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इस अध्भुत कहानी के इस मोड़ पर मैं इस संशय में हूँ के कहानी को किधर ले जाया जाए ?


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deeppreeti

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परिचय

आप सब से एक महिला की कहानी किसी न किसी फोरम में पढ़ी होगी जिसमे कैसे एक महिला जिसको बच्चा नहीं है एक आश्रम में जाती है और वहां उसे क्या क्या अनुभव होते हैं,

पिछली कहानी में आपने पढ़ा कैसे एक महिला बच्चे की आस लिए एक गुरूजी के आश्रम पहुंची और वहां पहले दो -तीन दिन उसे क्या अनुभव हुए पर कहानी मुझे अधूरी लगी ..मुझे ये कहानी इस फोरम पर नजर नहीं आयी ..इसलिए जिन्होने ना पढ़ी हो उनके लिए इस फोरम पर डाल रहा हूँ



GIF1

मेरा प्रयास है इसी कहानी को थोड़ा आगे बढ़ाने का जिसमे परिकरमा, योनि पूजा , लिंग पूजा और मह यज्ञ में उस महिला के साथ क्या क्या हुआ लिखने का प्रयास करूँगा .. अभी कुछ थोड़ा सा प्लाट दिमाग में है और आपके सुझाव आमनत्रित है और मैं तो चाहता हूँ के बाकी लेखक भी यदि कुछ लिख सके तो उनका भी स्वागत है

अगर कहानी किसी को पसंद नही आये तो मैं उसके लिए माफी चाहता हूँ. ये कहानी पूरी तरह काल्पनिक है इसका किसी से कोई लेना देना नही है .


वैसे तो हर धर्म हर मज़हब मे इस तरह के स्वयंभू देवता बहुत मिल जाएँगे. हर गुरु जी स्वामी या महात्मा एक जैसा नही होता. मैं तो कहता हूँ कि 90% स्वामी या गुरु या प्रीस्ट अच्छे होते हैं मगर 10% खराब भी होते हैं. इन 10% खराब आदमियों के लिए हम पूरे 100% के बारे मे वैसी ही धारणा बना लेते हैं. और अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं पर बुरे लोगो की बारे में बहुत कुछ सुनने को मिलता है तो लगता है सब बुरे ही होंगे .. पर ऐसा वास्तव में बिलकुल नहीं है.


1. इसमें किसी धर्म विशेष के गुरुओ पर या धर्म पर कोई आक्षेप करने का प्रयास किया है , ऐसे स्वयंभू गुरु या बाबा कही पर भी संभव है .

2. इस कहानी से स्त्री मन को जितनी अच्छी विवेचना की गयी है वैसी विवेचना और व्याख्या मैंने अन्यत्र नहीं पढ़ी है .

Note : dated 1-1-2021

जब मैंने ये कहानी यहाँ डालनी शुरू की थी तो मैंने भी इसका अधूरा भाग पढ़ा था और मैंने कुछ आगे लिखने का प्रयास किया और बाद में मालूम चला यह कहानी अंग्रेजी में "समितभाई" द्वारा "गुरु जी का (सेक्स) ट्रीटमेंट" शीर्षक से लिखी गई थी और अधूरी छोड़ दी गई थी।


बाद में 2017 में समीर द्वारा हिंदी अनुवाद शुरू किया गया, जिसका शीर्षक था "एक खूबसूरत हाउस वाइफ, गुरुजी के आश्रम में" और लगभग 33% अनुवाद "Xossip" पर किया गया था।

अभी तक की कहानी मुलता उन्ही की कहानी पर आधारित है या उसका अनुवाद है और अब कुछ हिस्सों का अनुवाद मैंने किया है ।

कहानी काफी लम्बी है और मेरा प्रयास जारी है इसको पूरा करने का ।
Note dated 8-1-2024


इससे पहले कहानी में , कुछ रिश्तेदारों, दूकानदार और एक फिल्म निर्देशक द्वारा एक महिला के साथ हुए अजीब अनुभवो के बारे में बताया गया है , कहानी के 270 भाग से आप एक डॉक्टर के साथ हुए एक महिला के अजीब अनुभवो के बारे में पढ़ेंगे . जीवन में हर कार्य क्षेत्र में हर तरह के लोग मिलते हैं हर व्यक्ति एक जैसा नही होता. डॉक्टर भी इसमें कोई अपवाद नहीं है अधिकतर डॉक्टर या वैध या हकिम इत्यादि अच्छे होते हैं, जिनपर हम पूरा भरोसा करते हैं, अच्छे लोगो के बारे में हम ज्यादा नहीं सुनते हैं ...
वास्तव में ऐसा नहीं है की सब लोग ऐसे ही होते हैं ।

सभी को धन्यवाद,


कहानी का शीर्षक होगा


औलाद की चाह



INDEX

परिचय

CHAPTER-1 औलाद की चाह

CHAPTER 2 पहला दिन

आश्रम में आगमन - साक्षात्कार
दीक्षा


CHAPTER 3 दूसरा दिन

जड़ी बूटी से उपचार
माइंड कण्ट्रोल
स्नान
दरजी की दूकान
मेला
मेले से वापसी


CHAPTER 4 तीसरा दिन
मुलाकात
दर्शन
नौका विहार
पुरानी यादें ( Flashback)

CHAPTER 5- चौथा दिन
सुबह सुबह
Medical चेकअप
मालिश
पति के मामा
बिमारी के निदान की खोज

CHAPTER 5 - चौथा दिन -कुंवारी लड़की

CHAPTER 6 पांचवा दिन - परिधान - दरजी

CHAPTER 6 फिर पुरानी यादें

CHAPTER 7 पांचवी रात परिकर्मा

CHAPTER 8 - पांचवी रात लिंग पूजा

CHAPTER 9 -
पांचवी रात योनि पूजा

CHAPTER 10 - महा यज्ञ

CHAPTER 11 बिमारी का इलाज

CHAPTER 12 समापन



INDEX

औलाद की चाह 001परिचय- एक महिला की कहानी है जिसको औलाद नहीं है.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 002गुरुजी से मुलाकात.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 003पहला दिन - आश्रम में आगमन - साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 004दीक्षा से पहले स्नान.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 004Aदीक्षा से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 005आश्रम में आगमन पर साक्षात्कार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 006आश्रम के पहले दिन दीक्षा.Mind Control
औलाद की चाह 007दीक्षा भाग 2.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 008दीक्षा भाग 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 009दीक्षा भाग 4.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 010जड़ी बूटी से उपचार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 011जड़ी बूटी से उपचार.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 012माइंड कण्ट्रोल.Mind Control
औलाद की चाह 013माइंड कण्ट्रोल, स्नान. दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 014दरजी की दूकान.Mind Control
औलाद की चाह 015टेलर की दूकान में सामने आया सांपो का जोड़ा.Erotic Horror
औलाद की चाह 016सांपो को दूध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 017मेले में धक्का मुक्की.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 018मेले में टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 019मेले में लाइव शो.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 020मेले से वापसी में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 021मेले से औटो में वापसीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 022गुरुजी से फिर मुलाकातNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 023लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 024लाइन में धक्कामुक्कीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 025नदी के किनारे.Mind Control
औलाद की चाह 026ब्रा का झंडा लगा कर नौका विहार.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 027अपराध बोध.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 028पुरानी यादें-Flashback.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 029पुरानी यादें-Flashback 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 030पुरानी यादें-Flashback 3.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 031चौथा दिन सुबह सुबह.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 032Medical Checkup.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 033मेडिकल चेकअप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 034मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 035मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 036मालिश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 037ममिया ससुर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 038बिमारी के निदान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 039बिमारी के निदान 2.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 040कुंवारी लड़की.First Time
औलाद की चाह 041कुंवारी लड़की, माध्यम.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 042कुंवारी लड़की, मादक बदन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 043दिल की धड़कनें .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 044कुंवारी लड़की का आकर्षण.First Time
औलाद की चाह 045कुंवारी लड़की कमीना नौकर.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 046फ्लैशबैक–कमीना नौकर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 047कुंवारी लड़की की कामेच्छायें.First Time
औलाद की चाह 048कुंवारी लड़की द्वारा लिंगा पूजा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 049कुंवारी लड़की- दोष अन्वेषण और निवारण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 050कुंवारी लड़की -दोष निवारण.Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 051कुंवारी लड़की का कौमार्य .NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 052कुंवारी लड़की का मूसल लंड से कौमार्य भंग.First Time
औलाद की चाह 053ठरकी लंगड़ा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 054उपचार की प्रक्रिया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 055परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 056परिधानNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 057परिधान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 058टेलर का माप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 059लेडीज टेलर-टेलरिंग क्लास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 060लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 061लेडीज टेलर-नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 062लेडीज टेलर की बदमाशी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 063बेहोशी का नाटक और इलाज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 064बेहोशी का इलाज़-दुर्गंध वाली चीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 065हर शादीशुदा औरत इसकी गंध पहचानती है, होश आया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 066टॉयलेट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 067स्कर्ट की नाप.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 068मिनी स्कर्ट.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 069मिनी स्कर्ट एक्सपोजरNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 070मिनी स्कर्ट पहन खड़े होना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 071मिनी स्कर्ट पहन बैठनाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 072मिनी स्कर्ट पहन झुकना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 073मिनी स्कर्ट में ऐड़ियों पर बैठना.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 074फोन सेक्स.Erotic Couplings
औलाद की चाह 075अंतर्वस्त्र-पैंटी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 076पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 077ड्रेस डॉक्टर पैंटी की समस्या.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 078परिक्षण निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 079आपत्तिजनक निरक्षण.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 080कुछ पल विश्राम.How To
औलाद की चाह 081योनि पूजा के बारे में ज्ञान.How To
औलाद की चाह 082योनि मुद्रा.How To
औलाद की चाह 083योनि पूजा.How To
औलाद की चाह 084स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 085परिधान की आजमाईश.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 086एक्स्ट्रा कवर की आजमाईश.How To
औलाद की चाह 087इलाज के आखिरी पड़ाव की शुरुआत.How To
औलाद की चाह 088महिला ने स्नान करवाया.How To
औलाद की चाह 089आखिरी पड़ाव से पहले स्नान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 090शरीर पर टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 091योनि पूजा का संकल्प.How To
औलाद की चाह 092योनि पूजा आरंभ.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 093योनि पूजा का आरम्भ में मन्त्र दान.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 094योनि पूजा का आरम्भ में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 095योनि पूजा का आरम्भ में माइक्रोमिनी में आश्रम की परिक्रमा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 096काँटा लगा.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 097काँटा लगा-आपात काले मर्यादा ना असते.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 098गोद में सफर.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 099परिक्रमा समापन.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 100चंद्रमा आराधना-टैग.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 101उर्वर प्राथना सेक्स देवी बना दीजिये।NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 102चंद्र की रौशनी में स्ट्रिपटीज़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 103चंद्रमा आराधना दुग्ध स्नान की तयारी.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 104समुद्र के किनारेIncest/Taboo
औलाद की चाह 105समुद्र के किनारे तेज लहरIncest/Taboo
औलाद की चाह 106समुद्र के किनारे अविश्वसनीय दृश्यNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 107एहसास.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 108भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 109भाभी का मेनोपॉजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 110भाबी का मेनोपॉज.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 111भाबी का मेनोपॉज- भीड़ में छेड़छाड़.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 112भाबी का मेनोपॉज - कठिन परिस्थिति.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 113बहन के बेटे के साथ अनुभव.Incest/Taboo
औलाद की चाह 114रजोनिवृति के दौरान गर्म एहसास.Incest/Taboo
औलाद की चाह 115रजोनिवृति के समय स्तनों से स्राव.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 116जवान लड़के का आकर्षणIncest/Taboo
औलाद की चाह 117आज गर्मी असहनीय हैNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 118हाय गर्मीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 119गर्मी का इलाजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 120तिलचट्टा कहाँ गया.NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 121तिलचट्टा कहाँ गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 122तिलचट्टे की खोजNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 123नहलाने की तयारीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 124नहलाने की कहानीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 125निपल्स-आमों जितने बड़े नहीं हो सकते!How To
औलाद की चाह 126निप्पल कैसे बड़े होते हैं.How To
औलाद की चाह 127सफाई अभियान.Incest/Taboo
औलाद की चाह 128तेज खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 129सोनिआ भाभी की रजोनिवृति-खुजलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 130सोनिआ भाभी की रजोनिवृति- मलहमNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 131स्तनों की मालिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 132युवा लड़के के लंड की पहली चुसाई.How To
औलाद की चाह 133युवा लड़के ने की गांड की मालिश .How To
औलाद की चाह 134विशेष स्पर्श.How To
औलाद की चाह 135नंदू का पहला चुदाई अनुभवIncest/Taboo
औलाद की चाह 136नंदू ने की अधिकार करने की कोशिशIncest/Taboo
औलाद की चाह 137नंदू चला गयाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 138भाभी भतीजे के साथExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 139कोई देख रहा है!Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 140निर्जन समुद्र तटExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 141निर्जन सागर किनारे समुद्र की लहरेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 142फ्लैशबैक- समुद्र की लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 143समुद्र की तेज और बड़ी लहरे !Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 144फ्लैशबैक- सागर किनारे गर्म नज़ारेExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 145सोनिआ भाभी रितेश के साथMature
औलाद की चाह 146इलाजExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 147सागर किनारे चलो जश्न मनाएंExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 148सागर किनारे गंदे फर्श पर मत बैठोNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 149सागर किनारे- थोड़ा दूध चाहिएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 150स्तनों से दूधNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 151त्रिकोणीय गर्म नजाराExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 152अब रिक्शाचालक की बारीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 153सागर किनारे डबल चुदाईExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 154पैंटी कहाँ गयीExhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 155तयारी दुग्ध स्नान की ( फ़्लैश बैक से वापसी )Mind Control
औलाद की चाह 156टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 157दूध सरोवर स्नान टैग का स्थानंतरण ( कामुक)Mind Control
औलाद की चाह 158दूध सरोवर स्नानMind Control
औलाद की चाह 159दूध सरोवर में कामुक आलिंगनMind Control
औलाद की चाह 160चंद्रमा आराधना नियंत्रण करोMind Control
औलाद की चाह 161चंद्रमा आराधना - बादल आ गएNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 162चंद्रमा आराधना - गीले कपड़ों से छुटकाराNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 163चंद्रमा आराधना, योनि पूजा, लिंग पूजाNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 164बेडरूमHow To
औलाद की चाह 165प्रेम युक्तियों- दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक माहौलHow To
औलाद की चाह 166प्रेम युक्तियाँ-दिलचस्प संभोग के लिए आवश्यक -फोरप्ले, रंगीलेHow To
औलाद की चाह 167प्रेम युक्तियाँ- कामसूत्र -संभोग -फोरप्ले, रंग का प्रभावHow To
औलाद की चाह 168प्रेम युक्तियाँ- झांटो के बालHow To
औलाद की चाह 169योनि पूजा के लिए आसनHow To
औलाद की चाह 170योनि पूजा - टांगो पर बादाम और जजूबा के तेल का लेपनHow To
औलाद की चाह 171योनि पूजा- श्रृंगार और लिंग की स्थापनाHow To
औलाद की चाह 172योनि पूजा- लिंग पू जाHow To
औलाद की चाह 173योनि पूजा आँखों पर पट्टी का कारणHow To
औलाद की चाह 174योनि पूजा- अलग तरीके से दूसरी सुहागरात की शुरुआतHow To
औलाद की चाह 175योनि पूजा- दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 176योनि पूजा - दूसरी सुहागरात-आलिंगनHow To
औलाद की चाह 177दूसरी सुहागरात - चुम्बन Group Sex
औलाद की चाह 178 दूसरी सुहागरात- मंत्र दान -चुम्बन आलिंगन चुम्बन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 179 यौनि पूजा शुरू-श्रद्धा और प्रणाम, स्वर्ग के द्वार Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 180 यौनि पूजा योनि मालिश योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 181 योनि पूजा मंत्र दान और कमल Group Sex
औलाद की चाह 182 योनि पूजा मंत्र दान-मेरे स्तनो और नितम्बो का मर्दन Group Sex
औलाद की चाह 183 योनि पूजा मंत्र दान- आप लिंग महाराज को प्रसन्न करेंगी Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 184 पूर्णतया अश्लील , सचमुच बहुत उत्तेजक, गर्म और अनूठा अनुभव Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 185 योनि पूजा पूर्णतया उत्तेजक अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 186 उत्तेजक गैंगबैंग अनुभव Group Sex
औलाद की चाह 187 उत्तेजक गैंगबैंग का कारण Group Sex
औलाद की चाह 188 लिंग पूजा Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 189 योनि पूजा में लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 190 योनि पूजा लिंग पूजा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 191 लिंग पूजा- लिंगा महाराज को समर्पण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 192 लिंग पूजा- लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 193 साक्षात मूसल लिंग पूजा लिंग जागरण क्रिया NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 194योनी पूजा में परिवर्तन का चरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 195 योनि पूजा- जादुई उंगलीNonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 196योनि पूजा अपडेट-27 स्तनपान NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 197 7.28 पांचवी रात योनि पूजा मलाई खिलाएं और भोग लगाएं NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 198 7.29 -पांचवी रात योनि पूजा योनी मालिश NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 199 7.30 योनि पूजा, जी-स्पॉट, डबल फोल्ड मालिश का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 200 7.31 योनि पूजा, सुडोल, बड़े, गोल, घने और मांसल स्त NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 201 7.32 योनि पूजा, स्तनों नितम्बो और योनि से खिलवाड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 202 7. 33 योनि पूजा, योनि सुगम जांच NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 203 7.34 योनि पूजा, योनि सुगम, गर्भाशय में मौजूद NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 204 7.35 योनि सुगम-गुरूजी का सेक्स ट्रीटमेंट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 205 7.36 योनि सुगम- गुरूजी के सेक्स ट्रीटमेंट का प्रभाव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 206 7.37 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 207 7.38 योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 208 7.39 योनि सुगम- बहका हुआ मन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 209 7.40 बहका हुआ मन -सपना या हकीकत Mind Control
औलाद की चाह 210 7.41 योनि पूजा, स्पष्टीकरण NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 211 7.42 योनि पूजा चार दिशाओ को योनि जन दर्शन Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 212 7.43 योनि पूजा नितम्बो पर थप्पड़ NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 213 7.44 नितम्बो पर लाल निशान का धब्बा NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 214 7.45 नितम्ब पर लाल निशान के उपाए Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 215 7.46 बदन के हिस्से को लाल करने की ज़रूरत NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 216 7.47 आश्रम का आंगन - योनि जन दर्शब Exhibitionist & Voyeur
औलाद की चाह 217 7.48 योनि पूजा अपडेट-योनि जन दर्शन NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 218 7.49 योनि पूजा अपडेट योनी पूजा के बाद विचलित मन, आराम! NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 219 CHAPTER 8- 8.1 छठा दिन मामा-जी मिलने आये Incest/Taboo
औलाद की चाह 220 8.2 मामा-जी कार में अजनबियों को लिफ्ट NonConsent/Reluctance
औलाद की चाह 221 8. 3 मामा-जी की कार में सफर NonConsent/Reluctance

https://xforum.live/threads/औलाद-की-चाह.38456/page-8
 
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Sumit1990

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Agle update ka intzaar hai aur iss baar guruji ko gaaliyo se bhari hardcore roughly chudai karwana
 

Sumit1990

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deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

योनि पूजा

अपडेट-37

योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों को आपसी बातचीत


बस मैंने मन में गुरूजी के साथ सम्भोग की कल्पना की और वो सब दोहराया जो उन्होंने मेरे साथ किया था , मेरी कल्पना में गुरूजी ने बड़े प्यार से मुझे बिस्तर पर लिटा दिया, लेटते ही मेरी नज़र गुरूजी के काले फंफनाते हुए बड़े कठोर और मूसल लंड पर गयी और उस कमरे में उस आसान पर आँखे बंद कर धीरे-धीरे लेटती गयी और मुझे लगा जैसे-जैसे मैं लेटती गयी गुरूजी प्यार से मुझे चूमते हुए मुझ पर चढ़ गए, "आह गुरूजी और ओह बेटी" की सिसकी के साथ दोनों लिपट गए और गुरूजी का कठोर लंड मेरी चूत को फैलाता हुआ चूत में घुसता चला गया। गुरूजी का लन्ड मेरी प्यासी गीली और तंग चूत में घुस गया। एक प्यासी चूत फिर से मुसल लन्ड से भर गई। आखिर मेरी योनि खुलकर रिसने लगी और मेरे मुँह से एक हलकी सी सिसकारी निकल गयी।

ओओओहहहह... गुरूजी ...आआ आहहहह...अम्मममा


ईमानदारी से कहूं तो मैं उत्तेजित हो गुरू जी की चुदाई की अद्भुत शांत और लंबी शैली को मानसिक तौर पर दोहरा कर मजे ले रही थी ।


तभी मैंने आँखे खोल कर देखा तो गुरूजी के चारो शिष्य अपना कड़ा लिंग हाथ में पकड़ कर उसे सहला रहे थे और मुझे घूर रहे थे . मुझे अब शर्म लगी और मैं आँखे बंद कर लेती रही . वो चारो आपस में कुछ बात करने लगे .


संजीव: चलो इस तरफ चलते हैं ताकि मैडम को कोई परेशानी न हों।

मैं अपनी आँखें खोले बिना महसूस कर सकती थी कि संजीव और अन्य लोग पूजाघर के दरवाजे की ओर चले गए। मैं काफी सचित थी हालाँकि मुझे नींद आ रही थी । मैं अभी भी पूरी तरह से नंगी थी - कमरे की तेज रोशनी में मेरी चुत, जांघें, पेट, नाभि, स्तन सब कुछ खुल का दिख रहा था । ऐसा नहीं है कि मुझे इसके बारे में पता नहीं था, लेकिन गुरु जी की चुदाई का प्रभाव इतना मंत्रमुग्ध कर देने वाला था कि मैं अपनी नग्नता के बारे में भूल गयी और आराम करने और मैंने उन सुखद क्षणों को फिर से महसूस करना पसंद किया।




FLORAL0
संजीव, उदय, निर्मल और राजकमल आपस में धीमे स्वर में गपशप कर रहे थे और उनकी बातचीत का सारा अंश मुझ तक भी नहीं पहुँच रहा था। वास्तव में शुरू में मैंने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन जैसे ही मैंने कुछ मुहावरों को सुना, मैं स्वतः ही उन्हें सुनने के लिए इच्छुक हो गयी ।

निर्मल: तुम क्या सोचते हो? ये मैडम इतनी खूबसूरत दिखती हैं, इन्हें बच्चा ना होने की दिक्कत कैसे हो सकती है?

संजीव: शायद मैडम को समस्या नहीं है। लगता है कि उनके पति को उनकी क्षमता से समस्या है।

उदय: निश्चित रूप से, उसकी योनि में एक किशोरी की जकड़न है!

संजीव: क्या रे! हाल के दिनों में आपने किस किशोरी का स्वाद चखा मेरे प्रिय उदय ?

उदय: हा हा... नहीं, मैं तो बस कह रहा हूं...गुरूजी कह रहे थे न बहुत टाइट है ! सच! और फिर यह इतना लंबा हो गया है कि मैंने एक आरसे से किसी किशोरी की चुदाई नहीं की है!

संजीव : उसकी इच्छा देखिए! साला… स्वीट सोलह की किशोरी ! बाबू ढूंढते रह जाओगे!

राजकमल : क्यों? क्या आप सब उस आशा को भूल गए हैं?

संजीव : ओह! मैं उसे कैसे भूल सकता हूँ! क्या माल थी यार! काश! हममें से कोई भी उसे चोद नहीं सका था!

राजकमल : सच कह रहे हो ! लेकिन मैं अभी भी कभी कभी उसके छोटे बालों वाली चुत और तंग सेब और उस हस्तमैथुन की कल्पना करता हूं।

निर्मल: काश आशा भविष्य में फिर से किसी भी समस्या के लिए यहां आए… हे हे …




tight-pussy
उदय : फिर भी ! हमें खुश होना चाहिए कि हम उस सेक्सी माल को पूरी तरह नंगी देख पाए।

राजकमल : उउउउउउह! उसके दोस्स्ढ़ वाह क्या दूध थे उसके !

उदय: पियो गिलास भर गया हैं ! हा हा हा…

राजकमल: काश मैं उसे चोद पाता और निश्चित रूप से वह मेरी उम्र के कारण मुझे पसंद करती।

संजीव : हुह! अपनी उम्र का ख्याल करो और खुश रहो! साला!

निर्मल: लेकिन दोस्तों, यह मैडम भी बड़ी आकर्षक भी है क्योंकि वह परिपक्व है और शादीशुदा भी है।

संजीव : उह! हाँ, मैं मानता हूँ! इतनी चुदाई के बाद भी, मैं साली के स्तनों की जकड़न को देखकर चकित रह जाता हूँ!

निर्मल : उउउउह! हाँ, उसके स्तन रबर-टाइट हैं क्या आपने उसके निप्पलों पर ध्यान दिया! उह... हमेशा ध्यान मुद्रा में! हा हा हा…

संजीव: अगर मैं उसका पति होता तो सारी रात उन्हें चूसता!

राजकमल : निमल भैया ! तुम्हारे कद के साथ तुम उस के दिवास्वप्न ही देख सकते हो!

हा हा हा... ठहाकों की गड़गड़ाहट हुई।

निर्मल : चुप रहो ! क्यों? क्या प्रिया मैडम ने सबके सामने नहीं बताया कि वो मुझसे प्यार करती हैं...

संजीव: नाटे के पार्टी नाटी का प्यार...

निर्मल: भाई प्लीज ! उसे "नाटी" मत कहो!

हा हा हा… फिर हंसी का ठहाका लगा।

उदय: लेकिन यार संजीव, तुम कुछ भी कहो, प्रिया मैडम ने हमारे निर्मल को बहुत भोग लगाया।

संजीव : भोग ! एक दिन ये उसके साथ नहाया इस मदर चौद ने बहुत मजे लिए !



FLOWER-GIRL

उदय : साला ! क्या तुम उसके पति को भूल गए हो! एक शुद्ध अंडरटेकर! क्या उसे पता है कि हमारे निर्मल ने नहाते समय उसकी बीवी का पीठ धो दिया था...

राजकमल : उसे पता चलेगा तो वो हमारे निर्मल भैया को तो निगल ही लेंगा ! हा हा हा..

निर्मल : चुप करो सालो ! शौचालय में उसके साथ मैंने ही प्रवेश किया था !

संजीव : श्रेय! उ-उ-ह! लगता है तुम उस कुतिया का थप्पड़ भूल गये हो ... क्या... क्या नाम था उसका...?

राजकमल : संध्या मैडम! संध्या मैडम!

संजीव : हां, हां। क्यों? मिस्टर निर्मल? क्या आप इसे भूल गए हैं?

निर्मल : हुह! वह महज एक दुर्घटना थी।

राजकमल : ओह! दुर्घटना! मुझे अब भी याद है। सेटिंग लगभग ऐसी ही थी। गुरु जी ने बस उस कुतिया की चुदाई पूरी की थी। फिर कुछ समस्या हुई और इसलिए अगले दिन जन दर्शन निर्धारित किया गया। हम सब उसे गुड नाईट कहते हैं, लेकिन ये चोदू ..

उदय: अरे... रुको ना... ए निर्मल, एक बार और बताओ... उस दिन क्या हुआ था।

निर्मल : हुह! लेकिन यह मेरी गलती नहीं थी...

संजीव: ठीक है, ठीक है, तुम्हारी गलती नहीं थी। लेकिन फिर से बताओ ।

निर्मल: जब मैं उसके कमरे में गया और तुम सब मेरा इंतजार कर रहे थे। सही? अंदर घुसा तो देखा संध्या मैडम आईने के सामने खड़ी थी। मैंने सोचा कि वह अपने बालों में कंघी कर रही है, लेकिन जल्द ही पाया कि वह आईने के सामने अपना पेटीकोट उठाकर अपनी चुत में कुछ चेक कर रही थी। जैसे ही उसने मुझे देखा उसने अपना पेटीकोट गिरा दिया और मेरी ओर मुड़ी। जब मैं उससे बातचीत कर रहा था वह कुतिया लगातार मेरे सामने खुलेआम अपनी चुत को खुरच रही थी। मुझे लगा कि वह मुझे इशारा कर रही है। उसने मुझे बिस्तर बनाने के लिए कहा और जैसे ही मैं ऐसा कर रहा था वह शौचालय चली गई। मैंने देखा कि उसने शौचालय का दरवाजा आधा खुला छोड़ दिया था और जब मैंने अंदर झाँका तो देखा कि वह फिर से अपने पेटीकोट को उठाते हुए अपनी चुत का निरीक्षण कर रही थी। मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और शौचालय के अंदर चला गया…।



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संजीव: और फिर हम सबने उस थप्पड़ की तेज आवाज सुनी!

हा हा हा… फिर हंसी का ठहाका लगा।

राजकमल: लेकिन आप कुछ भी कहें, यह मैडम तो बहुत खास है। उसके पास इतना टाइट और शानदार फिगर है कि ये किसी का भी कोई भी सिर घुमा देगी ।

निर्मल: अरे हाँ, यह मैडम बहुत खास है! ओह! उसके पास कितनी बड़ी सेक्सी गांड है!

संजीव: हा यार! वह एक बम है! हम सभी को एक बार उसे चोदने की कोशिश करनी चाहिए। कसम से बहुत मजा आयेगा ।

राजकमल : अरे... धीरे से... वो हमें सुन सकती है।

निर्मल : हाँ, हाँ। धीरे से... धीरे से।


जारी रहेगी जय लिंग महाराज !
 
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औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

योनि पूजा

अपडेट-38


योनि सुगम- गुरूजी के चारो शिष्यों के पुराने अनुभव


चुदाई के दौरान और बाद में मेरे मन में जो अच्छी भावनाएँ थीं, वे गुरु जी के शिष्यों की इन बातों को सुनकर धीरे-धीरे लुप्त हो रही थीं! ऐसा लगता था कि उन्हें किसी भी महिला के लिए कोई सम्मान नहीं है! दुर्भाग्य से, गुरु-जी अभी भी वापस नहीं आए थे और मेरे सुनने के लिए और भी बहुत कुछ बचा था!

संजीव: यह कुतिया मुझे चित्रा मैडम की याद दिलाती है!

उदय: ओह! संजीव! तो आपने निशाना बिलकुल ठीक लगाया!

राजकमल: हाँ, हाँ। उसे आश्रम की सर्वश्रेष्ठ सेक्सी कुतिया की उपाधि मिलनी चाहिए!

निर्मल: हाँ! लेकिन ईमानदारी से यार, क्या कोई ऐसी पत्नी रखना चाहेगा?

उदय: बिलकुल नहीं!

संजीव: तुम जब भी उसके कमरे में जाओगे तो तुम्हें वह रंडी हमेशा निकर में ही मिलेगी। मुझे संदेह है कि घर पर भी वह ठीक से कपड़े नहीं पहनती होगी। मोहल्ले के सारे लड़के और अंकल ने एक बार तो उसकी चुदाई जरूर की होगी! हा-हा हा...

राजकमल: अरे एक दो दिन जब उसने दरवाजा खोला तो मैंने उसे हाथ में खीरे के साथ भी पकड़ लिया था!

उदय: लेकिन बॉस, उसने हम सबको संतुष्ट किया था।

संजीव: ओ हाँ, ओ हाँ! अपनी योनि पूजा के बाद वह सभी के लिए उपलब्ध थी।

उदय: साली... एक दिन में उसने दो पुरुषो के साथ किया! क्या सेक्सी कुतिया थी!



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उदयः हाँ, लंच के बाद राजकमल के साथ उसने बेड शेयर किया और डिनर के बाद संजीव, तुम्हारी बारी थी और अगले दिन लंच के बाद मैं था और डिनर के बाद इस चोदू की बारी आयी थी!

निर्मल: वह 35 या 36 की थी! ?

संजीव: हाँ, परिपक्व और बहुत अनुभवी। हालांकि उसका फिगर थोड़ा पतला था!

निर्मल: इतनी सेक्स की भूखी थी तो वह तंग कैसे रह सकती है!

उदय: लेकिन फिर भी वह नि: संतान थी!

राजकमल: और तुम्हें याद है जब उसका पति उसे लेने आया था तो वह हमें धन्यवाद कह रहा था!

संजीव: हा-हा हा... उसे पता भी नहीं था कि उसकी पत्नी यहाँ पांच पुरुषो की पांचाली बनी हुई थी।

हँसी की गर्जना अब मेरे पूरे शरीर में रोंगटे खड़े कर रही थी, आनंद से नहीं, डर से!

संजीव: लेकिन मुझे हमेशा उस मारवाड़ी हाउसवाइफ प्रीति के लिए पछताता रहूंगा।

उदय: हाँ, मुझे हमेशा आश्चर्य होता है कि तुमने उसे कैसे जाने दिया! वह तुम्हारे बहुत करीब थी!

संजीव: हाँ यार! शुरू से ही जैसे ये रश्मि तुम्हें पसंद करती है, वैसे ही प्रीति भी मुझे बहुत पसंद करती थी। लेकिन मैं पूरी तरह से नहीं कर सका ...।

राजकमल: संजीब भाई आपको उदय भैया से सीख लेनी चाहिए! देखिए, उसने पहले ही इस मैडम को उनसे चुदाई के अलग से त्यार कर दिया है, जो मुझे लगता है कि आज मैडम को मिली चुदाई को देखते हुए उसके लिए यह आसान होगा ... ।

हा हा हा... फिर से हंसी की एक बड़ी गर्जना हुई और एक ठंडी लहर मानो मेरी रीढ़ को नीचे गिरा रही थी। उदय-उसने भी मेरे साथ सिर्फ एक सेक्स ऑब्जेक्ट की तरह व्यवहार किया था और कुछ नहीं!

उदय: ज़रूर दोस्तों! मैं यज्ञ के बाद इस सुपर सेक्सी कुतिया को जोर से चोदने का वादा करता हूँ। गुरु जी कह रहे थे कि उसकी चुत अभी बहुत कसी हुई है... उसका पति जरूर चूतिया होगा! साला ठीक के चोदता नहीं होगा ...।

संजीव: मुझे आशा है कि यह रश्मि दूसरी प्रिया नहीं निकलेगी! वह किसी तरह भी फिर से समझौता करने के लिए तैयार नहीं थी! अरे... गुरु जी से चुदाई के बाद, अगले ही दिन मैं उसे पास की रामशिला पहाड़ी पर घुमाने ले गया। वह जगह सुनसान रहती है और मुझे लगा कि उसे चोदने के लिए यह एक सुरक्षित जगह होगी।



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उदय: लेकिन कुछ निरीक्षण चल रहा था...।

संजीव: ठीक है! साला... नापने के लिए उनके पास और कोई दिन नहीं था। जब हम वहाँ बैठे थे और मैं उसे गर्म करने की पूरी कोशिश कर रहा था, तो वे आदमी वहाँ एक कारखाने के लिए कुछ नापने के लिए आए!

उदय: ओह्ह्ह! हाईए! बहुत दुख की बात है!

संजीव: कमीने! काश तुम्हे भी इस रश्मि के साथ ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़े!

निर्मल: ठीक है, ठीक है, जारी रखो!

संजीव: रामशिला में फेल होने के बाद मैंने सोचा था कि लंच के तुरंत बाद मैं अपना चांस ले लूंगा, लेकिन ... आप इन ग्रामीणों को जानते हैं ... दोपहर 02: 00 बजे से। यह कमबख्त गुरु-जी के दर्शन के लिए आश्रम के चारों ओर घूमने लगते हैं। समय इतना कम था कि मैं उसे चुदाई के लिए मना नहीं पा रहा था, लेकिन वास्तव में वह एक नखरेवाली मुश्किल मजबूत महिला थी! बॉस!

उदय: तुम बस चूक गए और वह अब इतिहास है!

संजीव: प्रिया अलग थी यार! आपको विश्वास नहीं होगा कि एक समय मैंने उसके ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए थे और मेरा हाथ उसकी चोली के अंदर था, लेकिन फिर भी वह मानसिक रूप से इतनी मजबूत थी कि मुझे चुदाई के लिए मना कर दिया! ज़रा कल्पना करें! और किसी तरह मैं उस पर जोर नहीं डाल सका ...

राजकमल: ओए! एक महिला आपको अपना ब्लाउज खोलने की अनुमति देने के बाद लेटने से कैसे मना कर सकती है!

संजीव: हुह! ये हाउसवाइव्स...

राजकमल: ये हाउसवाइव्स.. खतरनाक नखरेवाली होती हैं!

संजीव: छद्म रूढ़िवादिता! गुरु जी के सामने वे पूजा के नाम पर कुछ भी करवा लेती हैं, लेकिन फुर्सत में हमारे साथ वे सामाजिक मर्यादाओं, नैतिकता, धोखा आदि के नाम पर नाटक करती हैं।

सही! सही! वे सब एक साथ बोले।

उदय: लेकिन आश्रम में इलाज के लिए ये हाउसवाइफ ही तो आती हैं

निर्मल: जो भी हो मित्र! इन शर्मीली गृहिणियों को यहाँ आश्रम में आकर बेशर्म होते देखना बहुत मजे और खुशी की बात है।

उदय: कुछ साल पहले सेटिंग ज्यादा खुली थी और हम निश्चित रूप से अधिक आनंद लेते थे, निर्मल है न!

निर्मल: अरे हाँ! अब अलग हो गया है! राज पहले होता तो उसे ज्यादा मजे आते!

राजकमल: हाँ जानता हूँ, लेकिन अभी जो मिल रहा है, उससे संतुष्ट हूँ।

उदयः अभी भी बेटा। पहले महा-यज्ञ के लिए आने वाली किसी भी महिला को पूरे समय नग्न रहना पड़ता था... अहा...

संजीव: अब्बे... इतना ही नहीं! नहाने के बारे में कुछ बताओ! राज अपना सिर दीवार पर मारेगा।

उदय: अरे हाँ! राज पहले महा-यज्ञ करने वाली किसी भी महिला को आश्रम में एक छोटे से कृत्रिम तालाब में स्नान करना पड़ता था। टब की गहराई इतनी थी कि अगर कोई बुनियादी तैराकी नियम नहीं जानती तो वह स्नान करने में सक्षम नहीं होगी!

निर्मल: हालाँकि ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली अधिकांश महिलाएँ तैरना जानती हैं-फिर भी नंगी स्त्री को तैरते देखना कुछ अलग ही नज़ारा है!

संजीव: इतना ही नहीं... कुछ गृहणियाँ थीं जो शहरों से आती थीं और तैरना नहीं जानती थीं और हम उन्हें तैरना सिखाते थे। हा-हा हा...

निर्मल: हाँ, हाँ... और मुझे तुरंत ही अलका मैडम याद आती हैं?

उदय: ओहो! वह मैडम जिसने गुरुजी से शिकायत की थी कि तैराकी की कक्षाओं में निर्मल उसके स्तनों को पकड़ता है और वह सीखने पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाती है! हा-हा हा...

हा हा हा... फिर हंसी की गर्जना हुई। मैं सोच रहा था कि मैं कहाँ आ गयी थी! ये आश्रम है या कोई हरम!

राजकमल: फिर क्या हुआ?

संजीव: अलका मैडम के स्विमिंग टीचर को बदल दिया गया, उदय साहब को नियुक्त कर दिया गया!

निर्मल: हाँ-हाँ ... उसका पहला नुस्खा अलका मैडम की साड़ी थी।

राजकमल: मतलब?

उदय: अबे वह एक हॉट माल थी, लेकिन उसने अपने सुंदर अंग न दिखाने के लिए ऐसा करने का नाटक किया था। पहले दिन उसे तैरते रहने का तरीका दिखाते हुए, मैंने उसके ब्लाउज के ऊपर से उसके स्तनों को जोर से दबाया और निचोड़ा और मैं उसके चेहरे से देख रहा था जिससे पता चला कि वह आनंद ले रही थी। उस दिन के अंत में मैंने उससे कहा कि अगले दिन उसे वजन कम करने के लिए अपनी साड़ी के बिना पानी के अंदर जाने की जरूरत है।

संजीव: और हमारे उदय साहब ने स्विमिंग क्लास पूरी की जब अलका मैडम ब्लाउज और पेटीकोट में पानी के अंदर चली गईं, लेकिन स्विमिंग क्लास के बाद ब्रा में ही बाहर निकलीं!

राजकमल: केवल ब्रा! जय लिंगा महाराज! वाह उदय भाई! जय हो!

उदय: हा-हा हा... दरअसल अलका मैडम अपने पेटीकोट के नीचे कुछ भी नहीं पहनती थीं और-और तो और उन दिनों पैंटी पहनने का चलन शादीशुदा महिलाओं में उतना नहीं था।

निर्मल: एइ एइ... सस्श... ससस्स्स्स्स्स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह। गुरु जी वापस आ रहे हैं।


जारी रहेगी ... जय लिंग महाराज !
 
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सपनों का देवता
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Waiting guru ji hardcore roughly sex encounter
 

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नूतन वर्ष 2023 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

2023

यह नूतन वर्ष आपको ऐश्वर्य, धन समृद्धि, सौभाग्य प्रदान करे ऐसी ईश्वर से कामना करता हूँ।
 

deeppreeti

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औलाद की चाह

CHAPTER 7-पांचवी रात

योनि पूजा

अपडेट-39


योनि सुगम- बहका हुआ मन

हालाँकि गुरु जी के शिष्यों की आपस की ये सारी बाते सुनकर मैं पूरी तरह से चौंक गयी, स्तब्ध हो गयी थी और काफी हैरान हो गयी थी। िउंकि बाते से ऐसा लगता था कि उनके मन में किसी भी महिला के लिए कोई सम्मान नहीं है और आश्रम में इलाज के लिए आने वाली सभी गृहिणियों को "सस्ती रंडिया" समझते हैं! उदय से मुझे बहुत लगाव हो गया था, लेकिन दूसरों के साथ उसकी बातचीत सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ !


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मुझे दूर से गुरु जी के कदमों की आहट सुनाई दे रही थी और मैंने अपनी आँखें खोलीं और देखा कि दूर के दरवाजे से गुरुजी मेरी ओर आ रहे हैं। लेकिन सबसे अजीब बात यह थी कि जब भी गुरुजी मेरे सामने आए तो मेरी सोच का हर धागा उलझ गया और फिर उन्होंने जो कुछ भी कहा मुझे वह सही रास्ता लग रहा था-उनकी उपस्थिति का ऐसा अध्भुत जादू था!

मैं अब चाहती थी कि वह मुझे एक बार जोर से चोदें क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मुझे फिर से उनके बड़े लंड से चुदने का मौका नहीं मिलेगा या नहीं। मैं इस अवसर का पूरा लाभ उठाना चाहती थी और चाहती थी वह मुझे एक बार कस कर चौद दे । मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और कल्पना की कि वह मेरे पास आये और अपनी उंगलियों को मेरे गर्म शरीर पर छोटे-छोटे घेरे में घुमाने लगे, उनका लिंग भी खड़ा था और वह मेरे स्तनों को सहलाने लगे और अपनी उंगलियों को मेरे पेट और मेरे पैरों के बीच ले गए। मेरे हाथ उनके मूसल जैसे बड़े तगड़े लंड को सहला रहे थे, धीरे-धीरे लंड की घुंडी पर लगी कोमल त्वचा को हटा रहे थे।




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मैंने खवाबो में सोचा की गुरुजी ने मुझे फिर से उस आसन पर लिटा दिया और मेरे पैर फैला दिए। मेरी गुलाबी चूत गुरूजी के गाढ़े वीर्य और मेरे चमकीले रस से चमक रही थी। मेरे स्तन किसी नाइट क्लब के चमकदार ग्लोब जैसे लग रहे थे। उन्होंने मेरे बूब्स को निचोड़ा और धीरे से मेरे शरीर को चूमा, मेरे कानों से शुरू कर गुरुजी नीचे की ओर बढ़ते रहे, मेरे पूरे शरीर को मेरे पैर की उंगलियों तक चूमते रहे।

मैंने ख्वाब देखना जारी रखा फिर से वह मेरे ऊपर चले गए, मेरे टखनों, भीतरी जांघों, नाभि को चूमते हुए मेरी योनि पर छोटे कोमल चुंबन के साथ। मैंने कराहते हुए कहा, "आह, गुरुजी, हाँ, करो, रुको मत।" उन्होंने अपने हाथ मेरे सिर पर फिराए और मैं उनके बालों को सहलाती रही। मैंने अपना हाथ उसके सिर पर रखा और कराहते हुए कहा, "आह हाँ, गुरुजी, आप कितने अच्छे हैं।" गुरुजी ने अपने होठों को मेरी चूत के चारों ओर घुमाते रहे, मेरे छेद के करीब जाते रहे। मैं इस अपनी ख्वाबो में इस अनुभूति का आनंद लेती रही। आह, गुरुजी, बहुत अच्छा, आप रुको नहीं। " फिर गुरुजी ने मेरे दोनों स्तनों को निचोड़ा और उन्हें थप्पड़ मारा उन्होंने मुझे हिंसक रूप से चूमने के लिए ऊपर खींचा क्योंकि मेरे शरीर की गर्मी बढ़ती जा रही थी, जिससे मैं बेचैन और कामुक हो रही थी। गुरुजी मेरे चेहरे के भावों को देखते रहे। मैं धीरे-धीरे कराह रही थी और मैंने आँखें बंद कर अपने पैरों को थोड़ा और फैला दिया।

मेरी आँखें बंद थीं; मेरे निपल्स हिल रहे थे मेरी चूत किसी भी चीज़ की तरह लीक हो रही थी और मेरा पूरा शरीर यौन उल्लास में कांप रहा थाऔर ऐंठ रहा था। ऐसा लग रहा था कि मैं गुरु-जी द्वारा पूरी तरह से कस कर रफ़ चुदाई का स्वप्न देख रही थीऔर महसूस कर रही थी, मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं क्योंकि मुझे लग रहा था कि मेरी योनि से गर्म रस निकल रहा है और मैं सचमुच अत्यधिक उत्साह और उत्तेजना में काँप रही थी।



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फिर अचानक एक रुकावट आई! मैंने गुरु जी मुझे ज़ोर से पुकारते और गुरु जी को कुछ कहते हुए सुना!

अचानक मेरे कानो में आवाज आयी ।

गुरूजी:-रश्मि बेटी कैसी हो? तुम कैसा महसूस कर रही हो?

हालांकि मैं पूरी तरहएक और चुदाई के लिए तैयार थी और मुझे अपनी चुत में फिर से गुरूजी के मुस्ल लंड के कड़े मांस की जरूरत थी, मुझे गुरूजी की आवाज का जवाब देना पड़ा। मैं धीरे-धीरे आँखे खोली और मैं थोड़ा बेशर्म हो उठ गयी और गुरु के पास आकर उनसे बोली-

मैं:-गुरूजी में ठीक हूँ । जी! मेरा मतलब?

गुरु-जी: मैं जानता हूँ कि रश्मि इस समय तुम्हारे दिमाग में क्या चल रहा है!

गुरु-जी एक अनुभवी प्रचारक होने के नाते मेरी यौन आवेशित (उत्तेजित-कामुक) स्थिति को आसानी से समझ गए; एक अनजान वयस्क पुरुष के साथ इस तरह की भद्दी निकटता के कारण अपने बचाव का प्रयास करने के बजाय, मैं वास्तव में इस क्रिया के प्रति स्पष्ट झुकाव प्रदर्शित कर रही थी!

मैं नहीं? जी! मेरा मतलब? मेरी आपसे एक प्राथना है?

मैंने अपनी शर्म को छिपाने के लिए जल्दी से अपना चेहरा फिर से नीचे कर लिया। मेरा पूरा चेहरा लाल हो गया था और मैं शरमा गई थी। गुरुजी के शरीर में एक अजीब-सी महक थी, जो मुझे कमजोर बना रही थी ।

गुरु-जी: रश्मि, आप एक मिशन पर हैं। इसे अपनी भावनाओं से खराब न करें।

मैंने फिर से उन्हें गले लगाने की कोशिश की उन्होंनेअपनी आवाज कम की और मेरे कानों में फुसफुसाये।

गुरु-जी: बेटी? । रश्मि! अब हमारा कर्तव्य है लिंगा महाराज को धन्यवाद देना।



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the storm poem analysis

गुरुजी मेरी पीठ की तरफ गए और फिर मेरी बाहों को मेरी छाती के सामने मोड़ दिया और साथ में उन्होंने तुरंत अपने विशाल लिंग को मेरी दृढ़ गोल गांडकी दरार में डाल दिया। उसने मुझे पीछे से इस तरह दबाया कि मेरी पूरी गाण्ड उसके लंड और योनि क्षेत्र पर दब गयी और उनका चेहरा मेरे चेहरे और कंधे को छू रहा था। उन्होंने कुशलता से अपनी बाहों को मेरी कांख के माध्यम से अपने हाथों को मेरे हाथों के नीचे प्रार्थना मुद्रा में रखा औ। यह ऐसी मुद्रा थी जो निश्चित रूप से किसी भी महिला के लिए समझौता करने वाली मुद्रा थी, लेकिन उस समय मैं बहुत उत्साहित थी इसलिए मैंने उसके बारे में कुछ नहीं सोचा!

गुरु जी ने कुछ मंत्र बड़बड़ाया, परन्तु मुझे केवल उनके हाथों में दिलचस्पी थी, जो मेरे पूर्ण विकसित स्तनों के ऊपर आ गए थे और मेरी बड़ी गाण्ड पर एक साथ अपने खड़े लंड के साथ एक प्रहार के साथ उन्होंने मेरे स्तनों को साइड से पर्याप्त रूप से दबा दिया था? धीरे-धीरे मैंने महसूस किया कि उसकी उंगलियाँ मेरे हाथों पर रेंग रही थी, जो उन्होंने ने प्रार्थना के रूप में पकड़ी हुई थीं और हट कर मेरे स्तनों पर जा कर टिक गयी थी! चूँकि गुरुजी मेरी पीठ पर ज़े मेरे साथ चिपके हुए थे उनकी बाहें मेरी कांख के नीचे से गुजर रही थीं।

जब उन्होंने मंत्र फुसफुसाया, मुझे लगा कि वह फिर से मेरे तने हुए स्तनों को दोनों हाथों से सहला रहे थे। मैं अपनी भावनाओं को छिपाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन इस बार उन्होंने मुझे नॉकआउट कर दिया।

मैं: आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह! ओरे! उई माँ!

गुरु-जी मेरे स्तन ऊपर उठाने की कोशिश कर रहे हैं और मुझे एहसास हुआ कि उनकी एक बार फिर गुरु जी की उंगलिया सीधे मेरे निप्पल तक जा सकती थीं! फिर पहली बार गुरु जी ने मेरे निप्पल को छुआ और मेरी हालत थी बस मजा आ गया ऊऊह ला ला!

स्वचालित रूप से मैं बहुत अधिक चार्ज थी और मेरे बड़ी गांड धे को उनके खड़े डिक पर जोर से फैला और दबा रही थी। मैं अपने लिए चीजों को और अधिक रोमांचक बनाने के लिए गुरु-जी से कुछ छोटे-छोटे धक्को को भी महसूस कर सकती थी! उन्होंने मेरे दोनों निप्पलों को पकड़ा और घुमाया और धीरे से चुटकी बजाई, जिससे मैं बिल्कुल जंगली हो गयी। मैंने महसूस किया कि गुरु-जी अपनी हथेलियों से मेरी छाती को दबा रहे थे।

मेरी आँखें बंद थीं; मेरे निपल्स हिल रहे थे मेरी चूत किसी भी चीज़ की तरह लीक हो रही थी और मेरा पूरा शरीर यौन उल्लास में कांप रहा थाऔर ऐंठ रहा तह। ऐसा लग रहा था कि मैं अभी भी गुरु-जी द्वारा पूरी तरह से टटोलने और महसूस करने के लिए एक स्वप्न देख रही थीऔर महसूस कर रही थी,

सच कहूँ तो उस समय मेरा मन प्राथना करने या धन्यवाद देने के बारे में सोचने में मेरी कोई दिलचस्पी बिल्कुल भी नहीं थी, मैं केवल भौतिक सुख पाने के लिए उत्सुक थी। मैंने अब भी अपने शरीर पर उनके कठोर लंड को स्पष्ट रूप से महसूस किया और जिस तरह से उन्होंने मेरे स्तनों को सहलाया और दबाया, यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वह भी यौन रूप से उत्तेजित थे! मैंने हिम्मत की

में: गुरूजी मेरी एक प्राथना है आप एक बार फिर से योनि सुगम की जांच कर दीजिये ताकि अगर कोई भी रुकावट बच गयी हो तो वह भी दूर हो जाए

गुरूजी: हूँ! तो रश्मि अब मुझसे एक बार फिर से चुदाई चाहती है । देखो शिष्यों एक शर्मीली घेरु औरत अब खुल कर चुदाई मांग रही है । रश्मि वैसे तो मेरा नियम है मैं दुबारा चुदाई नहीं करता परन्तु तुमने जिस प्रकार सब क्रियाओं में पूरा सहयोग दिया है और सारी पूजा में सबसे तालिया बजवाई है तुम्हारी इस इच्छा को पूरा करना उचित होगा ।


जारी रहेगी ... जय लिंग महाराज !
 
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