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होटल एक राज़
नेहा क्या हुआ जानू आप खाना क्यों नही खा रहे हो ।
राकेश मेरा मन नही है यार आरोही की चिंता मुझे परेशान कर रही है वो ठीक तो हो जाएगी ना सपना ?
सपना- हाँ राकेश समय रहते कुछ कर ले तो आरोही शायद बच सकती है
राकेश- शायद बच सकती है ,से क्या मतलब है तुम्हारा
सपना - देखो राकेश अभी कुछ भी बोलना मुश्किल हैं।
जो इस समय स्थिति है उस हिसाब से अभी कुछ बोला नही जा सकता है ।
नेहा - कुछ नही होगा अपनी आरोही को जानू आप चिंता मत करो मैं कई बाबा तांत्रिक को जानती हूँ हम उनसे मिल लेंगे
राकेश- कुछ सोच के फिर से सपना को कहता है हाँ तुम दिन में कुछ वर्जिन का पूछ रही थी वो क्या था।
नेहा - वर्जिन यू मीन कुंवारी ??
सपना - हाँ नेहा कुंवारी ,मैं तो भूल ही गयी थी क्या आरोही कुंवारी है नेहा ?
नेहा - ये कैसा सवाल है
सपना- देखो मलिक के बताने के बाद मुझे पता चला था की मेरी दादी जो कहानी बताई थी की इस शहर में खुनी होटल था तो मुझे विश्वास नही हुआ था पर मलिक की बात सुन कर मुझे पता चला ये सच है । दादी मुझे एक बात और बताई थी एक बार एक अफवाह उडी थी की वो क़त्ल होटल का मालिक नही बल्कि कोई आत्मा करती थी जो कुंवारी लड़की और लड़के को अपना शिकार जल्दी करती है इसीलिये पूछी थी की आरोही वर्जिन है या नही ।
नेहा - जहाँ तक मुझे पता है वो कुंवारी ही है घर से जाता बहार जाना पसंद नही है और वो लगभग हर बात मुझे बताती है ।तो शायद वो वर्जिन हो
राकेश- शायद का क्या मतलब है वो कुंवारी ही हैं।
सपना - तब तो उसकी जान खतरे में है जल्दी ही कुछ करना पड़ेगा वरना मुश्किल हो सकती है
खाना खा के वो अपने कमरे में जाने से पहले आरोही को देखने जाते है वो जैसे ही दरवाजा खोलते है आरोही राकेश से लिपट जाती है भैया आप मुझे छोड़ कर क्यों चले गये थे और दरवाजा भी बंद था ये आवाज़ आरोही की ही थी ।
राकेश अरे मेरी लाडली बहना मैं कही नही गया था खाना खाने गया था आरोही तो मुझे नही खिलाओगे बहुत भूख लगी ।
राकेश - क्यों नही गुड़िया तु बैठ में ऑडर करता हूँ ।
इस समय कमरे में एक अजीब से खुसबू से कमरा महक रहा था ।तभी आरोही ,नेहा को देख के गुस्सा होने लगती है आरोही भैया ये यहाँ क्यों आई है इसको बोलो अपने कमरे में जाये ।नेहा और राजेश दोनो ही अचंभित थे की आज आरोही ऐसे कैसे बोल रही जो अपनी भाभी से बहुत प्यार करती है जब नेहा नही जाती तो आरोही गुस्से से चिलाने लगती है जिसे देख राकेश नेहा को बोल देता है तुम जाओ अपने कमरे में पर नेहा नही जाना चाहती थी उसे डर लग रहा था की जैसे उसपर हमला हुआ वैसे ही राकेश पे भी हमला ना कर दे पर राकेश के बार बार बोलने पे नेहा उदास होकर कमरे के बहार ही खड़ी हो जाती है। कुछ ही देर में एक वेटर खाना लेकर दरवाजे को ठक ठक करता है।तो राकेश।दरवाजा खोलता हैं और राकेश खाना लेता था तभी वो नेहा को वही बगल में दिवार की तरफ खड़ा देखता है ।वो उसको कुछ नही बोलता और दरवाजा बंद कर देता हैं। राकेश खाना निकलकर कर आरोही को खिलाने वाला होता है की आरोही बोलती है वो रंडी अभी तक गयी नही साली बहार खड़ी होकर क्या हमारी बातें सुनेगी कुतिया ,ये सब सुन राकेश अचंभित हो जाता है की आरोही को कैसे पता की नेहा बहार ही खड़ी है ।भैया उस रंडी को बोल दो चली जाये नही तो मैं अपने आप को मार दूंगी। तभी राकेश घबरा कर बोलता है नही नही आरोही ऐसा मत करना बहना मैं उसे अभी यहा से जाने के लिए बोलता हूँ राकेश दरवाजा खोल के बोलने ही वाला था की वहा कोई नही था नेहा जा चुकी थी शायद उसने ये बातें सुन ली थी ।
राकेश आकर आरोही को खाना देता है पर आरोही नही खाती है तो राकेश बोलता है क्या हुआ बहना खाना क्यों नही खा रही अभी तो बोली बहुत भूख है
आरोही - भैया आप खिलाओगे तो खाउंगी ना मुझे नही खाना वरना और बच्चों की तरह मुँह फुला के बैठ जाती है ।राकेश अच्छा अच्छा ठीक हैं मैं खिला देता हूँ अपनी गुड़िया को और वो पहला निवाला आरोही के मुँह की तरफ करता है और आरोही एक दम से वो निवाला मुँह ले लेती है ।कुछ ही समय में खाना ख़तम हो जाता है और आरोही और राकेश दोनो एक दूसरे को बाहो में भरकर बातें करते है राकेश को बहुत कुछ अजीब लग रहा था पर वो उस समय कुछ भी ऐसा वैसा करके बात नही खराब करना चाहता था । वो सुबह का इंतेज़ार करना सही समझ रहा था ।धीरे धीरे रात बीत गयी और राकेश की आँख लग गयी।
आरोही लंड पे कूद रही थी राकेश आह्ह..आरोही मत कर बहना ये पाप है आह्ह..
आरोही - आह्ह्ह..भैया कोई पाप नही है ये तो जन्नत का मज़ा है भाई आह्ह्ह.. आपका लंड उफ्फ्फ..कितना मज़ा दे रहा । आप मुझे क्यों नही चोदते हो क्या मेरी बूर उस नेहा रंडी से अच्छी नही है ।
राकेश - आअह्ह..आरोही ऐसी बात नही है तु मेरी बहन है और बहन की चुदाई करना गलत है ।
कुछ गलत नही है भैया आअह्ह.. चोदो मुझे कितना मज़ा आ रहा हैं।
आरोही की चूत में राकेश का लंड लगातार अंदर बहार हो रहा था और आरोही मस्ती में उफ्फ्फ..भैया तुम्हारे लंड के लिए जन्मो से प्यासी हूँ आह्ह..मेरे अच्छे भैया अपनी बहना की चूत फाड़ दो
राकेश - आह्ह्ह..आरोही और आरोही को पटक के लंड बूर में घपा घप पेलने लगता है आरोही भी मस्ती में आकर अपने भाई को अपना कामरस समर्पित कर देती है । आरोही के कामरस से राकेश का लंड भी अपना माल उगल देता है और नेहा ये देख लेती है की उसका पति अपनी ही बहन को चोद रहा है वो एक दम से राकेश के लंड पे चाक़ू से हमला कर देती है जिससे राकेश की चीख़ निकल जाती हैं।नही नही नेहा ऐसा मत करो गलती हो गयी मुझसे ,वो जोरो से हांफ रहा था उसका बदन पसीने से पुरा भीग चुका था वो डर से काँप गया पर जैसे ही उसकी आँख खुली वो देखता है आरोही उसके बगल में सोई हुई हैं।और उसका हाथ लंड पे है ।उसे थोड़ा आराम मिलता है ये सोच के की ये एक सपना था ।उफ़..मैं भी ना कैसे कैसे सपने देख रहा हूँ मेरी प्यारी बहन कितने आराम से सो रही है और एक मैं हूँ जो उसके लिए गन्दा सोच रहा हूँ ।वो समय देखता है तो सुबह के 6 बजे रहे थे वो उठ कर बाथरूम जाता है उसे जोर से पेशाब आया था ,पेशाब करके वो बेड पे बैठा ही था की उसके कमरे को किसी की आवाज़ आती है राकेश राकेश उठ गये क्या ।राकेश ये तो सपना की आवाज़ है वो जल्दी से जाकर दरवाजा खोलता है और सपना उसको बोलती हैं की मलिक सर रात को ही आ गये थे तुम जल्दी से तैयार हो जाओ हम सर से मिलकर आते है ।राकेश तैयार होने लगा और आरोही को सोता हुआ छोड़कर वो जल्दी से नेहा के कमरे में गया और नेहा ने उठकर दरवाजा खोला और बोली आप आ गये ।राकेश नेहा को अपने गाले लगा लेता है और बोलता है सॉरी जानू आरोही के लिए मैं माफ़ी चाहता हूँ पर उसकी तबियत ठीक नही है इसीलिए तुमको ऐसा बोली वरना मैंने तो आज तक नही सुना की उसने कभी तुम्हे गाली दी हो मुझे माफ़ कर दो जान ।
नेहा - राकेश को जोर से अपनी बाहों में भींच के बोलती हैं कोई बात नही राजा जी मैं खुद हैरान थी की आरोही मुझे इतनी गंदी गाली कैसे दे सकती है और उसको पता कैसे चला की मैं वही बहार खड़ी हूँ हो ना हो उसके अंदर ज़रूर कोई बुरी शक्ति है जो उसको अपना गुलाम बना चुकी है ।थोड़ी देर दोनो एक दूसरे से लिपटे रहे तभी सपना आती है और कहती है बस भी करो अपना ये रोमांस ,चलना हैं की नही । दोनो इस आवाज़ को सुन अलग होते है और थोड़ा शर्मा के नेहा कहती है हाँ हाँ रोको मैं भी तैयार होकर आती हूँ । कुछ ही समय बाद ,सपना ,राकेश और नेहा निकल जाते है मलिक का घर करीब कुछ 2 किलोमीटर ही दूर था
वो जल्दी से होटल से निकल कर एक ऑटो में बैठकर मलिक के घर को निकल जाते है । सोनू मलिक अपने बेडरूम में मस्ती में आराम से सोया हुआ था तभी तीनो उसके घर पहुंच जाते है और सपना वॉचमैन से कहती है हमें सर से मिलना है वॉचमैन सपना को पहचानता था उसने बोला मैडम सर अभी सो रहे है आप दिन में आ जाना ।तभी सपना फिर बोलती है मूलचंद (वॉचमैन नाम )
गेट खोलो हमे अभी मिलना है ज़रूरी काम है
मूलचंद बार बार मना करता रहा पर हार कर उसने गेट खोल दिया और बोला मैडम मेरी नौकरी मत खाना बस बाकी आप देख लो सर 3 बजे ही आये है कही गुस्से में मुझे और आपको नौकरी से ना निकल दे । इतना सुन के तीनो मलिक के बैडरूम की तरफ ही चल देते है ठक.. ठक.. की आवाज़ से मलिक उठता है और घड़ी की तरफ देखता है अभी सुबह 7:30 हो रहे थे मलिक अपने ही मन में बड़बड़ता हुआ कौन है बहनचोद सोने भी नही देते है ।और उठकर दरवाजा खोलता है ।जैसे ही वो सामने सपना को देखता है चौंक जाता है और बोलता है सपना तुम यहाँ क्या कर रही हो तुम्हें तो होटल में होना चाहिए था और ये दोनो कौन है साथ में तभी राकेश सोनू मलिक का गिरेवान पकड़ के बोलता है बहनचोद तु हमे नही जानता तेरी ही वजह से मेरी आरोही बीमार हुई है हरामज़ादे बता तूने ऐसा क्यों किया ।मलिक क्या बकवास है ये क्या बोल रहा हैं तु और है कौन तु ये बता तभी सपना बोलती है सर ये वही है कमरा नंबर 143 वाला जिसकी बहन को वो रूम अपने देने के लिए बोला था याद आया कुछ या आपको बदम खिलाना पड़ेगा ।रूम नंबर 143 सुन के सोनू मलिक के कान खड़े हो जाते है नींद उसकी आँखों से कोसों दूर चली जाती है वो घबरा जाता है की कही इसकी बहन के साथ कुछ हुआ तो नही ,इतने में नेहा मलिक को एक थप्पड़ मार देती है और बोलती है साले कुत्ते सुअर की औलाद क्यों तूने मेरी आरोही को एक भूतिया कमरे में रहने दिया क्यों तूने चंद रुपये के लिए मेरी नन्ही से आरोही को मौत के मुँह में डाल दिया बोल हरामज़ादे बोल ।
मलिक एक दम से टूट गया और अपने बिस्तर पे बैठ गया ।थोड़ी देर की चुप्पी के बाद बोला क्या हुआ कोई परेशानी हो गयी है क्या सपना ???
सपना - हाँ सर उस लड़की के अंदर शायद कोई आत्मा का वास है ।
मलिक - क्या...तुम ये क्या बोल रही हो
सपना - जी सर उसके अंदर कोई रूह समा गयी है ।
मलिक- तुम्हे कैसे पता की उसके अंदर कोई रूह हैं।
सपना - सर मेरी दादी ने मुझे काली शक्तियों को जान ने के लिए टोटके बताये थे उसी के जरिये पता लगया हैं।
मलिक - अच्छा तो अब क्या करे ।मेरी तो किस्मत ही खराब है पता नहीं पापा ने किस मनुस घड़ी में ये होटल खरीदा था ।मैं तो बर्बाद हो गया ।
तभी राकेश बोला तुझको अपनी बर्बादी की पड़ी है यहा मेरी बहन की जीवन अन्धकार में घिरा हुआ है ।
सपना - देखो ये समय लड़ाई करने का नही है हमे आरोही को बचना है उस प्रेत आत्मा से कही देर हो गयी तो पता नही क्या होगा ।
नेहा - हाँ राकेश ये सही समय नही है इस कमीने से बदला लेने का ये समय तो आरोही को बचाने का है कुछ करने का ,
राकेश - रोता हुआ मलिक के कदमो में जा गिरा और बोला प्लीज मेरी बहन को बचा लो वरना वो मर जाएगी प्लीज कुछ करो ।
मलिक- मैं क्या कर सकता हूँ मुझे जितना पता था मैं पहले ही सपना को बता चुका हूँ ।
सपना - हाँ सर मैंने वो सब इनको भी बताया पर वो अधूरा सच है पुरा नही है हमे ये पता करना है की वो आत्मा इस कमरे मे कैसे आयी है क्या वजह है जो वो आरोही के जिस्म में घुसी है
मलिक - देखो सपना ये सब जान ना अब इतना आसान नही है बरसों पुरानी बातें है ये, अब ये कैसे पता लगाए ।
सपना - सर ये सब से आपको भी फायदा होगा सोचो वो आत्मा के बारे में जान कर उसको नष्ट किया जा सकता हैं और इससे आपके होटल को भी छुटकरा मिल जायेगा ।
मलिक - कुछ देर सोच के बात तो सही है पर क्या करे कैसे करे कुछ समझ नही आ रहा मुझे तो, एक काम करते है पहले चाय पीते है फिर सोचते है कहा से शुरू करना चाहिए ।
थोड़ी देर बाद चाय आती है और वो सब पिने लगते है ।मलिक कुछ सोच के बोलता है सपना बताओ क्या करे
सपना - सर पहले आप ये बताओ की इस होटल का कोई पुराना रिकॉड है जिस से ये पता चले ये होटल कब खरीदा गया और किस से खरीदा गया था ।
मलिक - ये तो पता चल जायेगा सपना ज़मीन के पेपर पे नाम और तारीख होगा ।
सपना - ग्रेट तो पेपर कहा है सर जल्दी लाओ ।
मलिक - पेपर तो बैंक लॉकर में होंगे बरसो से वही पे है ।
राकेश - तो चलो बैंक चलते है।
मलिक इतनी सुबह बैंक कहा खुला होगा 10 तो बजने दो।
सपना - सर क्या ये पता चल सकता है कमरा नंबर 143 में कितने लोगो की मौत हुई है और उनका नाम वगैरा कुछ मिल सकता ।
मलिक ये तो बहुत मुश्किल हैं ।क्यों की ये सब का रिकॉड तो कब का जला दिया गया था मेरे अंकल ने होटल रॉकफोर्ड की कोई पुरानी चीज़ नही रखी सिवाए ज़मीन के पेपर के वो नही चाहते थे की उस काले होटल का राज़ कोई जाने ।
राकेश - राज़ कैसा राज़ ?
मलिक - ये तो मुझे भी नही पता बस एक बार अंकल बोले थे की ये होटल ही एक राज़ है जो कोई ना जाने वही ठीक है ।
नेहा - तो हमें आपके अंकल से मिलना है वही कुछ बता सकते है ।
मलिक एक दम से उदास होकर बोलता है काश मिल पाते उसकी आँखें नम हो गयी थी ।सपना क्या बात है सर अंकल की तबियत ठीक नही है क्या ।नही सपना वो तो इस दुनिया में ही नही है इतना बोलकर वो रोने लगा ।
राकेश उसे सांत्वना देता हैं ।
नेहा - तो अब क्या कैसे इस काले होटल के बारे में जान सकते है इस होटल से जोड़ा कोई जिंदा बचा भी है की नही ।
सपना - सर क्या मैं पूछ सकती हूँ आपके अंकल की मौत की वजह क्या थी ।
मलिक - जो अब थोड़ा रोना कम कर चुका था बोला वो उस होटल का सच जान ने गये थे ।और वापस ही नही आये सुबह पता चला की उनकी मौत हो चुकी है वो भी बहुत पुरी तरीके से सर धर से अलग था हाथ पैर भी अलग थे और सबसे बड़ी बात की अंकल का वो चीज़ गायब था । इतना सुनते ही राकेश बोला हम्म. क्या गायब था समझा नही ।
मलिक - वो...वो.. सपना हाँ सर बोलो ना क्या गायब था ।
वो अंकल का लिंग नही था ।
नेहा - क्या.. ये कैसे हो सकता है अंकल का लंड कहा गया ।
ये बात उसने अचानक ही बोल दी थी जो उसे खुद बाद में अजीब लगा की उसने कैसे लंड बोल दिया ।
मलिक - हाँ यही तो मै खुद भी सोचा की रात को हुआ क्या था और वो उनका लिंग कहा गायब हो गया कुछ समझ नही आ रहा था ।
सपना - सर हम सब को अफ़सोस है आपके अंकल का पर कोई तो होगा जो कुछ और भी जानता होगा ।
मलिक - मुझे इस बारे में पता तो नही है पर अंकल का बेटा मुझे अच्छे से याद हैं की उस दिन अंकल की मौत पे एक बात बोला था की पापा क्यों गये थे आप अकेले देखो उस आत्मा ने आपका क्या हाल कर दिया । तब मुझे लगा शायद राजीव कुछ जानता है ।
नेहा - राजीव कौन ??
मलिक - उनके का बेटा उसका राजीव है ।
तभी राकेश बोला वो अभी कहा है , वो अभी दिल्ली में है
चलो हमे ले चलो उसके पास ,मलिक वो नही बात करेगा
सपना क्यों बात नही करेगा गूंगा है क्या ?
मलिक नही सपना वो अंकल की मौत का ज़िम्मेदार पापा को मानता है और अब मुझे भी, उसने मना किया था की मैं फिर से ये होटल शुरू ना करू पर मैं नही मना तो वो भड़क गया और मेरे से दूर चला गया ।अब हम काफी समय से मिले नही है और ना बात होती हैं।
सपना -सर आप एक काम करो उनको यही बुला लो हम लोग वैसे भी आरोही को छोड़ के नही जा सकते और एक अच्छा इंसान कभी भी किसी की सहायता करने से मना नही करता है ।
मलिक - वो नही माना तो क्या होगा और मैं क्या बोलूंगा उसको तभी सपना बोली सर मैं भी चलती हूँ आपके साथ मैं बात करूंगी राजीव से और तब तक ये लोग आरोही को संभाल लेंगे ये सुनते ही नेहा की गांड फट जाती है की वो क्या आरोही को संभालेगी उल्टा आरोही ही मेरी फाड़ देती है । राकेश नेहा को कहा खोयी हुई हो कब से सपना कुछ बोल रही हैं तुमको ।नेहा कही नही ।सपना तो आरोही को संभाल लोगी ना तुम ?
नेहा - आरोही तो मुझे देखना भी पसंद नही करती है तो मैं कैसे संभाल सकती हूँ
सपना - अरे तुम बस राकेश को संभाल लेना बाकी राकेश आरोही के पास ही रहेगा।
इतना बोलकर सपना और मलिक राजीव से मिलने दिल्ली के लिए निकल जाते है।उधर नेहा और राकेश भी वापस होटल आ जाते है।