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Adultery कामुक काजल -जासूसी और मजा

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Studxyz

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काजल आखिर कहां छुपी है कहां चुत मरवा रही है ये भी एक सस्पेंस ही है विकास के फिर से प्यार का कीड़ा जग जाएगा या फिर काजल अपना पेटीकोट उठा कर उसी दीवाना बना लेगी
 
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Tiger 786

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अध्याय 28
मेरी आँखे बंद थी और चांदनी अपनी पूरी ताकत लगा कर मेरा पानी निकालने के फिराक में थी , लेकिन मैं इतने जल्दी उसे कहा छोड़ने वाला था मैंने उसे ऊपर उठा लिया और सीधे उसके गाउन की चैन खोल दी , उसके बड़े बड़े तरबूजे हवा में झूल गए थे , मेरा हाथ उस पर पड़ते ही वो सिहर गई थी ,,,
“आह विकाश जी “
मैंने उसे बिस्तर में पटक दिया
बहुत दिन हो चुके थे ऐसे जिस्म को देखे , भरा हुआ हसीन सा जिस्म , जिस्म जैसे की खिलती हुई एक कमल , जिस्म जैसे की सूरज की पहली किरण ,,
ये साला मुझे क्या हो रहा था एक रंडी मुझे हुर की परी लग रही थी ,आर्या के सिंगल पसली लेकिन मजबूत बदन ने मेरी आदत बिगाड़ दी थी वही , चांदनी का जिस्म भरा हुआ था , इतने लोगो का तरह तरह शरीर भोगने के बाद उसके जिस्म में एक अजीब सी नशीली महक आ गई थी ,
चांदनी जैसे अपना कोई कर्ज उतार रही हो वो मुझे खुद को पूरी तरह से सौप चुकी थी …
मैं उसके जिस्म से खेलते हुए खो गया था ,
फिजाओ में अजीब सी महक थी और मैं उसी में खोते जा रहा था ,
मैंने खुद को कपड़ो से आजाद किया और चांदनी के साथ उसके गुफा की सैर में निकल पड़ा , मेरा नाग जैसे ही उसकी गर्म और गीली गुफा में आया मेरे मुह से मजे की एक सिसकी निकल गई ,
“Aaaaaahhhhh “
मेरे मुह से निकल गया ,
मैं उसके उपर बिछ चूका था और उसने भी अपने हाथो को मेरे सर से लपेट लिया था , उसकी भी आँखे बंद हो चुकी थी वो मुझे अपने अन्दर महसूस कर रही थी और मैं उसके गिले गुफा को भेदते हुए अपने लिंग की संवेदना को महसूस कर रहा था …
तूफ़ान चल निकला था और हम दोनों ही इस मजे में गुम हो चुके थे ,
दोनों एक दुसरे के शरीर को भोगते हुए मजे ले रहे थे ….
जब धक्के मारते मारते मैं थोडा थक गया तो उसकी कमर को उठाकर मैं उसे खिड़की तक ले आया , मैंने खिड़की खोल दी और उसे वही बिठा कर उसके योनी में अपने लिंग को डालने लगा, हम उपर वाले माले में थे वही निचे पार्टी चल रही थी मैं खिड़की के इस पार खड़ा हुआ निचे लोगो को देख सकता था शायद कोई सर उठा कर देखता तो हमारे इस कामुक कृत्या को देख सकता था लेकिन ना ही मुझे इसकी फिक्र थी ना ही चांदनी को , लेकिन एक आदमी जरुर था जो हमें देख रहा था , मेरी नजर उस पर पड़ी तो अपनी आंखे बचाने लगा ,
मानिक निचे एक पेड़ के पास खड़ा हुआ अपने दोस्तों के साथ ड्रिंक ले रहा था , अचानक ही उसने उपर देखा और हमें ऐसे देख कर दंग हो गया लेकिन मेरी नजर पड़ते ही उसने अपनी नज़ारे झीपा ली थी …
ऐसे चांदनी मानिक की मुह बोली बहन थी(क्योकि नीलम ने उसे गोद लिया था ) और मानिक के सामने उसके बहन को चोदने में मुझे बहुत ही मजा आ रहा था , मैंने चांदनी के शरीर को खिड़की के बाहर झुला दिया , अब उसका शरीर खुले आसमान में झूल रहा था , मैंने उसके कमर जो अच्छे से पकड लिया था , मेरी पकड़ ढीली होने का मतलब था की चांदनी सीधे निचे जा गिरती , अब मेरा चहरा भी खिड़की से साफ साफ दिखाई देने लगा था , चांदनी का नंगा जिस्म खिड़की में झूल रहा था वही मैं अपने बलिस्ट देह से उसे गिरने से बचाते हुए उसके जिस्म को भोग रहा था , चादनी ने जैसे खुद को समर्पित कर दिया था , वो इतने खतरनाक पोजीशन में होते हुए भी मजे ले रही थी …
ये खेल तब तक चला जब तक मैंने अपने वीर्य से उसके योनी को पूरा भर नहीं दिया ,
मैं हांफते हुए उसे अन्दर खिंच चूका था और बिस्तर में पटक दिया था , वो भी हांफ रही थी लेकिन उसके चहरे से संतुष्टि का भाव साफ साफ झलक रहा था …
“आज तो मजा ही आ गया ,इतने दिनों बाद किसी के साथ ऐसा वाइल्ड सेक्स हुआ “
चांदनी ने अपने ख़ुशी का इजहार किया , मैं भी उसके बाजु में ह्न्फाते हुए लेट गया था …
“मजा तो मुझे भी बहुत आया , ऐसे तुम्हे यहाँ देख कर ही मुझे मजा आ गया था , ऐसे भी मैं आया तो मानिक से मिलने के लिए था , लेकिन तुम यही मिल गयी तो मेरा काम हो गया ...बताओ बाकि के लोग कहा है सबको इकठ्ठा करो मुझे काजल चाहिए , वो अभी भी गायब है “
चांदनी ने मुझे थोड़े आश्चर्य से देखा
“काजल ??? आपको उससे क्या काम , वो तो पति के गुजरने के बाद से ही किसी को नहीं दिखी “
मेरे चहरे में मुस्कान आ गई ..
“काम की छोडो और सबा और रशीद को भी मेरे आने की खबर दे दो , मैं तुम्हे कल शाम यही मिलूँगा , उन्हें कहना की अब उनपर किये सभी अहसानों का बदला चुकाने का वक्त आ गया है , साथ ही मुझे कबीर की भी जरूरत पड़ेगी , खैर उसके लिए मैं मानिक से बात कर लूँगा अभी तो सबा और रफीक से मिल लू “
चांदनी को कुछ समझ नही आ रहा था लेकिन उसने मेरी बात को टला नहीं और हां में सर हिला दिया …
“ऐसे आप इतने सालो तक कहा थे , और अचानक से हमारे सामने आने की जरुरत क्या हुई , कभी आप हमारे सामने नही आये , बस फोन से आपसे बाते हुआ करती थी , ना ही आपका ना ही आपके गैग का कोई पता है लेकिन फिर भी इतना खौफ और इतना नाम कैसे … आपने हमें जो भी बोला था आपने सब करवा दिया आखिर कैसे ??”
उसकी बात सुनकर मैं हँस पड़ा
“मेरी जान कुछ चीजो को ना जानना ही जान के लिए अच्छा होता है , क्या समझी , कल शाम 7 बजे के बाद ओके “
उसने हां में सर हिलाया और मैं वंहा से निकल गया …
मुझे एक और शख्सियत से मिलना था जिसके बिना मेरा 6 साल पहले बनाया हुआ प्लान आज सफल नहीं हो रहा होता …
मैंने एक काल किया और निकल पड़ा ,
मैं अभी एक बिल्डिंग के निचे खड़ा था मैं उपर देख कर मुस्कुरा रहा था , मैंने लिफ्ट ली और मैं उस माले तक पहुच गया जन्हा मुझे जाना था , दूसरी बेल रिंग के बाद दरवाजा खुला , सामने एक 29-30 साल का लड़का आँखों में चश्मा लगाये खड़ा था मुझे देखकर वो मेरे बोलने का इतंजार कर रहा था …
“कोड 1121 “
मेरे बोलने के बाद वो थोड़े देर तक मुझे देखता रहा और फिर ख़ुशी से मेरे गले से लग गया ..
“यकीं नहीं होता आप जिन्दा हो “
वो इमोशनल हो गया था और मुझे छोड़ ही नहीं रहा था ,मैंने उसे खुद से अलग किया और तुरंत दरवाजा बंद करके अंदर आया ..
“अबे रो क्यों रहा है बोला था ना की मेरा प्लान है कोई दिक्कत नही होगी , मैं बस तुझे ये बोलने आया हु की तुमने अपना काम बहुत ही सही तरीके से किया “
उसका चहरा खिल गया था , मैं जाकर एक सोफे में बैठ गया और उसके घर को देखने लगा , 2 बेडरूम वाला फ्लैट था जिसमे से एक कमरा सिर्फ उसके उपकरणों से भरा हुआ था , मैं उस कमरे में चला गया , वंहा बड़े बड़े स्क्रीन्स लगाये गए थे , और कई कम्पूटर अभी भी चालू थे …
“हम्म अच्छा सेटअप है “
“थैंक्स देव सर “
उसके कहने पर मैंने उसे घुरा ..
“ओह सॉरी आकृत सर “
उसने खुद को सुधार
मैंने फिर से ना में सर हिलाया , वो चुप होकर मुझे देख रहा था
“अब ना मैं देव हु ना ही मैं आकृत हु अब मैं विकाश सेठ हु “
वो जोरो से हँस पड़ा
“अच्छा है ऐसे ही ये हुलिया आपके नाम पर जच रहा है , देव और आकृत तो हेंडसम लोग थे , लेकिन अब जब विकाश आ चूका है तो मेरा क्या होगा ..”
मैं भी उसकी बात सुनकर मुस्कुराने लगा
“कोई बात नहीं मनीष अब तुम मनीष बनकर ही रहो , तुम्हे अब तुम्हे विकाश बनने की कोई जरूरत नहीं है …”
“ओह लेकिन मजा आता था विकाश बनने में जब मैं उन लोगो से बाते किया करता था और उनकी फटी रहती थी “
मनीष हँसने लगा था …
इस कहानी का मुख्य संचालक अभी तक मनीष ही रहा था ,ये वही मनीष था जो की देव के साथ एक कम्पुटर जीनियस के रूप में काम करता , लेकिन उस समय देव को यानि मुझे भी नहीं पता था की ये मेरा ही आदमी है , मैंने इसे 6 साल पहले ही एक काम सौपा था जिसे इसने बड़े ही खूबी से निभाया था , वो था विकाश सेठ के नाम को जिन्दा रखना और कुछ कामो को अंजाम देना , जब मैं देव के रूप में था तब भी वो हमेशा मेरे साथ रहा , मुझे याद नही था की मैंने उसे कोई काम दिया है लेकिन देव रहते हुए भी वो मेरा सबसे विश्वासपात्र व्यक्ति हुआ करता था ,शायद मन के किसी कोने में मैं उसे तब भी जानता था की ये मुझे धोखा नहीं देगा ….
मनीष से थोड़ी बाते करके मैं फिर से अपने ठिकाने में आ गया ..
यंहा मैंने बिस्तर में आर्या को सोया हुआ पाया वही वांग जमीन में लेटा था दोनों ही घोड़े बेचकर सो रहे थे ..
6 साल पहले जब मैंने ये प्लान बनाया था तब मैं खुद भी इसके सफल होने को लेकर आशंकित था लेकिन अब मैं पूरी तरह से आश्वस्त हो चूका था …
अब समय था अपने काम में लगने का , काजल को ढूढ़ कर उसे मौत के घाट उतरने का ……
Jo kuch ho raha hai uskí planning 6 saal pehle hi ho chuki thi or kajal ki mout.kajal to nahi maregi.Dr.saheb kajal ko marne nahi Denge😂
 
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romanchak update ..chandni ke maje liye puri tarah vikas ne 😁.. aur chandni ne bhi khulke chudwaya ..
chandni ko saba aur rashid ko bhi ek jagah laane ko keh diya ,
aisa kya kaam hai vikas urf aakrut ka jo usne 6 saal pehle shuru kiya tha aur us planning ka main lead kirdar manish hai ,,jo sabko vikas seth ke naam se baat karta tha aur vikas ke naam ki dehshat banaye rakh raha tha ..
par ab ye kajal ko maarne ka plan kuch alag hi hai 🤔🤔🤔..
kajal ne aisa kya kiya hai jo usko maarna chahta hai aakrut 🤔..

to kya dr. chutiya bhi ek mohra hai kajal ka ..

aise kaunse mission par hai hero jo saare underworld ke logo ko ikattha karke kajal ko maarne ki soch raha hai 🤔🤔🤔..
 
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kahi aisa to nahi ki dr. chutiya hi dhokhebaaj ho black cobra ka 🤔🤔🤔.. par kajal ka role abhi samajh nahi aaya ..

chandni ne kaha ki kajal ka koi pata nahi jabse uska pati mara hai ,,to kya kajal dr. ke saath hi hai aur uske apne pati ke marne ki koi chinta nahi hai 🤔🤔..

6 saal ke baad kajal ko maarne ka mission soch raha hai hero ,,,to kya kajal se shadi karne ki koi wajah thi hero ke paas 🤔🤔..

aakrut / dev / vikas likhne se achcha hero likh diya jisse samajh jao ki kiske baare me keh raha hu ...
 

brego4

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Story is very excitingly placed and most intriguing character at the point of time of story is Kajal, and dev kaise bhool gya ki usne itni tyari kar rakhi thi ?

Kya dev/akrit itna bada kajal ki choot ka deewna ban gya tha ki use itni badi underworld type gang aur beshumar diamonds ka pata hi nahi rha ?

Kajal ko ab marne ka karan kya hai ?

us party mein to dev use gair mard ke saath dekh kar lund bada kare baitha tha ?
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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story padhna shuru kiya aappne mujhe khusi hui bas jab story me kai ajib mod aayenge aur legega ki story kaha jaa rhi hai to padhna chhodna mat , ha ye story aapko kai jhatke bhi degi to thoda samhaal lena :lol1:
कोई बात नहीं महोदय जी।
अब जब ओखली में सिर डाल ही दिए हैं तो मूसल से क्या डरना।😂 कहानी में जब तक रोमांच ने हो मज़ा नहीं आता।
aap shayad meri pahli story padh rahi hai to aapko thoda sachet kar du ki story bahut hi idhar udhar jhulti hai meri to thoda dhairya ki jarurat bhi padegi , baki enjoy the story and welcome to this story :)
धन्यवाद महोदय जी।
ये आपकी पहली कहानी है जिसे मैं पढ़ रही हूँ। अब कहानी पढ़ना शुरू किए हैं तो आखिर तक पढ़ेंगे।
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
Supreme
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सातवाँ भाग
बहुत ही बेहतरीन।
देव को शायद वेदांत पर भरोसा नही है तभी तो वो सबा के बारे मे कोई बात उसके सामने नहीं करना चाहता, पूर्वी भी इस बात को समझ जाती है तभी वो बात को घुमाफिरा कर वेदांत को लाला और राशिद की निगरानी में लगा देती है। जब पूर्वी को पता चलता है कि सबा ही परवीन है और सबा काजल की सहेली है तो पूर्वी काजल के जरिये कबीर तक पहुचने का प्लान बनाती है जिसे देव सिरे से नकार देता है।।
नदीम ने देव को बताया की सब राशिद की प्रेमिका है और इसका कबीर से कोई संबंध नहीं है ति ये गुत्थी और कड़ी बहुत ज्यादा उलझ जाती है। राशिद और माणिक, सबा और काजल के साथ कहीं बाहर गए है मज़ा करने के लिए ये सुनकर देव की झांठे सुलग जाती है। अब देव ये थोड़े ही बता सकता था कि काली साड़ी वाली मस्त औरत उसकी पत्नी है। नदीम के मुताबिक काजल सबा के साथ इसके पहले भी राशिद में अड्डे पर देखी गई है। जिसके बारे में देव को कोई जानकारी नहीं है। तो क्या काजल देव से कुछ छुपा रही है। क्या देव जैसा काजल को मासूम और संस्कारी समझता है काजल वैसी नहीं है।।🤔🤔🤔🤔
 

Janu002

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बहुत ही बढ़िया कड़ी है l पर एक बात समझ नहीं आई 6 साल से कोण सी प्लानिंग कर रहे थे जो सब काजल की मारने की जगह उसको मारने की बात कर रहे हो l
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
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आठवाँ भाग
बेहतरीन महोदय,
आज देव काजल से ख़फ़ा है, क्योंकि देव को लगता है कि काजल उससे बेवफाई कर रही है। काजल भी देव को समझाती है कि जैसा वो सोच रहा है वैसा कुछ नहीं है। लेकिन यहां एक बात तो साफ है कि स्त्री के त्रिया चरित्र को समझना इतना आसान नहीं है जितना लोग समझते हैं वहीं थाने में जब देव ने पूर्वी को सारी बात बताई तो पूर्वी का भी मानना है कि काजल ऐसा नहीं कर सकती।।
ऊपर से पूर्वी का रवैया भी आज बदला बदला लगा। वो देव के साथ पति पत्नी वाला खेल खेलने चाहती है लेकिन शादी नहीं करना चाहती। मनीष तो बहुत तेज़ और शातिर पुलिस वाला है। देव ने उसे सिर्फ गाड़ी का नम्बर बताया था लेकिन उसने तो गाड़ी के बारे में पूरी जन्मकुंडली ही निकाल ली थी माणिक अभी काजल के साथ है ये जानकर देव को बड़ा झटका लगता है। वो फिर सोचने पर मजबूर हो जाता है कि क्या वास्तव में काजल बेवफा है या बावफ़ा🤔🤔
 
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