• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest कर्ज और फर्ज - एक कश्मकश

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
22,201
58,669
259
प्रोफेसर साहब अपडेट का इंतजार है
Moone Boy Waiting GIF by HULU
 
  • Like
Reactions: Sanju@ and manu@84

manu@84

Well-Known Member
8,843
12,255
174
अध्याय - 22 --- " पश्चाताप ""

अपनी पत्नी के मुख से केस विन्यास के गूढ़ रहस्य को जान मैं हतप्रभ, विस्मित, प्रभावित, और नतमस्तक हो गया।

रात के आठ बजे करीब मै और कुसुम वापस अपने घर आ गये। रिंकी को मेरे ससुर ने जूली के जाने से घर सूना सूना लग रहा और दो तीन बाद वापस भेजने की बात कह कर उसे वही रोक लिया था।

घर वापस आकर अपने मम्मी पापा से शादी में मिले नेग और लीफाफा वगेरा की बातें करने के बाद मै अपने बेडरूम आ गया। थोड़ी देर बाद कुसुम भी आ गयी और चुप सी बिसतर पर बैठ गयी। कुसुम के व्यव्हार मुझे थोड़ा बदलाव लगा वरना वो मेरे साथ बहस करना पसंद करती है , जब वो कुछ देर तक यु ही गुमसुम बैठी रहीं तो मैं उससे लिपट गया ..

“क्या मेरी जान आज अपना मोबाइल नही देख रही हो ..”

“क्या देखू ,कुछ रह नही गया..”

“क्यो वो तुम्हारा पुराना प्रेमी दिनेश तो है ना बात नही हुयी क्या “ मैने उसे छेड़ते हुए हस्ते हुए कहा।

वो मेरी आंखों में थोड़ी देर तक देखने लगी

“आप सच में चाहते हो की मैं उससे बात करू ..या कुछ और आगे जाऊ..”

“ऐसे क्यो बोल रही हो “

वो मुझसे अलग हुई.. .. .. ... ..... ‘क्योकि कल रात जो आपकी आंखों में गुस्सा देखा था वो सच्चा था,और मैं नही चाहती की कुछ ऐसा हो जाए की आपको फिर से उस रूप में आना पड़े ..”

अब मैं समझा की मेरी बीवी इतनी शरीफ क्यो बन रही है , मैंने उसे फिर से जकड़ लिया ..

“मेरी जान वो मामला ही अलग था,गुस्सा होना स्वाभाविक था,लेकिन अगर तुम मेरी जानकारी में ऐसे शक्स को पसंद करो जो मुझे भी पसंद आये तो, मैं तो तुम्हे सेक्स भी करने को नही रोकूंगा ..”

वो गुस्से से मुझे घूरने लगी “चुप रहो बड़े आये ..”

वो बाथरूम में चली गई और मैं उसके पीछे पीछे पहुचा ..

‘मैं मजाक नही कर रहा..”

“पता है मुझे आप क्या कर रहे हो,हवसी तो हो ही, पागल भी हो रहे हो ..”

उसने अपने कपड़े खोले,उसे उस लाल रंग की अंतःवस्त्रों में देख कर मेरा मन मचल उठा,और लंड ने पूरे उठकर सलामी दी जो मेरे शार्ट से बाहर निकलने को बेताब था ,उसे देखकर कुसुम के होठो में मुस्कान आ गई

“हवसी कही के ..” वो वापस बेड की ओर बढ़ रही थी लेकिन मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया मेरा लंड उसके कूल्हों में जा धंसा ,

“आह" ऐसा है अब मुझे सो जाना चाहिए,नही तो मेरी ही सामत है ,जब देखो खड़ा करके रखते हो "आह" अब छोड़ भी दो, मुझे सोने दो “

“ऐसे कैसे मेरी जान एक राउंड तो हो जाए “
“नही ना प्लीज़ ..”

मैंने उसे उठाकर बिस्तर में पटक दिया और खुद उसके ऊपर आ गया,हमारे होठ मिले और करवा चल पड़ा ..

“सोचो अगर मैं दिनेश होता तो “

“छि प्लीज् ना “वो बेहद धीमे स्वर में बोली क्योकि वो बहुत ही उत्तेजित थी।

“बताओ ना ..” “तो क्या “

मैं उसकी पेंटी से उसकी योनि को सहलाने लगा सच में वो बहुत गीली हो चुकी थी ,मैं उसे हटा कर सीधे उसकी गीली योनि में अपने लंड को प्रवेश करवाया ..

“आह दिनेश ..”

उसके मुह से ऐसी आवाज सुनकर मुझे ऐसा लगा की मेरा वीर्य ही निकल जाएगा,उसकी सेक्सी आवाज में किसी दूसरे मर्द का नाम सुनने का ये मेरा पहला एक्सपीरियंस था लेकिन कसम से उसने मुझे बेहद ही उत्तेजित कर दिया .,मेरा पूरा लंड आराम से उसके अंदर चला गया ,

वो भी आंखे खोल कर मुस्कुराई क्योकि उसे मेरी बड़ी हुई उत्तेजना का पता चल चुका था,

“ दिनेश करो ना मेरे पति बाहर गये है, आज बहुत टाइम है “

कुसुम की बातो ने मेरा जोश आसमान में पहुचा दिया था ,मैं उसे बुरी तरह से ठोकने लगा ,वो भी बुरी तरह से हांफ रही थी और सच में बेहद ही उत्तेजित लग रही थी ,कमरा हमारे धक्के की आवाज से भर चुका था,साथ ही हमारे आहो से भी ,उत्तेजक आवाजे दोनो के मुह से ही निकल रही थी , कुसुम अब दिनेश को भूल कर बस अरुण अरुण कह रही थी ,पहला राउंड बहुत ही तेजी से खत्म हो गया मैं कुसुम की योनि को पूरी तरह से भिगो चुका था …

“मजा आया उसका नाम सुनकर “

“बहुत मजा आया “

“आप सच में पागल हो......है ना “

मैं उसके होठो में हल्का किस किया “हो सकता हु लेकिन सच बताना पूरे राउंड के दौरान कभी उसका चहरा तेरे दिमाग में आया “

वो झूठे गुस्से से मुझे देखने लगी लेकिन फिर उसके होठो में शरारती सी मुस्कान आ गई, “सच कहु तो हा,कोशिस तो किया की आपके जगह उसे याद करके देखु लेकिन थोड़ी ही देर में वो गायब हो गया और आप ही रह गए,पता नही, आप मुझे क्या बनाने में तुले हुए हो ..”

वो फिर से हल्के गुस्से से मुझे देख रही थी
“कुछ भी नही बनाना है बस मैं चाहता हु की तू जीवन के पूरे मजे ले ..”

“आप साथ रहो तो जीवन में कभी दुख आएगा ही नही ,मेरे लिए तो आप ही सब कुछ हो ..” हम दोनो के होठ फिर से मिल गए । ” वो बस मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी।

"एक औरत एक ही समय में दो पुरुषों से कभी प्यार नहीं कर सकती। यह हमेशा एक होता है। अगर तुम नहीं हो, तो तुम नहीं हो। चारों ओर कोई दो रास्ते नहीं हैं। यही कारण है कि आप आम तौर पर दो महिलाओं को एक आदमी के लिए लड़ते हुए देखते हैं "

मैने आज तक कुसुम से कोई भी बात नहीं छुपाई थी, उसके बारे में, मै क्या सोचता था, मेरी सारी कि सारी Fantasies, चाहे जितनी भी गंदी और शर्मनाक क्यूँ ना हो, मै बेझिझक शेयर करता था ! लेकिन मैने कुसुम से अपने और प्रीति के बीच पनपते अवैध रिश्ते के बारे छुपाये रखा था, और छुपाया इसलिए कि मुझे पता था कि ये गलत है,

अब इसे Cheating कहेँगे या नहीं !!! ये Cheating ही थी - इसमें कोई शक नहीं था !!!

मेरी अंर्तरात्मा मुझे कचोट रही थी, मेरे लंड का जोश अब खत्म हो चुका था, मैं कुसुम के प्रेम को महसूस कर रहा था। या यूं कहूँ कि मेरे दिल में चोर था मैंने अपनी प्यारी पत्नी को धोखा जो दिया था।

"यह ठीक है कि यौन संबंध में शायद प्रेयसी पत्नी से अधिक आनन्द विभोर करती है पर पत्नी के प्रेम की तुलना किसी से भी करना शायद पति की सबसे बड़ी बेवकूफी होगी।"

मेरे अंडकोष छोड़ अब मेरे ढीले पड़े लण्ड को सहलाते हुये कुसुम मेरे सीने को चूमते हुये मासूमियत के साथ ज़िद करती हुई बोली.

" और नहीं चोदोगे ? प्लीज् यार... एक बार और करो ना ! आज कितना कम कम चोद रहे हो !!! "

मुझ को भी कुसुम को नाराज़ करना अच्छा नहीं लगता था, सच में मै उससे बेइंतहा प्यार करता था. मैने हँसते हुये कुसुम का सिर चूमा, और बोला.

" सुबह जल्दी उठकर सामान वगैरह पैक करना होगा तुम्हे ! "." मैने बेमन से कहा. " अब सो जाओ... बहुत रात हो चली है ! ".

मेरे सीने पर से अपना मुँह उठाते हुये मुझे अवाक नज़रों से देखते हुए धीरे धीरे कुसुम नींद के गहरे आगोश में चली गई, मेरी आंखों से नींद गायब थी। फिर भी आँखों के आगे बार बार अंधेरा छा रहा था, जीवन धुंधला सा दिखाई देने लगा।

मैं उठकर टायलेट गया, पेशाब करके वापस आया, और एक सख्त निर्णय ले लिया, कि कुछ भी हो जाये मैं अपनी प्यारी पत्नी से कुछ नहीं छुपाऊँगा। फिर भी मैं इससे होने वाले नफे-नुकसान का आंकलन लगातार कर रहा था। हो सकता है यह सब सुनकर कुसुम कुछ ऐसा कर ले कि मेरा सारा जीवन ही अंधकारमय हो जाये।

यह भी संभव था कि कुसुम मुझे हमेशा के लिये छोड़कर चली जाये या शायद मुझसे इतनी लड़ाई करे कि मैं चाहकर भी उसको मना ना पाऊँ ! कम से कम इतना तो उसका हक भी बनता था।

इन सब में कहीं से भी कोई उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही थी। मैं कुसुम को सब कुछ बताने का निर्णय तो कर चुका था। पर मेरे अंदर का चालाक प्राणी अभी भी मरा नहीं था। वो सोच रहा था कि ऐसा क्या किया जाये कि कुसुम को सब कुछ बता भी दूं पर कुछ ज्यादा अनिष्ट भी ना हो।
बहुत देर तक सोचने के बाद भी कुछ सकारात्मक सुझाव दिमाग में नहीं आ रहा था। इसी पश्चाताप की कशमकश में मेरी आँख लग गयी।


जारी है...... ✍️
 

manu@84

Well-Known Member
8,843
12,255
174
Nice update
Bhai wah. Kya baat hai. Bohot hi taarkik visleshan or aadhyatmik baato ke baad :winknudge: baalo ke uper jo Prakash daala hai uske to hum kayal ho Gaye professor :applause::applause::applause:
Gajab ka update. Or Kamal ka lekhan Kaushal.✍️
Lagta hai SANJU ( V. R. ) bhai se class le rahe ho
😁
Awesome update again awaiting next…👌
:boobyattack:Waah maJe To inke
hain Ab SaaS Vi JhoLi Me 👌
Next update
कहां से ऐसी - ऐसी फिलॉसफी बातें लेकर आते हो आप मानु भाई ! औरतों के केश के बारे मे जो कुछ आपने कुसुम के माध्यम से कहा , कभी हमने इस तरह से सोचा ही नही । इस विषय पर टिप्पणी करना मेरे वश का नही ।
लेकिन अगर कहानी की बात करें तो हमारी कुसुम मैडम जानकारी के मामले मे , ज्ञानवर्धक उपदेश देने के मामले मे अपने हसबैंड अरूण साहब से जरा भी कम नही है ।
अगर अरूण सर प्रोफेसर है तो कुसुम मैडम अवश्य उस कालेज की प्रिंसिपल होगी , बल्कि चांसलर भी होगी ।

इस अपडेट मे आपने बहुत कुछ घुमा - फिरा कर लिखा है । बहुत ही कठीन कठीन शब्दावली का प्रयोग किया है । जो चीज सहज और आसान भाषा मे कही जानी चाहिए थी , उसके लिए ऐसे शब्द और वाक्य का इस्तेमाल किया है जो अमूमन रीडर्स समझ ही नही सकते । मेरा मानना है कहानी वह हो जो अधिकतर रीडर्स सहजता से समझ सके । आसान लिपि और हमारे ही परिवेश की संवाद हो।

सासू मां ने अपने दामाद को क्या कहा , क्या रिएक्शन दिया , क्या इशारे किए और दामाद जी ने प्रत्युत्तर मे क्या जबाव दिया - अधिकांश रीडर्स के सिर के ऊपर से चला गया होगा । रीडर्स समझ ही न सके होंगे कि कौन किसको सेड्यूश कर रहा है या फिर कोई सेड्यूश हो भी रहा है कि नही ।

अपडेट निस्संदेह अव्वल स्तर का था लेकिन बात वही कि यह उपलब्धि किस काम की जब आपके रीडर्स उस उपलब्धि का ठीक से आकलन न कर सके ।

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट मानु भाई।
Bahut badhiya....ladies ke balo ka details, types ki jankari mast hai
Update पोस्ट कर दिया एक गुजारिश के साथ आप सभी ज्यादा से ज्यादा शब्दों की बारिश से अपने रिव्यू, प्रतिक्रिया, विचार, शिकायते, खूबियां, कमिया, गालियाँ जिसको जैसा ठीक लगे.......बस इस कहानी को अपना प्यार, आशीर्वाद दे...... 🙏🙏🙏
 

manu@84

Well-Known Member
8,843
12,255
174
Super update
Update पोस्ट कर दिया एक गुजारिश के साथ आप सभी ज्यादा से ज्यादा शब्दों की बारिश से अपने रिव्यू, प्रतिक्रिया, विचार, शिकायते, खूबियां, कमिया, गालियाँ जिसको जैसा ठीक लगे.......बस इस कहानी को अपना प्यार, आशीर्वाद दे...... 🙏🙏🙏
 

manu@84

Well-Known Member
8,843
12,255
174
प्रोफेसर साहब अपडेट का इंतजार है
Moone Boy Waiting GIF by HULU
Update पोस्ट कर दिया एक गुजारिश के साथ आप सभी ज्यादा से ज्यादा शब्दों की बारिश से अपने रिव्यू, प्रतिक्रिया, विचार, शिकायते, खूबियां, कमिया, गालियाँ जिसको जैसा ठीक लगे.......बस इस कहानी को अपना प्यार, आशीर्वाद दे...... 🙏🙏🙏
 

Ek number

Well-Known Member
8,575
18,573
173
अध्याय - 22 --- " पश्चाताप ""

अपनी पत्नी के मुख से केस विन्यास के गूढ़ रहस्य को जान मैं हतप्रभ, विस्मित, प्रभावित, और नतमस्तक हो गया।

रात के आठ बजे करीब मै और कुसुम वापस अपने घर आ गये। रिंकी को मेरे ससुर ने जूली के जाने से घर सूना सूना लग रहा और दो तीन बाद वापस भेजने की बात कह कर उसे वही रोक लिया था।

घर वापस आकर अपने मम्मी पापा से शादी में मिले नेग और लीफाफा वगेरा की बातें करने के बाद मै अपने बेडरूम आ गया। थोड़ी देर बाद कुसुम भी आ गयी और चुप सी बिसतर पर बैठ गयी। कुसुम के व्यव्हार मुझे थोड़ा बदलाव लगा वरना वो मेरे साथ बहस करना पसंद करती है , जब वो कुछ देर तक यु ही गुमसुम बैठी रहीं तो मैं उससे लिपट गया ..

“क्या मेरी जान आज अपना मोबाइल नही देख रही हो ..”

“क्या देखू ,कुछ रह नही गया..”

“क्यो वो तुम्हारा पुराना प्रेमी दिनेश तो है ना बात नही हुयी क्या “ मैने उसे छेड़ते हुए हस्ते हुए कहा।

वो मेरी आंखों में थोड़ी देर तक देखने लगी

“आप सच में चाहते हो की मैं उससे बात करू ..या कुछ और आगे जाऊ..”

“ऐसे क्यो बोल रही हो “

वो मुझसे अलग हुई.. .. .. ... ..... ‘क्योकि कल रात जो आपकी आंखों में गुस्सा देखा था वो सच्चा था,और मैं नही चाहती की कुछ ऐसा हो जाए की आपको फिर से उस रूप में आना पड़े ..”

अब मैं समझा की मेरी बीवी इतनी शरीफ क्यो बन रही है , मैंने उसे फिर से जकड़ लिया ..

“मेरी जान वो मामला ही अलग था,गुस्सा होना स्वाभाविक था,लेकिन अगर तुम मेरी जानकारी में ऐसे शक्स को पसंद करो जो मुझे भी पसंद आये तो, मैं तो तुम्हे सेक्स भी करने को नही रोकूंगा ..”

वो गुस्से से मुझे घूरने लगी “चुप रहो बड़े आये ..”

वो बाथरूम में चली गई और मैं उसके पीछे पीछे पहुचा ..

‘मैं मजाक नही कर रहा..”

“पता है मुझे आप क्या कर रहे हो,हवसी तो हो ही, पागल भी हो रहे हो ..”

उसने अपने कपड़े खोले,उसे उस लाल रंग की अंतःवस्त्रों में देख कर मेरा मन मचल उठा,और लंड ने पूरे उठकर सलामी दी जो मेरे शार्ट से बाहर निकलने को बेताब था ,उसे देखकर कुसुम के होठो में मुस्कान आ गई

“हवसी कही के ..” वो वापस बेड की ओर बढ़ रही थी लेकिन मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया मेरा लंड उसके कूल्हों में जा धंसा ,

“आह" ऐसा है अब मुझे सो जाना चाहिए,नही तो मेरी ही सामत है ,जब देखो खड़ा करके रखते हो "आह" अब छोड़ भी दो, मुझे सोने दो “

“ऐसे कैसे मेरी जान एक राउंड तो हो जाए “
“नही ना प्लीज़ ..”

मैंने उसे उठाकर बिस्तर में पटक दिया और खुद उसके ऊपर आ गया,हमारे होठ मिले और करवा चल पड़ा ..

“सोचो अगर मैं दिनेश होता तो “

“छि प्लीज् ना “वो बेहद धीमे स्वर में बोली क्योकि वो बहुत ही उत्तेजित थी।

“बताओ ना ..” “तो क्या “

मैं उसकी पेंटी से उसकी योनि को सहलाने लगा सच में वो बहुत गीली हो चुकी थी ,मैं उसे हटा कर सीधे उसकी गीली योनि में अपने लंड को प्रवेश करवाया ..

“आह दिनेश ..”

उसके मुह से ऐसी आवाज सुनकर मुझे ऐसा लगा की मेरा वीर्य ही निकल जाएगा,उसकी सेक्सी आवाज में किसी दूसरे मर्द का नाम सुनने का ये मेरा पहला एक्सपीरियंस था लेकिन कसम से उसने मुझे बेहद ही उत्तेजित कर दिया .,मेरा पूरा लंड आराम से उसके अंदर चला गया ,

वो भी आंखे खोल कर मुस्कुराई क्योकि उसे मेरी बड़ी हुई उत्तेजना का पता चल चुका था,

“ दिनेश करो ना मेरे पति बाहर गये है, आज बहुत टाइम है “

कुसुम की बातो ने मेरा जोश आसमान में पहुचा दिया था ,मैं उसे बुरी तरह से ठोकने लगा ,वो भी बुरी तरह से हांफ रही थी और सच में बेहद ही उत्तेजित लग रही थी ,कमरा हमारे धक्के की आवाज से भर चुका था,साथ ही हमारे आहो से भी ,उत्तेजक आवाजे दोनो के मुह से ही निकल रही थी , कुसुम अब दिनेश को भूल कर बस अरुण अरुण कह रही थी ,पहला राउंड बहुत ही तेजी से खत्म हो गया मैं कुसुम की योनि को पूरी तरह से भिगो चुका था …

“मजा आया उसका नाम सुनकर “

“बहुत मजा आया “

“आप सच में पागल हो......है ना “

मैं उसके होठो में हल्का किस किया “हो सकता हु लेकिन सच बताना पूरे राउंड के दौरान कभी उसका चहरा तेरे दिमाग में आया “

वो झूठे गुस्से से मुझे देखने लगी लेकिन फिर उसके होठो में शरारती सी मुस्कान आ गई, “सच कहु तो हा,कोशिस तो किया की आपके जगह उसे याद करके देखु लेकिन थोड़ी ही देर में वो गायब हो गया और आप ही रह गए,पता नही, आप मुझे क्या बनाने में तुले हुए हो ..”

वो फिर से हल्के गुस्से से मुझे देख रही थी
“कुछ भी नही बनाना है बस मैं चाहता हु की तू जीवन के पूरे मजे ले ..”

“आप साथ रहो तो जीवन में कभी दुख आएगा ही नही ,मेरे लिए तो आप ही सब कुछ हो ..” हम दोनो के होठ फिर से मिल गए । ” वो बस मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी।

"एक औरत एक ही समय में दो पुरुषों से कभी प्यार नहीं कर सकती। यह हमेशा एक होता है। अगर तुम नहीं हो, तो तुम नहीं हो। चारों ओर कोई दो रास्ते नहीं हैं। यही कारण है कि आप आम तौर पर दो महिलाओं को एक आदमी के लिए लड़ते हुए देखते हैं "

मैने आज तक कुसुम से कोई भी बात नहीं छुपाई थी, उसके बारे में, मै क्या सोचता था, मेरी सारी कि सारी Fantasies, चाहे जितनी भी गंदी और शर्मनाक क्यूँ ना हो, मै बेझिझक शेयर करता था ! लेकिन मैने कुसुम से अपने और प्रीति के बीच पनपते अवैध रिश्ते के बारे छुपाये रखा था, और छुपाया इसलिए कि मुझे पता था कि ये गलत है,

अब इसे Cheating कहेँगे या नहीं !!! ये Cheating ही थी - इसमें कोई शक नहीं था !!!

मेरी अंर्तरात्मा मुझे कचोट रही थी, मेरे लंड का जोश अब खत्म हो चुका था, मैं कुसुम के प्रेम को महसूस कर रहा था। या यूं कहूँ कि मेरे दिल में चोर था मैंने अपनी प्यारी पत्नी को धोखा जो दिया था।

"यह ठीक है कि यौन संबंध में शायद प्रेयसी पत्नी से अधिक आनन्द विभोर करती है पर पत्नी के प्रेम की तुलना किसी से भी करना शायद पति की सबसे बड़ी बेवकूफी होगी।"

मेरे अंडकोष छोड़ अब मेरे ढीले पड़े लण्ड को सहलाते हुये कुसुम मेरे सीने को चूमते हुये मासूमियत के साथ ज़िद करती हुई बोली.

" और नहीं चोदोगे ? प्लीज् यार... एक बार और करो ना ! आज कितना कम कम चोद रहे हो !!! "

मुझ को भी कुसुम को नाराज़ करना अच्छा नहीं लगता था, सच में मै उससे बेइंतहा प्यार करता था. मैने हँसते हुये कुसुम का सिर चूमा, और बोला.

" सुबह जल्दी उठकर सामान वगैरह पैक करना होगा तुम्हे ! "." मैने बेमन से कहा. " अब सो जाओ... बहुत रात हो चली है ! ".

मेरे सीने पर से अपना मुँह उठाते हुये मुझे अवाक नज़रों से देखते हुए धीरे धीरे कुसुम नींद के गहरे आगोश में चली गई, मेरी आंखों से नींद गायब थी। फिर भी आँखों के आगे बार बार अंधेरा छा रहा था, जीवन धुंधला सा दिखाई देने लगा।

मैं उठकर टायलेट गया, पेशाब करके वापस आया, और एक सख्त निर्णय ले लिया, कि कुछ भी हो जाये मैं अपनी प्यारी पत्नी से कुछ नहीं छुपाऊँगा। फिर भी मैं इससे होने वाले नफे-नुकसान का आंकलन लगातार कर रहा था। हो सकता है यह सब सुनकर कुसुम कुछ ऐसा कर ले कि मेरा सारा जीवन ही अंधकारमय हो जाये।

यह भी संभव था कि कुसुम मुझे हमेशा के लिये छोड़कर चली जाये या शायद मुझसे इतनी लड़ाई करे कि मैं चाहकर भी उसको मना ना पाऊँ ! कम से कम इतना तो उसका हक भी बनता था।

इन सब में कहीं से भी कोई उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही थी। मैं कुसुम को सब कुछ बताने का निर्णय तो कर चुका था। पर मेरे अंदर का चालाक प्राणी अभी भी मरा नहीं था। वो सोच रहा था कि ऐसा क्या किया जाये कि कुसुम को सब कुछ बता भी दूं पर कुछ ज्यादा अनिष्ट भी ना हो।
बहुत देर तक सोचने के बाद भी कुछ सकारात्मक सुझाव दिमाग में नहीं आ रहा था। इसी पश्चाताप की कशमकश में मेरी आँख लग गयी।


जारी है...... ✍️
Nice update
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
22,201
58,669
259
अध्याय - 22 --- " पश्चाताप ""

अपनी पत्नी के मुख से केस विन्यास के गूढ़ रहस्य को जान मैं हतप्रभ, विस्मित, प्रभावित, और नतमस्तक हो गया।

रात के आठ बजे करीब मै और कुसुम वापस अपने घर आ गये। रिंकी को मेरे ससुर ने जूली के जाने से घर सूना सूना लग रहा और दो तीन बाद वापस भेजने की बात कह कर उसे वही रोक लिया था।

घर वापस आकर अपने मम्मी पापा से शादी में मिले नेग और लीफाफा वगेरा की बातें करने के बाद मै अपने बेडरूम आ गया। थोड़ी देर बाद कुसुम भी आ गयी और चुप सी बिसतर पर बैठ गयी। कुसुम के व्यव्हार मुझे थोड़ा बदलाव लगा वरना वो मेरे साथ बहस करना पसंद करती है , जब वो कुछ देर तक यु ही गुमसुम बैठी रहीं तो मैं उससे लिपट गया ..

“क्या मेरी जान आज अपना मोबाइल नही देख रही हो ..”

“क्या देखू ,कुछ रह नही गया..”

“क्यो वो तुम्हारा पुराना प्रेमी दिनेश तो है ना बात नही हुयी क्या “ मैने उसे छेड़ते हुए हस्ते हुए कहा।

वो मेरी आंखों में थोड़ी देर तक देखने लगी

“आप सच में चाहते हो की मैं उससे बात करू ..या कुछ और आगे जाऊ..”

“ऐसे क्यो बोल रही हो “

वो मुझसे अलग हुई.. .. .. ... ..... ‘क्योकि कल रात जो आपकी आंखों में गुस्सा देखा था वो सच्चा था,और मैं नही चाहती की कुछ ऐसा हो जाए की आपको फिर से उस रूप में आना पड़े ..”

अब मैं समझा की मेरी बीवी इतनी शरीफ क्यो बन रही है , मैंने उसे फिर से जकड़ लिया ..

“मेरी जान वो मामला ही अलग था,गुस्सा होना स्वाभाविक था,लेकिन अगर तुम मेरी जानकारी में ऐसे शक्स को पसंद करो जो मुझे भी पसंद आये तो, मैं तो तुम्हे सेक्स भी करने को नही रोकूंगा ..”

वो गुस्से से मुझे घूरने लगी “चुप रहो बड़े आये ..”

वो बाथरूम में चली गई और मैं उसके पीछे पीछे पहुचा ..

‘मैं मजाक नही कर रहा..”

“पता है मुझे आप क्या कर रहे हो,हवसी तो हो ही, पागल भी हो रहे हो ..”

उसने अपने कपड़े खोले,उसे उस लाल रंग की अंतःवस्त्रों में देख कर मेरा मन मचल उठा,और लंड ने पूरे उठकर सलामी दी जो मेरे शार्ट से बाहर निकलने को बेताब था ,उसे देखकर कुसुम के होठो में मुस्कान आ गई

“हवसी कही के ..” वो वापस बेड की ओर बढ़ रही थी लेकिन मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया मेरा लंड उसके कूल्हों में जा धंसा ,

“आह" ऐसा है अब मुझे सो जाना चाहिए,नही तो मेरी ही सामत है ,जब देखो खड़ा करके रखते हो "आह" अब छोड़ भी दो, मुझे सोने दो “

“ऐसे कैसे मेरी जान एक राउंड तो हो जाए “
“नही ना प्लीज़ ..”

मैंने उसे उठाकर बिस्तर में पटक दिया और खुद उसके ऊपर आ गया,हमारे होठ मिले और करवा चल पड़ा ..

“सोचो अगर मैं दिनेश होता तो “

“छि प्लीज् ना “वो बेहद धीमे स्वर में बोली क्योकि वो बहुत ही उत्तेजित थी।

“बताओ ना ..” “तो क्या “

मैं उसकी पेंटी से उसकी योनि को सहलाने लगा सच में वो बहुत गीली हो चुकी थी ,मैं उसे हटा कर सीधे उसकी गीली योनि में अपने लंड को प्रवेश करवाया ..

“आह दिनेश ..”

उसके मुह से ऐसी आवाज सुनकर मुझे ऐसा लगा की मेरा वीर्य ही निकल जाएगा,उसकी सेक्सी आवाज में किसी दूसरे मर्द का नाम सुनने का ये मेरा पहला एक्सपीरियंस था लेकिन कसम से उसने मुझे बेहद ही उत्तेजित कर दिया .,मेरा पूरा लंड आराम से उसके अंदर चला गया ,

वो भी आंखे खोल कर मुस्कुराई क्योकि उसे मेरी बड़ी हुई उत्तेजना का पता चल चुका था,

“ दिनेश करो ना मेरे पति बाहर गये है, आज बहुत टाइम है “

कुसुम की बातो ने मेरा जोश आसमान में पहुचा दिया था ,मैं उसे बुरी तरह से ठोकने लगा ,वो भी बुरी तरह से हांफ रही थी और सच में बेहद ही उत्तेजित लग रही थी ,कमरा हमारे धक्के की आवाज से भर चुका था,साथ ही हमारे आहो से भी ,उत्तेजक आवाजे दोनो के मुह से ही निकल रही थी , कुसुम अब दिनेश को भूल कर बस अरुण अरुण कह रही थी ,पहला राउंड बहुत ही तेजी से खत्म हो गया मैं कुसुम की योनि को पूरी तरह से भिगो चुका था …

“मजा आया उसका नाम सुनकर “

“बहुत मजा आया “

“आप सच में पागल हो......है ना “

मैं उसके होठो में हल्का किस किया “हो सकता हु लेकिन सच बताना पूरे राउंड के दौरान कभी उसका चहरा तेरे दिमाग में आया “

वो झूठे गुस्से से मुझे देखने लगी लेकिन फिर उसके होठो में शरारती सी मुस्कान आ गई, “सच कहु तो हा,कोशिस तो किया की आपके जगह उसे याद करके देखु लेकिन थोड़ी ही देर में वो गायब हो गया और आप ही रह गए,पता नही, आप मुझे क्या बनाने में तुले हुए हो ..”

वो फिर से हल्के गुस्से से मुझे देख रही थी
“कुछ भी नही बनाना है बस मैं चाहता हु की तू जीवन के पूरे मजे ले ..”

“आप साथ रहो तो जीवन में कभी दुख आएगा ही नही ,मेरे लिए तो आप ही सब कुछ हो ..” हम दोनो के होठ फिर से मिल गए । ” वो बस मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी।

"एक औरत एक ही समय में दो पुरुषों से कभी प्यार नहीं कर सकती। यह हमेशा एक होता है। अगर तुम नहीं हो, तो तुम नहीं हो। चारों ओर कोई दो रास्ते नहीं हैं। यही कारण है कि आप आम तौर पर दो महिलाओं को एक आदमी के लिए लड़ते हुए देखते हैं "

मैने आज तक कुसुम से कोई भी बात नहीं छुपाई थी, उसके बारे में, मै क्या सोचता था, मेरी सारी कि सारी Fantasies, चाहे जितनी भी गंदी और शर्मनाक क्यूँ ना हो, मै बेझिझक शेयर करता था ! लेकिन मैने कुसुम से अपने और प्रीति के बीच पनपते अवैध रिश्ते के बारे छुपाये रखा था, और छुपाया इसलिए कि मुझे पता था कि ये गलत है,

अब इसे Cheating कहेँगे या नहीं !!! ये Cheating ही थी - इसमें कोई शक नहीं था !!!

मेरी अंर्तरात्मा मुझे कचोट रही थी, मेरे लंड का जोश अब खत्म हो चुका था, मैं कुसुम के प्रेम को महसूस कर रहा था। या यूं कहूँ कि मेरे दिल में चोर था मैंने अपनी प्यारी पत्नी को धोखा जो दिया था।

"यह ठीक है कि यौन संबंध में शायद प्रेयसी पत्नी से अधिक आनन्द विभोर करती है पर पत्नी के प्रेम की तुलना किसी से भी करना शायद पति की सबसे बड़ी बेवकूफी होगी।"

मेरे अंडकोष छोड़ अब मेरे ढीले पड़े लण्ड को सहलाते हुये कुसुम मेरे सीने को चूमते हुये मासूमियत के साथ ज़िद करती हुई बोली.

" और नहीं चोदोगे ? प्लीज् यार... एक बार और करो ना ! आज कितना कम कम चोद रहे हो !!! "

मुझ को भी कुसुम को नाराज़ करना अच्छा नहीं लगता था, सच में मै उससे बेइंतहा प्यार करता था. मैने हँसते हुये कुसुम का सिर चूमा, और बोला.

" सुबह जल्दी उठकर सामान वगैरह पैक करना होगा तुम्हे ! "." मैने बेमन से कहा. " अब सो जाओ... बहुत रात हो चली है ! ".

मेरे सीने पर से अपना मुँह उठाते हुये मुझे अवाक नज़रों से देखते हुए धीरे धीरे कुसुम नींद के गहरे आगोश में चली गई, मेरी आंखों से नींद गायब थी। फिर भी आँखों के आगे बार बार अंधेरा छा रहा था, जीवन धुंधला सा दिखाई देने लगा।

मैं उठकर टायलेट गया, पेशाब करके वापस आया, और एक सख्त निर्णय ले लिया, कि कुछ भी हो जाये मैं अपनी प्यारी पत्नी से कुछ नहीं छुपाऊँगा। फिर भी मैं इससे होने वाले नफे-नुकसान का आंकलन लगातार कर रहा था। हो सकता है यह सब सुनकर कुसुम कुछ ऐसा कर ले कि मेरा सारा जीवन ही अंधकारमय हो जाये।

यह भी संभव था कि कुसुम मुझे हमेशा के लिये छोड़कर चली जाये या शायद मुझसे इतनी लड़ाई करे कि मैं चाहकर भी उसको मना ना पाऊँ ! कम से कम इतना तो उसका हक भी बनता था।

इन सब में कहीं से भी कोई उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही थी। मैं कुसुम को सब कुछ बताने का निर्णय तो कर चुका था। पर मेरे अंदर का चालाक प्राणी अभी भी मरा नहीं था। वो सोच रहा था कि ऐसा क्या किया जाये कि कुसुम को सब कुछ बता भी दूं पर कुछ ज्यादा अनिष्ट भी ना हो।
बहुत देर तक सोचने के बाद भी कुछ सकारात्मक सुझाव दिमाग में नहीं आ रहा था। इसी पश्चाताप की कशमकश में मेरी आँख लग गयी।


जारी है...... ✍️
Bohot badhiya update tha Manu pyare.
Kahani ka hiro. Yani Arun ko itna chutiya kyu bana rahe ho bhai.
Kabhi wo Sali ki le raha hai. kabhi Rinki ko chodne ke chakkr me hai. Or update ke ant me wo Kusum ko sab batana ki baat kar raha hai.

:wtf:
 
Last edited:

U.and.me

Active Member
546
1,012
123
अध्याय - 22 --- " पश्चाताप ""

अपनी पत्नी के मुख से केस विन्यास के गूढ़ रहस्य को जान मैं हतप्रभ, विस्मित, प्रभावित, और नतमस्तक हो गया।

रात के आठ बजे करीब मै और कुसुम वापस अपने घर आ गये। रिंकी को मेरे ससुर ने जूली के जाने से घर सूना सूना लग रहा और दो तीन बाद वापस भेजने की बात कह कर उसे वही रोक लिया था।

घर वापस आकर अपने मम्मी पापा से शादी में मिले नेग और लीफाफा वगेरा की बातें करने के बाद मै अपने बेडरूम आ गया। थोड़ी देर बाद कुसुम भी आ गयी और चुप सी बिसतर पर बैठ गयी। कुसुम के व्यव्हार मुझे थोड़ा बदलाव लगा वरना वो मेरे साथ बहस करना पसंद करती है , जब वो कुछ देर तक यु ही गुमसुम बैठी रहीं तो मैं उससे लिपट गया ..

“क्या मेरी जान आज अपना मोबाइल नही देख रही हो ..”

“क्या देखू ,कुछ रह नही गया..”

“क्यो वो तुम्हारा पुराना प्रेमी दिनेश तो है ना बात नही हुयी क्या “ मैने उसे छेड़ते हुए हस्ते हुए कहा।

वो मेरी आंखों में थोड़ी देर तक देखने लगी

“आप सच में चाहते हो की मैं उससे बात करू ..या कुछ और आगे जाऊ..”

“ऐसे क्यो बोल रही हो “

वो मुझसे अलग हुई.. .. .. ... ..... ‘क्योकि कल रात जो आपकी आंखों में गुस्सा देखा था वो सच्चा था,और मैं नही चाहती की कुछ ऐसा हो जाए की आपको फिर से उस रूप में आना पड़े ..”

अब मैं समझा की मेरी बीवी इतनी शरीफ क्यो बन रही है , मैंने उसे फिर से जकड़ लिया ..

“मेरी जान वो मामला ही अलग था,गुस्सा होना स्वाभाविक था,लेकिन अगर तुम मेरी जानकारी में ऐसे शक्स को पसंद करो जो मुझे भी पसंद आये तो, मैं तो तुम्हे सेक्स भी करने को नही रोकूंगा ..”

वो गुस्से से मुझे घूरने लगी “चुप रहो बड़े आये ..”

वो बाथरूम में चली गई और मैं उसके पीछे पीछे पहुचा ..

‘मैं मजाक नही कर रहा..”

“पता है मुझे आप क्या कर रहे हो,हवसी तो हो ही, पागल भी हो रहे हो ..”

उसने अपने कपड़े खोले,उसे उस लाल रंग की अंतःवस्त्रों में देख कर मेरा मन मचल उठा,और लंड ने पूरे उठकर सलामी दी जो मेरे शार्ट से बाहर निकलने को बेताब था ,उसे देखकर कुसुम के होठो में मुस्कान आ गई

“हवसी कही के ..” वो वापस बेड की ओर बढ़ रही थी लेकिन मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया मेरा लंड उसके कूल्हों में जा धंसा ,

“आह" ऐसा है अब मुझे सो जाना चाहिए,नही तो मेरी ही सामत है ,जब देखो खड़ा करके रखते हो "आह" अब छोड़ भी दो, मुझे सोने दो “

“ऐसे कैसे मेरी जान एक राउंड तो हो जाए “
“नही ना प्लीज़ ..”

मैंने उसे उठाकर बिस्तर में पटक दिया और खुद उसके ऊपर आ गया,हमारे होठ मिले और करवा चल पड़ा ..

“सोचो अगर मैं दिनेश होता तो “

“छि प्लीज् ना “वो बेहद धीमे स्वर में बोली क्योकि वो बहुत ही उत्तेजित थी।

“बताओ ना ..” “तो क्या “

मैं उसकी पेंटी से उसकी योनि को सहलाने लगा सच में वो बहुत गीली हो चुकी थी ,मैं उसे हटा कर सीधे उसकी गीली योनि में अपने लंड को प्रवेश करवाया ..

“आह दिनेश ..”

उसके मुह से ऐसी आवाज सुनकर मुझे ऐसा लगा की मेरा वीर्य ही निकल जाएगा,उसकी सेक्सी आवाज में किसी दूसरे मर्द का नाम सुनने का ये मेरा पहला एक्सपीरियंस था लेकिन कसम से उसने मुझे बेहद ही उत्तेजित कर दिया .,मेरा पूरा लंड आराम से उसके अंदर चला गया ,

वो भी आंखे खोल कर मुस्कुराई क्योकि उसे मेरी बड़ी हुई उत्तेजना का पता चल चुका था,

“ दिनेश करो ना मेरे पति बाहर गये है, आज बहुत टाइम है “

कुसुम की बातो ने मेरा जोश आसमान में पहुचा दिया था ,मैं उसे बुरी तरह से ठोकने लगा ,वो भी बुरी तरह से हांफ रही थी और सच में बेहद ही उत्तेजित लग रही थी ,कमरा हमारे धक्के की आवाज से भर चुका था,साथ ही हमारे आहो से भी ,उत्तेजक आवाजे दोनो के मुह से ही निकल रही थी , कुसुम अब दिनेश को भूल कर बस अरुण अरुण कह रही थी ,पहला राउंड बहुत ही तेजी से खत्म हो गया मैं कुसुम की योनि को पूरी तरह से भिगो चुका था …

“मजा आया उसका नाम सुनकर “

“बहुत मजा आया “

“आप सच में पागल हो......है ना “

मैं उसके होठो में हल्का किस किया “हो सकता हु लेकिन सच बताना पूरे राउंड के दौरान कभी उसका चहरा तेरे दिमाग में आया “

वो झूठे गुस्से से मुझे देखने लगी लेकिन फिर उसके होठो में शरारती सी मुस्कान आ गई, “सच कहु तो हा,कोशिस तो किया की आपके जगह उसे याद करके देखु लेकिन थोड़ी ही देर में वो गायब हो गया और आप ही रह गए,पता नही, आप मुझे क्या बनाने में तुले हुए हो ..”

वो फिर से हल्के गुस्से से मुझे देख रही थी
“कुछ भी नही बनाना है बस मैं चाहता हु की तू जीवन के पूरे मजे ले ..”

“आप साथ रहो तो जीवन में कभी दुख आएगा ही नही ,मेरे लिए तो आप ही सब कुछ हो ..” हम दोनो के होठ फिर से मिल गए । ” वो बस मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी।

"एक औरत एक ही समय में दो पुरुषों से कभी प्यार नहीं कर सकती। यह हमेशा एक होता है। अगर तुम नहीं हो, तो तुम नहीं हो। चारों ओर कोई दो रास्ते नहीं हैं। यही कारण है कि आप आम तौर पर दो महिलाओं को एक आदमी के लिए लड़ते हुए देखते हैं "

मैने आज तक कुसुम से कोई भी बात नहीं छुपाई थी, उसके बारे में, मै क्या सोचता था, मेरी सारी कि सारी Fantasies, चाहे जितनी भी गंदी और शर्मनाक क्यूँ ना हो, मै बेझिझक शेयर करता था ! लेकिन मैने कुसुम से अपने और प्रीति के बीच पनपते अवैध रिश्ते के बारे छुपाये रखा था, और छुपाया इसलिए कि मुझे पता था कि ये गलत है,

अब इसे Cheating कहेँगे या नहीं !!! ये Cheating ही थी - इसमें कोई शक नहीं था !!!

मेरी अंर्तरात्मा मुझे कचोट रही थी, मेरे लंड का जोश अब खत्म हो चुका था, मैं कुसुम के प्रेम को महसूस कर रहा था। या यूं कहूँ कि मेरे दिल में चोर था मैंने अपनी प्यारी पत्नी को धोखा जो दिया था।

"यह ठीक है कि यौन संबंध में शायद प्रेयसी पत्नी से अधिक आनन्द विभोर करती है पर पत्नी के प्रेम की तुलना किसी से भी करना शायद पति की सबसे बड़ी बेवकूफी होगी।"

मेरे अंडकोष छोड़ अब मेरे ढीले पड़े लण्ड को सहलाते हुये कुसुम मेरे सीने को चूमते हुये मासूमियत के साथ ज़िद करती हुई बोली.

" और नहीं चोदोगे ? प्लीज् यार... एक बार और करो ना ! आज कितना कम कम चोद रहे हो !!! "

मुझ को भी कुसुम को नाराज़ करना अच्छा नहीं लगता था, सच में मै उससे बेइंतहा प्यार करता था. मैने हँसते हुये कुसुम का सिर चूमा, और बोला.

" सुबह जल्दी उठकर सामान वगैरह पैक करना होगा तुम्हे ! "." मैने बेमन से कहा. " अब सो जाओ... बहुत रात हो चली है ! ".

मेरे सीने पर से अपना मुँह उठाते हुये मुझे अवाक नज़रों से देखते हुए धीरे धीरे कुसुम नींद के गहरे आगोश में चली गई, मेरी आंखों से नींद गायब थी। फिर भी आँखों के आगे बार बार अंधेरा छा रहा था, जीवन धुंधला सा दिखाई देने लगा।

मैं उठकर टायलेट गया, पेशाब करके वापस आया, और एक सख्त निर्णय ले लिया, कि कुछ भी हो जाये मैं अपनी प्यारी पत्नी से कुछ नहीं छुपाऊँगा। फिर भी मैं इससे होने वाले नफे-नुकसान का आंकलन लगातार कर रहा था। हो सकता है यह सब सुनकर कुसुम कुछ ऐसा कर ले कि मेरा सारा जीवन ही अंधकारमय हो जाये।

यह भी संभव था कि कुसुम मुझे हमेशा के लिये छोड़कर चली जाये या शायद मुझसे इतनी लड़ाई करे कि मैं चाहकर भी उसको मना ना पाऊँ ! कम से कम इतना तो उसका हक भी बनता था।

इन सब में कहीं से भी कोई उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही थी। मैं कुसुम को सब कुछ बताने का निर्णय तो कर चुका था। पर मेरे अंदर का चालाक प्राणी अभी भी मरा नहीं था। वो सोच रहा था कि ऐसा क्या किया जाये कि कुसुम को सब कुछ बता भी दूं पर कुछ ज्यादा अनिष्ट भी ना हो।
बहुत देर तक सोचने के बाद भी कुछ सकारात्मक सुझाव दिमाग में नहीं आ रहा था। इसी पश्चाताप की कशमकश में मेरी आँख लग गयी।


जारी है...... ✍️
BhauTe TwisT hai 🤣
 
10,301
43,210
258
अरूण सर अपने पत्नी कुसुम के समक्ष कन्फेश करना चाहते है जो कि मुझे हंड्रेड पर्सेंट यकीन है , कभी नही होगा ।
वो किस मुंह से कहेंगे कि कुसुम , मैने आपकी बड़ी बहन के साथ सेक्स कर लिया है ! वो किस मुंह से कहेंगे कि कुसुम , मैने तुम्हारी बेटी - अपनी सौतेली पुत्री रिंकी के साथ भी सेक्स के हल्के फुल्के मजे ले लिया है ! वो किस मूंह से कहेंगे कि कुसुम , एक बार तो हम मां बेटे सेक्स करते - करते बचे थे ! वो किस मुंह से कहेंगे कि मैने रिश्ते मे भवह ( छोटे भाई की पत्नी ) लगने वाली एक औरत के साथ भी ट्रेन मे - टेक्सी मे कुछेक रोमैंटिक पल बिताया है ! वो किस मुंह से कहेंगे कि मेरी प्रिय कुसुम , मैने तो तुम्हारी छोटी बहन जुली को भी लगभग अपने बिस्तर तक लाने को तैयार कर लिया है !
अरूण सर के गुर्द मे अगर सही मे दम है तो यह सब कहकर दिखाएं ! :D

वैसे कुसुम मैडम को अरूण सर कुछ ज्यादा ही बेवकूफ समझ रहे है । ये और कुछ नही , उनकी मुगालता है । शायद बहुत जल्द उनकी गलतफ़हमी दूर हो जाएगी !

पति- पत्नी का अपने सेक्सुअल लाइफ को और भी अधिक स्पाइसी बनाने के लिए रोलप्ले सेक्स करना कभी-कभार अत्यंत ही हानिकारक भी हो जाता है । देखते है इन दोनो का रोलप्ले सेक्स क्या प्रभाव लेकर आता है !

बहुत ही बेहतरीन अपडेट मानु भाई।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट।
 
Last edited:
Top