फ़ोन उठाया तो उस तरफ रिया थी ,
" आज कॉलेज क्यों नहीं आयी ।"
" अरे यार आज कुछ सर दर्द सा था , मूड नहीं हुआ कॉलेज जाने का ।"
रिया ने फ़ोन रखा नहीं अपनी दोस्त से किट - पिट करती रही तब तक समीर का खड़ा होता लंड बैठ गया और आँचल के तने निप्पल मुरझा गये । "
रात में आँचल किचन में डिनर की तैयारी कर रही थी । समीर किचन के दरवाजे पर हाथ बांध के खड़ा हो गया और अपने कंधे दरवाजे पर टिका लिये । खाना बनाती हुई आँचल को निहारने लगा । अपने भाई को अपनी ख़ूबसूरती निहारते देखकर आँचल मन ही मन ख़ुश हुई । फिर समीर की तरफ देखकर बोली ,
"मेरे भाई, मैंने तुम्हारे लिये स्पेशल डिनर बनाया है । जितना ज्यादा खा सकते हो , खा लेना । आज रात तुम्हें बहुत एनर्जी की जरुरत पड़ने वाली है ।"
अपनी बहन की कामुक बातें सुनकर समीर का लंड नींद से उठ गया । वो आँचल के पीछे गांड से चिपक के आलिंगन करते हुए आँचल का चुम्बन लेने लगा ।
" तुम्हारे लिये मेरे पास पहले से ही बहुत एनर्जी है आँचल । अगर तुमने मुझे एक्स्ट्रा एनर्जी दे दी तो फिर तुम मुझे झेल नहीं पाओगी और फिर एक हफ्ते तक बेड से उठ नहीं सकोगी , और अगर उठ भी गयी तो लंगड़ा लंगड़ा के चलोगी ।"
जोर से ठहाका लगाते हुए समीर बोला ।
उसकी इस गुस्ताखी पर , आँचल ने अपने निचले होंठ को दातों में दबाते हुए , समीर के पेट में अपनी कोहनी मार दी ।