अपडेट। 35
पायल- रोज रात को तुझे कौन आकर पिलाएगा, तेरा कोई नौकर तो बैठा नही है, तेरी इस तरह रोज रात को तो तेरी बीबी ही सेवा
कर सकती है, इसलिए तुझे रोज रात को पीने के लिए तो शादी करना पड़ेगी,
रवि- मुस्कुरा कर, दीदी रोज रात को मुझे तुम भी तो पिला सकती हो, क्या अपने भाई के लिए इतना नही कर सकती,
पायल- मुस्कुरा कर खड़ी होकर उसके पास जाकर, ला कप दे, और उसके हाथ से कप लेती हुई उसकी पीठ पर मारते हुए, कमीना
कही का, और फिर पायल अपने मोटे-मोटे चुतडो को कुछ ज़्यादा ही मटका कर किचन की ओर जाती है और रवि अपनी दीदी के
गदराए चुतडो को देखने लगता है, और पायल किचन मे घुसने से पहले झट से पलट कर देखती है और रवि को अपने
गदराए चुतड देखते हुए पाती है और मुस्कुरा कर, रवि यू आर ए रास्कल, और किचन मे घुस जाती है, और रवि उसकी बात सुन
कर खुस होता हुआ, अपने आप से बाते करता हुआ, हे दीदी एक बार नंगी होकर अपने भाई के मोटे लंड पर बैठ जाओ, तुम्हारी
गदराई मोटी गान्ड देख-देख कर तो अब मुझसे रहा नही जाता है,
रवि- ज़ोर से आवाज़ लगाता हुआ, दीदी
पायल- क्या है
रवि- दीदी तो फिर आज रात को पिलाओगी
पायल- किचन मे खड़ी रवि की बात सुन कर मंद-मंद मुस्कुराती हुई, सोचूँगी
रवि- क्या दीदी इसमे सोचूँगी कहाँ से आ गया, अपने भाई को पिलाने मे तुम्हे सोचना पड़ रहा है, अभी आपके हॅज़्बंड
कहते तो उन्हे झट से पिला देती,
पायल- किचन मे मुस्कुराते हुए, कहा ना सोचूँगी
रवि- क्या दीदी तुम बहुत सोचती हो
पायल- अच्छा सच-सच बता क्या तू सच मुच मुझसे ही पीना चाहता है
रवि- दीदी जो बात तुम खुद जानती हो वो पूछती क्यो हो
पायल- किचन मे अपना मुँह दबा कर अपनी हसी को अपने हाथो से छुपाती हुई, अच्छा ठीक है पी लेना
रवि-लेकिन कब
पायल- जब मेरा मन करेगा मे आकर पिला दूँगी
रवि- दीदी जल्दी मन बनाओ मे पीने के लिए मरा जा रहा हू
पायल- शांति रख तुझे पीने को मिल जाएगी बात ख़तम
रवि- ठीक है दीदी मे इंतजार करूँगा
रात को सब लोग अपना-अपना समान पॅक करके सुबह के जाने की तैयारी कर के सो जाते है और फिर सुबह करीब 3:30 पर तीनो
भाई बहन स्कारियो मे सवार होकर उड़ जाते है, रोहित सुनसान हाइवे पर स्कार्पीओ उड़ा रहा था और पायल और रवि पीछे
की सीट पर बैठे हुए थे,
पायल- रोहित भैया मुझे तो नींद आ रही है
रोहित -पीछे देखता हुआ पायल पीछे की लाइट बंद कर लो और सो जाओ अभी हमे बहुत टाइम लगेगा, तब तक अपनी नींद पूरी कर लो
पायल, रवि को मुस्कुरा कर देखती हुई सीट पर टिक कर अपनी आँखे बंद कर लेती है और रवि मध्यम रोशनी मे उसके
गदराए गालो को देखने लगता है, कुछ देर बाद पायल अपने सर को रवि के कंधे के उपर रख कर सोने का नाटक करने
लगती है, रवि अपने मन मे सोचता है, दीदी तुम इतनी चुदासी हो तुम्हे भला नींद कैसे आ सकती है, रवि अपने चेहरे
को पायल की ओर घुमा कर उसके गदराए गालो पर अपने होंठ लगा देता है, पायल के जिस्म से उठती मादक खुसबू रवि का
लंड खड़ा कर देती है, कुछ देर तक रवि पायल के गुलाबी गालो से अपने होंठो को छुआता रहता है फिर धीरे से अपना एक
हाथ पायल की गुदाज गदराई जाँघो पर रख देता है, और जब अपने हाथो के पंजो से अपनी दीदी की गदराई जाँघो को पकड़ता
है तो उसके गुदाज और नरम-नरम जाँघो के स्पर्श से रवि का लंड झटके मारने लगता है, रवि धीरे से अपनी दीदी की
जाँघो के उपर पड़ी हुई स्कर्ट को हटा देता है फिर जब अपनी दीदी की मोटी-मोटी नंगी जाँघो को अपने हाथो मे भर कर
दबोचता है तो उसे ऐसा लगता है कि अभी उसका लंड पानी छोड़ देगा,
रवि अपनी दीदी की गुदाज मखमली जाँघो को सहलाता हुआ, धीरे से अपनी दीदी के कानो के पास अपना मुँह लगा कर, दीदी सो गई
क्या, पायल उसकी आवाज़ सुनती है और उसकी चूत फूल जाती है, वह पूरी मस्ती मे अपने भाई द्वारा अपनी गदराई जाँघो को
मसलवाने का मज़ा लेती अपनी आँखे बंद किए उसके कंधे पर अपना सर रखे पड़ी रहती है, रवि फिर से अपनी दीदी के
गुलाबी गालो पर अपने होंठ फेरता हुआ उसके कान मे धीरे से, दीदी मुझसे अपनी चूत मर्वओगि, पायल की साँसे उसकी यह
बात सुन कर काफ़ी तेज हो जाती है पर वह अपनी आँखे बंद किए चुपचाप पड़ी रहती है,
जब पायल कोई रिप्लाइ नही करती है तो रवि अपना हाथ धीरे से उसकी जाँघो को सहलाते हुए आगे बढ़ाता है और उसके हाथ
मे उसकी पेंटी की कीनोर टकराने लगती है और रवि का लंड पूरी तरह तन जाता है, तभी रवि अपने हाथ को थोडा उठाकर
अपनी दीदी की पेंटी मे कसी फूली हुई चूत पर रख देता है और उसके ऐसा करने से पायल की साँसे लगता था कि रुक जाएगी,
पायल अपने हाथो की मुत्ठियो को कसते हुए अपनी गहरी सांसो को कंट्रोल करने की पूरी कोशिश करने लगती है, रवि ने जब
अपनी दीदी की पेंटी मे कसी फूली हुई गुदाज चूत पर अपने हाथ का दबाव बढ़ाया तो उसकी चूत के फूले हुए मुलायम माँस के गरम एहसास ने उसको पागल कर दिया और रवि ने अपने मुँह को अपनी दीदी के कानो के पास ले जाकर उसकी फूली हुई
चूत को पूरी तरह अपने हाथो के पंजो मे भर कर कस कर दबोचते हुए पायल के कानो मे धीरे से , दीदी तुम्हारी
चूत कितनी फूली हुई है, उसकी इस हरकत से तो मानो पायल की जान ही निकल गई और उसकी साँसे रुकते -रुकते बची और उसने
धीरे से अपनी जाँघो को थोड़ा खोल दिया, रवि अपनी दीदी की चूत को अपने हाथो से अच्छी तरह सहला रहा था और बीच-
बीच मे उसकी चूत को मसल भी देता था, पायल अपनी हिम्मत बाँधे चुपचाप अपनी सांसो को कंट्रोल कर रही थी और
बार-बार अपने मुँह के थूक को अपने सूखे गले से गतक्ने की कोशिश कर रही थी,