malhotra.nisha
प्यासी हूँ मैं, प्यासी रहने दो
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nice startनेहा ने बड़े ही केजुअल तरीके से अपना हाथ आगे किया और उसके मुम्मे पर अपनी उंगलिया फेरते हुए उसपर गिरी आइस्क्रीम सॉफ कर दी..
पर ऐसा करते हुए उसने महसूस किया की आज उसके निप्पल्स कुछ ज़्यादा ही उभरकर खड़े है...
इसलिए उसने एक बार फिर से उनपर हाथ फेरते हुए उन्हे सहलाने लगी...
वो तो उसे शरारत के तौर पर छेड़ रही थी पर मंजू पर उसका असर किसी और ही तरीके से हो रहा था..
एक तो विक्की की पीठ से घिसाई के बाद उसके निप्पल्स पहले से ही खड़े थे, नेहा की इस हरकत से वो और भी कड़क होने लगे...
उसने बड़ी मुश्किल से , ना चाहते हुए उसके हाथ को अपनी छाती से हटाया और बाकी के रास्ते आराम से बैठकर गयी..नेहा भी खिलखिलाकर हंस दी अपनी सहेली की इस हालत पर..
इन सब बातो को आगे बैठा विक्की बड़ी चालाकी से नोट कर रहा था...
और उसकी कुटिल मुस्कान बता रही थी की उसने अगले कदम की प्लानिंग कर ली है अब.
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Very very erotic writing.उसकी आँखो का कोतूहूल देखते ही बनता था,
वो दम साधे विक्की के लंड को एकटक देखे जा रही थी,
पर एक डर भी था शायद उसके चेहरे पर जिसे विक्की ने समझा और बोला
विक्की : "डरो मत.....पास आओ और छूकर देखो इसको.....काटेगा नही ये...''
वो बिना पलके झपकाए उसके करीब आई और घुटनो के बल उसके सामने बैठ गयी...
विक्की ने उसके चेहरे पर आए बालो को पीछे किया और उसके चेहरे के बिल्कुल करीब अपने लंड को लाकर एक जोरदार तरीके से झटका दिया
आँखों में लाल डोरे चमक गए मंजू के, जब विक्की के लहराते हुए नाग ने उसके चेहरे पर दस्तक दी....
एक अजीब सा आकर्षण था विक्की के लंड में , जिसे वो नजरअंदाज नही कर पा रही थी...
धीरे-2 उसके हाथ उपर आए और उसने विक्की के लंड को अपने कोमल हाथो में जकड़ लिया....
विक्की के मुँह से एक तेज सिसकारी निकल गयी
''आआआआआआआआआआआआआअहह.......... मंजूऊुुुुुुुुुुउउ.... म्म्म्मममममममममम.......... चूसो इसको........... तो.......चाटो मेरी जाआंन ''
मंजू के चेहरे के भाव एकदम से बदल से गये...
चुसू इसको.....चाटू .....और वो भी इस सूसू करने वाली जगह को.....भला क्यूँ ....
वो अपने चेहरे पर आए इन सवालो के साथ विक्की को देख रही थी...
पर वो तो अपनी आँखे भींचे उस पल में डूबा सा हुआ था...
फिर मंजू को पिछले सारे दिनों की बाते एक झटके में याद आ गयी....
की कैसे उसका खुद का दिल विक्की के लिए धड़कता था...
कैसे उसे देखकर उसके निप्पल टाइट से हो जाते थे....
कैसे बाइक के पीछे बैठकर वो अपने मुम्मे उसकी पीठ से रगड़ती थी....
और उसके बारे में सोचकर अपनी चूत को रगड़ने में कितना मज़ा आता था....
और विक्की ने कितनी बार उसे चोकोबार खिलाई थी...
आज उन सभी कोकोबार्स का बदला उतारने का वक़्त आ गया था....
वैसे भी विक्की के लंड से निकल रही भीनी गंध उसे अपनी तरफ खींच रही थी...
उसने धीरे से अपना मुँह खोला और अपनी जीभ बाहर निकाल कर विक्की के लंड को नीचे से उपर तक चाट लिया और फिर उपर जाते ही उसके लंड को मुँह में लेकर अंदर निगल गयी.
आज शायद विक्की को भी नही पता था की उसके साथ क्या-2 होने वाला है.