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अपडेट 8
एक अजीब सा सन्नटा कमरे में था कोई कुछ नही बोल रहा था वीडियो देख के सभी के होश उड़ गये थे ।
पसीने से सब नहा गये थे । जैसे कोई डरवानी फिल्म देख ली हो । तभी सन्नटे को एक प्यारी सी आवाज़ ने ख़तम किया ।
" भईया आप बहुत गंदे हो मुझे बार बार अकेले कमरे में छोड़ के चले जाते हैं ।
इस आवाज़ से सब का ध्यान उधर ही गया और देखा तो आरोही खड़ी थी जिसकी आँखों में प्यार था पर चेहरे पे गुस्सा ,वो सब को बारी बारी देख रही थी । राकेश उठा और आरोही को गले लग कर बोला।
" मैं सोचा मेरी प्यारी बहना सो गयी तो थोड़ा इन लोगो से बाते करने चला आया !
" ये लोग कौन हैं भईया वो बहुत प्यार से राकेश से पूछी ।
" राकेश ने बारी बारी सबका परिचय करवाया और अंत में उसने नेहा बोला जिससे वो गुस्सा होने लगी ।
" राकेश समझ गया और आरोही को लेकर फिर से मोहब्बत के उस कमरे में चला गया ।
" ये तुमसे इतना गुस्सा क्यों हो रही हैं ।राजीव बोला ।
" पता नही मैंने क्या कर दिया हैं जब देखो मुझे मरने के पीछे पड़ी हैं ।
" हम्म..कुछ सोच के राजीव बोला कोई तो बात हैं जो वो तुमको देख गुस्सा हो रही है । वैसे आरोही और राकेश को अकेला छोड़ना सही नही मुझे लगता हैं । हमको उसके साथ ही होना चाहिए।
" वो वीडियो वो क्या था सोनू डरते हुए बोला मैं नही जाऊंगा उसके पास कही हमारा काम तमाम ना कर दे ।
" बकवास मत करो सोनू हम उस कमरे में होंगे तभी हम वो चीज़ खोज पाएंगे की पापा क्या ढूढ़ रहे थे और रमेश अंकल ने क्या राज़ छुपाया था ।
" सिर्फ रमेश नही ओम प्रकाश जी ने भी बहुत कुछ छुपाया हैं राजीव ।
" राजीव सपना को देखता हुआ बोला पापा ने क्या छुपाया
हैं ।
" देखो सब ने देखा की अंकल कुछ ढूढ़ रहे थे जो उनको पता था की कुछ हैं कमरे में और वो बोले भी की मुझे बाद में पता चला । इसका ये मतलब हैं की रमेश और ओम प्रकाश दोनों ने ही बहुत बड़ा राज़ छुपाया और होटल चालू किया जिसका नतीजा कुछ ही महीनों के बाद आने लगा ।
राजीव ,सोनू और नेहा तीनों ही सपना की बातें सुन के अनुमान लगा रहे थे की सपना बिल्कुल सही कह रही हैं ।
" तो क्या करे की होटल का राज़ खुले नेहा ने बोला ।
" एक काम करते हैं आज रात ही कमरे में कुछ ढूढ़ने की कोशिश करते हैं कुछ अजीब जो अलग हो और सुबह होते ही जंगल में जाकर बाबा जी को ढूढ़ लेंगे और आरोही को उनके आगे करके उसके जिस्म से उसकी रूह निकलवा देंगे ।
" सब ने हाँ में सर हिलाया और नेहा के अलावा सब कमरे में चले गये ।
************
आरोही और राकेश दोनों ही एक दूसरे को चूम रहे थे लार से राकेश का पुरा मुँह भीग गया था की कदमों की आहट से आरोही सोने का नाटक करने लगी । दरवाजे पे ठक.. ठक हुई पर राकेश तो जैसे होश में ही नही था । तब आरोही उठी और दरवाजा खोली ।और गुस्से से सब को देखनी लगी । दांतों को दांतों से रगड़ के आँखें से ही डरा रही थी की राकेश होश में आया और बोला।
" अंदर आने दो आरोही दोस्त हैं ।
आरोही गुस्से से उनको देखी और राकेश की तरफ देख के मुस्कुरा दी ।वो अंदर आये और बिस्तर पे बैठ के बातें करने लगे । धीरे धीरे ऐसे ही इधर उधर की बातें करते समय काट रहे थे ।और रात गहरी होती गयी आरोही सो चुकी थी या शायद नही ।
" राकेश बोला तुम लोग यहा क्यों आये हो ।
" बात ऐसी हैं की वीडियो के मुताबिक कोई ऐसी चीज़ हैं अभी भी कमरे में हैं जिसको ढूढ़ना ज़रूरी हैं ।राजीव धीरे से बोला ।
" वो तो मैं समझ गया हूँ पर वो क्या चीज़ है और हम कैसे पता कर सकते हैं ।
" सही बोला राकेश मैं खुद भी यही कह रहा हूँ क्या ढूढ़ सकते हैं । हमें क्या पता वो क्या ढूढ़ने आये थे रात के अंधियारे में छुप के सोनू ने दृढ़ता से जवाब दिया।
तभी एक आवाज़ उनके कानों में गयी ।तुम लोग कुछ भी कर लो ।मैं आरोही को उसके भैया से चुदवा के ही रहूंगी मेरा बरसों का ख्वाब अब पुरा हुआ हैं अब कोई नही रोक सकता । ये आवाज़ बहुत ही अजीब थी जो आरोही के जिस्म से कोई और बोल रहा था । ये सब सुन और देख के सब दंग रह गये थे । जैसे तैसे रात बीतने लगी और अंधियारा साफ होने लगा की तभी राजीव की आँख खुली और वो सबको उठा के चलने को बोलता हैं ।
" आरोही को कैसे ले जाएंगे ये तो मना करेगी । राकेश बोला
" एक काम करो इसको तैयार करो बोलो घूमने चलना हैं और तुम दोनों अकेले ही हमारे पीछे पीछे चलना ताकि वो शक ना करे ।
" ठीक हैं
" आरोही ओ आरोही उठ जा बहना घूमने चलना हैं ।राकेश की आवाज़ से आरोही की आँख खुलती हैं ।
" वो उबासी लेते हुए बोली कहा जा रहे हैं भईया ।
" अरे तु पहले तैयार तो हो जा फिर हम आज जंगल के सफर पे जाएंगे ।
" वाओ बहुत मज़ा आएगा बोलकर आरोही तैयार होने चली गयी।
***********
दो गाड़िया आयी एक में नेहा ,सपना ,सोनू और राजीव बैठ गये और दूसरे में राकेश और आरोही ।चिड़िया की चाहचाहट के साथ सफर शुरू हुआ । पहले राजीव की गाडी निकल गया उसके कुछ देर बाद राकेश और आरोही भी निकल गये ।तेज़ी से गाडी शिमला की सड़कों पे दौड़ रही थी । तभी एक मोड़ आया और वो उस तरफ निकल गये। कुछ दूर जाकर पेड़ और झाड़िया अधिक मात्रा में दिखाई देने लगे । जंगल में गाडी घुस चुकी थी सूरज अपना प्रकाश फैलाने लगा था काफी दूर आने के बाद भी उनको कुछ पता नही चलता तो वो उतर के ही ढूढ़ने का फैसला करते हैं ।
" देखो जंगल छोटा ही हैं बाबा यही कही होंगे हम लोगो को अलग अलग होकर ढूढ़ना चाहिए ।
काफी समय हो गया पर बाबा नही मिले सब थक गये ।की एक आदमी को जाते देखा ।
" आप यहा किसी बाबा को जानते हो राजीव बोला ।
"वो आदमी पलट के देखा उसने चारों को देखा और मुस्कुरा के बोला बाबा तो साधना में लीन हैं क्या काम हैं।
" वो बाबा जी से भूत प्रेत वाला काम हैं नेहा बोली ।
" हम्म. वो झाड़ियों के पीछे झरना शुरू होगा वो जहा ख़तम होगा वही बाबा का स्थान हैं बोल के चल दिया ।
" वो लोग वहा तक जाने के लिए निकल चुके थे । खुला आसमान और कटीली झटियों से बचते बचाते वो लोग झरने तक पहुंच गये और उसके बाद थोड़ा आराम करने का सोचा । राकेश और आरोही उनके पीछे ही थे ।
" वाओ भईया कितना प्यारा झरना हैं चलो ना नहाते हैं । आरोही बोली ।
" हाँ मेरी गुड़िया नहा लेंगे पर अभी नही थोड़ी देर बाद ।
कुछ देर तक आराम फरमाने के बाद वो लोग निचे की ढलान के तरफ चलने लगे और निचे पहुंच गये तभी उनको बाबा एक बड़े से पत्थर पे बैठे साधना में लीन मिले ।
" बाबा ओ बाबा आखें खोले हम आपके पास अपनी पीड़ा लेकर आये हैं । राजीव बोला ।
बाबा गहरी साधना में लीन थे पर काफी समय के अंतराल के बाद बाबा ने आँखें खोली और सामने अनेक लोगो को देख के मंद मंद मुस्कुरा दिये ।
" बोलो बच्चा क्या समस्या हैं तुम्हारी ?
" बाबा वो जो होटल रॉकफोर्ड की समस्या हैं
" बाबा मुस्कुरा दिये और बोले पर इसका समाधान मेरे पास नही हैं ।
" बाबा वो एक लड़की बुरी तरह एक रूह के कब्ज़े में फंस गयी गई उसको निकलने में हमारी सहायता करे सपना ने एक सटीक उतर बाबा को दिया ।
" हम्म..वो बालिका कहा हैं मुझे उसको देखना पड़ेगा और उससे मिलने से पहले इस जल में उसे स्नान करना पड़ेगा ।
तभी राकेश और आरोही भी निचे आते हुए दिखाई दिये । दोनों जैसे तैसे पहुंच गये और राजीव ने राकेश को बताया ।
" आरोही तुमको नहाना था ना चलो नहाते हैं।
" सच भईया वो खुश होकर जल्दी से पानी में उतर गयी और साथ में राकेश भी तभी बाबा बोले तुम लोग भी स्नान
कर लो ।
**********
बाबा के सामने सब बैठे हुए थे ।बाबा मंद मंद मुस्कुरा रहे थे ।
" बोलो अपनी पीड़ा
" बाबा उस लड़की के शरीर में किसी और की आत्मा प्रवेश हो चुकी हैं कुछ करिये बाबा जी ।
" तुम सब दूर हो जाओ
ये सुनते ही सब दूर हो गये और इधर आरोही गुस्सा होने लगी तभी बाबा जी ने एक जल का छिड़काव किया जिससे आरोही एक दम से चिल्लाने लगी ।
" बोल तु क्यों आयी हैं इस बच्ची के शरीर में बोल ।
वो कुछ मंत्र बोलकर आरोही पे जल छिड़क दिया जिसे आरोही दांत को दांत से रगड़ के बोली ।जाने दो मुझे वो आवाज़ बहुत अजीब थी क्योंकि वो आरोही की आवाज़ नही थी।
" बोल तुझे क्या चाहिए बोल ।
" हा...जोर से चीखने की आवाज़ हुई और एक आवाज़ आयी मुझे दूसरा जन्म चाहिए जो इस लड़की के शरीर से ही मिलेगा ।
" क्यों चाहिए दूसरा जन्म और इस बच्ची से ही क्यों ?
" आरोही के अंदर की वो आवाज़ बोली क्योंकि मेरा जन्म एक ऐसी लड़की की कोख से होगा जो अपने भाई से सम्भोग करेगी ।और जो कुंवारी भी होनी चाहिए ये दोनों हैं इसमे हाहाहाहाहा....जो की एक हंसी सुनाई दी ।
" तु कहा से आयी हैं तेरा नाम क्या हैं बोल ।
" मैं काजल हूँ और मैं होटल रॉकफोर्ड में बरसों से रहती हूँ ।
" ये बता तु कैसे मारी तु क्यों एक बहन को उसके ही भाई से सम्भोग करना चाहती हैं ।
" मुझे दूसरा जन्म चाहिए मुझे बदला लेना हैं और मेरी कैसी मारी ये नही बताउंगी ।
" तु बताएगी बाबा ने जल लिया और छिड़क दिया जिससे आरोही के अंदर की रूह गुस्सा हो गयी ।
" मुझे जाने दो मुझे जाने दो ।
" चली जाना पर तु बता कहा से आयी कैसे तेरी मृत्यु ?
" बताती हूँ
काजल की जुबानी *******
१७ साल पुरानी बात हैं एक छोटे से गाँव में रहती थी ।पर मुझे अपने ही भईया से प्यार हो गया मैं उनसे विवाह करना चाहती थी पर गाँव के लोग इसके खिलाफ थे उनको मेरा प्यार नही दिखा ।तभी एक दिन भईया और मेरे बीच सम्भोग हो गया मैं खूब चुदवाई बहुत आनंद मिला मुझे ऐसे ही बहुत दिनों तक चला और एक दिन मैं भईया के साथ भाग के यहाँ शिमला आ गयी तभी ये सब जंगल हुआ करता था मैं और भईया छुप के कई महीने तक रहे और रोज़ हम सम्भोग करते मैं भईया से विवाह करना चाहती थी पर वो नही कर रहे थे वो मेरे साथ बस मज़ा लूट रहे थे ।एक दिन अचानक ही गांव के लोग ढूढ़ते हुए वहा पहुंच गये और उन्होंने मेरे भईया को बहला फुसला के मुझसे दूर कर दिया ।मैं बहुत रोई गिड़गिड़यी पे कोई मेरी नही सुना मेरे भइया मुझसे गुस्सा हो गये और चले गये उन लोगो ने मेरी इज़्ज़त लूटी और मुझे मार दिया और उसी जगह दफना भी दिया किसी को मेरी मौत से कोई फर्क नही पड़ा पर मैं वापस आयी किसी ने मुझे निकाला ।
" तेरा भईया ही तेरी कातिल हैं तु उसके लिए जन्म लेगी ।
" मेरे भईया इसमे शामिल नही हैं उनको बहलाया गया एक नया जिस्म दिखा के, पर मुझे मरने से पहले एक श्रप दिया गया की मैं जन्म तभी लूंगी जब कोई बहन अपने भाई से चुदवायेगी । जो अपनी कोख में भाई का बीज डलवायेगी जो भाई से चुदवा के उसका बच्चा करेगी और यह काम ये आरोही करेगी हाहाहा....
"तेरी रूह होटल में कैसे आयी हैं बता मुझे ?
" हाहाहा...ये एक राज़ हैं ।
To be Continue********
एक अजीब सा सन्नटा कमरे में था कोई कुछ नही बोल रहा था वीडियो देख के सभी के होश उड़ गये थे ।
पसीने से सब नहा गये थे । जैसे कोई डरवानी फिल्म देख ली हो । तभी सन्नटे को एक प्यारी सी आवाज़ ने ख़तम किया ।
" भईया आप बहुत गंदे हो मुझे बार बार अकेले कमरे में छोड़ के चले जाते हैं ।
इस आवाज़ से सब का ध्यान उधर ही गया और देखा तो आरोही खड़ी थी जिसकी आँखों में प्यार था पर चेहरे पे गुस्सा ,वो सब को बारी बारी देख रही थी । राकेश उठा और आरोही को गले लग कर बोला।
" मैं सोचा मेरी प्यारी बहना सो गयी तो थोड़ा इन लोगो से बाते करने चला आया !
" ये लोग कौन हैं भईया वो बहुत प्यार से राकेश से पूछी ।
" राकेश ने बारी बारी सबका परिचय करवाया और अंत में उसने नेहा बोला जिससे वो गुस्सा होने लगी ।
" राकेश समझ गया और आरोही को लेकर फिर से मोहब्बत के उस कमरे में चला गया ।
" ये तुमसे इतना गुस्सा क्यों हो रही हैं ।राजीव बोला ।
" पता नही मैंने क्या कर दिया हैं जब देखो मुझे मरने के पीछे पड़ी हैं ।
" हम्म..कुछ सोच के राजीव बोला कोई तो बात हैं जो वो तुमको देख गुस्सा हो रही है । वैसे आरोही और राकेश को अकेला छोड़ना सही नही मुझे लगता हैं । हमको उसके साथ ही होना चाहिए।
" वो वीडियो वो क्या था सोनू डरते हुए बोला मैं नही जाऊंगा उसके पास कही हमारा काम तमाम ना कर दे ।
" बकवास मत करो सोनू हम उस कमरे में होंगे तभी हम वो चीज़ खोज पाएंगे की पापा क्या ढूढ़ रहे थे और रमेश अंकल ने क्या राज़ छुपाया था ।
" सिर्फ रमेश नही ओम प्रकाश जी ने भी बहुत कुछ छुपाया हैं राजीव ।
" राजीव सपना को देखता हुआ बोला पापा ने क्या छुपाया
हैं ।
" देखो सब ने देखा की अंकल कुछ ढूढ़ रहे थे जो उनको पता था की कुछ हैं कमरे में और वो बोले भी की मुझे बाद में पता चला । इसका ये मतलब हैं की रमेश और ओम प्रकाश दोनों ने ही बहुत बड़ा राज़ छुपाया और होटल चालू किया जिसका नतीजा कुछ ही महीनों के बाद आने लगा ।
राजीव ,सोनू और नेहा तीनों ही सपना की बातें सुन के अनुमान लगा रहे थे की सपना बिल्कुल सही कह रही हैं ।
" तो क्या करे की होटल का राज़ खुले नेहा ने बोला ।
" एक काम करते हैं आज रात ही कमरे में कुछ ढूढ़ने की कोशिश करते हैं कुछ अजीब जो अलग हो और सुबह होते ही जंगल में जाकर बाबा जी को ढूढ़ लेंगे और आरोही को उनके आगे करके उसके जिस्म से उसकी रूह निकलवा देंगे ।
" सब ने हाँ में सर हिलाया और नेहा के अलावा सब कमरे में चले गये ।
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आरोही और राकेश दोनों ही एक दूसरे को चूम रहे थे लार से राकेश का पुरा मुँह भीग गया था की कदमों की आहट से आरोही सोने का नाटक करने लगी । दरवाजे पे ठक.. ठक हुई पर राकेश तो जैसे होश में ही नही था । तब आरोही उठी और दरवाजा खोली ।और गुस्से से सब को देखनी लगी । दांतों को दांतों से रगड़ के आँखें से ही डरा रही थी की राकेश होश में आया और बोला।
" अंदर आने दो आरोही दोस्त हैं ।
आरोही गुस्से से उनको देखी और राकेश की तरफ देख के मुस्कुरा दी ।वो अंदर आये और बिस्तर पे बैठ के बातें करने लगे । धीरे धीरे ऐसे ही इधर उधर की बातें करते समय काट रहे थे ।और रात गहरी होती गयी आरोही सो चुकी थी या शायद नही ।
" राकेश बोला तुम लोग यहा क्यों आये हो ।
" बात ऐसी हैं की वीडियो के मुताबिक कोई ऐसी चीज़ हैं अभी भी कमरे में हैं जिसको ढूढ़ना ज़रूरी हैं ।राजीव धीरे से बोला ।
" वो तो मैं समझ गया हूँ पर वो क्या चीज़ है और हम कैसे पता कर सकते हैं ।
" सही बोला राकेश मैं खुद भी यही कह रहा हूँ क्या ढूढ़ सकते हैं । हमें क्या पता वो क्या ढूढ़ने आये थे रात के अंधियारे में छुप के सोनू ने दृढ़ता से जवाब दिया।
तभी एक आवाज़ उनके कानों में गयी ।तुम लोग कुछ भी कर लो ।मैं आरोही को उसके भैया से चुदवा के ही रहूंगी मेरा बरसों का ख्वाब अब पुरा हुआ हैं अब कोई नही रोक सकता । ये आवाज़ बहुत ही अजीब थी जो आरोही के जिस्म से कोई और बोल रहा था । ये सब सुन और देख के सब दंग रह गये थे । जैसे तैसे रात बीतने लगी और अंधियारा साफ होने लगा की तभी राजीव की आँख खुली और वो सबको उठा के चलने को बोलता हैं ।
" आरोही को कैसे ले जाएंगे ये तो मना करेगी । राकेश बोला
" एक काम करो इसको तैयार करो बोलो घूमने चलना हैं और तुम दोनों अकेले ही हमारे पीछे पीछे चलना ताकि वो शक ना करे ।
" ठीक हैं
" आरोही ओ आरोही उठ जा बहना घूमने चलना हैं ।राकेश की आवाज़ से आरोही की आँख खुलती हैं ।
" वो उबासी लेते हुए बोली कहा जा रहे हैं भईया ।
" अरे तु पहले तैयार तो हो जा फिर हम आज जंगल के सफर पे जाएंगे ।
" वाओ बहुत मज़ा आएगा बोलकर आरोही तैयार होने चली गयी।
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दो गाड़िया आयी एक में नेहा ,सपना ,सोनू और राजीव बैठ गये और दूसरे में राकेश और आरोही ।चिड़िया की चाहचाहट के साथ सफर शुरू हुआ । पहले राजीव की गाडी निकल गया उसके कुछ देर बाद राकेश और आरोही भी निकल गये ।तेज़ी से गाडी शिमला की सड़कों पे दौड़ रही थी । तभी एक मोड़ आया और वो उस तरफ निकल गये। कुछ दूर जाकर पेड़ और झाड़िया अधिक मात्रा में दिखाई देने लगे । जंगल में गाडी घुस चुकी थी सूरज अपना प्रकाश फैलाने लगा था काफी दूर आने के बाद भी उनको कुछ पता नही चलता तो वो उतर के ही ढूढ़ने का फैसला करते हैं ।
" देखो जंगल छोटा ही हैं बाबा यही कही होंगे हम लोगो को अलग अलग होकर ढूढ़ना चाहिए ।
काफी समय हो गया पर बाबा नही मिले सब थक गये ।की एक आदमी को जाते देखा ।
" आप यहा किसी बाबा को जानते हो राजीव बोला ।
"वो आदमी पलट के देखा उसने चारों को देखा और मुस्कुरा के बोला बाबा तो साधना में लीन हैं क्या काम हैं।
" वो बाबा जी से भूत प्रेत वाला काम हैं नेहा बोली ।
" हम्म. वो झाड़ियों के पीछे झरना शुरू होगा वो जहा ख़तम होगा वही बाबा का स्थान हैं बोल के चल दिया ।
" वो लोग वहा तक जाने के लिए निकल चुके थे । खुला आसमान और कटीली झटियों से बचते बचाते वो लोग झरने तक पहुंच गये और उसके बाद थोड़ा आराम करने का सोचा । राकेश और आरोही उनके पीछे ही थे ।
" वाओ भईया कितना प्यारा झरना हैं चलो ना नहाते हैं । आरोही बोली ।
" हाँ मेरी गुड़िया नहा लेंगे पर अभी नही थोड़ी देर बाद ।
कुछ देर तक आराम फरमाने के बाद वो लोग निचे की ढलान के तरफ चलने लगे और निचे पहुंच गये तभी उनको बाबा एक बड़े से पत्थर पे बैठे साधना में लीन मिले ।
" बाबा ओ बाबा आखें खोले हम आपके पास अपनी पीड़ा लेकर आये हैं । राजीव बोला ।
बाबा गहरी साधना में लीन थे पर काफी समय के अंतराल के बाद बाबा ने आँखें खोली और सामने अनेक लोगो को देख के मंद मंद मुस्कुरा दिये ।
" बोलो बच्चा क्या समस्या हैं तुम्हारी ?
" बाबा वो जो होटल रॉकफोर्ड की समस्या हैं
" बाबा मुस्कुरा दिये और बोले पर इसका समाधान मेरे पास नही हैं ।
" बाबा वो एक लड़की बुरी तरह एक रूह के कब्ज़े में फंस गयी गई उसको निकलने में हमारी सहायता करे सपना ने एक सटीक उतर बाबा को दिया ।
" हम्म..वो बालिका कहा हैं मुझे उसको देखना पड़ेगा और उससे मिलने से पहले इस जल में उसे स्नान करना पड़ेगा ।
तभी राकेश और आरोही भी निचे आते हुए दिखाई दिये । दोनों जैसे तैसे पहुंच गये और राजीव ने राकेश को बताया ।
" आरोही तुमको नहाना था ना चलो नहाते हैं।
" सच भईया वो खुश होकर जल्दी से पानी में उतर गयी और साथ में राकेश भी तभी बाबा बोले तुम लोग भी स्नान
कर लो ।
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बाबा के सामने सब बैठे हुए थे ।बाबा मंद मंद मुस्कुरा रहे थे ।
" बोलो अपनी पीड़ा
" बाबा उस लड़की के शरीर में किसी और की आत्मा प्रवेश हो चुकी हैं कुछ करिये बाबा जी ।
" तुम सब दूर हो जाओ
ये सुनते ही सब दूर हो गये और इधर आरोही गुस्सा होने लगी तभी बाबा जी ने एक जल का छिड़काव किया जिससे आरोही एक दम से चिल्लाने लगी ।
" बोल तु क्यों आयी हैं इस बच्ची के शरीर में बोल ।
वो कुछ मंत्र बोलकर आरोही पे जल छिड़क दिया जिसे आरोही दांत को दांत से रगड़ के बोली ।जाने दो मुझे वो आवाज़ बहुत अजीब थी क्योंकि वो आरोही की आवाज़ नही थी।
" बोल तुझे क्या चाहिए बोल ।
" हा...जोर से चीखने की आवाज़ हुई और एक आवाज़ आयी मुझे दूसरा जन्म चाहिए जो इस लड़की के शरीर से ही मिलेगा ।
" क्यों चाहिए दूसरा जन्म और इस बच्ची से ही क्यों ?
" आरोही के अंदर की वो आवाज़ बोली क्योंकि मेरा जन्म एक ऐसी लड़की की कोख से होगा जो अपने भाई से सम्भोग करेगी ।और जो कुंवारी भी होनी चाहिए ये दोनों हैं इसमे हाहाहाहाहा....जो की एक हंसी सुनाई दी ।
" तु कहा से आयी हैं तेरा नाम क्या हैं बोल ।
" मैं काजल हूँ और मैं होटल रॉकफोर्ड में बरसों से रहती हूँ ।
" ये बता तु कैसे मारी तु क्यों एक बहन को उसके ही भाई से सम्भोग करना चाहती हैं ।
" मुझे दूसरा जन्म चाहिए मुझे बदला लेना हैं और मेरी कैसी मारी ये नही बताउंगी ।
" तु बताएगी बाबा ने जल लिया और छिड़क दिया जिससे आरोही के अंदर की रूह गुस्सा हो गयी ।
" मुझे जाने दो मुझे जाने दो ।
" चली जाना पर तु बता कहा से आयी कैसे तेरी मृत्यु ?
" बताती हूँ
काजल की जुबानी *******
१७ साल पुरानी बात हैं एक छोटे से गाँव में रहती थी ।पर मुझे अपने ही भईया से प्यार हो गया मैं उनसे विवाह करना चाहती थी पर गाँव के लोग इसके खिलाफ थे उनको मेरा प्यार नही दिखा ।तभी एक दिन भईया और मेरे बीच सम्भोग हो गया मैं खूब चुदवाई बहुत आनंद मिला मुझे ऐसे ही बहुत दिनों तक चला और एक दिन मैं भईया के साथ भाग के यहाँ शिमला आ गयी तभी ये सब जंगल हुआ करता था मैं और भईया छुप के कई महीने तक रहे और रोज़ हम सम्भोग करते मैं भईया से विवाह करना चाहती थी पर वो नही कर रहे थे वो मेरे साथ बस मज़ा लूट रहे थे ।एक दिन अचानक ही गांव के लोग ढूढ़ते हुए वहा पहुंच गये और उन्होंने मेरे भईया को बहला फुसला के मुझसे दूर कर दिया ।मैं बहुत रोई गिड़गिड़यी पे कोई मेरी नही सुना मेरे भइया मुझसे गुस्सा हो गये और चले गये उन लोगो ने मेरी इज़्ज़त लूटी और मुझे मार दिया और उसी जगह दफना भी दिया किसी को मेरी मौत से कोई फर्क नही पड़ा पर मैं वापस आयी किसी ने मुझे निकाला ।
" तेरा भईया ही तेरी कातिल हैं तु उसके लिए जन्म लेगी ।
" मेरे भईया इसमे शामिल नही हैं उनको बहलाया गया एक नया जिस्म दिखा के, पर मुझे मरने से पहले एक श्रप दिया गया की मैं जन्म तभी लूंगी जब कोई बहन अपने भाई से चुदवायेगी । जो अपनी कोख में भाई का बीज डलवायेगी जो भाई से चुदवा के उसका बच्चा करेगी और यह काम ये आरोही करेगी हाहाहा....
"तेरी रूह होटल में कैसे आयी हैं बता मुझे ?
" हाहाहा...ये एक राज़ हैं ।
To be Continue********
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