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इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


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deeppreeti

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परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
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deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - पांचवी रात

फ्लैशबैक- तीसरा दिन

अपडेट-2

तेज खुजली



सोनिया भाभी ने रजोनिवृति के समय उसके घर उसका भांजा नंदू आया और उस समय पंखो और घर की सफाई करते समय क्या हुआ ये आपबीती बतानी जारी रखी

नंदू उस कोण से मेरे ब्रा-लेस पसीने से तर ब्लाउज के अंदर स्तनों के करतब को देखने लगा तो मैं अपनी योजना के अगले कदम की ओर बढ़ गयी ।

मैं (सोनिया भाभी): क्या हुआ नंदू? ये स्टूल क्यों हिल रहा है? क्या तुम इसे इसे ठीक से नहीं पकड़ा हैं?

मेरी प्रतिक्रिया इतनी अचानक थी कि मुझे लगा मैंने नंदू को गलत समय पर टोक दिया है ।

नंदू: नहीं, मौसी नहीं। मैंने इसे सही ढंग से पकड़ा हुआ हूं।


मैं (सोनिया भाभी): फिर ये स्टूल कैसे हिल गया? नंदू! तुम जानते हो न अगर मैं गिरी तो मेरी हड्डिया टूट सकती हैं !

नंदू: कहाँ? बिल्कुल ठीक है मौसी। आप चिंता मत करो।

मैं(सोनिया भाभी) : नंदू तुम्हारा ध्यान किधर है ? ठीक से पकड़ो !

नंदू : मौसी इधर ही है ।आप चिंता मत करो ।


मैं (सोनिया भाभी): उह! मुझे लगता है कि स्टूल का आधार उतना मजबूत नहीं है। हे? ठीक? एक काम करो !

मैं (सोनिया भाभी) एक सेकेंड के लिए रुकी ।

सुरक्षा के लिए तुम मुझे भी स्टूल के साथ साथ पकड़ लो ।

यह सुनकर नंदू का चेहरा और अधिक हर्षित हो गया मानो उसकी छिपी हुई इच्छा पूरी होने वाली हो !

नंदू: ज़रूर मौसी। और इस तरह आप ज्यादा सुरक्षित रहेंगी ।

मैंने उसका बायां हाथ तुरंत अपने पैर पर महसूस किया । मुझे लगा कि कमरा यौन भावनाओं से भर गया था और मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं क्योंकि मैं नंदू के हाथों को अपने घुटने के ठीक नीचे अपने नग्न टांगो की पिंडलियों पर महसूस कर रही थी । नंदू अभी भी पंखे की तरफ देख रहा था की मैं पंखे को कैसे साफ कर रही हूँ । मैं अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रही थी और पंखे के आखिरी पंख को साफ करने वाली थी । कुछ ही सेकंड में, मैंने स्पष्ट रूप से महसूस किया कि उसका हाथ थोड़ा सा रेंग रहा है। नंदू की इस हरकत से मेरे पूरे शरीर में कंपन हो गया। मैंने महसूस किया कि उसका बायां हाथ मेरी नंगी टांग पर रेंग रहा है और मेरे घुटने पर टिक गया । मैं भी मांस और खून से बनी हुई हूँ और इस लड़के की हरकतों को नज़रअंदाज़ नहीं कर पा रही थी ।

मैं (सोनिया भाभी):: नंदू? मुझे थोड़ा अजीब लग रहा है क्योंकि आप केवल मेरा एक पैर एक हाथ से पकड़ रहे हो । बेहतर होगा कि आप मुझे दोनों हाथों से पकड़ ले । मैं इससे बेहतर और सुरक्षित महसूस करूंगी ?

नंदू: ज़रूर मौसी। ज़रूर। क्यों नहीं?

मेरे सिर में चेतावनी की घंटियाँ बजने लगीं क्योंकि मुझे महसूस हुआ कि नंदू ने अब अपने दोनों हाथों से मेरी घुटनो तक मुड़ी हुई साड़ी के ठीक नीचे मेरे नंगे घुटने पकड़े लिए थे ।

अब मैं उस क्षण ऐसे मोड़ पर थी जहां से आगे जाने पर वापसी संभव नहीं थी इसलिए मेरे दिमाग का एक हिस्सा नैतिकता के कारण ग्यारहवीं कक्षा के इस मासूम लड़के के साथ इस तरह की आकर्षक चीजों न करने के लिए चिल्ला रहा था । हालाँकि उसी समय मेरे दिमाग का दूसरा आधा हिस्सा पहले से ही मेरी बुनियादी यौन ज़रूरत और छिपी हुई इच्छा से नियंत्रित था और मुझे आगे बढ़ने के लिए उकसा रहा था । इस संक्षिप्त संघर्ष में, जरूरतों ने कारण को पछाड़ दिया और मैंने पंखे के ब्लेड को साफ करना जारी रखा, और इस बीच मैं अपनी नंगेी टांगो पर उसके हाथ के स्पर्श का पूरी तरह से आनंद ले रही थी ।

मैं आसानी से समझ सकती थी कि नंदू भी इस मोड़ यौन उत्सुकता और उत्तेजना के आपसे द्वन्द से झूझ रहा था और वो रुक रुक कर हिम्मत कर रहा था और उसके हाथ बहुत धीरे-धीरे मेरे घुटनों पर रेंग रहे थे . नाडु के नॉर्मन में भी उत्सुकता और यौन उत्तेजना हावी हो रही थी । उसकी हथेलियाँ नरम, लेकिन दृढ़ थीं और उसके हाथ मेरी टांगो पर सेंटीमीटर से सेंटीमीटर ऊपर हो रहे थे ।

मैंने एक पल के लिए नीचे देखा कि उसके हाथ मेरी साड़ी में प्रवेश करने वाले थे तो मैंने ऐसा व्यवहार किया कि मैं उसकी हरकतों से पूरी तरह अनजान सफाई में व्यस्त थी । मैंने यह भी देखा कि युवा लड़के को भी पसीना आ रहा था, सिर्फ इसलिए नहीं कि पंखा बंद था, बल्कि उसकी मौसी से साथ उसकी बोल्ड हरकतों के कारण उसे पसीना आ रहा था!

जैसे ही मैंने आखिरी ब्लेड को साफ़ दिया, मैंने महसूस किया की नंदू के हाथ पहली बार मेरी साड़ी और पेटीकोट के अंदर थे और मेरी सुडोल चिकनी जांघों के आधार को छू रहे थे और वहीं टिके हुए थे। मैंने एक फुफकार की आवाज करते हुए गहरी सांस लेते हुए अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की कोशिश की। नंदू पल-पल परिपक्व हो रहा था! उसकी तर्जनी उँगली बहुत सूक्ष्मता से मेरी गर्म नंगी जाँघों पर कुछ घेरे खींच रही थी और उसकी दूसरी उँगलियों से वो मेरी जाएंगे के मांस को दबा रहा था । और जब वो ये सब कर रहा था उस समय उसका चेहरा मासूमियत से पंखे की तरफ देख रहा था।

यह वास्तव में एक बहुत ही विविध अनुभूति थी और मैंने मनोहर के साथ भी ऐसा पहले कभी नहीं महसूस किया था! यहाँ तक की जब महाहर ने मुझे पहली बार सेक्स करते हुए मुझे छुआ था तब भी मुझे ऐसा महसूस नहीं हुआ था . नंदू स्पष्ट रूप से मुझे यौन रूप से उत्तेजित कर रहा था लेकिन हम दोनों ऐसे व्यवहार कर रहे थे कि हम एक दूसरे की इन हरकतों से अनभिज्ञ हैं? ये नन्दू के लिए बिलकुल नया अनुभव था क्योंकि वो बहुत हिचक रहा था और मेरे लिए तो यह निश्चित रूप से बिल्कुल नया अनुभव था!

स्वाभाविक रूप से इस तरह की गर्म क्रिया से, मेरी चूत में जोर से खुजली होने लगी और ठीक से खड़े होने के लिए मुझे इसे एक बार अपनी योनि को खरोंचना पड़ेगा । मैंने अपने हाथों की ओर देखा - दोनों गंदे पानी से भीगे हुए थे और मैं पोंछने का कपड़ा भी पकड़े हुयी थी । इसके अलावा, नंदू मेरे शरीर के इतने करीब खड़ा था। मैं सोच रही थी कि इस हालत में खुजली को दूर करने के लिए मैं अपनी चूत को कैसे खरोंच सकती हूँ ! मैंने कुछ पल इंतजार किया। नंदू के हाथ रुके नहीं और उसकी उंगलिया चल रही थी ! वह जांघो के नरम मांस के स्पर्श का और उस गर्मी का आनंद ले रहा था जो मेरी जांघें पहले से ही पैदा कर रही थीं और उसमें काफी तल्लीन था ।

लेकिन मैं तेज खुजली के कारण बहुत हताश हो गयी थी !

मैं (सोनिया भाभी): नन- नंदू?

उसने तुरंत मेरे पैरों पर अपना हाथ चलाना बंद कर दिया।

नंदू: हाँ? हाँ मौसी?

मैं (सोनिया भाभी): मेरा मतलब है? क्या आप मदद कर सकते हैं? मेरा मतलब है, मेरी थोड़ी मदद करो?

नंदू: क्या?


मैं (सोनिया भाभी): वास्तव में! वो क्या है की वास्तव में जैसा कि आप देख सकते हो कि मेरे हाथ इस गंदे पानी से भीगे हुए हैं, क्या आप इस समय मुझ पर एक उपकार कर सकते हैं?

नंदू: ज़रूर।

मैं (सोनिया भाभी): मैं हूँ? मेरा मतलब है? मुझे तेज खुजली हो रही है। उफ्फ! मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती ।

नंदू: कहाँ? मुझे बताओ ना मौसी, मैं उस इलाके को रगड़ दूंगा।

मैं (सोनिया भाभी): हाँ, वो मैं क्या कह रही थी ? वास्तव में वहाँ ? मेरी कमर के नीचे।

अब मैं अपने बेटे जैसे लड़के को ये कैसे सीधे कैसे कह सकती थी कि मेरी चूत में खुजली हो रही है? मैंने यथासंभव कोशिश की।

नंदू: कमर के नीचे? पीठ पर?

मैं (सोनिया भाभी): नहीं, नहीं। में? गलती? सामने। यहां?

मैंने अपनी साड़ी से ढके जननांग क्षेत्र की और इशारा कर नंदू को बताया।

नंदू : ओहो! ठीक। ठीक।

उसने पहले ही मेरी साड़ी के नीचे से अपना हाथ निकाल लिया था और अब उसने अपना दाहिना हाथ मेरी पैंटी से ढकी चूत पर ले लिया और मुझे मेरे योनि क्षेत्र को छुआ!

नंदू: यहाँ मौसी?

मैं (सोनिया भाभी):: आआआआआआह! हाँ हाँ।


जारी रहेगी

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CHAPTER 7 - पांचवी रात

फ्लैशबैक- तीसरा दिन

अपडेट-3

खुजली

सोनिआ भाभी ने रजोनिवृति के समय अपनी आपबीती बतानी जारी रखी

उसने अपना दाहिना हाथ मेरी चूत के ऊपर रखा और वहीं दबा दिया! मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और जोर से आह भरी। नंदू ने मेरी साड़ी पर मेरा क्रॉच को रगड़ना शुरू कर दिया . यह इतना कामुक था फिर भी उसने ऐसा किया तो मुझे बहुत आराम महसूस हुआ । वह मेरी साड़ी, पेटीकोट, और पैंटी के ऊपर मेरे योनि क्षेत्र पर सीधे मुझे रगड़ रहा था और रगड़ते हुए उसने मेरी जांघो के क्षेत्र में घुंघराले बालों की घनी झाड़ी को महसूस किया । मैंने बेशर्मी से उसे सही जगह पर खुजलाते रहने का निर्देश भी दिया!

मैं: हाँ, बहुत बढ़िया ?. अब थोड़ा नीचे। Ahhhhhhhh। उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.

नंदू: ठीक है मौसी।

मैं: हाँ, हाँ। सही। अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ! लेकिन तुम सिर्फ रगड़ो मत ! जोर से खरोंचो!

नंदू: जैसा आप चाहो मौसी।

नंदू ने अब मेरी साड़ी के ऊपर से मेरी चूत को अपने दाहिने हाथ से लगभग पकड़ लिया था और उसने मेरे योनि क्षेत्र को जोर से रगड़ा और फिर खरोंच दिया। हालाँकि मुझे अपनी योनि की खुजली से 100% आराम तो नहीं मिल रहा था क्योंकि मैं चाहती थी की मेरी गर्म योनि ने ऊँगली डाल वहां खुजली की जाए लेकिन फिर भी निस्संदेह ये मेरे लिए रोंगटे खड़े करने वाला कामुक अनुभव था। मैं उस समय इस ग्यारहवीं कक्षा के लड़के के सामने नग्न होने के लिए और उसके द्वारा चोदे जाने के लिए मर रही थी । लेकिन शायद मेरी कुछ अच्छी और नैतिक इंद्रियां अभी भी मेरे अंदर जगी हुई थीं और मैं किसी तरह अपने अंदर 'स्टॉप' बटन को दबाने में कामयाब रही ।

मुझे: अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ! ओ…. ठीक। था ... धन्यवाद नंदू। मैं अब बहुत महसूस कर रही हूँ ।

नंदू: ठीक है मौसी।

वह अभी भी किसी भी अन्य पुरुष के विपरीत मेरे प्रति बहुत आज्ञाकारी था,

किसी अन्य अनुभवी पुरुष को अगर इस तरह का अवसर मिलता तो वह निश्चित रूप से मुझे इस समय तक नग्न कर देता और बिना किसी चूक के मुझे जोर से चोदता। लेकिन चूंकि मैं नंदू की मौसी और ४० साल की उम्र में एक बुजुर्ग महिला थी, और उसे सेक्स का कोई पूर्व अनुभव भी नहीं था इसलिए शायद वह इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाया कि मुझे पकड़ कर मेरी चुदाई कर दे ।

मेरी हालत अवर्णनीय थी। स्पष्ट रूप से मैंने उस समय पंखे की सफाई करना बंद कर दिया था और अपने पैरों को चौड़ा करके स्टूल पर खड़े होकर सांस लेने के लिए हांफ रही थी । मैं सोच रही थी कि मुझे अब इस से आगे क्या किया जाए जिससे नन्दू मुझे चोद डाले, लेकिन ठीक उसी समय जैसे एक भैंस कमल के फूलो के तालाब में प्रवेश करती है, दरवाजे की घंटी बजी और उसने मेरी पूरी स्कीम को फ़ैल कर दिया .

दरवाजे पर मेरा भाई था! नंदू का मामा ! उसे नंदू की माँ (मेरी बहन) से खबर मिली थी कि नंदू हमारे साथ छुट्टी मनाने आया है और आज स्कूल के एक संस्थापक सदस्य की मृत्यु के कारण जल्दी छुट्टी हो गयी थी और वह मुलता नाडु से मिलने आया था और मुझे अपने भाई पर बहुत गुस्सा आ रहा था !

मैं पूरी तरह से हैरान थी कि क्या करूं और इतनी ज्यादा उत्तेजित और कामुक थी की मुझे ऐसा महसूस हुआ, अगर और कुछ नहीं, तो अपने भाई से ही क्यों न चुदवा लू ! लेकिन फिर उसके सामने मैंने बहाना किया कि मुझे बहुत सफाई करनी है और जितनी जल्दी हो सका मैंने उस जगह को छोड़ दिया और बंद दरवाजों के पीछे कजा कर मैंने हस्तमैथुन करने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से मेरी रजोनिवृत्ति की समस्याओं के कारण पूर्ण स्खलन नहीं हो सका।


मेरे भाई के इस अप्रत्याशित आगमन ने पिछले दिन की तरह, मुझे अपने स्तनो में दर्द और अपनी ब्रा को गीला करने के साथ अपूर्णता की भावना के साथ अधूरा छोड़ दिया था, लेकिन मैं एक बार पूर्ण निर्वाहन चाहती थी - मेरी योनि - अर्ध-शुष्क थी ! पूरी दोपहर मैं बदन दर्द और बेचैनी से तड़पती रही और माइन किसी तरह भाई के घर में रहने तक खुद को मैनेज किया। भाई के जाते ही मैंने तुरंत डॉक्टर के पास जाने का फैसला किया।

मनोहर भी उस समय तक वापस आ गए थे और वह मेरे साथ डॉक्टर के पास गए । मैं डॉ. श्रीमती कोठारी से मिलने गयी जिनका क्लिनिक पास ही था और उन्होंने ही मेरी एकमात्र संतान के समय मेरी जचगी की थी । उसने मेरी जांच की और मुझे बताया की मैं रजोनिवृत्ति के कगार पर थी और इसलिए मुझमे ऐसे अनियमित लक्षण मिल रहे थे। उन्होंने मुझे मेरी योनि पर दो बार लगाने के लिए एक क्रीम और दिन में एक बार मेरे स्तन लगाने के लिए एक मलहम निर्धारित किया।

उसने मुझे बताया कि चूंकि बाद वाले को दिन में केवल एक बार लगाना था, इसलिए इसमें मैं अपने पति की मदद ले सकती थी और रात को सोने से पहले लगा सकती थी। उसने मुझे लंबी नींद लेने और मेरी नसों को शांत करने के लिए कुछ नींद की गोलियां भी दीं।


जारी रहेगी

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फ्लैशबैक- तीसरा दिन

अपडेट-3

खुजली

सोनिआ भाभी ने रजोनिवृति के समय अपनी आपबीती बतानी जारी रखी

उसने अपना दाहिना हाथ मेरी चूत के ऊपर रखा और वहीं दबा दिया! मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और जोर से आह भरी। नंदू ने मेरी साड़ी पर मेरा क्रॉच को रगड़ना शुरू कर दिया . यह इतना कामुक था फिर भी उसने ऐसा किया तो मुझे बहुत आराम महसूस हुआ । वह मेरी साड़ी, पेटीकोट, और पैंटी के ऊपर मेरे योनि क्षेत्र पर सीधे मुझे रगड़ रहा था और रगड़ते हुए उसने मेरी जांघो के क्षेत्र में घुंघराले बालों की घनी झाड़ी को महसूस किया । मैंने बेशर्मी से उसे सही जगह पर खुजलाते रहने का निर्देश भी दिया!

मैं: हाँ, बहुत बढ़िया ?. अब थोड़ा नीचे। Ahhhhhhhh। उह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.

नंदू: ठीक है मौसी।

मैं: हाँ, हाँ। सही। अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ! लेकिन तुम सिर्फ रगड़ो मत ! जोर से खरोंचो!

नंदू: जैसा आप चाहो मौसी।

नंदू ने अब मेरी साड़ी के ऊपर से मेरी चूत को अपने दाहिने हाथ से लगभग पकड़ लिया था और उसने मेरे योनि क्षेत्र को जोर से रगड़ा और फिर खरोंच दिया। हालाँकि मुझे अपनी योनि की खुजली से 100% आराम तो नहीं मिल रहा था क्योंकि मैं चाहती थी की मेरी गर्म योनि ने ऊँगली डाल वहां खुजली की जाए लेकिन फिर भी निस्संदेह ये मेरे लिए रोंगटे खड़े करने वाला कामुक अनुभव था। मैं उस समय इस ग्यारहवीं कक्षा के लड़के के सामने नग्न होने के लिए और उसके द्वारा चोदे जाने के लिए मर रही थी । लेकिन शायद मेरी कुछ अच्छी और नैतिक इंद्रियां अभी भी मेरे अंदर जगी हुई थीं और मैं किसी तरह अपने अंदर 'स्टॉप' बटन को दबाने में कामयाब रही ।

मुझे: अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ! ओ…. ठीक। था ... धन्यवाद नंदू। मैं अब बहुत महसूस कर रही हूँ ।

नंदू: ठीक है मौसी।

वह अभी भी किसी भी अन्य पुरुष के विपरीत मेरे प्रति बहुत आज्ञाकारी था,

किसी अन्य अनुभवी पुरुष को अगर इस तरह का अवसर मिलता तो वह निश्चित रूप से मुझे इस समय तक नग्न कर देता और बिना किसी चूक के मुझे जोर से चोदता। लेकिन चूंकि मैं नंदू की मौसी और ४० साल की उम्र में एक बुजुर्ग महिला थी, और उसे सेक्स का कोई पूर्व अनुभव भी नहीं था इसलिए शायद वह इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाया कि मुझे पकड़ कर मेरी चुदाई कर दे ।

मेरी हालत अवर्णनीय थी। स्पष्ट रूप से मैंने उस समय पंखे की सफाई करना बंद कर दिया था और अपने पैरों को चौड़ा करके स्टूल पर खड़े होकर सांस लेने के लिए हांफ रही थी । मैं सोच रही थी कि मुझे अब इस से आगे क्या किया जाए जिससे नन्दू मुझे चोद डाले, लेकिन ठीक उसी समय जैसे एक भैंस कमल के फूलो के तालाब में प्रवेश करती है, दरवाजे की घंटी बजी और उसने मेरी पूरी स्कीम को फ़ैल कर दिया .

दरवाजे पर मेरा भाई था! नंदू का मामा ! उसे नंदू की माँ (मेरी बहन) से खबर मिली थी कि नंदू हमारे साथ छुट्टी मनाने आया है और आज स्कूल के एक संस्थापक सदस्य की मृत्यु के कारण जल्दी छुट्टी हो गयी थी और वह मुलता नाडु से मिलने आया था और मुझे अपने भाई पर बहुत गुस्सा आ रहा था !

मैं पूरी तरह से हैरान थी कि क्या करूं और इतनी ज्यादा उत्तेजित और कामुक थी की मुझे ऐसा महसूस हुआ, अगर और कुछ नहीं, तो अपने भाई से ही क्यों न चुदवा लू ! लेकिन फिर उसके सामने मैंने बहाना किया कि मुझे बहुत सफाई करनी है और जितनी जल्दी हो सका मैंने उस जगह को छोड़ दिया और बंद दरवाजों के पीछे कजा कर मैंने हस्तमैथुन करने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से मेरी रजोनिवृत्ति की समस्याओं के कारण पूर्ण स्खलन नहीं हो सका।


मेरे भाई के इस अप्रत्याशित आगमन ने पिछले दिन की तरह, मुझे अपने स्तनो में दर्द और अपनी ब्रा को गीला करने के साथ अपूर्णता की भावना के साथ अधूरा छोड़ दिया था, लेकिन मैं एक बार पूर्ण निर्वाहन चाहती थी - मेरी योनि - अर्ध-शुष्क थी ! पूरी दोपहर मैं बदन दर्द और बेचैनी से तड़पती रही और माइन किसी तरह भाई के घर में रहने तक खुद को मैनेज किया। भाई के जाते ही मैंने तुरंत डॉक्टर के पास जाने का फैसला किया।

मनोहर भी उस समय तक वापस आ गए थे और वह मेरे साथ डॉक्टर के पास गए । मैं डॉ. श्रीमती कोठारी से मिलने गयी जिनका क्लिनिक पास ही था और उन्होंने ही मेरी एकमात्र संतान के समय मेरी जचगी की थी । उसने मेरी जांच की और मुझे बताया की मैं रजोनिवृत्ति के कगार पर थी और इसलिए मुझमे ऐसे अनियमित लक्षण मिल रहे थे। उन्होंने मुझे मेरी योनि पर दो बार लगाने के लिए एक क्रीम और दिन में एक बार मेरे स्तन लगाने के लिए एक मलहम निर्धारित किया।

उसने मुझे बताया कि चूंकि बाद वाले को दिन में केवल एक बार लगाना था, इसलिए इसमें मैं अपने पति की मदद ले सकती थी और रात को सोने से पहले लगा सकती थी। उसने मुझे लंबी नींद लेने और मेरी नसों को शांत करने के लिए कुछ नींद की गोलियां भी दीं।


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CHAPTER 7 - पांचवी रात

फ्लैशबैक- चौथा दिन

अपडेट-4

मलहम



सोनिया भाभी ने रजोनिवृति के समय अपनी आपबीती बतानी जारी रखी ।

डॉ. श्रीमती कोठारी ने मुझे लंबी नींद लेने और मेरी नसों को शांत करने के लिए कुछ नींद की गोलियाँ भी दीं। उन्होंने मुझे सलाह दी कि मुझे ाफली डॉक्टरी जाँच से पहले अगले 3-4 दिनों तक किसी भी यौन क्रिया या यौन विचारों से दूर रह्णना चाहिए।

लेकिन उस रात गोलियाँ खाने के बाद भी बार-बार मेरे दिमाग में वह दृश्य आ रहा था जिसमे मैं सीलिंग फैन की सफाई के लिए स्टूल पर खड़ी थी और नंदू मेरी साड़ी के ऊपर से मेरी चूत रगड़ रहा था। मैंने देखा और महसूस किया था कि जिस तरह से नंदू मेरे कूल्हों को सहला रहा था उससे उसकी उंगलियाँ मेरे प्रेम स्थान पर रगड़ रही थीं और अंदर की और दब रही थीं! वह स्पष्ट रूप से मेरे घुँघराले झांटो के बाल और मेरी पैंटी के अंदर मेरी योनि को महसूस कर रहा था? कितना शर्मनाक! इस्सस! ? मैंने ऐसा कैसे कर लिया! नंदू आज रात मेरे बारे में सोचकर हस्तमैथुन कर रहा होगा।

अगली सुबह मैं वास्तव में बहुत बेहतर महसूस कर रही थी। डॉक्टर की दवाओ ने अपना काम किया था मैंने मन में डॉक्टर को धन्यवाद दिया! मेरे स्तनो में दर्द, विशेष रूप से मेरे निपल्स के आसपास, पिछले दिनों के मुक़ाबले में बहुत कम था और चूंकि मुझे लंबी और गहरी नींद आयी थी, इसलिए मैं भी बहुत तरोताजा महसूस कर रही थी! बेशक, मैंने यौन क्रियाओं और विचारों से दूर रहने के अपने डॉक्टर की सलाह को नजरअंदाज कर दिया था और खुद को फिर से नंदू के साथ कुछ करने का िरदाद कर लिया था!

उस दिन जब मैंने नाश्ता परोसा तो मैं अपनी बड़ी दूध की टंकियों का अच्छा उपयोग करने से नहीं चूकी । मैं जैसे ही मेज पर बैठे नंदू को खाना देने के लिए आगे बढ़ी, मैंने जानबूझकर अपने गोल स्तनों को उसके सिर और चेहरे पर दबा दिया। और यह मेरे लिए और भी आसान हो गया था क्योंकि तुम्हारे मनोहर अंकल अभी भी हजामत बना रहे थे और मैंने नंदू को फिर से आकर्षित करने के और लुभाने के अवसर का लाभ उठाया।

मुझे कहना होगा कि ग्यारहवीं कक्षा का यह लड़का मेरे साथ के साथ अपनी छुट्टियों का पूरा आनंद ले रहा था। जैसे ही मैं रसोई में वापस गयी, मैं धीरे-धीरे मटक-मटक कर चली और अपने चौड़े मांसल नितंबों को काफी अच्छी तरह से घुमाया ताकि नंदू उसे अच्छे से देख ले। मुझे यकीन था कि उसे मेरी साड़ी से ढकी गोल गांड का पूरा और अप्रतिबंधित दृश्य मिल रहा था।

फिर मैं बस अपने पति के जाने का इंतजार कर रही थी ताकि मैं इस युवा लड़के को फिर से खांचे में ला सकूं। तुम्हारे मनोहर अंकल ने अपना समय लिया और वह लगभग 10: 30 बजे चला गया और अब मैदान साफ और सुरक्षित सुनिश्चित करने के लिए मैंने अपनी नौकरानी गायत्री को थोड़ा जल्दी छोड़ दिया।

मैं: नंदू! नंदू! क्या आप एक बार मेरे कमरे में आ सकते हैं?

नंदू लगभग दौड़ता हुआ आया जैसे कि वह अनुमान लगा रहा था कि मैं उसे बुलाऊंगी, क्योंकि अब उसके मौसा-जी घर पर नहीं थे! इस समय तक वह यह समझने के लिए काफी चतुर हो गया था। मैं पहले से ही बिस्तर पर थी और मासूम मेमने के लिए एक चालाक शेरनी की तरह इंतज़ार कर रही थी ।

मैं: आप जानते हैं, कल, डॉक्टर ने मुझे राहत के लिए मरहम दिया।

नंदू: हम्म्म। क्या अब आप बेहतर महसूस कर रही हो मौसी?

मैं: हाँ, जरूर। लेकिन मुझे अब एक समस्या है?

नंदू: क्या मौसी?

Me: दरअसल डॉक्टर ने मुझे दिन में दो बार मरहम लगाने को कहा था। आपके मौसा जी ने कल रात लगाया था और आज रात फिर से लगाएंगे, लेकिन मुझे इसे अभी फिर से लगाने की जरूरत है।

नंदू: मौसा-जी कब लौटेंगे?

मैं: अगर यह उनसे करवा सकती तो मैं आपको इस समय क्यों बुलाती! वह दोपहर के भोजन के समय ही वापस आएंगे। लेकिन मुझे मरहम लगानी है ।

नंदू: नहीं, मेरा मतलब है कि जब वह लौटेंगे तो आप उनसे करवा सकती हैं।

मैं: नंदू, डॉक्टर ने मुझे बताया कि इसे नहाने से पहले 12 बजे के आसपास एक बार लगाना होगा।

नंदू: ऐसा है। माफ़ करना। फिर मैं मौसी की कैसे मदद कर सकता हूँ?

वह अब सही रास्ते पर आ रहा था।

मैं: असल में मैं थोड़ा असमंजस में थी कि किससे मदद मांगूं?

नंदू ने मेरे वाक्य के पूरा होने का इंतजार किया, हालांकि मैं लड़खड़ा गयी।

मैं: मेरा मतलब वास्तव में यह मलहम मेरे स्तनों के लिए है।

नंदू ने मेरे स्तनों की ओर देखा, लेकिन जैसे ही हमारी नज़रें मिलीं, उसने जल्दी से अपनी नज़र कहीं और घुमा ली।

मैंने उसे दवा की टूयब को लाने का संकेत दिया जो खाट-साइड टेबल पर थीं। वह मलहम -की टूयब और क्रीम ले आया।

मैं: अभी के लिए क्रम की आवश्यकता नहीं है?

मैंने योनि क्रीम की तरफ संकेत दिया और उसने उसे वापस टेबल पर रख दिया।

मैं: लेकिन नंदू, ये बात, आप किसी को नहीं बताएंगे कि आप मेरी मदद कर रहे हैं? मेरा मतलब इस मालिश से है।

नंदू हैरान लग रहा था। या वह दिखावा कर रहा था?

नंदू: लेकिन? लेकिन मौसी क्यों? क्या नुकसान है?

मैं: उफ्फ! क्या आपको हमेशा ऐसा करने की ज़रूरत है? मुझे बताओ, मैं कल डॉक्टर के पास क्यों गयी थी?

नंदू: आपको कुछ समस्या हो रही थी, इसीलिए।

मैं: ठीक है, लेकिन कहाँ?

नंदू: उम्म? मौसी मैं बिल्कुल नहीं जानता।

मैं: फिर? इसलिए मैं आपको बता रही हूँ ना? अगर मैं कह रही हूँ कि आप दूसरों को न बताएँ, निश्चित रूप से इसके पीछे कोई तर्क है। है ना?

नंदू ने मुझ पर भौंहें चढ़ा दी और मैं समझ गयी कि उसे अभी भी समझ नहीं आया था कि मेरा क्या मतलब है।

मैं: देखो नंदू, कल वास्तव में मैं डॉक्टर के पास गया था क्योंकि मेरे स्तनों में और मेरे में भी दर्द हो रहा था? ग क्या कहूँ? वहाँ।

मैंने बेशर्मी से अपनी साड़ी से ढकी चूत की तरफ दाहिने हाथ से इशारा किया।

मैं: मैं इसे सबके साथ कैसे साझा कर सकती हूँ? क्या मैं?

नंदू: ओहो! अब मैं समझ गया।

मैं: हुह!

मैंने नंदू से नाराज होने का झूठ मूठ नाटक किया।


जारी रहेगी

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Majedar update raha ab tak superb story bro
 

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CHAPTER 7 - पांचवी रात

फ्लैशबैक- नंदू के साथ चौथा दिन


अपडेट-5

स्तनों की मालिश




सोनिया भाभी ने रजोनिवृति के समय अपनी आपबीती बतानी जारी रखी

जब मैंने नंदू से झूठमूठ नाराज होने का नाटक किया तो नंदू मुझसे माफ़ी मानने लगा

नंदू: मौसी उस के लिए मुझे क्षमा करें।

मैं: ठीक है। और अधिक समय बर्बाद न करें। पहले मुझे लेटने दो।

नंदू ने मरहम की बोतल खोली तो मैंने अपने भीतर तेज़ दिल की धड़कन सुनी?

मैं: मौसी दवा कितनी लेनी है?

मैं: ओह-ओ! आप क्या कर रहे हो? रुको ?

नंदू: क्यों? अब क्या हुआ?

मैं: हे भगवान! नंदू तुम पूरे पागल हो ! क्या तुम मेरे ब्लाउज पर मरहम लगाओगे, रुको !

अपनी 40 वर्षीय मौसी से ब्लाउज खोलने का इशारा पाकर नंदू की आंखें चमक उठीं!

नंदू : ओहो! ज़रूर मौसी। बस एक पल!

उसने झट से बोतल को बिस्तर पर रख दिया और मेरे तकिये की तरफ बढ़ा। मैंने अपनी लेटने की स्थिति से ऊपर देखा? कमरे का दरवाजा खुला था, लेकिन चूंकि घर में कोई नहीं था, इसलिए मैं काफी सुरक्षित थी। फिर भी, शायद अपनी नारी शर्म के कारण, मैंने उसे दरवाजा बंद करने के लिए कहा क्योंकि मैं इस युवा लड़के के सामने एक बेशर्म प्रदर्शन करने के लिए मानसिक रूप से काफी तैयार थी । उसने आज्ञाकारी बच्चे की तरह मेरी आज्ञा का पालन किया और फिर से बिस्तर पर आ गया।

मैं: ठीक है, अब खोलो?

मैंने पहले ही अपने स्तनों से पल्लू को हटा दिया था और जल्द ही नंदू की ठंडी फुर्तीला उँगलियों को मेरे ब्लाउज के हुक ऊपर से एक-एक करके खोलते हुए महसूस किया। मुझे लगा कि इस हरकत के लिए उनकी उंगलियां आश्चर्यजनक रूप से स्थिर थीं! मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और स्वाभाविक रूप से भारी साँस लेने लगी । मैं महसूस कर सकती थी कि उसकी उंगलियां मेरे स्तनों की नग्न दरार और मेरी चोली के ऊपर दोनों स्तनों के उभारो को छू रही थी । सभी हुक खुले जाने के बाद, मैंने अपनी बाहों को हवा में उठा दिया ताकि वह मेरे शरीर से ब्लाउज को पूरी तरह से उतार सके।

मै ठीक हूँ। मैं पलट गयी और बोली अब इसे खींचो। मैंने उसे बिस्तर पर पेट के बल लेटे हुए आज्ञा दी।


मैं ब्रा स्ट्रैप को छोड़कर पूरी तरह से नंगी पीठ के कारण बेहद सेक्सी लग रही थी। मुझे लगा इस स्थिति में मुझे देखकर नंदू का लंड सख्त हो गया होगा।

नंदू: जजजजजज जी मौसी

मैंने उसके मुंह में हकलाना सुना। मैं भी लगभग कांपने लगी क्योंकि उसकी कोमल उंगलियाँ मेरी ब्रा हुक के साथ काम कर रही थी वह तीन-चार कोशिशों के बाद मेरी ब्रा के हुको को खोल पाया । ? मैंने उसे ग्यारहवीं कक्षा का बच्चा मानते हुए सोचा, उसने ठीक ठाक हो किया है । मुझे अभी भी अपने शुरुआती शादी के दिन याद हैं जब मेरे पति हमेशा मेरी ब्रा हुक खोलने में हिचकिचाते थे और ज्यादातर बार वह हमारे अंतरंग प्रेम सत्रों के दौरान मेरी ब्रा को मेरे स्तनों पर से खींच लेते थे।

मैं :: ओह्ह आआह्ह्ह्ह ! मुझे इससे बाहर होना बहुत अच्छा लगता है।

नंदू: हाँ मौसी, यह बहुत टाइट फिट था!

मैं अपनी पीठ के बल लेटने के लिए फिर से लुढ़क गयी और स्वतः ही मेरे हाथ मेरे नग्न ग्लोब की सुंदरता को ढँकने के लिए ऊपर आ गए। शायद पहली बार होने के कारण मुझे अपनी बहन के बेटे के सामने बिल्कुल टॉपलेस होने में शर्म महसूस हुई। नंदू मेरे स्तनों से मेरी चोली खींचने ही वाला था कि मैंने उसे रोका।

मैं: नन्दू मेरा मतलब है? नंदू, क्या आप खिड़कियां बंद कर सकते हैं? मैं इस समय इस हालत में हूँ? मुझे बहुत शर्म आ रही है।

नंदू: लेकिन? पर परदे तो पहले से हैं मौसी! कोई कैसे झाँक सकता है?

मैं: नंदू, बस वही करो जो मैं तुमसे करने के लिए कह रही हूँ!

नंदू अनिच्छा से फिर से बिस्तर से उतर गया और दो खिड़कियों को बंद कर दिया और अचानक कमरे में कुछ रोशनी की कमी हो गई क्योंकि दरवाजा और खिड़कियां दोनों बंद हो गए थे; हालाँकि, हम एक दूसरे को स्पष्ट रूप से देख सकते थे।

मैं: अब, यह बेहतर है।

नंदू मेरे सिर के पास वापस आ गया था और अब मैंने खुद अपनी ब्रा को अपने स्तन से खींच लिया था और उन्हें पूरी तरह से उजागर कर दिया। मैं अच्छी तरह से समझ सकती थी कि नंदू मेरे परिपक्व, गोल, दृढ़ स्तनों की भव्यता को देखकर कुछ देर के लिए आवक था।

मैं: क्या देख रहे हो?

नंदू: नहीं? कुछ भी नहीं।

उसने जल्दी से मरहम की बोतल ली और मेरी आँखों के संपर्क से बचने लगा ।

मैं: क्या वे अच्छे दिखते हैं?

मैंने सीधे उसके सारे संकोच दूर करने के लिए कहा।

नंदू: हाँ? हां?। जरूर मौसी!

मैं उसकी असहज और निराशाजनक स्थिति को देखकर मुस्कुरायी । अब मैं यह जानने के लिए भी उत्सुक थी कि मेरे नंगे ऊपरी खजाने को देख उसका लंड कितना कठोर हुआ था , लेकिन सोच रही थी कि ये मैं कैसे पता करूँ !

मैं: नंदू अब खाली मत बैठो, अपना काम शुरू करो।

नंदू : ओह! सोरी मौसी!

नंदू ने मरहम की बोतल खोली और अपनी हथेली पर कुछ तरल लिया और उसे दोनों हाथों पर रगड़ने लगा ।

मैं: लेकिन आप नंदू को जानते हैं, उकल ,डॉक्टर ने एक और बात कही थी ।

नंदू: क्या?

मैं: उन्होंने कहा कि जो कोई भी आपके स्तनों की मालिश करेगा आपको भी बदले में उसकी मालिश करनी होगी।

नंदू: यह कुछ ऐसा है जो मैं पहली बार सुन रहा हूँ!

नंदू यह सुनकर काफी खुश हुआ ।

मैं: हां, क्योंकि ये नॉर्मल मसाज नहीं है ?

नंदू: हम्म। क्या यह सच है।

मैं: तो कल रात जब आपके मौसा-जी ने मेरी मालिश की थी , तो मैंने भी उनकी मालिश की थी ।

नंदू: लेकिन मौसी अगर मुझे दर्द नहीं है, तो आप मेरी मालिश क्यों करोगी ?

Me: इसीमे इसका कारण छुपा हुआ है जब मालिश शुरू करोगे तो आपको दर्द होने लगेगा।

नंदू: वाक़ई। चलिए देखते हैं!

नंदू ने तेल को अच्छी तरह से दोनों हथेलियों पर मल दिया था और अब मेरे दोनों स्तनों को पकड़कर मालिश करने लगा। मुझे मानो मेरे जीवन का झटका लगा ! मैंने अपने नग्न स्तन मांस पर उसके तैलीय हाथों को महसूस किया . मैं बस कांप गयी और अपनी आँखें बंद कर लीं . स्वाभाविक रूप से मेरे खुले निप्पल भी नंदू के हाथो के स्पर्श से सीधे खड़े हो गए। मेरे दोनों निप्पल एकदम सख्त और पूरी तरह से एकदम सीधे खड़े हो गए थे! मैं सांस के लिए हांफ रही थी क्योंकि वह मेरे बड़े नग्न स्तनों की धीरे-धीरे मालिश कर रहा था ।

मैं: आआआआह्ह्ह्ह! उइइइइइइइइइ! रीई! उफ्फ! यह इतना अच्छा है?। मुझे बहुत आराम मिल रहा था .

नंदू का आत्मविश्वास और साहस भी बढ़ रहा था। कोमल रगड़ और मालिश से मेरे तना हुआ स्तन नरम हो रहा था और जाहिर है कि मैं मालिश और स्तनों को दबाने का बहुत आनंद ले रही थी और उत्तेजना में चिल्ला रही थी क्योंकि नन्दू दोनों हाथों में मेरे गर्म स्तनों की गोलाकारता और मजबूती को महसूस कर रहा था।

मैं: आह! नंदू? उन्हें जार और जोर से दबाओ !

नंदू ने मेरे स्तनों को कस कर पकड़ लिया और मेरे स्तनों को अपने दाहिने हाथ से एक परिपक्व पुरुष की तरह इतना तेज दबा दिया कि मैं भ्रमित हो गया कि मैं ग्यारहवीं कक्षा के लड़के के साथ हूं या मनोहर के साथ ! मैंने नंदी के चेहरे की ओर देखा और उससे स्पष्ट था की यदि आप और अधिक चाहती हैं, तो मैं और अधिक जोर से दबा सकता हूं.

मैं कराह उठी जब उसने दबाब बढ़ा दिया .


जारी रहेगी

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