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Horror कमरा नंबर 143 ( Incest + Horror + Suspense)

Prince_007

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एक अजीब सा सन्नटा कमरे में था कोई कुछ नही बोल रहा था वीडियो देख के सभी के होश उड़ गये थे ।
पसीने से सब नहा गये थे । जैसे कोई डरवानी फिल्म देख ली हो । तभी सन्नटे को एक प्यारी सी आवाज़ ने ख़तम किया ।
" भईया आप बहुत गंदे हो मुझे बार बार अकेले कमरे में छोड़ के चले जाते हैं ।


इस आवाज़ से सब का ध्यान उधर ही गया और देखा तो आरोही खड़ी थी जिसकी आँखों में प्यार था पर चेहरे पे गुस्सा ,वो सब को बारी बारी देख रही थी । राकेश उठा और आरोही को गले लग कर बोला।


" मैं सोचा मेरी प्यारी बहना सो गयी तो थोड़ा इन लोगो से बाते करने चला आया !
" ये लोग कौन हैं भईया वो बहुत प्यार से राकेश से पूछी ।
" राकेश ने बारी बारी सबका परिचय करवाया और अंत में उसने नेहा बोला जिससे वो गुस्सा होने लगी ।
" राकेश समझ गया और आरोही को लेकर फिर से मोहब्बत के उस कमरे में चला गया ।
" ये तुमसे इतना गुस्सा क्यों हो रही हैं ।राजीव बोला ।
" पता नही मैंने क्या कर दिया हैं जब देखो मुझे मरने के पीछे पड़ी हैं ।
" हम्म..कुछ सोच के राजीव बोला कोई तो बात हैं जो वो तुमको देख गुस्सा हो रही है । वैसे आरोही और राकेश को अकेला छोड़ना सही नही मुझे लगता हैं । हमको उसके साथ ही होना चाहिए।
" वो वीडियो वो क्या था सोनू डरते हुए बोला मैं नही जाऊंगा उसके पास कही हमारा काम तमाम ना कर दे ।


" बकवास मत करो सोनू हम उस कमरे में होंगे तभी हम वो चीज़ खोज पाएंगे की पापा क्या ढूढ़ रहे थे और रमेश अंकल ने क्या राज़ छुपाया था ।
" सिर्फ रमेश नही ओम प्रकाश जी ने भी बहुत कुछ छुपाया हैं राजीव ।
" राजीव सपना को देखता हुआ बोला पापा ने क्या छुपाया
हैं ।
" देखो सब ने देखा की अंकल कुछ ढूढ़ रहे थे जो उनको पता था की कुछ हैं कमरे में और वो बोले भी की मुझे बाद में पता चला । इसका ये मतलब हैं की रमेश और ओम प्रकाश दोनों ने ही बहुत बड़ा राज़ छुपाया और होटल चालू किया जिसका नतीजा कुछ ही महीनों के बाद आने लगा ।


राजीव ,सोनू और नेहा तीनों ही सपना की बातें सुन के अनुमान लगा रहे थे की सपना बिल्कुल सही कह रही हैं ।


" तो क्या करे की होटल का राज़ खुले नेहा ने बोला ।
" एक काम करते हैं आज रात ही कमरे में कुछ ढूढ़ने की कोशिश करते हैं कुछ अजीब जो अलग हो और सुबह होते ही जंगल में जाकर बाबा जी को ढूढ़ लेंगे और आरोही को उनके आगे करके उसके जिस्म से उसकी रूह निकलवा देंगे ।
" सब ने हाँ में सर हिलाया और नेहा के अलावा सब कमरे में चले गये ।

************

आरोही और राकेश दोनों ही एक दूसरे को चूम रहे थे लार से राकेश का पुरा मुँह भीग गया था की कदमों की आहट से आरोही सोने का नाटक करने लगी । दरवाजे पे ठक.. ठक हुई पर राकेश तो जैसे होश में ही नही था । तब आरोही उठी और दरवाजा खोली ।और गुस्से से सब को देखनी लगी । दांतों को दांतों से रगड़ के आँखें से ही डरा रही थी की राकेश होश में आया और बोला।


" अंदर आने दो आरोही दोस्त हैं ।
आरोही गुस्से से उनको देखी और राकेश की तरफ देख के मुस्कुरा दी ।वो अंदर आये और बिस्तर पे बैठ के बातें करने लगे । धीरे धीरे ऐसे ही इधर उधर की बातें करते समय काट रहे थे ।और रात गहरी होती गयी आरोही सो चुकी थी या शायद नही ।


" राकेश बोला तुम लोग यहा क्यों आये हो ।
" बात ऐसी हैं की वीडियो के मुताबिक कोई ऐसी चीज़ हैं अभी भी कमरे में हैं जिसको ढूढ़ना ज़रूरी हैं ।राजीव धीरे से बोला ।
" वो तो मैं समझ गया हूँ पर वो क्या चीज़ है और हम कैसे पता कर सकते हैं ।
" सही बोला राकेश मैं खुद भी यही कह रहा हूँ क्या ढूढ़ सकते हैं । हमें क्या पता वो क्या ढूढ़ने आये थे रात के अंधियारे में छुप के सोनू ने दृढ़ता से जवाब दिया।



तभी एक आवाज़ उनके कानों में गयी ।तुम लोग कुछ भी कर लो ।मैं आरोही को उसके भैया से चुदवा के ही रहूंगी मेरा बरसों का ख्वाब अब पुरा हुआ हैं अब कोई नही रोक सकता । ये आवाज़ बहुत ही अजीब थी जो आरोही के जिस्म से कोई और बोल रहा था । ये सब सुन और देख के सब दंग रह गये थे । जैसे तैसे रात बीतने लगी और अंधियारा साफ होने लगा की तभी राजीव की आँख खुली और वो सबको उठा के चलने को बोलता हैं ।


" आरोही को कैसे ले जाएंगे ये तो मना करेगी । राकेश बोला
" एक काम करो इसको तैयार करो बोलो घूमने चलना हैं और तुम दोनों अकेले ही हमारे पीछे पीछे चलना ताकि वो शक ना करे ।
" ठीक हैं
" आरोही ओ आरोही उठ जा बहना घूमने चलना हैं ।राकेश की आवाज़ से आरोही की आँख खुलती हैं ।
" वो उबासी लेते हुए बोली कहा जा रहे हैं भईया ।
" अरे तु पहले तैयार तो हो जा फिर हम आज जंगल के सफर पे जाएंगे ।
" वाओ बहुत मज़ा आएगा बोलकर आरोही तैयार होने चली गयी।


***********

दो गाड़िया आयी एक में नेहा ,सपना ,सोनू और राजीव बैठ गये और दूसरे में राकेश और आरोही ।चिड़िया की चाहचाहट के साथ सफर शुरू हुआ । पहले राजीव की गाडी निकल गया उसके कुछ देर बाद राकेश और आरोही भी निकल गये ।तेज़ी से गाडी शिमला की सड़कों पे दौड़ रही थी । तभी एक मोड़ आया और वो उस तरफ निकल गये। कुछ दूर जाकर पेड़ और झाड़िया अधिक मात्रा में दिखाई देने लगे । जंगल में गाडी घुस चुकी थी सूरज अपना प्रकाश फैलाने लगा था काफी दूर आने के बाद भी उनको कुछ पता नही चलता तो वो उतर के ही ढूढ़ने का फैसला करते हैं ।


" देखो जंगल छोटा ही हैं बाबा यही कही होंगे हम लोगो को अलग अलग होकर ढूढ़ना चाहिए ।
काफी समय हो गया पर बाबा नही मिले सब थक गये ।की एक आदमी को जाते देखा ।
" आप यहा किसी बाबा को जानते हो राजीव बोला ।
"वो आदमी पलट के देखा उसने चारों को देखा और मुस्कुरा के बोला बाबा तो साधना में लीन हैं क्या काम हैं।
" वो बाबा जी से भूत प्रेत वाला काम हैं नेहा बोली ।
" हम्म. वो झाड़ियों के पीछे झरना शुरू होगा वो जहा ख़तम होगा वही बाबा का स्थान हैं बोल के चल दिया ।
" वो लोग वहा तक जाने के लिए निकल चुके थे । खुला आसमान और कटीली झटियों से बचते बचाते वो लोग झरने तक पहुंच गये और उसके बाद थोड़ा आराम करने का सोचा । राकेश और आरोही उनके पीछे ही थे ।


" वाओ भईया कितना प्यारा झरना हैं चलो ना नहाते हैं । आरोही बोली ।
" हाँ मेरी गुड़िया नहा लेंगे पर अभी नही थोड़ी देर बाद ।


कुछ देर तक आराम फरमाने के बाद वो लोग निचे की ढलान के तरफ चलने लगे और निचे पहुंच गये तभी उनको बाबा एक बड़े से पत्थर पे बैठे साधना में लीन मिले ।


" बाबा ओ बाबा आखें खोले हम आपके पास अपनी पीड़ा लेकर आये हैं । राजीव बोला ।


बाबा गहरी साधना में लीन थे पर काफी समय के अंतराल के बाद बाबा ने आँखें खोली और सामने अनेक लोगो को देख के मंद मंद मुस्कुरा दिये ।



" बोलो बच्चा क्या समस्या हैं तुम्हारी ?
" बाबा वो जो होटल रॉकफोर्ड की समस्या हैं
" बाबा मुस्कुरा दिये और बोले पर इसका समाधान मेरे पास नही हैं ।
" बाबा वो एक लड़की बुरी तरह एक रूह के कब्ज़े में फंस गयी गई उसको निकलने में हमारी सहायता करे सपना ने एक सटीक उतर बाबा को दिया ।
" हम्म..वो बालिका कहा हैं मुझे उसको देखना पड़ेगा और उससे मिलने से पहले इस जल में उसे स्नान करना पड़ेगा ।


तभी राकेश और आरोही भी निचे आते हुए दिखाई दिये । दोनों जैसे तैसे पहुंच गये और राजीव ने राकेश को बताया ।
" आरोही तुमको नहाना था ना चलो नहाते हैं।
" सच भईया वो खुश होकर जल्दी से पानी में उतर गयी और साथ में राकेश भी तभी बाबा बोले तुम लोग भी स्नान
कर लो ।

**********

बाबा के सामने सब बैठे हुए थे ।बाबा मंद मंद मुस्कुरा रहे थे ।
" बोलो अपनी पीड़ा
" बाबा उस लड़की के शरीर में किसी और की आत्मा प्रवेश हो चुकी हैं कुछ करिये बाबा जी ।

" तुम सब दूर हो जाओ
ये सुनते ही सब दूर हो गये और इधर आरोही गुस्सा होने लगी तभी बाबा जी ने एक जल का छिड़काव किया जिससे आरोही एक दम से चिल्लाने लगी ।

" बोल तु क्यों आयी हैं इस बच्ची के शरीर में बोल ।
वो कुछ मंत्र बोलकर आरोही पे जल छिड़क दिया जिसे आरोही दांत को दांत से रगड़ के बोली ।जाने दो मुझे वो आवाज़ बहुत अजीब थी क्योंकि वो आरोही की आवाज़ नही थी।
" बोल तुझे क्या चाहिए बोल ।
" हा...जोर से चीखने की आवाज़ हुई और एक आवाज़ आयी मुझे दूसरा जन्म चाहिए जो इस लड़की के शरीर से ही मिलेगा ।
" क्यों चाहिए दूसरा जन्म और इस बच्ची से ही क्यों ?
" आरोही के अंदर की वो आवाज़ बोली क्योंकि मेरा जन्म एक ऐसी लड़की की कोख से होगा जो अपने भाई से सम्भोग करेगी ।और जो कुंवारी भी होनी चाहिए ये दोनों हैं इसमे हाहाहाहाहा....जो की एक हंसी सुनाई दी ।

" तु कहा से आयी हैं तेरा नाम क्या हैं बोल ।
" मैं काजल हूँ और मैं होटल रॉकफोर्ड में बरसों से रहती हूँ ।
" ये बता तु कैसे मारी तु क्यों एक बहन को उसके ही भाई से सम्भोग करना चाहती हैं ।
" मुझे दूसरा जन्म चाहिए मुझे बदला लेना हैं और मेरी कैसी मारी ये नही बताउंगी ।
" तु बताएगी बाबा ने जल लिया और छिड़क दिया जिससे आरोही के अंदर की रूह गुस्सा हो गयी ।

" मुझे जाने दो मुझे जाने दो ।
" चली जाना पर तु बता कहा से आयी कैसे तेरी मृत्यु ?
" बताती हूँ

काजल की जुबानी *******


१७ साल पुरानी बात हैं एक छोटे से गाँव में रहती थी ।पर मुझे अपने ही भईया से प्यार हो गया मैं उनसे विवाह करना चाहती थी पर गाँव के लोग इसके खिलाफ थे उनको मेरा प्यार नही दिखा ।तभी एक दिन भईया और मेरे बीच सम्भोग हो गया मैं खूब चुदवाई बहुत आनंद मिला मुझे ऐसे ही बहुत दिनों तक चला और एक दिन मैं भईया के साथ भाग के यहाँ शिमला आ गयी तभी ये सब जंगल हुआ करता था मैं और भईया छुप के कई महीने तक रहे और रोज़ हम सम्भोग करते मैं भईया से विवाह करना चाहती थी पर वो नही कर रहे थे वो मेरे साथ बस मज़ा लूट रहे थे ।एक दिन अचानक ही गांव के लोग ढूढ़ते हुए वहा पहुंच गये और उन्होंने मेरे भईया को बहला फुसला के मुझसे दूर कर दिया ।मैं बहुत रोई गिड़गिड़यी पे कोई मेरी नही सुना मेरे भइया मुझसे गुस्सा हो गये और चले गये उन लोगो ने मेरी इज़्ज़त लूटी और मुझे मार दिया और उसी जगह दफना भी दिया किसी को मेरी मौत से कोई फर्क नही पड़ा पर मैं वापस आयी किसी ने मुझे निकाला ।

" तेरा भईया ही तेरी कातिल हैं तु उसके लिए जन्म लेगी ।
" मेरे भईया इसमे शामिल नही हैं उनको बहलाया गया एक नया जिस्म दिखा के, पर मुझे मरने से पहले एक श्रप दिया गया की मैं जन्म तभी लूंगी जब कोई बहन अपने भाई से चुदवायेगी । जो अपनी कोख में भाई का बीज डलवायेगी जो भाई से चुदवा के उसका बच्चा करेगी और यह काम ये आरोही करेगी हाहाहा....

"तेरी रूह होटल में कैसे आयी हैं बता मुझे ?
" हाहाहा...ये एक राज़ हैं ।




To be Continue********
 
Last edited:

Yamraaj

Put your Attitude on my Dick......
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Waiting for your next update bro....story mast h bas update jaldi diya karo bhai ..

Itna late update doge to kaun padhna chahega bhai ....

Jaldi jaldi update do kahani agar pahle page pe bani rahegi tabhi to log ise padhenge...
 
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sunoanuj

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Bahut dino baad ek thriller story aayi hai forum par .. or aapne likha bhi bahut jabardast hai…
 

Lovely Anand

Love is life
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रहस्य।
राकेश सीधा काउंटर पे जाता है और सपना से मिलता है ।
जी आप किसी अच्छे डॉक्टर को जानते हो क्या आप ?
सपना ये सुन घबरा जाती है, क्या हुआ आपको डॉक्टर क्यों चाहिए ।राकेश वो मेरी बहन की तबियत कुछ ठीक नही लग रही है ।सपना मन में जिसका डर था वही हुआ, तभी हेल्लो मैडम कहा खो गयी ।सपना सर आप से कुछ पूछना है ,राकेश हाँ बोलिये पर उससे पहले मुझे मेरी बहन को किसी डॉक्टर को दिखाना है उसकी तबियत कुछ ठीक नही लग रही मुझे ।ये सुनते ही सपना के होश उड़ जाते है क्या हुआ आपकी बहन को ,राकेश वो उसका व्याहार कुछ ठीक नही लग रहा है कुछ अजीब हरकते कर रही थी सुबह से ही,सपना समझ चुकी थी की अब तो बात बिगाड़ चुकी है कैसे भी करके इस मासूम की जान बचानी पड़ेगी ।सपना सर माफ़ करना पर आप ये बताएंगे आपकी बहन कुंवारी हैं या नहीं । ??
राकेश ये क्या बकवास कर रही है आप आपको समझ है आप क्या बोल रही है ।सपना किसी और को काउंटर पे बैठा के राकेश को फायर एग्जिट की सीढ़ियों पे ले गयी जहाँ इस समय कोई नही था । राकेश आप मुझे यहा क्यों लेकर आयी है ।सर आप से कुछ ज़रूरी बात करनी है ।
सर मेरी बात ध्यान से सुन ना फिर जवाब दीजियेगा । हाँ बोलो जो भी बोलना है । क्या आपकी बहन आरोही वर्जिन थी या है ये बताएं ,राकेश ये क्या बकवास कर रही हो तुम तुम्हारा दिमाग़ सही जगह है की नही ।
सपना सर बात को समझने की कोशिश कीजिये ।आप से बात करना बहुत दिन से चाहती थी पर मलिक सर ने मुझे आप से मिलने ही नही दिया । राकेश ऐसी क्या बात करनी थी और मिलने क्यों नही दिया ।
सर यही वो बात है आप बताओ क्या वो कुंवारी है या नही ??
राकेश मुझे नही पता एक भाई कैसे जान सकता है की उसकी बहन वर्जिन है या नही । ठीक है आपकी पत्नी कहा है अक्सर भाभियों को पता होता अपनी ननद के बारे में वो वर्जिन है या उनकी सील किसी ने खोल दी है ।
क्या बेवकूफ़ वाली बात कर रही हो और मेरी बहन को सीधे सीधे तुम गंदी लड़की बोलना चाह रही हो ।
सर मैं ऐसा नही बोल रही हूँ पर वो वर्जिन है तो आप को इसका बिल्कुल भी अंदाजा नही है वो किस खतरे में है ।
कैसा खतरा कैसी वर्जिनिटी कुछ समझ नही आ रहा तुम बातों को गोल गोल क्यों घुमा रही हो सीधे सीधे बोलो क्या बात है । पहले मुझे आपकी पत्नी से मिलना है । ओह हो कहाॅं फंस गया तुम्हारे चक्कर में और कमरा नंबर १४३ की तरफ निकल पड़ते है । इधर कमरे में आरोही ने राकेश के जाते ही ,जोर जोर से एक भयंकर हँसी हँसते हुए ,क्यों रे साली रंडी तुझे बहुत शौक था ना की ये आरोही तेरे मर्द की रखैल बन जाये तो ले बन गये तेरे मर्द की रखैल और अपने कपड़े फाड़ के नंगी हो जाती है और बोलती है ले देख रंडी तु भी देख मेरी चूत कैसी है हाहाहाहाहा... जोर जोर से हँस रही थी नेहा ये सब देख और सुन के डर के मारे कांपने लगती है । और बोलती है आरोही ये क्या बोल रही है तु तेरा दिमाग़ तो सही जगह है ना तूने कपड़े क्यों फाड़ दिये ,और ये कैसी आवाज़ में बोल रही है । भड़वी छिनाल साली में आरोही नही हूँ मैं तो काजल हूँ काजल हूँ सुन ले रंडी मेरा नाम काजल है ।इतना बोलकर वो बिस्तर पे गिर जाती है ।नेहा की डर के मारे हालत खराब हो गयी थी ।पुरा बदन डर से थर थर काँप रहा था। बहुत मुश्किल से थूक निगलते हुए वो कुछ बोलती उससे पहले ही नेहा को किसी ने उठा के फेंक दिया नेहा दिवार से जा लगी और माथा दिवार से टकरा गया और खून निकलने लगा ।इतने में राकेश और सपना आ जाते है जैसे ही कमरे में आते है आरोही को नग्न देख के दोनो की आँखे फटी की फटी रह जाती है ।सपना तो समझ गयी थी पर राकेश के लिए ये एक दम नया था वो भागता हुआ आरोही के पास गया और बिस्तर से चादर उठा के उसका बदन ढकने लगा जो जिस्म तो आरोही का था पर उसके अंदर काजल थी ,जैसे ही काजल की आत्मा राकेश को देखती है एक दम शांत हो जाती है और बेहोश होकर बिस्तर पे गिर जाती है ।तभी सपना राकेश की सहायता करती है और आरोही को बिस्तर पे सुला देते है और राकेश बोलता है मेरी बहन तुझे क्या हुआ बहन बोल आँखें खोल आरोही राकेश की आँखें नम हो गयी थी तभी उसकी नज़र इधर पड़ी नेहा पे जाती है जो बेहोश हो चुकी थी जब राकेश उसको देखता है उसके सर से खून निकल रहा था ,राकेश नेहा की तरफ भागता है उसको पकड़े पकड़े ही बोलता है नेहा नेहा आंखें खोलो जानू क्या हुआ तुम्हे प्लीज आँखें खोलो सर से खून लगतार बह रहा था । खून देख राकेश रोने लगता है आज ये क्या हो गया मेरी आरोही और नेहा को

तभी सपना उसको सांत्वना देती है और उसको भी उसी बेड पे लिटा दिया जाता है ,सपना इधर मोबाइल निकल के फोन करती है और कॉल कट कर देती है थोड़ी ही देर में एक डॉक्टर और होटल स्टॉफ के तीन लोग खड़े थे दोनो का इलाज़ चलता हैं करीब एक घंटे बाद डॉक्टर कुछ दवाई लिख देता है और कहता है हलकी चोट आयी है घबराने की कोई बात नही है ये दवाई समय से दे दीजिये ये बिल्कुल ठीक हो जाएगी ।तभी राकेश और वो मरीज ,
डॉक्टर कुछ ऐसा बोलता है की राकेश को विश्वास ही नही होता है ,डॉक्टर मरीज तो बिल्कुल ठीक है कुछ भी तो नही हुआ उसे हाँ थोड़ा थकान की वजह से शायद ऐसा किया हो उन्हे आराम की ज़रूरत है बस और कुछ नही है डॉक्टर को बहार तक छोड़ने के लिए होटल स्टॉफ का एक कर्मचारी छोड़ने चला जाता है ।तभी सपना अपने होटल स्टॉफ के कर्मचारी जिसका नाम गोपी था से नींबू मांगती है। और वो नींबू निकाल के आरोही के हाथ में रख देती है देखते ही देखते नींबू काला पड़ जाता है राकेश ये देख के आचंभित था की ये कैसे मुमकिन हैं।सपना सर ये देखिये आरोही को कोई बीमारी है ही नही तो डॉक्टर क्या बताएगा इसकी तो रूह इसके वाश में ही नही हैं इसकी जिस्म पे तो कोई और ही अपना हक़ जमा बैठा हैं। इस बेचारी को तो ये मालूम ही नही है की इसके शरीर में किसी और की आत्मा समा चुकी है जो इसके शरीर को अंदर ही अंदर खा रही हैं। जो इससे ये सब करवा रही है ये जिस्म आरोही का हैं पर इसके अंदर जो रूह है वो इसकी नही किसी और की है । इतना बोला ही था की राकेश ये क्या बकवास कर रही हो ये सब चीज़े नही होती मैं नही मानता की ऐसा कुछ होता भी है ।पहले मैं भी नही मानती थी पर मैंने खुद देखा है इसी कमरे में किसी को तड़प तड़प के मरते हुए ।राकेश क्या ??
हाँ राकेश में सच बोल रही हूँ यकीन नही होता तो गोपी और विष्णु से पूछ लो ( दोनो होटल स्टॉफ )
राकेश मुझे सब कुछ जान ना है ये क्या है और क्यों ,ये सब हो रहा हैं।सपना बोलना शुरू करती है ।ठीक आज से ६ महीने पहले ये होटल का पुननिर्माण हुआ था । मैं अपनी नई नई नौकरी से बहुत खुश थी । मुझे इससे पहले कुछ भी पता नही था एक दिन एक लड़का आया वो बहुत ही सुंदर और गोरा था मैं तो उसको देखते ही पागल हो गयी उसको यही कमरा 143 दे दिया की ये एक प्यार की निशानी है सब को पता है 143 यानी आई लव यू मैंने उसको ये रूम दे कर अपने प्यार का इज़हार कर दिया ।पर समय की मार से भला कोई बच पाया है जो वो बचता। धीरे धीरे उसकी तबियत अचानक ही बहुत खराब हो गयी ।वो गंदी गंदी बातें करना करने लगा था ।एक बार तो वो पुरा नग्न ही पूरे होटल में घूमने लगा मना किया तो सब को गंदी गलिया देने लगा और कुछ पे उसने हमला भी किया कुछ दिनों में उसकी तबीयत और खराब हो गयी हमने बहुत कोशिश की उसे हुआ क्या हैं। पर कुछ पता नही चल पा रहा था डॉक्टर बस यही कहते की उसको कोई बीमारी नही है वो बिल्कुल ठीक है ।और एक दिन इसी कमरे में उसनें फांसी लगा ली ।जब हमें पता चला तो पुलिस को फोन करके बुलाया ।उसके घर वालो को उसकी आई डी कार्ड की मदद से बुला के पुलिस ने उसकी लाश दे दी ।
पुलिस ने बहुत छान बीन की उनको हम पे भी शक हुआ पर कोई नतीजा ना निकलने पे पुलिस ने केस बंद कर दिया।मलिक सहाब के कहने पे ये रूम हमेशा के लिए बंद कर दिया गया । कुछ दिन बाद मैं मलिक सहाब से पूछा की असली बात क्या हैं तो वो टाल गये पर मेरे बहुत पूछने पर थोड़ा बहुत बताया पर उन्होंने ठीक से कभी नही बताया की इस कमरे का राज़ क्या है
तब तक नेहा भी उठकर ये बातें सुन रही थी राकेश इतनी बड़ी बात आप लोगो ने हम से छुपाये रखी पर क्यों जब आपको पता था ये कमरा भूतिया है तो मेरी आरोही को इसमे क्यों रहने दिया और रोने लगता है तभी नेहा उठ कर राकेश को संभालती है ।और बोलती हैं इसमे आप भी उतनी ही शामिल हो जितना वो मादरचोद मलिक शामिल है हम लोग तुम लोगो को छोड़ेंगे नही ।
मैंम इसमे मेरी गलती हैं मानती हूँ मुझे आप लोगो को उसी दिन बता देना चाहिए था पर मिल नही पा रही थी आप लोगो से मलिक सर मिलने ही नही दिये ।तभी राकेश बोलता है पर तुम्हारे कहे मुताबिक इस कमरे में कोई लड़का मारा था पर आरोही के जिस्म से जो आवाज़ आती है वो तो किसी लड़की है ये कैसे हो सकता है ।अब चौंकने की बारी सपना की थी ।नेहा हाँ आरोही के जिस्म से कोई और ही बोल रहा था ।मुझे लगा आरोही क्यों मुझे ऐसा बोल रही है। राकेश कही आप कुछ और तो नही छुपा रही ।नेहा ये ज़रूर हमसे कुछ छुपा रही है मलिक ने इससे कुछ बताया होगा ।सपना मुझे जितना पता था बता दिया उस दिन जब तुम आये तुम्हे देख उसी लड़के की याद आ गयी ।रूम खाली नही था इसी लिए में माना कर रही थी पर मलिक सहाब एक नंबर के घटिया इंसान निकले पैसो के लिए इस मासूम सी जान का सौदा कर दिया। तभी राकेश बोला उस लड़के के मरने के बाद कमरा बंद कर दिया था उसके बाद मलिक कुछ बताया था तुमने खुद कहा था अभी की ठीक से नही बताया ।सपना ये सुन के सहम जाती है की वो भावनाओं में कुछ अधिक बोल गयी थी ।क्या हुआ होटल में और क्या बताया उस मलिक ने तुम्हे ??
सपना सर ज्यादा कुछ नही बस कुछ बातें और सपना फिर बोलना शुरु करती है ,उस लड़के के मरने के बाद ये बात तेज़ी से फैलने लगी और होटल घाटे में जाने लगा तब मलिक सर ने इस होटल को पूरे 6 महीने तक बंद रखने का फ़ैसला किया ।मेरे पूछने पे उन्होंने बताया की नुकशान से बचने का यही तरीका है।पर मुझे दाल में कुछ काला लगा मैंने बहुत पूछा तो बताया की,

अब मलिक की जुबानी - सपना तुम एक अच्छी रिसेप्शनिस्ट हो ये बात बहुत पुरानी है जब मेरे पिता ने ये होटल लिया था कोई बुड्ढा था जो पापा को फंसा के चला गया ।पापा बहुत खुश थे क्यों की वो जीवन में आगे बढ़ना चाहते थे ।तो उन्होंने इसी होटल से अपने जीवन के पहले बिजनेस की शुरूवात की ,पिता जी रॉकफोर्ड व्हिस्की बहुत पसंद थी इसी वजह से इस होटल का नाम रॉकफोर्ड रखा ।होटल का मरम्मत का काम शुरू हुआ और होटल रॉकफोर्ड तैयार हो गया धीरे धीरे होटल काफी नाम कमाने लगा ग्राहको की कतार से होटल कभी खाली नही रहता था पर एक दिन अचानक ही कमरा नंबर 143 में एक लड़की की मौत हो गयी । होटल का अच्छा नाम था इसी लिए जैसे तैसे पापा ने पुलिस को पैसे खिला के केस बंद करवा दिया ।पर ये मौत का सिलसिला रुका नही और एक के बाद एक अनेक मौतें कमरा नंबर 143 में होने लगी जिसके बाद पापा बर्बाद हो गये पुलिस ने पापा को गिरफ्तार कर लिया की और पूरे शहर में बात फ़ैल गयी की होटल रॉकफोर्ड एक खुनी होटल है और उसका मलिक ही कत्ल को अंजाम देता है। फिर ये होटल बंद हो गया और पापा को उम्र कैद हो गयी ये सदमा माँ बर्दास नही कर पायी और वो चल बसी मैं बहुत टूट चुका था ।तभी खबर आयी की जेल में ही पापा ने आत्महत्या कर ली है ये सुन के मैं मर जाना चाहता था पर जीना तो पड़ता ही है सपना, जैसे तैसे पापा के एक दोस्त के पास रहा और कुछ सालो बाद मैंने होटल फिर से शुरू करने का फ़ैसला किया । होटल को का साफ सफाई से लेकर मरम्मत का काम शुरू हुआ और एक नया रॉकफोर्ड बन के तैयार था ।तब तुम रिसेप्शनिस्ट के लिए इंटरवयू देने आयी और मैंने तुम्हें रख लिया ।बाकी मुझे नही पता की इस होटल और उस कमरे का क्या राज़ है ।
सपना - सर आपको ये पता लगना चाहिए था असली वजह क्या है क्या पाता कोई आपके पापा से बदला लेना चाहता हूँ
मलिक - हो सकता है सपना जो भी हो पर ये होटल कुछ महीने के लिए बंद कर देते है और आगे से उसमे किसी को रुकने के लिए नही कहेंगे ।
ये सब सपना राकेश और नेहा को बता चुकी थी ।
राकेश मतलब जो पहली मौत हुई कही वही लड़की तो नही है
सपना पता नही सर पर मुझे भी लगता है वही होगी तभी नेहा बोलती है आरोही के अंदर से जो आवाज़ आ रही थी वो बार बार काजल हूँ बोल रही थी ।
शाम हो चली थी डर के मारे गोपी और विष्णु काँप रहे थे ।
साथ में सपना की भी तभी राकेश आप लोग इतना काँप रहे हो तबियत तो ठीक है ।सपना -राकेश शाम हो गयी है और शाम होते ही काली शक्तियां अधिक ताकतवर हो जाती है हमे दूसरे कमरे में बैठ के सोचना चाहिए की क्या करना है और कैसे करना है??राकेश पर में आरोही को छोड़ के कही नही जाऊंगा । सपना नेहा को नाम से बुलाते हुए नेहा अब तुम ही समझाओ अपने पति को यहा रहना खतरे से खाली नही है ,नेहा ,सपना ठीक कह रही हैं जान आरोही की जान बचने के लिए हमे जिंदा रहना होगा तभी वो बुरी आत्मा आरोही का शरीर छोड़ेगी।
राकेश कुछ सोच के ठीक है और आरोही को उसी कमरे में बंद करके अपने कमरे में चले जाते है ।
सब रूम में किसी गहरी सोच में डूबे हुए थे की राकेश बोलता है ये काजल है कौन ?? और इसने आरोही के जिस्म पे कब्ज़ा कैसे किया ।नेहा भी कुछ बोलती है जो उस समय आरोही के जिस्म से कोई और बोल रहा था ।
वो भूतनी मुझे बोली की वो आरोही को आपकी रखैल बनाना चाहती है और उसने मुझे भी गंदी गंदी गलिया दी ।
राकेश ये सुन के आँचंभित था की उसकी खुद की बहन उसकी रखैल बनेंगी ।वो गुस्से से बोल उठा इसकी माँ का भोसड़ा मेरी आरोही को कुछ किया तो उसकी माँ चोद दूंगा । सपना दिमाग़ से काम लो राकेश जिसके बारे में बोल रहे हो वो कोई इंसान नही किसी की रूह है और उसकी माँ के साथ करने के लिए उसकी माँ होनी भी तो चाहिए उसने ये बात माहौल खुशनुमा बनाने के लिए बोला था। सभी के चेहरे पे हलकी सी मुस्कुराहट आ जाती है ।
गोपी - सपना मैंम काजल कौन हैं ये पता करने के लिए मलिक सर की ज़रूरत पड़ेगी
राकेश गुड यार मेरा तो दिमाग़ ही बंद हो गया है चलो उस मलिक के बच्चे को पकड़ते है।सपना -सर अभी दो दिन के लिए बहार गये है कल आ जाएंगे ,नेहा तब तक क्या करे आरोही की तबियत और खराब हो जाएगी । राकेश काजल कौन है ये पता करने की शुरुवात उस लड़की से करनी होगी जिसकी मौत उस कमरे में पहली बार हुआ थी ।सपना पर कैसे पता करे की वो लड़की कौन थी और कहा से आई थी ।राकेश कोई पुरानी फाइल नही है क्या ? इस होटल की, शायद नही होगी मलिक सर ने पुरानी सारी चीज़े फेंक दी थी होटल को फिर से शुरू करने से पहले ,नेहा फिर तो हमे उस भड़वे मलिक का इंतेज़ार ही करना पड़ेगा वही आगे की कड़ी जोड़ सकता है ।और कोई चारा नही है ।राकेश ठीक है और सब मिलकर खाना खाने चले जाते है ।अगली सुबह क्या लेकर आएगी। कोई नही जानता ।।
आपकी यह स्टोरी अच्छी लग रही है उम्मीद करते हैं की सेक्स और कहानी में आप सामंजस्य बनाए रखेंगे।
 

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आरोही हँस के बेहोश हो गयी । एक दम शांति छा गयी थी की एक आवाज़ से सब का ध्यान उधर ही गया।

" ये तो बेहोश हो गयी और होटल का राज़ भी अधूरा ही रह गया। सोनू बोला।
" बाबा अब क्या होगा राकेश ने एक चिंता के स्वर में पूछा।
" ये १७ साल पहले मरी हैं तो अवश्य ही कोई वस्तु इसकी रूह को जीवित रखे हुए हैं जो मोक्ष प्राप्ति में आड़े आ रही हैं ।
" बाबा जी तो कैसे आरोही को बचाया जायेगा राकेश की आँखें नम थी ।
" मुझे उस होटल के कमरे में ले चलो वही से कुछ पता चले तो कोई सहयता हो सकती हैं

वो लोग होटल चल दिये और वहा पहुंच के बाबा जी ने कमरे में प्रवेश किया कमरे में एक अजीब से महक थी ।बाबा जी ने पूरे कमरे का मुआयना किया और अपनी शक्तियों से कुछ पता करने लगे। काफी समय गुज़र गया था सब बाबा जी की आँखें खोलने की प्रतिक्षा कर रहे ।

**************

" बाबा मंद मंद मुस्कुराये और बोले यदि तुम्हें अपनी बहन को बचना हैं तो इसके साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना होगा ।
" क्या....सब एक साथ बोल उठे।
" बाबा जी आप ये क्या कह रहे हैं राकेश ने चिंता व्यक्त करते हुआ बोला ।
" हाँ मैं जो बोल रहा हूँ वही सत्या हैं आरोही के शरीर में जो रूह हैं ।वो बहुत बुरी हैं और काली शक्तियों के गुणवत्त से भरी हुई हैं अभी इसका सामना करना अपने जीवन को खतरे में डालना हैं वो बहुत ही भूखी और प्यासी हैं उसकी इच्छा अधूरी रह गयी हैं जो वो चाहती हैं करते जाओ वरना वो इस बालिका के जीवन को खतरे में डाल सकता हैं।

" बाबा जी पर मैं अपनी बहन के साथ छी... मुझे तो बोलने में भी शर्म आ रही हैं ।वो मेरी बहन हैं ये तो पाप हैं बाबा जी ।
" बाबा मुस्कुराये और बोले वो तो बस अपने भईया से प्यार चाहती जो वो लेकर रहेगी और ये बालिका अब कुंवारी नही रही ।
" क्या..ये आप क्या बोल रहे हो बाबा जी नेहा ने एक प्रश्न किया ।
" हाँ इस बुरी शक्ति ने अपनी काली शक्तियों के दम से दूसरे ही दिन आरोही का कौमार्य राकेश के द्वारा लूटवा चुकी हैं राकेश ने खुद ही अपनी बहन को भोगा हैं वो अपनी बहन के यौवन को लूट चुका हैं ।बाबा जी मुस्कुरा के बोल गये ।

सब राकेश की तरफ देखने लगे ।राकेश तो ये सुन आचंभित था की उसने कब और कैसे आरोही के यौवन से खेला और उसको कुछ भी याद क्यों नही हैं ।

" तुम लोग मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो मैंने कुछ नही किया बाबा जी झूठ बोल रहे हैं।
" बाबा जी झूठ क्यों बोलेंगे राकेश नेहा ने एक व्यंग करते हुए बोली।
" बाबा जी ये सब क्या हो रहा हैं आप झूठ क्यों बोल रहे हैं मैंने तो अपनी आरोही के लिए कभी बुरे विचार भी मन मे नही लाया तो उसके साथ यौन कीड़ा कब किया ।
" हाँ तुमने किया और ना तुमने नही भी किया दोनों ही बातें सच हैं ।

ये बात सब के दिमाग़ के ऊपर से निकल गयी सब हैरान थे की बाबा जी क्या बोले जा रहे हैं ।

" हम लोग समझे नही बाबा जी राजीव ने एक सटीक सा जवाब दिया ।
" इस बुरी आत्मा जो अपने को काजल कहती हैं ।उसने अपनी काली शक्तियों का प्रयोग करके राकेश के साथ संबंध बनाये जिसके बारे में राकेश भी नही जानता ।


ये सुन सब हैरान थे की ये कैसे मुमकिन हैं कोई किसी के साथ सोये और उसको खबर ही नही हैं ।

" बाबा जी ये कैसे मुमकिन हैं । सपना ने पूछा ।
" ये मुमकिन हैं जिस दिन ये लड़की इस कमरे में आयी उसी रात उसके शरीर में ये आत्मा प्रवेश कर गयी ।और इसका सबसे बड़ा करण हैं की ये कुंवारी थी जो उसे चाहिए था वो मिल गया और फिर उसने अपनी शक्तियों के जरिये आरोही को अपने ही भाई से मिलन करवा दिया जिसके बारे में ना राकेश जानता हैं ना आरोही दोनों ही इससे अनजान हैं की दोनों भाई और बहन एक साथ नग्न होकर सो चुके हैं । दोनों ने एक दूसरे को भोग लिया । आरोही को तो ये भी नही पता की उसके ही सगे भईया का वीर्य उसकी कुंवारी योनि में जा चुका हैं ।
" बाबा जी मुझे कुछ तो याद होना चाहिए ऐसा कैसे हो सकता हैं।
" हाँ तुम्हें याद अवश्य होगा कुछ दिनों में कुछ अलग हुआ हैं तो बताओ।
" बाबा जी ऐसा तो कुछ नही हैं हाँ एक सपना देखा था की आरोही मेरे लिंग पे कूद रही हैं और मैं उसको मना कर रहा हूँ पर वो मान नही रही हैं ।
" बाबा जी मुस्कुरा के बोले वो सपना नही था वो सच था तुम व्रतमान में अपनी बहन के साथ सम्भोग कर रहे थे ।उसे भोग रहे थे उसके जिस्म को को रौंद रहे थे ।जो तुम्हे एक सपने की तरह दिखाई दिया ।

" ऐसा कैसे हो सकता हैं बाबा जी सुबह जब आँख खुली तो सब कुछ वैसे ही था ।
"यही तो वो दिखना चाहती थी ताकि वो बुरी आत्मा को थोड़ा समय मिल जाये आरोही के शरीर को अच्छे से कब्ज़ा करने का और तुम लोग समझ नही पाये ।
" पर बाबा जी इसके आगे भी सपना था की मैं आरोही को भोग रहा हूँ और मेरा वीर्य निकल के आरोही की योनि को भीगाने लगा तभी नेहा आ गयी और मेरे लिंग पे वार किया और मैं उठ के बैठा तो सब कुछ सामान्य था । और ये सच होता तो नेहा कहा से आयी ।
" तुमने सम्भोग हक़ीक़त में ही किया पर तुमको पता ना चले इसीलिए उसने इसे एक सपने की तरह तुम्हारे सामने
प्रकट किया ताकि तुम एक सपना समझ के भूल जाओ ।

ये सब सुन सभी किसी ना किसी सोच में डूबे हुए थे की बाबा जी बोले आरोही का जीवन अब तुम्हारे हाथ मैं हैं तुमको वो करना पड़ेगा जो अनजाने में ही तुम कर चुके हो ।

" राकेश की आँखें भीग गयी थी वो रोता हुआ बोला बाबा जी ये कैसे हो सकता हैं वो मेरी बहन हैं ।
" तुम्हे करना होगा वरना वो आरोही के साथ कुछ भी कर सकती और हाँ आरोही का जीवन तो अब बचाना मुश्किल हैं क्योंकि वो राज़ क्या हैं वो आत्मा कभी नही बताएगी जिससे आरोही आज़ाद हो सके । तो तुम उसको भोग लो और उस आत्मा को नया जन्म दो ।

नही बाबा जी आप कुछ करो सब बाबा जी के पैर पकड़ लिए राकेश और नेहा तो रोने लगे थे ।पर बाबा जी ने
उनको जैसे तैसे समझाया और बोले
" ये आत्मा बहुत शक्तिशाली हैं इसका समाना करना मेरे लिए असम्भव हैं और जब तक ये पता नही चलता की वो इस होटल के कमरे में क्या कर रही हैं कुछ भी करना खतरे से खाली नही हैं बोल के वहा से चल दिये ।

************

आरोही बिस्तर पे बेहोश थी और कमरे में सन्नटा छाया हुआ था सब किसी गहरी सोच में डूबे हुए थे की राकेश ने गुस्से से बोला ।

" मैं ये नही करूंगा मैं अपनी आरोही को कैसे चोद सकता हूँ मेरी बहन क्या सोचेगी नही नही मैं नही करूंगा ये बाबा जो भी बोले मैं अपनी गुड़िया को बचा के रहूंगा ।
" हाँ राकेश हम बचा के रहेंगे नेहा ने राकेश को अपनी बांहों में भरते हुए बोली ।

दोनों एक दूसरे से लिपट के रोने लगे थे उधर सपना ,सोनू और राजीव उनको देख रहे थे पर जवाब तो उनके पास भी नही था की तभी सोनू जाने के लिए उठा पर अचानक ही वो बोल उठा ।
" हम बचा सकते हैं क्यों ना इस ज़मीन के मालिक को ढूंढे जिसने पापा को ये ज़मीन बेची शायद वो कुछ जानता होगा ।।

सोनू के इस बात को सुन चारों ही उसको देख रहे थे ।वो सोच रहे थे की सोनू जैसे मोटी बुध्दि वाला भी ऐसा सोच सकता हैं।

" क्या बात हैं सोनू सर आपकी बात में दम तो हैं हम लोग अभी भी कुछ कर सकते हैं बाबा जी ना सही हम लोग खुद कुछ करेंगे ।
" कैसे नेहा ने एक छोटा सा सवाल किया ।
" ज़मीन के पेपर से मालिक का पता तो चल जायेगा पर उसको ढूढ़ना मुश्किल है ।राजीव बोला ।
" यदि हम लोग पुलिस में जाकर पता करवाए तो ,
" क्या फालतू की बात कर रहा हैं सोनू ये करने में तो महीनों लग जाएंगे और इतना समय नही हैं ।ऊपर से एक छोटी सी फोटो होगी पेपर पर उससे कैसे पता किया जायेगा ।
" राजीव पहले ज़मीन के पेपर लॉकर से निकालते हैं फिर सोचते हैं आगे क्या करना हैं । क्या पता उसके जरिये कुछ ऐसा मिल जाये। जिसकी सहायता से कुछ हो सके। सपना बोली ।


*************


दोपहर हो चली थी राजीव और सोनू बैंक चले गये ज़मीन के पेपर लेने के लिए । इधर राकेश कुछ खाने को तैयार ही नही था आरोही अभी भी बेहोश थी ।

" मुझे लगता हैं नेहा हमको राकेश और आरोही को अकेले छोड़ देना चाहिए ।

उनके कमरे से बहार जाने के कुछ ही समय के बाद आरोही होश में आयी या वो नाटक कर रही थी पता नही राकेश ने उसकी आँखों में देखा और आरोही ने भी राकेश को देखा जैसे पूछ रही हो भईया आप रो क्यों रहे हो राकेश ने उसको बाहों में भर लिया ।
इधर सपना भी नेहा को बोल बोल के थक गयी की कुछ तो खा लो पर वो भी उदास मन से बार बार मना कर रही थी ।

" तुम दोनों पति पत्नी भी ना एक नंबर के बेवक़ूफ़ हो क्या भूखे रहने से आरोही ठीक हो जाएगी ।चलो अब खा लो फिर खाना लेकर कमरे में ही चलते हैं होटल भी तो देखना हैं कितने दिनों से कोई खबर नही हैं क्या चल रहा हैं । तुम खाना खाओ मैं जब तक होटल का मुअयाना करके आती हैं ।

नेहा ने खाना खाया और खाना लेकर चल दी कमरे की तरफ वो दरवाजे पे पहुंची ही थी की उसको कुछ आवाज़ सुनाई दी ।
"आअह्ह्ह्ह...भईया चुसो मेरी चूची आअह्ह्ह...ओह्ह्ह बरसों से प्यासी हूँ भईया....

नेहा ने दरवाजे को हलका सा खोल के देखना चाहा तो उसकी आँखें बड़ी हो गयी ।बिस्तर पे आरोही पूर्ण नग्न थी और राकेश उसकी चूचियों से खेल रहा था निप्पल को अपनी जीभ से छेड़ रहा था जिससे आरोही या यूँ कहे काजल सिसक रही थी ।

आरोही ने राकेश को बोला की लेट जाओ भईया वो एक मशीन की तरह सुना और लेट गया जैसे ही वो लेटा उसका खड़ा लिंग नेहा को दिखाई दिया । आरोही ने लंड को पकड़ा और अपने मुँह को लंड के आगे के भाग को होठों में भर ली जिससे राजेश कुछ नही बोला पर एक हलकी आह्ह्ह..उसके मुँह से बहार आयी । आरोही लंड होठों में भरकर पुरा चूसने लगी वो ऐसे चूस रही थी जैसे कोई इंसान कई दिनों का भूखा हो और उसको खाना मिल गया हो। बिल्कुल आरोही भी वैसे ही चूसने और चाटने में लगी थी ।वो अपनी गुलाबी जीभ को टोप्पे पे घूमती तो राकेश की सिसकियाँ निकल जाती ।आरोही के थूक से भीग के लंड पुरी तरह अपने रूप में था वो अलग से ही एक चमक दे रहा था जो नेहा की आँखें देख रही थी । पर ये खेल ज़्यादा नही चल पाया और राकेश का लंड माल उगलने लगा और सफ़ेद गाढ़ा चिपचिपा पानी आरोही के मुँह को तृप्त कर गया उसने पूरे वीर्य को चाट के साफ कर दी।

" देख लिया रंडी ये आवाज़ आरोही से अलग थी ।साली हरामजादी इतना मत सोच में आरोही नही काजल हूँ बस जिस्म आरोही का हैं पर मज़ा में ले रही हूं ।

ये सब सुन बहार खड़ी नेहा की हालत खराब हो चुकी थी उसके पैर कांपने लगे थे डर उसके चेहरे पे साफ दिखाई दे रहा था वो भागना चाहती थी पर भाग नही रही थी । तभी आवाज़ फिर से आयी अंदर आ रंडी और बता क्यों नही पीछा छोड़ती हैं मेरे भईया का साली भोसड़ी वाली ।

नेहा डरते हुए अंदर आयी ।अभी भी बिस्तर पे आरोही और राकेश नंगे थे पर राकेश को कोई होश नही था।
" मैं खाना लायी थी ।नेहा ने कंपकंपाति हुई जुबान में बोली ।
" अच्छा किया मैं तो खाती नही हूँ मुझे तो लंड की भूख हैं पर ये आरोही नही खायेगी तो मुझे नया जीवन कैसे देगी ।
रख दे खाना और चली जा रंडी वरना तु मरेगी।

नेहा का बदन पसीने से भीग चुका था वो इतनी तेज़ी से भागी की वो सामने किसी से टकरा गयी । और धडाम से गिर गयी। और हांफने लगी ।
" नेहा तुमको दिखाई नही देता क्या ।उफ्फ्फ...कितनी जोर से लगी मुझे।
" नेहा ने देखा तो वो सपना थी ।वो एक आह्ह्ह.. भरते हुए बोली अच्छा हुआ तुम आ गयी वो कमरे में....

" कमरे में क्या सपना ने पूछा
" वो कमरे में आरोही नंगी हैं और उसके अंदर से वो काजल बोल रही थी। उसने राकेश को भी नंगा किया हुआ हैं और उसके लंड को चूस रही हैं नेहा ने अचानक ही सब कुछ बोल दिया ।
"लंड शब्द सुन सपना की बूर में एक चुनचुनी मची वो बोली। क्या... ये तुम क्या बोल रही हो नेहा ।

दोनों उठी और नेहा ने बोला हाँ। चलकर देख लो विश्वास नही होता तो दोनों गयी तो देखा राकेश और आरोही साथ बैठ के खाना खा रहे थे । सपना और नेहा को देख आरोही गुस्सा हो गयी और बोली।

" तुम लोगो को कोई काम नही हैं जब देखो मुँह उठा के यही आ जाती हो ।
" अरे आरोही क्यों बोल रही हो। दोस्त हैं आने दो आओ तुम लोग ,खाना खा लिया तुम दोनों ने ,

दोनों ने हाँ में सर हिलाया समय बीत गया आरोही अपने भईया की बांहों में सो गयी या नाटक कर रही थी पता नही ।

***********

चारों मिलकर पेपर को देख रहे थे । तभी सपना बोली ।
" तो इस बुड्ढे की ये ज़मीन हैं एक काम करते हैं यहाँ एक पता दिया गया हैं जो ज़मीन की ख़रीद के समय उस समय मौजूद था और एक गवाह भी था लेन देन का इस पते पे चलकर मालूम करते हैं कुछ मिल जाये ।


********* To be Continue by prince
 
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काफी देर घंटी बजती रही और सपना ,सोनू ,नेहा और राजीव दरवाजा खुलने का इंतज़ार करने लगे तभी किसी ने दरवाजा खोला । चारों की नज़र उस व्यक्ति पे गयी। छोटी सी हाइट सफ़ेद बाल और लम्बी मूँछ लिए हुए एक आदमी खड़ा था ।

" जी आपको किस से मिलना हैं ।
" जी हमें महेश अवस्थी जी से मिलना हैं ।
" हाँ कहिये मैं ही हूँ महेश अवस्थी ।
" हम होटल रॉकफोर्ड से आये ।

ये सुनते ही महेश की आँखें बड़ी हो गयी। वो दरवाजा बंद करने वाला था की राजीव घर में घुस गया साथ में सोनू ,नेहा और सपना भी अंदर आये ।

" ये क्या बत्तमीज़ी हैं
" राजीव ने महेश का कॉलर पकड़ के बोला तूने अभी बत्तमीज़ी देखी कहा हैं बता हमे क्यों फंसाया उस बुड्ढे ने मेरे अंकल को क्या राज़ हैं उस ज़मीन का जो होटल को बर्बाद किये हुए हैं ।
" हाथ हटाओ वरना ठीक नही होगा मिस्टर...
" राजीव, राजीव नाम हैं मेरा। सुना तूने अब बोलेगा की दो फटके खा के बोलेगा ।
" पहले हाथ हटाओ फिर बताता हूँ ।

राजीव ने कॉलर छोड़ दिया और महेश भागने को हुआ की सोनू ने पैर से उसे गिरा दिया ।

" तु ऐसे नही बताएगा बुड्ढे राजीव ने गुस्से से बोला ।
" वो मारने ही वाला था की सपना ने उसे रोका और बोली ये क्या कर रहे हो एक बुजुर्ग को मारना सही नही हैं ।देखिये हम बहुत बड़ी मुसीबत में हैं । एक लड़की की जान खतरे में हैं पहले भी बहुत लोग मारे जा चुके हैं पर अब नही होना चाहिए आप जो भी जानते हो बता दो प्लीज।

**********

महेश बैठा था उसके सामने वो चारों बैठे हुए थे की महेश बोला क्या जानना चाहते हो ।
" उस ज़मीन से जोड़ी हुई सब बातें ।कैसे उस ज़मीन में किसी आत्मा का साया हैं जो बहुत लोगो को तंग कर रखी हैं ।

************महेश की जुबान से *********

वो ज़मीन मेरे एक दूर के चाचा की थी पर उनके बेटे उनको छोड़ के चले गये थे।उनकी देख रेख में ही करता था । पर एक दिन मुझे चाचा ने बताया की उनकी एक ज़मीन हैं जो लाखों की हैं मैं सुन के बहुत खुश हुआ और बोला तो आप रोटी के लिए किसी पे मुहताज़ क्यों हैं
हमारे बीच बात हुई और हम उस ज़मीन को बेचने चले गये । तभी एक लड़की और लड़का उस जगह दिखाई दिये पूछा तो बताया की उनको एक घर चाहिए ।उन्होंने बताया की वो घर से भाग के आये हैं। क्योंकि उनके घर वाले उनका विवाह नही होने दे रहे हैं । ज़मीन के आस पास कोई घर नही था जंगल सा माहोल था ।मैं और चाचा ने उनसे बात की और फैंसला हुआ की वो महीने का किराया दे देंगे और ज़मीन की देखरेख भी हो जाएगी ।

कुछ समय गुज़ार गया और उनसे मिलने और ज़मीन देखने गये तो उन लोगो ने एक छोटा सा कमरा बना दिया था जिसके बहार लिखा था १४३ मुझे अजीब लगा ये नंबर क्या हैं पर मैं पैसे लेकर आ गया । ऐसे ही कई बार होता रहा और एक दिन अचानक ही हम लोग चले गये तो एक अजीब सी आवाज़ सुनाई दी ।

" कैसी आवाज़ चारों ने पूछा ।
आह्ह्ह...भईया चोदो मुझे आह्ह्ह...ओह्ह्ह कितना मज़ा आता हैं आप के साथ ,तभी लड़का बोला हाँ मेरी बहना सदा चुदवाती रहना आह्ह्ह..

ये सब सुन चाचा और मैं चौंक गये की ये क्या सब क्या हैं क्या ये भाई बहन हैं हम दोनों को ही विश्वास नही हो रहा था की भाई बहन के बीच ऐसा भी हो सकता हैं। कुछ देर में ही उनका खेल समाप्त हो गया और हम लोगों ने उसने पूछा की ये सब क्या हैं तुम लोग कौन हैं बताओ वरना पुलिस बुलाते हैं

वो घबरा गये और लड़की बोली की हम भाई बहन हैं पर एक दूसरे को प्यार करते हैं ।
चाचा बोले ये प्यार नही वासना हैं हवस हैं जो तुम लोगो के सर चढ़ी हैं । हम लोगों ने उनको तुरंत घर को खाली करने का बोले पर वो नही मान रहे थे वो लोग बोले की कुछ दिन बाद वो खुद ही चले जाएंगे ।

*** फिर क्या हुआ आगे बताओ राजीव ने पूछा ।

एक दिन मैं गया तो देखा कुछ लोग उनको मार रहे हैं लड़की को पुरी तरह से पीटा जा रहा था की चाचा और मैंने उनको रोकने की कोशिश की तो पता चला ये लोग उनके गाँव के हैं ।

उन लोगो ने मुझे और चाचा को भी मारा और बोले साले तुम लोग सब जानते हो फिर भी एक पाप का साथ दे रहे हो
मैंने उनको बोला की देखो हम कुछ नही जानते थे हम लोगोें की ज़मीन छोड़ दो । वो लोग बन्दूक लेकर हमको डराने लगे और बोले चुप चाप देख समझा ।

उन लोगो ने पता नही क्या किया की लड़का गुस्सा होकर चला गया और लड़की को अंदर ले गये और उसकी आवाज़े आने लगी । महेश बोल के चुप हो गया ।

" कैसी आवाज़े आने लगी चारों एक साथ बोले ।

" जी वो.. आह्ह्ह.ओह्ह्ह जैसी कुछ मैं समझ गया की ये सारे मर्द बारी बारी से उस लड़की के साथ शारीरिक सुख ले रहे हैं वो बेचारी चिल्लाती रही और उसके बाद सब कुछ शांत हो गया। अंदर जाकर देखा तो वो बिस्तर पे नंगी पड़ी हुई थी और उसके गले से खून निकल रहा था ऐसा लग रहा था की उसका गला काट दिया हैं ।
देखते ही देखते उन लोगो ने मेरे सामने ही घर की ज़मीन में गड्ढा किया और और उसे गडढ़े में डालने लगे की तभी मैंने उसके बदन पे कुछ लिखा देखा तो उसके माथे पे रंडी लिखा हुआ था उनमे से एक कोई तांत्रिक जैसा था जो कुछ मंत्र जैसा पढ़ के बोला

इस जैसी रंडी का जन्म दोबारा नही होना चाहिए नही तो पूरे गाँव की लड़किया अपने भाई के साथ सोने लगेगी । वो कुछ बोलता गया और फिर बोला की ये दोबारा जन्म नही ले पायेगी इसको मोक्ष की प्राप्ति नही मिलेगी तो इसका जन्म भी नही होगा। तांत्रिक ने कुछ किया और उसकी लाश को वही दबा दिया गया ।

चाचा ने बहुत बोला पर हमको जान से मरने की धमकी दे कर चुप करवा दिया । और वो चले गये ।

**********

चाचा रोने लगे की मेरी ही ज़मीन के साथ क्यों हुआ उनका दुख देखा नही गया तो मैंने वो लाश को रात के अंधेरे में बहार निकलने गया जो कुछ हद तक सड़ने लगी पर उसकी ऊँगली मे एक ऊंगूठी थी। जो बहुत चमक रही थी जिसको मैंने छुआ तो मेरे कानों में जोर की आवाज़ हुई और मैं बेहोश हो गया ।
आँख खुली तो मैं बिस्तर पे था । मैं उठा तो चाचा बोले बेटा ऐसा करना मौत को दावत देना था क्यों गया था उसकी लाश निकलने ,मैं बोला आप रो रहे थे तो करना ज़रूरी था पर मैं यहा कैसे आया और वो लाश कहा गयी ।

चाचा ने बताया की वो लाश उन्होंने जंगल में गाड़ दी हैं पर उस रात के बाद चाचा पागल होने लगे ।वो अजीब सा बर्ताव करने लगे थे ।एक दिन देखा तो पाया की उनकी ऊँगली में एक ऊंगूठी थी जो बिल्कुल वैसे ही थी जो उस लाश में थी ।
मैं पूछा तो चाचा बोले ये वही ऊंगूठी बेटा, मैं बोला ये क्यों पहना आप ने तो बोले की सोने की ऊंगूठी हैं तो पहन लिया ।

चाचा ये ठीक नही हैं अभी निकल दो ऊंगूठी पर वो निकलने का नाम ही नही ले रही थी । एक दिन अचानक ही चाचा को कुछ हो गया वो बोले मैं मर जाऊंगा वो मुझे मार देगी वो बोल रही हैं की मुझे मेरे भईया चाहिए ।
मैं भी थोड़ा डर गया था ये सब सुन के ऐसे ही कुछ दिन बीता और एक दिन चाचा उठे तो उनके अंदर से एक आवाज़ आयी मुझे मेरा घर चाहिए वरना तुम दोनों को मार दूंगी । हम लोग बहुत डर चुके थे तभी एक थोड़ा सा घर बनाया और १४३ वही बोर्ड टाँग दिया । पर मैं समझ गया की ये सब ये ऊंगूठी के करण ही हो रहा हैं ।

चाचा की तबियत खराब होती जा रही थी ।तभी एक दिन अचानक ही चाचा के अंदर से कोई लड़की बोली । मुझे नया जन्म लेने से कोई नही रुकेगा मैं पैदा होकर रहूंगी । मैं एक ऐसे शरीर को तालाश करूंगी जो कुंवारी हो और भईया की दीवानी हो । अजीब सी हंसी के साथ चाचा बेहोश हो गये ।
एक दिन
मैंने वो ऊंगूठी उतरने की कोशिश की पर उतर नही रही थी तो चाचा की ऊँगली काट कर अलग की और वो ऊंगूठी फेंक दिया पर अगले पल घर आया तो देखा वो ऊंगूठी फिर से बिस्तर पे पड़ी थी ।मैं समझ चुका था की ये काली शक्तियां हैं जो हमें अब मार के ही रहेगी ।तभी रात हुई और एक आवाज़ आयी की इस ऊंगूठी को उसी घर में रख दे और ऐसे रखे की किसी को मिले नही वैसा ही मैंने किया वो ऊंगूठी एक एक दीवार घड़ी में डाल के रख दी ।और चाचा थोड़े ठीक होने लगे तभी एक ग्राहक मिल गया जो ज़मीन चाहता था ।हम लोगो ने उसे सस्ते में बेच दिया पर ज़मीन के मालिक को मैंने बोल की ये घड़ी कभी मत फेंकना वरना कुछ बुरा हो सकता हैं।

वो मज़ाक समझ के घड़ी को मेरे सामने ही तोड़ दिया और बोला अब मेरी सम्पति हैं जो भी करूँ ।तभी एक तेज़ की रौशनी हुई ध्यान से देखा तो वो ऊंगूठी चमक रही थी जिससे सब की ऑंखें चौंधिया गयी वो बोला । ये क्या हैं । मैंने कुछ नही बोला और वो ऊंगूठी वो उठकर पहन लिया ।

***********

महेश शांत हो चुका था । तभी सोनू बोला आगे क्या हुआ बताओ ।

" जी मुझे ज़्यादा नही पता क्योंकि हम ज़मीन बेच के जा चुके थे। पर एक दिन वो आदमी हमको मिला और बोला ये क्या बला दे दी तुम लोगो ने ,मैं बोला क्या हुआ तो वो बोलने लगा की उस आत्मा ने उसको बोला की होटल बना के एक कमरा उसके नाम कर दो तुम्हारा होटल खूब चलेगा ।तभी मेरी नज़र उसकी एक ऊँगली पे गयी जो कटी हुई थी मैं समझ गया की ये काली शक्तियों में फंस चुका हैं। जिसका परिणाम वो देख चुका था । सुना था की उसके होटल में अनेक मौतें हुई जिसके बाद वो भी मर गया । और जो भी उस ऊंगूठी को पहनेगा उसे अपना कुछ ना कुछ दान देना होता हैं ये मैं समझ गया था।


**********

इसका मतलब वो उस ऊंगूठी की वजह से जिंदा हैं और वो ऊंगूठी किसी घड़ी में थी । तो अब वो कहा हो सकती हैं । सपना बोली ।

" वो सब तो ठीक हैं पर उसकी रूह का खात्मा कैसे करे और वो जन्म लेगी ये सब कुछ समझ नही आया वो कैसे कह सकती हैं की वो किसी भाई बहन की चुदाई से जन्म लेगी ।राजीव ने महेश को देखते हुआ कहा।
" देखो मुझे जितना पता था बता दिया अब वो आत्मा होटल में कैसे गयी और वो कमरा उसे दिया गया शायद लालच में आकर उस आदमी ने वो कमरा उसके लिए बनाया या अपनी जान बचने के बनाया हो । जो भी हो वो राज़ तो उस आदमी के साथ ही चला गया ।
" मुझे पता हैं शायद वो आत्मा ने ही अंकल को बोला होगा की उसको एक कमरा चाहिए जो अंकल ने बना के दिया हो । राजीव बोला
" जो भी हो पर बात तो वही पे हैं सोनू ने सपना को देख के बोला ।
" देखो वो आत्मा बहुत शक्तिशाली हैं उसको ख़तम करना इतना आसान नही हैं उसके लिए उन लोगो से मिलना पड़ेगा जो उसको मारे होंगे क्योंकि वही कोई राज़ जानते होंगे ।

" इसका माँ का भोसड़ा कभी इधर कभी उधर मेरा तो दिमाग़ खराब हो गया हैं अब उन लोगो को कैसे ढूढंगे ।सोनू गुस्से से बोला ।
" कई दिन बीत गये माँ पापा जी भी इंतज़ार कर रहे होंगे और आरोही के साथ ऐसा हो गया अब क्या मुँह दिखाएंगे । नेहा भावुक होकर बोली ।


**************

होटल आकर नेहा ने राकेश को सब बता दिया।राकेश तुरंत भागा और कमरा नंबर १४३ की उस दीवार घड़ी को देखने लगा । कुछ अजीब था उस घड़ी में जैसे उसमे जान हो ।
वो गुस्से में आाकर घड़ी तोड़ दी और एक तेज़ रौशनी कमरे में फैल गयी ऊंगूठी बहुत तेज़ी से चमक रही थी । ये देख सब हैरान थे की एक छोटी सी ऊंगूठी इतना चमक सकती हैं । तभी आरोही के अंदर से आवाज़ आयी किसने तोड़ा मेरे घर को आह्ह..जोर की चीख निकली ।
" नेहा ने डरते हुए बोली तुम्हारे भैया ने तोड़ी हैं ।
" चुप साली रंडी मेरे भईया ऐसा कुछ नही कर सकते ज़रूर तूने ही किया हैं ये सब वो तेज़ी से नेहा की तरफ गयी और नेहा को उठा के फेंक दिया ये सब इतना अचानक था की कोई भी समझ नही पाया की ये क्या हुआ ।
आरोही ने नेहा को उठा के कई बार पटकी जिससे नेहा की हालत खराब होने लगी ।

इतने में एक आवाज़ आयी तुम लोग मुझे इसके शरीर से कभी अलग नही कर पाओगे मैं चुदवा के बच्चा करूंगी जोर से हँसते हुए।आरोही /काजल बोली और अपने फाड़ के नंगी हो गयी ।

उसका गोरा बदन पुरी तरह से नग्न था उसके मोटे मोटे चूचियों हवा में लहराने लगी उसकी गांड का उभार जो वो दिखा के बोली पहले तो मैं सोची रही की सिर्फ राकेश आरोही को चोदेगा पर अब मैं इस आरोही रांड को सब से चुदवाउंगी । देखो मेरी चूत कैसी हैं वो बिस्तर पे लेट के टाँगे फैलाते हुए अपनी गुलाबी बूर को दिखाते हुए बोली ।जिसे देख सब ही आचभित

हो चुके थे वही राजीव और सोनू के साथ राकेश ने पूरे होश में आरोही को पहली बार नग्न देखा और उसकी गुलाबी बूर को बिना पलके बंद किये एक टक देखे जा रहा था ।

" अच्छी हैं ना मेरी चूत क्यों भईया वो राकेश को देख के चूत को खोली और गुलाबी फांकों को दिखाया के एक ऊँगली उसमे घुसा दी जिससे आरोही /काजल की आह्ह्ह...निकली



******* To be Continue by Prince


( Suspence or mystery )
 
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