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एक भाई की वासना
INDEX
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Superb updateUpdate- 42
आपने अभी तक पढ़ा..
रश्मि- भाई मैं कौन सा लंड चूसती रहती हूँ.. जो मुझे आता है कि कैसे चूसते हैं.. पहली बार तो चूस रही हूँ। मुझसे तो ऐसे ही चूसा जाएगा.. चुसवाना है तो बोलो.. नहीं तो मैं चली।
सूरज- अच्छा अच्छा.. ठीक है.. जैसे भी चूस ले.. ठीक है, कोई बात नहीं.. आहिस्ता आहिस्ता तुझे मेरा लंड ठीक से चूसना भी आ जाएगा। तेरे पति तक पहुँचने से पहले तुझे बिल्कुल एक्सपर्ट बना दूँगा.. देखना तू..
रश्मि- मेरे पति के लिए कुछ बाकी छोड़ोगे.. तभी तो जाऊँगी ना उसके पास बरना फिर जाने का क्या फ़ायदा?
दोनों हँसने लगे..
सूरज- चल अब जल्दी से मेरा पानी निकाल दे ना..
अब आगे..
रश्मि- नहीं भाई.. यहाँ पर सब कुछ खराब हो जाएगा.. मैं नहीं निकालती।
सूरज- तो मेरा पानी मुँह में ले लेना ना..
रश्मि- छी: छी: कितनी गंदी बातें करते हो ना तुम.. मैं तुम्हारा पानी अपने मुँह में क्यों लूँ?
अपने भाई का लंड रगड़ते-रगड़ते.. जैसे वो छूटने वाला हुआ तो रश्मि ने उसका लंड उसके शॉर्ट्स के अन्दर ही डाल दिया और ऊपर से दबा दिया।
इसी के साथ ही सूरज का पूरे का पूरा पानी उसके शॉर्ट्स के अन्दर ही निकलने लगा।
‘ऊऊऊहह.. आआआ..अह.. सस्स्स्स.. स्सस्स..’ की आवाजों के साथ ही सूरज के लंड ने सारा पानी अपने शॉर्ट्स में ही निकाल दिया।
पूरा पानी निकलने के बाद सूरज बोला- रश्मि तुम बहुत शैतान हो.. देखो तुमने मेरा सारा शॉर्ट्स खराब कर दिया है..
रश्मि ने उसके शॉर्ट्स को नीचे को खींचा.. और अन्दर हो रही सारी मलाई को फैलते देखा तो हँस कर बोली- अब बहुत अच्छा लग रहा है.. है न?
सूरज बोला- कोई बात नहीं.. आज रात को तेरी चूत से सारा बदला लूँगा।
रश्मि- क्या मतलब?
सूरज- मतलब यह कि मैं आज ही रात को तेरी कुँवारी चूत चोदूंगा।
रश्मि- भाई.. आपको शर्म नहीं आएगी क्या.. अपनी ही सग़ी बहन को चोदते हुए?
सूरज- जब तुझे अपने भाई का लंड चूसते हुए शर्म नहीं आई.. तो मुझे भी तेरी चूत चोदते हुए कोई शरम नहीं आएगी।
रश्मि हँसते हुए बोली- लेकिन भाई भाभी भी तो हैं ना?
सूरज- उसकी फिकर ना कर.. उसे मैं रात को दूध में नींद की गोली मिलाकर दे दूँगा.. तो खुद ही सोई रहेगी।
रश्मि अपने खुले हुए मुँह पर अपना हाथ रखते हुए बोली- भाई कितने गंदे हो तुम?
सूरज- गंदे नहीं.. बेचैन कहो कि कितना बेचैन हूँ तुम्हें चोदने के लिए..
मुझे सूरज के प्लान का पता हो चुका था। मैं मुस्कुरा दी.. क्योंकि मैं भी आज रश्मि को अपने भाई के लंड से चुदवा कर उसका कुँवारापन तुड़वाना चाहती थी.. इसलिए मैंने सूरज के साथ सहयोग करने का फ़ैसला कर लिया।
रात के खाने के बाद मैं कमरे में पहले ही आ गई और लेट गई।
थोड़ी देर के बाद सूरज आया और मुझे दूध का गिलास और दवा दे कर बोला- यह दवा ले लो.. सुबह तक तबीयत ठीक हो जाएगी।
मैंने उसे दोनों चीजें साइड की टेबल पर रखने को कहा।
फिर वो चला गया.. उसकी जाते ही मैंने वो दूध और दवा बाथरूम में गिरा दी और लेट गई।
अब फिर से उठ कर मैंने बाहर झाँका तो दोनों बहन-भाई की मस्तियाँ जारी थीं। टीवी देखते हुए भी वो रश्मि को अपनी बाहों में खींचे हुए था और उसकी चूचियों से खेल रहा था..
कभी उसको चूम रहा था।
रश्मि अपनी अदाएं दिखाते हुए उसे तंग कर रही थी ‘भाई.. क्या है ना आपको.. मेरे ही पीछे पड़े रहते हो.. थोड़ा सबर नहीं हो सकता क्या?’
सूरज- नहीं हो रहा ना सबर मुझसे.. मेरा तो दिल कर रहा है कि अभी डाल दूँ तेरी चूत में अपना लंड..
रश्मि- भाई.. मैं आपको कुछ भी ऐसा-वैसा नहीं करने दूँगी.. पता भी है आपका यह कितना मोटा है.. मेरी तो वैसे ही फाड़ देगा..
रश्मि ने सूरज के लंड को छूते हुए कहा।
सूरज- हाय मेरी जान.. मुझे तेरी चूत फाड़नी ही तो है.. आज की रात..
रश्मि- नहीं भाई.. प्लीज़ फिर कभी कर लेना.. आज नहीं.. आज तो भाभी भी हैं ना.. तो ऐसे में ठीक नहीं है ना..
सूरज- अरे कुछ नहीं होता यार.. तेरी खातिर तो उसे नींद की गोलियां दीं हैं.. तू उसकी फिकर ना कर..
चल जा उसे देख कर बता.. सो गई होगी वो.. और फिर थोड़ा मेकअप करके तैयार हो जा.. मैं आता हूँ.. फिर तुझे चोदता हूँ..
रश्मि मुस्कुराते और शरमाते हुई उठी और कमरे की तरफ बढ़ी.. तो मैं जल्दी से बिस्तर पर लेट गई और सोती बन गई।
रश्मि कमरे में आई और मेरे बिस्तर के पास खड़ी होकर मुझे आवाजें देने लगी- भाभी भाभी..
लेकिन ज़ाहिर है कि मैंने कोई जवाब नहीं दिया.. फिर रश्मि ने मेरी चूचियों के ऊपर हाथ रख कर आहिस्ता आहिस्ता सहलाते हुए मुझे उठाना चाहा..
लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया।
रश्मि का हाथ मेरे जिस्म पर से फिसलता हुआ मेरी चूत तक आ गया और मेरे पजामे के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाते हुए बोली।
रश्मि- मेरी प्यारी भाभी.. आज तो आपके पति मेरे भी पति बनने जा रहे हैं.. आज भाई का लंड मेरी चूत में भी जाने वाला है.. जैसे आपकी चूत में जाता है.. पता नहीं कैसे होगा यह सब.. और कैसा हो पाएगा..रश्मि मुस्कुराते हुए बोली आज से में आपके सौतन बन जाऊंगी...
फिर रश्मि ने झुक कर मेरे गाल को चूमा। फिर जाकर ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठ गई और मेकअप करने लगी।
मैं थोड़ी सी आँखें खोल कर उसे देख रही थी और वो कुछ गुनगुनाते हुए मेकअप कर रही थी। थोड़ी ही देर में दरवाज़ा खुला और सूरज भी अन्दर कमरे में आ गया।
उसने सीधा रश्मि के पीछे जाकर उसके नंगे कन्धों पर झुक कर चूमा और उसकी गर्दन पर अपनी ज़ुबान फेरने लगा।
रश्मि ने उसे पीछे को धक्का दे दिया- प्लीज़ भाई.. थोड़ा तो सबर करो ना.. और जाओ वहाँ बिस्तर पर जाकर बैठ जाओ..
सूरज मुस्कुराया- जी राजकुमारी जी..
ये कह कर बिस्तर पर मेरे पास आकर बैठ गया।
वो बिस्तर की पुश्त टेक लगा कर अधलेटा सा होकर मेरी तरफ देखने लगा।
फिर उसने अपने लौड़े को मसलते हुए रश्मि को आवाज़ दी- आ भी जा.. जल्दी से अब..
जिस तरह बिस्तर पर लेट कर सूरज अपनी बहन को आइने के सामने तैयार होते हुए देख और उसका इन्तजार कर रहा था.. बिल्कुल ऐसा ही लग रहा था जैसे कि वो उसकी बीवी हो और यह उसका चोदने को बेकरार पति हो..
तभी रश्मि स्टूल से उठी और बिस्तर की तरफ आई और बिस्तर के क़रीब रुक कर बोली- भाई हमें दूसरे कमरे में चले जाना चाहिए.. यहाँ भाभी सो रही हैं।
सूरज- अरे नहीं यार.. यहाँ एसी चल रहा है.. उधर गर्मी होगी और तुम इसकी फिकर ना करो.. यह तो नींद की दवा लेकर सोई हुई है।
यह कहते हुए सूरज ने रश्मि का हाथ पकड़ा और उसे बिस्तर पर अपने ऊपर घसीट लिया।
रश्मि सूरज के ऊपर आ गिरी और सूरज ने उसे अपने बाँहों में कसते हुए चूमना शुरू कर दिया।
कुछ देर तक दोनों एक-दूसरे को किस करते रहे।
फिर रश्मि सीधी होकर सूरज के ऊपर ही दोनों तरफ पैर डाल कर बैठ गई
और अपना हाथ सूरज के नंगी छाती पर उसके सीने के बालों में फेरते हुए
बोली- भाई क्या सच में आप मेरे साथ यह सब कुछ करना चाहते हैं?
सूरज- हाँ मेरी जान.. मैं तो तुझे चोदने के लिए मरा जा रहा हूँ..
रश्मि- क्या सच में आप मुझे इतना ज्यादा प्यार करते हो?
सूरज उसकी चूचियों से खेलते हुए बोला- हाँ मेरी जान.. इसका सुबूत यह तुम्हारी गाण्ड के नीचे दबा हुआ मेरा लंड भी तो है ना.. जो कि तेरी चूत में घुसने की लिए बेचैन हो रहा है..
सूरज ने रश्मि के टॉप को पकड़ा और आहिस्ता आहिस्ता ऊपर उठाने लगा और फिर अगले ही पल में उसके जिस्म से उतार कर परे फेंक दिया।
रश्मि ने फ़ौरन ही अपने हाथ अपनी चूचियों पर रख लिए तो सूरज बोला- अब मुझसे क्यूँ छुपा रही हो?
रश्मि- भाई वो भाभी की वजह से शरम आ रही है मुझे..
सूरज हँसने लगा और फिर उसे अपने ऊपर थोड़ा झुका कर उसकी खुबसूरत चूचियों के गुलाबी निप्पलों को चूसने लगा।
फिर उसने एक मम्मे को अपनी मुठ्ठी में भर लिया और अपना दूसरा हाथ मेरी चूची पर रख कर बोला- रश्मि तुम्हारी चूची.. तुम्हारी भाभी से छोटी हैं लेकिन तुम्हारी ज्यादा टाइट हैं..
रश्मि- अरे अरे.. भाई यह क्या कर रहे हो ना.. छोड़ो उनको.. वो उठ जाएंगी।
सूरज- नहीं उठेंगी यार.. आओ तुमको इसकी चूचियों खोल कर दिखाता हूँ।
यह कहते हुए सूरज ने मेरे टॉप को नीचे खींचा और मेरी चूचियों को भी नंगी कर दिया।
रश्मि तो पहले भी मेरा सब कुछ देख चुकी हुई थी.. इसलिए उसे हैरत तो नहीं थी.. लेकिन फिर भी वो अपने भाई के आगे ऐसी शो कर रही थी.. जैसे कि पहली बार मुझे नंगी देख रही हो।
सूरज ने रश्मि का एक हाथ मेरी चूची पर रखा तो रश्मि बोली- प्लीज़्ज़्ज़.. भाई ना करो ना.. छोड़ो भाभी को.. आख़िर आप करना क्या चाहते हो?
सूरज- सच पूछा तूने.. तो सुन.. मैं तुम दोनों को एक साथ नंगी देखना चाहता हूँ और तुम दोनों को एक साथ चोदना चाहता हूँ।
रश्मि- नहीं नहीं.. भाई ऐसा नहीं हो सकता..
सूरज ने रश्मि को दोबारा अपनी बाँहों में खींचा और उसे चूमते हुए बोला- हाँ मुझे भी पता है कि ऐसा होना ना मुमकिन है।
यह कहते हुए सूरज ने रश्मि को बिस्तर पर मेरे साथ लिटाया और फिर खुद उसके ऊपर आ गया और ऊपर झुक कर उसके गालों और होंठों को चूमने लगा।
आहिस्ता आहिस्ता उसके जिस्म को चूमते हुए वो नीचे को आने लगा। नीचे आकर उसने रश्मि के पजामे को भी उतार दिया।
अब पहली बार उसकी बहन पूरी की पूरी उसकी आँखों के सामने नंगी थी।
एक पल के लिए सूरज अपनी बहन के नंगे जिस्म को देखता रहा.. फिर उसका हाथ आगे बढ़ा और अपनी बहन की कुँवारी अनछुई और बिना बालों वाली चूत को सहलाने लगा।
‘इस्स्स.. ईस्स्स्स.. आआहह.. उम्म्म्म्..’
एक मर्द का अपने भाई का हाथ अपनी चूत पर लगते ही रश्मि की चूत गरम होने लगी और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।
अपनी सग़ी बहन की चूत पर अपनी उंगली फेरते हुए आहिस्ता आहिस्ता अपनी उंगली को उसकी चूत की दरार में घुसेड़ रहा था और उसकी उंगली पर उसकी अपनी ही बहन की चूत का पानी लग रहा था।
सूरज ने अपनी उंगली ऊपर की ओर रश्मि को दिखाते हुए कहा- देख.. तेरी चूत कितना पानी छोड़ रही है.. तेरी चूत मेरे लण्ड से चुदने लिए कितनी प्यासी और चुदासी हो रही है।
रश्मि ने शर्मा कर आँखें बंद कर लीं।
Superb updateUpdate- 43
आपने अभी तक पढ़ा..
एक मर्द का अपने भाई का हाथ अपनी चूत पर लगते ही रश्मि की चूत गरम होने लगी और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।
अपनी सग़ी बहन की चूत पर अपनी उंगली फेरते हुए आहिस्ता आहिस्ता अपनी उंगली को उसकी चूत की दरार में घुसेड़ रहा था और उसकी उंगली पर उसकी अपनी ही बहन की चूत का पानी लग रहा था।
सूरज ने अपनी उंगली ऊपर की ओर रश्मि को दिखाते हुए कहा- देख.. तेरी चूत कितना पानी छोड़ रही है.. तेरी चूत मेरे लण्ड से चुदने लिए कितनी प्यासी और चुदासी हो रही है।
रश्मि ने शर्मा कर आँखें बंद कर लीं।
अब आगे..
सूरज ने रश्मि की चूत की पानी से गीली हो रही उंगली को उसके लबों से लगाया और गीला पानी उसके होंठों पर मलने लगा।
रश्मि ने अपने सिर को इधर-उधर हिलाना शुरू कर दिया.. लेकिन सूरज ने अपनी उंगली उसके होंठों के बीच में डाल कर उसके मुँह में डाल ही दी और उसे अपनी ही चूत का पानी चाटने पर मजबूर कर दिया।
सूरज ने रश्मि की दोनों टाँगों के बीच थोड़ी जगह बनाई और बीच में लेट गया।
अब रश्मि की एक टाँग मेरे ऊपर थी। सूरज ने बीच में बैठ कर अपनी बहन की कुँवारी चूत को एक किस किया
और फिर अपनी ज़ुबान की नोक को उसकी चूत के लबों की बीच की लकीर पर ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर को फेरने लगा।
आहिस्ता-आहिस्ता उसके दोनों लबों को खोल कर अपनी बहन की कुँवारी चूत के सुराख को अपने सामने किया और फिर अपनी ज़ुबान की नोक से रश्मि की चूत के सुराख को छूने लगा।
आहिस्ता आहिस्ता उसकी चूत के सुराख को चाटते हुए सूरज ने अपनी ज़ुबान को अन्दर डालना शुरू कर दिया।
रश्मि का बुरा हाल हो रहा था.. वो अपने भाई के सिर के बालों को पकड़ कर खींच रही थी और नोंच रही थी। उसकी चूत पानी-पानी हो रही थी और वो अन्दर से बिल्कुल चिकनी हो चुकी हुई थी।
सूरज ने अपनी एक उंगली उसकी चूत के अन्दर डाली.. तो उसे अपने बहन की चूत के अन्दर का कुँवारा परदा रोड़ा अटकाता महसूस हुआ।
वो उसे छूते हुए बोला- मेरी जान.. आज तेरी चूत के इस परदे को फाड़ कर तेरी चूत का ‘एंट्री गेट’ खोल दूँगा.. फिर बड़ी आसानी से तेरी चूत में लंड जा सकेगा।
रश्मि अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ी लंबी-लंबी साँसें ले रही थी।
थोड़ी देर के बाद सूरज उठा और अपना शॉर्ट्स उतार कर अपने अकड़े हुए लंड को पकड़ कर उसकी चूत के सामने बैठ गया।
सूरज अपने हाथ में लौड़े को पकड़ कर अपनी बहन की चूत की ऊपर रगड़ने लगा।
उसके लण्ड की टोपी भी रश्मि की चूत के पानी से गीली होती जा रही थी।
उधर अपने इतने क़रीब बहन-भाई का इस क़दर सेक्सी खेल होता हुआ देख कर मेरी अपनी चूत भी पानी छोड़ रही थी।
अगर इस वक़्त सूरज मेरी चूत को छू लेता.. तो यक़ीनन मैं पकड़ी जाती कि मैं जाग रही हूँ और यह सब देखते हुए मस्त हो रही हूँ।
सूरज ने अपने दोनों हाथों की उंगलियों से अपनी सग़ी बहन की चूत के दोनों होंठों को खोला और अपनी लंड की मोटी फूली हुई टोपी.. जो कि उसकी बहन की चूत के पानी से ही गीली होकर चमक रही थी.. उसे उसकी चूत के सुराख पर रखा और धीरे-धीरे अपना लंड अन्दर घुसेड़ने लगा।
रश्मि ने पहले तो आँखें खोल कर डर के मारे अपने भाई की तरफ देखा और अपने दोनों हाथों को उसके सीने पर रखते हुए रोकने की कोशिश की.. लेकिन फिर कुछ कहे बिना ही चुप होकर अपनी आँखें बंद कर लीं।
वो अपनी चूत में दाखिल होने वाले अपने भाई के लंड का इन्तजार करने लगी।
सूरज ने थोड़ा सा जोर लगाया तो उसके लण्ड की मोटी टोपी फिसल कर उसकी बहन की चूत के सुराख के पहले छल्ले के अन्दर दाखिल हो गई..
इसी के साथ ही रश्मि की एक हल्की सी चीख निकल पड़ी- उई.. मां.. आह…!
सूरज-कुछ नही हुआ.. मेरी जान.. अभी तो कुछ भी नहीं हुआ.. अभी तो मैंने टोपा को थोड़ा सा अन्दर फंसाया ही है।
फिर सूरज ने रश्मि की दोनों टाँगों को पकड़ कर ऊपर किया और उसकी जाँघों को अपने काबू में करते हुए अपने लंड के सुपारे को ही थोड़ा-थोड़ा आगे-पीछे करने लगा।
इस थोड़ी-थोड़ी सी हरकत से रश्मि भी अपने भाई के लंड से गरम होने लगी और उसे भी मज़ा आने लगा- ईसस्स.. ओह.. इस्स्स.. आआआहह.. ओऊम्मकम.. ऊऊऊहह.. उफफ.. मा..रे..
जैसे ही रश्मि के मुँह से हल्की-हल्की सी सिसकारियाँ निकलने लगीं..
तो धीरे-धीरे सूरज ने अपने लंड को और भी अन्दर डालना शुरू कर दिया।
थोड़ी ही देर में उसका लंड अपनी बहन की चूत के परदे से टकराने लगा।
कुछ देर तक रुक कर.. वो उस परदे को अपने लंड की टोपी से सहलाते हुए सूरज ने एक हल्का सा धक्का मारा..
तो पूरी तरह गरम हो चुकी उसकी बहन की चूत का परदा फटता चला गया और उसका लंड अन्दर दाखिल हो गया।
रश्मि की एक हल्की सी मगर तेज चीख निकली.. लेकिन इसी के साथ ही सूरज ने उसके ऊपर लेटते हुए उसके होंठों को अपने होंठों में जकड़ लिया और उसे चूसने लगा।
पीछे से वो बिल्कुल सख्त था.. फिर आहिस्ता आहिस्ता अपने लंड को अन्दर बाहर करते हुए वो अपनी बहन की चूत को चोदने लगा।
ऐसा लग रहा था कि रश्मि बेसुध सी हो गई थी.. पर तभी उसके हाथों की मुठ्ठियों से चादर को खिंचते देखा तो मैं समझ गई कि रश्मि को अपनी सील टूटने से बेहद दर्द हो रहा था और वो मेरे कारण ही अपनी चीख को बाहर नहीं निकलने दे रही है.. बहुत ही हिम्मत वाली लड़की थी।
अब धकापेल चुदाई चालू हो चुकी थी
शायद सूरज के लौड़े ने चूत में अपनी जगह बना ली थी..
क्योंकि तभी रश्मि ने भी अपने दोनों बाज़ू अपने भाई की कमर की गिर्द डाल लिए थे और वो उससे लिपट गई थी..
इसका साफ़ मतलब था कि रश्मि को अब चुदने में मजा आने लगा था।
अपने हाथों को रश्मि की कमर के नीचे लाते हुए सूरज ने अपनी बहन के जिस्म को अपनी बाँहों में भर लिया और आहिस्ता आहिस्ता अपने धक्कों की रफ़्तार को बढ़ाते हुए अपनी बहन की चुदाई में तेज़ी लाने लगा।
पूरा बिस्तर उसके धक्कों की ताक़त से हिल रहा था और मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे उसका लंड मेरी ही चूत में जा रहा हो।
सूरज एक टाइट और कुँवारी चूत को पहली बार चोद रहा था..
तो कैसे ज्यादा देर तक बर्दाश्त कर सकता था.. इसलिए कुछ ही देर गुज़री कि सूरज ने अपने लंड को पूरा का पूरा अपनी बहन की चूत के अन्दर डालते हुए अपने लंड से पानी निकालना शुरू कर दिया
और उसके लण्ड से सारी की सारी मलाई निकल कर अपनी बहन की चूत में गिरने लगी।
इसी के साथ ही सूरज अपनी बहन के ऊपर ही ढेर हो गया।
रात में सूरज ने एक बार दोबारा रश्मि को चोदना चाहा.. लेकिन रश्मि ने यह कह करके इन्कार कर दिया कि अभी उसे नीचे चूत में बहुत ज्यादा तकलीफ़ हो रही है.. तो अभी वो दोबारा उससे नहीं चुदवा सकती है।
मजबूरन सूरज भी अपनी बहन के जिस्म के साथ लिपट कर सो गया।
उनकी सोने के बाद मैं भी सो गई।
सुबह मेरी आँख अपनी बिस्तर पर हो रही कुछ हरकतों की वजह से खुली और हल्की हल्की सिसकारियाँ और आवाजें भी आ रही थीं।
मैंने थोड़ी सी आँख खोल कर देखा तो सूरज दोबारा से अपनी बहन की चूत को चाटने में व्यस्त था और रश्मि के मुँह से कामुक और नशीली सिसकारियाँ निकल रही थीं।
जैसे ही मैंने थोड़ी सी हरकत की तो सूरज ने जल्दी से रश्मि की जाँघों के बीच में से छलाँग लगाई और बिस्तर से नीचे उतर कर बाथरूम की तरफ चल पड़ा। रश्मि ने भी फ़ौरन से अपनी आँखें बंद कर लीं। मैं मुस्कुराई और फिर आहिस्ता आहिस्ता रश्मि को हिलाकर जगाने लगी- रश्मि.. उठो सुबह हो गई.. जाओ और चाय बना कर ले आओ।
रश्मि नींद से उठने की नाटक करती हुए बेडरूम से बाहर निकल गई।
कुछ देर ही गुज़री.. तो मुझे बाथरूम के अन्दर से कुछ ख़ुसर-फुसर की आवाजें आने लगीं। मैं उठ कर बाथरूम के दरवाजे के पास गई और अन्दर की आवाजें सुनने की कोशिश करने लगी। मेरा शक ठीक था.. बाथरूम में दोनों बहन-भाई मौजूद थे। रश्मि बाथरूम के दूसरे दरवाजे से बाथरूम में अपने भाई के पास आ गई थी।
अन्दर से आवाज़ आ रही थी- भैया प्लीज़.. छोड़ दो ना मुझे.. देखो भाभी भी जाग गई हुई हैं..
सूरज- तुम खुद ही बाथरूम में आई हो.. मैंने तो नहीं बुलाया था ना.. अब क्यों नखरे कर रही हो?
रश्मि ने खिलखिलाते हुए कहा- भैया.. तुम गलत समझ रहे हो.. मैं तो इसलिए आई थी कि आपको कहूँ कि आकर चाय ले लो और आप पता नहीं क्या समझे हो?
सूरज- अब आ ही गई हो.. तो थोड़ा सा इसे चूस ही लो यार..
रश्मि जैसे खुद को छुड़ाते हुए- छोड़ो भैया मुझे.. मैं चूल्हे पर चाय रख कर आई हुई हूँ।
इसी के साथ ही मुझे बाथरूम का दूसरा दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई।
रश्मि दूसरी तरफ से निकल गई थी और मैं भी वापिस अपनी बिस्तर पर लेट गई। कुछ ही देर में सूरज भी वॉशरूम से बाहर निकल कर कमरे में आ गया।
इसके साथ ही रश्मि भी चाय लेकर आ गई और मेरे सिर पर हाथ फेर कर मुझे उठाते हुए बोली- भाभी.. उठिए.. अब कैसी तबीयत है आपकी?
मैंने आँखें खोलीं और बोली- हाँ.. अब काफ़ी बेहतर है.. रात में नींद ठीक से आ गई है.. तो इसलिए अब सिर भी भारी नहीं है और तरोताज़ा भी महसूस कर रही हूँ।
सूरज और रश्मि दोनों बैठ कर चाय पीने लगे और मैं उठ कर वॉशरूम में आ गई।
मैं जैसे ही वॉशरूम में आई.. तो बेडरूम से दोबारा आवाजें आने लगीं।
सूरज- यार लो तो सही.. इसे मुँह में थोड़ी देर के लिए ही ले लो न..
रश्मि- भैया क्या है ना.. मैं आपको देख ही नहीं रही हूँ.. मैं चाय पी रही हूँ।
सूरज- मेरी जान चाय के साथ स्नेक्स के तौर पर ही मेरा लंड अपने मुँह ले लो।
रश्मि हँसते हुए- तो फिर ठीक है.. मैं आपका लंड बिस्कट की तरह गर्म-गर्म चाय में डुबो कर ना ले लूँ?
सूरज भी इस बात पर हँसने लगा और उन दोनों की शरारतों और अठखेलियों पर मेरी भी हँसी छूट गई..
नाश्ता करने के बाद सूरज ऑफिस चला गया और रश्मि मेरे पास ही घर पर रुक गई।
रश्मि रसोई समेटने लगी.. तो मैं अपने कमरे में आ गई और अपने पूरे कपड़े उतार कर नंगी होकर लेट गई..
क्योंकि रात में एक भाई के लंड से एक बहन की चुदाई देख कर मेरी अपनी चूत में आग लगी हुई थी।
कुछ देर में रश्मि चाय बना कर लाई तो मुझे नंगी लेटी देख कर चौंक उठी।
Superb update
Thanks for the compliment bhai and stay tuned for more updatesSuperb update