहिरा ने उसे अपना अंगूठा दिखाया और मुस्कराती हुई नीचे लेट गई।
अब मैं बीच में थी और मेरे दोनों तरफ दोनों बहन-भाई लेटे हुए थे।
सूरज भी अब कुछ उतावला हो गया हुआ था.. लेकिन अब अपना अकड़ा हुआ लंड वो मेरी जाँघों पर घुसा रहा था।
मेरे ऊपर से अपना बाज़ू डाल कर वो रश्मि की चूचियों को छूने की भी कोशिश कर रहा था। इसी तरह थोड़ी देर में हम तीनों को नींद आ गई।
सुबह जब मैं उठी तो मैंने रश्मि को जगाया कि जाओ जाकर चाय बना कर लाओ। रश्मि ने एक जोर की अंगड़ाई ली और फिर उठ कर कमरे से निकल गई।
फिर मैंने लेटे-लेटे ही सूरज को भी ऑफिस के लिए जगाया। वो उठा और बाथरूम में चला गया। मैं वहीं बिस्तर पर ही सुस्ती और नींद में लेटी रही।
जब काफ़ी देर हो गई कि सूरज बाथरूम से बाहर नहीं आया.. तो मैंने उठ कर बाथरूम का डोर नॉक किया.. लेकिन अन्दर से कोई जवाब नहीं आया। मैं समझ गई कि वो दूसरे दरवाजे से निकल गया होगा। मैंने अपने बेडरूम का दरवाज़ा थोड़ा सा खोला तो सामने ही मेरी नज़र रसोई में गई। जहाँ पर दोनों बहन-भाई मौजूद थे। मैंने फ़ौरन ही दरवाज़ा बंद किया और थोड़ी सी जगह से उन दोनों को देखने लगी।
रश्मि अभी भी उसी छोटे से सेक्सी टॉप में थी.. जिसे नीचे करके रात को उसका भाई उसकी चूचियों को देख रहा था और चूसा भी था।
मैं हैरान थी कि दोनों क्या बातें कर रहे हैं। हमारा घर तो छोटा सा ही है.. तो दोनों की रसोई में बातें करने की आवाजें भी मुझे आने लगीं।
मैंने देखा कि सूरज रश्मि को बाज़ू से पकड़ कर अपनी तरफ खींच रहा है लेकिन वो शरमाते हुए खुद को छुड़ा रही है।
सूरज- अरे रश्मि.. क्यों शर्मा रही हो.. इधर तो आओ एक मिनट के लिए..
रश्मि- भैया यह आपको क्या होता जा रहा है.. रात को भी आपने मुझे इतना तंग किया और फिर बारिश में नहाते हुए भी आपने ऐसे ही किया था।
सूरज ने उसे खींच कर अपने सीने से लगाते हुए कहा- तुम भी तो इतने दिनों से घर में इतनी नंगी होकर फिर रही हो.. उसका नहीं पता कि मेरे ऊपर क्या गुज़र रही होगी।
रश्मि ने अपने भाई की बाजुओं में कसमसाते हुए शरारत से कहा- ऐसे कपड़े पहनने का यह मतलब तो नहीं कि आप अपनी बहन पर ही बुरी नज़र रख लो।
सूरज ने ज़बदस्ती रश्मि के गाल को किस करते हुए कहा- बुरी नज़र कहाँ है.. मैं तो प्यार करना चाह रहा हूँ।
यह कहते हुए सूरज ने रश्मि के टॉप की डोरी को नीचे खींचा और उसकी चूची को नंगा कर लिया।
रश्मि जल्दी से अपनी चूची को छुपाते हुए तड़फ उठी।
रश्मि- छोड़ दो भैया.. वरना मैं फिर से भाभी को जगा लूँगी.. जैसे रात को उठा लिया था।
सूरज- रात को भी तूने मेरा सारा काम खराब कर दिया था.. मेरे मना करने के बावजूद अपनी भाभी को जगा लिया था।
सूरज ने रश्मि की एक चूची को अपनी मुठ्ठी में लेकर मसलते हुए कहा।
रश्मि अपने भाई की बाँहों में मचलते हुए हंस रही थी और चहक रही थी।
साफ़ लग रहा था कि एक-दूसरे के सामने ओपन होने के बाद दोनों बहन-भाई बजाए शर्मिंदा होने के.. एक-दूसरे के साथ और भी इन्वॉल्व होने लगे थे।
दोनों बहन-भाई की इस तरह की हरकतों को देखते हुए मुझे भी मज़ा आने लगा था।
मैंने अपने शॉर्ट्स में हाथ डाल कर अपनी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया, मुझे फील हुआ कि मेरी चूत भी गीली हो रही है।
सूरज ने अपने शॉर्ट्स को नीचे खींचा और अपने लंड को बाहर निकालते हुए बोला- देख.. तेरी जवानी को देख कर क्या हालत हो गई है इसकी!
रश्मि एक अदा के साथ बोली- तो मैं क्या करूँ भैया.. जाओ भाभी के पास और उन्हें इसकी यह हालत दिखाओ।
सूरज ने रश्मि का हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड पर रखने की कोशिश करने लगा। सूरज की कोशिशों के वजह से रश्मि का हाथ अपने भाई की अकड़े हुए लंड से छुआ भी.. और एक लम्हे के लिए उसकी मुठ्ठी में उसका लंड आ भी गया।
रश्मि- भैया यह तो बहुत गरम हो रहा है और सख़्त भी..
सूरज उसका हाथ अपनी लंड पर रगड़ते हुए बोला- हाँ.. तो थोड़ा ठंडा कर दे ना इसे..
Thanks for the compliment bhaiBahut hot update hai Odin bhai....to ab raat ka intzar khatam....to ab inke jazbaat ek dusre ke samne aa hi gye....dekhte hai aage kya hot hata hai.....again bahut umda update hai bhai...
Superb updateUpdate- 37
आपने अभी तक पढ़ा..
सूरज ने अपने शॉर्ट्स को नीचे खींचा और अपने लंड को बाहर निकालते हुए बोला- देख.. तेरी जवानी को देख कर क्या हालत हो गई है इसकी!
रश्मि एक अदा के साथ बोली- तो मैं क्या करूँ भाई.. जाओ भाभी के पास और उन्हें इसकी यह हालत दिखाओ।
सूरज ने रश्मि का हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड पर रखने की कोशिश करने लगा। सूरज की कोशिशों के वजह से रश्मि का हाथ अपने भाई की अकड़े हुए लंड से छुआ भी.. और एक लम्हे के लिए उसकी मुठ्ठी में उसका लंड आ भी गया।
रश्मि- भाई यह तो बहुत गरम हो रहा है और सख़्त भी..
सूरज उसका हाथ अपनी लंड पर रगड़ते हुए बोला- हाँ.. तो थोड़ा ठंडा कर दे ना इसे..
अब आगे..
रश्मि इठलाते हुए बोली- जाओ भाभी से कहो ना.. इसे ठंडा कर दें.. मैं क्यों करूँ..
सूरज- इसमें आग तूने लगाई है.. तो ठंडा भी तो तुझे ही करना होगा ना मेरी जान.. आज तू मेरे साथ कॉलेज चल, फिर रास्ते मैं तुझे बताऊँगा.. देखना तू..
रश्मि जोर-जोर से हँसने लगी, रश्मि की एक चूची अभी तक नंगी थी और अब वो उसे छुपाने की कोशिश भी नहीं कर रही थी। सूरज अब भी बार-बार अपनी बहन को अपने जिस्म के साथ चिपका कर चूम रहा था
और ऐसे चूमते चूमते उसके चूतड को भी दबाने लगा।
मैंने अब दोनों को ब्रेक देने का फ़ैसला किया और अन्दर से ही आवाज़ लगाई- अरे रश्मि.. यार कहाँ चली गई हो.. अभी तक चाय ही नहीं बनाई यार तुमने?
रश्मि और सूरज जल्दी से एक-दूसरे से अलग हुए और रश्मि अपने टॉप को ठीक करते हुए बोली- भाभी बस चाय लेकर आ रही हूँ.. आप जल्दी से भाई को उठा दें।
उसके इस झूठ पर मैं हैरान भी हुई और मुस्करा भी दी कि उसका भाई उसके पास खड़ा उसके साथ छेड़छाड़ कर रहा है और वो मुझसे छुपाते हुए शो कर रही है कि उसे पता ही नहीं कि उसका भाई कहाँ है।
यही सोचती हुई मैं बिस्तर पर आ गई और थोड़ी देर में बाथरूम का दरवाज़ा खुला और सूरज अन्दर आ गया।
थोड़ी देर में ही रश्मि भी चाय लेकर आ गई, उसके चेहरे पर एक शरारती और सेक्स से भरी हुई मुस्कान थी।
मैंने देखा कि वो मेरी नज़र बचा कर बड़ी अदा के साथ अपने भाई की तरफ देख रही थी।
जब वो बिस्तर पर चाय रखने लगी.. तो काफ़ी ज्यादा ही झुक गई.. जिससे उसकी दोनों चूचियों बिल्कुल जैसे बाहर को निकलते हुए उसके भाई को नज़र आने लगीं।
रश्मि ने एक नज़र उठा कर उसी हालत में ही अपने भाई को देखा और कटीली अदा से मुस्करा कर सीधी होकर बैठ गई।
मैं उन दोनों की हरकतों को नजरंदाज कर रही थी.. जैसे कि मुझे कुछ पता ही ना हो।
चाय पीने के बाद सूरज उठा और बोला- चलो रश्मि.. जल्दी कर लो.. कॉलेज को देर हो जाएगी.. तैयार हो जाओ..
रश्मि ने एक शरारती मुस्कराहट से अपने भाई की तरफ देखा और बोली- नहीं भाई.. आज मैं कॉलेज नहीं जा रही हूँ।
सूरज जो कपबोर्ड के पास खड़ा था.. चौंकते हुए मुड़ कर अपनी बहन की तरफ देखने लगा और बोला- क्यों.. आज क्यों नहीं जाना तूने?
रश्मि मुस्करा कर बोली- बस भाई आज घर पर ही कुछ काम कंप्लीट करना है.. इसलिए..
सूरज ने एक मायूस सी नज़र अपनी बहन पर डाली और अपनी तैयारी करने लगा।
मैं धीरे से मुस्कराई और उठ कर बाथरूम में जाते हुई बोली- चल ठीक है रश्मि.. आज अपने भाई को नाश्ता भी तू ही करवा दे।
रश्मि मुस्करा कर अपने भाई की तरफ देखते हुई बोली- जी भाभी.. वो तो करवा भी दिया।
मैं- क्या कहा.. करवा भी दिया.. कब??
रश्मि घबरा कर बोली- नहीं.. मैंने कहा है कि वो भी करवा देती हूँ।
मैं उसकी बात को अनसुनी करते हुए वॉशरूम में दाखिल हो गई। लेकिन दरवाज़ा लॉक करके भी मैं एक झिरी से बाहर का नजारा देखने लगी।
मेरे अन्दर जाते ही सूरज बिस्तर की तरफ बढ़ा और अपनी बहन पर झपटा और उसे बिस्तर पर गिराते हुए.. उस पर झुक गया और उसके होंठ को चूमते हुए बोला- क्यों नहीं जा रही तू आज.. डर गई है क्या?
रश्मि हँसते हुए बोली- जी भाई.. अपने भाई की बुरी नज़र से डर गई हूँ.. मेरी इज़्ज़त को आप से ख़तरा पैदा हो गया है।
सूरज अपना हाथ रश्मि के शॉर्ट्स में डाल कर उसकी चूत को अपनी मुठ्ठी में लेकर दबाते हुए
बोला- घर में रह कर तेरी इस चूत को ख़तरा कम नहीं होगा.. अब तू देखना.. तेरी इस कुँवारी चूत को मैं ही अपने लंड से फाड़ूँगा।
रश्मि ‘खीखी.. खीखी..’ करते हुए हँसने लगी और अपना हाथ सूरज के हाथ के ऊपर रख तो दिया.. लेकिन उसका हाथ चूत के ऊपर से बाहर नहीं खींचा।
सूरज ने अपने होंठ अपनी बहन के होंठों पर रख दिए और उसके होंठों को चूमने लगा।
उसने रश्मि का हाथ पकड़ा और अपने शॉर्ट के अन्दर घुसा दिया और अपना लंड पकड़ा दिया।
रश्मि ने भी अपना हाथ अपने भाई के शॉर्ट्स में से बाहर खींचने की कोशिश नहीं की।
अब सूरज अपनी बहन की चूत को सहला रहा था और रश्मि अपने भाई के शॉर्ट्स में हाथ डाले हुए उसके लण्ड से खेल रही थी।
रश्मि बोली- भाई अब छोड़िए.. भाभी आ जाएंगी।
सूरज ने एक नज़र बाथरूम के दरवाजे पर डाली और फिर एक बार किस करके उठ गया। फिर वहीं उसके पास खड़े होकर अपना शॉर्ट भी उतार दिया।
रश्मि बोली- भाई कुछ तो शरम करो अपनी बहन की सामने ही नंगे हो गए हो.. अगर भाभी ने देख लिया तो क्या सोचेंगी।
सूरज ने अपना अकड़ा हुआ लंड अपने हाथ में पकड़ा और उसे रश्मि के चेहरे के पास लाते हुए बोला- अपने इन प्यारे प्यारे होंठों से.. एक किस तो कर दो प्लीज़..
रश्मि सिर हिलाते हुए बोली- नहीं भाई.. मैं नहीं करूँगी।
सूरज बोला- मैं भी फिर तुम्हारे सामने ऐसे ही खड़ा रहूँगा..
रश्मि हँसी और फिर सूरज का लंड अपने हाथ में पकड़ कर उसकी नोक पर अपने होंठ रख कर उसने एक चुम्मी कर दी।
सूरज- थोड़ा सा मुँह के अन्दर लेकर चूस तो सही यार..
रश्मि ने अपने भाई का लंड झट से थोड़ा सा चूसा और फिर छोड़ दिया और उठते हुए बोली- नहीं.. बस अब और कुछ नहीं होगा भाई..
और फिर वो अपने भाई को मुस्करा कर अंगूठा दिखाते हुई कमरे से बाहर निकल गई।
सूरज अपने कपड़े पहनने लगा और मैं भी वॉशरूम से बाहर आ गई।
अब मैं दोबारा बिस्तर पर लेट गई ताकि रश्मि ‘अच्छी’ तरह से सूरज को नाश्ता करवा सके।
सूरज ने तैयार होकर मेरे पास आकर मेरे होंठों पर एक किस किया और फिर कमरे से बाहर निकला.. तो मैं भी फ़ौरन ही बाहर को देखने लगी।
रश्मि पहले ही सूरज के लिए नाश्ता टेबल पर लगा चुकी थी। सूरज वहीं बैठ गया और फिर रसोई से रश्मि उसकी लिए चाय लेकर आ गई और उसके पास ही बैठ गई।
अब टेबल पर बैठ हुए वो दोनों मेरे सामने दिख रहे थे।
सूरज- आओ तुम भी नाश्ता कर लो..
रश्मि- नहीं.. आप कर लो.. मैं भाभी के साथ कर लूँगी..
सूरज- अपना यह टॉप तो नीचे करो थोड़ा..
रश्मि- शरम करो भाई.. भाई तो अपनी बहनों के जिस्म ढकने के लिए कहते हैं.. और आप हो कि मुझे अपना जिस्म एक्सपोज़ करने के लिए कह रहे हो?
सूरज मुस्कराया और खुद ही हाथ आगे बढ़ा कर उसके कन्धों से उसके टॉप की डोरी को नीचे खींचते हुए उसकी चूची को नंगा करते हुए बोला- तेरे जैसी गर्म बहन हो.. तो भाई खुद ही बहनचोद बन जाता है डार्लिंग..
रश्मि हँसने लगी और बोली- भाई जल्दी से नाश्ता करो और चाय पी कर निकलो.. आपको बहुत देर हो गई है!
सूरज- लेकिन आज तो मैं चाय नहीं दूध पीऊँगा..
रश्मि- तो जाओ अन्दर जाकर पी आओ.. भाभी अन्दर ही हैं..
सूरज- लेकिन मैं तो आज तेरी इन चूचियों का दूध पीऊँगा..
सूरज ने रश्मि की चूची से खेलते हुए कहा और फिर झुक कर अपनी बहन की चूची के निप्पल को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
रश्मि ने उसके बालों में हाथ फेरा और फिर बोली- आह्ह.. बस करो.. भाई क्या आपने एक ही दिन में सारे के सारे मजे लूट लेना हैं..
Ab to lgta hai rashmi ka kaam tamam jaldi hone wala hai suraj ke haato....or isme Kajal indirectly hi sahi or dono ko support kr rhi hai....ab dekhte hai Kajal kaise inke samne Aati hai...mast update broUpdate- 37
आपने अभी तक पढ़ा..
सूरज ने अपने शॉर्ट्स को नीचे खींचा और अपने लंड को बाहर निकालते हुए बोला- देख.. तेरी जवानी को देख कर क्या हालत हो गई है इसकी!
रश्मि एक अदा के साथ बोली- तो मैं क्या करूँ भाई.. जाओ भाभी के पास और उन्हें इसकी यह हालत दिखाओ।
सूरज ने रश्मि का हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड पर रखने की कोशिश करने लगा। सूरज की कोशिशों के वजह से रश्मि का हाथ अपने भाई की अकड़े हुए लंड से छुआ भी.. और एक लम्हे के लिए उसकी मुठ्ठी में उसका लंड आ भी गया।
रश्मि- भाई यह तो बहुत गरम हो रहा है और सख़्त भी..
सूरज उसका हाथ अपनी लंड पर रगड़ते हुए बोला- हाँ.. तो थोड़ा ठंडा कर दे ना इसे..
अब आगे..
रश्मि इठलाते हुए बोली- जाओ भाभी से कहो ना.. इसे ठंडा कर दें.. मैं क्यों करूँ..
सूरज- इसमें आग तूने लगाई है.. तो ठंडा भी तो तुझे ही करना होगा ना मेरी जान.. आज तू मेरे साथ कॉलेज चल, फिर रास्ते मैं तुझे बताऊँगा.. देखना तू..
रश्मि जोर-जोर से हँसने लगी, रश्मि की एक चूची अभी तक नंगी थी और अब वो उसे छुपाने की कोशिश भी नहीं कर रही थी। सूरज अब भी बार-बार अपनी बहन को अपने जिस्म के साथ चिपका कर चूम रहा था
और ऐसे चूमते चूमते उसके चूतड को भी दबाने लगा।
मैंने अब दोनों को ब्रेक देने का फ़ैसला किया और अन्दर से ही आवाज़ लगाई- अरे रश्मि.. यार कहाँ चली गई हो.. अभी तक चाय ही नहीं बनाई यार तुमने?
रश्मि और सूरज जल्दी से एक-दूसरे से अलग हुए और रश्मि अपने टॉप को ठीक करते हुए बोली- भाभी बस चाय लेकर आ रही हूँ.. आप जल्दी से भाई को उठा दें।
उसके इस झूठ पर मैं हैरान भी हुई और मुस्करा भी दी कि उसका भाई उसके पास खड़ा उसके साथ छेड़छाड़ कर रहा है और वो मुझसे छुपाते हुए शो कर रही है कि उसे पता ही नहीं कि उसका भाई कहाँ है।
यही सोचती हुई मैं बिस्तर पर आ गई और थोड़ी देर में बाथरूम का दरवाज़ा खुला और सूरज अन्दर आ गया।
थोड़ी देर में ही रश्मि भी चाय लेकर आ गई, उसके चेहरे पर एक शरारती और सेक्स से भरी हुई मुस्कान थी।
मैंने देखा कि वो मेरी नज़र बचा कर बड़ी अदा के साथ अपने भाई की तरफ देख रही थी।
जब वो बिस्तर पर चाय रखने लगी.. तो काफ़ी ज्यादा ही झुक गई.. जिससे उसकी दोनों चूचियों बिल्कुल जैसे बाहर को निकलते हुए उसके भाई को नज़र आने लगीं।
रश्मि ने एक नज़र उठा कर उसी हालत में ही अपने भाई को देखा और कटीली अदा से मुस्करा कर सीधी होकर बैठ गई।
मैं उन दोनों की हरकतों को नजरंदाज कर रही थी.. जैसे कि मुझे कुछ पता ही ना हो।
चाय पीने के बाद सूरज उठा और बोला- चलो रश्मि.. जल्दी कर लो.. कॉलेज को देर हो जाएगी.. तैयार हो जाओ..
रश्मि ने एक शरारती मुस्कराहट से अपने भाई की तरफ देखा और बोली- नहीं भाई.. आज मैं कॉलेज नहीं जा रही हूँ।
सूरज जो कपबोर्ड के पास खड़ा था.. चौंकते हुए मुड़ कर अपनी बहन की तरफ देखने लगा और बोला- क्यों.. आज क्यों नहीं जाना तूने?
रश्मि मुस्करा कर बोली- बस भाई आज घर पर ही कुछ काम कंप्लीट करना है.. इसलिए..
सूरज ने एक मायूस सी नज़र अपनी बहन पर डाली और अपनी तैयारी करने लगा।
मैं धीरे से मुस्कराई और उठ कर बाथरूम में जाते हुई बोली- चल ठीक है रश्मि.. आज अपने भाई को नाश्ता भी तू ही करवा दे।
रश्मि मुस्करा कर अपने भाई की तरफ देखते हुई बोली- जी भाभी.. वो तो करवा भी दिया।
मैं- क्या कहा.. करवा भी दिया.. कब??
रश्मि घबरा कर बोली- नहीं.. मैंने कहा है कि वो भी करवा देती हूँ।
मैं उसकी बात को अनसुनी करते हुए वॉशरूम में दाखिल हो गई। लेकिन दरवाज़ा लॉक करके भी मैं एक झिरी से बाहर का नजारा देखने लगी।
मेरे अन्दर जाते ही सूरज बिस्तर की तरफ बढ़ा और अपनी बहन पर झपटा और उसे बिस्तर पर गिराते हुए.. उस पर झुक गया और उसके होंठ को चूमते हुए बोला- क्यों नहीं जा रही तू आज.. डर गई है क्या?
रश्मि हँसते हुए बोली- जी भाई.. अपने भाई की बुरी नज़र से डर गई हूँ.. मेरी इज़्ज़त को आप से ख़तरा पैदा हो गया है।
सूरज अपना हाथ रश्मि के शॉर्ट्स में डाल कर उसकी चूत को अपनी मुठ्ठी में लेकर दबाते हुए
बोला- घर में रह कर तेरी इस चूत को ख़तरा कम नहीं होगा.. अब तू देखना.. तेरी इस कुँवारी चूत को मैं ही अपने लंड से फाड़ूँगा।
रश्मि ‘खीखी.. खीखी..’ करते हुए हँसने लगी और अपना हाथ सूरज के हाथ के ऊपर रख तो दिया.. लेकिन उसका हाथ चूत के ऊपर से बाहर नहीं खींचा।
सूरज ने अपने होंठ अपनी बहन के होंठों पर रख दिए और उसके होंठों को चूमने लगा।
उसने रश्मि का हाथ पकड़ा और अपने शॉर्ट के अन्दर घुसा दिया और अपना लंड पकड़ा दिया।
रश्मि ने भी अपना हाथ अपने भाई के शॉर्ट्स में से बाहर खींचने की कोशिश नहीं की।
अब सूरज अपनी बहन की चूत को सहला रहा था और रश्मि अपने भाई के शॉर्ट्स में हाथ डाले हुए उसके लण्ड से खेल रही थी।
रश्मि बोली- भाई अब छोड़िए.. भाभी आ जाएंगी।
सूरज ने एक नज़र बाथरूम के दरवाजे पर डाली और फिर एक बार किस करके उठ गया। फिर वहीं उसके पास खड़े होकर अपना शॉर्ट भी उतार दिया।
रश्मि बोली- भाई कुछ तो शरम करो अपनी बहन की सामने ही नंगे हो गए हो.. अगर भाभी ने देख लिया तो क्या सोचेंगी।
सूरज ने अपना अकड़ा हुआ लंड अपने हाथ में पकड़ा और उसे रश्मि के चेहरे के पास लाते हुए बोला- अपने इन प्यारे प्यारे होंठों से.. एक किस तो कर दो प्लीज़..
रश्मि सिर हिलाते हुए बोली- नहीं भाई.. मैं नहीं करूँगी।
सूरज बोला- मैं भी फिर तुम्हारे सामने ऐसे ही खड़ा रहूँगा..
रश्मि हँसी और फिर सूरज का लंड अपने हाथ में पकड़ कर उसकी नोक पर अपने होंठ रख कर उसने एक चुम्मी कर दी।
सूरज- थोड़ा सा मुँह के अन्दर लेकर चूस तो सही यार..
रश्मि ने अपने भाई का लंड झट से थोड़ा सा चूसा और फिर छोड़ दिया और उठते हुए बोली- नहीं.. बस अब और कुछ नहीं होगा भाई..
और फिर वो अपने भाई को मुस्करा कर अंगूठा दिखाते हुई कमरे से बाहर निकल गई।
सूरज अपने कपड़े पहनने लगा और मैं भी वॉशरूम से बाहर आ गई।
अब मैं दोबारा बिस्तर पर लेट गई ताकि रश्मि ‘अच्छी’ तरह से सूरज को नाश्ता करवा सके।
सूरज ने तैयार होकर मेरे पास आकर मेरे होंठों पर एक किस किया और फिर कमरे से बाहर निकला.. तो मैं भी फ़ौरन ही बाहर को देखने लगी।
रश्मि पहले ही सूरज के लिए नाश्ता टेबल पर लगा चुकी थी। सूरज वहीं बैठ गया और फिर रसोई से रश्मि उसकी लिए चाय लेकर आ गई और उसके पास ही बैठ गई।
अब टेबल पर बैठ हुए वो दोनों मेरे सामने दिख रहे थे।
सूरज- आओ तुम भी नाश्ता कर लो..
रश्मि- नहीं.. आप कर लो.. मैं भाभी के साथ कर लूँगी..
सूरज- अपना यह टॉप तो नीचे करो थोड़ा..
रश्मि- शरम करो भाई.. भाई तो अपनी बहनों के जिस्म ढकने के लिए कहते हैं.. और आप हो कि मुझे अपना जिस्म एक्सपोज़ करने के लिए कह रहे हो?
सूरज मुस्कराया और खुद ही हाथ आगे बढ़ा कर उसके कन्धों से उसके टॉप की डोरी को नीचे खींचते हुए उसकी चूची को नंगा करते हुए बोला- तेरे जैसी गर्म बहन हो.. तो भाई खुद ही बहनचोद बन जाता है डार्लिंग..
रश्मि हँसने लगी और बोली- भाई जल्दी से नाश्ता करो और चाय पी कर निकलो.. आपको बहुत देर हो गई है!
सूरज- लेकिन आज तो मैं चाय नहीं दूध पीऊँगा..
रश्मि- तो जाओ अन्दर जाकर पी आओ.. भाभी अन्दर ही हैं..
सूरज- लेकिन मैं तो आज तेरी इन चूचियों का दूध पीऊँगा..
सूरज ने रश्मि की चूची से खेलते हुए कहा और फिर झुक कर अपनी बहन की चूची के निप्पल को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
रश्मि ने उसके बालों में हाथ फेरा और फिर बोली- आह्ह.. बस करो.. भाई क्या आपने एक ही दिन में सारे के सारे मजे लूट लेना हैं..
Thanks for the compliment bhaiAb to lgta hai rashmi ka kaam tamam jaldi hone wala hai suraj ke haato....or isme Kajal indirectly hi sahi or dono ko support kr rhi hai....ab dekhte hai Kajal kaise inke samne Aati hai...mast update bro
Thanks for the compliment bhaiInteha hob gayi intejar ki.