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Incest कमसिन बहन (Completed)

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खैर, विक्की ने अलग-2 पोज़ में उसकी फोटो लेनी शुरू कर दी,
वो काला चश्मा भी उसे दिया ताकि उसकी फोटो भी अच्छी आए,
कल के मुक़ाबले आज वो ज़्यादा कॉन्फिडेंस में थी,
और वो अपने नन्हे से शरीर को काफ़ी उभार -2 कर फोटो खिंचवा रही थी..


विक्की का फोकस उसकी छातियो पर ही था...
जिनपर लगे नन्हे-2 निप्पल्स दूर से ही चमक रहे थे....
मन तो उसका कर रहा था की उन्हे मुँह में लेकर चूस ले,
और यही प्लान था उसका की किसी भी तरह से नेहा के मुम्मे आज वो चूस्कर ही रहेगा,
पर मंजू के आ जाने के बाद वो प्लान गड़बड़ हो चुका था...
पर फिर भी उसने हिम्मत करके उसे अपनी बातों में लेकर मंजू के सामने ही सही, उसकी नंगी चुचियों के दर्शन तो कर ही लिए थे.


करीब 10 मिनट बाद वो एक साथ बैठकर उन फोटोस को देखने लगे...
फोटो वाकई में अच्छी आई थी बस हर फोटो मे उसके निप्पल्स के दर्शन आसानी से हो रहे थे...
नेहा और मंजू ने ये बात नोट भी की थी पर बेचारी शर्म के मारे कुछ बोल नही पाई..


विक्की उनकी उलझन देखकर बोला : "अरे , ये तो बस हमारे लिए है, मैं इन फोटोस को कौन सा किसी और को दिखाने जा रहा हूँ , ये तो बस इसलिए दिखा रहा हू ताकि नेहा को पता चल सके की वो वाकई में अच्छी मॉडल या हिरोइन बन सकती है...''

मंजू ने चहकते हुए पूछा : "और मैं ....क्या मैं भी बन सकती हूँ अच्छी मॉडेल...''

विक्की ने उसके चेहरे को अच्छे से देखा और फिर उसे थोड़ा दूर खड़ा करके उसे उपर से नीचे तक अपनी नज़रों से नापा, घुमा-2 कर उसने उसके हर अंग का जायजा भी लिया और बोला : "बन तो तुम भी सकती हो....पर थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी बस...''

मंजू : "मैं तैयार हूँ ....''

नेहा : "अर्रे, ये बड़ी डिफिकल्ट लाइन है, इसमे सारी शर्म - हया त्यागनी पड़ती है...है ना भैय्या ...''

वो शायद अपने भाई की कही हुई कल की बात दोहराना चाह रही थी....

विक्की : "हाँ , ये तो है... मैने भी कल रात नेहा को यही समझाया था...इसलिए, तुमने देखा ना अभी, उसने कैसे बिना झिझक के अपने कपड़े मेरे सामने ही उतार दिए...ये सब करना है तो शर्म त्यागनी होगी...''

मंजू : "मैं तैयार हूँ ....''

इतना कहने के साथ ही उसने अपनी शर्ट के बटन खोले और उसे निकालकर ज़मीन पर फेंक दिया...
अब वो टॉपलेस होकर उन भाई बहन के सामने खड़ी थी.






विक्की ने तो सोचा भी नही था की आज के दिन उपर वाला उसपर इतना मेहरबान होने वाला है....


अब तो वो इस पल को एक अच्छे दिन में बदलने के बारे में सोचने लगा..
Bhout hi chaloo bhai hai👍👍
 

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मंजू : "मैं तैयार हूँ ....''

इतना कहने के साथ ही उसने अपनी शर्ट के बटन खोले और उसे निकालकर ज़मीन पर फेंक दिया...
अब वो टॉपलेस होकर उन भाई बहन के सामने खड़ी थी.

विक्की ने तो सोचा भी नही था की आज के दिन उपर वाला उसपर इतना मेहरबान होने वाला है....


अब तो वो इस पल को एक अच्छे दिन में बदलने के बारे में सोचने लगा..

************
अब आगे
************

दिन तो विक्की का अच्छा हो ही चुका था....
नेहा के बाद अब मंजू के बूब्स को नंगा देख पाना उसके लिए किसी सपने से कम नही था...

मंजू जिस अंदाज से विक्की के सामने अर्धनग्न खड़ी थी उसे देखकर एक बात तो सॉफ थी की वो सिर्फ़ एक फोटो के लिए नही बल्कि विक्की के लिए ये सब कर रही है...
उसकी आँखो में एक अजीब सी चाहत थी, जो वो चाहती थी की विक्की नोट करे...
पर विक्की की नज़रें तो उसकी दोनो आँखों से ज़्यादा उसके नन्हे और तंदुरुस्त मुम्मों पर थी...





एकदम मस्त आकार था उनका...
नेहा से थोड़े बड़े थे उसके बूब्स इसलिए ज़्यादा ही मनमोहक लग रहे थे...
जैसे नारियल के दो टुकड़े करके चिपका दिए हो उसकी छाती से...
एकदम कठोर,
तने हुए...
और उनपर लगे नन्हे लाल रंग के निप्पल्स....
उफफफ्फ़....
मन तो उसका कर रहा था की आगे बढ़कर उन्हे दबोच ले अपने मुँह में और देखे की उनमें से से कितना रस निकलता है बाहर....
ऐसे नारियल पानी को पीकर उसकी आत्मा अंदर तक तृप्त हो जानी थी.

और उधर नेहा भी हैरान परेशान सी अपनी सहेली के इस अवतार को देख रही थी की कितनी बेशर्मी से उसने अपने कपड़े उतार दिए थे उसके भाई के सामने...
आज तक उसके सामने भी कपड़े बदलते हुए वो घूम जाया करती थी, पर आज देखो तो कैसे उसी के भाई के सामने छाती उभार-2 कर दिखा रही है...
माना की उसके मुम्मे थोड़े बड़े है उसके मुक़ाबले पर इसका मतलब ये नही की वो उसके भाई पर डोरे डालेगी...
उसपर तो पहला हक उसका ही बनता है ना...

पता नही क्या-2 सोचने लग गयी वो...
और इसी बीच उसे विक्की की आवाज़ सुनाई दी...

विक्की : "नेहा...ओ नेहा....कहां खो गयी.....अपनी टी शर्ट उतारो, मंजू नंगी ही खड़ी है, उसे पहननी है ताकि वो फोटो खिंचवा सके....उतारो जल्दी से...''

विक्की की बात सुनकर पता नही कैसा ताव सा आया नेहा को की उसने एक ही झटके में अपनी टी शर्ट उतार दी और विक्की की तरफ मुँह करके खड़ी हो गयी....
बाद में उसने अपनी छाती को ढकने की या अपनी स्कूल की शर्ट पहनने की भी जहमत नही उठाई..
Shaandaar update👍👍
 

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अब माहौल ऐसा था की नेहा और मंजू, दोनो उसके सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी...
दोनो ही अपनी-2 नन्ही छातियों को ज़्यादा से ज़्यादा उभार कर विक्की के सामने अपने आप को साबित करने की कोशिश कर रही थी की कौन ज़्यादा सैक्सी दिख रही है ...



विक्की की हालत खराब थी....
उसने सिर घुमा कर इधर उधर देखा की कोई उस तरफ तो नही आ रहा...
दिन का समय था इसलिए दूर -2 तक कोई नही था...
विक्की तो उन दोनो की हिम्मत देखकर दंग था...
की कैसे वो दोनो अपना नंगा बदन उसे परोस कर दिखा रही थी..

अचानक उसके मन में कुछ आया और उसने तुरंत अपने कैमरे से उनकी पिक ले ली...
एक ही पल मे उनका नंगा यौवन उसके कैमरे में क़ैद हो गया..

उन दोनो ने चोंककर उसे देखा तो विक्की हंसते हुए बोला : "अरे , घबराओ मत...डिलीट कर दूँगा...वैसे भी ये सब पिक्स तो हमारे देखने के लिए ही है, किसी और के लिए नही...''

उसकी बात सुनकर दोनो के चेहरे के भाव बदले, शायद उन्हे अब अपने नंगेपन का एहसास हो चुका था...
नेहा ने अपनी स्कूल की शर्ट उठा कर पहन ली और मंजू ने उसकी उतारी हुई टी शर्ट पहन ली.

उसके बाद मंजू ने अलग-2 पोज़ में कई फोटो खिंचवाए...
विक्की को अंदर से पता था की उसकी बहन के मुक़ाबले मंजू का बदन ज़्यादा नशीला था और फोटो भी उसी के ज़्यादा अच्छे आ रहे थे...खासकर उसके खड़े हुए निप्पल्स बहुत ही सैक्सी लग रहे थे , जो टी शर्ट को फाड़कर बाहर आने को आतुर थे





वो मंजू की और उसके बूब्स की तारीफ करना चाहता था पर ये बात वो इस वक़्त बोलकर अपनी बहन का मूड खराब नही करना चाहता था.


उसके बाद विक्की ने कैमरा नेहा को दिया और मंजू के साथ एक जोड़े की तरह उसने फोटो खिंचवाई...
इस बार ये उसने जान बूझकर किया था क्योंकि कुछ देर पहले नेहा का जो रूप उसने देखा था उससे ये बात सॉफ जाहिर थी की वो अपने भाई को अपनी सहेली के साथ बाँटने मे इंट्रेस्टेड नही है, इसलिए वो नही चाहती की उसका भाई मंजू की तरफ देखे भी वो भी उस वक़्त जब वो नंगी हो..

नेहा ने जब फोटो खींचने शुरू किए तो मंजू जान बूझकर विक्की से लिपटकर , उसके इर्द गिर्द बाहे फंसा कर फोटो खिंचवाने लगी जैसे कोई फिल्म की शूटिंग चल रही हो...
विक्की तो उसकी बिना ब्रा की नारंगियो को महसूस करके काफ़ी उत्तेजित हो रहा था, नेहा सामने ना होती तो वो उन्हे पकड़कर निचोड़ ही डालता और उसे पक्का विश्वास था की मंजू भी उसे मना नही करती...

पर ये काम उसने एक ना एक दिन तो करना ही था...
और वो दिन भी जल्द ही आने वाला था.

पर अभी के लिए जब भी उसका हाथ उसके मुम्मो के करीब आता तो उन्हे वो हाथ उपर करके छू ज़रूर लेता...
हाथो के पिछले हिस्से पर उसके बूब्स बीच-2 मे टकरा रहे थे और ऐसा लग रहा था जैसे पानी से भरे गुब्बारे टच कर रहा है उसका हाथ.

एक बार तो उसके हाथ उसके कड़क निप्पल्स से भी टकराए...
ऐसा लगा जैसे समय ही ठहर गया...
ऐसा लग रहा था विक्की को जैसे उसकी साँसे ही रुक जाएँगी उस मखमली एहसास से...


और कुछ ऐसा ही हाल मंजू का भी हो रहा था...
आज लाइफ में पहली बार उसने खुद को इतना एक्साईटिड फील किया था...
चूत से भी पानी लगातार बह रहा था...
नन्हे स्तनों में भी ऐसी झनझनाहट उसे आज तक फील नही हुई थी...
उपर से विक्की की वो मर्दाना खुश्बू उसे पागल सा कर रही थी...
वो जब भी उसके करीब आता तो वो जान बूझकर अपने बदन को उसके शरीर से रगड़ डालती, ऐसा करके एक तरह से वो खुद की खुजली ही मिटा रही थी...
विक्की के सीने के बाल उसे बड़े ही आकर्षक लग रहे थे...
उसका मन कर रहा था की अपने होंठो से उसके सीने पर ढेर सारी क़िस्सिया कर डाले पर नेहा के होते हुए वो कुछ भी करने से घबरा रही थी.
Ashok bhai mast likh rahe ho
 

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कुछ देर तक और फोटो खिंचवाने के बाद वो तीनो वापिस घर की तरफ चल दिए...

आज वो जिस तरफ निकल कर आए थे, वाहा से वापिस जाते हुए पहले विक्की का ही घर आता था, इसलिए नेहा को घर पर छोड़कर वो मंजू को उसके घर छोड़ने के लिए निकल पड़ा..

और आज उसके घर पर उसके मा बाप तो थे नही, इसलिए इस गोलडेन पल को वो अपने हाथो से जाने नही दे सकता था...आज के दिन मंजू ने जो उसके लॅंड का बुरा हाल किया था, उसे शांत करना तो बनता ही था

**************
अब आगे
*************

नेहा के बाइक से उतरते ही मंजू ने विक्की को अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपना सिर उसके कंधे पर रखकर सामने देखने लगी...

दोनो के गाल आपस में रगड़ खा रहे थे..

बात करते हुए विक्की जान बूझकर उसकी तरफ घूम रहा था ताकि उसके नर्म गालों पर अपने होंठ लगा सके..
मंजू भी मंद-2 मुस्कुरा कर उसका साथ दे रही थी...

एक दो बार तो उसने भी उसके चेहरे की तरफ देखते हुए कुछ बोला और अपने होंठो से उसके गालो को छू लिया...
विक्की का लंड किसी दोनाली बंदूक की तरह उसकी पेंट में खड़ा था, कोई सामने से देख ले तो सॉफ पता चल जाए की तमंचा पूरी तरह से लोडेड था उसका..

कुछ देर आगे जाने के बाद विक्की ने कुछ पूछा मंजू से.....
और जैसे ही उसने विक्की की तरफ मुँह करके कुछ बोलते हुए उसके गालों से अपने होंठ लगाए, विक्की ने भी अपना सिर घुमा कर उसकी तरफ कर लिया....

बिजली सी कड़क गयी जब विक्की के होंठो से मंजू के नर्म होंठ छुए तो...

विक्की ने भी अपनी हरामीपंति दिखाते हुए उसके होंठो को धीरे से चूस लिया, मंजू की आँखों में शर्म के भाव तैर गये और उसने नज़रें झुका ली...पर उसने अपनी किस्स नहीं तोड़ी

बाइक चल रही थी इसलिए उसपर ज़्यादा देर तक ये चुम्मेबाजी वाला करतब हो नही सकता था, वरना विक्की उस नन्ही सी किस्स को एक लंबे स्मूच में बदलने में कोई कसर ना छोड़ता...

कुछ देर में ही उसका घर आ गया...
मंजू नज़रें झुका कर उसकी बाइक से उतरी और अपने बेग से चाबी निकाल कर ताला खोलने लगी...
अंदर जाकर वो धीरे से पलटी और बोली : "अंदर आ जाओ ना विक्की भैय्या ...चाय पीकर चले जाना...''

विक्की तो इसी पल की प्रतीक्षा कर रहा था...
उसने तुरंत बाइक को साइड में खड़ा किया और लगभग उछलता हुआ सा उसके घर के अंदर आ गया, मंजू ने पीछे से दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और अपनी नशीली आँखो से मुस्कुराते हुए वो अंदर की तरफ आ गयी.

विक्की सोफे पर जाकर बैठ गया और मंजू उसके लिए किचन से पानी लेकर आई, जैसे ही वो जाने लगी तो विक्की ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया और वो लड़खड़ा कर उसकी गोद में आ गिरी.
विक्की का लंड तो पहले से ही खड़ा था, उसके खड़े लंड पर उसके नर्म कूल्हे जब टकराए तो उसके मुँह से मज़े के साथ-2 एक दर्द भरी आह भी निकल गयी, पीछे से जवानी थोड़ी भारी थी उसकी..

मंजू : "ओह्ह्ह ....सॉरी विक्की भैय्या ....आपको लगी तो नही ना...''

विक्की ने बड़ी मुश्किल से अपने लंड से निकल रही दर्द की लहर पर काबू पाया और बोला : "इतना भार जब एक ही झटके से मेरे उपर गिरेगा तो दर्द तो होगा ही ना...''

मंजू ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा : "ओोहो ...तो अब मैं मोटी हो गयी हूँ ...अभी कुछ देर पहले तो मुझे बोल रहे थे की अच्छी मॉडेल बन सकती हूँ ...और अब एकदम से मोटी बोल दिया....जाओ मैं आपसे बात नही करती...''

वो झूठमूठ का मुँह फूला कर दूसरी तरफ सिर घुमा कर बैठ गयी...
पर उसकी गोद से उतरने की जहमत नही उठाई उसने.

विक्की ने उसकी कमर को पकड़ कर उसके चूतड़ों को अपने लंड के चारों तरफ एडजुस्ट किया, अब उसका खड़ा हुआ लंड उसके चूतड़ों की दरार में फंसकर आगे की तरफ मुँह निकाल कर मंजू की चूत को टच कर रहा था..

विक्की ने उसकी कमर मे हाथ डालकर उसकी पीठ को अपनी छाती से सटा लिया और उसके गुदाज और नर्म पेट को सहलाते हुए बोला : "अर्रे...मैं तुझे उस तरह से मोटी थोड़े ही बोल रहा हूँ , वो तो बस कुछ-2 जगह ऐसी होती है ना लड़कियों के शरीर की, जहाँ चर्बी थोड़ी ज़्यादा होती है, वो हिस्सा जब हमारे अंग पर तरबूज की तरह से गिरे तो दर्द तो होगा ही ना....''

विक्की की सफाई सुनकर मंजू अपनी हँसी ना रोक पाई और ज़ोर-2 से हँसने लगी...
हंसते हुए उसकी नर्म गांड विक्की के लंड पर किसी वाईब्रेटर की तरह घिसाई कर रही थी जिसकी वजह से उसका लंड और भी ज़्यादा कड़क होने लगा..

पर उस बुद्धू मंजू को शायद अभी तक उस चीज़ का एहसास नही हो पाया था.

कुछ देर बाद जब उसकी मैराथॉन वाली हँसी रुकी तो वो बोली : "अच्छा ...तो आप मुझे बताओ, इस तरबूज के अलावा और कौन सी जगह पर एक्सट्रा चर्बी है मेरे....''

बेचारी भोलेपन में वो बात बोल गयी जिसका शायद विक्की भी इंतजार कर रहा था.
Mast👍👍
 

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उसने तुरंत अपने हाथो में उसके मोटे मुम्मे थाम लिए और बोला : ''ये है ना...तुम्हारे बूब्स...''

एक ही पल में मंजू के चेहरे के एक्शप्रेशन चेंज हो गये....
हँसी गायब हो गयी और एक उत्तेजना का संचार उसके चेहरे पर होने लगा...
विक्की ने उसके वक्षस्थल को अपने हाथो से थाम रखा था पर वो उसे मना भी नही कर पा रही थी...
शायद अंदर से वो भी यही चाहती थी की वो उन्हें थामे...
क्योंकि ऐसा करवाके उसके अंदर कुछ-2 हो रहा था, जो आज से पहले कभी फील नही हुआ था उसे.
एक कमसिन लड़की के स्तनों पर किसी मर्द का पहला टच था, जो उसे बहुत भा रहा था.

विक्की ने उसके मुम्मों को पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया, और उन्हे दबाते हुए अपनी तरफ खींच लिया..

''आअहह विक्की भय्या....धीरे...दर्द होता है....''

यानी वो विक्की को वैसा करने से मना नही कर रही थी, बस धीरे से करे यही गुज़ारिश थी उसकी..

पर विक्की तो एक नंबर का हरामी लौंडा था,
उसने नेट पर कहानियों में अच्छे से पड़ रखा था की जब ऐसा वक़्त अकेली लड़की के साथ मिले तो क्या-2 करना चाहिए...

इसलिए उसने तुरंत अपने दोनो हाथो की उंगलियो से उसके बूब्स को सहलाया और फिर बीचो बीच जाकर उसके उभर रहे निप्पल्स को अपनी उंगली और अंगूठे की गिरफ़्त में लेकर उन्हे होले से भींच डाला..

''आआआआआआआआआआआहह.....सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स....... उम्म्म्मममममममममम भेयययययाआआआआअ....''

इस वक़्त तो उसके मुँह से सिसकारी के साथ भैय्या शब्द बड़ा ही सैक्सी लग रहा था जैसे उसकी चूत की चाशनी में डुबोकर उसे निकाला हो....

विक्की ने अपने उंगली और अंगूठे से उसके निप्पल्स को उमेठना जारी रखा, मंजू किसी साँप काटी लड़की की तरह उसकी गोद में बैठी तड़प रही थी, और अपनी गद्देदार गांड से उसके नाग को कुचल भी रही थी..
शायद अब उसे नीचे भी कुछ-2 होने लगा था क्योंकि विक्की के लंबे लंड को वो अपनी चूत पर जोरों से रगड़ कर एक लय बना रही थी जैसे नाव में बैठने से हिचकोले आते है, ठीक वैसे ही वो अपनी गांड की नाव को विक्की के लंडसागर पर हिचकोले खिला रही थी और उपर तो विक्की ने उसके निप्पल्स को पतवार बना कर उसकी नाव को और तेज़ी से चलने पर विवश सा कर रखा था..

अचानक विक्की ने उसे अपनी तरफ पलटाया और उसके दहकते हुए होंठो पर अपने होंठ रख कर उन्हे चूसने लगा..

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मंजू भी शायद इसी पल की प्रतीक्षा कर रही थी...
दोनो की लाइफ का ये पहला चुंबन था पर वो दोनो ही उसे ऐसे परफॉर्म कर रहे थे जैसे बरसों से करते आए हो...
दोनो ही बोर्न किस्सर थे...
एक दूसरे के होंठो और जीभ को मुँह में लेकर ऐसे चूस रहे थे जैसे सारी चाशनी आज ही ख़त्म कर देनी है एक दूसरे के मुँह की.

विक्की के हाथ अभी भी मंजू की ब्रेस्ट पर ही थे, जिन्हे वो धीरे-2 मसल रहा था, उन्हे दबाने में एक अजीब सा आनंद प्राप्त हो रहा था विक्की को, मन तो कर रहा था की उन गुब्बारों को उम्र भर हाथों में लेकर दबाता रहे...

पर मंजू शायद कुछ और चाहती थी,
उसने किस्स तोड़ी और विक्की के मुँह को पकड़ कर नीचे अपनी छाती की तरफ करने लगी...
विक्की समझ गया की वो क्या चाहती है..
वो उसकी नर्म गर्दन को चूमता हुआ नीचे की तरफ जाने लगा, और ठीक उसके बूब्स के उपर पहुँचकर उसने शर्ट के उपर से ही उसके मुम्मे को अपने मुँह में भरकर ज़ोर से काट लिया...

एक बार फिर से आनंद से भरी एक किलकारी मंजू के मुँह से निकल गयी

''आआआआआआआआआआआआआहह उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़...... काटो मत ना भैय्या .......बस प्यार करो इन्हे.......''

मंजू की प्यार भरी रिक्वेस्ट को उसने मान लिया और उन्हे चूसने लगा...
तब तक मंजू ने अपनी शर्ट के बटन खुद ही खोलने शुरू कर दिए....
और जैसे ही आख़िरी बटन खोलकर उसने अपनी शर्ट के कपाट खोले, अंदर से दूधिया प्रकाश में नहाए हुए 2 कलश विक्की के सामने प्रकट हो गये..
Very sexy👙👠💋👙👠💋
 

babakhosho

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अद्भुत कहानी
 

babakhosho

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Ohh badi jaldi khatm ho gayi
 

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हालाँकि कुछ देर पहले भी उसने इन मुम्मो को देखा था, पर इस वक़्त वो उन्हे और करीब से और अपने हाथो और होंठो की पहुँच के अंदर देख पा रहा था,
विक्की ने उसकी शर्ट को निकाल फेंका और मंजू के नंगे बूब्स को जी भरकर देखने लगा..

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पर देखते रहने से उसका पेट भरने वाला नही था, उसने उन दोनो मुम्मो को अपने हाथो में पकड़ा और अपना मुँह खोलकर उनपर टूट पड़ा...

उफफफफफफफफफफ्फ़ क्या स्वाद था उनका....
एकदम ककचे आम जैसी चिकनाहट और कठोरपन था उनमे पर साथ ही साथ पके हुए आम जैसी मिठास भी थी...



वो चपर -2 करके उन्हे चूसने लगा....
निप्पलों को मुँह में लेकर उसका दूध दोहने लगा, इतनी ज़ोर से सक करने लगा जैसे आज तो वो उसकी कच्ची छातियों से दूध निकाल कर ही रहेगा..




उधर दूसरी तरफ मंजू का तो बुरा हाल था, जिस पल को सपना बनाकर वो पिछले 2 दिनों से देख रही थी वो उसके साथ सच में हो रहा था....
इसलिए उसका उत्साह देखते ही बनता था....
और सबसे बड़ी बात ये थी की उन दोनो की लाइफ का ये पहला सैक्सुअल एक्सपीरियेन्स था

विक्की ने उसकी शर्ट को पूरी तरह से निकाल कर फेंक दिया और फिर उसने खुद ही अपनी शर्ट भी उतार दी,
हालाँकि उसके दिमाग़ में अभी तक चुदाई करने की कोई बात नही आई थी पर वो उसकी नंगी छातियो को अपने नंगे सीने से लगा कर उस आनंद को प्राप्त करना चाहता था जिसके लिए वो बरसो से तरसता आया था...

और जब उन दोनो के आधे नंगे बदन एक दूसरे से लिपटे तो दोनो के मुँह से एक आह सी निकल गयी,
बड़ा ही सुखद सा एहसास था वो,
एकदम नर्म सा,
और साथ ही दोनो ने जब स्मूच करनी शुरू की तो सोने पर सुहागा सा हो गया...
वो दोनो ना जाने कितनी देर तक एक दूसरे के होंठो , गर्दन और छाती पर किस्स करते रहे उन्हे भी पता नही चला...



और अचानक मंजू का हाथ उसके खड़े हुए लंड से जा टकराया...
एक पल में ही उसके चेहरे पर हैरानी के भाव आ गये, जैसे उसे पता ही नही था की वो क्या है...

पर वो हैरानी शायद इस बात की थी की इतना बड़ा भी लंड होता है क्या...
शायद आज तक उसने गली के छोटे बच्चों की लुल्लिया ही देखी थी,
आज पहली बार वो ऐसा कुछ फील कर रही थी जो शायद उसकी समझ से परे था

और विक्की का ये फ़र्ज़ बनता था की वो उसे इस जादुई दुनिया के जिन्न से मिलवाए...
इसलिए उसने उसके हाथ पर हाथ रखकर अपने लंड पर दबाव और तेज कर दिया....
मंजू की साँसे तेज हो गयी, क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसने किसी साँप की गर्दन पर हाथ रखकर उसे दबोच रखा हो और वो छटपटा कर उसकी गिरफ़्त से निकलना चाहता हो..

साँप का मालिक, विक्की भी शायद यही चाहता था....
इसलिए उसने उसका हाथ हटा कर अपनी जीन्स के बटन खोने शुरू कर दिए....
और सब कुछ खोलने के बाद जब वो लहराता हुआ नाग मंजू की आँखो के सामने आया तो उसकी चीख निकलते हुए बची...
क्योंकि स्कूल में मेडम ने उसे किताबो में जिस शिश्न के बारे में पढ़ाया था ये तो उस से कही ज़्यादा बड़ा था....
Awesome update❤❤.
 
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