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इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


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deeppreeti

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परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
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Prabha2103

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ये कहानी मैं पहले भी पढ़ चुका हूँ।
लेकिन जो xopic पर थी उतनी ही।
अब आप इसको देवनागरी में लिख रहे।
मैं केवल देवनागरी में लिखीं कहानियों को ही पढ़ता हो।
आप के द्ववारा फिर से इस अति सुंदर कहानी का लाभ मिल रहा है इसके लिए आप को बहुत बहुत साधुवाद।

मेरी शुभकामनाएं।

किरपया अपडेट दे।

हमारा प्यार स्नेह सादर प्रणाम
 

Satru

Hay baby m a hot man .
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Wse kisi aur Ladies ko aulad chahiye to hum abhi zinda hai
 

deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

चंद्रमा आराधना

अपडेट-11


बादल आ गए .


गुरुजी मेरी पीठ की तरफ गए और फिर मेरी बाहों को मेरी छाती के सामने मोड़ दिया, और साथ में उन्होंने तुरंत अपने विशाल लिंग को मेरी दृढ़ गोल गांडकी दरार में डाल दिया। उसने मुझे पीछे से इस तरह दबाया कि मेरी पूरी गाण्ड उसके लंड और योनि क्षेत्र पर दब गयी और उनका चेहरा मेरे चेहरे और कंधे को छू रहा था। उन्होंने कुशलता से अपनी बाहों को मेरी कांख के माध्यम से अपने हाथों को मेरे हाथों के नीचे प्रार्थना मुद्रा में रखा औ । यह ऐसी मुद्रा थी जो निश्चित रूप से किसी भी महिला के लिए समझौता करने वाली मुद्रा थी, लेकिन उस समय मैं बहुत उत्साहित थी इसलिए मैंने उसके बारे में कुछ नहीं सोचा !

गुरु जी ने कुछ मंत्र बड़बड़ाया, [परन्तु मुझे केवल उनके हाथों में दिलचस्पी थी, जो मेरे पूर्ण विकसित स्तनों के ऊपर आ गए थे और मेरी बड़ी गाण्ड पर एक साथ अपने खड़े लंड के साथ एक प्रहार के साथ उन्होंने मेरे स्तनों को साइड से पर्याप्त रूप से दबा दिया था? धीरे-धीरे मैंने महसूस किया कि उसकी उंगलियाँ मेरे हाथों पर रेंग रही थी , जो उन्होंने ने प्रार्थना के रूप में पकड़ी हुई थीं और हट कर मेरे स्तनों पर जा कर टिक गयी थी ! चूँकि गुरुजी मेरी पीठ पर ज़े मेरे साथ चिपके हुए थे उनकी बाहें मेरी कांख के नीचे से गुजर रही थीं, वे निश्चित रूप से मेरा और अधिक शोषण करने के लिए बहुत फायदेमंद स्थिति में थे।

जब उन्होंने मंत्र फुसफुसाया, मुझे लगा कि वह फिर से मेरे तने हुए स्तनों को दोनों हाथों से सहला रहे थे । मैं अपनी भावनाओं को छिपाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन इस बार उन्होंने मुझे नॉकआउट कर दिया ।

मैं: आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह! ओरे! उई माँ!

मुझे अपनी बाहों को थोड़ा सा धक्का देना पड़ा, क्योंकि मुझे लगा कि गुरु-जी मेरे स्तन ऊपर उठाने की कोशिश कर रहे हैं और मुझे एहसास हुआ कि उनकी एक बार फिर मेरी चोली में अपनी उंगलियां डालने की योजना है! मेरी गीली चोली और ब्रा लगभग नहीं के बराबर थी और पलक झपकते गुरु जी की उंगलिया सीधे मेरे निप्पल तक जा सकती थीं! फिर पहली बार गुरु जी ने मेरे निप्पल को ब्लाउज से अंदर तक छुआ और मेरी हालत थी बस मजा आ गया ऊऊह ला ला!

स्वचालित रूप से मैं बहुत अधिक चार्ज थी और मेरे बड़ी गांड धे को उनके खड़े डिक पर जोर से फैला और दबा रही थी । मैं अपने लिए चीजों को और अधिक रोमांचक बनाने के लिए गुरु-जी से कुछ छोटे-छोटे धक्को को भी महसूस कर सकती थी ! उन्होंने मेरे दोनों निप्पलों को पकड़ा और घुमाया और धीरे से चुटकी बजाई, जिससे मैं बिल्कुल जंगली हो गयी । मैंने महसूस किया कि गुरु-जी अपनी हथेलियों को मेरी चोली में धकेल रहे थे और मुझे संदेह था कि उनके हाथ के दबाव से मेरी तंग और गीली चोली फट जाएगी! मैं स्पष्ट रूप से महसूस कर रही थी कि वो मेरी गीली ब्रा को मेरे स्तन से ऊपर धकेल रहे थे ताकि वो मेरे नग्न स्तन बेहतर तरीके से महसूस कर सकें ।

मेरी आँखें बंद थीं; मेरे निपल्स हिल रहे थे मेरी चूत किसी भी चीज़ की तरह लीक हो रही थी और मेरा पूरा शरीर यौन उल्लास में कांप रहा थाऔर ऐंठ रहा तह । ऐसा लग रहा था कि मैं इस विशेष बाथटब में गुरु-जी द्वारा पूरी तरह से टटोलने और महसूस करने के लिए एक स्वप्न देख रही थीऔर महसूस कर रही थी , फिर अचानक एक रुकावट आई! मैंने गुरु जी संजीव को ज़ोर से पुकारते और गुरु जी को कुछ कहते हुए सुना!

धत्तेरे की! इस अद्भुत बिल्डअप का क्या ही लापरवाह अंत हुआ !

गुरु जी ने जल्दी से मेरी चोली से हाथ हटा कर बाहर देखा। मैं भी कुछ हद तक सतर्क थी मैं अभी भी एक अल्पविराम अवस्था में थी । मैंने देखा कि टब अब पूरी तरह से खाली था! पानी नहीं था ! बिल्कुल नहीं! दूध भी निकल गया था . मुझे पता ही नहीं चला कि कब उसमें से पानी निकाल दिया गया! मेरा पूरा शरीर अपेक्षित रूप से भीग रहा था और स्वाभाविक रूप से मेरे गीले कपड़े मेरी गरिमा को बचाने के लिए पर्याप्त नहीं थे।

संजीव गुरु जी ?

गुरु जी : हाँ? हाँ, क्या है संजीव ?

संजीव: गुरु-जी, मैंने देखा कि बादल चाँद को ढक रहे हैं। हमें योनि पूजा करने में कठिनाई होगी।

गुरु जी : अरे नहीं! मैंने यह नोटिस नहीं किया। हमें जल्दी करनी होगी ! मुझे जागरूक करने के लिए धन्यवाद, संजीव ।

अब वो कैसे नोटिस कर सकते थे ? वह मेरे 27 वर्षीय जवानी को उत्तेजित करने से लीन थे !

गुरु-जी: बेटी, तुम आधी पूजा पूरी कर चुकी हो और यज्ञ के अंत में चाँद निकला होना चाहिए। लेकिन अगर बारिश हुई तो चीजें आपके लिए ही मुश्किल होंगी! तो चलिए जल्दी करते हैं और योनि पूजा के लिए चलते हैं।

सच कहूं तो उस समय मेरा मन चंद्रमा या महायज्ञ के बारे में सोचने में मेरी कोई दिलचस्पी बिल्कुल भी नहीं थी , मैं केवल भौतिक सुख पाने के लिए उत्सुक थी । लेकिन मेरे पूर्ण आश्चर्य के लिए, गुरु-जी मुझे छोड़ पूजा करने की तैयारी कर रहे थे और बाथटब से बाहर निकलने वाले थे!

एक सामान्य आदमी ऐसा कैसे कर सकता है? मैंने स्नान के दौरान कई बार अपने शरीर पर उनके कठोर लंड को स्पष्ट रूप से महसूस किया और जिस तरह से उन्होंने मेरे स्तनों को सहलाया और दबाया, यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वो भी यौन रूप से उत्तेजित थे! लेकिन? लेकिन उन्होंने इसकी कोई भी परवाह नहीं की और मुझे इतने आराम से चुदाई किये बिना छोड़ दिया?. यह अच्छी तरह से जानते हुए भी कि अगर उसने मुझे बाथटब के अंदर नग्न कर चोद दिया होता तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं होती!

मैं सोच रही थी की क्या मैं इतनी आकर्षक नहीं हूँ कि गुरु जी का पूरा ध्यान आकर्षित कर सकूँ? मेरा मन अंधी गलियों में भटक रहा था . इस बीच मैंने देखा कि उनका छे फीट से भी लंबा ढांचा टब से बाहर निकल रहा है!

मैं: गुरु जी? कृपया?

मैं धीरे से कराह उठी ; गुरु जी ने एक बार पीछे मुड़कर मेरी आँखों की ओर देखा और टेढ़ी भौहों से मुझे एक तीखी नज़र से देखा और टब से बाहर निकल आए।

मैंने देखा कि उन्होंने उदय और संजीव से कुछ कहा है। उन्होंने सिर हिलाया। फिर उदय ने उन्हें एक नई धोती थमा दी और मुझे पूर्ण आश्चर्य हुआ जब गुरु जी ने सूखी धोती पहनने के लिए अपनी गीली धोती हम सबके सामने खोल दी। मैंने कभी किसी आदमी को इस तरह कपड़े बदलते नहीं देखा था! हवा में एक बड़े पके केले की तरह लटके हुए अपने मोटे लंड के साथ वो पूरी तरह से नग्न थे ! गुरुजी ने अपने नंगे खड़े लंड को अपने दाहिने हाथ से सहलाया, एक बार मेरी तरफ देखा, और फिरनई सूखी धोती को जल्दी से अपनी कमर पर लपेट लिया।

वह आसानी से एक तौलिये का इस्तेमाल कर सकते थे , लेकिन उन्होंने सब कुछ इतनी लापरवाही से किया कि जैसे वहाँ कोई अन्य मौजूद ही नहीं है!

संजीव: महोदया, आप भी बाहर आ आओ।

मैं अभी भी अपने मन में गुरु-जी के विशाल आकार के लंड की कल्पना कर रही थी ।

संजीव: महोदया, आओ।

हालांकि मैं पूरी तरह से उब चुकी थी और चुदाई के लिए तैयार थी और मुझे अपनी चुत में कड़े मांस की जरूरत थी, मुझे संजीव की आवाज का जवाब देना पड़ा। मैं धीरे-धीरे टब से बाहर निकली । रात में ओस की बूंदों के कारण घास गीली थी। यह मेरे नंगे पैरों के नीचे बहुत अच्छा लगी । लेकिन अचानक जैसे ही मैंने सामने देखा तो पाया मेरे सामने खड़े दोनों पुरुषों की लंबी भूखी निगाहों मुहे घूर रही थी और उनकी निगाहो ने मुझे अवगत कराया कि मैं अपने छोटे गीले कपड़े में उनके सामने उजागर हो गयी थी ।

जब मैंने नीचे अपनी ड्रेस को देखा तो मैंने पाया कि मेरी चोली में से मेरी स्ट्रैपलेस ब्रा दिखाई दे रही थी क्योंकि गुरु जी ने उसे सहलाते हुए उसे हटा दिया था और मुझे बेशर्मी से दो पुरुषों के सामने इस हालत में आना पड़ा। मैंने किसी तरह अपने तने हुए स्तनों को बाहर से चोली के प्यालों में धकेल दिया और चोली को कुछ हद तक सभ्य दिखने के लिए समायोजित किया। मुझे जल्द ही एहसास हुआ कि मेरी गीली स्कर्ट मेरे नितंबों पर बंधी हुई थी और मेरी पैंटी पीछे से पूरी तरह से उजागर हो गई थी! मैंने अपने नितम्बो को पूरी तरह से ढकने के लिए इसे तेजी से समायोजित कर बहाल किया।

उदय: मैं चलता हूँ , महोदया, क्योंकि मुझे योनि पूजा के लिए चीजों की व्यवस्था करनी हैं । निर्मल किसी भी क्षण यहाँ आपके और संजीव के पास आ जाएगा ।

उदय वहां से चला गया और मैं अब संजीव के साथ खुले में अकेली खड़ा थी। मैंने देखा कि चाँद घने काले बादलों से छिपा हुआ था। शायद जल्द ही बारिश होने का आसार था क्योंकि ठंडी हवा भी चल रही थी।

संजीव : महोदया, आप यहां बदलेंगी या कमरे में चलेंगी?

मैं क्या?

संजीव: मेरा मतलब?

निर्मल: मैडम,आप कैसी हो? आपका स्नान कैसा रहा मैडम?

बौना निर्मल वहां आ गया था! उसकी उपस्थिति ने मुझे उस समय सबसे ज्यादा परेशान किया। मेरे स्तन मेरी गीली ब्रा और ब्लाउज के नीचे तने हुए थे और मेरी पैंटी अच्छी तरह से टपक रही थी। मैं बात करने की स्थिति में नहीं थी , खासकर एक और परिपक्व पुरुष से! मैंने देखा कि वह मेरे उजागर शरीर को घूर रहा था और ऐसा लग रहा था कि वह मुझे अपनी लालची आँखों से ही खा जाएगा।

मैं: स्नान ओ ठीक था ! अब

संजीव: महोदया, क्या आप यही बदलोगी ?

संजीव ने अपना प्रश्न दोहराया।

मैं: यहाँ? खुले में?!?

संजीव: हमसे शर्माओ मत मैडम। हम सभी अब लिंग महाराज के शिष्य हैं।

मैं: लेकिन?

संजीव: क्या आपने हमारे सामने गुरु-जी को बदलते नहीं देखा?

मैं: हाँ? हाँ लेकिन?। (मैं इसे कैसे भूल सकता हूं? उनका महा-लंड ! उफ्फ्फ! बहुत बढ़िया और लम्बा बड़ा लिंग !)



जारी रहेगी
 
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औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

चंद्रमा आराधना

अपडेट-12


गीले कपड़ों से छुटकारा


निर्मल: मैडम इस स्नान के बाद ज्यादातर महिलाएं यहां पर बदलती हैं क्योंकि अगर आप कमरे में जाती हैं तो आपको फिर से कुछ रस्में पूरी करनी होंगी।

संजीव: निर्मल सही कह रहा है मैडम। दूध सरोवर स्नान से सीधे योनि पूजा में जाने का निर्देश है। यदि आप किसी कमरे में बदलने के लिए या शौचालय का उपयोग करने के लिए जाते हैं, तो आपको शोधन पर्व से गुजरना होगा।

सच कहूं तो मैं आगे कुछ भी करने के मूड में नहीं थी और मुझे यह जानने में कोई दिलचस्पी नहीं थी कि वह शोधन पर्व क्या था?

मैं: नहीं, नहीं। मैं अभी और किसी चीज़ में नहीं पड़ना चाहती ।

संजीव: ये बुद्धिमान निर्णय है आपका महोदया।

निर्मल: मैडम, अब आपको इन गीले कपड़ों में नहीं रहना चाहिए। बेहतर होगा कि आप जल्दी उनमे से बाहर निकल जाएं। आप गांव की ठंड की अभ्यस्त नहीं हैं।

संजीव: ठीक है। महोदया, यह तौलिया ले लो और अपने आप को इससे ढक लो और अपने गीले कपड़ों से छुटकारा पा लो ।

मैं: लेकिन? लेकिन मुझे चाहिए?

संजीव: आप एक बार शौचालय जाना चाहते हो? सही?

मैं: हाँ, हाँ? लेकिन आपको कैसे पता ?

संजीव: मुझे कैसे पता चला? महोदया, मैंने इतने सारे दूध सरोवर स्नान सत्रों में भाग लिया है? हा हा हा? मैं अच्छी तरह जानता हूँ कि ऐसे स्नान के बाद स्त्रियों को क्या चाहिए।

वह मुझे देखकर बुरी तरह मुस्कुराया और मैंने अपने सामने बहुत खुला महसूस किया।

निर्मल: मैडम, पहले आप अपनी ड्रेस बदलो। अब उन गीली चीजों को पहन कर खड़े न हों।

निर्मल मुझे अपने सामने अपनी पोशाक बदलते देखने के लिए बहुत उत्सुक लग रहा था। मैंने उचित कवर के लिए चारों ओर देखा, लेकिन वहां कुछ नहीं था।

संजीव: महोदया, शर्म मत कीजिये ? मैं आपको बताता हूँ।



SAREE

मैंने सोचा कि उस पर और समय बर्बाद करना बेकार है और उनसे दूर हो गयी और अपने सीने पर तौलिया रख दिया और मेरे ब्लाउज को खोलने के लिए अपने हाथों को उसके नीचे ले लिया। दोनों पुरुष मेरे ठीक पीछे खड़े थे और वे मेरी पूरी तरह से नंगी पीठ देख रहे होंगे क्योंकि मैंने अपनी चोली से भी छुटकारा पा लिया था।

मैं सोच रही थी कि अपनी गीली ब्रा और चोली कहाँ रखूँ और निर्मल मदद के लिए आगे हुआ !

निर्मल: वो मुझे दे दो मैडम।

जैसे ही मैंने अपने गीले ऊपरी वस्त्र निर्मल को सौंपे, वे इस बात से पूर्णतया परिचित थे कि मैं अपने बड़े स्तनों पर सिर्फ एक तौलिया डाले हुए टॉपलेस खड़ी थी। तभी हल्की हवा चलने लगी और मेरे निप्पल बहुत सख्त हो गए। मैं अपने स्तनों पर इतना कसाव महसूस कर रही थी कि मैंने एक बार फिर से अपने हाथों को तौलिये के कवर के नीचे ले लिया और एक बार आराम से सांस लेने के लिए अपनी संपत्ति को दबा लिया। फिर मैंने जितनी जल्दी हो सके अपनी गरिमा को बचाते हुए गर्दन, कंधे और स्तनों को जल्दी से सुखा दिया।

संजीव: ये रहा ताज़ा सेट मैडम।

यह कहते हुए कि उसने मुझे मेरी चोली थमा दी। मैंने अपने शरीर को घुमाए बिना इसे ले लिया और जल्दी से उसमें घुस गयी और बहुत आराम महसूस किया। फिर जैसे ही मैंने अपनी चोली पहनना पूरी की, निर्मल फिर से अपनी ट्रेडमार्क टिप्पणी के साथ वहां उपस्थित था !

निर्मल: महोदया, अब आप हमारी ओर मुड़ सकते हैं? इस तरह खड़ा होना बहुत अजीब है। वह वह?.

मैं बहुत असहज थी क्योंकि मैं अभी भी चोली को ऊपर खींच समायोजित करने की कोशिश कर रही थी ताकिमेरी चोली मेरी बड़ी -बड़ी दरारों को ढँक सके।

मैं: अभी पूरा नहीं हुआ ।

मैंने ज़ोर से कहा और अपने स्तनों से तौलिये को खींचकर अपनी कमर पर लपेट लिया।

निर्मल: ओ? ठीक है महोदया। जैसी आपकी इच्छा।

संजीव: मैडम, पहले क्या दूं? स्कर्ट या पैंटी?

सवाल इतना आपत्तिजनक था और इतनी बेशर्मी से बोला गया कि मेरे कान तुरंत लाल हो गए। मैं भी इस पल के लिए उलझन में थी क्योंकि मुझे स्कर्ट पहनने की बिल्कुल भी आदत नहीं थी।

मैं: मेरा मतलब है? बेशक स्कर्ट? नहीं? गलती! नहीं मेरी पेंटी दे दो? मेरा मतलब?

संजीव: हा हा? आप भ्रमित लग रही हैं मैडम। एक काम करो - अपनी स्कर्ट और पैंटी दोनों को खोलो और फिर एक-एक करके पहन लो।

निर्मल: हा हा हा?

मेरा पूरा चेहरा शर्म से लाल हो गया और दो वयस्क पुरुषों के सामने उस तरह खड़ी एक विवाहित महिला होने के नाते मुझे बहुत अपमान महसूस हुआ।

मैं: स्कर्ट दो?

संजीव ने झट से मुझे स्कर्ट थमा दी और मैंने अपनी कमर पर तौलिया की गाँठ खोल दी और अपनी स्कर्ट के हुक को खोल दिया और अपनी गांड को अपनई टांगो तक पहुँचाने के लिए उसे ज़ोर से मरोड़ना पड़ा क्योंकि वह भीगी हुई थी और मेरे शरीर से चिपकी हुई थी। यह उन पुरुषों के लिए एक बहुत ही उत्तेजक स्ट्रिप शो था क्योंकि मैंने स्कर्ट को अपने नितम्बो से टांगो से पैरो पर गिराने के लिए तौलिया के नीचे अपनी बड़ी गांड कोकई बार घुमाया। मैं केवल यह जानती थी कि पैंटी पहनना कितना मुश्किल है,खासकर तब जब दो आदमी मेरी गर्दन पर सांस ले रहे थे! जब मैं पूरी तरह से तैयार हुई तो मैंने राहत की सांस ली और अपनी जांघों को तौलिये से पोंछना शुरू कर दिया।



CR1

निर्मल और संजीव दूसरी तरफ आ गए थे और अब मेरा सामना कर रहे हैं।

संजीव: अब मैडम, इसका इस्तेमाल अपने चेहरे को पोंछने के लिए करें, आप निश्चित रूप से बेहतर महसूस करेंगे।

उसने मुझे एक सुगंधित रूमाल दिया और जैसे ही मैंने अपना चेहरा और हाथ पोंछा, यह बहुत ताज़ा महसूस हुआ। मुझे पेशाब करना था और इन पुरुषों को बताना पड़ा।

मैं: संजीव, मुझे चाहिए.. गलती से मेरा मतलब शौचालय जाना है?

संजीव: जैसा मैंने कहा मैडम आपको खुले में करना होगा?. आप उस कोने में जाकर कर सकते हैं।

निर्मल: चिंता मत करो मैडम, हम यहीं रहेंगे? हा हा हा?

संजीव: वो वो वो?.

मुझे नहीं पता था कि वो किस बात ने मुस्कुराया और मैंने दोनों के सामने बहुत ही मूर्खतापूर्ण तरीके से मूत्र विसर्जन के लिए उनसे दूर चला गयी क्योंकि मुझे अपनी योनि को खरोंचने में काफी दिलचस्पी थी क्योंकि वहां काफी देर से खुजली हो रही थी! जब मैं दू गयी मुझे यकीन था कि संजीव और निर्मल मिनीस्कर्ट के अंदर मेरे लहराते गोल कूल्हों को देख रहे हैं, जो काफी सेक्सी लग रहा होगा।




CR2
चलते-चलते मैंने अपनी स्कर्ट को लापरवाही से नीचे घसीटा, लेकिन कोई असर नहीं हुआ क्योंकि स्कर्ट का कपड़ा बिल्कुल भी खिंचने योग्य नहीं था।

जब मैं कोने में गयी तो मैं सोच रही थी कि यह दूसरी बार है जब आश्रम में आकर पिछले कुछ दिनों में मुझे इस प्रकार खुले में पेशाब करने के लिए बैठना पड़ा है और दोनों ही मौकों पर कोई मुझे देख रहा था ओर मेरा निरीक्षण कर रहा था! मैं अपने जीवन में शहर/कस्बे में ऐसे उदाहरणों के बारे में सोच भी नहीं सकती । आम तौर पर जब मैं बाहर होती हूं तो मैं पेशाब करने से बचने की कोशिश करती हूं और यदि आवश्यक हो तो मैं अभी भी बाजारों या सार्वजनिक स्थानों पर उपलब्ध महिला शौचालयों के इस्तेमाल से भी बचने की कोशिश करती हूं क्योंकि मुझे अन्य लड़कियों के सामने भी पेशाब करने में बहुत अजीब लगता है। और ये भी लगता है की कही कोई छिप कर देख तो नहीं रहा . और सार्वजानिक शौचालय के अंदर का दृश्य भी आमतौर पर आपत्तिजनक होता है क्योंकि हर कोई महिला बेशर्मी से आकर अपनी साड़ियों को ऊपर खींच रहा होती है और हर तरह की फुफकारने वाली आवाजें निकाल रही होती है। मैं ऐसी सेटिंग में बहुत शर्म और असहज महसूस करती हूं। लेकिन ये सेटिंग . वो भी खुले में उससे कई गुना भी,अपमानजनक थी, क्योंकि यहाँ मुझे पुरुषों की आंखों के सामने निवृत होना था!

लेकिन कोई रास्ता नहीं था और मेरा पूरा शरीर अब पेशाब करने के लिए लगभग दर्द कर रहा था। सबसे दूर के कोने में चलते हुए, मैंने एक स्कूली छात्रा की तरह अपनी स्कर्ट उठाई और अपनी पैंटी को अपने घुटनों तक खींच लिया और घास पर बैठ गयी । मेरे पेशाब की फुफकार की आवाज रात के सन्नाटे को तोड़ रही थी और मुझे यकीन था कि निर्मल और संजीव मेरे द्वारा मूत्र विसर्जन की ध्वनि को सुन पा रहे हैं - बहुत, बहुत स्पष्ट रूप से! मैं सु सु की आवाज रात के सन्नाटे में गूँज रही थी और मैं शर्म महसूस कर रही थी , यही आवाज तब तक गूंजती रही जब तक कि आखिरी बूंद छलक न गयी और मैंने उसके बाड़ा अपनी पैंटी को फिर से ऊपर उठाया।


जारी रहेगी
 
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ये कहानी मैं पहले भी पढ़ चुका हूँ।
लेकिन जो xopic पर थी उतनी ही।
अब आप इसको देवनागरी में लिख रहे।
मैं केवल देवनागरी में लिखीं कहानियों को ही पढ़ता हो।
आप के द्ववारा फिर से इस अति सुंदर कहानी का लाभ मिल रहा है इसके लिए आप को बहुत बहुत साधुवाद।

मेरी शुभकामनाएं।

किरपया अपडेट दे।

हमारा प्यार स्नेह सादर प्रणाम
अपडेट करनी इसीलिए शुरू की थी की कहानी अधूरी लगी

पसंद करने के लिए धन्यवाद
 

deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

चंद्रमा आराधना

अपडेट-13


योनि पूजा, लिंग पूजा


फिर मैं उठी और हाथ धोये और हम फिर से आश्रम भवन की ओर बढ़े और पूजा-घर पहुँचे। पूजा-घर एक बड़े यज्ञ की अग्नि से प्रकाशित था? और उससे बहुत गर्मी भी निकल रही थी। उसके ठीक सामने गुरु जी बैठे थे। उनका चेहरा और ऊपरी शरीर आग की नारंगी-पीली रोशनी में चमक रहा था; गुरुजी मंत्रों का जाप कर रहे थे था और अग्नि में फूल, यज्ञ सामग्री आदि फेंक रहे थे, और उनके बड़े शरीर की उपस्थिति उस सेटिंग में बहुत शानदार लग रही थी। मैंने देखा कि उदय और राजकमल पहले से ही पूजा-घर में मौजूद थे और अब मेरे साथ निर्मल और संजीव भी शामिल हो गए।



YP1-YAGYA
गुरु-जी: स्वागत है रश्मि ! लिंग महाराज और चंद्रमा की कृपा से आप आश्रम में अपनी यात्रा के शिखर पर पहुँच गयी हो । जय लिंग महाराज!

एक आसन जहां गुरु-जी बैठे थे, उसके ठीक बगल में खली था उन्होंने वहां मुझे मेरी सीट लेने का इशारा किया। बाकी चारों आदमी हमारे सामने खड़े रहे। मैं अपने घुटनों पर बैठ गयी ताकि मैं उन पुरुषों को, जो मेरे सामने खड़े थे, अपनी स्कर्ट के अंदर का अनावश्यक नजारा न दिखाऊं ।

गुरु-जी: बेटी, मुझे इस सत्र में आपसे सबसे अधिक एकाग्रता की आवश्यकता है और इसमें भाग लेते समय आपको पूरी तरह से मन से सब अवरोधो से मुक्त होना होगा, अन्यथा सारा प्रयास बेकार हो जाएगा। ठीक है और आप समय-समय पर प्रतिक्रिया दें ताकि मैं समझ सकूं कि आप मेरी बातों को समझ रही हैं। ठीक?

मैं: जी गुरु जी।

गुरु-जी: अब मैं इस योनि पूजा के पहलुओं पर चर्चा करूंगा और आवश्यकतानुसार आपसे बातचीत करूंगा ताकि आप पूरे विचार और योनि पूजा को समझ सकें और हर संवाद आपकी भविष्य की गर्भावस्था के लिए प्रभावी हो।

मैं: ठीक है गुरु जी।

गुरु जी : ठीक है। अब आगे बढ़ते है । जय लिंग महाराज!

मैंने गुरु-जी पर बहुत ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की और वास्तव में माहौल ऐसा था कि मेरा पूरा ध्यान वास्तव में उन्ही पर था!

गुरु-जी: रश्मि आप जानती हैं कि योनि पूजा बहुत पहले से प्रचलित है, मुख्यतः तंत्र के एक भाग के रूप में। यह हुनर मैंने अपने गुरु से हासिल किया है। मेरे गुरूजी आज जीवित नहीं है। मैं इस विशेष कौशल को अपने शिष्यों में से जो इस साधना में आगे सिद्ध होगा उस किसी एक को सौंप दूंगा ।



LP01

गुरु जी ने अपने शिष्यों की ओर देखा। संजीव, निर्मल, राजकमल और उदय? सब उन्हें बड़े ध्यान से सुन रहे थे।

गुरु-जी: योनि पूजा? मूल विचार यह है कि प्रतीकात्मक रूप में 'योनि' की पूजा करने के बजाय, उदाहरण के लिए एक मूर्ति या पेंटिंग का उपयोग करने के स्थान पर , हम "जीवित" पूजा करते हैं। इसे "स्त्री पूजा" भी कहा जाता है जो इंगित करता है कि पूजा एक वास्तविक महिला की जीवित योनि को निर्देशित कर की जाती है। आपको मेरे कहने का मतलब समझ में आ रहा है?

मैं: हाँ गुरु जी।

गुरु जी : अच्छा। और आज आप वह देवी हैं जिनकी योनि की पूजा की जाएगी ताकि आपके गर्भ में संतान की प्राप्ति हो।

मैं: ठीक है गुरु जी।

गुरु जी : आपको याद रखना होगा कि योनि पूजा की पूरी प्रक्रिया एक गुप्त प्रक्रिया है और इसलिए मैं आपके परिवार के किसी सदस्य को इसमें नहीं बुला सका। इसके अलावा, इस अनुष्ठान के प्रभाव और तैयारी में कामुक उत्तेजना के लिए मानसिक और शारीरिक प्रतिक्रिया को बढ़ाने के साधन शामिल हैं, जिनमें से कुछ आप पहले ही पार कर चुकी हैं और निश्चित रूप से आप अपने परिवार के सदस्यों या पति के सामने यह सब करने में सहज नहीं होंगी । है ना, बेटी?

मैं: हाँ गुरु जी। बिल्कुल।

गुरु-जी: और तो और यह महायज्ञ पोशाक भी उन्हें अच्छी नहीं लगेगी? है न? यही कारण है कि यह पूजा गुप्त रूप से और निजी तौर पर की जाती है।

गुरु जी कुछ देर रुके ।

मैं गुरु जी आप से कुछ पूछ सकती हूँ

गुरूजी - हां बेटी अवश्य !

मैंने गुरुजी के सामने सहमति में सिर हिलाया और मेरी चूत मेरी पेंटी में फड़क गई। "जी , गुरुजी, क्या लिंग के लिए भी ऐसा ही कोई अनुष्ठान होता है?" मैंने थोड़ा घबराते हुए पुछा ।

उस समय मुझे पता चल गया था कि संजीव, निर्मल, उदय और राजकमल नाराज दिख रहे थे । किसी तरह लिंग पूजा के विषय को सामने लाना योनि पूजा की तरह स्वीकार्य नहीं था।

अपने सामान्य रूप से कम उत्साही शिष्य के इस नए जिज्ञासु पक्ष को देखकर, गुरु गर्मजोशी से मुस्कुराए। " निश्चित रूप से बेटी। ब्रह्मांड बराबर और विपरीत से बना है। जैसे योनि के लिए पूजा होती है, लिंग के लिए भी पूजा होती है।"

गुरु जी कुछ देर रुके और फिर आगे बढे ।

इसके बाद गुरुजी ने लिंग पूजा के लाभ, कई स्थानों पर लिंग पर इसके सामान्य अभ्यास और किन परिस्थितियों में इसे किया जाना चाहिए, इसके बारे में विस्तार से बताया।

मैंने गुरुजी का ज्ञान गंभीरता से सुना, अनुष्ठान के विवरण, इसके इतिहास और प्रथाओं को अवशोषित किया। मैंने कई बार गौर से देखा कि उनके चारो शिष्य बस सिर नीचे करके इसे सुन रहे थे, और थोड़ा असहज दिख रहे थे।


जारी रहेगी
 
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CHAPTER 7-पांचवी रात

प्रेम युक्तियों

अपडेट-1


बेडरूम

मानो मेरा मन पढ़कर गुरुजी मेरी ओर मुड़े। "रश्मि बेटी, आपके लिए लिंग पूजा के बारे में जानने का यह एक शानदार अवसर है।"

मुझे अफ़सोस हुआ की मैंने ये सवाल क्यों पुछा था खैर अब तीर चल चूका था और मैंने गुरुजी की ओर आशंकित दृष्टि से देखा। मैंने उन्हें घूरने की हिम्मत नहीं की, डर गयी कि कहीं वह मुझमें अवज्ञा और छल न देख ले। लिंग पूजा में मेरी रुचि धर्म का पालन करने की किसी भी इच्छा पर आधारित नहीं थी। कुछ देर पहले मेरे साथ दूध सरोवर स्नान में जो भी हुआ था उसके कारण मेरा मन इसके लिए बहुत विकृत था । पिछले एक हफ्ते में उन्होंने मेरे लिए जो कुछ किया है, मैं उसका ऋण चुकाना चाहती थी और एक बार के लिए, उनसे आग्रह करना छाती थी की वो मेरी खुशी पर विचार करें। मैं उनके लंड की पूजा करना चाहती थी और उन्हें कामोत्तेजना में लाना चाहती थी । और मुझे ये भी संशय था की क्या मैं ऐसा कर पाऊँगी ?

"गुरुजी ने आगे कहा," जब भी हम योनि पूजा करते हैं, तो हमें लिंग पूजा भी करनी चाहिए। लिंग का निर्वहन वह बीज है जिससे सारा जीवन अंकुरित होता है, बेटी रश्मि ! योनी इस बीज की खेती करती है लेकिन यह लिंगम है जिसने इसे शुरू में बनाया था। ऐसे अनुष्ठान से आपको बहुत लाभ होगा।"

जैसे ही मैंने सहमति में सिर हिलाया, गुरुजी ने अनुष्ठान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने मेरी तरफ देखा इसमें कोई शक नहीं कि वो मेरे इस विचार से परेशान थे कि मैं अब यौन सुख चाहती थी और उन्हें प्रसन्न करना चाह रही थी और वो योनि पूजा के साथ लिंग पूजा करने के लिए सहमत हो गये ।

"बेटी, मैंने लिंगम पूजा के बारे में आपको याद रखना चाहिए कि यह एक पवित्र अनुष्ठान है। इसे किसी भी 'सांसारिक' इच्छाओं के साथ भ्रमित नहीं करना है।"

गुरु जी कुछ देर रुके और फिर बोले ।




MILK1
गुरु-जी: बेटी, आप जानते हैं, तंत्र में योनि प्रेम और पूजा का प्रतीक है। इसलिए योनि पूजा और लिंग पूजा में गहराई से उतरने के लिए, आपको एक विवाहित महिला होने के नाते प्रेम युक्तियों के बारे में पता होना चाहिए।

वह फिर रुके लेकिन अब केवल 2-3 सेकंड के लिए।

गुरु-जी: क्या आप इस बात से सहमत हैं कि वैवाहिक संबंध मोटे तौर पर पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंधों पर निर्भर करता है?

मैं हां गुरूजी ।

गुरु-जी: तो क्या आप इस बात से सहमत हैं कि आपको अपने पति के साथ प्रेम संबंध बनाने के उचित तरीके पता होने चाहिए?

मैं: हाँ? हाँ गुरु जी।

गुरु जी : अच्छा। रश्मि , हो सकता है कि आपको मेरे द्वारा रखे गए प्रश्न कुछ आपत्तिजनक या थोड़े बहुत व्यक्तिगत लगें, लेकिन यदि आप साझा नहीं करते हैं तो आप अपने प्रेम-प्रसंग की सफलता की सही कुंजी नहीं जान पाओगी । ठीक?



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मैं: जी गुरु जी।

गुरु जी : सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज है स्थल? आप अपने बेडरूम में सेक्स कर रहे होंगे रश्मि ?

मैं इस सवाल से थोड़ा अचंभित थी । यह बहुत सीधा सवाल था। विशेष रूप से यह देखते हुए कि मैं चार अन्य पुरुषों के सामने उत्तर दे रही थी !

मैं मेरी सहमति दे चुकी थी ।

गुरु जी : क्या आप संक्षेप में अपने शयन कक्ष का वर्णन कर सकते हैं?

मेरे हां? मेरा मतलब? यह किसी भी अन्य शयन कक्ष की तरह है, कुछ खास नहीं गुरु जी।

गुरु-जी: आप मेरी बात नहीं समझी । मैं बिस्तर की स्थिति जानना चाहता हूं, कमरे में कितनी खिड़कियां और दरवाजे हैं, पंखे और प्रकाश की क्या व्यवस्था है, शौचालय जुड़ा हुआ है या नहीं?

मैं: ओ! समझी । ठीक है गुरु जी। मेरे बेडरूम में दो खिड़कियां और एक दरवाजा है। ?

गुरु जी ने बाधित किया।

गुरु जी : जब आप अपने पति से मिलती हैं तो क्या आप खिड़कियाँ खुली रखती हैं?

मैं: हाँ? गलती? मेरा मतलब है ज्यादातर हाँ। लेकिन वे पर्दे से ढकी हुई हैं।

गुरु जी : हा हा हा ? यही उम्मीद थी रश्मि । इसका जिक्र करने की जरूरत नहीं है।

मैं शरमा कर मुस्कुरायी । और दर्शकों से हंसी की हल्की गर्जना हुई? संजीव, राजकमल, निर्मल और उदय सब मुस्कुरा रहे थे ।




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गुरु-जी: वैसे भी, जारी रखें।

मैं: बिस्तर कमरे के बीच में है और पंखा भी उसके ठीक ऊपर है। मेरे शयनकक्ष से एक छोटा शौचालय जुड़ा हुआ है, हालांकि यह नवनिर्मित है।

गुरु-जी : ठीक है तो ऐसा लगता है कि बिस्तर पर अपने पति से मिलते समय आपके पास एक आरामदायक और सुविधाजनक वातावरण है।

मैं: हाँ, ज्यादातर।

गुरु-जी: संलग्न शौचालय अच्छे संभोग की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। प्रकाश व्यवस्था के बारे में क्या?

मैं: आपका मतलब ??

गुरु-जी: हाँ, जब आप अपने पति के साथ बिस्तर पर होती हैं तो कमरे में कितनी रोशनी होती है?

मैं: अरे? रात का दीपक?. मेरा मतलब है कि केवल नाइट लैंप चालू रहता है।

जारी रहेगी
 
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Prabha2103

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अति सुंदर

उत्साह से भर कर आगे ले जाए।

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औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

प्रेम युक्तियों

अपडेट-2


दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौल


गुरु जी : बेटी, मैंने तुमसे पूछा था कि ऐसे समय में कमरे में कितनी रोशनी रहती है?

मुझे घबराहट होने लगी क्योंकि मैं समझ नहीं पा रहा थी कि वह वास्तव में क्या जानना चाहते है।

मैं: अरे? ये आप क्यों पूछ रहे हैं ?



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गुरु-जी: रश्मि ! तुम मेरा सवाल समझ रही हो? मैं जानना चाहता हूँ कि क्या तुम अपने पति को स्पष्ट रूप से देख पाती हो ?

मैं: ओह! नहीं गुरु जी। नाईट लैंप के प्रकाश के साथ बिल्कुल नहीं ।

गुरु-जी: हम्म? ठीक है। मैंने आपसे जो भी जानकारी इकट्ठी की है, ऐसा लगता है कि प्रकाश को छोड़कर आपके शयन कक्ष की अन्य चीजें ठीक हैं। चलो मैं आपको इस बारे में जानकारी देता हूं।

मैं: ठीक है गुरु जी।

गुरु-जी : बिस्तर की स्थिति ठीक लगती है, पंखे के ठीक नीचे, जब आप सेक्स में लगे हों खिड़कियाँ भी खुली रहनी चाहिए। जैसा कि मैंने कहा, संलग्न शौचालय आपके शयन कक्ष का एक प्लस है। रोशनी के संबंध में भावुक और दिलचस्प संभोग के लिए उचित प्रकाश व्यवस्था होना जरूरी है। आप निश्चित रूप से इसे नियमित और बोरिंग नहीं बनाना चाहती हैं, है ना? रश्मि ?

मैं: बेशक गुरु-जी नहीं, लेकिन ये उस मुकाम तक जल्द ही पहुंच जाएगा है।

गुरु जी : ऐसा न हो इसलिए मैं इन बातों को विस्तार से बता रहा हूँ! अगर आप अपने पति को उत्तेजित करना चाहती हैं तो नाइट लैंप से ज्यादा चमकीली चीज का इस्तेमाल करें।

मैं अब उत्सुकता से सुन रही थी क्योंकि हाल के दिनों में हमारे प्रेम-प्रसंग में कुछ कमी आई है।

मैं: लेकिन गुरु जी?



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गुरु-जी: मैं जानता हूँ कि तुम क्या कहोगी । आपको ज्यादा रोशनी में नग्न होने में शर्म महसूस होगी। सही?

मैं: शर्माते हुए हाँ? हाँ गुरु जी।

गुरु जी : मैं आपको अपने कमरे की ट्यूबलाइट के नीचे नग्न रहने के लिए नहीं कह रहा हूँ रश्मिा! यदि संभव हो तो चमकदार रंगो का उपयोग करें और यह सबसे अच्छा होगा यदि आप इसे बेडसाइड लैंपशेड में रख सकते हैं।

मैं: ठीक है गुरु-जी !

गुरु-जी: इससे आप दोनों को एक-दूसरे को स्पष्ट देखने में मदद मिलेगी और प्रकाश प्रभाव निश्चित रूप से आपके पीयर के सत्र को गर्म करेगा।

मैं मेरी सहमति दे चूकी थी ।

गुरु-जी: और आपके लिए एक और बात ध्यान देने योग्य है - केवल पीली या क्रीम रंग की चादरें बिछाएं ताकि प्रकाश आपके बिस्तर से भी रोमांचक प्रभाव दे।

मैं: ठीक है गुरु जी। मैं श्यान रखूंगी।



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गुरु-जी: ये बिंदु काफी सरल लग सकते हैं, लेकिन यह वास्तव में आपको और अधिक प्यार करने में मदद करता है। प्यार शादी के बाद बेशर्मी मांगता है। अगर आप बोल्ड और क्रिएटिव हैं तो आपके पति अपने आप आपसे चिपके रहेंगे। और जब मैं अन्य तकनीकों पर चर्चा करता हूं,फिर आप स्वयं जान जाओगी कि अगर एक बार आपके पति को यह प्यार महसूस हो जाएगा, तो वह आपके लिए और अधिक खुल जाएगा औरआपको अधिक बार प्यार करना चाहेंगे।

मैं उनकी व्याख्याओं पर मंत्रमुग्ध थी । मुझे उनके समझाने का तरीका पसंद आया और निश्चित रूप से मैं और जानने के लिए उत्सुक हो रही थी ।

गुरु-जी : कभी-कभी आप कमरे में फूल रख सकते हैं, तो यह भी प्रभाव में इजाफा करेगा, लेकिन ध्यान रहे, बेटी, एक बार में बहुत सारी चीज़ें करने की कोशिश न करन , यह आपके पति के लिए सेटिंग को कृत्रिम और असुविधाजनक बना देगा। क्या आप बता सकती हैं क्यों?

मैं लड़खड़ा गयी , क्योंकि मैं एक प्रश्न के लिए तैयार नहीं थी ।

मैं: अरे? मुझे लगता है? मेरा मतलब? गुरु-जी मुझे लगता है?

गुरु-जी: बेटी मैं समझाता हूँ, हालाँकि आपकी शादी को तीन साल हो चुके हैं और यौन जीवन में आपको अच्छी तरह से अनुभव होना चाहिए।

मैं शरमा गयी और अपना चेहरा नीचे कर लिया।

गुरु जी : संजीव बता सकते हो?

संजीव : हाँ गुरु जी। क्योंकि उनकी शादी को कुछ साल हो चुके हैं इसलिए मैडम के पति मैडम के साथ उनके बेडरूम की एक विशिष्ट सेटिंग में सेक्स करने के आदी हैं। अचानक अगर मैडम अपने पति से मिलने के दिनों में कमरे को सजाने की कोशिश करती हैं, तो वह आशंकित और असहज हो सकता है। अगर मैडम एक नवविवाहित महिला होतीं, तो वह इन बदलावों को आसानी से आजमा सकती थीं।




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गुरु-जी: बढ़िया संजीव। रश्मि समझी?

मैं: ज़रूर गुरु-जी।

मैंने इस यौन जागरूकता क्लास की आज्ञाकारी छात्रा के रूप में सिर हिलाया! मैं लगभग 30 वर्ष का होने और 3 वर्ष से विवाहित होने के बाबजूद इस बारे में शिक्षा प्राप्त कर रही थी कि अपनी चुदाई के लिए एक रोमांचक माहौल कैसे बनाया जाए!

गुरु जी : माहौल के बाद दूसरी सबसे जरूरी चीज है।

मैं: वह गुरु-जी क्या है?



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मैंने और जानने की उत्सुकता में जल्दी से पूछा और गुरुजी के उत्तर देने पर मैं इन पुरुषों के सामने एक मूर्ख की तरह लग रही थी । ऐसा लग रहा था की मुझे चुदाई का कोई विशेष अनुभव नहीं था जबकि सचाहि ये थी की मई और मेरे पति मेरे अनुमान में सेक्स के माले में काफी सक्रीय थे .

गुरु जी : जाहिर है तुम्हारा ड्रेस कोड रश्मिा। जब आप अपने पति के साथ सेक्स के लिए जाएं तो आपको क्या पहनना चाहिए और क्या नहीं।

मैं: ओह!

मैंने गहरी सांस ली और तुरंत अपने वर्तमान महा-यज्ञ ड्रेस कोड में अपनी उजागर अवस्था को महसूस किया। मैं अपनी स्तनों के बीच अपनी मोटी दरार दिखा रही थी और मेरी टाँगे और जाँघे भी बेशर्मी से उजागर थी । इस ही प्रश्न ने मुझे अपने भीतर एक घोंघे की तरह कुंडलित कर दिया था ।

गुरु जी : बेटी! पहले मैं तुमसे सुन लूं कि जब आप अपने पति के साथ सेक्स करती हैं तो आप क्या पहनती हैं?

मैं: मेरा मतलब है गुरु जी? सामान्य? मेरा मतलब रात में जो पहनते है।

गुरु-जी : ठीक है, तो वीकेंड आदि पर कुछ खास नहीं? आप हमेशा बिस्तर पर जाते समय नाइटी पहनती हैं।




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मैं: जी गुरु जी।

गुरु जी : ठीक है, और तुम्हारे इनरवियर ?

जब मैं इन अंतरंग सवालों का जवाब दे रही थी तो मुझे महसूस हो रहा था कि मेरी हथेलियों से पसीना आने लगा है। मेरे ओंठ सूख रहे थे और फिर मैंने एक बार अपने होठों को चाटा ताकि मैं शांत रह सकूं।

मैं: अरे? कुछ नहीं? मेरा मतलब बिस्तर पर जाने के दौरान सभी महिलाओं की तरह आमतौर पर ?

गुरु-जी: ठीक है बेटी, मैं समझ गया।



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मैंने सिर हिलाया। इतने सारे लोगों के सामने इन तथ्यों को साझा करने में मुझे बहुत असहजता महसूस हुई। अगर अकेले गुरु-जी होते तो शायद मुझे इतना अजीब नहीं लगता, लेकिन उस बौने निर्मल और किशोर राजकमल की मौजूदगी मुझे शर्मसार कर रही थी।

गुरु-जी: रश्मि यह एक और पहलू है जहाँ आपको को सुधार करने की ज़रूरत है। चूंकि आपने केवल नाइटी पहन रखी है, वास्तव में आप अपने पति को लंबे समय तक फोरप्ले से वंचित कर रही हैं। क्या आपको इसका एहसास है?

मुझे समझ में नहीं आया की गुरु जी का क्या मतलब था। मैं अपनी पति को कैसे वंचित कर रही थी अगर मैं अपने बिस्तर पर नाइटी पहनी हुई थी और कोई इनरवेअर नहीं पहना हुआ था ?

मैं: अरे? नहीं गुरु जी।

गुरु जी : संजीव, क्या तुम समझा सकते हो? क्यों ?

जारी रहेगी
 
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