नौवाँ भाग
बेहतरीन।
कहानी अब हर भाग के साथ नए नए झटके देना शुरू कर रही है। अगर काम से मन अशांत हो या मानसिक थकावट महसूस हो तो कुछ पल अपने आपको एकांत में खुली हवा में छोड़ देना चाहिए ताकि प्राकृतिक वातावरण में मन और दिमाग का सारा विकार निकल जाए। वेद भी आज मानसिक रूप से परेशान है इसलिए वो समुंदर के किनारे मन को एकाग्र करने के लिए और अपने बचपन की दोस्त जूही से मिलने के लिए आता है।।
जूही के साथ कॉलेज के दिनों में बहुत शरारत करता था देव। जिसे याद करके दोनों हंसने लगते हैं देव उसे काजल के बारे में और नीलम देवी की आत्महत्या से लेकर अभी तक की पूरी घटना बता देता है। जूही भी उसकी मदद करने का आश्वासन देती है और काजल पर भरोसा रखने और सामने बैठकर बात करने की सलाह देती है। साथ मे शरद कपूर से भी नीलम देवी की आत्महत्या के केस में पूछताछ करने के लिए कहती है।।