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इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


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deeppreeti

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परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
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औलाद की चाह

CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-13


अब रिक्शाचालक की बारी



सोनिआ भाबी रितेश की एक-एक धक्क्के के साथ ऐसी लयबद्ध कराहे ले रही थी। रितेश ने अपना वीर्य उनकी चूत में छोड़ दिया। रितेश ने अपनी गेंदों को उनकी चुत के अंदर खाली कर दिया और उसे अपने गाड़े वीर्य से भर दिया और झड़ने के बाद रितेश थक कर भाबी के बड़ी नंगी गाण्ड से चिपक गया। भाबी भी काफी थक चुकी थी और फर्श पर गिरकर औंधे मुँह लेट कर वहीं आराम करने लगी।

रितेश: उउउउउउह! भाबी, आपका शरीर बहुत मस्त है! आपको चोदने में बहुत मजा आया! आआआआआआह! मरा तो मन कर रहा है आपके अपने साथ ही अपने घर ले चलूँ।

भाबी चुप थी; स्वाभाविक रूप से इन दो पुरुषो के साथ बहुत थक गयी थी और जोर-जोर से हांफ रही थी। रितेश ने भाबी के नग्न नितंबों पर अपना लंड रखा और कुछ देर आराम किया।

रिक्शा चलाने वाला: साहब! मेरा भी कुछ करो?

रितेश: ओह! ज़रूर! अब आपकी बारी है?

रितेश रिक्शा वाले के पास गया और उसे भाबी को चोदने के लिए इशारा किया।

सुनीता भाबी: आह! प्लीज थोड़ा रुको?

रिक्शाचालक उस समय तक भाबी की चूत के अंदर अपने लंड को धकेलने के लिए अपनी पोजीशन ले चुका था और इसलिए उनका ये नम्र अनुरोध अनसुना हो गया।



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सुनीता भाबी: ओह इतना बड़ा! प्लीज़, मैं इसे नहीं ले सकती?

भाबी कुछ डरी हुई लग रही थी और उसने उस आदमी के बड़े आकार के लंड की ओर इशारा किया।

रितेश: ओहो भाबी! आप दो लंड भी आराम से ले सकती हो? अभी भी आपको चौद कर पूरा मजा मिल रहा है अंकल कितने भाग्य शाली हैं कि उन्होंने तुम्हें इतनी बार चौदा हैं कि तुम्हारी इतनी चौड़ी हो गयी है? आह!

सुनीता भाबी: ईई? मुझे कुछ समय दो?

रितेश: भाबी, समय की ही तो सबसे ज्यादा कमी है और वही सबसे कीमती है। अब आप को जो मिल रहा है आओ उसका आनंद लें!

रिक्शा वाला साहिब के सिर हिलाने का इंतजार कर रहा था।

रितेश: मादरचौद किस का इंतजार कर रहा हैं! रंडीबाज इस रंडी को चौदो? साला जल्दी कर और अभी इसके बाद मैं एक और शॉट लूंगा।

मैंने पहली बार भाबी के चेहरे पर डर देखा। वह अब अच्छी तरह से समझ गयी थी कि ये दोनों पुरुष उसे आसानी से नहीं छोड़ेंगे, खासकर जब वह इतने लंबे समय तक उदारतापूर्वक उनके सामने अपने अंग उजागर कर उन्हें उत्तेजित कर रही थी।

सुनीता भाबी: धीरे से? कृपया धीरे?





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रिक्शावाले ने अपना सीधा मुर्गा अपने दाहिने हाथ से भाबी की चिपचिपी चुत में डाल दिया और पूरी ताकत से उसमें घुसने लगा।

सोनिआ भाबी: आआआआआआआ? । इइइइइइइइइइइइइइइइइ.इ... ? । कृपया?। धीरे धीरे?

उसने बस भाबी को अपने बड़े कड़े अंग से चोदना शुरू कर दिया और यह उसकी बालों वाली चुत के अंदर एक गर्म लोहे की छड़ की तरह लग रहा था। इस बड़े लंड और भाभी की गीली चुत के मिलन से उसे बहुत जोर से आवाजे निकल रही थी। उसके लंड का आकार स्पष्ट रूप से सोनिआ भाभी को असहज कर रहा था और वह जोर-जोर से हिल रही थी। इस रिक्शाचालक के बड़े लंड ने 40 वर्षीय भाभी की बहुत परिपक्व चूत की गहराई और चौड़ाई की जांच की। जिस तरह से भाभी की चूत चौड़ी हो गयी थी उससे अंदाजा हो रहा था कि मनोहर अंकल का लंड मध्यम आकार का होना चाहिए और भाबी को ऐसे आकार की आदत थी और फिर जब उसे रितेश ने कुछ देर पहले चोदा था तो उसे फिर से एक औसत आकार के लंड से चुदाई का आनद मिला लेकिन रिक्शाचालक का लंड वास्तव में बहुत मोटा, बड़ा और काफी तगड़ा था।

भाबी के चीखने-चिल्लाने से रिक्शा-चालक और अधिक उत्तेजित हो गया। उसने अपना पूरा लंड उसके अंदर डाला और अपनी पूरी ताकत से उसकी चूत में लंड आगे पीछे कर रहा था। रितेश भी खुले मुंह से इस हार्डकोर कामुक प्रदर्शन को देख रहा थे। मैं स्पष्ट रूप से देख सकती थी कि भाबी की गर्मी निकल चुकी थी और रिक्शा-चालकका लंड भाभी की चूत में इतनी जोर से घुसने से वह वस्तुतः झड़ गयी थी। इस बीच रिक्शा-चालक की फर्श पर कार्यवाही नई ऊंचाइयों पर पहुँच रही थी क्योंकि रिक्शा वाले ने भाबी के पैरों को हवा में उठाकर पूरी तरह फैला दिया।

सोनिआ भाबी: आआ आ आआआआ? । आआआआआआ? । अरे ओह्ह्ह्? ।


सोनिआ भाबी की कराहे उनके परमानंद की खुशियाँ बयाँ करती रही, लेकिन स्पष्ट रूप से उनकी प्रत्येक चिल्लाहट के साथ एक दर्द जुड़ा हुआ था। मुझे ऐसा लग रहा था कि यह आदमी भाभी की चूत फाड़ देगा और जैसे वह उसे चोद रहा था उससे कुछ ही पलों में रिक्शाचालक कामोत्तेजना के कगार पर था और भाबी भी फिर से अपने चरम के पास आ रही थी!

रिक्शाचालक: आअह? ऊऊऊऊ? वाह साहब क्या बढ़िया औरत लाये हो आप?

रितेश: चलो भाबी! चलो, चलो !



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रितेश भाबी को उस आदमी की तेज गति की लय से मेल खाने के लिए चीयर कर रहा था। सोनिआ भाबी ने अब खुद को झटका दिया और उसका बदन काम्पा-और भाभी ने अपना शरीर ऊपर की ओर उछाल दिया और वह उस आदमी के साथ ही झड़ गयी जो उनमे तेजी से अपना बीज पंप कर रहा था। भाबी इस चुदाई के बाद नीचे गिर पड़ीं और लगभग गतिहीन रहीं। दूसरी ओर, रिक्शा चालक भी पूरी तरह से थका हुआ लग रहा था और उसका शरीर भाबी के नग्न शरीर पर टिका हुआ था।

रितेश: वाह! मेरे दोस्त, तुमने क्या जबरदस्त चुदाई की! ओह!

सोनिआ भाबी की चूत अब पूरी तरह से गीली लग रही थी और उनकी झांटे इन पुरुषों के वीर्य के भीग कर चिपक गयी थे और उनकी जांघों और पेट पर भी वीर्य के धब्बे थे। कुछ देर बाद रिक्शा वाले ने अपने शरीर से ऊपर उठा लिया और रितेश भी इस समय तक तरोताजा हो गया था। भाबी अभी भी एक के बाद दूसरी चुदाई से उबर नहीं पा रही थी और अभी भी फर्श पर आराम कर रही थी।

रितेश: क्या हुआ भाबी? उठ जाओ!

मैं स्पष्ट रूप से समझ सकती थी कि सोनिआ भाबी उस समय उठने की स्थिति में नहीं थी, लेकिन रितेश काफी अधीर लग रहा था।

रितेश: भाबी? । भाबी!

सोनिआ भाबी: प्लीज़? रितेश! मुझे थोड़ा समय दो? कृपया? आह!

रितेश: आपकी समस्या क्या है? वहाँ कोई दर्द है क्या?

यह कहते हुए कि उसने भाभी के चूत की तरफ का इशारा किया। भाभी ने सहमति में सिर हिलाया।

रितेश: ठीक है, चिंता मत करो! मैं इसे संतुलित करता हूँ।

इतना कहकर उसने भाबी को फर्श पर लुढ़कने के लिए धक्का दे दिया।

सोनिआ भाबी: क्या? तुम क्या कर रहे हो रितेश? मुझे अकेला छोड़ दो? कृपया। मुझे बहुत दर्द हो रहा है? आह!

जारी रहेगी
 
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CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-14


डबल चुदाई


सोनिआ भाबी की दलील को रितेश ने अनसुना कर दिया और रितेश ने उन्हें आसानी से अपने पेट के बल लेटने के लिए कहा और फिर उसे पेट के बल लेटा दिया। हालांकि भाबी विरोध करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन चुदाई की दोहरी खुराक के बाद वह बहुत कमजोर महसूस कर थी जिसके कारण रितेश ने आसानी से भाबी की पीठ पर खुद को फैला लिया और अपने आधे कठोर लंड को उसके नितम्बो पर रगड़ना शुरू कर दिया। फिर उसने अपने लंड को उनकी गहरी गांड की दरार के अंदर समायोजित किया और उसे थपथपाना शुरू कर दिया। रिक्शाचालक के राक्षसी लंड को उसकी योनि में घुसाने के कारण भाबी की सारी गर्मी बाहर निकल चुकी थी और अब इस क्रिया के साथ, उनकी रही सही सेक्स की गर्मी भी ख़त्म हो गयी थी। रितेश कब भ भी की मस्त गांड पर अपना लंड रगड़ रहा था तो भाबी को चोदने के बाद खोई हुई अपनी ऊर्जा का स्तर उसे बहुत जल्द वापस मिल गया और अब वह भाबी की गांड में अपना लंड जोर-जोर से पटक रहा था। उसने उसके हाथों को भाभी की तरफ से धकेला और भाभी के स्तन जो उनके शरीर के नीचे दब कर चुप गए थे फिर से उनके शरीर के नीचे प्रकट किए और उनके स्तनों को अपने हाथों को फिर से कसकर निचोड़ डाला।

सोनिआ भाबी: रितेश, प्लीज? मुझे छोड़ दो, मैं और नहीं ले सकती?

रितेश: चुप रहो कुतिया! आह? । आह! क्या गांड है तुम्हारी! ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हू!



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सोनिआ भाभी: रितेश प्लीज रुक जाओ भाभी ने फिर दुहाई दी!


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रितेश: हाय! अगर मैंने तुम्हारी ये गांड नहीं मारी तो फिर मैंने कुछ नहीं किया! उसने अपना लंड जोर से भाभी की गांड से टकराते हुए कहा?

रितेश की कमर भाबी की चौड़ी नग्न गांड पर नाच रही थी और भाभी हर झटके पर फुसफुसा रही थी दुहाई दे रही थी! रितेश ने भाभी की गांड की चुदाई का आनंद लिया? ? भाबी के नग्न मांसल गाण्ड को गुनगुनाते हुए कुछ ज्यादा ही जोर से उसने चुदाई करते हुए इस क्रिया को किया और वह बहुत जल्द स्खलित हो गया। उसने भाबी के बड़े गोल नितम्ब के गालों को अपने वीर्य से सान दिया और ऐसा लग रहा था कि वह दोनों इस चुदाई के हर पल का भरपूर आनंद ले रहे थे।

रिक्शा चलाने वाला: साहब, मेरा मतलब? क्या मुझे दूसरा मौका नहीं मिलेगा?

रितेश: ज़रूर यार! आओ ना! तुम भी गांड चोदो!



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वह बोल कर रितेश भाबी की पीठ से नीचे उतर गया और इससे पहले कि भाबी भी सीधी हो पाती, रिक्शा वाले ने बड़ी फुर्ती के साथ उसकी सवारी की और अपना बड़ा सीधा डिक उसके गांड के छेद में डालने की कोशिश की। रितेश के विपरीत, उसने भाबी के नितम के गालों को अलग किया और दोनों हाथों से उसकी गांड की दरार को चौड़ा किया और छेद का ठीक-ठीक पता लगाने की कोशिश की और फिर अपने लंड को वहाँ डालने की कोशिश की।

सोनिआ भाबी: प्लीज, मुझे छोड़ दो? मेरे पर रहम करो। मैं? मुझे वास्तव में आपका लंड लेने में बहुत दर्द हुआ था कृपया? मेरे पर रहम करो! रितेश, प्लीज इसे रोको?

रितेश: कोई दया मत करो! तुम उसकी गांड के छेद को फाड़ दो!



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रिक्शाचालक ने एक सेकंड भी बर्बाद नहीं किया और भाबी के कोमल गांड के छेद पर दबाव डालना शुरू कर दिया और वह दर्द से चिल्ला रही थी। मैं अच्छी तरह से समझ सकती थी कि उसका मोटा लंड बहबही के लिए बहुत बड़ा था और भाबी अब पीड़ा में रो रही थी क्योंकि वह अपने लंड से उनकी गांड पर जोर से दस्तक दे रहा था और दोनों हाथों से उनके मांसल नितम्ब के गालों को गूंथ रहा था। भाभी के स्तन खाली देख रितेश भूखे शेर की तरह उन पर कूद पड़ा। उसने दोनों स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें कसकर निचोड़ दिया और फिर भाबी को उत्तेजना के साथ चूमने लगा, हालांकि यह बहुत, बहुत ही अल्पकालिक था । इस बीच रितेश अपने लंड को सहला रहा था और वह बहुत जल्द की कड़क हो गया और फिर रितेश ने उस रिक्शाचालक को ईशारा किया और रिक्शाचालक ने भाभी की गांड को ऊपर खींचा जिससे भाभी अब घोड़ी बन गयी अब रितेश ने जल्दी से नीचे लेट कर भाभी की चुत में अपने लंड को घुसा दिया । उनके नीचे रितेश लेटा हुआ था और उसका लंड भाभी की चुत में था और ऊपर से रिक्शावाले का लंड भाभी की गांड में घुसा हुआ था । बिलकुल पोर्न फिल्मो की तरह दुबले चुदाई हो रही थी ।

इस बीच भाभी चिल्ला रही थी आठ ओह्ह मैं मर गयी! भाभी अब निश्चित रूप से बहुत ज्यादा दर्द का अनुभव कर रही थी क्योंकि उनके पीठ पर रिक्शाचालक चढ़ा हुआ था और नीचे से रितेश अपना लंड भाभी की चुत में अंदर बाहर कर रहा था।




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सोनिआ भाबी: प्लीज मुझे माफ़ करो? । ऊऊऊऊऊ! कृपया मुझे छोड़ दें। मुझे बहुत दर्द हो रहा है? उउउउउउउउ?। माँआआआआआआआआआआआआआआआआ?

भाबी अब पहली बार रो रही थी और मैं अच्छी तरह से महसूस कर रही थी कि उन्हें अब अपनी गांड और चुत में बहुत दर्द हो रहा था। लगातार चुदाई ने उन्हें बहुत खुशी मिली होगी, लेकिन चूंकि उनकी रजोनिवृति के कारण उनका योनि स्राव और डिस्चार्ज बहुत कम था, इसलिए उन्हें अपनी चुत में बहुत दर्द हुआ होगा, खासकर उस रिक्शाचालक के बड़े लंड के कारण और अब गाण्ड पर लगातार हमलों ने उनकी आँखों में आँसू ला दिए थे।

रितेश: अरे तुम! थोड़ा धीरे-धीरे करें!

रितेश में अभी भी कुछ अच्छाई बाकी थी इसलिए उसने भाभी की हालत को देखकर, उसने उस रिक्शाचालक को चेतावनी दी थी, लेकिन जिस तरह से वह रिक्शाचालक उनकी गांड को चौद रहा था उसे देख कर यही लग रहा था की वह रिक्शाचालक भाबी की गांड फाड़ने के मूड में था।



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सोनिआ भाबी: आआआआआ? उउउउउउउउउ? । ऊउउउउउउओह! प्लीज रितेश? ... अगर यह ऐसे ही जारी रहा तो मैं मर जाऊंगी? रितेश? मुझे बचाओ? प्लीज इसे रोको।

रितेश: भाबी मैं उसे रुकने के लिए कह सकता हूँ, लेकिन एक शर्त पर।

रितेश ने रिक्शा वाले को इशारा किया और उसने अपनी लयबद्ध हरकत पल भर के लिए बंद कर दी।

सोनिआ भाबी: उउउउउउउउ? । आआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह?

रितेश: जब हम इस छुट्टी से वापस आएंगे तो आप मुझे आपको चोदने देंगी।

सोनिआ भाबी: उउउ? लेकिन? लेकिन वहाँ मेरे पति भी तो होंगे!

रितेश: तो क्या? कह कर रितेश ने ऊपर को अपना लंड का एक शॉट भाभी की योनि में मारा!

सोनिआ भाबी: तुम्हारा क्या मतलब है? उउउउउ ओह्ह्ह्हह आयईईई? । उफ्फ!

रितेश: वह तुम्हारा सिरदर्द है साली? तुम अपने पति को घर से बाहर भेज दोगी और मुझे अपने साडी उठाने डौगी। समझ गयी?

सोनिआ भाबी इस अभद्र प्रस्ताव का कुछ भी जवाब नहीं दे पाईं।

रितेश: नहीं तो तुम शाम को मेरे घर आओगी और जब मैं ऑफिस से वापस आऊंगा और शाम मेरे साथ बिताओगी। बोलो क्या आप सहमत हैं या नहीं?

सोनिआ भाबी: ओ? ठीक। लेकिन अब तो मुझे छोड़ दें। आह!

रितेश: ठीक है। उस रंडी को अब छोड़ दो? एक दिन के लिए ये पर्याप्त है!

अब रिक्शेवाल रुक गया लेकिन रितेश ने भाभी की चुत में कुछ शॉट मारने जारी रखे फिर वह भी रुका और उस रिक्शा वाले की लुंगी भाबी को सौंप दी।

रितेश: भाभी इससे खुद को साफ करो।

वह उठा और अपने शॉर्ट्स पहन ली और रिक्शा चालक भी उठ गया। वह अभी भी नंगा खड़ा था। जब भाबी ने अपनी गांड और चूत को पोंछ लिया, तो उसने लुंगी को उस रिक्शा चालक को सौंप दिया, जिसने उसे मुस्कुराते हुए पकड़ लिया। सोनिआ भाबी अभी भी पूरी तरह से नग्न फर्श पर बैठी हुई थी और फिर वह रितेश की मदद से उठने की कोशिश करने लगी। फिर मैंने देखा कि रिक्शा वाले ने कुचले हुए पत्ते ले लिए और उसमें अपनी लार मिला दी।

रिक्शा-चालक: महोदया, खड़े होने से पहले, कृपया अपनी गाण्ड एक बार उठा लें! क्योंकि आपने दूध तो दिया नहीं तो अब स्तन के दूध की जगह मुझे पेस्ट बनाने के लिए लार का उपयोग करना पड़ा।



सोनिआ भाबी: आहा! ओह्ह्ह्ह! मैं नहीं कर सकती? मुझे अब खड़ा होना है।

भाबी रितेश की मदद के साथ खड़ी हो गई और भाबी के नग्न नितम्बो से सूँघने की दूरी पर रिक्शा वाला उनके पीछे बैठ गया,। उसने केकड़े द्वारा बनाए गए कटे हुए निशान पर और उनके पैर पर भी पेस्ट लगाया। और अंत में उसने एक बार भाबी की गांड को थप्पड़ मारा।

रिक्शा चलाने वाला: बिल्कुल सही महोदया! अब आप इस घाव की चिंता मत करो, इसे एक दो दिन में सूख जाना चाहिए।

अब जब सब कुछ लगभग समाप्त हो गया था, मुझे लगा कि ये लोग अब मुझे खोज सकते हैं और मुझे एहसास हुआ कि मुझे वापिस मंदिर में वापस प्रवेश करना चाहिए। मैं जल्दी से अपने छिपे हुए स्थान से बाहर निकली और तेजी से मंदिर के द्वार पर चली गयी। वह स्थान अभी भी उजाड़ था, हालांकि मैंने कुछ दूरी पर समुद्र में स्नान करने वाले कुछ विदेशियों को देखा था। मैंने कुछ देर प्रतीक्षा की और मंदिर में वापस आ गयी और वहाँ आ कर केकड़े के काटने से भाबी को लगी चोट के बारे में बहुत चिंतित होने का नाटक किया।

मैं: क्या हुआ? क्या लेप लगा लिया?

मैंने देखा कि रिक्शावाले ने उस समय तक अपनी लुंगी पहन ली थी और भाबी भी अपनी चोली पहनने में व्यस्त थी। मैंने देखा कि दो पुरुषों की उपस्थिति में वह मेरे सामने खुद की लगभग नग्न अवस्था को महसूस करते हुए कांप उठी, उसने जल्दी से खुद को ढंकने की पूरी कोशिश की, लेकिन रितेश अभी भी भाबी के साथ बेशर्म शरारतें कर रहा था।

रितेश: ओहो भाबी! यह? तो अपनी रश्मि है! वह कोई बाहरी नहीं है। पर्याप्त समय लो। हाँ, रश्मि। रिक्शेवाले ने अपना काम पूरा कर लिया है।

भाबी वास्तव में अपना पेटीकोट अपनी कमर पर लपेटने की कोशिश कर रही थी, लेकिन रितेश ने जल्दी से उसे उठा लिया।

रितेश: ओह्ह! यह अभी भी गीला है! अरे तुम? इसे हवा में सुखा दो।

भाबी थोड़ी उलझन में थी कि क्या करे! उसकी टांगें और जाँघें नंगी रह गईं और उसकी नंगी चुत पोंछने के बाद भी चमक रही थी!

मैं: भाबी, क्या तुम अब ठीक महसूस कर रही हो?



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सोनिआ भाबी: ? हाँ। लेकिन दर्द अभी भी है? उफ्फ्फ्फ!

भाबी ने जवाब दिया। वह बस ब्लाउज और ब्रा में उस कमरे में खडी कमाल की लग रही थी!

सोनिआ भाबी: लेकिन? मुझे साड़ी पहननी है? उससे मुझे पेटीकोट लौटाने के लिए कहो।

रितेश: ओहो भाबी! एक मिनट रुको ना? वह उसे सुखा रहा है।

सोनिआ भाबी ने बहस नहीं की और ऐसे ही खड़ी रही। रितेश और मैं दोनों उनकी खुले लंबे बालों वाली चुत को देख रहे थे। वह वास्तव में उस तरह बहुत ही सेक्सी लग रही थी!

सोनिआ भाबी: मुझे साड़ी पहनने दो और फिर पेटीकोट नीचे से सरका लूंगी।

रितेश: जैसी तुम्हारी मर्जी। परंतु? लेकिन भाबी? अरे जब आप समुद्र में गयी थी तो आपने पैंटी पहनी हुई थी!

मैंने देखा सोनिआ भाबी का चेहरा लाल हो गया; वह निश्चित रूप से रितेश से मेरी उपस्थिति में इस तरह के अंतरंग प्रश्न की उम्मीद नहीं कर रही थी। मैं भी कुछ क्षण पहले पूरी चुदाई को देखकर अंदर से काफी उत्तेजित हो गयी थी और मैंने इस अवसर का लाभ हवा में मसाला डालने के लिए किया।

जारी रहेगी
 
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CHAPTER 7 - छटी सुबह

फ्लैशबैक- सागर किनारे

अपडेट-15


पैंटी कहाँ गयी

मैं:-भाभी क्या अब आप ठीक हो? लेकिन भाबी? आपकी पैंटी कहाँ गयी क्या आपने पैंटी पहनी हुई थी!

मैंने देखा सुनीता भाबी का चेहरा लाल हो गया; वह निश्चित रूप से मुझ से ऐसे अंतरंग प्रश्न की उम्मीद नहीं कर रही थी। मैं भी अंदर से काफी उत्तेजित हो गयी थी और मैंने इस अवसर का लाभ हवा थोड़ा और गर्म मसाला डालने के लिए किया। भाभी ने कोई जवाब नहीं दिया?

मैं: ओह हाँ मुझे याद आया भाभी की पेंटी लाल रंग की थी, क्यों भाभी? लेकिन रितेश, तुम्हें यह कैसे पता चला?

मैंने थोड़े मजे लेते हुए कहा । मैंने सोचा था रितेश फस जाएगा लेकिन वह कुछ ज्यादा ही होशियार था ।

रितेश: अरे रश्मि? जब मैं भाबी को पानी में पकड़ रहा था तो मुझे उनकी पैंटी साड़ी के अंदर महसूस हो रही थी? हा-हा हा?

मैं: भाबी? । इस शरारती लड़के को सुना आपने ये क्या कह रहा है!

सोनिआ भाबी: हुह! वह अभी भी दर्द में थी।

रितेश: लेकिन वह गयी कहाँ?




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मैं: हम्म? भाबी?

सोनिआ भाबी: मैं? मैं?। वह झेंप गयी।

रितेश: ओहो भाबी? रश्मि से छुपाने की जरूरत नहीं है!

मैं: बताओ ना रितेश? मुझे बताओ ना?

मैंने रितेश से आग्रह किया जैसे कि यह मेरे लिए जानना सबसे महत्त्वपूर्ण जानकारी थी और ऐसे जाहिर किया जैसे मुझे इस बारे में कुछ पता नहीं था। सोनिआ भाबी की पैंटी कहाँ गयी?

रितेश: दरअसल रश्मि जानती हो क्या हुआ? । खैर, जब हम गहरे पानी में गए, हम नहा रहे थे और बहुत अच्छा समय बिता रहे थे, मैंने भाबी से एक हल्की चीख सुनी?

मैंने एक बार सोनिआ भाबी की तरफ देखा। उसका चेहरा झुंझलाहट थी। लेकिन वह सहज बनने की कोशिश कर रही थी।

रितेश: शुरू में मुझे कुछ समझ नहीं आया और फिर जब पानी थोड़ा कम हुआ तो भाबी ने कहा कि उसकी पैंटी के अंदर कुछ है!

मैं क्या?





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रितेश: एक छोटी मछली किसी तरह भाबी की पैंटी के अंदर घुस गई क्योंकि उस जगह पानी भर गया था!

मैं: हे भगवान!

रितेश: मछली ने क्या जगह चुनी थी। हा-हा हा? ।

मैं: फिर?

रितेश: भाबी इतनी डरी हुई थी कि वह केवल पानी में कूद रही थी और मछली को वहाँ से नहीं देख पा रही थी। तो मुझे नेक काम करना पड़ा!

भाबी को देखकर रितेश मुस्कुराया।

रितेश: मैंने उसकी साड़ी और पेटीकोट उठाकर उसकी पैंटी से मछली निकालने की कोशिश की, लेकिन पानी इतना तेज़ था कि आखिरकार मुझे मछली को बाहर निकालने के लिए भाबी की पैंटी खींचनी पड़ी।

मैं: ओहो?

रितेश: दरसल तभी हम एक लहर में बह गए और उसकी पैंटी मेरे हाथ से पानी में फिसल गई ।

मैं: भाबी, तुमने उसे खोजा नहीं?

सोनिआ भाबी: मैं? मेरा मतलब? कोशिश की थी लेकिन मैं इसे पानी में और नहीं ढूँढ पायी।

रितेश: किसी मछली ने इसे निगल लिया होगा? इतना अच्छा स्वाद? । हा-हा हा? ।




दोनों स्पष्ट रूप से झूट बोल रहे थे क्योंकि मैंने साफ़ देखा था कि समुद्र के तेज पानी में नहाते हुए रितेश ने पहले उनका पेटिकोट उतार कर रिक्शेवाले को पकड़ाया था और फिर उनकी पैंटी उनके बड़े गोल कूल्हों से आधी नीचे की ओर खींची थी और उनके गोल नितंबों, चिकनी जांघों और अंत में उनके पैरों से बाहर कर दिया। था और फिर उसने पैंटी को गुच्छा बनाया था और उसे दूर समुद्र में दूर फेंक दिया था। खैर सब मजे ले रहे थे और मैं दूर से सब देख रही थी ।

इस दौरान रिक्शा चालक भाभी का पेटीकोट लेकर वापस आ गया।



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मैं: क्या मैं आपकी मदद करूँ भाबी?

सुनीता भाबी: प्लीज़?

मैंने उसे साड़ी पहनने में मदद की और वह बहुत लंबे समय के बाद नंगी रहनेके बाद अब कपडे पहनी के बाद बहुत अच्छी लग रही थी? चलते-चलते भाबी को काफी दर्द हो रहा था और वह ठीक से कदम नहीं उठा पा रही थी। हालांकि उसने मुझे समझाया कि यह केकड़े के काटने के कारण है, लेकिन मुझे पता था कि यह रितेश और रिक्शा-चालक के साथ बुलडोजर डबल चुदाई का प्रभाव था।

हमारा कैमरा और सामान सब सुरक्षित था क्योंकि वह स्थान अभी भी काफी सुनसान था और उसके बाद बहुत कुछ नहीं हुआ क्योंकि हमने उसी शाम हमने घर वापसी की अपनी यात्रा शुरू की। न तो मनोहर अंकल और न ही राजेश को हमारे सुबह के स्नान के दौरान क्या हुआ था इसके बारे में कोई भी संकेत नहीं मिला था।

वापस अब वहाँ गुरूजी के साथ मैं पानी में खड़ी हुई थी, मुझे लगा कि मैं लगभग ऐसी ही स्थिति में खड़ा हुई थी-परिवर्तन के तौर में मैं सोनिआ भाबी की जगह थी और-और रितेश के स्थान पर गुरूजी, खुले निर्जन समुद्र तट की जगह पर बाथटब एक बंद जगह थी और टब के फर्श में दूध के साथ एक पुरुष के साथ खड़ा होना मुझे असहज कर रहा था, शायद इसलिए कि भाबी और रितेश के विचार अभी भी मेरे दिमाग में चल रहे थे और मैं ये याद कर रही थी की उस समय क्या हुआ था?



जारी रहेगी
 
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