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Update 30
करण का मोटा लंड अपनी मा की चूत मे सतसट अंदर बाहर हो रहा था, कुछ देर करण ने अपने पेर के पंजो के बल
बैठ कर अपनी मम्मी की चूत को कस कर चोदा उसके बाद वह सीधा अपनी मम्मी के नंगे बदन पर लेट गया और अपनी
मम्मी की गदराई मस्त जवानी से कस कर चिपक गया और फिर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को अपने हाथो से दबोचता हुआ उसके रसीले होंठो को पीने लगा और उसके मोटे-मोटे दूध को कस कर दबाने लगा, करीब 20 मिनिट तक करण अपनी
मम्मी को इसी तरीके से चोदता रहा उसके बाद जब उसकी मम्मी की चूत बहुत ज़्यादा चिकनी हो गई और करण का लंड उसकी बुर मे बहुत ही फिसल-फिसल कर जाने लगा और उसकी मम्मी आह आह करके खूब सीसीयाने लगी और अपने पेरो को उपर नीचे फेकने लगी तब करण ने अपने दोनो हाथो को अपनी मम्मी की गदराई गान्ड के नीचे ले जाकर उन्हे कस कर अपने हाथो से दबोचते हुए अपनी मम्मी की फूली हुए मस्त भोस्डे मे कस-कस कर अपना मोटा लंड पेलना शुरू कर दिया और जब उसकी मम्मी की चूत मे तबीयत से लंड अंदर बाहर होने लगा तो उसकी मम्मी आह आह करते हुए अपने बदन को ऐथ्ने लगी और उसकी चूत काँपने लगी और वह झाड़ गई तभी करण ने अपने लंड के 8-10 धक्के कस-कस कर अपनी मम्मी की फूली हुई चूत मे मारे और फिर वह पूरी ताक़त से अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को अपने लंड की ओर दबाते हुए उसकी चूत से अपने लंड को पूरा चिपका कर अपने लंड को अपनी मम्मी की चूत मे पूरी गहराई तक भर कर रुक-रुक कर अपने वीर्य की पिचकारी अपनी मम्मी की चूत मे छोड़ने लगा, और फिर पूरे रूम मे सिर्फ़ उनकी सांसो की आवाज़ के अलावा कुछ नही सुनाई दे रहा था,
उनकी जबरदस्त चुदाई देख कर रवि पागल हो गया और करण की मम्मी की चूत और मोटी गान्ड को देख -देख कर अपने
लंड को ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया और फिर एक दम उसको लगा क़ि उसका वीर्य उसके लंड से निकल गया है, तभी उसकी पीठ पर एक ज़ोर का मुक्का पड़ता है और आवाज़ आती है कि उठ कमीना कही का ना जाने किसके सपने देखता पड़ा रहता है
सुबह के 10 बज रहे है हम कब शॉपिंग करने चलेंगे, और पायल उसको एक और घुसा मार कर अब उठ जा रवि जल्दी से
और फिर रूम के बाहर निकल जाती है, रवि एक दम से उठ कर बैठ जाता है और उसको अपने उंडरवेार के अंदर काफ़ी
गीलापन महसूस होता है और वह अपना पाजामा हटाकर अपने लंड को देखता है तो उससे ढेर सारा वीर्य निकल रहा था,
और रवि अपने मन मे सोचता हुआ ओफ्फ हो ये क्या हो गया मेरा तो नाइट फॉल हो गया, फिर वह अपने सर को पकड़ कर थोड़ा सा मुस्कुरा कर, ओफ्फ हो कैसा अजीब सपना था, करण बेटे तुझे अपनी मम्मी को चोदने के लिए मेरे ही सपनो मे आना था, और फिर मुस्कुराता हुआ उठा और बाथरूम मे जाकर फ्रेश होने लगा और अपने मन मे सोचने लगा, साले सपनो काभी कोई ईमान धरम नही होता है चाहे जैसा सपना आ सकता है, कही ये साला करण सच मच अपनी मम्मी को चोदता तो नही है,
करण का मोटा लंड अपनी मा की चूत मे सतसट अंदर बाहर हो रहा था, कुछ देर करण ने अपने पेर के पंजो के बल
बैठ कर अपनी मम्मी की चूत को कस कर चोदा उसके बाद वह सीधा अपनी मम्मी के नंगे बदन पर लेट गया और अपनी
मम्मी की गदराई मस्त जवानी से कस कर चिपक गया और फिर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को अपने हाथो से दबोचता हुआ उसके रसीले होंठो को पीने लगा और उसके मोटे-मोटे दूध को कस कर दबाने लगा, करीब 20 मिनिट तक करण अपनी
मम्मी को इसी तरीके से चोदता रहा उसके बाद जब उसकी मम्मी की चूत बहुत ज़्यादा चिकनी हो गई और करण का लंड उसकी बुर मे बहुत ही फिसल-फिसल कर जाने लगा और उसकी मम्मी आह आह करके खूब सीसीयाने लगी और अपने पेरो को उपर नीचे फेकने लगी तब करण ने अपने दोनो हाथो को अपनी मम्मी की गदराई गान्ड के नीचे ले जाकर उन्हे कस कर अपने हाथो से दबोचते हुए अपनी मम्मी की फूली हुए मस्त भोस्डे मे कस-कस कर अपना मोटा लंड पेलना शुरू कर दिया और जब उसकी मम्मी की चूत मे तबीयत से लंड अंदर बाहर होने लगा तो उसकी मम्मी आह आह करते हुए अपने बदन को ऐथ्ने लगी और उसकी चूत काँपने लगी और वह झाड़ गई तभी करण ने अपने लंड के 8-10 धक्के कस-कस कर अपनी मम्मी की फूली हुई चूत मे मारे और फिर वह पूरी ताक़त से अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को अपने लंड की ओर दबाते हुए उसकी चूत से अपने लंड को पूरा चिपका कर अपने लंड को अपनी मम्मी की चूत मे पूरी गहराई तक भर कर रुक-रुक कर अपने वीर्य की पिचकारी अपनी मम्मी की चूत मे छोड़ने लगा, और फिर पूरे रूम मे सिर्फ़ उनकी सांसो की आवाज़ के अलावा कुछ नही सुनाई दे रहा था,
उनकी जबरदस्त चुदाई देख कर रवि पागल हो गया और करण की मम्मी की चूत और मोटी गान्ड को देख -देख कर अपने
लंड को ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया और फिर एक दम उसको लगा क़ि उसका वीर्य उसके लंड से निकल गया है, तभी उसकी पीठ पर एक ज़ोर का मुक्का पड़ता है और आवाज़ आती है कि उठ कमीना कही का ना जाने किसके सपने देखता पड़ा रहता है
सुबह के 10 बज रहे है हम कब शॉपिंग करने चलेंगे, और पायल उसको एक और घुसा मार कर अब उठ जा रवि जल्दी से
और फिर रूम के बाहर निकल जाती है, रवि एक दम से उठ कर बैठ जाता है और उसको अपने उंडरवेार के अंदर काफ़ी
गीलापन महसूस होता है और वह अपना पाजामा हटाकर अपने लंड को देखता है तो उससे ढेर सारा वीर्य निकल रहा था,
और रवि अपने मन मे सोचता हुआ ओफ्फ हो ये क्या हो गया मेरा तो नाइट फॉल हो गया, फिर वह अपने सर को पकड़ कर थोड़ा सा मुस्कुरा कर, ओफ्फ हो कैसा अजीब सपना था, करण बेटे तुझे अपनी मम्मी को चोदने के लिए मेरे ही सपनो मे आना था, और फिर मुस्कुराता हुआ उठा और बाथरूम मे जाकर फ्रेश होने लगा और अपने मन मे सोचने लगा, साले सपनो काभी कोई ईमान धरम नही होता है चाहे जैसा सपना आ सकता है, कही ये साला करण सच मच अपनी मम्मी को चोदता तो नही है,