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Incest कर्ज और फर्ज - एक कश्मकश

manu@84

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Manu bhai bahut hi aacha update diya aapne
Bhai manu pyare bohot hi kamuk update tha👌 Gajab ka vivran ki hai aapne is update me chudai ka😁
Great update 👌👌👌👌👌🤯👌
Nice update
कुसुम मैडम के बारे मे चाय विक्रेता ने जो कुछ कहा वह गलत नही था । प्रोफेसर साहब ने स्वयं अपनी आंखो से देखा कि उनकी धर्म पत्नी अपने घर के छत पर कैसी वस्त्र धारण किए हुए कार्य कर रही थी ।
उनका वस्त्र इतना पारदर्शी कि मैडम के गिरवर भी दिखाई पड़ रहे थे और गिरवर की चोटी भी ।
ऐसा खुला अंग प्रदर्शन सरेआम भला कौन करता है भई !

प्रोफेसर साहब उस नादान बालक की तरह है जिसे उसके मनपसंद खिलौने देकर खुश किया जा सकता है । कुसुम मैडम अच्छी तरह जानती है कि उसका हसबैंड किस कैरेक्टर का है । वह प्रोफेसर को यदा कदा खुश किए देती है और प्रोफेसर साहब खुशी से गदगद हो जाते है ।

बहुत बढ़िया अपडेट मानु भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट।
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट है
चाय वाले की बातो पर अरुण को गुस्सा आ गया लेकिन साला खुद अपनी बीवी को दूसरो के साथ सेक्स करवाने के लिए तैयार हैं चाय वाले ने जो कहा वो सच ही कहा था प्रोफेसर ने भी ये देखा था
कुसुम दीमापुर में मजे कर रही है साथ ही अरुण को जला रही है अगर गुस्सा हो गया था थोड़ी बहुत डोज दी और अरुण खुश
Profesar sahab aakhir chahte kya h
Update पोस्ट कर दिया एक गुजारिश के साथ आप सभी ज्यादा से ज्यादा शब्दों की बारिश से अपने रिव्यू, प्रतिक्रिया, विचार, शिकायते, खूबियां, कमिया, गालियाँ जिसको जैसा ठीक लगे.......बस इस कहानी को अपना प्यार, आशीर्वाद दे...... 🙏🙏🙏
 
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manu@84

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Sahi Jaa Rahe
Ho

Lagta Hai Ab Kuch
Masaledar Hone WaLLa Hai 🔥👌
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Raj_sharma

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Update पोस्ट कर दिया एक गुजारिश के साथ आप सभी ज्यादा से ज्यादा शब्दों की बारिश से अपने रिव्यू, प्रतिक्रिया, विचार, शिकायते, खूबियां, कमिया, गालियाँ जिसको जैसा ठीक लगे.......बस इस कहानी को अपना प्यार, आशीर्वाद दे...... 🙏🙏🙏
Okey padh kar review dunga 👍 abhi apun chit chat me busy hai :D
 

Ek number

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अध्याय - 24 --- " आख़िर क्यों ""


“लव यू मेरी जान आप भी अपना ख्याल रखना और ज्यादा जलना मत..”एक हँसी के साथ हम दोनो थोड़ा इमोशनल हो गए और फोन कट गया… ।

अपने घर पहुँच कर मैंने फोन उठा के कुसुम को डायल किया लेकिन मेरे दिल में अजीब सी कसक उठी की अभी मेरी जान क्या कर रही होगी,अगर मैंने उसे ये बता दिया की उसकी रिकॉर्डिंग चालू है तो कुसुम कैमरे बंद कर देगी, मैंने उसे कुछ न बताने और चुपके से उसके लाइव विडिओ को देखने का प्लान बना लिया...।

रात को वो अकेली ही थी, शायद शर्मा के साथ dinner वाली बात उसने मुझे जलाने के लिए बताई थी। सफर की थकान से मै भी बेचिंत होकर कुसुम को बिस्तर पर सोता देख मै भी सो गया। सुबह जब मै सो कर उठा तो मैं आदत के मुताबिक तैयार हुआ लेकिन लेपटॉप को देखकर उसे खोल कर विडियो रिकाडिंग चालू कर दी,मैं बस चेक कर रहा था लेकिन जल्बाजी में उसे बंद करना भूल गया और नास्ता करने चला गया, मुझे क्या पता था की ये छोटी सी गलती मेरे जीवन का नया अध्याय लिखने वाली है।

वापस जब कमरे में आया और वीडियो में देखा तो सोकर उठने के बाद कुसुम नहाने चली गयी जब वो गिले बालो के साथ बाथरूम में से निकली जैसे कोई ओश की बूंद ताजा हरी घास पर अटखेलिया कर रहा हो,मेरे सामने कुसुम के रूम का पूरा नजारा था पर मैं अपने जान के चहरे को देखकर दीवाना हो रहा था, उसकी लाली ताजा सेब की तरह, टबेल में लिपटी हुई बलखाती कमर उन्नत वक्ष जो तोलिये मे लिपटे हुए भी अपने शबाब की झलक दिखा रहे थे।

उसने अंग अंग को आईने में निहारा और बड़ी शरमाते हुए अपने कपडे उठा लिए मुझे लगा था की वो अपना तोलिया गिरा देगी लेकिन उसकी शर्म ने मेरी जान की इज्जत मेरी नजरो में और बढ़ा दी,वो अकेले में भी अपने नग्नता से शर्मा रही थी, वही नग्नता जिसका भोग मै महीनों से करता आ रहा था,उसने बड़े सलीके से अपनी साड़ी पहन ली और पुरे मनोयोग से सजने लगी,उसने गहरा सिन्दूर अपने माथे में लगाया और चूडियो को हाथो में डाल कर चूम लिया ये देख मेरे दिल में ऐसा प्यार जगा की अभी फोन कर उसे चूम लू।


जब वो सजके तैयार हो गयी तो उठकर बिस्तर के पास आई और मेरी और उसकी फोटो को उठा कर चूम लिया मेरा दिल तो भर आया की कोई किसी को इतना प्यार कैसे कर सकता है,वो कमरे से बहार किचिन मे चली गयी और मैं अपनी ही सोच में डूब गया,की मैं कितना खुश किस्मत हु,लगभग 1 घंटे तक कमरा खाली रहा।

लेकिन अचानक किसी के हसने की आवाज आई मैं विडिओ फॉरवर्ड करके देख रहा था लेकिन कुछ परछाई सी कमरे में हुई जैसे कोई हाल में चल रहा हो,मैंने विडिओ फिर से देखा मुझे आवाजे भी सुनाई दी, जैसे कुसुम हँस हस कर वीडियो काल पर चलते हुए बातें कर रही है...मेरा माथा खनका,मैंने कुछ बुरा नहीं सोचा था न ही सोचना चाहता था,पर ये अजीब था,क्योंकि मेरी बीवी कुसुम किसी गैर मर्द से वीडियो काल पर ऐसे हँस हस कर बातें कर रही थी।

लगभग 1 घंटे के सन्नाटा के बाद, कुसुम रूम में आई आते ही उसने मेरे फोटो को ऐसे ही चूमा जैसे जाने के पहले,उसके चहरे में संतोष के भाव थे तब......वो फिर से बाथरूम चली गयी और घर में ताला लगाकर शायद ऑफिस चली गई,.....।

इस विडियो ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया दिल कुछ गलत सोचने से भी इंकार कर रहा था पर दिमाग ने एक अंतर्द्वंद की स्तिथि पैदा कर दी थी, कुसुम का प्यार महसूस कर और देखकर मैं सोच भी नही पा रहा था की वो मुझे कभी धोखा भी देगी,मैंने आँखों देखि साँच पर ही विश्वाश करने की ठान ली,और भगवान से दुआ की की मेरा दिमाग गलत हो,..........।

और इधर मेरा दोस्त कार्तिक मुझ पर जल्दी ही ‘कुछ’ करने का दबाव बनाने लगा और मैं भी अब कुछ करने को बैचैन हो रहा था क्यूँकि उसकी बीवी डॉली वाकयी बहुत ही हसीन और सेक्सी थी इसमें कोई शक नहीं था और ऊपर से भोली-भाली और निहायत शर्मीली भी ! अगले दिन से मैने अपने मित्र कार्तिक के घर शाम के समय उसकी पत्नी डॉली को कार driving सिखाना शुरु कर दिया।

कुछ बातें मैं संक्षेप में बता देता हूँ, उनके पास एक पुरानी वेगन आर कार थी जिसमे डॉली को मैंने ले जाना शुरू किया, उसका ध्यान सही में ड्राइविंग में था और मेरा उसमें, मुझे उसको छूने पकड़ने के बहुत मौके मिलते थे, शुरू में उसे अज़ीब लगा उसने कार्तिक को भी इस बारे में मेरी शिकायत कि पर उसने नज़रअंदाज़ भी किया और उसे कहा भी कि ‘अरुण ऐसा ही है और फिर तुम अपना मतलब देखो कार सीखने का और थोड़ी बिंदास बनो !’ और फिर उसे ड्राइविंग में मज़ा भी आ रहा था और धीरे धीरे डॉली को मेरा हंसी मज़ाक, मेरा बिंदास व्यवहार पसंद भी आने लगा।

किसी छिनार के साथ बैठने से भी ज्यादा मज़ा डॉली के साथ चिपक कर बैठने उसे छूने और उसके साथ शरारतें करने में आ रहा था मुझे, पर यह सब कार्तिक नहीं देख पा रहा था क्यूंकि वेब कैम तो घर में लगे हुए थे।

आखिर कार्तिक के दवाब के आगे झुकते हुए मैंने एक दिन सच में डॉली के वक्ष-उभार दबा ही दिए ! हुआ यूँ कि उससे सीट-बेल्ट नहीं लग रही थी, वो परेशान होकर बोली- न जाने क्यूँ नहीं लग रही? सीट-बेल्ट छोटी है शायद !

मैंने शरारत से उसके बूब्स दबाते हुए कहा- सीट-बेल्ट छोटी नहीं है मैडम, तुम्हारे ये चूचे बहुत बड़े बड़े हैं, एकदम मस्त और टाइट।

वो हक्की-बक्की रह गई और ‘धत्त !!! ये क्या कर रहे हो?’ कहते हुए मेरा हाथ हटा दिया।

मैंने कहा- इसमें गलत क्या कहा मैंने? ये तो नारी की सुंदरता के ‘उभार’ हैं !

वो बोली- मुझे ऐसी बातें अच्छी नहीं लगती !

मैं चुप हो गया और फिर उस दिन कुछ नहीं बोला और अगले दिन से डॉली के पास जाना बंद कर दिया। यह बात कार्तिक को बता भी दी वो बोला कि इंतज़ार करो, डॉली खुद ही मुझे बुलाएगी।

इस से मुझे थोड़ी आस बँधी कि शायद मुझे कल कोई डॉली का मैसेज या काल से इशारा मिल जाएगा. मगर कयि दिनो के इंतज़ार के बाद भी ना उम्मीदी और हताशा ही हाथ आई. आख़िरकार एक साप्ताह बाद मैने हार मान ली, शायद इस विषय पर हम दोनों दोस्त आपस में अब ज्यादा बातचीत नही कर सकते थे.

कार्तिक से उम्र में बड़ा और अधिक समझदार होने के कारण मैने भी बढ़ावा देने की बजाए चुप रहने में ही भलाई समझी, और कार्तिक ने भी शायद कोई इशारा ना देकर उसने मुझे उसकी पत्नी से दूर रहने का संकेत दिया था. खैर कुछ भी हो अब वो विषय बंद हो चुका था. अंत में जब मैने एक साप्ताह गुजर जाने के बाद उसके इशारे की उम्मीद छोड़ी तो मेरा मन कुछ शांत पड़ गया था. मैं अपने सपनो, अपनी रंग बिरंगी काल्पनिक दुनिया में लौट गया जहाँ कार्तिक की बीवी डॉली की मौजूदगी अब बहुत कम हो गयी थी और मैं अब सिर्फ़ अपनी बीवी कुसुम को ही छिपे केमरो में देख कर अपनी सपनो की ख़याली दुनिया में मुट्ठ मारता. और यह थोड़ा अच्छा भी था क्योंकि 'मैं कम से कम खुद को किसी मन पसंद स्त्री के द्वारा ठुकराया हुआ महसूस तो नही करता था'.

मेरी यह चुप्पी मेरी असली ज़िंदगी में भी दिखाई देने लगी थी. मेरी लाडो रिंकी का ध्यान भी इस ओर गया और कुछ दिनो बाद जब हम खाना खा रहे थे तो उसने पूछा " पापा तुम ठीक तो हो?"

"मैं ठीक हूँ" मेने जवाब दिया "बस यह हल्का सा सरदर्द कयि दिनो से परेशान कर रहा है"

उस रात जब मैं अपने बेड में लेटा हुआ था तो वो मेरे कमरे में आई. उसके एक हाथ में पानी का गिलास था और दूसरे हाथ में कुछ देसी दवाई थी जिसका नुस्ख़ा मेरे पूज्य पिताजी ने इज़ाद किया था.

"यह लो, इससे तुम्हे राहत मिलेगी. मेरे सरदर्द में मुझे हमेशा इससे आराम आता है" दोनो चीज़ें मुझे पकड़ाते हुए वो बोली.

"मेरे सरदर्द" उसका क्या मतलब था मैं नही जानता था. या तो उसे मेरे जैसा सिरदर्द था जिसका मतलब उसे भी मेरे वाली ही बीमारी (मनपसंद पुरुष से ठुकराई हुई लड़की) थी. या वो साधारण सरदर्द की बात कर रही थी और वो बस मेरी बेटी होने के नाते मेरी मदद कर रही थी.

उस रात सपना देखते हुए मेरे जिस्म से असीम वीर्य निकला जब मैं अपनी बेटी को सपने में चोदते हुए उस गहराई तक पहुँच गया. अपनी बेटी के साथ चुदाई के सपने देखना ठीक था मगर उसे असलियत में करना मेरे लिए ठीक नही था.

अगली सुबह मैं देर तक सोता रहा. वो मेरे रूम में आई और मेरे पास बैठ गयी.

"कुछ फरक पड़ा?' उसने पूछा.

मैं उसके जिस्म से निकलने वाली गर्मी को महसूस कर रहा था. वो मेरे इतने नज़दीक बैठी थी कि मेरा दिल करता था कि हाथ आगे बढ़ा कर बस उसे छू लूँ. "नही अभी भी पहले जैसा ही है" मेने उसे जवाब दिया

उसने हाथ बढ़ा कर मेरे माथे को छुआ और बोली "शुक्र है तुम्हे बुखार नही है, इसलिए चिंता मत करो जल्दी ठीक हो जाओगे"

उसका हाथ नाज़ुक और गरम महसूस हो रहा था. हाथ की कोमलता का एहसास बिल्कुल नया था. ना जाने कितने समय बाद हम दोनो किसी शारीरिक संपर्क में आए थे. और हमारे बीते दिनों की घटनाओ के बाद मेरी बेटी का स्पर्श बहुत सुखद था.

आज सुबह के नाश्ते समय एक अजीब सी शांति थी, कोई किसी से बात नहीं कर रहा था। मै चोरी छुपे रिंकी की छाती पर नज़र फिरा कर टॉप के अंदर तक झांक लेना चाहता था।

वहीं रिंकी भी जानती थी कि पापा क्या देख रहे हैं। आज वो ज्यादा तन कर बैठी थी।
पापा देख रहे हैं इसलिए वो शेप खराब नही होने देना चाहती।

नाश्ता कर मै उठा और रोजाना की तरह अपने कॉलेज का बैग लेकर ड्यूटी पर जाने से पहले रिंकी से बाय बाय किया लेकिन आज उसके नजदीक जाते समय बाय करते वक़्त मैने रिंकी के गाल पर हाथ भी फिरा दिया।

उसी दोपहर जब मै कॉलेज में लेक्चर दे रहा था मेरे पिताजी का फोन आया वो और मम्मी किसी दूर के रिश्तेदार के यहाँ 'गमी' में जा रहे थे और अगले दिन सुबह तक वापिस आने वाले थे। ये मौका मेरे लिए "आज नही तो कभी नही" वाला था।


जारी है.... ✍️
Shandaar update
 

Raj_sharma

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स्त्रियों के अपने घर की छत पर किस तरह वस्त्र पेह्हने चाइये, अब इसका फैसला चाय के ठेले वाले करेंगे 😁। एक मर्द जब सिर्फ लुंगी के छत पर टेहलता तो लोग उसे dude कहते है, किंतु स्त्रियो को nude... वस्त्रो के ऊपर दोहरी मानसिकता मेरे हिसाब से ठीक नहीं।

हर बार की तरह बड़े भाई आपके प्यारे से मंतव्य के लिए बहुत बहुत शुक्रिया...!
Nahi bilkul nahi striyo ko kya pehnna chahiye aap ki kahani me aap decide karo? 😆
 

Raj_sharma

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Abe kaha post kiya update???? Wo to pahle wala hai??
 
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Manu bhai bahut he accha update diya hai! Kusum, daali and rinki ko saath le kar chal rahe ho! Ek request update lamba diya karo!
 
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Bittoo

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मनु भई आप चाहते है हम अधिक से अधिक शब्दों में अपनी राय लिखें। पर यह भी तो सोचिए अगर हम अधिक शब्द लिख पेट तो या तो लेखक बन जाते या समीक्षक। पर हम में वो क्षमता नहीं इसी लिये सुंदर अति सुंदर जैसे शब्द लिख कर अपनी भावना व्यक्त कर देते हैं। वास्तव में व्यक्ति के मन की कश्मकश का अद्भुत चित्रण है। पर जरा जल्दी अपडेट देने का प्रयास करें
 
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manu@84

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Manu bhai bahut he accha update diya hai! Kusum, daali and rinki ko saath le kar chal rahe ho! Ek request update lamba diya karo!
बहुत बहुत आभार मित्र, इसी तरह साथ देते रहिये 🙏 शुक्रिया
 
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