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Adultery कामुक काजल -जासूसी और मजा

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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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नौवाँ भाग
बेहतरीन।
कहानी अब हर भाग के साथ नए नए झटके देना शुरू कर रही है। अगर काम से मन अशांत हो या मानसिक थकावट महसूस हो तो कुछ पल अपने आपको एकांत में खुली हवा में छोड़ देना चाहिए ताकि प्राकृतिक वातावरण में मन और दिमाग का सारा विकार निकल जाए। वेद भी आज मानसिक रूप से परेशान है इसलिए वो समुंदर के किनारे मन को एकाग्र करने के लिए और अपने बचपन की दोस्त जूही से मिलने के लिए आता है।।
जूही के साथ कॉलेज के दिनों में बहुत शरारत करता था देव। जिसे याद करके दोनों हंसने लगते हैं देव उसे काजल के बारे में और नीलम देवी की आत्महत्या से लेकर अभी तक की पूरी घटना बता देता है। जूही भी उसकी मदद करने का आश्वासन देती है और काजल पर भरोसा रखने और सामने बैठकर बात करने की सलाह देती है। साथ मे शरद कपूर से भी नीलम देवी की आत्महत्या के केस में पूछताछ करने के लिए कहती है।।
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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दसवाँ भाग
बहुत ही जबरदस्त।
पार्टी में देव को मशहूर निदेशक जूलियन मिला जो बहुत बातूनी था। पार्टी में जुली भी आई थी, काजल शरद कपूर से मिलने के लिए बहुत उत्सुक थी पार्टी के महा ठरकी डॉक्टर चूतिया भी आये हुए थे। जिनकी कहानी पढ़ पढ़ कर देव कॉकोल्ड बनने की कगार पर पहुच गया था।। डॉक्टर चूतिया पति पत्नी बदल बदल कर सेक्स करने वाला क्लब भी चलाता है। सच मे बड़ा ठरकी है ये डॉक्टर चूतिया उर्फ चुन्नीलाल।।
काजल को लेकर देव बहुत संजीदा है और असुरक्षित महसूस करता है। देव काजल जूही शरद माणिक और जूलियन dnt नामक ड्रग्स का सेवन करते हैं। उसके बाद क्या होता है कुछ पता नहीं। तीसरे दिन देव बहुत मुश्किल से उठता है। पूर्वी उसे बताती है कि शरद का कत्ल हो गया है और काजल संदेह के घेरे में है। ये सुनकर देव का सर चकरा जाता है।।
 

TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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अध्याय 28
Wonderful update dr sahab,,,,:claps:
To ye sab 6 saal pahle ka drama hai. Ye to kamaal hi ho gaya. Kahani kafi intresting ho gayi hai. Ab ye dekhna hai ki asal maajra kya hai. Kajal uske khilaf kaun sa game khel rahi hai aur ab ye use kyo jaan se maarna chahta hai. Kahi aisa to nahi kajal ko pata chal gaya tha ki jo dev uske pati ke roop me tha wo dev nahi balki koi bahrupiya hai?? Uske baad usne apne real dev ki maut ka badla lene ke liye ye sab kiya? Ya fir kajal khud bhi kisi gang ka hissa hai. Khair dekhte hain kya chakkar hai,,,,:waiting:
 
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गैरी ने जो दवा खिलाई है अकृत को उससे उसकी याददाश्त ही नहीं वापस आ गई है बल्कि सेक्सुअल पावर भी बढ़ा दी है । जब तक काजल उसकी पत्नी थी बीवी का वफादार बना रहा लेकिन जब से दवाई लिया है तबसे दो युवतियों का कल्याण तो हो ही चुका है और आगे बहुतों का कल्याण होता रहेगा । जैसे कि अब साबा का नम्बर आने वाला है ।

एक बार फिर से अपने कोड का इस्तेमाल किया और एक और शुभचिंतक हाजिर हुआ । मनीष जो अकृत के नजरिए से इस पुरे कहानी का संचालक है और जिसे छः साल पहले उसने एक कार्य सौंपा था । इसका मतलब छः साल पहले से ही बहुत कुछ प्लानिंग चल रहा था ।

काजल " अग्रवाल " - अगर ये उपर चली गई तो एक युग की समाप्ति हो जायेगी डॉ साहब ! एक ऐसी हस्ती चली जायेगी जिसका जिक्र हम सालों से सुनते आ रहे हैं और जो सभी रीडर्स के दिलों में किसी न किसी वजह से बसी चली आ रही है । ऐसा जूल्म न करना डाक्टर साहब ! अकृत को पहले की ही तरह कर दीजिए । उसकी याददाश्त दूसरी बार चली जाए ! :D

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट डॉ साहब ।
जगमग जगमग अपडेट ।
 

SultanTipu40

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Prime
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अध्याय 28
मेरी आँखे बंद थी और चांदनी अपनी पूरी ताकत लगा कर मेरा पानी निकालने के फिराक में थी , लेकिन मैं इतने जल्दी उसे कहा छोड़ने वाला था मैंने उसे ऊपर उठा लिया और सीधे उसके गाउन की चैन खोल दी , उसके बड़े बड़े तरबूजे हवा में झूल गए थे , मेरा हाथ उस पर पड़ते ही वो सिहर गई थी ,,,
“आह विकाश जी “
मैंने उसे बिस्तर में पटक दिया
बहुत दिन हो चुके थे ऐसे जिस्म को देखे , भरा हुआ हसीन सा जिस्म , जिस्म जैसे की खिलती हुई एक कमल , जिस्म जैसे की सूरज की पहली किरण ,,
ये साला मुझे क्या हो रहा था एक रंडी मुझे हुर की परी लग रही थी ,आर्या के सिंगल पसली लेकिन मजबूत बदन ने मेरी आदत बिगाड़ दी थी वही , चांदनी का जिस्म भरा हुआ था , इतने लोगो का तरह तरह शरीर भोगने के बाद उसके जिस्म में एक अजीब सी नशीली महक आ गई थी ,
चांदनी जैसे अपना कोई कर्ज उतार रही हो वो मुझे खुद को पूरी तरह से सौप चुकी थी …
मैं उसके जिस्म से खेलते हुए खो गया था ,
फिजाओ में अजीब सी महक थी और मैं उसी में खोते जा रहा था ,
मैंने खुद को कपड़ो से आजाद किया और चांदनी के साथ उसके गुफा की सैर में निकल पड़ा , मेरा नाग जैसे ही उसकी गर्म और गीली गुफा में आया मेरे मुह से मजे की एक सिसकी निकल गई ,
“Aaaaaahhhhh “
मेरे मुह से निकल गया ,
मैं उसके उपर बिछ चूका था और उसने भी अपने हाथो को मेरे सर से लपेट लिया था , उसकी भी आँखे बंद हो चुकी थी वो मुझे अपने अन्दर महसूस कर रही थी और मैं उसके गिले गुफा को भेदते हुए अपने लिंग की संवेदना को महसूस कर रहा था …
तूफ़ान चल निकला था और हम दोनों ही इस मजे में गुम हो चुके थे ,
दोनों एक दुसरे के शरीर को भोगते हुए मजे ले रहे थे ….
जब धक्के मारते मारते मैं थोडा थक गया तो उसकी कमर को उठाकर मैं उसे खिड़की तक ले आया , मैंने खिड़की खोल दी और उसे वही बिठा कर उसके योनी में अपने लिंग को डालने लगा, हम उपर वाले माले में थे वही निचे पार्टी चल रही थी मैं खिड़की के इस पार खड़ा हुआ निचे लोगो को देख सकता था शायद कोई सर उठा कर देखता तो हमारे इस कामुक कृत्या को देख सकता था लेकिन ना ही मुझे इसकी फिक्र थी ना ही चांदनी को , लेकिन एक आदमी जरुर था जो हमें देख रहा था , मेरी नजर उस पर पड़ी तो अपनी आंखे बचाने लगा ,
मानिक निचे एक पेड़ के पास खड़ा हुआ अपने दोस्तों के साथ ड्रिंक ले रहा था , अचानक ही उसने उपर देखा और हमें ऐसे देख कर दंग हो गया लेकिन मेरी नजर पड़ते ही उसने अपनी नज़ारे झीपा ली थी …
ऐसे चांदनी मानिक की मुह बोली बहन थी(क्योकि नीलम ने उसे गोद लिया था ) और मानिक के सामने उसके बहन को चोदने में मुझे बहुत ही मजा आ रहा था , मैंने चांदनी के शरीर को खिड़की के बाहर झुला दिया , अब उसका शरीर खुले आसमान में झूल रहा था , मैंने उसके कमर जो अच्छे से पकड लिया था , मेरी पकड़ ढीली होने का मतलब था की चांदनी सीधे निचे जा गिरती , अब मेरा चहरा भी खिड़की से साफ साफ दिखाई देने लगा था , चांदनी का नंगा जिस्म खिड़की में झूल रहा था वही मैं अपने बलिस्ट देह से उसे गिरने से बचाते हुए उसके जिस्म को भोग रहा था , चादनी ने जैसे खुद को समर्पित कर दिया था , वो इतने खतरनाक पोजीशन में होते हुए भी मजे ले रही थी …
ये खेल तब तक चला जब तक मैंने अपने वीर्य से उसके योनी को पूरा भर नहीं दिया ,
मैं हांफते हुए उसे अन्दर खिंच चूका था और बिस्तर में पटक दिया था , वो भी हांफ रही थी लेकिन उसके चहरे से संतुष्टि का भाव साफ साफ झलक रहा था …
“आज तो मजा ही आ गया ,इतने दिनों बाद किसी के साथ ऐसा वाइल्ड सेक्स हुआ “
चांदनी ने अपने ख़ुशी का इजहार किया , मैं भी उसके बाजु में ह्न्फाते हुए लेट गया था …
“मजा तो मुझे भी बहुत आया , ऐसे तुम्हे यहाँ देख कर ही मुझे मजा आ गया था , ऐसे भी मैं आया तो मानिक से मिलने के लिए था , लेकिन तुम यही मिल गयी तो मेरा काम हो गया ...बताओ बाकि के लोग कहा है सबको इकठ्ठा करो मुझे काजल चाहिए , वो अभी भी गायब है “
चांदनी ने मुझे थोड़े आश्चर्य से देखा
“काजल ??? आपको उससे क्या काम , वो तो पति के गुजरने के बाद से ही किसी को नहीं दिखी “
मेरे चहरे में मुस्कान आ गई ..
“काम की छोडो और सबा और रशीद को भी मेरे आने की खबर दे दो , मैं तुम्हे कल शाम यही मिलूँगा , उन्हें कहना की अब उनपर किये सभी अहसानों का बदला चुकाने का वक्त आ गया है , साथ ही मुझे कबीर की भी जरूरत पड़ेगी , खैर उसके लिए मैं मानिक से बात कर लूँगा अभी तो सबा और रफीक से मिल लू “
चांदनी को कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन उसने मेरी बात को टला नहीं और हां में सर हिला दिया …
“ऐसे आप इतने सालो तक कहा थे , और अचानक से हमारे सामने आने की जरुरत क्या हुई , कभी आप हमारे सामने नही आये , बस फोन से आपसे बाते हुआ करती थी , ना ही आपका ना ही आपके गैग का कोई पता है लेकिन फिर भी इतना खौफ और इतना नाम कैसे … आपने हमें जो भी बोला था आपने सब करवा दिया आखिर कैसे ??”
उसकी बात सुनकर मैं हँस पड़ा
“मेरी जान कुछ चीजो को ना जानना ही जान के लिए अच्छा होता है , क्या समझी , कल शाम 7 बजे के बाद ओके “
उसने हां में सर हिलाया और मैं वंहा से निकल गया …
मुझे एक और शख्सियत से मिलना था जिसके बिना मेरा 6 साल पहले बनाया हुआ प्लान आज सफल नहीं हो रहा होता …
मैंने एक काल किया और निकल पड़ा ,
मैं अभी एक बिल्डिंग के निचे खड़ा था मैं उपर देख कर मुस्कुरा रहा था , मैंने लिफ्ट ली और मैं उस माले तक पहुच गया जन्हा मुझे जाना था , दूसरी बेल रिंग के बाद दरवाजा खुला , सामने एक 29-30 साल का लड़का आँखों में चश्मा लगाये खड़ा था मुझे देखकर वो मेरे बोलने का इतंजार कर रहा था …
“कोड 1121 “
मेरे बोलने के बाद वो थोड़े देर तक मुझे देखता रहा और फिर ख़ुशी से मेरे गले से लग गया ..
“यकीं नहीं होता आप जिन्दा हो “
वो इमोशनल हो गया था और मुझे छोड़ ही नहीं रहा था ,मैंने उसे खुद से अलग किया और तुरंत दरवाजा बंद करके अंदर आया ..
“अबे रो क्यों रहा है बोला था ना की मेरा प्लान है कोई दिक्कत नही होगी , मैं बस तुझे ये बोलने आया हु की तुमने अपना काम बहुत ही सही तरीके से किया “
उसका चहरा खिल गया था , मैं जाकर एक सोफे में बैठ गया और उसके घर को देखने लगा , 2 बेडरूम वाला फ्लैट था जिसमे से एक कमरा सिर्फ उसके उपकरणों से भरा हुआ था , मैं उस कमरे में चला गया , वंहा बड़े बड़े स्क्रीन्स लगाये गए थे , और कई कम्पूटर अभी भी चालू थे …
“हम्म अच्छा सेटअप है “
“थैंक्स देव सर “
उसके कहने पर मैंने उसे घुरा ..
“ओह सॉरी आकृत सर “
उसने खुद को सुधार
मैंने फिर से ना में सर हिलाया , वो चुप होकर मुझे देख रहा था
“अब ना मैं देव हु ना ही मैं आकृत हु अब मैं विकाश सेठ हु “
वो जोरो से हँस पड़ा
“अच्छा है ऐसे ही ये हुलिया आपके नाम पर जच रहा है , देव और आकृत तो हेंडसम लोग थे , लेकिन अब जब विकाश आ चूका है तो मेरा क्या होगा ..”
मैं भी उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगा
“कोई बात नहीं मनीष अब तुम मनीष बनकर ही रहो , तुम्हे अब तुम्हे विकाश बनने की कोई जरूरत नहीं है …”
“ओह लेकिन मजा आता था विकाश बनने में जब मैं उन लोगो से बाते किया करता था और उनकी फटी रहती थी “
मनीष हँसने लगा था …
इस कहानी का मुख्य संचालक अभी तक मनीष ही रहा था ,ये वही मनीष था जो की देव के साथ एक कम्पुटर जीनियस के रूप में काम करता , लेकिन उस समय देव को यानि मुझे भी नहीं पता था की ये मेरा ही आदमी है , मैंने इसे 6 साल पहले ही एक काम सौपा था जिसे इसने बड़े ही खूबी से निभाया था , वो था विकाश सेठ के नाम को जिन्दा रखना और कुछ कामो को अंजाम देना , जब मैं देव के रूप में था तब भी वो हमेशा मेरे साथ रहा , मुझे याद नही था की मैंने उसे कोई काम दिया है लेकिन देव रहते हुए भी वो मेरा सबसे विश्वासपात्र व्यक्ति हुआ करता था ,शायद मन के किसी कोने में मैं उसे तब भी जानता था की ये मुझे धोखा नहीं देगा ….
मनीष से थोड़ी बाते करके मैं फिर से अपने ठिकाने में आ गया ..
यंहा मैंने बिस्तर में आर्या को सोया हुआ पाया वही वांग जमीन में लेटा था दोनों ही घोड़े बेचकर सो रहे थे ..
6 साल पहले जब मैंने ये प्लान बनाया था तब मैं खुद भी इसके सफल होने को लेकर आशंकित था लेकिन अब मैं पूरी तरह से आश्वस्त हो चूका था …
अब समय था अपने काम में लगने का , काजल को ढूढ़ कर उसे मौत के घाट उतरने का ……
Nice update to kya akurit pahle se hi janta tha ke uske sath wah sab uske sath hoga jo akurit palan karna bhi chalu kar diya tha

are sir ji itana jaldi to kajal ko mat mariye abhi thik se to akurit ne use choda bhi nahi hai
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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ग्यारहवाँ भाग
बहुत ही बेहतरीन
देव का सिर ही भन्ना गया ये सुनकर की काजल हत्यारी है। पूर्वी भी काजल को दोषी मान रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि काजल ने क्या देव के साथ बेवफाई की है, और सवाल ये है कि देव अपने घर कैसे पहुंचा। सीसीटीवी में माणिक क्यों नहीं आया। जरूर कुछ बहुत बड़ा लोचा है जो समझ मे नहीं आ रहा है। अभी केस इंस्पेक्टर मनोज के हाथ में है।।
देव ने इंस्पेक्टर मनोज से पूरी सच्चाई बता दी कि उस दिन क्या हुआ था और उन लोगों ने वही ड्रग्स ली थी जिस ड्रग्स के सेवन से नीलम देवी की मौत हुई थी। मनोज ने देव को चेताया काजल को लेकर। जुली के मुताबिक काजल डॉक्टर चूतिया के रंडीखाने में है। उसे क्लब बोल ही नहीं सकते। ये चूतिया भी कोई पहुँचा हुआ खिलाड़ी है। देखते हैं आगे क्या होता है।।
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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बारहवाँ भाग
बहुत बढ़िया।
जब अपने ही सहयोगी शक करने लगें तो दूसरों के बारे में क्या कहा जा सकता है।। मुझे लगता है कि वेदांत देव से खुन्नस खाता है। इसलिए वो ऐसा बर्ताव करता है देव के साथ। पूर्वी को अभी भी पूरा विश्वास है कि काजल ने ही शरद का कत्ल किया है। लेकिन देव पति है काजल का ऐसे थोड़े ही अपनी पत्नी के बारे में सुन सकता है कुछ। मनीष के मुताबिक देव की हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
पटेल बताता है चौसर गंज की बदनाम गलियों में परवीन और राशिद रोज जाते हैं वहां का थाना प्रभारी है प्रजापति, जिसने रंडी, दलाल और गुंडे मवालियों को अपना मुखबिर बना कर रखा हुआ है। विश्वास से मिलने पर विश्वास ने देव को रात 8 बजेराशिद के बारे में जानकारी देने के लिए ईरानी होटल में बुलाया है।।
 
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