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Horror कामातुर चुड़ैल! (Completed)

Thakur

असला हम भी रखते है पहलवान 😼
Prime
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अपडेट १२#

अब तक आपने पढ़ा..

आरती सम्राट को चूमते चूमते उसके शरीर पर हाथ भी चला रही होती है, और तभी वो उसके लंड को पकड़ लेती है, जिससे सम्राट की झटका सा लगता है और वो तुरंत अलग हो कर आरती को घूरने लगता है.......

अब आगे -

सम्राट: आरु, ये क्या कर रही हो।

आरती (हंसते हुए): क्या कर रही हूं? तुमको प्यार...

सम्राट: पर ऐसे? नही आरू, तुमने कहा था कि सब शादी के बाद, फिर?

आरती: सम्राट, अब जब सब सही है, हमारी शादी होनी ही है, तो फिर अभी ही क्यों नही?

सम्राट: क्योंकि तुमने ही मना किया है। और वही सही है।

आरती: तो अब मैं ही तो कर रही हूं। सम्राट, सब सही है, जब सारी दुनिया मजे ले रही है तो हम क्यों नहीं? प्लीज सम्राट अब क्या ही दिक्कत है?

सम्राट: पर आरू....

आरती आगे बढ़ कर सम्राट के होटों से अपने होंठ जोड़ देती है और सम्राट आगे कुछ नही बोल पाता। आरती उसका हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख कर दबाने लगती है, सम्राट भी धीरे धीरे मदहोश होने लगता है और खुद से ही आरती के स्तन को दबाने लगता है, आरती सम्राट के पैंट से उसका लंड बाहर निकाल कर हाथ से सहलाने लगती है। सम्राट भी जोर जोर से उसके होठों को चूसने लगता है।

आरती अपने होंठो को छुड़ा कर नीचे बैठ कर उसका लंड चूसने लगती है, और सम्राट के हाथ उसके बालों में घूमने लगते हैं। तभी सम्राट आरती को झटके से अपने से दूर कर देता है।

आरती: क्या हुआ, मजा नही आ रहा क्या?

सम्राट: आरु, मुझे भी करना है, पर ऐसे नही, पहली बार है अपना तो कुछ सही जगह पर तो हो। यहां इस तरह प्यार नही लगता ये।

आरती (सम्राट के नजदीक आ कर) : तुम क्या ये सब ले कर बैठे हो, और यहां आता ही कौन है, जो इतना परेशान हो रहे हो तुम? आओ ना यही सही जगह है।

सम्राट: नही, यहां तो बिल्कुल नही।

आरती (उदास होते हुए): फिर कहां, और कब?

सम्राट: अभी चलो यहां से, फिर बताता हूं सब।

दोनो वापस आ जाते हैं। और ऐसे ही ३ दिन बीत जाते हैं, आरती रोज सम्राट को फोन कर के जगह का पूछती है, और उसके इस प्रश्न से सम्राट बहुत चिंता में पड़ जाता है कि आखिर उसे हुआ क्या है?

ऐसे ही तीसरे दिन शाम के आरती का फोन आता है।

सम्राट: हेलो आरु।

आरती (घबराई सी आवाज में): सम्राट, तुम जल्दी से मेरे घर आ जाओ।

सम्राट (चिंता में): क्या हुआ आरू, तुम इतना घबराई हुई क्यों हो?

आरती: सम्राट, मां पापा घर पर नही है, और मैं अभी अकेली हूं, मुझे लगता है की घर में कोई घुस गया है। प्लीज जल्दी आओ, मुझे बहुत डर लग रहा है।

सम्राट: बस मैं १० मिनट में पहुंच रहा हूं।

और सम्राट फौरन आरती के घर की ओर निकल जाता है।

सम्राट आरती के घर पहुंच कर बेल बजाता है लेकिन कोई हलचल नहीं दिखती उसे। कुछ देर इंतजार करने के बाद सम्राट दरवाजे को छूता है और वो खुल जाता है। सम्राट अंदर जाते हुए आरती को आवाज देता है तो उसे आरती की आवाज आती है।

आरती: सम्राट, तुम आ गए, अंदर आओ, और दरवाजा बंद करके आना।

सम्राट ये सुन कर दरवाजा लगा देता है, और अंदर की ओर बढ़ता है, वो बैठक में पहुंच कर फिर से आरती को आवाज देता है।

आरती: बस सामने वाले कमरे में आ जाओ सम्राट, मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।

सम्राट सामने वाले कमरे में जाता है, और वहां उसे आरती बेड पर लेटी हुई मिलती है, उसने वही कपड़े पहने हुए थे, जो सम्राट ने उस सपने में मौजूद युवती को पहने देखे थे। आरती उन कपड़ों में बला की खूबसूरत लग रही थी।

सम्राट को देखते ही आरती उठ कर उसके पास गई और उसके गले लगते ही बोली: कितनी देर कर दी सम्राट आने में।

सम्राट: आरु कौन घुसा तुम्हारे घर में? रुको पहले मुझे देखने दो।

आरती (शर्माते हुए): कोई नही सम्राट, बस तुमको बुलाने के लिए मैंने झूठ बोला था। अब तुम प्यार करने के लिए अच्छी लगा ढूंढ रहे थे, और आज मां पापा भी बाहर है, तो इस घर से अच्छी जगह क्या हो सकती है। आओ ना सम्राट, मैं कितना तड़प रही हूं तुम्हारे लिए।

सम्राट, थोड़ा पीछे होते हुए: ये क्या कह रही आरू, जब से तुम मामा के घर से आई हो, तब से क्या हो गया है तुम्हे? पता है न अभी हम लोग को पहले पढ़ाई पूरी करनी है, ये सब तो उम्र भर चलता ही रहेगा, लेकिन पहले हम लोग अच्छे से सैटल हो कर शादी तो कर ले, वरना एक बार इन चक्करों में पड़े तो इसी में रम जायेंगे।

आरती: क्या सम्राट, बस एक बार ही तो करना है।

सम्राट: नही आरु, ये सब क्या है, मेरी आरु तो ऐसी नही थी। पहले शांति से बैठो और ठंडे दिमाग से सोचो कि क्या हमे ये सब शादी के पहले करना चाहिए?

आरती (थोड़ा झुंझलाते हुए): क्या सम्राट, मैं खुद सामने से बोल रही हूं करने और तुम ये बेमतलब की बातें ले कर बैठ गए? कुछ मेरा भी खयाल करो।

सम्राट: मेरा भी खयाल करो, मतलब? आरू क्या बकवास कर रही हो तुम, जबकि तुम ही इन सब बातो को पहले कोई तवज्जो नहीं देती थी, क्या हुआ है। मैं घर जा रहा हूं वापस, और तुम आराम से इस बात पर विचार करो।


ये बोल कर सम्राट वापस मुड़ता है, तभी उसे आरती की चीख सुनाई देती है.....
Ofcourse ye Yuvika he hai :D par Baba bangali ka kya hua ?
Mene to majak me kaha tha ke wo uth gaya kahi sahi me to nahi ludak gaya ?
 

king cobra

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आरती सम्राट को चूमते चूमते उसके शरीर पर हाथ भी चला रही होती है, और तभी वो उसके लंड को पकड़ लेती है, जिससे सम्राट की झटका सा लगता है और वो तुरंत अलग हो कर आरती को घूरने लगता है.......

अब आगे -

सम्राट: आरु, ये क्या कर रही हो।

आरती (हंसते हुए): क्या कर रही हूं? तुमको प्यार...

सम्राट: पर ऐसे? नही आरू, तुमने कहा था कि सब शादी के बाद, फिर?

आरती: सम्राट, अब जब सब सही है, हमारी शादी होनी ही है, तो फिर अभी ही क्यों नही?

सम्राट: क्योंकि तुमने ही मना किया है। और वही सही है।

आरती: तो अब मैं ही तो कर रही हूं। सम्राट, सब सही है, जब सारी दुनिया मजे ले रही है तो हम क्यों नहीं? प्लीज सम्राट अब क्या ही दिक्कत है?

सम्राट: पर आरू....

आरती आगे बढ़ कर सम्राट के होटों से अपने होंठ जोड़ देती है और सम्राट आगे कुछ नही बोल पाता। आरती उसका हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख कर दबाने लगती है, सम्राट भी धीरे धीरे मदहोश होने लगता है और खुद से ही आरती के स्तन को दबाने लगता है, आरती सम्राट के पैंट से उसका लंड बाहर निकाल कर हाथ से सहलाने लगती है। सम्राट भी जोर जोर से उसके होठों को चूसने लगता है।

आरती अपने होंठो को छुड़ा कर नीचे बैठ कर उसका लंड चूसने लगती है, और सम्राट के हाथ उसके बालों में घूमने लगते हैं। तभी सम्राट आरती को झटके से अपने से दूर कर देता है।

आरती: क्या हुआ, मजा नही आ रहा क्या?

सम्राट: आरु, मुझे भी करना है, पर ऐसे नही, पहली बार है अपना तो कुछ सही जगह पर तो हो। यहां इस तरह प्यार नही लगता ये।

आरती (सम्राट के नजदीक आ कर) : तुम क्या ये सब ले कर बैठे हो, और यहां आता ही कौन है, जो इतना परेशान हो रहे हो तुम? आओ ना यही सही जगह है।

सम्राट: नही, यहां तो बिल्कुल नही।

आरती (उदास होते हुए): फिर कहां, और कब?

सम्राट: अभी चलो यहां से, फिर बताता हूं सब।

दोनो वापस आ जाते हैं। और ऐसे ही ३ दिन बीत जाते हैं, आरती रोज सम्राट को फोन कर के जगह का पूछती है, और उसके इस प्रश्न से सम्राट बहुत चिंता में पड़ जाता है कि आखिर उसे हुआ क्या है?

ऐसे ही तीसरे दिन शाम के आरती का फोन आता है।

सम्राट: हेलो आरु।

आरती (घबराई सी आवाज में): सम्राट, तुम जल्दी से मेरे घर आ जाओ।

सम्राट (चिंता में): क्या हुआ आरू, तुम इतना घबराई हुई क्यों हो?

आरती: सम्राट, मां पापा घर पर नही है, और मैं अभी अकेली हूं, मुझे लगता है की घर में कोई घुस गया है। प्लीज जल्दी आओ, मुझे बहुत डर लग रहा है।

सम्राट: बस मैं १० मिनट में पहुंच रहा हूं।

और सम्राट फौरन आरती के घर की ओर निकल जाता है।

सम्राट आरती के घर पहुंच कर बेल बजाता है लेकिन कोई हलचल नहीं दिखती उसे। कुछ देर इंतजार करने के बाद सम्राट दरवाजे को छूता है और वो खुल जाता है। सम्राट अंदर जाते हुए आरती को आवाज देता है तो उसे आरती की आवाज आती है।

आरती: सम्राट, तुम आ गए, अंदर आओ, और दरवाजा बंद करके आना।

सम्राट ये सुन कर दरवाजा लगा देता है, और अंदर की ओर बढ़ता है, वो बैठक में पहुंच कर फिर से आरती को आवाज देता है।

आरती: बस सामने वाले कमरे में आ जाओ सम्राट, मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।

सम्राट सामने वाले कमरे में जाता है, और वहां उसे आरती बेड पर लेटी हुई मिलती है, उसने वही कपड़े पहने हुए थे, जो सम्राट ने उस सपने में मौजूद युवती को पहने देखे थे। आरती उन कपड़ों में बला की खूबसूरत लग रही थी।

सम्राट को देखते ही आरती उठ कर उसके पास गई और उसके गले लगते ही बोली: कितनी देर कर दी सम्राट आने में।

सम्राट: आरु कौन घुसा तुम्हारे घर में? रुको पहले मुझे देखने दो।

आरती (शर्माते हुए): कोई नही सम्राट, बस तुमको बुलाने के लिए मैंने झूठ बोला था। अब तुम प्यार करने के लिए अच्छी लगा ढूंढ रहे थे, और आज मां पापा भी बाहर है, तो इस घर से अच्छी जगह क्या हो सकती है। आओ ना सम्राट, मैं कितना तड़प रही हूं तुम्हारे लिए।

सम्राट, थोड़ा पीछे होते हुए: ये क्या कह रही आरू, जब से तुम मामा के घर से आई हो, तब से क्या हो गया है तुम्हे? पता है न अभी हम लोग को पहले पढ़ाई पूरी करनी है, ये सब तो उम्र भर चलता ही रहेगा, लेकिन पहले हम लोग अच्छे से सैटल हो कर शादी तो कर ले, वरना एक बार इन चक्करों में पड़े तो इसी में रम जायेंगे।

आरती: क्या सम्राट, बस एक बार ही तो करना है।

सम्राट: नही आरु, ये सब क्या है, मेरी आरु तो ऐसी नही थी। पहले शांति से बैठो और ठंडे दिमाग से सोचो कि क्या हमे ये सब शादी के पहले करना चाहिए?

आरती (थोड़ा झुंझलाते हुए): क्या सम्राट, मैं खुद सामने से बोल रही हूं करने और तुम ये बेमतलब की बातें ले कर बैठ गए? कुछ मेरा भी खयाल करो।

सम्राट: मेरा भी खयाल करो, मतलब? आरू क्या बकवास कर रही हो तुम, जबकि तुम ही इन सब बातो को पहले कोई तवज्जो नहीं देती थी, क्या हुआ है। मैं घर जा रहा हूं वापस, और तुम आराम से इस बात पर विचार करो।

ये बोल कर सम्राट वापस मुड़ता है, तभी उसे आरती की चीख सुनाई देती है.....
Aarti ma bhutni ghus gayi meko lagta achcha update dost
 

park

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आरती सम्राट को चूमते चूमते उसके शरीर पर हाथ भी चला रही होती है, और तभी वो उसके लंड को पकड़ लेती है, जिससे सम्राट की झटका सा लगता है और वो तुरंत अलग हो कर आरती को घूरने लगता है.......

अब आगे -

सम्राट: आरु, ये क्या कर रही हो।

आरती (हंसते हुए): क्या कर रही हूं? तुमको प्यार...

सम्राट: पर ऐसे? नही आरू, तुमने कहा था कि सब शादी के बाद, फिर?

आरती: सम्राट, अब जब सब सही है, हमारी शादी होनी ही है, तो फिर अभी ही क्यों नही?

सम्राट: क्योंकि तुमने ही मना किया है। और वही सही है।

आरती: तो अब मैं ही तो कर रही हूं। सम्राट, सब सही है, जब सारी दुनिया मजे ले रही है तो हम क्यों नहीं? प्लीज सम्राट अब क्या ही दिक्कत है?

सम्राट: पर आरू....

आरती आगे बढ़ कर सम्राट के होटों से अपने होंठ जोड़ देती है और सम्राट आगे कुछ नही बोल पाता। आरती उसका हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख कर दबाने लगती है, सम्राट भी धीरे धीरे मदहोश होने लगता है और खुद से ही आरती के स्तन को दबाने लगता है, आरती सम्राट के पैंट से उसका लंड बाहर निकाल कर हाथ से सहलाने लगती है। सम्राट भी जोर जोर से उसके होठों को चूसने लगता है।

आरती अपने होंठो को छुड़ा कर नीचे बैठ कर उसका लंड चूसने लगती है, और सम्राट के हाथ उसके बालों में घूमने लगते हैं। तभी सम्राट आरती को झटके से अपने से दूर कर देता है।

आरती: क्या हुआ, मजा नही आ रहा क्या?

सम्राट: आरु, मुझे भी करना है, पर ऐसे नही, पहली बार है अपना तो कुछ सही जगह पर तो हो। यहां इस तरह प्यार नही लगता ये।

आरती (सम्राट के नजदीक आ कर) : तुम क्या ये सब ले कर बैठे हो, और यहां आता ही कौन है, जो इतना परेशान हो रहे हो तुम? आओ ना यही सही जगह है।

सम्राट: नही, यहां तो बिल्कुल नही।

आरती (उदास होते हुए): फिर कहां, और कब?

सम्राट: अभी चलो यहां से, फिर बताता हूं सब।

दोनो वापस आ जाते हैं। और ऐसे ही ३ दिन बीत जाते हैं, आरती रोज सम्राट को फोन कर के जगह का पूछती है, और उसके इस प्रश्न से सम्राट बहुत चिंता में पड़ जाता है कि आखिर उसे हुआ क्या है?

ऐसे ही तीसरे दिन शाम के आरती का फोन आता है।

सम्राट: हेलो आरु।

आरती (घबराई सी आवाज में): सम्राट, तुम जल्दी से मेरे घर आ जाओ।

सम्राट (चिंता में): क्या हुआ आरू, तुम इतना घबराई हुई क्यों हो?

आरती: सम्राट, मां पापा घर पर नही है, और मैं अभी अकेली हूं, मुझे लगता है की घर में कोई घुस गया है। प्लीज जल्दी आओ, मुझे बहुत डर लग रहा है।

सम्राट: बस मैं १० मिनट में पहुंच रहा हूं।

और सम्राट फौरन आरती के घर की ओर निकल जाता है।

सम्राट आरती के घर पहुंच कर बेल बजाता है लेकिन कोई हलचल नहीं दिखती उसे। कुछ देर इंतजार करने के बाद सम्राट दरवाजे को छूता है और वो खुल जाता है। सम्राट अंदर जाते हुए आरती को आवाज देता है तो उसे आरती की आवाज आती है।

आरती: सम्राट, तुम आ गए, अंदर आओ, और दरवाजा बंद करके आना।

सम्राट ये सुन कर दरवाजा लगा देता है, और अंदर की ओर बढ़ता है, वो बैठक में पहुंच कर फिर से आरती को आवाज देता है।

आरती: बस सामने वाले कमरे में आ जाओ सम्राट, मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।

सम्राट सामने वाले कमरे में जाता है, और वहां उसे आरती बेड पर लेटी हुई मिलती है, उसने वही कपड़े पहने हुए थे, जो सम्राट ने उस सपने में मौजूद युवती को पहने देखे थे। आरती उन कपड़ों में बला की खूबसूरत लग रही थी।

सम्राट को देखते ही आरती उठ कर उसके पास गई और उसके गले लगते ही बोली: कितनी देर कर दी सम्राट आने में।

सम्राट: आरु कौन घुसा तुम्हारे घर में? रुको पहले मुझे देखने दो।

आरती (शर्माते हुए): कोई नही सम्राट, बस तुमको बुलाने के लिए मैंने झूठ बोला था। अब तुम प्यार करने के लिए अच्छी लगा ढूंढ रहे थे, और आज मां पापा भी बाहर है, तो इस घर से अच्छी जगह क्या हो सकती है। आओ ना सम्राट, मैं कितना तड़प रही हूं तुम्हारे लिए।

सम्राट, थोड़ा पीछे होते हुए: ये क्या कह रही आरू, जब से तुम मामा के घर से आई हो, तब से क्या हो गया है तुम्हे? पता है न अभी हम लोग को पहले पढ़ाई पूरी करनी है, ये सब तो उम्र भर चलता ही रहेगा, लेकिन पहले हम लोग अच्छे से सैटल हो कर शादी तो कर ले, वरना एक बार इन चक्करों में पड़े तो इसी में रम जायेंगे।

आरती: क्या सम्राट, बस एक बार ही तो करना है।

सम्राट: नही आरु, ये सब क्या है, मेरी आरु तो ऐसी नही थी। पहले शांति से बैठो और ठंडे दिमाग से सोचो कि क्या हमे ये सब शादी के पहले करना चाहिए?

आरती (थोड़ा झुंझलाते हुए): क्या सम्राट, मैं खुद सामने से बोल रही हूं करने और तुम ये बेमतलब की बातें ले कर बैठ गए? कुछ मेरा भी खयाल करो।

सम्राट: मेरा भी खयाल करो, मतलब? आरू क्या बकवास कर रही हो तुम, जबकि तुम ही इन सब बातो को पहले कोई तवज्जो नहीं देती थी, क्या हुआ है। मैं घर जा रहा हूं वापस, और तुम आराम से इस बात पर विचार करो।


ये बोल कर सम्राट वापस मुड़ता है, तभी उसे आरती की चीख सुनाई देती है.....
Nice and superb update....
 

chawla sahab

Member
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अपडेट १२#

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आरती सम्राट को चूमते चूमते उसके शरीर पर हाथ भी चला रही होती है, और तभी वो उसके लंड को पकड़ लेती है, जिससे सम्राट की झटका सा लगता है और वो तुरंत अलग हो कर आरती को घूरने लगता है.......

अब आगे -

सम्राट: आरु, ये क्या कर रही हो।

आरती (हंसते हुए): क्या कर रही हूं? तुमको प्यार...

सम्राट: पर ऐसे? नही आरू, तुमने कहा था कि सब शादी के बाद, फिर?

आरती: सम्राट, अब जब सब सही है, हमारी शादी होनी ही है, तो फिर अभी ही क्यों नही?

सम्राट: क्योंकि तुमने ही मना किया है। और वही सही है।

आरती: तो अब मैं ही तो कर रही हूं। सम्राट, सब सही है, जब सारी दुनिया मजे ले रही है तो हम क्यों नहीं? प्लीज सम्राट अब क्या ही दिक्कत है?

सम्राट: पर आरू....

आरती आगे बढ़ कर सम्राट के होटों से अपने होंठ जोड़ देती है और सम्राट आगे कुछ नही बोल पाता। आरती उसका हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख कर दबाने लगती है, सम्राट भी धीरे धीरे मदहोश होने लगता है और खुद से ही आरती के स्तन को दबाने लगता है, आरती सम्राट के पैंट से उसका लंड बाहर निकाल कर हाथ से सहलाने लगती है। सम्राट भी जोर जोर से उसके होठों को चूसने लगता है।

आरती अपने होंठो को छुड़ा कर नीचे बैठ कर उसका लंड चूसने लगती है, और सम्राट के हाथ उसके बालों में घूमने लगते हैं। तभी सम्राट आरती को झटके से अपने से दूर कर देता है।

आरती: क्या हुआ, मजा नही आ रहा क्या?

सम्राट: आरु, मुझे भी करना है, पर ऐसे नही, पहली बार है अपना तो कुछ सही जगह पर तो हो। यहां इस तरह प्यार नही लगता ये।

आरती (सम्राट के नजदीक आ कर) : तुम क्या ये सब ले कर बैठे हो, और यहां आता ही कौन है, जो इतना परेशान हो रहे हो तुम? आओ ना यही सही जगह है।

सम्राट: नही, यहां तो बिल्कुल नही।

आरती (उदास होते हुए): फिर कहां, और कब?

सम्राट: अभी चलो यहां से, फिर बताता हूं सब।

दोनो वापस आ जाते हैं। और ऐसे ही ३ दिन बीत जाते हैं, आरती रोज सम्राट को फोन कर के जगह का पूछती है, और उसके इस प्रश्न से सम्राट बहुत चिंता में पड़ जाता है कि आखिर उसे हुआ क्या है?

ऐसे ही तीसरे दिन शाम के आरती का फोन आता है।

सम्राट: हेलो आरु।

आरती (घबराई सी आवाज में): सम्राट, तुम जल्दी से मेरे घर आ जाओ।

सम्राट (चिंता में): क्या हुआ आरू, तुम इतना घबराई हुई क्यों हो?

आरती: सम्राट, मां पापा घर पर नही है, और मैं अभी अकेली हूं, मुझे लगता है की घर में कोई घुस गया है। प्लीज जल्दी आओ, मुझे बहुत डर लग रहा है।

सम्राट: बस मैं १० मिनट में पहुंच रहा हूं।

और सम्राट फौरन आरती के घर की ओर निकल जाता है।

सम्राट आरती के घर पहुंच कर बेल बजाता है लेकिन कोई हलचल नहीं दिखती उसे। कुछ देर इंतजार करने के बाद सम्राट दरवाजे को छूता है और वो खुल जाता है। सम्राट अंदर जाते हुए आरती को आवाज देता है तो उसे आरती की आवाज आती है।

आरती: सम्राट, तुम आ गए, अंदर आओ, और दरवाजा बंद करके आना।

सम्राट ये सुन कर दरवाजा लगा देता है, और अंदर की ओर बढ़ता है, वो बैठक में पहुंच कर फिर से आरती को आवाज देता है।

आरती: बस सामने वाले कमरे में आ जाओ सम्राट, मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।

सम्राट सामने वाले कमरे में जाता है, और वहां उसे आरती बेड पर लेटी हुई मिलती है, उसने वही कपड़े पहने हुए थे, जो सम्राट ने उस सपने में मौजूद युवती को पहने देखे थे। आरती उन कपड़ों में बला की खूबसूरत लग रही थी।

सम्राट को देखते ही आरती उठ कर उसके पास गई और उसके गले लगते ही बोली: कितनी देर कर दी सम्राट आने में।

सम्राट: आरु कौन घुसा तुम्हारे घर में? रुको पहले मुझे देखने दो।

आरती (शर्माते हुए): कोई नही सम्राट, बस तुमको बुलाने के लिए मैंने झूठ बोला था। अब तुम प्यार करने के लिए अच्छी लगा ढूंढ रहे थे, और आज मां पापा भी बाहर है, तो इस घर से अच्छी जगह क्या हो सकती है। आओ ना सम्राट, मैं कितना तड़प रही हूं तुम्हारे लिए।

सम्राट, थोड़ा पीछे होते हुए: ये क्या कह रही आरू, जब से तुम मामा के घर से आई हो, तब से क्या हो गया है तुम्हे? पता है न अभी हम लोग को पहले पढ़ाई पूरी करनी है, ये सब तो उम्र भर चलता ही रहेगा, लेकिन पहले हम लोग अच्छे से सैटल हो कर शादी तो कर ले, वरना एक बार इन चक्करों में पड़े तो इसी में रम जायेंगे।

आरती: क्या सम्राट, बस एक बार ही तो करना है।

सम्राट: नही आरु, ये सब क्या है, मेरी आरु तो ऐसी नही थी। पहले शांति से बैठो और ठंडे दिमाग से सोचो कि क्या हमे ये सब शादी के पहले करना चाहिए?

आरती (थोड़ा झुंझलाते हुए): क्या सम्राट, मैं खुद सामने से बोल रही हूं करने और तुम ये बेमतलब की बातें ले कर बैठ गए? कुछ मेरा भी खयाल करो।

सम्राट: मेरा भी खयाल करो, मतलब? आरू क्या बकवास कर रही हो तुम, जबकि तुम ही इन सब बातो को पहले कोई तवज्जो नहीं देती थी, क्या हुआ है। मैं घर जा रहा हूं वापस, और तुम आराम से इस बात पर विचार करो।


ये बोल कर सम्राट वापस मुड़ता है, तभी उसे आरती की चीख सुनाई देती है.....
Good update
 
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कहानी अगर हाॅरर प्रीफिक्स मे नही होती तो किसी को भी आरती के विहेवियर चेंजेज पर जरा सा भी ध्यान नही जाता। आरती जवान और खुबसूरत लड़की है , सम्राट उसका होने वाला हसबैंड है , और ऐसे मे रूत जवान हो और मौसम बेईमान हो तो भला कौन रातें रंगीन करना नही चाहता !
देखते है आगे क्या होता है !
बहुत ही खूबसूरत अपडेट रिकी भाई।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट।
 

kas1709

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आरती सम्राट को चूमते चूमते उसके शरीर पर हाथ भी चला रही होती है, और तभी वो उसके लंड को पकड़ लेती है, जिससे सम्राट की झटका सा लगता है और वो तुरंत अलग हो कर आरती को घूरने लगता है.......

अब आगे -

सम्राट: आरु, ये क्या कर रही हो।

आरती (हंसते हुए): क्या कर रही हूं? तुमको प्यार...

सम्राट: पर ऐसे? नही आरू, तुमने कहा था कि सब शादी के बाद, फिर?

आरती: सम्राट, अब जब सब सही है, हमारी शादी होनी ही है, तो फिर अभी ही क्यों नही?

सम्राट: क्योंकि तुमने ही मना किया है। और वही सही है।

आरती: तो अब मैं ही तो कर रही हूं। सम्राट, सब सही है, जब सारी दुनिया मजे ले रही है तो हम क्यों नहीं? प्लीज सम्राट अब क्या ही दिक्कत है?

सम्राट: पर आरू....

आरती आगे बढ़ कर सम्राट के होटों से अपने होंठ जोड़ देती है और सम्राट आगे कुछ नही बोल पाता। आरती उसका हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख कर दबाने लगती है, सम्राट भी धीरे धीरे मदहोश होने लगता है और खुद से ही आरती के स्तन को दबाने लगता है, आरती सम्राट के पैंट से उसका लंड बाहर निकाल कर हाथ से सहलाने लगती है। सम्राट भी जोर जोर से उसके होठों को चूसने लगता है।

आरती अपने होंठो को छुड़ा कर नीचे बैठ कर उसका लंड चूसने लगती है, और सम्राट के हाथ उसके बालों में घूमने लगते हैं। तभी सम्राट आरती को झटके से अपने से दूर कर देता है।

आरती: क्या हुआ, मजा नही आ रहा क्या?

सम्राट: आरु, मुझे भी करना है, पर ऐसे नही, पहली बार है अपना तो कुछ सही जगह पर तो हो। यहां इस तरह प्यार नही लगता ये।

आरती (सम्राट के नजदीक आ कर) : तुम क्या ये सब ले कर बैठे हो, और यहां आता ही कौन है, जो इतना परेशान हो रहे हो तुम? आओ ना यही सही जगह है।

सम्राट: नही, यहां तो बिल्कुल नही।

आरती (उदास होते हुए): फिर कहां, और कब?

सम्राट: अभी चलो यहां से, फिर बताता हूं सब।

दोनो वापस आ जाते हैं। और ऐसे ही ३ दिन बीत जाते हैं, आरती रोज सम्राट को फोन कर के जगह का पूछती है, और उसके इस प्रश्न से सम्राट बहुत चिंता में पड़ जाता है कि आखिर उसे हुआ क्या है?

ऐसे ही तीसरे दिन शाम के आरती का फोन आता है।

सम्राट: हेलो आरु।

आरती (घबराई सी आवाज में): सम्राट, तुम जल्दी से मेरे घर आ जाओ।

सम्राट (चिंता में): क्या हुआ आरू, तुम इतना घबराई हुई क्यों हो?

आरती: सम्राट, मां पापा घर पर नही है, और मैं अभी अकेली हूं, मुझे लगता है की घर में कोई घुस गया है। प्लीज जल्दी आओ, मुझे बहुत डर लग रहा है।

सम्राट: बस मैं १० मिनट में पहुंच रहा हूं।

और सम्राट फौरन आरती के घर की ओर निकल जाता है।

सम्राट आरती के घर पहुंच कर बेल बजाता है लेकिन कोई हलचल नहीं दिखती उसे। कुछ देर इंतजार करने के बाद सम्राट दरवाजे को छूता है और वो खुल जाता है। सम्राट अंदर जाते हुए आरती को आवाज देता है तो उसे आरती की आवाज आती है।

आरती: सम्राट, तुम आ गए, अंदर आओ, और दरवाजा बंद करके आना।

सम्राट ये सुन कर दरवाजा लगा देता है, और अंदर की ओर बढ़ता है, वो बैठक में पहुंच कर फिर से आरती को आवाज देता है।

आरती: बस सामने वाले कमरे में आ जाओ सम्राट, मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।

सम्राट सामने वाले कमरे में जाता है, और वहां उसे आरती बेड पर लेटी हुई मिलती है, उसने वही कपड़े पहने हुए थे, जो सम्राट ने उस सपने में मौजूद युवती को पहने देखे थे। आरती उन कपड़ों में बला की खूबसूरत लग रही थी।

सम्राट को देखते ही आरती उठ कर उसके पास गई और उसके गले लगते ही बोली: कितनी देर कर दी सम्राट आने में।

सम्राट: आरु कौन घुसा तुम्हारे घर में? रुको पहले मुझे देखने दो।

आरती (शर्माते हुए): कोई नही सम्राट, बस तुमको बुलाने के लिए मैंने झूठ बोला था। अब तुम प्यार करने के लिए अच्छी लगा ढूंढ रहे थे, और आज मां पापा भी बाहर है, तो इस घर से अच्छी जगह क्या हो सकती है। आओ ना सम्राट, मैं कितना तड़प रही हूं तुम्हारे लिए।

सम्राट, थोड़ा पीछे होते हुए: ये क्या कह रही आरू, जब से तुम मामा के घर से आई हो, तब से क्या हो गया है तुम्हे? पता है न अभी हम लोग को पहले पढ़ाई पूरी करनी है, ये सब तो उम्र भर चलता ही रहेगा, लेकिन पहले हम लोग अच्छे से सैटल हो कर शादी तो कर ले, वरना एक बार इन चक्करों में पड़े तो इसी में रम जायेंगे।

आरती: क्या सम्राट, बस एक बार ही तो करना है।

सम्राट: नही आरु, ये सब क्या है, मेरी आरु तो ऐसी नही थी। पहले शांति से बैठो और ठंडे दिमाग से सोचो कि क्या हमे ये सब शादी के पहले करना चाहिए?

आरती (थोड़ा झुंझलाते हुए): क्या सम्राट, मैं खुद सामने से बोल रही हूं करने और तुम ये बेमतलब की बातें ले कर बैठ गए? कुछ मेरा भी खयाल करो।

सम्राट: मेरा भी खयाल करो, मतलब? आरू क्या बकवास कर रही हो तुम, जबकि तुम ही इन सब बातो को पहले कोई तवज्जो नहीं देती थी, क्या हुआ है। मैं घर जा रहा हूं वापस, और तुम आराम से इस बात पर विचार करो।


ये बोल कर सम्राट वापस मुड़ता है, तभी उसे आरती की चीख सुनाई देती है.....
Nice update....
 

sunoanuj

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Bahut hi behtarin updates… Aarti ka behaviour sach main suspense create kar raha or aapne viram bhi aise word ke baad liya ki jigyasa apne charam par hai ki aagey kya hua…. 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻

Waiting for next update please….
 

dhparikh

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अपडेट १२#

अब तक आपने पढ़ा..

आरती सम्राट को चूमते चूमते उसके शरीर पर हाथ भी चला रही होती है, और तभी वो उसके लंड को पकड़ लेती है, जिससे सम्राट की झटका सा लगता है और वो तुरंत अलग हो कर आरती को घूरने लगता है.......

अब आगे -

सम्राट: आरु, ये क्या कर रही हो।

आरती (हंसते हुए): क्या कर रही हूं? तुमको प्यार...

सम्राट: पर ऐसे? नही आरू, तुमने कहा था कि सब शादी के बाद, फिर?

आरती: सम्राट, अब जब सब सही है, हमारी शादी होनी ही है, तो फिर अभी ही क्यों नही?

सम्राट: क्योंकि तुमने ही मना किया है। और वही सही है।

आरती: तो अब मैं ही तो कर रही हूं। सम्राट, सब सही है, जब सारी दुनिया मजे ले रही है तो हम क्यों नहीं? प्लीज सम्राट अब क्या ही दिक्कत है?

सम्राट: पर आरू....

आरती आगे बढ़ कर सम्राट के होटों से अपने होंठ जोड़ देती है और सम्राट आगे कुछ नही बोल पाता। आरती उसका हाथ पकड़ कर अपने स्तनों पर रख कर दबाने लगती है, सम्राट भी धीरे धीरे मदहोश होने लगता है और खुद से ही आरती के स्तन को दबाने लगता है, आरती सम्राट के पैंट से उसका लंड बाहर निकाल कर हाथ से सहलाने लगती है। सम्राट भी जोर जोर से उसके होठों को चूसने लगता है।

आरती अपने होंठो को छुड़ा कर नीचे बैठ कर उसका लंड चूसने लगती है, और सम्राट के हाथ उसके बालों में घूमने लगते हैं। तभी सम्राट आरती को झटके से अपने से दूर कर देता है।

आरती: क्या हुआ, मजा नही आ रहा क्या?

सम्राट: आरु, मुझे भी करना है, पर ऐसे नही, पहली बार है अपना तो कुछ सही जगह पर तो हो। यहां इस तरह प्यार नही लगता ये।

आरती (सम्राट के नजदीक आ कर) : तुम क्या ये सब ले कर बैठे हो, और यहां आता ही कौन है, जो इतना परेशान हो रहे हो तुम? आओ ना यही सही जगह है।

सम्राट: नही, यहां तो बिल्कुल नही।

आरती (उदास होते हुए): फिर कहां, और कब?

सम्राट: अभी चलो यहां से, फिर बताता हूं सब।

दोनो वापस आ जाते हैं। और ऐसे ही ३ दिन बीत जाते हैं, आरती रोज सम्राट को फोन कर के जगह का पूछती है, और उसके इस प्रश्न से सम्राट बहुत चिंता में पड़ जाता है कि आखिर उसे हुआ क्या है?

ऐसे ही तीसरे दिन शाम के आरती का फोन आता है।

सम्राट: हेलो आरु।

आरती (घबराई सी आवाज में): सम्राट, तुम जल्दी से मेरे घर आ जाओ।

सम्राट (चिंता में): क्या हुआ आरू, तुम इतना घबराई हुई क्यों हो?

आरती: सम्राट, मां पापा घर पर नही है, और मैं अभी अकेली हूं, मुझे लगता है की घर में कोई घुस गया है। प्लीज जल्दी आओ, मुझे बहुत डर लग रहा है।

सम्राट: बस मैं १० मिनट में पहुंच रहा हूं।

और सम्राट फौरन आरती के घर की ओर निकल जाता है।

सम्राट आरती के घर पहुंच कर बेल बजाता है लेकिन कोई हलचल नहीं दिखती उसे। कुछ देर इंतजार करने के बाद सम्राट दरवाजे को छूता है और वो खुल जाता है। सम्राट अंदर जाते हुए आरती को आवाज देता है तो उसे आरती की आवाज आती है।

आरती: सम्राट, तुम आ गए, अंदर आओ, और दरवाजा बंद करके आना।

सम्राट ये सुन कर दरवाजा लगा देता है, और अंदर की ओर बढ़ता है, वो बैठक में पहुंच कर फिर से आरती को आवाज देता है।

आरती: बस सामने वाले कमरे में आ जाओ सम्राट, मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।

सम्राट सामने वाले कमरे में जाता है, और वहां उसे आरती बेड पर लेटी हुई मिलती है, उसने वही कपड़े पहने हुए थे, जो सम्राट ने उस सपने में मौजूद युवती को पहने देखे थे। आरती उन कपड़ों में बला की खूबसूरत लग रही थी।

सम्राट को देखते ही आरती उठ कर उसके पास गई और उसके गले लगते ही बोली: कितनी देर कर दी सम्राट आने में।

सम्राट: आरु कौन घुसा तुम्हारे घर में? रुको पहले मुझे देखने दो।

आरती (शर्माते हुए): कोई नही सम्राट, बस तुमको बुलाने के लिए मैंने झूठ बोला था। अब तुम प्यार करने के लिए अच्छी लगा ढूंढ रहे थे, और आज मां पापा भी बाहर है, तो इस घर से अच्छी जगह क्या हो सकती है। आओ ना सम्राट, मैं कितना तड़प रही हूं तुम्हारे लिए।

सम्राट, थोड़ा पीछे होते हुए: ये क्या कह रही आरू, जब से तुम मामा के घर से आई हो, तब से क्या हो गया है तुम्हे? पता है न अभी हम लोग को पहले पढ़ाई पूरी करनी है, ये सब तो उम्र भर चलता ही रहेगा, लेकिन पहले हम लोग अच्छे से सैटल हो कर शादी तो कर ले, वरना एक बार इन चक्करों में पड़े तो इसी में रम जायेंगे।

आरती: क्या सम्राट, बस एक बार ही तो करना है।

सम्राट: नही आरु, ये सब क्या है, मेरी आरु तो ऐसी नही थी। पहले शांति से बैठो और ठंडे दिमाग से सोचो कि क्या हमे ये सब शादी के पहले करना चाहिए?

आरती (थोड़ा झुंझलाते हुए): क्या सम्राट, मैं खुद सामने से बोल रही हूं करने और तुम ये बेमतलब की बातें ले कर बैठ गए? कुछ मेरा भी खयाल करो।

सम्राट: मेरा भी खयाल करो, मतलब? आरू क्या बकवास कर रही हो तुम, जबकि तुम ही इन सब बातो को पहले कोई तवज्जो नहीं देती थी, क्या हुआ है। मैं घर जा रहा हूं वापस, और तुम आराम से इस बात पर विचार करो।


ये बोल कर सम्राट वापस मुड़ता है, तभी उसे आरती की चीख सुनाई देती है.....
Nice update....
 
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manu@84

Well-Known Member
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देर से आये.... लेकिन दुरुस्त और पहले से ज्यादा तंदुर्सत् आये.....! लिखने का मन बहुत है.... भाई और पिछले update और कहानी का हॉरर थीम नही होती तो मेरे शब्द ज्यादा समझ आते..... फिर भी मै सिर्फ इस update को आगे पीछे से भूल कर सिर्फ इस समय आरती या आरु और सम्राट की मनोदशा पर लिख रहा हूँ.....

आरती की सेक्स के प्रति आकुलता देखकर मुझे थॉमस साल्बी की बात याद आ गयी..... तेज औरत और धीमा घोड़ा इंसा की जिंदगी बर्बाद कर देता है।

आरती ने जिस तरह खुले आसमां या वीरां पहाड़ी पर सम्राट से प्यार को परवां करने की बात कही और सम्राट उसे टाल रहा था उस समय सम्राट के हालत उन बॉयफ्रेंड लड़को की तरह थी जो नये नये प्यार में पहली बार अकेले गार्डन या lover Point पर मिलते है तो लड़का पूरी डेट के समय हमेशा उन लड़को को घूरता है जो उसकी gf को घूर रहे होते....।

फिल्हाल कहानी होरार थीम पर है और ज्यादा लिखना ठीक नही होगा क्योकि ये आरती की हरकते चुडेल करवा रही है.... ऐसा ही अनुमान लगाया जा सकता है।
लिखते रहिये ✍️
धन्यवाद
 

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
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पक्की बात है कि आरती के अंदर वो चुड़ैल घुस गई है।
साला उस तांत्रिक ने कैसा घटिया ताबीज़ बाँधा!!
 
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