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इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


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deeppreeti

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परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
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Lutgaya

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अपडेट का साईज थोडा बड़ा कर दो प्लीज
कहानी बहुत मजेदार है
 

deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - पांचवी रात

फ्लैशबैक- नंदू के साथ चौथा दिन

अपडेट-6


युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई


सोनिया भाभी ने रजोनिवृति के समय अपनी आपबीती बतानी जारी रखी

नंदू ने मेरे स्तनों को कस कर पकड़ लिया और मेरे स्तनों को अपने दाहिने हाथ से एक परिपक्व पुरुष की तरह इतना तेज दबा दिया कि मैं भ्रमित हो गया कि मैं ग्यारहवीं कक्षा के लड़के के साथ हूँ या मनोहर के साथ! मैंने नंदी के चेहरे की ओर देखा और उससे स्पष्ट था कि यदि आप और अधिक चाहती हैं, तो मैं और अधिक जोर से दबा सकता हूँ।

मैं (सोनिया भाभी) : मेरे प्रिय नंदू! अब, मैं भी तुम्हारी मालिश करूँगी!

नंदू मेरे सख्त स्तनों को दोनों हाथों से गूंथ रहा था और मालिश कर रहा था जैसे कि रोटी बनाने के लिए पानी से आटा गूंथ रहा हो!

\ मैं: नंदू! क्या आपको कोई दर्द महसूस हो रहा है?

नंदू: हाँ? मेरा मतलब है नहीं!

मैं और इंतजार नहीं कर सकी और बस उसके पजामे के ऊपर से उसका लंड पकड़ लिया।

मैं: वाह!

वह मेरी तत्काल प्रतिक्रिया थी जो उसके पायजामा के अंदर उसके लंड की कठोरता को महसूस करने पर हुई थी।

नंदू: ओह! मौसी? आप ये क्या कर रही हो?

मैंने उसकी एक न सुनी और उसके खड़े लंड को सहलाकर और अपने हाथ में पकड़ने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं कर सकी क्योंकि उसने अपने पायजामा के नीचे कच्छा पहन रखा था।

नंदू: मौसी, प्लीज क्या? ओह्ह्ह ।आप क्या कर रही हो?

मैं अब उसके पजामे से उसका लंड निकालने के लिए और अधिक उत्सुक थी और तुरंत अपने मन में ठान लिया कि मेरीइस इच्छा को पूरा करने के लिए मुझे आगे क्या करना है!

मैं क्या?। यह क्या है? रुको। मालिश बंद करो!

अचानक मैंने किसी बात पर गुस्सा होने का नाटक किया।

नंदू: ? मौसी, क्या हुआ? क्या चल रहा है?

मैं: मैं कहती हूँ मालिश करना बंद करो? । धिक्कार है तुमपे नंदू!

मेरे मिजाज ने अचानक हुए इस परिवर्तन पर नंदू बहुत भ्रमित था और घबरा गया था लेकिन वह अभी भी मेरे नग्न स्तनों को पकड़े हुए था!

नंदू: माँ? मौसी? क्या हुआ? क्या मैंने कुछ गलत किया था?

मैं: गलत? यह क्या है? वह खड़ा क्यों है?

मैं उसके पायजामे के अंदर उसका सीधा लंड पकड़े और दबाती रही।

नंदू: अरे? मौसी! मैं? मैं नहीं जानता।

मैं: क्या मैं मूर्ख हूँ जिसे मैं समझ नहीं पाऊंगी? तुम्हारी मौसी ने तुमसे कुछ मदद मांगी और तुम उसकी लाचारी का लुत्फ उठा रहे हो! धिक्कार है नंदू!

नंदू: मौसी, कृपया नाराज़ न हों? लेकिन मैंने कुछ नहीं किया? मुझ पर विश्वास करो?

मैं: फिर?

उसने जल्दी से अपने हाथों को मेरे नंगे स्तनों से हटा दिया और उसका सिर मेरे सामने झुक गया। मैं इस मासूम लड़के के साथ पूरा आनंद ले रही थी।

मैं: बोलो! मुझे बताओ कि यह इतना कठोर कैसे हो गया?

नंदू: मौसी? मेरा मतलब मेरी गलती है? जैसे ही मैंने मालिश के लिए आपका ब्लाउज खोलना शुरू किया, मैं था? मैं महसूस कर रहा था । मेरे शरीर में कुछ महसूस हो रहा है? और माने महसूस किया की मेरा लिंग अकड़ रहा है। और ये कठोर होने लगा ।

मैं: तो इसका मतलब है कि आपको मेरा ब्लाउज खोलकर और मेरे नग्न स्तनों को देखकर बहुत अच्छा लगा। हुह! यह अनुचित है? नंदू! तुम मेरे बेटे जैसे हो? ।

नंदू: मौसी, मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था, यकीन मानिए मौसी?

मैं: फिर? यह क्या है?

मैंने इशारा किया और उसके लिंग को उसके पायजामें पर थपथपाया।

नंदू: मौसी? मैं आपे से बाहर हो गया था। मैंने कभी इस तरह किसी लड़की का ब्लाउज नहीं खोला!

मैं: वो? ठीक है! लेकिन तुम मुझ पर दवा लगा रहे हो? है ना? इसलिए मैंने तुम्हारे सामने अपना ब्लाउज खोल दिया था। क्या मैं किसी के पास जाकर मसाज के लिए अपना ब्लाउज खोलूंगी! मेरे बारे में आप क्या सोचते हैं?

नंदू: नहीं, मौसी नहीं। मैं? मैं?

इस पूरे समय मैं बिस्तर अभी भी पूरी तरह से टॉपलेस हालत में, बैठी हुई इस ग्यारहवीं कक्षा के लड़के के साथ बातचीत कर रही थी।

मैं: नंदू मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी! कल रात भी जब तुम्हारे मौसा जी मेरी मालिश कर रहे थे, तो मैंने बदले में उनकी मालिश की? लेकिन उनका भी लिंग तुम्हारे जैसा कठोर नहीं था!

नंदू अपना सिर झुकाए चुप रहा और वह स्वाभाविक रूप से काफी चिंतित और भ्रमित लग रहा था।

मैं: बोलो!

नंदू: मौसी? मैंने कभी किसी लड़की के स्तन को नहीं छुआ था और? और आपके स्तन बहुत सुन्दर और बड़े हैं। मैं? मैं आपे से बाहर हो गया?

मैं: हम्म। मुझे देखने दो कि तुम कितने हो! तुम कितना आप खो गए हो मुझे देखने दो और इसलिए एक बार अपना पायजामा खोलो।

नंदू ने मेरी ओर प्रश्नवाचक चिह्न से देखा? उसके मुंह पर घबराहट थी।

मैं: खोलो। खोलो इसे। मुझे देखने दो। खड़े हो जाओ और इसे खोलो।

नंदू को एहसास हुआ कि उसे पायजामा नीचे करना है? और इसलिए बिस्तर पर खड़ा हो गया और अपने पायजामा के धागे को खोलना शुरू कर दिया। उसने उसे धीरे से नीचे खींच लिया और उसका कच्छा एक तंबू जैसा लग रहा था। उसने अब अपना कच्छा नीचे अपने घुटनों तक उतार लिया और फिर मेरे चेहरे के सामने एक नग्न युवा का सीधा लिंग था! मैंने देखा कि नंदू का लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और उसकी चमड़ी से गुलाबी सिर दिखाई दे रहा था। यह बहुत ही लुभावना दृश्य देखकर मेरा निचला जबड़ा नीचे को और लटक गया।

मैं: हम्म। तो इस तरह आप मालिश के लिए मेरी मदद कर रहे हैं! अभी देखो! कितना बड़ा हो गया है!

इससे पहले कि नंदू कुछ कह पाता मैंने उसके नग्न लिंग को अपने दाहिने हाथ में पकड़ लिया और उसका निरीक्षण किया।

मैं: ओह्ह्ह! ।

इस युवा गर्म लंड को हाथ से छूना एक ऐसा स्वर्गीय अहसास था और वह भी इतने अंतराल के बाद! मैं ईमानदारी से भूल गयी हूँ की मैंने आखिरी बार अपने पति के डिक को कब पकड़ा था और उसके साथ खेली थी । क्योंकि पिछली कुछ बार जब भी हमने संभोग किया था यह एक नियमित घटना जैसा था! मनोहर बस मुझे बिस्तर पर गले लगाता रहा और मेरे घने स्तन के अंदर अपना सिर धकेलता रहा, फिर किसी तरह मेरी नाइटी को पहले मेरी कमर तक और फिर मेरे कंधे तक उठाया और मेरे नग्न स्तनों से खेला और बस इतना ही! फिर वह अपना लंड मेरे छेद में डाल देता है जैसे कि कोई नियमित कार्य कर रहा हो और अपना रस निकालता हो और फिर सो जाता है?

इस प्रकार नंदू के नग्न लंड को देखने, महसूस करने और टटोलने के लिए मेरा उत्साह निश्चित रूप से सामान्य से अधिक था। नंदू की हालत दयनीय थी। वह पूरी तरह से उत्साहित था, उसका लिंग कठोर था, उसकी गेंदें धड़क रही थीं, लेकिन वह मेरे सामने हस्तमैथुन भी नहीं कर सकता था! मैं पूरे हालात का पूरी तरह से आनंद ले रहा था और जी को शायद चुदाई से भी ज्यादा था!

मैं: तो नंदू? इस तरह आपने मेरे स्तनों की मालिश करने की योजना बनाई!

मैं सिर हिलाते हुए उसके लंड से खेली। हालांकि अभी उसका लंड अनुभवी नहीं था लेकिन उसकी कठोरता उत्कृष्ट थी।

नंदू बुत की तरह खड़ा था और उसे समझ नहीं आ रहा था की मुझे क्या जवाब दे और इस स्थिति से बाहर निकल सके।

मैं: नंदू क्या तुमने कहा था कि तुम मेरे स्तनों को छूकर बहक गए हो? ठीक है?

नंदू: जी? जी मौसी।

मैं: ठीक है, अब तुम मेरे स्तन नहीं छू रहे हो? तो देखते हैं कि यह सामान्य आकार में आता है या नहीं। यदि हाँ, तो ठीक है, अन्यथा मैं मान लूंगी कि आपका दृष्टिकोण संदिग्ध है।

ऐसा लग रहा था जैसे कोई स्कूल शिक्षक अपने छात्र को धमका रहा हो।

नंदू: लेकिन? लेकिन? ठीक है।

मैं अभी भी उसके लंड को थामे और सहला रही थी और कोई रास्ता नहीं था कि उसका लंड वापस सामान्य स्थिति में आ सके और नंदू के पास मेरे से सहमत होने के सिवा कोई रास्ता भी नहीं था

मैं: क्याइसके लिए मुझे उन्हें छिपाने की ज़रूरत है?

यह कहते हुए कि मैंने अपने लटके हुए नग्न स्तनों को इशारा किया।

नंदू: नहीं? नहीं-नहीं।

वह इस समय वास्तविक गड़बड़ी और शर्मिंदगी की स्थिति में था। वह पूरी तरह से असमंजस में था कि अपने इरेक्ट पेनिस को सामान्य कैसे किया जाए। मैं उसके युवा कड़े लंड के साथ खेल कर और पथपाकर मजे ले रही थी।

नंदू: मौसी? मेरा मतलब है? मुझे नहीं पता कि मैं क्यों नहीं कर पा रहा हूँ? माफ़ कर दो?

मैं: हम्म? तो इसका मतलब है तुम्हारा?

नंदू: नहीं, मौसी नहीं। मुझ पर विश्वास करो! आपके प्रति मेरा नजरिया साफ है। कसम है!

मैं: हम्म, मैं आपकी बात मान लेती हूँ।

नंदू: ओह? धन्यवाद!

मैं: ठीक है, ठीक है। लेकिनअब मैं इसे वापस सामान्य स्थिति में लाने की कोशिश करूंगी।

नंदू: लेकिन? लेकिन मौसी! आप वह कैसे करोगी?

मैं: आप जरा रुकिए और देखिए।

नंदू अभी भी अपने लटके हुए नग्न डिक के साथ मेरे बिस्तर पर खड़ा था और मैं उसके पैरों के पास बिल्कुल टॉपलेस बैठी थी।

मैं: मेरे पास आओ और अपने लिंग को मेरे मुंह में डाल दो।

नंदू: क्या? ये आप क्या कह रही हो!

मैंने उसे एक मजबूत नज़र दी और उसने तुरंत मेरे आदेश का पालन किया।

नंदू: ओ? ठीक है मौसी, जैसा आप कहती हैं।

नंदू एक कदम आगे आया और उसका लटकता हुआ लंड लगभग मेरे चेहरे की चिकनी त्वचा को छू रहा था। वह इंतजार कर रहा था कि मैं उसका लंड अपने मुँह में लूँगी, लेकिन मैं चाहती थी कि वह लंड को मेरे मुँह में रखे। यह देख मैं कोई कार्यवाही नहीं कर रही थी, उसने अपने दाहिने हाथ से अपने लिंग को पकड़ लिया और मेरे होंठों को छू लिया। मुझे बस इतना ही चाहिए था!

मैंने अपने गर्म मोटे होठों से उसके लंड एंड ले लिया और पूरे कड़े लंड की लम्बाई पर ओंठ ऊपर और नीचे करने लगी। इससे वह और अधिक उत्तेजित हो गया और वह अब यौन उत्तेजित होकर कराह रहा था। फिर मैंने नंदू का लंड चाटना शुरू किया और यह पहली बार था जब मैं मनोहर के अलावा किसी पुरुष के लिंग को अपने मुँह में ले रही थी। भावना अवर्णनीय थी और मेरा पूरा शरीर उत्तेजना से कांप रहा था। मैंने अब नंदू का लंड चूसना शुरू कर दिया, जिससे वह उत्तेजना में पागल हो गया। मेरी गति शुरू में धीमी थी, लेकिन मैं खुद इस युवा मुर्गा को चूसने से इतना उत्साहित हो गयी कि कुछ ही क्षणों में मैं बहुत तेजी से उसका लंड चूस रही थी। इस बार मैंने उसके लंड को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और कभी-कभार उसकी कसी हुई छड़ी के गुलाबी सिर को चाट कर उसकी जाँच की। मैंने अपनी जीभ को बार-बार कसी हुई त्वचा पर घुमाया और साथ ही साथ उसकी गेंदों को निचोड़ते हुए उसके लिए चीजें बदतर कर दीं।

हालांकि मुझे यह महसूस करना चाहिए था कि इस युवा लड़के के लिए यह कार्यवाही कुछ ज्यादा ही थी और उम्मीद के मुताबिक बहुत ही जल्दी कुछ ही मिनटों में नंदू ने मेरे मुंह में पिचकारी मार दी और जैसे ही मैंने उसका लंड अपने मुँह से छोड़ा, उसके शुक्राणु मेरे पूरे चेहरे पर गिर आए। नंदू निराश दिख रहा था और मैं भी ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर सकी! उसके एक-दो शुक्राणु मेरे होठों पर थे और मैंने बेशर्मी से उसे अपने जीभ से चाटा।

मैं: ओह! इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है!

नंदू का लंड अब ढीला होने लगा था और अभी भी वह गर्म तरल पदार्थ छोड़ रहा था! मैं अपने आप को रोक नहीं पायी और फिर से उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी और इस बार मैं उसके डिस्चार्ज को बहुत उत्सुकता से निगल रही थी।

नंदू: मौसी? अह्ह्ह! वह कराह उठा

नंदू इस मौखिक सेवा का भरपूर आनंद ले रहा था और मैं भी। उसकी आखिरी बूंद चूसने के बाद मैंने उसे अपने चंगुल से मुक्त कर दिया।

नंदू: मौसी, तुम? मेरा मतलब है कि तुम गलत किया? उसे निगल लिया?

मैं क्यों? क्या आप इसे वापस चाहते हैं?

नंदू: वह? मैं इसे वापस कैसे प्राप्त कर सकता हूँ? आप पहले ही?

मैं: हाँ, मैंने उसे निगल लिया है, लेकिन अगर आप चाहें तो मैं इसे फिर से बना सकती हूँ!

नंदू उत्सुक लग रहा था। मैं अपने ब्लाउज के साथ अपने चेहरे पर बिखरे शुक्राणुओं को पोंछ रही थी, क्योंकि अब ये धोने के लायक था, इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न इसे ही नैपकिन के रूप में इस्तेमाल किया जाए।

नंदू: हाँ मौसी!

मैं: इधर आओ। पहले मैं तुम्हें एक बार साफ कर दूं।

मैंने उसकी जांघो बाल एक तरफ दिए, जो भी तरल पदार्थ लगा हुआ था उसे मेरे ब्लाउज और उसका लंड साफ कर दिया।

मैं: अब और खम्भे की तरह मत खड़ा रहो। बिस्तर से उठो।

आज्ञाकारी नंदू बिस्तर से कूद गया। मैं पूरी तरह टॉपलेस स्थिति में उसके सामने बैठी बाते कर रही थी और उसे अपने बड़े नग्न करतब दिखाने वाले स्तनों के साथ एक बहुत ही कामुक शो दे रही थी।

मैं: अब जो मैंने निगल लिया है, उसे मैं आप में फिर से बनाऊंगी!

नंदू: मुझे पता नहीं मौसी तुम कैसे करोगी!

मैं उनकी मूर्खतापूर्ण टिप्पणी पर मुस्कुरायी और एक अनुभवी टीचर की तरह अपना सिर हिलाया। नंदू बिस्तर के पास खड़ा था और मैं भी वहीं उसके साथ हो गयी।

मैं: अब मुझे गले लगाओ जैसे तुम्हारा मौसा-जी करते है।

नंदू भ्रमित लग रहा था, जाहिर है।

नंदू: लेकिन मौसी?

मैं: क्या हुआ? क्या तुम मुझे गले नहीं लगा सकते? आपको अपने मौसा जी की तरह बनना है, ठीक है? बस मुझे गले लगाओ बेवकूफ!

नंदू: हाँ? लेकिन?

नंदू अभी भी झिझक रहा था।

मैं: अरे नहीं! मैं इस डफ़र का क्या करूँ!

यह कहते हुए कि मैंने उसे अपने शरीर की ओर खींच लिया और अपने शरीर पर दोनों हाथों से कस कर दबा दिया।

मैं: ठीक है? अब तुम मेरे साथ ऐसा करो।

नंदू: ओ? ठीक।

जारी रहेगी


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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - पांचवी रात

फ्लैशबैक- नंदू के साथ चौथा दिन

अपडेट-6


युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई


सोनिया भाभी ने रजोनिवृति के समय अपनी आपबीती बतानी जारी रखी

नंदू ने मेरे स्तनों को कस कर पकड़ लिया और मेरे स्तनों को अपने दाहिने हाथ से एक परिपक्व पुरुष की तरह इतना तेज दबा दिया कि मैं भ्रमित हो गया कि मैं ग्यारहवीं कक्षा के लड़के के साथ हूँ या मनोहर के साथ! मैंने नंदी के चेहरे की ओर देखा और उससे स्पष्ट था कि यदि आप और अधिक चाहती हैं, तो मैं और अधिक जोर से दबा सकता हूँ।

मैं (सोनिया भाभी) : मेरे प्रिय नंदू! अब, मैं भी तुम्हारी मालिश करूँगी!

नंदू मेरे सख्त स्तनों को दोनों हाथों से गूंथ रहा था और मालिश कर रहा था जैसे कि रोटी बनाने के लिए पानी से आटा गूंथ रहा हो!


\ मैं: नंदू! क्या आपको कोई दर्द महसूस हो रहा है?

नंदू: हाँ? मेरा मतलब है नहीं!

मैं और इंतजार नहीं कर सकी और बस उसके पजामे के ऊपर से उसका लंड पकड़ लिया।

मैं: वाह!

वह मेरी तत्काल प्रतिक्रिया थी जो उसके पायजामा के अंदर उसके लंड की कठोरता को महसूस करने पर हुई थी।

नंदू: ओह! मौसी? आप ये क्या कर रही हो?

मैंने उसकी एक न सुनी और उसके खड़े लंड को सहलाकर और अपने हाथ में पकड़ने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं कर सकी क्योंकि उसने अपने पायजामा के नीचे कच्छा पहन रखा था।

नंदू: मौसी, प्लीज क्या? ओह्ह्ह ।आप क्या कर रही हो?

मैं अब उसके पजामे से उसका लंड निकालने के लिए और अधिक उत्सुक थी और तुरंत अपने मन में ठान लिया कि मेरीइस इच्छा को पूरा करने के लिए मुझे आगे क्या करना है!

मैं क्या?। यह क्या है? रुको। मालिश बंद करो!

अचानक मैंने किसी बात पर गुस्सा होने का नाटक किया।

नंदू: ? मौसी, क्या हुआ? क्या चल रहा है?

मैं: मैं कहती हूँ मालिश करना बंद करो? । धिक्कार है तुमपे नंदू!

मेरे मिजाज ने अचानक हुए इस परिवर्तन पर नंदू बहुत भ्रमित था और घबरा गया था लेकिन वह अभी भी मेरे नग्न स्तनों को पकड़े हुए था!

नंदू: माँ? मौसी? क्या हुआ? क्या मैंने कुछ गलत किया था?

मैं: गलत? यह क्या है? वह खड़ा क्यों है?

मैं उसके पायजामे के अंदर उसका सीधा लंड पकड़े और दबाती रही।

नंदू: अरे? मौसी! मैं? मैं नहीं जानता।

मैं: क्या मैं मूर्ख हूँ जिसे मैं समझ नहीं पाऊंगी? तुम्हारी मौसी ने तुमसे कुछ मदद मांगी और तुम उसकी लाचारी का लुत्फ उठा रहे हो! धिक्कार है नंदू!

नंदू: मौसी, कृपया नाराज़ न हों? लेकिन मैंने कुछ नहीं किया? मुझ पर विश्वास करो?

मैं: फिर?

उसने जल्दी से अपने हाथों को मेरे नंगे स्तनों से हटा दिया और उसका सिर मेरे सामने झुक गया। मैं इस मासूम लड़के के साथ पूरा आनंद ले रही थी।

मैं: बोलो! मुझे बताओ कि यह इतना कठोर कैसे हो गया?

नंदू: मौसी? मेरा मतलब मेरी गलती है? जैसे ही मैंने मालिश के लिए आपका ब्लाउज खोलना शुरू किया, मैं था? मैं महसूस कर रहा था । मेरे शरीर में कुछ महसूस हो रहा है? और माने महसूस किया की मेरा लिंग अकड़ रहा है। और ये कठोर होने लगा ।

मैं: तो इसका मतलब है कि आपको मेरा ब्लाउज खोलकर और मेरे नग्न स्तनों को देखकर बहुत अच्छा लगा। हुह! यह अनुचित है? नंदू! तुम मेरे बेटे जैसे हो? ।

नंदू: मौसी, मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था, यकीन मानिए मौसी?

मैं: फिर? यह क्या है?

मैंने इशारा किया और उसके लिंग को उसके पायजामें पर थपथपाया।

नंदू: मौसी? मैं आपे से बाहर हो गया था। मैंने कभी इस तरह किसी लड़की का ब्लाउज नहीं खोला!

मैं: वो? ठीक है! लेकिन तुम मुझ पर दवा लगा रहे हो? है ना? इसलिए मैंने तुम्हारे सामने अपना ब्लाउज खोल दिया था। क्या मैं किसी के पास जाकर मसाज के लिए अपना ब्लाउज खोलूंगी! मेरे बारे में आप क्या सोचते हैं?

नंदू: नहीं, मौसी नहीं। मैं? मैं?

इस पूरे समय मैं बिस्तर अभी भी पूरी तरह से टॉपलेस हालत में, बैठी हुई इस ग्यारहवीं कक्षा के लड़के के साथ बातचीत कर रही थी।

मैं: नंदू मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी! कल रात भी जब तुम्हारे मौसा जी मेरी मालिश कर रहे थे, तो मैंने बदले में उनकी मालिश की? लेकिन उनका भी लिंग तुम्हारे जैसा कठोर नहीं था!

नंदू अपना सिर झुकाए चुप रहा और वह स्वाभाविक रूप से काफी चिंतित और भ्रमित लग रहा था।

मैं: बोलो!

नंदू: मौसी? मैंने कभी किसी लड़की के स्तन को नहीं छुआ था और? और आपके स्तन बहुत सुन्दर और बड़े हैं। मैं? मैं आपे से बाहर हो गया?

मैं: हम्म। मुझे देखने दो कि तुम कितने हो! तुम कितना आप खो गए हो मुझे देखने दो और इसलिए एक बार अपना पायजामा खोलो।

नंदू ने मेरी ओर प्रश्नवाचक चिह्न से देखा? उसके मुंह पर घबराहट थी।

मैं: खोलो। खोलो इसे। मुझे देखने दो। खड़े हो जाओ और इसे खोलो।

नंदू को एहसास हुआ कि उसे पायजामा नीचे करना है? और इसलिए बिस्तर पर खड़ा हो गया और अपने पायजामा के धागे को खोलना शुरू कर दिया। उसने उसे धीरे से नीचे खींच लिया और उसका कच्छा एक तंबू जैसा लग रहा था। उसने अब अपना कच्छा नीचे अपने घुटनों तक उतार लिया और फिर मेरे चेहरे के सामने एक नग्न युवा का सीधा लिंग था! मैंने देखा कि नंदू का लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और उसकी चमड़ी से गुलाबी सिर दिखाई दे रहा था। यह बहुत ही लुभावना दृश्य देखकर मेरा निचला जबड़ा नीचे को और लटक गया।

मैं: हम्म। तो इस तरह आप मालिश के लिए मेरी मदद कर रहे हैं! अभी देखो! कितना बड़ा हो गया है!

इससे पहले कि नंदू कुछ कह पाता मैंने उसके नग्न लिंग को अपने दाहिने हाथ में पकड़ लिया और उसका निरीक्षण किया।

मैं: ओह्ह्ह! ।

इस युवा गर्म लंड को हाथ से छूना एक ऐसा स्वर्गीय अहसास था और वह भी इतने अंतराल के बाद! मैं ईमानदारी से भूल गयी हूँ की मैंने आखिरी बार अपने पति के डिक को कब पकड़ा था और उसके साथ खेली थी । क्योंकि पिछली कुछ बार जब भी हमने संभोग किया था यह एक नियमित घटना जैसा था! मनोहर बस मुझे बिस्तर पर गले लगाता रहा और मेरे घने स्तन के अंदर अपना सिर धकेलता रहा, फिर किसी तरह मेरी नाइटी को पहले मेरी कमर तक और फिर मेरे कंधे तक उठाया और मेरे नग्न स्तनों से खेला और बस इतना ही! फिर वह अपना लंड मेरे छेद में डाल देता है जैसे कि कोई नियमित कार्य कर रहा हो और अपना रस निकालता हो और फिर सो जाता है?

इस प्रकार नंदू के नग्न लंड को देखने, महसूस करने और टटोलने के लिए मेरा उत्साह निश्चित रूप से सामान्य से अधिक था। नंदू की हालत दयनीय थी। वह पूरी तरह से उत्साहित था, उसका लिंग कठोर था, उसकी गेंदें धड़क रही थीं, लेकिन वह मेरे सामने हस्तमैथुन भी नहीं कर सकता था! मैं पूरे हालात का पूरी तरह से आनंद ले रहा था और जी को शायद चुदाई से भी ज्यादा था!

मैं: तो नंदू? इस तरह आपने मेरे स्तनों की मालिश करने की योजना बनाई!

मैं सिर हिलाते हुए उसके लंड से खेली। हालांकि अभी उसका लंड अनुभवी नहीं था लेकिन उसकी कठोरता उत्कृष्ट थी।

नंदू बुत की तरह खड़ा था और उसे समझ नहीं आ रहा था की मुझे क्या जवाब दे और इस स्थिति से बाहर निकल सके।

मैं: नंदू क्या तुमने कहा था कि तुम मेरे स्तनों को छूकर बहक गए हो? ठीक है?

नंदू: जी? जी मौसी।

मैं: ठीक है, अब तुम मेरे स्तन नहीं छू रहे हो? तो देखते हैं कि यह सामान्य आकार में आता है या नहीं। यदि हाँ, तो ठीक है, अन्यथा मैं मान लूंगी कि आपका दृष्टिकोण संदिग्ध है।

ऐसा लग रहा था जैसे कोई स्कूल शिक्षक अपने छात्र को धमका रहा हो।

नंदू: लेकिन? लेकिन? ठीक है।

मैं अभी भी उसके लंड को थामे और सहला रही थी और कोई रास्ता नहीं था कि उसका लंड वापस सामान्य स्थिति में आ सके और नंदू के पास मेरे से सहमत होने के सिवा कोई रास्ता भी नहीं था

मैं: क्याइसके लिए मुझे उन्हें छिपाने की ज़रूरत है?

यह कहते हुए कि मैंने अपने लटके हुए नग्न स्तनों को इशारा किया।

नंदू: नहीं? नहीं-नहीं।

वह इस समय वास्तविक गड़बड़ी और शर्मिंदगी की स्थिति में था। वह पूरी तरह से असमंजस में था कि अपने इरेक्ट पेनिस को सामान्य कैसे किया जाए। मैं उसके युवा कड़े लंड के साथ खेल कर और पथपाकर मजे ले रही थी।

नंदू: मौसी? मेरा मतलब है? मुझे नहीं पता कि मैं क्यों नहीं कर पा रहा हूँ? माफ़ कर दो?

मैं: हम्म? तो इसका मतलब है तुम्हारा?

नंदू: नहीं, मौसी नहीं। मुझ पर विश्वास करो! आपके प्रति मेरा नजरिया साफ है। कसम है!

मैं: हम्म, मैं आपकी बात मान लेती हूँ।

नंदू: ओह? धन्यवाद!

मैं: ठीक है, ठीक है। लेकिनअब मैं इसे वापस सामान्य स्थिति में लाने की कोशिश करूंगी।

नंदू: लेकिन? लेकिन मौसी! आप वह कैसे करोगी?

मैं: आप जरा रुकिए और देखिए।

नंदू अभी भी अपने लटके हुए नग्न डिक के साथ मेरे बिस्तर पर खड़ा था और मैं उसके पैरों के पास बिल्कुल टॉपलेस बैठी थी।

मैं: मेरे पास आओ और अपने लिंग को मेरे मुंह में डाल दो।

नंदू: क्या? ये आप क्या कह रही हो!

मैंने उसे एक मजबूत नज़र दी और उसने तुरंत मेरे आदेश का पालन किया।

नंदू: ओ? ठीक है मौसी, जैसा आप कहती हैं।

नंदू एक कदम आगे आया और उसका लटकता हुआ लंड लगभग मेरे चेहरे की चिकनी त्वचा को छू रहा था। वह इंतजार कर रहा था कि मैं उसका लंड अपने मुँह में लूँगी, लेकिन मैं चाहती थी कि वह लंड को मेरे मुँह में रखे। यह देख मैं कोई कार्यवाही नहीं कर रही थी, उसने अपने दाहिने हाथ से अपने लिंग को पकड़ लिया और मेरे होंठों को छू लिया। मुझे बस इतना ही चाहिए था!

मैंने अपने गर्म मोटे होठों से उसके लंड एंड ले लिया और पूरे कड़े लंड की लम्बाई पर ओंठ ऊपर और नीचे करने लगी। इससे वह और अधिक उत्तेजित हो गया और वह अब यौन उत्तेजित होकर कराह रहा था। फिर मैंने नंदू का लंड चाटना शुरू किया और यह पहली बार था जब मैं मनोहर के अलावा किसी पुरुष के लिंग को अपने मुँह में ले रही थी। भावना अवर्णनीय थी और मेरा पूरा शरीर उत्तेजना से कांप रहा था। मैंने अब नंदू का लंड चूसना शुरू कर दिया, जिससे वह उत्तेजना में पागल हो गया। मेरी गति शुरू में धीमी थी, लेकिन मैं खुद इस युवा मुर्गा को चूसने से इतना उत्साहित हो गयी कि कुछ ही क्षणों में मैं बहुत तेजी से उसका लंड चूस रही थी। इस बार मैंने उसके लंड को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और कभी-कभार उसकी कसी हुई छड़ी के गुलाबी सिर को चाट कर उसकी जाँच की। मैंने अपनी जीभ को बार-बार कसी हुई त्वचा पर घुमाया और साथ ही साथ उसकी गेंदों को निचोड़ते हुए उसके लिए चीजें बदतर कर दीं।

हालांकि मुझे यह महसूस करना चाहिए था कि इस युवा लड़के के लिए यह कार्यवाही कुछ ज्यादा ही थी और उम्मीद के मुताबिक बहुत ही जल्दी कुछ ही मिनटों में नंदू ने मेरे मुंह में पिचकारी मार दी और जैसे ही मैंने उसका लंड अपने मुँह से छोड़ा, उसके शुक्राणु मेरे पूरे चेहरे पर गिर आए। नंदू निराश दिख रहा था और मैं भी ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर सकी! उसके एक-दो शुक्राणु मेरे होठों पर थे और मैंने बेशर्मी से उसे अपने जीभ से चाटा।

मैं: ओह! इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है!

नंदू का लंड अब ढीला होने लगा था और अभी भी वह गर्म तरल पदार्थ छोड़ रहा था! मैं अपने आप को रोक नहीं पायी और फिर से उसका लंड अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी और इस बार मैं उसके डिस्चार्ज को बहुत उत्सुकता से निगल रही थी।

नंदू: मौसी? अह्ह्ह! वह कराह उठा

नंदू इस मौखिक सेवा का भरपूर आनंद ले रहा था और मैं भी। उसकी आखिरी बूंद चूसने के बाद मैंने उसे अपने चंगुल से मुक्त कर दिया।

नंदू: मौसी, तुम? मेरा मतलब है कि तुम गलत किया? उसे निगल लिया?

मैं क्यों? क्या आप इसे वापस चाहते हैं?

नंदू: वह? मैं इसे वापस कैसे प्राप्त कर सकता हूँ? आप पहले ही?

मैं: हाँ, मैंने उसे निगल लिया है, लेकिन अगर आप चाहें तो मैं इसे फिर से बना सकती हूँ!

नंदू उत्सुक लग रहा था। मैं अपने ब्लाउज के साथ अपने चेहरे पर बिखरे शुक्राणुओं को पोंछ रही थी, क्योंकि अब ये धोने के लायक था, इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न इसे ही नैपकिन के रूप में इस्तेमाल किया जाए।

नंदू: हाँ मौसी!

मैं: इधर आओ। पहले मैं तुम्हें एक बार साफ कर दूं।

मैंने उसकी जांघो बाल एक तरफ दिए, जो भी तरल पदार्थ लगा हुआ था उसे मेरे ब्लाउज और उसका लंड साफ कर दिया।

मैं: अब और खम्भे की तरह मत खड़ा रहो। बिस्तर से उठो।

आज्ञाकारी नंदू बिस्तर से कूद गया। मैं पूरी तरह टॉपलेस स्थिति में उसके सामने बैठी बाते कर रही थी और उसे अपने बड़े नग्न करतब दिखाने वाले स्तनों के साथ एक बहुत ही कामुक शो दे रही थी।

मैं: अब जो मैंने निगल लिया है, उसे मैं आप में फिर से बनाऊंगी!

नंदू: मुझे पता नहीं मौसी तुम कैसे करोगी!

मैं उनकी मूर्खतापूर्ण टिप्पणी पर मुस्कुरायी और एक अनुभवी टीचर की तरह अपना सिर हिलाया। नंदू बिस्तर के पास खड़ा था और मैं भी वहीं उसके साथ हो गयी।

मैं: अब मुझे गले लगाओ जैसे तुम्हारा मौसा-जी करते है।

नंदू भ्रमित लग रहा था, जाहिर है।

नंदू: लेकिन मौसी?

मैं: क्या हुआ? क्या तुम मुझे गले नहीं लगा सकते? आपको अपने मौसा जी की तरह बनना है, ठीक है? बस मुझे गले लगाओ बेवकूफ!

नंदू: हाँ? लेकिन?

नंदू अभी भी झिझक रहा था।

मैं: अरे नहीं! मैं इस डफ़र का क्या करूँ!

यह कहते हुए कि मैंने उसे अपने शरीर की ओर खींच लिया और अपने शरीर पर दोनों हाथों से कस कर दबा दिया।

मैं: ठीक है? अब तुम मेरे साथ ऐसा करो।

नंदू: ओ? ठीक।

जारी रहेगी


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अति आनन्दमय
गति बढाईए ।
 

Thunderstorm

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Bhai kahani achhi h pr, itni slow h ki dhire dhire exitment hi khtm ho ja rhi h
 

deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - पांचवी रात

फ्लैशबैक- नंदू के साथ चौथा दिन

अपडेट-6


युवा लड़के ने की गांड की मालिश



सोनिया भाभी ने रजोनिवृति के समय अपनी आपबीती बतानी जारी रखी

नंदू की झिझक स्पष्ट थी लेकिन फिर भी झिझकते हुए ही सही उसने किसी तरह से उसने मुझे गले लगा लिया , लेकिन अगर मैं कम से कम कहूं तो वह फिर भी बहुत सतर्क था। मेरे नंगे स्तन उसकी छाती पर दबा रहे थे और इससे उसका रक्तचाप बढ़ने लगा होगा।

मैं ( सोनिआ भाभी) : नंदू अब मैं आपके मौसा-जी के आलिंगन का रहस्य साझा करती हूं। लेकिन भगवान् के लिए, कृपया इसे किसी पर लागू मत करना !

नंदू ने सिर्फ सिर हिलाया। वह शायद मेरे बड़े स्तनों को अपने सीने पर महसूस करने के लिए अधिक इच्छुक था ।

मैं: जरा देखो , आपने अपने हाथ कहां रखे हैं?

नंदू : आप पर? क्षमा कीजिये आपकी पीठ और कंधे पर ।

मैं : सही! और यही फर्क है तुममें और तुम्हारे मौसा जी में।

नंदू : मौसा-जी.. कहाँ हाथ रखते हैं..?

मैं: यहाँ।

यह कहते हुए कि मैंने उनका दाहिना हाथ अपने कंधे से उठा लिया और सीधे अपनी साड़ी से ढकी गांड पर रख दिया।

मैं: जब भी तुम्हारे मौसा-जी मुझे गले लगाते है, तो वह मुझे यहाँ महसूस करते है? वह अपना हाथ स्थिर नहीं रखते , बल्कि मेरे पूरे नितंब को महसूस करते है।

नंदू को एक बार फिर चार्ज करने के लिए इतना ही काफी था। मैं महसूस कर रही थी कि जैसे ही उसकी हथेली ने मेरी गोल गांड के कड़े मांस को महसूस किया तो उसका लंगड़ा लंड फिर से ताकत हासिल कर रहा था । उसका बायां हाथ एक झटके में मेरी गांड पर चला गया था और वह न केवल मेरी गांड की चिकनाई महसूस कर रहा था, बल्कि मेरे नितम्बो को मेरी साड़ी के ऊपर से प्यार से दबा भी रहा था।

मैं: आआआआआआह? हाँ, दोनों हाथों से करो?

नंदू: वाई? हाँ मौसी ।

फिर उसने मेरी कसी हुई गांड के मांस को दोनों हथेलियों में कसकर पकड़ लिया और अमेरे नितम्बो को अपनी मर्जी से दबाने लगा । मैं जल्दी से अपना हाथ उसके लंड के पास ले गयी और यह देखकर चकित रह गयी कि यह कितनी जल्दी पुनर्जीवित हो कड़ा और खड़ा हो रहा था!

सोनिआ भाभी बोली मेरे दिमाग में तुरंत मेरे पति की याद आयी । मुझे यह भी याद नहीं है कि पिछले एक से दो वर्षों में उन्होंने मुझे लगातार दो बार कब चोदा ? और उसे एक और सत्र के लिए तरोताजा करना मेरे लिए एक बहुत बोझिल काम था। उन्होंने मेरे सामने कबूल किया था कि एक बार स्खलन होने के बाद मुझे नग्न देखकर वह और उत्तेजित नहीं हुआ, न ही मेरे स्तनों को दबाने से ही उसे उत्तेजना मिलती है।

मैंने मनोहर के लंगड़े लंड को सहलाकर उसे चार्ज करने की कोशिश की, जो की अप्रभावी रही । फिर हमने तय किया कि एक संभोग सत्र के बाद अगर हम दूसरे में रुचि रखते हैं, जो कि एक बहुत ही दुर्लभ मामला था, तो मुझे कुछ गतिविधियाँ करनी थीं ताकि वह फिर से चार्ज हो जाए। लेकिन, ईमानदारी से उस अवस्था में मुझे ये प्रक्रिया इतनी कठिन लगी कि मैंने उसे दूसरी चुदाई के लिए परेशान नहीं किया।

मैं( रश्मि) : वो क्या था भाभी ?

मुझे उसके लंड को फिर से खड़ा करने के लिए अंग प्रदर्शन की एक शृंखला करनी होती थी , जो कभी-कभी मुझे बहुत शर्मनाक लगती थी । अपने पहले संभोग के बाद सफाई करने के बाद मुझे फिर से अपने अंडरगारमेंट्स पहन और फिर उन्हें उत्तेजक अदाओ के साथ उतारना होता था । मनोहर ने स्वीकार किया कि वह मुझे इस तरह से देखकर उत्साहित महसूस करता है । फिर उस लगभग नग्न हालत में ही कमरे में घूमना पड़ता था। हालाँकि इस समय मनोहर के अलावा मुझे कोई नहीं देख रहा था, लेकिन फिर भी मुझे इस तरह से चलते हुए बहुत शर्म आती थी। फिर वह हमेशा एक सिगरेट जलाता था और जब तक वह समाप्त नहीं कर लेता था तब तक मुझे सिर्फ अंडरगारमेंट्स में रहना होता था और अगर वो उत्तेजित मह्सूस करता था तो वो मेरी पैंटी पर मेरे बट को सहला, मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे स्तन निचोड़ देता था और फिर बार फिर वो मेरे अंडरगारमेंट्स खोल देता था और तब हम दुबारा संभोग करते थे !

नंदू का लंड जिस तेजी से सख्त और सीधा हो रहा था, उसे देख कर मैं बहुत उत्साहित थी ।

मैं: नंदू ! क्या आपको ये पसंद आया ?

मैं उसके कानों में फुसफुसायी । नंदू के हाथ उस समय मेरी कसी हुई गांड के मांस को जोर से सहला रहे थे।

नंदू: हाँ मौसी। बहुत ज्यादा!

मैं: हम्म। मुझे भी बहुत मजा आ रहा है प्रिये!

फिर भी मैं इतने लंबे अंतराल के बाद पूरी तरह से ऊर्जावान महसूस कर रही थी ! यह इतना सनसनीखेज अहसास था कि मैंने उसे थोड़ा सा इनाम दिया।

मैं: एक सेकंड नंदू? मुझे बस इसे ऊपर खींचने दो!

यह कहते हुए कि मैंने अपनी साड़ी अ और अपनी पेटीकोट को अपनी कमर तक ऊपर खींच लिया ताकि नंदू अब मेरे पैंटी से ढके नितम्बो के गालो पर अपना हाथ रख सके।

मैं: अब मालिश करो!

नंदू को मानो स्वर्ग का रास्ता मिल गया हो और उसने मेरी बड़ी, गोल गांड को और ज़ोर से सहलाना शुरू कर दिया और मेरी तरफ से शून्य प्रतिरोध महसूस कर उसकी उंगलियां मेरी पैंटी पर मंडराने लगीं क्योंकि मैंने अपनी साड़ी को अपनी कमर के पास ऊपर करके पकड़ रखा था! नंदू अपने उत्साह में मेरे और करीब झुक गया और उसने दोनों हाथों से मेरी गांड की मालिश की। मैं विस्मय और प्रबल जोश की भावना में पूरी तरह से भीग गयी थी । मैंने अच्छी तरह से महसूस किया कि झुनझुनी की सनसनी एक बार फिर मेरी जांघों के बीच बन रही थी। उसकी उँगलियाँ मेरे पैंटी से ढके नितम्बों पर जितनी अधिक चल रही थीं, मेरे भीतर उतनी ही अधिक खुजली होने लगती थी।

मैं: आआआआआह! उउउउउइइइइइइइइ। माँआआआआआ! उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ! आआ f!

जब ग्यारहवीं कक्षा का यह लड़का मेरी गांड पर मालिश कर रहा था, तब मैं बड़ी बेशर्मी से कराह रही थी।

मैं: आह! नंदू, रुको? बेटे इसे बंद करो? मैं इसे और सह सकती ।

नंदू : ओह! ? ठीक हे? मौसी!

मैं: आह! मेरे नितम्ब तो अब तक सभी लाल हो चुके होंगे!

नंदू: क्या मौसी?

मैं: मेरी गांड! बदमाश! जिस तरह से आपने उन्हें निचोड़ा है?. उफ्फ्फ?. ये लाल हो गयी होगी !

मैंने अपनी साड़ी अपने पैरों पर गिरा दी, और फिर साड़ी को अपनी कमर से उतार दिया। तो मैं सिर्फ अपने पेटीकोट में नंदू के सामने खड़ी थी , मेरे दोनों बड़े स्तन पहले से ही पूरी तरह से आजाद थे। मैंने उसे बिस्तर पर आमंत्रित किया।

मैं: नन्दू ! मालिश के लिए आपको पूरे अंक? लेकिन मुझे देखने दो कि तुम मेरी पीठ की मालिश कैसे करते हो? दूध और गांड की मालिश बहुत अच्छी थी !

नंदू: धन्यवाद मौसी। मुझे खुशी है कि आपको मेरी मालिश पसंद आई।

मैं बिस्तर पर पेट के बल लेट गयी और उसे जरूरी काम करने का इशारा किया।

मैं: कुछ क्रीम ले लो। .

नंदू ने दोनों हथेलियों पर कुछ क्रीम ली और मेरी नंगी पीठ की मालिश करने लगा। मेरी ब्रा का पट्टा भी कोई रुकावट पैदा नहीं कर रहा था, क्योंकि मेरे शरीर का ऊपरी हिस्सा पूरी तरह से नंगा था। कुछ मिनटों के बाद जब मैं वास्तव में अपनी नंगी पीठ पर उसके कोमल फुर्तीले हाथों का आनंद ले रही थी , तो मुझे महसूस हुआ कि नंदू अभी भी मेरे स्तनों पर नजर गड़ाए हुए है। जैसे ही उसने मेरी पीठ पर मालिश की, उसने देखा कि मेरे स्तन मेरे शरीर के नीचे बिस्तर पर कसकर दबे हुए हैं। स्तनों को देख कर वो बहुत उत्साहित हुआ होगा और उसने उत्साह में मालिश के दौरान उसने मुझे वहाँ एक-दो बार छुआ भी, लेकिन उसमे इतना साहस नहीं था कि मेरे स्तनों को उस स्थिति से पकड़ सके। मैं अपने आप में मुस्कुरायी और पूरी बात का आनंद लिया और अपनी आँखें बंद कर लीं ा और इंतजार करने लगी की कि वह आगे क्या करता है?

अचानक उसने मालिश करते हुए दोनों तरफ से अपनी उंगलियों और हथेलियों से पूरी ताकत लगा दी, और वो अब मेरी नग्न पीठ पर स्पर्श के अनुभव का आनंद ले रहा था, और उसके डरा दिए गए दबाब के क्रिया के जवाब में प्रतिक्रिया करते हुए खुद को थोड़ा ऊपर उठाया। मैंने जो छोटा सा स्थान बनाया वह उसके लिए हवाई अड्डे के रनवे की तरह काफी बड़ा था और उसके दोनों हाथ मेरे शरीर के दोनों ओर से सतनो के तरफ नीचे गए और अगली बात मुझे पता थी कि वो मेरे दोनों निपल्स पर आक्रमण करेगा । और वही हुआ उसकी उंगलियां मुड़ गईं और उसने मेरे बड़े दिलेर स्तनों और निपल्स को दबा दिया। मैं उसकी बोल्डनेस से चकित थी और मौखिक रूप से प्रतिक्रिया भी नहीं कर सकी !

मैं अपना सिर उसकी ओर मोड़ने ही वालाी थी कि मेरे बाएं कान में कुछ सुनाई दिया।

नंदू: मौसी प्लीज ! गुस्सा मत करो? मुझे वास्तव में इनके साथ खेलना पसंद है?

यह कहते हुए कि उसने मेरे दोनों निप्पल को अपनी उंगलियों से जोर से घुमाया और उसके हाथ अब मेरे स्तन और बिस्तर के बीच कसकर दबा दिए गए थे । मैं बहुत असहज महसूस कर रही थी और मुझे अपने शरीर को बिस्तर से थोड़ा ऊपर उठाना पड़ा और मैंने अपनी कोहनी के भार शरीर उठाने की कोशिश की। मेरी कोशिस ने वास्तव में नंदू के बाएं हाथ में विशाल बाएं स्तन को घेरने का मार्ग प्रशस्त किया जबकि उसका दूसरा हाथ पूरी तरह से मेरे दाहिने निप्पल को घुमा और दबा रहा था।

मैं: आउच! आह्हः! ह्ह्ह! उइइइइइइइइइइ।।

मैंने भावनाओं के परमानंद को बहुत दिनों बाद महसूस किया था. नंदू ने अब खुद को मेरी पीठ पर चिपका लिया और अब उसकी मेरे नग्न स्तनों की पकड़ बेहतर हो गयी थी . वह अपने शरीरका वजन मेरे ऊपर डाल कर नीचे से मेरे स्तनों को थपथपाता रहा, मैंने ज़ोर से चीख़ी । आनंद के कुछ और क्षणों के बाद, मुझे अपनी कोहनी में दर्द महसूस हुआ और मैंने फिर से लेटने का फैसला किया। जैसे ही मैंने अपना सिर तकिए पर रखा, मेरे नग्न स्तन अपने पूर्ण लचीले आकार में बहुत अच्छे लग रहे थे और मेरे काले निपल्स बहुत सूजे हुए और खड़े दिखाई दे रहे थे। सच कहूं तो मैं बहुत लंबे समय के बाद इतना उत्तेजित हुयी थी । मुझे खुद याद नहीं है कि मैंने आखिरी बार कब अपने स्तनों को इतना बड़ा होते देखा था!

नंदू: क्या मैं वहाँ कुछ और मालिश करूँ?

मैं निश्चित रूप से उन पुरुष हाथों को फिर से अपने नग्न स्तन पर लाने के लिए तैयार थी ।

मैं: ज़रूर मेरे प्रिय!

जारी रहेगी

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aamirhydkhan

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Lutgaya

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बहुत उम्दा
नई कहानी ढूढंकर लानी बन्द कर दी क्या भाई
 

Jassybabra

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Nice update
 
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