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Horror किस्से अनहोनियों के

komaalrani

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आप का जितना धन्यवाद करू कम है कोमलजी. आप का रिव्यू एक अलग ही ऊर्जा का एहसास देता है. जब आप सराहना करती हो तो लिखने का जोश बढ़ जाता है. बहोत बहोत धन्यवाद कोमलजी.
Thanks so much
 

Shetan

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ये भी एक अनोखा अनुभव होगा कोमल का एनटीटी से बात करके या उसके विचार हां उसको क्या महसूस हो रहा है ye बहुत दिलचस्प होगा ….

इंतजार है अगले भाग का 👏🏻👏🏻👏🏻
इस बार कोई जिन्न वगेरा जैसी चीज नहीं है. ये आम छोटे बच्चे की एनटीटी है. मामला सामान्य भी है. और नहीं भी. आज का अपडेट खास होगा. प्लीज रिव्यू पक्का देना
 

Shetan

Well-Known Member
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Update 23A



रात बस से कोमल बलबीर के साथ बैठी हुई थी. बलबीर बोल रहा था. और कोमल सुन रही थी. लेकिन कोमल बहोत कुछ सोच कर थक गई. कोमल ने बलबीर के कंधे पर अपना सर रख दिया. वो बलबीर की आवाज तो सुन रही थी. मगर बलबीर क्या बोल रहा है. ये उसे पता ही नहीं चला. थकान की वजह से उसे नींद आ गई.

कोमल एक बच्ची के जैसे सो गई. उसे ये पता ही नहीं चला की वो कब कैसे आश्रम मे आई. और कैसे बिस्तर पर लेटी. दरसल बस मे जगाने से कोमल नहीं उठी तो उसे बलवीर अपनी गोद मे उठाकर आश्रम मे ले आया. कोमल का फोन डिस हो गया था. उसे भी चार्जिंग मे लगाया. उसका ही नहीं सब के फ़ोन डिस हो गए थे.

सुबह 8 बजे कोमल को खुद बलबीर ने उठाया. कोमल उठ ही नहीं पा रही थी. उसके गलो को हलकी हलकी थपकी मरते हुए. कोमल की नींद खुली और वो एकदम झटके से उठ कर बैठ गई.


कोमल : (हड़बड़ट) कितने बजे है???


बलबीर : 8 बज रहे है. फ़िक्र मत करो. मेने टाइम पे ही उठाया है. ये लो तुम्हारा फ़ोन.


कोमल ने देखा की वो निचे फर्श पर ही बिस्तर पर लेटी हुई थी. रूम एकदम साफ सुत्रा पर खाली ही था. पास पिने के पानी का मटका भी था. बलबीर की आंखे लाल हो रखी थी. देखने से ही पता चल रहा था की वो सोया नहीं था. कोमल ने तो 03:30 से 8 बजे तक की नींद ले ली. पर बलबीर 24 घंटे से ज्यादा वक्त से सोया ही नहीं था.


कोमल : तुम सोए नहीं. तुम्हारी आंखे लाल हो रखी है.


बलबीर : वो छोडो एयरपोर्ट तक तुम्हे बस छोड़ने जाने वाली है. तुम जल्दी तैयार हो जाओ. लेडिस बाथरूम उस तरफ है.


कोमल जल्दी से उठी और नहाना धोना नितक्रिया सब करने लगी. बलबीर कोमल चूक ना जाए इस लिए वो खुद नहीं सोया. ताकि कोमल को सही वक्त पर जगा सके. सब कुछ कर के वो रेडी हो गई. भूख भी लग रही थी. कोमल को खुशबु आ रही थी. कोमल ने देखा आश्रम मे ही डॉ रुस्तम की टीम का लंगर लगा हुआ है.

सब मैनेजमेंट किसी कैंप जैसा था. कोमल वहां गई तो पुरिया छन रही थी. उसे वहां डॉ रुस्तम भी दिखे. जो खुद काम कर रहे थे. उन्होंने भी देखा. कोमल वहां आ चुकी है.


डॉ : (स्माइल) कोमल आओ आओ. नाश्ता करो.


डॉ रुस्तम ने खुद एक डिश कोमल को बनाकर दीं. और उसके साथ बैठ गए. कोमल भूखी थी. वो फटाफट खाने भी लगी. वो दोनों ओपन मे ही चेयर पर बैठे हुए थे.


कोमल : (खाते हुए) आप भी कीजिये ना.


डॉ रुस्तम ने भी एक डिश ले ली. और खाते हुए ही दोनों आपस मे बाते करने लगे.


कोमल : मुजे समझ नहीं आया की वहां पर हमें सब अपनी लाइफ के दुख महसूस होते है. उसके बाद सुसाइड करने का ख्याल आता है. ऐसा क्यों??


डॉ : क्योंकि मौत मौत को खींचती है.


कोमल : यह तो दी मां ने भी बताया था. पर ऐसा क्यों मुझे कुछ समझ नहीं आया.


डॉ : जिसे हम एनटीटी कहते हैं वह एक आत्मा ही होती है. अब आत्मा कहीं जा नहीं सकती. उसे अपने साथ रहने वाला कोई चाहिए. इसलिए वह कोशिश करती है कि जिंदा इंसान.....


कोमल : हम्म्म्म समझ गई. तो क्या जो लोग ऐसे सुसाइड करके मर गए जो. क्या उन बच्चों के एनटीटी के साथ में रहेंगे???



डॉ : पता नहीं. पर ज़्यादातर तो आत्मा एक दूसरे के साथ रहे नहीं पति.


कोमल को सुन ने मे दिलचस्पी आ रही थी. दोनों ने ही नास्ता कर लिया.


डॉ : बस तैयार है तुम्हें एयरपोर्ट तक छोड़ने के लिए. तुम जल्दी आ जाओ.


कोमल जब वापस रूम में गई. देखा बालवीर सो रहा था. कोमल को बलबीर पर प्यार आने लगा. वो उसके लिए जानबुचकर नहीं सोया. ताकि कोमल सही वक्त पर जा सके. बेचारा बालवीर जैसे ही सुस्ताने गया वह सो ही गया. पर वह अपना काम कर चुका था. कोमल ने अपना सब सामान लिया. और बस मे आ गई.

डॉ रूस्तंबी बस में ही थे. वह कोमल को एयरपोर्ट तक छोड़ने आ रहे थे. बस एयरपोर्ट के लिए चल पड़ी. रास्ते पर दोनों ने खूब चर्चा विमष किया.


डॉ : क्या बालवीर अभी जाग रहा था.



कोमल समझ गई. बालवीर उसके लिए जाग रहा था. वह डॉक्टर साहब को भी पता है.


कोमल : (स्माइल) नहीं. मुजे जागते ही सो गया. बेचारा मुझे फोन देते ही सो गया.


डॉ : क्या तुम्हारा फोन फुल चार्ज है???


कोमल : हां शायद बालवीर नहीं चार्ज किया होगा.


डॉ : उसे मैं नहीं कहा था. तुम्हारा फोन पूरी तरीके से डिश हो गया था??



कोमल : पर यहां दीपक रास्ते में मैंने उसे फुल चार्ज किया था इतनी जल्दी कैसे डिश हो गया???


डॉ : तुम्हारा ही नहीं सबका फोन भी सो चुका था. यहां तक कि हमारे कैमरास की बैटरीस भी.


कोमल : कारण???


डॉ : तुम्हें शायद सुनने में अजीब लगेगा पर.

कोई भी पैरानॉर्मल एक्टिविटी होते वक्त. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की बैटरीज जल्दी डिश हो जाती है. क्यों की आत्माए या सुपरनैचुरल एनर्जी मैग्नेटिक होती है. यह अर्थ का टच नहीं झेल पाती. यह ऊपर और में ही होती है. यार से जुड़ी किसी चीज में. इसलिए इन्हें इलेक्ट्रॉन पावर्स सूखने में मदद मिलती है. यह जानबूझकर ऐसा करते हैं. चेन्नई से एनर्जी मिलती है.


कोमल को एक नया ज्ञान मिला था.


कोमल : क्या उन सुसाइड अटेम्प्ट किया लोगों का उन बच्चों की एनटीटी से कोई वास्ता हो सकता है???


डॉ : शायद हां शायद नहीं. मैंने पहले ही बताया ना. मौत मौत को खींचती है.


कोमल : पर अपने वस्तु कहा था. जमीन की ऊर्जा. औरत की एनर्जी.


डॉ : इस बारे में हम बाद में बात करेंगे. एयरपोर्ट आ चुका है. तुम जल्दी जाओ बेबी बहुत टाइम है.


कोमल वहां से टाइम पर अपनी फ्लाइट मे बैठ गई. और अहमदाबाद पहोच गई. लंच ब्रेक के बाद उसके दो केस थे. लेकिन मोटी फीस देने वाली पार्टी आई ही नहीं. उसके पास एक छोटा सा कैसे बचा था. जिसके फीस डील बहुत कम थी. कोमल को गुस्सा आ रहा था. क्योंकि उसे अगली डेट मिली थी. दूसरा केश एक बूढ़े का था. जिसकी सरकारी पेंशन बंद हो चुकी थी. जिसे चालू करवाना था. वो बूढा फॉर डिविजन सरकारी कर्मचारी था.

जिसकी पेंशन भी बहुत कम थी. मुकेश जीत गया और उसकी पेंशन चालू हो गई. फेस कुछ 5000 तय हुई थी. प्रकाश जीतने के बाद वह बूढ़ा रिक्वेस्ट करने लगा. ऑफिस बाद में दे देगा. फिलहाल उसके पास पैसे नहीं है. कोमल अपना पैसा कभी नहीं छोड़ती थी. इस मामले में बहुत कमीनी थी. कोमल ने गुस्से में तुरंत उसकी गर्दन पकड़ ली.


कोमल : (गुस्सा) साले बुड्ढे. एक तो तेरा कैसे लिया. और तू पैसे देने में नाटक कर रहा है.


वो बूढा घबरा गया. और हाथ जोड़ने लगा. कोमल को याद आया कैसे उस से एक पाप हुआ. जिसे याद कर के उसे सुसाइड करने का मन होने लगा. कोमल अफसोस करने लगी.


कोमल : क्या हो गया चाचा पैसा क्यों नहीं है.



बुद्ध ने बताया उसकी बहू उसे मरते पीटीती है. उसे खाना भी नहीं देती. कोमल सारा मामला समझ गई. कोमल ने उस बूढ़े को खाने का पूछा. वो भूखा भी था. और जाने के लिए पैसे भी कम थे.


कोमल : फिक्र मत कर चाचा. तेरी बहू को भी हम देख लेंगे. ले 500 रूपए. खाना भी खा लेना. इससे हो जाएगा ना.


कोमल जैसी बेरहेम ने पहेली बार किसी पर दया दिखाई. और दान पुण्य भी किया. शायद उसने पहली बार दुआ कमाई थी. शाम 5:00 की उसकी एक और मीटिंग थी. कोमल एक कंपनी की डील के लिए वहां चली गई. उसने कंपनी को लीगल एडवाइस दी. अब जो पेमेंट मिला. कोमल की सोच से ज्यादा थी. कोमल ने सोचा था शायद उसे 25,000 तक मिलेगा. लेकिन उसे 2,00,000 दिए गए.

क्योंकि कंपनी का काम लंबे वक्त तक रुका हुआ था. और कोमल की एडवाइस से लग रहा था कि उनका काम अच्छे से होगा. साथ में कोमल ने कुछ और भी फ्री एडवाइस दी थी. उन्हें कोमल पॉजिटिव लगी. कमल का मूड खुश हो गया. उसने 5000 गावाए तो 2 लाख कमाए. शाम हो चुकी थी. कोमल को इलाहाबाद के लिए कोई फ्लाइट नहीं मिली. वह अपने घर चली गई. उसने डॉक्टर रुस्तम को कॉल लगाया. और बताएं कि वह नहीं आ सकती.


डॉ : हम दो दिन रिसर्च करेंगे. देख लो कल शाम तक तुम शायद आप आ पाओ तो.


कोमल मान गई. वह अपने फ्लैट में थी. उसने खाना खाया और सो गई. सोते वक्त उसे वह ख्याल जरूर आया. जिस गरीब परिवार की जमीन उसके कारण गई थी. कोमल उनके लिए कुछ करना चाहती थी. उस रात कोमल घोड़े बेच कर सोइ. सुबह उठी और पॉजिटिविटी के साथ सब काम किया. नहाना धोना दिया बत्ती करना प्रार्थना करना. और कोर्ट मे. कोमल के पास केस नहीं था.

पर काम बहोत थे. जिनसे पैसे आ सके. वो दूसरे वकीलों को तक एडवाइस देती थी. कोमल के पास केश कम होते. पर मोटी रकम देने वाले होते. वो सस्ते केश तब ही लेती जब वो उसके टाइम मे फिट बैठ रहे होते. टाइम जैसे एक केश लड़ लिया. तो दूसरा सस्ता केश भी एटैच टाइम में हो. कोमल दोपहर 3:00 बजे फ्री हुई.

वो अपने घर जा रही थी. पर उसे वो बूढ़े दम्पति बार बार याद आ रहे थे. कोमल ने अहमदाबाद के बहार की तरफ जाने वाले रास्ते पर कार दौड़ाड़ी. उसे ज्यादा दूर नहीं जाना था. क्यों की वो जगह अहमदाबाद से टच ही थी. कोमल कुछ 20 मिनट मे ही वो जगह पहोच गई. कोमल ने जिस जमीन को बिकवाया था. वहां मॉल बन गया था.

कोमल को बहोत अफ़सोस हुआ. वो खेती की जमीन थी. दए बाए नजर दोडाइ पर वो दम्पति कहा मिलते. वो रोड की जमीन थी. रोड पर एक गैरेज था. कोमल वहां गई. क्यों की वो गैरेज पहले भी था. कोमल उस गैरेज पर गई और उस बूढ़े बूढी के बारे मे पूछा. उस गैरेज वाले ने बताया की वो मॉल के पीछे वाले गांव मे ही रहते है.

वो बूढा इसी मॉल मे सिक्योरिटी का काम करता है. कोमल ने उस बूढ़े का नाम भी पूछा. उसका नाम किशोर भाई था. कोमल ने मॉल मे जाकर उस बूढ़े के बारे मे पता किया तो पता चला की वो नाईट सिफ्ट करता है. कोमल तुरंत ही अपनी कार लेकर उस गांव मे चली गई.

पूछ ताछ करने पर उसे किशोर भाई का घर मिल गया. उसका घर तो पक्का था. पर छत टीन शेड वाली. मतलब लोहे के पतरे. वो लोग कोमल को देखते ही पहचान गई. कोमल को डर था की उसे देख कर वो भड़क जाएंगे. गालिया देंगे. हो सकता है की अटैक भी कर दे. पर उस बुढ़िया ने उसे देखते ही पहचान लिया.


बुढ़िया : (स्माइल) अरे बेन आवो आवो.


कोमल गुजरती जानती थी. उसे विश्वास नहीं हो रहा था. उस बुढ़िया ने उसे बहोत प्रेम से बैठाया. चाय पानी भी पिलाया. किशोर भाई किसी के ट्रैक्टर पर काम करने गए थे. कोमल हैरान थी की किशोर भाई दो तीन गुनाह ज्यादा काम करते है. तभि किशोर भाई भी आ गए. किशोर भाई भी कोमल से खूब आदर सत्कार से पेश आए.

कोमल ने खुद ही बताया की उसी ने उनकी जमीन बिकवाई. पर उन दम्पति ने तो सब किश्मत का खेल बताया. कोमल को ये भी पता चला की उनका एक बेटा और बेटी थी. दोनों की शादी कर दीं. पर बेटा बीमारी के कारण मर गया. बेटे की एक बेटी थी. वो जो फिलहाल 12 क्लास साइंस मे पढ़ रही थी. सरकारी खर्चे पर.

वो पढ़ने मे होशियार थी. वो डॉक्टर बन ना चाहती थी. वो जमीन इसी लिए नहीं बेच रहा था. की वक्त आने पर पोती की पढ़ाई के लिए पैसों की जरूरत हुई तब वो जमीन बिक्री करेंगे. मगर कोमल ने बहोत सस्ते दाम पर वो जमीन बिकवा दीं थी. कोमल ने उन्हें 10,000 रुपये दिए. वादा किया की उनकी पोती की पूरी पढ़ाई का खर्च वो उठाएगी. साथ मे उसके मकान की छत भी वो डलवाएगी.

कोमल वहां से चली गई. कार चलाते उसे बहोत ख़ुशी हो रही थी. रास्ते मे एक सरकारी स्कूल दिखी. जिसमे से बच्चे बहार आ रहे थे. शायद स्कूल की छुट्टी हुई थी. कोमल ने भी वही गाड़ी रोक दी. और गेट पर चली गई. वही गुब्बारे वाला भी खड़ा था. कोमल ने उसे गुब्बारे वाले को पैसे दिए. और बोला कि सभी बच्चों को एक-एक गुब्बारा देते जाए. इस गुब्बारे वाले ने भी यही किया. वह भी बहुत गरीब था.

उसके सारे गुब्बारे बिक गए. वह भी खुश हो गया. और उसने खुशी से कोमल को एक गुब्बारे का पैकेट दे दिया. कोमल ने बोला. वो इन गब्बर का क्या करेगी. गुब्बारे वालों ने कहा किसी और बच्चों को दे देना. यह कर्म था. कमल के कर्म बैक होकर उसे मिल रहे थे.

उसे एक बड़ी दिल तो मिल गई. 2 लाख रुप जैसी बड़ी रकम भी मिली. कोमल अपने फ्लैट में वापस आई. उसने फ्लाइट बुक करी. उसकी शाम 06:00 बजे की फ्लाइट थी. कोमल ने मैसेज डॉ रुस्तम और बालवीर को भी कर दिया. और कोमल फ्रेश होकर एयरपोर्ट के लिए निकल गई. कोमल ने फ्लाइट मे बैठने से पहले डॉ रुस्तम को call किया.


डॉ : हेलो कोमल. तुम आ रही होना??


कोमल : हां मैं आ रही हूं. बालवीर कैसा है??


डॉ : वह ठीक है.


कोमल : कल कुछ हुआ??? मतलब मै नहीं थी. आप उन बच्चों की एंटीटी से कनेक्शन जोड़ने की कोशिश में थे जो...


डॉ : कुछ भी नहीं हुआ. वह बातें नहीं करना चाहते शायद. हमारे दो कैमरास भी ब्लास्ट हो गए. आज लास्ट कोशिश करेंगे. नहीं हुआ तो फिर दाई माँ को बुलाने की कोशिश करेंगे.


कोमल : मैं 8:00 बजे तक पहुंच जाउंगी.


डॉ : ठीक है. तुम्हें पिकअप करने के लिए बस वहीं पर मिलेगी.


कोमल : ओके फिर वहीं मिलते हैं.


कोमल ने फोन कट कर दिया. और फ्लाइट के लिए निकल गई. वह सही टाइम पर इलाहाबाद पहुंच गई. इलाहबाद पहोचते ही कोमल एयरपोर्ट से बहार निकली. उसे वही बस दिख भी गई. बस के साथ एक ड्राइवर और बालवीर भी खड़ा था. बालवीर कोमल कोई कॉल करने की कोशिश कर रहा था. उसने भी कोमल को देख लिया और हाथ हिलाया. कोमल स्माइल करती हुई उसकी तरफ चली गई.

करीब पहोचते दोनों की नजरें मिली. और दोनों के फेस पर खुशियों भरी स्माइल. वो बस मे बैठ गए और बस चल पड़ी. बलबीर उसे समझाने लगा. बहोत खर्चा हो रहा है. अब नहीं आएँगे. कोमल उसे समझाती है की कमाएंगे तभि तो खर्चा होगा. कोई बात नहीं.


कोमल : कल वहां क्या हुआ???


बलबीर : वहां जो छत गिरी थी. डॉ साहब गए. कैमरा वगेरा लगा हुआ था. मै तो निचे था. पर उन्होंने वो कान मे सुन ने वाला( हेडफोन) दिये थे. उस से डॉ साहब को देखा भी. और सुना भी. डॉ साहब वहां अकेले बैठ गए.


डॉ : क्या यहाँ पर मेरे सिवा कोई है??? अगर है तो हिशारा दे.


कुछ भी नहीं हुआ.


डॉ : क्या यहाँ पर बच्चों तुम हो. हो तो मुझसे बात करने की कोसिस करो. कोई हिशारा दो. वो टूटी हुई खिड़की को हिलाओ. मुजे पता चल जाएगा.


पर कुछ नहीं हुआ. डॉ साहब फिर भी बात करने की कोसिस कर रहे थे.


डॉ : देखो मै तुमसे बात करना चाहता हु. प्लीज कोई तो हिशारा दो.


तभि अचानक वहां जो एक बड़ी लाइट लगाई थी. वो एकदम से फुट गई. डॉ साहब तुरंत खड़े हो गए. उसके बाद जैसे वो खड़े हुए उनके सामने वाला कैमरा फूटा. डॉ साहब फिर भी खड़े रहे. फिर वो नवीन ने उनके फोन पे फोन( रेडियो सेट) किया. नवीन उन्हें बताने लगा की फ्रीक्वेंसी मिल रही है. स्पीड भी मिल रही है. वह कुछ कहना चाहते हैं.


डॉ : पूछो वह क्या कहना चाहते हैं???


नवीन : वह यहां से जाने को बोल रहे हैं. वह एक नई कई सारे है.


मेने भी देखा. छोटी सी टीवी पर गुलाबी नीला गुलाबी नीला होने लगा. तभी अचानक एक और कैमरा फूट गया. और डॉक्टर सब नीचे आ गए.



कोमल : किसी को कोई नुकसान तो नहीं हुआ?? किसी को कोई चोट???


बालवीर : नहीं वैसा तो कुछ नहीं हुआ.


बाते करते हुए वो दोनों उसी स्कूल वाली लोकेशन पर ही पहोच गए. पर वहां तो पैकअप की तैयारी हो रही थी. कोमल ने डॉ रुस्तम को देखा. और तुरंत उनके पास पहोच गई.


कोमल : डॉक्टर साहब मे आ गई. पर यहाँ क्या हो रहा है.


डॉ रुस्तम थोडा लम्बी शांस लेते मुश्कुराए.


डॉ : सायद वो हमसे बात नहीं करना चाहते. कल मे दाई माँ को call कर दूंगा. वो सब संभल लेगी. यहाँ विधि ही करनी पड़ेगी.


कोमल : प्लीज मै ट्राय करू???


डॉ : तुम पागल हो. तुम इस फिल्ड को जानती नहीं. अभी कल ही आई हो. तुम जानती हो कल मेरे साथ क्या हुआ????


कोमल : हा सर.. बलबीर ने मुजे बताया. पर मुजे एक कोसिस करने दो प्लीज.


डॉ : नहीं. कल हम मुंबई वापस जाएंगे. तुम भी वापस जाओ. प्लीज. तुम्हे कुछ हुआ तो दाई माँ मुजे माफ नहीं करेंगी. बड़ी मिन्नतो से मेने उनसे तुम्हे अपने साथ काम करवाने को राजी किया. वो बिलकुल नहीं चाहती थी.


कोमल : मै यहाँ आई. कोई तो ऊपर वाले की मर्जी होंगी. अब मेरे लिए इतना कुछ किया तो एक मौका दो. और पैदा होते कौन सिख जाता है.




 
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Shetan

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Update 23B



डॉ : ना, नहीं नो. अब आगे कोई बात नहीं.


कोमल वकील थी. इतनी आसानी से मान जाती क्या.


कोमल : डॉ साहब आपने ही मुजे इस काम के लिए राज़ी किया. ये कहेके ना की ये लोगो की भलाई के लिए है.


एक पल वो कोमल को देखते रहे.


डॉ : मुजे तुम मे गौरव तिवारी नजर आ रहे है. ठीक है जाओ. पर याद रहे. हम किसी भी एनटीटी से कोई डील नहीं करते. कोई वादा कोई कसम प्रॉमिस मत करना. वरना प्रॉब्लम होंगी.


कोमल : हा ठीक है. पर ये गौरव तिवारी कौन है???


डॉ : वो मै बाद मे बताऊंगा. अभी तुम जाने की तैयारी करो.


डॉ रुस्तम ने घूम कर सब को वापिस सेटअप लगाने को कहते है. बलबीर भी कोमल के पास ही था.


कोमल : बलबीर मेरे पर्स मे एक गुब्बारो का पैकेट है. उसके प्लीज सारे गुब्बारो मे हवा भर दो. हो सके तो कुछ और भी लोगो को ले लो. ताकि जल्दी काम हो जाए.


बलबीर तुरंत बस मे गया. और अपने काम मे लग गया. ड्राइवर और दो लोग उसके साथ जूटे. मगर गुब्बारो मे मुँह से हवा भरना भी मामूली काम नहीं है. इसके लिए शरीर मे तंदुरस्त फेफड़े चाहिये. सब की हालत ख़राब हुई. मगर बलवीर एक गांव का तंदुरस्त नवजावान था.

हालत तो उसकी भी ख़राब हुई. पर वो जानता था की ये सब वो कोमल के लिए कर रहा है. वही कोमल को भी डॉ रुस्तम की टीम तैयार करने लगी. उसपर माइक्रोफोन माइक्रो कैमरा. सेंसर डिवाइस बहोत कुछ लगाया गया. कोमल जाने के लिए तैयार हो गई.


डॉ : क्या कोमल तुम तैयार हो???


कोमल ने हा मे सर हिलाया. डर उसे भी लग रहा था. उसकी दिल की धड़कने भी तेज़ थी. पर कोमल रोमांचित भी हो रही थी. उसे अंदर से फील हो रहा था की कुछ अच्छा भी होने वाला है.


डॉ : याद रखना किसी भी एनटीटी से नो डील. कुछ भी प्रॉमिस मत कर देना. वरना लेने के देने पड़ जाएंगे. तभि बस से दोनों हाथो मे गुब्बारे लिए बलबीर आने लगा.


बलबीर : कोमल....


उसके पीछे ड्राइवर और एक और बंदा भी था. गुब्बारे इतने ज्यादा थे की एक इंसान नहीं ला सकता था. डॉ रुस्तम गुब्बारो को देख कर हैरान रहे गए. पर फेस स्माइल भी करने लगा.


डॉ : (स्माइल) गुब्बारे.


कोमल : बलबीर जल्दी इन सारे गुब्बारो को वही उसी क्लास रूम मे पहोंचा दो.


बलबीर कोमल के किसी भी काम को रुकने नहीं देता. बाकि लोग जाने से डर रहे थे. पर बलबीर ने सारे गुब्बारे 3 चक्कर लगाकर क्लास रूम मे पहोचवा दिए. वो कोमल के पास वापस आया. स्पीड की वजह से वो पसीना पसीना भी हो गया था. थोडा हाफ भी रहा था.


बलबीर : (स्माइल) हो गया.


कोमल : (स्माइल) थैंक्यू बलबीर.


बलबीर के लिए तो वो थैंक्यू i love you ही था. डॉ रुस्तम फिर कोमल को हिदायत देने लगे.


डॉ : याद रहे कोमल. नो डील. सिर्फ कोसिस करो. वो कॉन्टेक्ट करें तो ठीक. वरना तुम वापस आ जाना.


कोमल ने हा मे सर हिलाया.


डॉ : अब जाओ. Best of luck.


कोमल स्कूल के अंदर जाने लगी. डॉ रुस्तम बलबीर को वही वान मे ले जाते है. वो जानते थे की कोमल बलबीर की बात जल्दी मानेगी. इस लिए उसे पास मे रखना जरुरी था.


डॉ : पटनायक बलबीर को हेडफोन दे दो


डॉ रुस्तम और बलबीर दोनों हैडफोन पहन कर स्क्रीन के सामने बैठ गए. उस बार वो कोमल की आवाज भी सुन सकते थे. जिस क्लास रूम मे बच्चे दब कर मारे थे. कोमल उस रूम मे पहोच गई. बलबीर को डर भी लग रहा था. वही कोमल जब रूम मे पहोची same ठंडा चिल्ड माहोल. हवा बिलकुल नहीं चल रही थी. सब कुछ शांत था.

कोमल रूम मे हार तरफ देखने लगी. हैलोजन लाइट से पूरा रूम देखा जा सकता था. गुब्बारे पुरे रूम मे बिखरे हुए थे. एक भी गुब्बारे की मूवमेंट नहीं थी. कोमल ने खडे होकर एक लम्बी शांस ली. फिर दोनों हाथ पीछे करके रूम मे ही चलने लगी. जैसे वो कोई क्लास टीचर हो.


कोमल : कैसे हो बच्चों... मै तुमसे मिलने आई हु. कौन कौन मुझसे बात करेगा...


डॉ रुस्तम स्क्रीन पर कोमल की एक्टिविटी देख कर हैरान रहे गया. डॉ रुस्तम ने सिर्फ एक गुब्बारे को थोडासा हिलते देखा. जो कोमल ने नहीं देखा. पर स्क्रीन पर एक हलकी सी पिंक लाइन जरूर उभरी थी. कोमल ने एक गुब्बारा उठाया और उसे बाकि सारे गुब्बारो को दूर कर के बिच मे रख दिया. वहां सिर्फ एक चेयर भी थी. कोमल उसपर जाकर बैठ गई.


कोमल : अगर कोई मुझसे बात करना चाहता है तो प्लीज इसे राइट तरफ ले जाए.


स्क्रीन पर भी डॉ रुस्तम और बाकि पूरी टीम एक्साइड थी. ये देखने के लिए. कुछ होता है या नहीं. मगर गुब्बारा पहले तो हल्का सा राइट तरफ झूका. फिर एक राउंड राइट तरफ लुढ़क गया. हल्का सा डर कोमल को भी लगा. मगर वो स्माइल करती है.


कोमल : वेरी..... गुड. वेरी गुड. अब मुजे बताओ तुम कितने बच्चे हो यहाँ??? मै काउंटिंग करूंगी. जो भी राइट आंसर आए. आप लोग गुब्बारे को लेफ्ट तरफ कर देना.


कोमल गिनती करने लगी.


कोमल : 1,2,3....


जब कोमल गिनती कर रही थी. तब सब हैरान और एक्साइड थे. डर सभी को लग रहा था. बलबीर कोमल के लिए कुछ ज्यादा ही डर रहा था. वही कोमल की गिनती बहोत स्लो भी थी.


कोमल 30..... 31..... नहीं 31 भी नहीं है??? तो फिर क्या 32 अममम 33.... या फिर......34.


जब कोमल ने 34 बोला वो गुब्बारा एकदम स्लो लेफ्ट तरफ लुढ़क गया. कोमल की भी डर से फटने लगी. वहां नवीन का डॉ रुस्तम को रेडियो सेट पर कॉल आता है.


नवीन : नवीन तो डॉक्टर रिपोर्ट ओवर.


डॉ : या डॉक्टर ओके ओवर.


नवीन : सर बहोत कुछ हो रहा है ओवर.


डॉ : वाह... क्या क्या???? ओवर.


नवीन : वेव्स, वॉइस, बच्चों की बाते करने की भी आवाज आ रही है.


उन बच्चों के शोर की आवाज डिवाइस में कैप्चर होने लगी. जैसे एक क्लास के सारे बच्चे आपस मे बात कर रहे हो. नवीन ने नोट किया की बच्चे आपस मे बात कर रहे है. आंटी बहोत अच्छी है. देखो हमारे लिए आंटी गुब्बारे लेके आई. नवीन ने ये बात जब डॉ रुस्तम को बताई तो डॉ रुस्तम के भी कान खड़े हो गए. ऊपर से उन्होंने कोमल के सवाल पर बच्चों की तरफ से जवाब आया की वो 34 है.

ये देख कर उनके होश ही उड़ गए. ये सब बलबीर भी देख सुन रहा था. बलबीर का डर भी धीरे धीरे ज्यादा बढ़ने लगा. डॉ रुस्तम कोमल को रेडियो सेट पर कॉल करता है.


डॉ : डॉक्टर तो कोमल रिपोर्ट ओवर.


कोमल : हा बोलिये डॉ साहब????


डॉ : बच्चों की आवाज कैप्चर हो रही है. वह तुम्हें रिप्लाई दे रहे हैं. वह तुम्हें पसंद कर रहे हैं. तुमने सवाल करो. उनका जवाब हमें मिल रहा है.


कोमल की हिम्मत बढ़ गई. वो स्माइल करती है.


कोमल : तो बच्चों यहां क्या हुआ था??? तुम यहां पर क्यों हो???



बच्चों की कैप्चर वॉइस : सब कुछ पंडित जी ने किया सब कुछ पंडित जी ने किया. वह बहुत गुस्से वाले हैं. वह किसी को नहीं छोड़ते.


डॉ ने ये बात कोमल को बताई.


कोमल : बच्चों पंडित जी कहां है???



कैप्चर वॉइस : वो वह स्कूल के नीचे है. पीछे की तरफ. वह हमें नहीं जाने देंगे.


कोमल : बच्चों मैं तुम्हारी क्या मदद कर सकती हूं.


डॉ रुस्तम तुरंत भड़क गए.


डॉ : (गुस्सा) पागल लड़की. तुम्हें बोला था कोई दिल नहीं करनी है.


कोमल तो चुप हो गई. उसे एहसास हो गया की उस से गलती हो गई. पर बच्चों ने जो रिप्लाई दिया. वो दिल दहलाने वाला था.



कैप्चर वॉइस : आप हमें अच्छी लगती हो आंटी. आप मत जाओ. आप भी हमारे साथ आ जाओ. आप स्कूल की छत से कूद जाओ. आप हमारे साथ आ जाओगी.


वह बच्चे कोमल को सुसाइड अटेम्प्ट करने के लिए बोल रहे थे. यह सुनकर नवीन की भी हालत खराब हो गई और डॉक्टर रुस्तम की भी. यह सारी बातें बालवीर ने भी सुन ली. बालवीर की आंखों से तुरंत आंसू आने लगे.


कोमल : बच्चों अभी पंडित जी कहां है???



कैप्चर वॉइस : वह यहीं खड़े हैं. वह तुम्हें देख रहा है.


तभि नवीन के डिवाइस में एक बूढ़े की आवाज कैप्चर होती है



मेरी हस्तियों का विसर्जन करो. मुझे एक जगह दो. नहीं तो ऐसा ही लोग मरते रहेंगे. यह स्कूल का दान मैंने दिया था. मेरे नाम से भंडारा करने का वादा किया था. पुष्पा खंडी ने भंडारा नहीं किया. वह पैसे लेकर भाग गया.


नवीन ने ये बात डॉ रुस्तम को बताई. डॉ रुस्तम मामला समझ गए. वो कोमल को वापिस आने को कहते है.


डॉ : डॉक्टर तो कोमल रिपोर्ट ओवर.


कोमल : हां बोलिए डॉक्टर साहब.


डॉ : कोमल वापस आ जाओ ओवर.


कोमल : ओके.


कोमल खड़ी हुई और जाने लगी.


कोमल : तो ठीक है बच्चों अब मैं जा रही हूं.



नवीन के डिवाइस में फिर आवाज कैप्चर हुई


कैप्चर वॉइस : नहीं आंटी आप मत जाओ. आप हमारे साथ रहो. हमारे साथ आ जाओ. हम आपको लेने आएंगे.


ये बात बहोत कडराने वाली थी. कोमल स्कूल के बहार आ गई. डॉ उस्ताद में तुरंत ही बैकअप करने का ऑर्डर दे दिया. और वह लोग वापस आश्रम में आ गए
 
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sunoanuj

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Update 23ब



डॉ : ना, नहीं नो. अब आगे कोई बात नहीं.


कोमल वकील थी. इतनी आसानी से मान जाती क्या.


कोमल : डॉ साहब आपने ही मुजे इस काम के लिए राज़ी किया. ये कहेके ना की ये लोगो की भलाई के लिए है.


एक पल वो कोमल को देखते रहे.


डॉ : मुजे तुम मे गौरव तिवारी नजर आ रहे है. ठीक है जाओ. पर याद रहे. हम किसी भी एनटीटी से कोई डील नहीं करते. कोई वादा कोई कसम प्रॉमिस मत करना. वरना प्रॉब्लम होंगी.


कोमल : हा ठीक है. पर ये गौरव तिवारी कौन है???


डॉ : वो मै बाद मे बताऊंगा. अभी तुम जाने की तैयारी करो.


डॉ रुस्तम ने घूम कर सब को वापिस सेटअप लगाने को कहते है. बलबीर भी कोमल के पास ही था.


कोमल : बलबीर मेरे पर्स मे एक गुब्बारो का पैकेट है. उसके प्लीज सारे गुब्बारो मे हवा भर दो. हो सके तो कुछ और भी लोगो को ले लो. ताकि जल्दी काम हो जाए.


बलबीर तुरंत बस मे गया. और अपने काम मे लग गया. ड्राइवर और दो लोग उसके साथ जूटे. मगर गुब्बारो मे मुँह से हवा भरना भी मामूली काम नहीं है. इसके लिए शरीर मे तंदुरस्त फेफड़े चाहिये. सब की हालत ख़राब हुई. मगर बलवीर एक गांव का तंदुरस्त नवजावान था.

हालत तो उसकी भी ख़राब हुई. पर वो जानता था की ये सब वो कोमल के लिए कर रहा है. वही कोमल को भी डॉ रुस्तम की टीम तैयार करने लगी. उसपर माइक्रोफोन माइक्रो कैमरा. सेंसर डिवाइस बहोत कुछ लगाया गया. कोमल जाने के लिए तैयार हो गई.


डॉ : क्या कोमल तुम तैयार हो???


कोमल ने हा मे सर हिलाया. डर उसे भी लग रहा था. उसकी दिल की धड़कने भी तेज़ थी. पर कोमल रोमांचित भी हो रही थी. उसे अंदर से फील हो रहा था की कुछ अच्छा भी होने वाला है.


डॉ : याद रखना किसी भी एनटीटी से नो डील. कुछ भी प्रॉमिस मत कर देना. वरना लेने के देने पड़ जाएंगे. तभि बस से दोनों हाथो मे गुब्बारे लिए बलबीर आने लगा.


बलबीर : कोमल....


उसके पीछे ड्राइवर और एक और बंदा भी था. गुब्बारे इतने ज्यादा थे की एक इंसान नहीं ला सकता था. डॉ रुस्तम गुब्बारो को देख कर हैरान रहे गए. पर फेस स्माइल भी करने लगा.


डॉ : (स्माइल) गुब्बारे.


कोमल : बलबीर जल्दी इन सारे गुब्बारो को वही उसी क्लास रूम मे पहोंचा दो.


बलबीर कोमल के किसी भी काम को रुकने नहीं देता. बाकि लोग जाने से डर रहे थे. पर बलबीर ने सारे गुब्बारे 3 चक्कर लगाकर क्लास रूम मे पहोचवा दिए. वो कोमल के पास वापस आया. स्पीड की वजह से वो पसीना पसीना भी हो गया था. थोडा हाफ भी रहा था.


बलबीर : (स्माइल) हो गया.


कोमल : (स्माइल) थैंक्यू बलबीर.


बलबीर के लिए तो वो थैंक्यू i love you ही था. डॉ रुस्तम फिर कोमल को हिदायत देने लगे.


डॉ : याद रहे कोमल. नो डील. सिर्फ कोसिस करो. वो कॉन्टेक्ट करें तो ठीक. वरना तुम वापस आ जाना.


कोमल ने हा मे सर हिलाया.


डॉ : अब जाओ. Best of luck.


कोमल स्कूल के अंदर जाने लगी. डॉ रुस्तम बलबीर को वही वान मे ले जाते है. वो जानते थे की कोमल बलबीर की बात जल्दी मानेगी. इस लिए उसे पास मे रखना जरुरी था.


डॉ : पटनायक बलबीर को हेडफोन दे दो


डॉ रुस्तम और बलबीर दोनों हैडफोन पहन कर स्क्रीन के सामने बैठ गए. उस बार वो कोमल की आवाज भी सुन सकते थे. जिस क्लास रूम मे बच्चे दब कर मारे थे. कोमल उस रूम मे पहोच गई. बलबीर को डर भी लग रहा था. वही कोमल जब रूम मे पहोची same ठंडा चिल्ड माहोल. हवा बिलकुल नहीं चल रही थी. सब कुछ शांत था.

कोमल रूम मे हार तरफ देखने लगी. हैलोजन लाइट से पूरा रूम देखा जा सकता था. गुब्बारे पुरे रूम मे बिखरे हुए थे. एक भी गुब्बारे की मूवमेंट नहीं थी. कोमल ने खडे होकर एक लम्बी शांस ली. फिर दोनों हाथ पीछे करके रूम मे ही चलने लगी. जैसे वो कोई क्लास टीचर हो.


कोमल : कैसे हो बच्चों... मै तुमसे मिलने आई हु. कौन कौन मुझसे बात करेगा...


डॉ रुस्तम स्क्रीन पर कोमल की एक्टिविटी देख कर हैरान रहे गया. डॉ रुस्तम ने सिर्फ एक गुब्बारे को थोडासा हिलते देखा. जो कोमल ने नहीं देखा. पर स्क्रीन पर एक हलकी सी पिंक लाइन जरूर उभरी थी. कोमल ने एक गुब्बारा उठाया और उसे बाकि सारे गुब्बारो को दूर कर के बिच मे रख दिया. वहां सिर्फ एक चेयर भी थी. कोमल उसपर जाकर बैठ गई.


कोमल : अगर कोई मुझसे बात करना चाहता है तो प्लीज इसे राइट तरफ ले जाए.


स्क्रीन पर भी डॉ रुस्तम और बाकि पूरी टीम एक्साइड थी. ये देखने के लिए. कुछ होता है या नहीं. मगर गुब्बारा पहले तो हल्का सा राइट तरफ झूका. फिर एक राउंड राइट तरफ लुढ़क गया. हल्का सा डर कोमल को भी लगा. मगर वो स्माइल करती है.


कोमल : वेरी..... गुड. वेरी गुड. अब मुजे बताओ तुम कितने बच्चे हो यहाँ??? मै काउंटिंग करूंगी. जो भी राइट आंसर आए. आप लोग गुब्बारे को लेफ्ट तरफ कर देना.


कोमल गिनती करने लगी.


कोमल : 1,2,3....


जब कोमल गिनती कर रही थी. तब सब हैरान और एक्साइड थे. डर सभी को लग रहा था. बलबीर कोमल के लिए कुछ ज्यादा ही डर रहा था. वही कोमल की गिनती बहोत स्लो भी थी.


कोमल 30..... 31..... नहीं 31 भी नहीं है??? तो फिर क्या 32 अममम 33.... या फिर......34.


जब कोमल ने 34 बोला वो गुब्बारा एकदम स्लो लेफ्ट तरफ लुढ़क गया. कोमल की भी डर से फटने लगी. वहां नवीन का डॉ रुस्तम को रेडियो सेट पर कॉल आता है.


नवीन : नवीन तो डॉक्टर रिपोर्ट ओवर.


डॉ : या डॉक्टर ओके ओवर.


नवीन : सर बहोत कुछ हो रहा है ओवर.


डॉ : वाह... क्या क्या???? ओवर.


नवीन : वेव्स, वॉइस, बच्चों की बाते करने की भी आवाज आ रही है.


उन बच्चों के शोर की आवाज डिवाइस में कैप्चर होने लगी. जैसे एक क्लास के सारे बच्चे आपस मे बात कर रहे हो. नवीन ने नोट किया की बच्चे आपस मे बात कर रहे है. आंटी बहोत अच्छी है. देखो हमारे लिए आंटी गुब्बारे लेके आई. नवीन ने ये बात जब डॉ रुस्तम को बताई तो डॉ रुस्तम के भी कान खड़े हो गए. ऊपर से उन्होंने कोमल के सवाल पर बच्चों की तरफ से जवाब आया की वो 34 है.

ये देख कर उनके होश ही उड़ गए. ये सब बलबीर भी देख सुन रहा था. बलबीर का डर भी धीरे धीरे ज्यादा बढ़ने लगा. डॉ रुस्तम कोमल को रेडियो सेट पर कॉल करता है.


डॉ : डॉक्टर तो कोमल रिपोर्ट ओवर.


कोमल : हा बोलिये डॉ साहब????


डॉ : बच्चों की आवाज कैप्चर हो रही है. वह तुम्हें रिप्लाई दे रहे हैं. वह तुम्हें पसंद कर रहे हैं. तुमने सवाल करो. उनका जवाब हमें मिल रहा है.


कोमल की हिम्मत बढ़ गई. वो स्माइल करती है.


कोमल : तो बच्चों यहां क्या हुआ था??? तुम यहां पर क्यों हो???



बच्चों की कैप्चर वॉइस : सब कुछ पंडित जी ने किया सब कुछ पंडित जी ने किया. वह बहुत गुस्से वाले हैं. वह किसी को नहीं छोड़ते.


डॉ ने ये बात कोमल को बताई.


कोमल : बच्चों पंडित जी कहां है???



कैप्चर वॉइस : वो वह स्कूल के नीचे है. पीछे की तरफ. वह हमें नहीं जाने देंगे.


कोमल : बच्चों मैं तुम्हारी क्या मदद कर सकती हूं.


डॉ रुस्तम तुरंत भड़क गए.


डॉ : (गुस्सा) पागल लड़की. तुम्हें बोला था कोई दिल नहीं करनी है.


कोमल तो चुप हो गई. उसे एहसास हो गया की उस से गलती हो गई. पर बच्चों ने जो रिप्लाई दिया. वो दिल दहलाने वाला था.



कैप्चर वॉइस : आप हमें अच्छी लगती हो आंटी. आप मत जाओ. आप भी हमारे साथ आ जाओ. आप स्कूल की छत से कूद जाओ. आप हमारे साथ आ जाओगी.


वह बच्चे कोमल को सुसाइड अटेम्प्ट करने के लिए बोल रहे थे. यह सुनकर नवीन की भी हालत खराब हो गई और डॉक्टर रुस्तम की भी. यह सारी बातें बालवीर ने भी सुन ली. बालवीर की आंखों से तुरंत आंसू आने लगे.


कोमल : बच्चों अभी पंडित जी कहां है???



कैप्चर वॉइस : वह यहीं खड़े हैं. वह तुम्हें देख रहा है.


तभि नवीन के डिवाइस में एक बूढ़े की आवाज कैप्चर होती है



मेरी हस्तियों का विसर्जन करो. मुझे एक जगह दो. नहीं तो ऐसा ही लोग मरते रहेंगे. यह स्कूल का दान मैंने दिया था. मेरे नाम से भंडारा करने का वादा किया था. पुष्पा खंडी ने भंडारा नहीं किया. वह पैसे लेकर भाग गया.


नवीन ने ये बात डॉ रुस्तम को बताई. डॉ रुस्तम मामला समझ गए. वो कोमल को वापिस आने को कहते है.


डॉ : डॉक्टर तो कोमल रिपोर्ट ओवर.


कोमल : हां बोलिए डॉक्टर साहब.


डॉ : कोमल वापस आ जाओ ओवर.


कोमल : ओके.


कोमल खड़ी हुई और जाने लगी.


कोमल : तो ठीक है बच्चों अब मैं जा रही हूं.



नवीन के डिवाइस में फिर आवाज कैप्चर हुई


कैप्चर वॉइस : नहीं आंटी आप मत जाओ. आप हमारे साथ रहो. हमारे साथ आ जाओ. हम आपको लेने आएंगे.


ये बात बहोत कडराने वाली थी. कोमल स्कूल के बहार आ गई. डॉ उस्ताद में तुरंत ही बैकअप करने का ऑर्डर दे दिया. और वह लोग वापस आश्रम में आ गए
Bahut barhiya update aakhir komal ke ache Karampura ka use gal mila or bachon ki aatmaon ne bhi baat ki … bus thoda bhaownao main bah kar galti ho gayi bacho se deal kar li…

pandit ji ki atma ko mukti dilane ka suraag toh mil hee gaya is mulaqat main…

bahut hee detail main aapne likha ek aisa pratit ho raha tha ke yeh sab aankhon ke samne ho raha hai
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 

komaalrani

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Update 22

चांदनी रात थी. स्कूल के बहार वैसे तो सब दिखाई तो दे रहा था. पर स्पस्ट नहीं. गांव के बहार की स्कूल थी. जिसके बाद खेत शुरू हो जाते थे. डॉ रुस्तम की टीम के आलावा कोई भी इंसान वहां नहीं था. पूरा सन्नाटा छाया हुआ था.

रात मे टिटहरी की आवाज भी सुनाई दे रही थी. और कल कल आवाज करने वाले किडो की भी आवाज आ रही थी. पटनायक जाने को तैयार हो गया.
वो दो मंज़िला स्कूल थी. कोमल और डॉ रुस्तम वान मे बैठ गए. स्क्रीन सारी ब्लॉक एंड वाइट ही थी. स्क्रीन मे ऊपर जहा खड़ा रहकर वक्त गुजरना है.

वो जगह साफ दिखाई दे रही थी. कैमरे के आगे घूमता मच्छर जो बड़े दाने जितना दिख रहा था. वो तक साफ नजर आ रहा था. तभि स्क्रीन मे पटनायक दिखाई दिया.


वो आकर चारो तरफ देखने लगा. वहां बैठने के लिए एक चेयर भी रखी गई थी. पर पटनायक आकर वहां खड़ा हुआ. वो बैठा बिलकुल नहीं. वो खड़ा खड़ा हर तरफ देखने लगा. डॉ रुस्तम ने रेडिओ सेट उठाया.


डॉ : पटनायक टू डॉक्टर रिपोर्ट ओवर.


स्क्रीन पर साफ दिखाई दे रहा था की पटनायक के हाथ मे जो रेडिओ सेट था उसकी छोटी सी लाइट जली. पटनायक सेट को अपने फेस के पास ले गया.


पटनायक : पटनायक ओके ओवर.


डॉ : क्या सब ओके है??


पटनायक : आल ओके ओवर.


डॉ : कुछ फील हो तो बता देना. तू पुराना है यार. तू कर लेगा.


वहां डॉ रुस्तम और स्क्रीन पर पटनायक दोनों ही मुस्कुरा रहे थे. कोमल भी पटनायक को आसानी से देख रही थी. धीरे धीरे वक्त बीतने लगा. 10 मिनट हुई.


कोमल : हम ऐसे एक इंसान को वहां मतलब क्यों???


डॉ : हम जान ना चाह रहे है की वहां इतने लोगो ने सुसाइड क्यों अटेंम किया.


कोमल : पर अगर हमारे किसी इंसान ने ऐसा किया तो???


डॉ : हम हमेशा बैकअप रेडी ही रखते है.


डॉ और कोमल को बाते करते 10 ही मिनट हुई थी. बाते करते दोनों देख तो स्क्रीन पर ही रहे थे. तभि पटनायक मे बदलाव आना शुरू हुए. उसके फेस के एक्सप्रेशन चेंज होने लगे.


डॉ : तुम्हे कुछ चेंज दिखा???


कोमल : हा जब पटनायक गए थे तब उनके फेस पर एक्साइटमेंट थी. अब ऐसा लग रहा है. जैसे वो थोडा सेड है.


डॉ : गुड. तुम राइट हो.


कोमल : पर ऐसा क्या हो रहा है. क्या वो नहीं करना चाहते थे??? उन्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं हे ना???


डॉ : सायद प्रॉब्लम बाद मे होंगी. मै बाद मे बताऊंगा. बस नोटे करते रहो.


और 10 मिनट गुजर गए. तभि पटनायक मे और ज्यादा बदलाव हुआ. धीरे धीरे पटनायक रोने लगे.


कोमल : (एक्साइ सॉक) सर सर वो तो रो रहे है.


डॉ : हा हा रुको. बस देखो.


तभि एकदम से पटनायक खड़ा हो गया. और उस तरफ जाने लगा. जहा से कूद कर 12 लोगो ने सुसाइड एटम किया था. डॉ और कोमल दोनों ही सॉक हो गए. डॉ ने तुरंत ही रेडिओ सेट उठाया.


डॉ : डॉ तो पटनायक रिपोर्ट ओवर.


पटनायक रुक गया. पर उसने सेट नहीं छुआ. वो बहोत दुखी ही दिखाई दे रहा था. वो कुछ बाड बड़ा रहा था. पर रेडिओ सेट प्रेस ना करने के कारण वो क्या बोल रहा है वो पता नहीं चल रहा था.


डॉ : पटनायक पटनायक प्लीज मेरी बात सुनो वापस आ जाओ. प्लीज पटनायक तुम स्ट्रांग हो. प्लीज वापस आ जाओ.


पटनायक वापस पीछे हुआ. और वापस आने वाले रास्ते से निचे आ गया. कोमल और डॉ दोनों ने हेडफोन पहेन रखे थे. वो तुरंत अपना हेडफोन उतार कर पटनायक के पास पहोचे. वो निचे आकर भी रो ही रहा था. पर जब डॉ और कोमल दोनों उसके पास पहोचे वो रोते हुए भी मुश्कुराने लगा.


पटनायक : (रोते हुए स्माइल) सॉरी डॉक्टर. मे पूरा घंटा नहीं रुक पाया. सायद अभी प्रेक्टिस करनी पड़ेगी.


कोमल को कुछ समझ नहीं आया. वो तीनो वापस वान तक आए. कोमल ने अपनी और डॉ ने अपनी जगह ले ली. पटनायक भी थोडा उन दोनों के पीछे खिसक कर बैठा. क्यों की वान छोटी थी. तभि रेडिओ सेट पर डॉ के लिए call आया.


नवीन तो डॉक्टर रिपोर्ट ओवर.


डॉ : डॉक्टर ओके.


नवीन : क्या सतीश को भेजू क्या??? ओवर.


डॉ : नो.. वो अपने टाइम पे ही जाएगा. तुम बैटरी की सिचुएशन बताओ ओवर.


नवीन : बैकअप तो बढ़िया है ओवर.


डॉ : मतलब अभी तक नो एनी फ्रीक्वेंसी.


नवीन : राइट डॉक्टर ओवर.


डॉ : ओके रोजर.


कोमल को अब तक कुछ समझ नहीं आ रहा था की यहाँ हुआ क्या.


डॉ : (स्माइल) साला पटनायक मुजे विश्वास नहीं हो रहा है. तू साला 47 मिनट निकल लिया. पर तू चल क्यों पड़ा???


पटनायक : (स्माइल) मै मराठा हु डॉक्टर. जाता भी तो कूदता नहीं.


डॉ : (स्माइल) रहने दे रहने दे. ये मराठा कूद ही जाता.


पटनायक : (भड़कना) अरे तुम्हारा बात सुना ना. भुरोसा करने का मुझपर.


डॉ : चल ठीक है.


डॉ ने फिर सेट उठाया.


डॉ : डॉक्टर तो नवीन रिपोर्ट ओवर.


नवीन : नवीन ओके ओवर.


डॉ : सतीश को भेजो ओवर.


अब सतीश की जाने की बारी थी. कोमल कुछ नहीं बोली. पर सवाल उसके मन मे बहोत थे. वो अपने आप को रोक नहीं पाई.


कोमल : सर मुजे प्लीज बताओगे की हुआ क्या???


डॉ : ससससस...


कोमलने देखा सतीश जो की 30,35 साल का मर्द था. वो स्क्रीन पर आ चूका था. डॉ उसपर नजर बनाए हुए थे. पटनायक थोडा अपना फेस कोमल के फेस के करीब ले गया. कोमल ने अपने हेडफोन उतार दिये.


पटनायक : ध्यान से सतीश के फेस को देखो.


कोमल ने फिर सतीश के फेस को देखा. उसे सिर्फ 10 ही मिनट हुए थे. और चेंज आना शुरू हो गया. वो हसने लगा. फिर रोने लगा. फिर रोते हुए हसने लगा. उसके अंशू गिर रहे थे. अचानक उसका रोना और ज्यादा हो गया. उसकी आवाज तो नहीं आ रही थी. मगर देखने से पता चल रहा था. सतीश ऐसे जोरो से रो रहा था.

जैसे कोई मर गया हो. पूरा मुँह खोले सायद उसकी शास अटक रही हो. उसके मुँह से लार भी तपने लगी.


कोमल : (सॉक) इसे हो क्या गया???


पटनायक : इसे अपना अतीत याद आ रहा है. ये अपनी लाइफ के कोई बुरे हादसे को याद कर रहा है.


सतीश कुछ बाड बड़ा भी रहा था. तभि वो खड़े हो गया. डॉ रुस्तम ने तुरंत ही रेडिओ सेट हाथ मे लिया.


डॉ : फ़ास्ट फ़ास्ट बैकअप... कोई जल्दी जाओ. वो पक्का कूदेगा.


कोमल ये सब देख कर सॉक थी. उसने स्क्रीन पर ही देखा. सतीश उस जगह पहोच गया था. जहा से कूद कर पहले 12 लोगो ने आत्महत्या की थी. डॉ रुस्तम की टीम के कुछ बन्दे तेज़ी से जाकर उसे रोक देते है. और उसे सारे पकड़ कर निचे लाने लगे. पर सतीश उनसे छूटने की कोसिस कर रहा था. वो लोग सतीश को निचे ले आए थे. डॉ रुस्तम तुरंत खड़ा होकर सतीश तक पहोच गया.

कोमल भी उसके पीछे पीछे चली गई. कोमल ने अपनी आँखों से सतीश की हालत देखि. वो बहार आने के बाद भी रो रहा था.


सतीश : (रोते हुए) मुजे नहीं जीना. मेरी अनीता मुजे छोड़ कर चली गई. मुजे मर जाने दो.


डॉ : शांत हो जाओ सतीश शांत हो जाओ. कुछ नहीं हुआ. तुम बिलकुल ठीक हो.


कुछ पल बाद सतीश शांत हो गया. टीम ने उसे पानी पिलाया. डॉ रुस्तम ने जो कोमल को बताया वो सुनकर कोमल भी हैरान रहे गई.


डॉ : 4 साल पहले इसकी बीवी ने इसे तालाख दे दिया. और किसी और से सादी कर ली. इसे वही पल याद आया. आओ चलो उसे मेरी टीम संभाल लेगी.


वो दिनों वापिस वान की तरफ जाने लगे.


डॉ : तुम्हे समझ आ गया की वहां जाते तुम्हे तुम्हारा दुख सूख याद आएगा. वहां की एनर्जी तुम्हे उकसाएगी. तुम्हे एहसास दिलाएगी की अब तुम्हारे जीवन मे कुछ नहीं बचा. तुम्हे मर जाना चाहिये. मतलब तुम्हे सुसाइड करने का मन होने लगेगा.


वो दोनों वान तक पहोच गए थे. कोमल की जगह पटनायक ने ले ली थी.


कोमल : एक मिनट तुमने एनर्जी कहां. क्या वहां कोई एनटीटी नहीं है??


डॉ : अभी तक तो कोई एनटीटी नजर नहीं आई. कोई फ्रीक्वेंसी तो नहीं मिली. फिर हम यह नहीं मान सकते कि वह सब एंटी नहीं करवाया है. या करवा रही है. यह गलत वास्तु भी हो सकता है. जमीन की खुद की भी अपनी एनर्जी होती है.



कोमल सोच में पड़ गई. अगली बारी उसकी खुद की थी. डॉ रुस्तम ने घड़ी देखि.


डॉ : कोमल सतीश तो पुरे 15 मिनट भी नहीं रुक पाया. याद रहे. जब ऐसी सिचुएशन आती है तब तुम्हे उसे याद करना है जिसे तुम सब से ज्यादा प्यार करती हो. उस नेगेटिव एनर्जी को अपने ऊपर हावी मत होने दो.


कोमल हामी भर्ती है. बलबीर भी जानता था की अब बारी कोमल की है. वो भी वहां आ गया. कोमल और बलबीर दोनों की नजरें भी मिली.


बलबीर : कोमल...


कोमल बस बलबीर का हाथ पकड़े हुए निचे देखने लगी.


डॉ : अगर तुम ना जाना चाहो तो मै किसी और को भेज दू.


कोमल : नहीं नहीं. मै कर लुंगी.


डॉ : गुड. वन, टू, थ्री. अब जओ.


कोमल ने उस स्कूल की तरफ देखा. फिर वो बलबीर को देखती है. और अंदर जाने लगी. इस बार कोमल की जगह बलबीर ने ले ली. हलाकि उसने हैडफोन नहीं लगाए. पटनायक और डॉ रुस्तम स्क्रीन पर हैडफोन लगाए बैठे थे. और बलबीर उनके पीछे.

वो भी स्क्रीन को देख रहा था. उन्होंने देखा कोमल स्क्रीन मे दिखने लगी थी. वो वहां पहोच कर दए बाए देख रही थी. वही कोमल जब ऊपर पहोची तो उसे वही ब्लैक एंड वाइट चीजे अब रियल मे दिख रही थी.

कोमल को वो जगह भी दिख गई. जहा से लोगो ने सुसाइड एटम करने की कोसिस की थी. मगर कोमल ने वहां से तुरंत नजरें हटा ली. वो उस चेयर पर बैठ गई. और सोचने लगी. उसे 10 मिनट हो गए. पर कोई ख्याल नहीं आया. दरसल कोमल खुद भी ये जान ना चाहती थी की उसके जीवन मे कोनसा ऐसा दुख है जो सबसे ज्यादा है.

15 मिनट हो गई. पर कोमल को कोई ख्याल नहीं आया. तभि कोमल खुद ही सोचने लगी. वो खुद अपनी लाइफ को रिमाइन करने की कोसिस करने लगी. उसे सबसे पहले पलकेश याद आया.

पर उस से कोमल को कोई फर्क नहीं लगा. फिर उसे याद आया की उसने बलबीर के साथ सेक्स किया था. वो भी पलकेश को डाइवोर्स लेने से पहले. कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. उसका उसे कोई रिग्रेट नहीं था. फिर उसे याद आया कैसे उसने बलबीर के प्यार को धोए बिना पलकेश से वो चाटवा दिया. कोमल को हसीं ही आ गई. पर फिर उसे वो याद आया जब उसे पलकेश के शूट से किसी दूसरी लेडिस के परफ्यूम की खुशबू आई थी.

कोमल को गुस्सा आया. और उसने अपने दांत भींच दिये. वो पलकेश को गली भी देने लगी.


कोमल : ससस साला कुत्ता. पूरी जिंदगी चीटिंग की. और फिर मुझसे उम्मीद करेगा. भाड़ मे जा तू साले.


कोमल की ये सारी हरकते बलबीर भी देख रहा था. वहां कोमल ने अपनी आंखे बंद की. और उसे कॉलेज के लड़के याद आए. वो कैसे उन्हें चुतिया बनती. राइट टाइम पर बोल देती. मै तो तुम्हे अपना सबसे बेस्ट फ्रेंड समज़ती थी. तुम मेरे बारे मे ऐसा सोचते हो. शीट. कोमल का काटा हुआ बकरा जब तक पूरा हलाल नहीं हुआ तब तक कोमल से नहीं बच्चा. उनको याद करके तो कोमल खिल खिलाकर हसने लगी. और हस्ते हुए ताली भी बजा देती.


कोमल : (हसना) चूतिये साले.


कोमल इन सब को याद करते हुए गिनती करने लगी. पर उसे उसका पहला प्यार भी याद आया. सच्चा प्यार तो किया. पर उसे भूल गई. हलाकि कोमल की नजरों मे वो भी डंप करना ही था. इस लिए कोमल की आँखों से अंशू आ गए. वो बच्चों जैसा बिहेव करने लगी.


कोमल : ओओओ सॉरी बलबीर. मै बहोत बुरी हु ना. सॉरी..... अब मै तुम्हे कभी हर्ट नहीं करुँगी. I love you बलबीर.


प्यार का इज़हार करते कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. कोमल खुद से इन्वॉल्व होती उस एनर्जी की चपेट में आ गई थी. पर अब तक उसकी लाइफ मे ऐसा कुछ भी उसे नहीं लगा. जिसके लिए वो सुसाइड एटम करें. पर फिर उसे याद आया की अहमदाबाद के बहार की तरफ एक छोटा प्लाट उसने बिकवाया था.

जिस बेचारे की वो जमीन थी. वो बेचारा गरीब था. और कोमल ने उसके हाथ से जमीन खिंच ली. जब कोमल जिस से डील की उस बिजनेसमैन के साथ वहां पहोची तब वो किसान हाथ जोड़ के रो रहा था. पर कोमल को कोई फर्क नहीं पड़ा. कोमल अंदर से गिल्टी फील करने लगी. उसे रोना आने लगा. उसका दिल बोलने लगा कि.


कैसी है तू. एक गरीब की जमीन छीन ली. तुझे तो मर जाना चाहिए. चल खड़ी हो कूद जाए यहां से. तू जीने के लायक ही नहीं है.


कोमल के मन मे ख्याल आया. और वो खड़ी हो गई. पर कमल 55 मिनट सरवाइव कर चुकी थी. वो चल कर सुसाइड वाली जगह की तरफ जाने लगी. उसके हाथो मे जो रेडियो सेट था. उसमे से डॉ रुस्तम की आवाज आने लगी.


डॉ : कोमल रुको प्लीज. तुम मुझे सुन सकती हो. कोमल रुको प्लीज रुको.


पर कोमल नहीं रुक रही थी. वो चलती ही जा रही थी. वहां जब डॉ रुस्तम की बात कमल ने नहीं सुनी तो बालवीर ने डॉ रुस्तम के हाथ से रेडियो सेट छीन लिया.


बलबीर : कोमल रुक जाओ प्लीज रुक जाओ मेरे खाते रुक जाओ



बालवीर की आवाज सुनकर अचानक से कोमल रुक गई. वह एकदम घबरा गई. उसे एहसास हो गया कि वह कहां जा रही थी. क्यों जा रही थी. कोमल ने भी सेट पर रिप्लाई किया


कोमल : हां बालवीर में सुन रही हूं ओवर



बालवीर : वापी सजाओ कोमल


डॉ रुस्तम ने बालवीर के हाथ से रेडियो सेट ले लिया


डॉ : गुड जॉब कोमल वापस आ जाओ.


कोमल : मैं कितना टाइम सरवाइव किया.


कोमल को डॉक्टर रुस्तम की खुशी वाली आवाज सुनाई दी.


डॉ : 5 मिनिट्स एक्स्ट्रा कोमल ग्रेट जॉब


कोमल के फेस पर हसीं छा गई. और वो वहां से निचे की तरफ आने लगी. पर स्कूल के अंदर की सीढ़ियां उतरते कोमल को कुछ दिखाई दिया. 15-7 साल का बच्चा उसे खड़ा हुआ दिखाई दिया. जिसने स्कूल यूनिफार्म पहन रखी थी. कोमल भी वही खड़ी हो गई और उसे देखने लगी. वह बच्चा भी उसे ही देख रहा था वह लड़का था. तभी वह लड़का वापस अंदर भाग गया. कोमल भी उसके पीछे जाने लगी. रेडियो सेट पर डॉक्टर की फिर आवाज आने लगी.


डॉ : कोमल नहीं कोमल नहीं वापस आओ ओवर.


वह बच्चा एक खंडहर जैसे क्लास रूम में घुस गया था. कोमल भी उसके पीछे गई. वह भी क्लास रूम में घुस गई. पर क्लास रूम में उसे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. कोमल 1 मिनट खड़ी रही. उसके रेडियो सेट पर लगातार डॉक्टर रुस्तम बोल रहे थे. कोमल को एहसास हुआ वापस पीछे मुड़ गई. वह स्कूल के बाहर आ जाती है.

जब कोमल को वो छोटा लड़का दिखा. उस वक्त कैमरामैन नवीन की स्क्रीन भी blink हुई थी. उसे स्क्रीन पर बस एक ब्लू पिंक पट्टी सी नजर आई. ठीक वैसी ही स्क्रीन डॉ रुस्तम और पटनायक के सामने भी हुई. डॉ रुस्तम ने तुरंत नवीन को कॉल किया.


डॉ : डॉक्टर तो नवीन रिपोर्ट ओवर.



नवीन : नवीन ओके ओवर


डॉ : कुछ नोट हुआ क्या हुआ क्या? ओवर.



नवीन : सरवाइवर स्पीड कैच हुई है. ओवर.


डॉ : ओके नॉटेड ओवर.


जब स्क्रीन पर कोमल को वापिस आते देखा तो डॉ रुस्तम के फेस पर स्माइल आ गई. वो समझ गया की इस फिल्ड मे कोमल के रूप मे उसे रुपए का मिल गया है. पटनायक और डॉ रुस्तम की जगह किसी और ने ले ली. और वो दोनों कोमल के पास पहोचे. उसे बधाई दीं. उसके बाद डॉ रुस्तम की बारी थी. डॉ रुस्तम मजा हुआ खिलाडी था. उसने अपना टाइम पूरा किया और खुद ही वापिस आ गया. उसने आते ही सब क्लोज करने का आर्डर दिया.


डॉ : ओके गाइस बैकअप.


कोमल डॉ रुस्तम के पास आई. बलबीर भी उसके साथ था.


कोमल : डॉक्टर साहब कल 10:00 की मेरी फ्लाइट है अहमदाबाद के लिए.


डॉ : क्या तुम आगे नहीं करना चाहती????


कोमल : नहीं करना तो चाहती हु. कल मेरे केस की डेट है. तो शाम को मे वापिस आ जाउंगी.


डॉ : ठीक है. हम तुम्हे छोड़ देंगे एयरपोर्ट तक. पर देख लो. कल और परसो तक हम उन बच्चों की एंटीटी से कॉन्टेक्ट करने की कोसिस करने वाले है. अगर आ सको तो???


कोमल : नहीं सर में जरूर आऊंगी. मुजे आगे बढ़ना है.


डॉ रुस्तम ने स्माइल की.


कोमल : पर सर मे आपको कुछ बताना चाहती हु.


डॉ : हा बोलो??? कुछ देखा क्या???


कोमल : सर मेने एक छोटे बच्चे को देखा. उसने स्कूल यूनिफार्म पहनी हुई थी. और वो भाग कर किसी रूम मे चले गया. पर मै वहां गई तो मुजे कुछ नहीं दिखा.


डॉ रुस्तम समझ गए की उसी वक्त उनकी स्क्रीन blink हुई थी.


डॉ : हम इस बारे मे बादमे बात करेंगे. तुम्हे सुबह जाना है. तुम आराम कर लो.



कोमल बलबीर और सारी टीम बैकअप करके आश्रम में आ गए.


इस अपडेट के एक एक लाइन एक शब्द पर आपकी झलक दिखती है, आपकी मुहर लगी है। लग रहा था सामने कोई फिल्म चल रही है, एक एक दृश्य सामने और उसी के साथ धड़कन भी तेज हो रही थी, सस्पेंस, थ्रिल और एक तेज तड़का रोमांस का भी। बलबीर कोमल के लिए ताबीज की तरह है, जिस तरह से आपने दिखाया की बलबीर की एक आवाज पर कोमल ने रिस्पांड किया, दस रोमांस वाले प्रसंग भी इन दोनों की इस नजदीकी को नहीं दिखा सकते थे ।

कहानी में प्रवाह भी है लेकिन सास साथ द्रृश्यबंध भी आपने अच्छे बांधे हैं ।

कोमल में कुछ है जो डाक्टर रुस्तम की टीम से बहुत आगे है, स्कूली बच्चे कोमल के सामने ही निकले, शायद इसलिए की सबसे देर तक वही टिकी रही।

बहुत बढ़िया अपडेट और इतना जल्दी भी।
 

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Update 20A


डाइनिंग टेबल पर बैठे बलबीर और डॉ रुस्तम गरमा गरम खाने का लुफ्त उठा रहे थे. तब ही किचन से कोमल आई और डॉ रुस्तम की थाली मे गरमा गरम रोटी डाल देती है.


डॉ रुस्तम : अरे बस बस हो गया.


कोमल : अरे खाइये ना डॉ साहब.


डॉ : मै ज्यादा नहीं खाता. तुम तो मुजे ऑलरेडी 5 रोटी खिला चुकी हो.


कोमल : ये लास्ट है.


कोमल ने बलबीर की तरफ देखा. जो चुप चाप खा रहा था.


कोमल : बलबीर तुम कुछ लोगे???


बलबीर : नहीं. तुम भी आ जाओ ना.


कोमल : हा बस अभी आई.


कोमल भी कुछ देर मे अपनी थाली लेकर आ गई. और उन दोनों के साथ अपना खाना खाने लगी. वो दोनों खा चुके थे. बस कोमल को कंपनी देने के लिए बैठे हुए थे. डॉ रुस्तम भी सोच ही रहे थे की अपनी फिल्ड मे काम करने के लिए कोमल से कैसे पूछे. कोमल भी अपना डिनर ख़तम कर लेती है. बाकि बचा हुआ काम भी वो जल्द ही कम्पलीट कर देती है. और वो भी उनके सामने आकर बैठ गई.


डॉ : तो कोमल क्या सोचा आप ने????


कोमल : किस बारे मे.


डॉ : हमारे साथ पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेशन और रिसर्च के बारे मे. क्या आप हमारे साथ मे काम करना चाहोगी???


कोमल ने तुरंत ही बलबीर की ओर देखा. कोमल इन सब चीजों से इस लिए दूर रहना चाहती थी. क्यों की बलबीर के बच्चों को वो एक माँ की तरह प्यार कर रही थी. इसी लिए कही कोई बला उनके साथ आ गई. और उन बच्चों को पजेश करने की कोसिस करेंगी तो बलबीर से किया वादा पूरा नहीं हो पाएगा. कोमल बलबीर के बच्चों के एजुकेशन के लिए बहोत बड़ा पैसा खर्च कर रही थी.


कोमल : वो...... दरसल. मै अपने सोख के खातिर अपने लोगो को प्रॉब्लम मे नहीं डाल सकती. आप सायद समझ गए होंगे की मै कहना क्या चाहता हु.


कोमल बोलने के बाद बलबीर की आँखों मे देखती है. जैसे कहना चाहती हो की फ़िक्र मत करो.


डॉ : अगर बात सिक्योरिटी की है तो गजबराओं नहीं. हम अपने लोगो को कभी मुशीबत मे नहीं डालते. लोगो की मदद करते है. और जहा ऐसी कोई बात होती है तो हम खुद आगे रहते है..


कोमल को भले ही भूतिया किस्सों मे बहोत दिलचस्पी थी. मगर बच्चों और अपनी माँ बहन के मामले मे वो बिलकुल रिस्क नहीं लेना चाहती थी.


कोमल : माफ करना डॉ साहब. मेरी तरफ से साफ ना है. आप जानते है की मै खुद अभी क्या क्या भोग चुकी हु. आप प्लीज....


डॉ रुस्तम ने कोमल की बात बिच मे ही काट दीं.


डॉ : वही तो. मै तुमसे यही तो कहना चाहता हु.

आप खुद कितना कुछ सह चुकी हो. अपने अपने एक्स हसबैंड का अंजाम देखा ना. आप जैसे कितने लोग है. जिसने अपना एक्स नहीं फ्यूचर को गवा दिया. नजाने कितनी माँ ने बच्चों को गवा दिया. कितने परिवार इन जादू टोन और बहोत सी ऐसी चूजों से खो दिया. हम लोगो की मदद करते है.


ऐसी दिल को छू लेने वाली बातो से कोमल नहीं पिघली. क्यों की वो एक बेरहेम वकील थी. पर बलबीर बहोत जल्दी भावुक हो गया. क्यों की वो बेचारा गांव का सीधा सादा इंसान था.


बलबीर : ये तो भलाई का काम है कोमल. सायद तुम्हे करना चाहिये. और मै तो तुम्हारे साथ हार वक्त हु ही.


कोमल अब फस गई. वैसे तो ऐसे कोई मामले मे बलबीर के राज़ी हो जाने के बाद भी वो साफ मना कर देती. बलबीर को भी चुप करा देती. पर खुद की दिलचस्पी ही एक अलग ही रोमांच पैदा करने लगी. कोमल मुश्कुराते हुए अब भी यही सोच रही थी की क्या ये फेशला सही होगा.


डॉ : हम परसो शाम इलाहबाद जा रहे है. एक स्कूल है. जिसकी छत गिर जाने से कई बच्चे मर चुके थे. अगर तुम आना चाहो तो...???


डॉ रुस्तम भी बोलते बोलते रुक गए.


कोमल कुछ पल सोचने के बाद बोलती है.


कोमल : ठीक है. पर मुजे अपने काम के लिए जरुरत हुई तो मै बिच मे से ही चली जाउंगी. प्लीज इसके लिए आप को भी समझना होगा.


डॉ रुस्तम ने तुरंत ही स्माइल करते हुए अपना हाथ कोमल की तरफ बढ़ाया. कोमल भी खुश होकर डॉ रुस्तम से हाथ मिलती है. बलबीर भी खुश था की कोमल मान गई. वक्त आ गया सोने का. डॉ रुस्तम पहले की तरह ड्रॉइंगरूम मे ही सो गए. बलबीर कोमल के बेडरूम मे कोमल का इंतजार कर रहा था. उसके हाथ मे कोमल का मोबाइल था. वो कोमल के ही फोटोज देख रहा था.

वैसे तो कोमल ने पलकेश और शादी के सारे फोटोज डिलीट कर दिये थे. पर अपने सिंगल फोटोज को सेव रखा हुआ था. कोमल के साड़ी मे कई फोटोज थे. बहोत सारे फोटोज स्लिवलेस और डीप नेक ब्लाउज वाले थे. ब्रा जैसे दिखने वाले हॉट ब्लाउज मे कोमल बहोत हॉट लग रही थी. और भी कई फोटोज थे.

जिसमे कोमल ने वनपीस गाउन पहना हुआ था. जिसमे टांगो की तरफ लम्बा कट था. बलबीर सिर्फ कोमल की फोटोज देख कर ही अकर्षित हुआ जा रहा था. वो ऊँगली घुमाते हर एक फोटोज को बड़ी गौर से देख रहा था. तभि कोमल के कॉलेज टाइम के फोटोज भी आ गए. जिसमे कोमल की छोटी छोटी ड्रेस मे फोटोज थे.

उस वक्त कोमल भरी हुई महिला नहीं एक टीन गर्ल थी. कोमल तो पहले से ही लम्बी हाईट वाली लड़की थी. कोमल कभी झंगो तक या उस से भी छोटे ड्रेस मे. तो कभी छोटी स्कर्ट मे दिखाई देती. इंडियन आउटफिट मे भी कोमल के फोटोज थे. कोमल बहोत ब्यूटीफुल और हॉट थी. उन फोटोज को देखने के कारण बलबीर का प्यार और अरमान दोनों ही जाग गए. तभि कोमल अंदर आई.

उसके हाथ मे तौलिया था. और वो फुल ढीली ढली मैक्सी मे थी. बलबीर के एक हाथ मे अपना मोबाइल और दूसरे हाथ पाजामे के ऊपर से ही अपने खूंटे पर देख के कोमल के फेस पर भी स्माइल आ गई.


कोमल : (स्माइल) क्या देख रहे हो???


बलबीर ने तुरंत ही मोबाइल साइड रखा. और कोमल को लेटने की जगह दीं.


बलबीर : सब तुम्हारी ही फोटू(फोटोज) देख रहा था.


कोमल भी बलबीर के बगल मे लेट कर बलबीर की तरफ झूक गई. उसकी चेस्ट पर अपना हाथ रख कर हलका हलका साहलाते हुए बलबीर की आँखों मे देखने लगी.


कोमल : (स्माइल) अच्छा??? तो कैसे लगे मेरे..... फोटू(फोटोज)????


कोमल ने जानबुचकर फोटू कहा. उसे बलबीर का देहाती होना और साफ हिंदी बोलते वक्त कुछ ऐसे शब्दो को सुन ना बहोत अच्छा लगता था. वो जानती थी की बलबीर उसकी जब भी तारीफ करता है. जो फील करता है. वही बोलता है.


बलबीर : तुम ना किसी फ़िल्म की हीरोइन की तरह लगती हो.


बस कोमल को और क्या चाहिये था. जब इसे पता हो की वो किसी के लिए कितनी स्पेशल है. उसे केसी लगती है. तब उसे और क्या चाहिये. बलबीर का उस तरह देखना कोमल को मदहोश ही कर रहा था.


कोमल : (स्माइल) अब तो ये हीरोइन तुम्हारी है.


बलबीर कुछ बोलने ही वाला था. की कोमल ने लपक कर उसके होठो से अपने होंठ ही जोड़ दिये. और लिप्स को लॉक कर के उसके ऊपर ही चढ़ गई. पर बलबीर से इतनी जबरदस्त तारीफ मिली की कोमल कुछ ज्यादा ही एक्सएटमेंट फील कर रही थी. मस्ती मे आकर कोमल ने बलबीर की गंजी को ही दोनों हाथो से पकड़ा और जोर से झटका लगाकर फाड़ दिया.


बलबीर : ममममम... (किस तोड़ते) (सॉक) ये क्या किया. फाड़ दीं??? 4 दिन पहले ही तो लाया था. साला नई बनियान फाड़ दीं.


कोमल को हसीं आ रही थी. और बलबीर की हलत पर वो बड़ी जोरो से हस रही थी.


कोमल : अरे यार नई ले लेना. अभी छोडो.


कोमल ने बलबीर को अफ़सोस करने का बाद मे मौका नहीं दिया. और वो उसपर टूट पड़ी. बलबीर भी कोमल के फोटोज देख कर मस्त हो चूका था. आखिर वो उसके सपनों की सहेजादी थी. और सहेजादी भी उसकी खुद की बाहो मे. ब्यूटी और बिस्ट का मिलन हुआ. तंदुरस्त और सुंदरता के समागम मे दोनों ने ही खूब आनंद लेते खुशियाँ बटोरी. प्रेम और वासना के संगम मे कब नींद आई.

कब रात गुजरी पता ही नहीं चला. सुबह 8 बजे खट पट की आवाज से कोमल की नींद खुली तब कोमल बेड पर अकेली थी. कोमल ने एक बेडशीट ओढ़ रखी थी. जिसमे वो अंदर से नंगी थी. कोमल ने दए बाए देखा. उसे अपनी ब्रा तो मिल गई. पर पैंटी नहीं मिली. कोमल फटाफट ब्रा और ऊपर वही ढीली ढली मैक्सी पहन कर बहार आई.

वो दोनों की भी नजरें कोमल पर गई. कोमल के बिखरे हुए बाल हालत बहोत खुबशुरत भूतनी ही लग रही थी.


डॉ : कोमलजी अब मुजे जाना है. बलबीर मुजे छोड़ने जा रहा है.


कोमल : ओह गोड. बलबीर तुम्हे मुजे जगाना चाहिये था ना. डॉ साहब को कम से कम मै एयरपोर्ट तक ड्राप करने तक तो जा सकती थी ना.


बलबीर : हा तो अभी कोनसा ज्यादा टाइम बीत गया. जल्दी तैयार हो जाओ.


कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. और वो फटाफट बाथरूम की तरफ भागी. बलबीर ने डॉ रुस्तम को बहोत बढ़िया नास्ता करवाया. और सही टाइम पर तीनो एयरपोर्ट के लिए निकल पड़े.


बलबीर कार ड्राइव कर रहा था. और डॉ रुस्तम उसके बगल मे ही आगे की फ्रंट शीट पर था. कोमल अकेली पीछे बैठी हुई थी. बलबीर शहर के ट्रैफिक को काट ते हुए कार एयरपोर्ट तक पहोंचा रहा था.


डॉ : कोमल मुंबई से हमारी कल दोपहर 3 बजे की फ्लाइट है. हम सायद 04:30 तक इलाहबाद एयरपोर्ट पहोच जाएंगे.


कोमल : मै यही से डाइरेक्ट पहोच जाउंगी. आप फ़िक्र ना करें.


डॉ रुस्तम ने अपने बैग से पहले से ही कुछ सामान निकला हुआ था. जो उसके हाथ मे ही था. वो पीछे मुड़कर कोमल को वो सामान देता है. कोमल ने उसे हाथ मे लिया. एक लाल कपडे मे कुछ 6 किले थी. एक विलचैंग था जो बंधा हुआ था. इसके आलावा नीबू और मिर्ची की छोटी सी मला थी.


डॉ : मेने बलबीर को सब समझा दिया है. वो सब अच्छे से कर लेगा. इसे संभल के रख दो.


कोमल और बलबीर डॉ साहब को एयरपोर्ट छोड़ देते है. और वो मुंबई के लिए निकल जाते है. कोमल और बलबीर घर के लिए वापिस जाने लगे.


बलबीर : तुम पागल तो नहीं हो. ट्रैन से ही 38,40 घंटे लग जाएंगे.
कोमल का मूड शारारत करने का हो रहा था. वो बलवीर के कंधे पर हाथ रख कर हलके हलके सहलाने लगी.


कोमल : (स्माइल) कोई बात नहीं ये परी तुम्हे उड़ाकर ले जाएगी.


बलबीर समझ गया की कोमल हवाइजहाज की बात कर रही है.


बलबीर : उसमे कितना पैसा लगता है.


कोमल समझ गई की बलबीर पैसा जान गया तो जाने को तैयार नहीं होगा.


कोमल : वो बॉयफ्रेंड के लिए फ्री होता है.


बलबीर : (स्माइल) एहहह... बस सुबह सुबह तुम्हे मे ही मिलता हु.


कोमल को भी हसीं आने लगी.


कोमल : (स्माइल) अरे सच मे. अगर कोई लड़की जाती है तो उसके बॉयफ्रेंड की टिकिट फ्री.


बलबीर : (स्माइल) और पति हुआ तो.


कोमल : नहीं उसका उल्टा है. पति के साथ पत्नी फ्री. और लड़की के साथ उसका बॉयफ्रेंड फ्री.


कोमल को बलबीर से ऐसा मज़ाक करना पसंद आ रहा था.


बलबीर : तो अगर जैसे की मै अपनी बीवी को लेजाऊंगा तो फ्री. और अगर गर्लफ्रेंड को ले गया तो???


कोमल : नई तो तो तुमसे डबल पैसा लेगा.


बलबीर : (स्माइल) ये क्या बात हुई. लड़की बॉयफ्रेंड को ले जाए तो बॉयफ्रेंड फ्री. और लड़का अपनी गर्लफ्रेंड को ले जाए तो डबल पैसे...


कोमल : (स्माइल) हा तुम्हे नहीं पता. ये सरकार की योजना है यार. लड़कियों को प्रोत्साहन देने के लिए.


बलबीर : ये कोनसी योजना है??? लड़का पटाओ योजना या लड़का घुमाओ योजना.


अपने मज़ाक से ज्यादा कोमल को बलबीर का मज़ाक ज्यादा मज़ेदार लगा. दोनों ही खिल खिलाकर हसने लगे. कोमल ने झट से मोबाइल निकला और 2 टिकिट बुक करने लगी. एक टिकिट की कॉस्ट 8500 रूपये थी. कोमल ने बिलकुल परवाह नहीं की और झट से टिकिट बुक कर दीं. एक तो कोमल को बलबीर के लिए कुछ करना अच्छा लगता था. और दूसरा अब भी कोमल के पास जमीन की दलाली वगेरा हराम के पेसो का बेलेंस था.

पर बलबीर पेसो की कीमत समाजता था. उसे अपनी गरीबी का एहसास था. उसके बच्चों की पढ़ाई का खर्चा कोमल दे रही है. उसके लिए यही बहोत था.


बलबीर : पर मेरे पास वो नहीं है.


कोमल को हसीं आ गई.


कोमल : (स्माइल) क्या वो नहीं है??


बलबीर : (स्माइल) अरे वो फिल्मो मे बोलते हेना वो पास पासपोट(पासपोर्ट).


कोमल को हसीं आ गई. बलबीर डोमेस्टिक ट्रेवल के लिए पासपोर्ट की बात कर रहा था. कोमल को उसके भोलेपन पर प्यार आने लगा. पर शारारत करने का मान बिलकुल काम नहीं हुआ.


कोमल : (स्माइल) देखो वो मेरे पास है तो तुम्हारी जिम्मेदारी मेरी हुई. वहां कोई कुछ भी पूछेगा तो बोलना की ये मेरी गर्लफ्रेंड है. समझे??? क्या बोलोगे????


बलबीर : क्यों सुबह सुबह मेरी खिंचाई कर रही हो.


कोमल : अरे बाबा नहीं बोलोगे तो वो तुमसे पैसे ले लेंगे.


बलबीर : कितना????


कोमल : सायद 2,3 लाख ले ले. पर तुम बोलोगे की ये मेरी गर्लफ्रेंड है. तो तुम्हे उल्टा अच्छे से बात भी करेंगे.


बलबीर : हा बाबा बोल दूंगा. पर देख लो. वहां मेरे पास हवाइजहाज वाले अच्छे कपडे नहीं है. फिर कुछ बोलना मत.


कोमल को एहसास हो गया की अब तक उसने क्या नहीं किया. वैसे तो बलबीर कैसा भी दिखे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था. पर सब कोमल का मूड कुछ और ही प्लानिंग करने लगा.


कोमल : हा बाबा नहीं बोलूंगी. वहां उस मॉल मे ले चलो.


कोमल ने जैसे ही हाथो का इशारा दिया बलबीर ने एक मॉल की तरफ कार मोड़ दीं. कार पार्क करने के बाद कोमल निकली और मॉल के अंदर जाने लगी. पर बलबीर वही खड़ा रहा. तो कोमल को 4 कदम चल कर रुकना पड़ा. वो घूम कर बलबीर को देखती है.


कोमल : यहाँ क्यों खड़े हो गए. चलो अंदर.


बलबीर को मॉल मे अच्छा नहीं लगता था. अपने सिंपल पहनावे और जेब की हालत के कारण उसे बहोत छोटा महसूस होता. इस लिए वो अंदर नहीं जाना चाहता था.


बलबीर : तुम....... जाओ. मुजे अच्छा नहीं लगता अंदर.


कोमल : चुप चाप चलो अंदर. वरना.....


बलबीर : अरे यार वो इंग्लिश मे बाते करते है. मुजे कुछ तो समझ आता नहीं.


कोमल : (स्माइल) तो तुम्हे सिखाया तो है. जब कुछ समझ नहीं आए तो वही बोल देना.



बलबीर को भी हसीं आ गई. और सर खुजलता हुआ वो भी कोमल के साथ अंदर चलने लगा.
Wah wah wah
Bahot bahot bahot
MAJA AAGYA MUJHE
KASAM SE BOL RAHA HO
Shetan Devi ji
Waise ye YOJNA wala plan kafi jabardast hai to
Aapka ky vicha hai Shetan Devi ji kuch to fayda uthaya jay YOJNA ka bs mujhe Mt bhol jayga 😉😉😉
 

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कोमल बलबीर को एक अच्छे ब्रांड शॉप मे लेकर गई. जहा जेंट्सवेर ही था.


सेल्समेन : (स्माइल) yes mam??? May I help you??


कोमल : show me something formal for sir


सेल्समेन : (स्माइल) yesh mam.


वो सेल्समेन बहोत से फॉर्मल ड्रेस निकल लाया. वो पेंट शर्ट ही थे. बलबीर को समझ आ गया की कोमल ये सब उसके लिए ले रही है. पर उल्टा बलबीर को डर लगने लगा. वो समझ ही गया था की यहाँ कपडे बहोत महेंगे होंगे. पर कोमल तो चॉइस करते ही जा रही थी. कोमल ने कुछ 4 जोड़ी पेंट शर्ट ले लिए. जब वो बहार आए तो बलबीर भड़क गया.


बलबीर : तुम मुझपर इतना पैसा क्यों खरच रही हो.


कोमल भी मज़ाक कर सकती थी. मगर उसने ऐसा नहीं किया.


कोमल : बलबीर ऐसी तो क्या बात है जो मै तुम्हे कुछ दे नहीं सकती.


बलबीर : क्यों की मै बदले मे तुम्हे क्या दे रहा हु. मुजे ऐसी जिंदगी जीने की आदत नहीं है.


कोमल : ओह्ह्ह क्यों की मेने तुमसे शादी नहीं की. बस इस लिए.


बलबीर कुछ नहीं बोला. पर इस प्यार की गारंटी भी क्या थी. भरोसा करो तो बहोत कुछ हो सकता था. और सोचो तो कल कोमल का दिल भर गया या कोमल को बलबीर अपने लेवल का ना लगे तो. कोमल एक बार तो ऐसा कर भी चुकी थी. आखिर बलबीर और कोमल अपनी शादी से पहले भी प्यार कर चुके थे. पर दोनों ने ही अलग अलग शादी की. समझ ये भी कोमल को आ गया.

वो दोनों ही चुप चाप शांत खड़े थे. कोमल के थोडा जोर से बोलने के कारण आने जाने वाले लोगो ने भी जाते जाते कोमल और बलबीर की तरफ देखा. कोमल बलबीर के करीब आई. उसका हाथ पकड़ा.


कोमल : (भावुक) देखो बलबीर हमारी शादी नहीं हुई इसका मतलब ये नहीं की हम अब अलग हो जाएंगे. अब मेरी जिंदगी मे तुम्हारे सिवा और कोई नहीं आएगा बलबीर.


बलबीर शांत बस सर निचे रख कर खड़ा रहा. और कोमल खुलम खुला बलबीर को बाहो मे भर लेती है.


कोमल : मेने बस शादी तुमसे इसी लिए नहीं की क्यों की तुम मुजे किसी ऐसी चीज के लिए ना रोको जो मे करना चाहती हु.


बलबीर कोमल की भावना समझ चूका था. पर वो गांव का था. पब्लिक मे ऐसे चिपकने से उसे शर्म आने लगी.


बलबीर : हा पर समझ गया. ऐसे सब के सामने कोई क्या सोचेगा.


कोमल का मूड एकदम चेंज हो गया. उसे हसीं आ गई. और जानबुचकर वो बलबीर को बहोत जोर से हग कर देती है. बलबीर के सीने पर अपना सर रख कर आंखे बंद किये मुश्कुराते उसे सुकून मिल रहा था.


बलबीर : अरे बस बाबा हो गया.


कोमल बलबीर का हाथ पकड़ कर एक ब्राडेड शूज शॉप पर ले गई. उसने बलबीर एक लिए एक नहीं दो जोड़ी बहोत महेंगे जूते लिए. पर कोमल इतने से कहा मान ने वाली थी. लेदर बेल्ट और पर्स भी परचेस किया. उसके बाद कोमल उसे सालों में ले गई.

बालवीर तो बस कठपुतली की तरह इशारों पर नाच रहा था. कोमल ने उसके बहुत स्टाइलिस्ट हेयरकट करवाए. कहीं पर भी कोमल ने खरीदी किए हुए सामान का बालवीर को रेट नहीं पता चलने दिया. पर पूरा शॉपिंग का खर्चा 1 लाख पर कर गया था.

मज़े की बात ये थी की कोमल अपने कॉलेज टाइम पर कइयों के खर्चे करवा चुकी थी. उस टाइम वो ज्यादा सयानी हो चुकी थी. वो लड़को को ऐसे फुसलाती की लड़के उसे महेंगे महेंगे गिफ्ट देते. बढ़िया शॉपिंग करवाते. कोमल उन्हें बेस्ट फ्रेंड का लॉलीपॉप देती रहती.

लेकिन फिलहाल वही लालची कोमल लाख रूपए से ज्यादा बलबीर जैसे देसी पर कर चुकी थी. इतना सब करने के बाद भी कोमल रुकी नहीं. उसे लग रहा था की ये सब तो जिंदगी जीने की जरुरत है. बलबीर के लिए कोई अच्छा गिफ्ट तो लिया ही नहीं. कोमल ने बालवीर के लिए एक ब्रांडेड वॉच भी खरीदी. जिसकी कोस्ट कुछ 20,000 थी.

बलबीर ने सब कुछ चेंजिंग रूम मे जाकर बस फिटिंग चैक की थी. सब कुछ पहन कर नहीं देखा था. उसे हेयर कटिंग नई स्टाइल मे कटवाना बड़ा अजीब लगा. कोमल जानती थी की वो स्मार्ट लग रहा है. पर वो बार बार अपने बालो पर हाथ लगा रहा था.

तभि एक बढ़िया से शोरूम मे बलबीर को एक ड्रेस दिखी. वो ड्रेस एक भूथ को पहनई गई थी. बलबीर उस ड्रेस को बार बार देख रहा था. कोमल ने भी ये चीज नोटे की. जब कोमल ने बलबीर की नजरों का पीछा किया और उसे उस ड्रेस को निहारते देखा तो कोमल के फेस पर भी स्माइल आ गई. वो बहुत छोटा वन पीस ड्रेस था.

विदाउट शोल्डर. वो ड्रेस पुरे बूब्स को शो अप कर रहा था. और निचे से भी बस पैंटी के ख़तम होते ही वो ड्रेस भी ख़तम हो जाता.

(ऐसी ड्रेस)
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कोमल बलवीर को एक कैफ़े मे ले गई. उसे वहां बैठकर वापस आई. और उस शॉप मे जाकर वो ड्रेस ख़रीदा. सिर्फ वो ड्रेस ही नहीं ख़रीदा. वहां से सीधा एक ब्यूटी पार्लर मे चली गई. बलबीर अकेला बैठे बोर होने लगा. एक घंटे से ज्यादा हो गया. वो कोमल को call लगता है.


बलबीर : हेलो कोमल बहोत देर हो गई. कहा हो तुम???


कोमल : वह मुझे मेरा एक क्लाइंट मिल गया. तुम थोड़ा वेट करो प्लीज. मैं जल्दी आने की कोशिश कर रही हूं. पर थोड़ा टाइम लग सकता है.


अब बलबीर बेचारा क्या करता. इंतजार करते बलबीर को 3 घंटे बीत गए. शुक्र था की कोमल कॉफ़ी के साथ फूड भी आर्डर कर के गई थी. पर याद रहे की इंतजार का फल बहोत मीठा होता है. कोमल आई तो बलबीर की आंखे फटी की फटी रहे गई. कोमल उसी ड्रेस मे आई. जिसे बलबीर ने कुछ घंटो पहले शॉप मे किसी बूथ पर पहने देखा था. बलबीर ने ऐसे लुक मे बस कोमल की फोटोज ही देखि थी.

पर फिलहाल तो कोमल ऐसे हॉट लुक मे मुश्कुराती उसी की तरफ चलते हुए आ रही थी. इस बार कोमल फोटो से भी ज्यादा हॉट लग रही थी. क्यों की कोमल अब एक टीन नहीं परफेक्ट वूमेन थी. उसका हर पार्ट प्रॉपर था. बूब्स, हिप्स, कमर सब कुछ परफेक्ट. बालवीर का तो मुंह ही खुला रह गया. कोमल उसके पास आकर खड़ी हो गई.


कोमल : (स्माइल) कैसी लग रही हूं??



बालवीर बस टू गटक के रह गया. वह कुछ बोल ही नहीं पाया. बालवीर की ऐसी हालत पर कोमल को हंसी आ गई. वह खिल खिलाकर हंसने लगी.


कोमल : (स्माइल) फिल्म देखने चलोगे???


बलबीर बेचारा क्या बोलता. उसका तो मुँह खुला बंद भी नहीं हो रहा था. आँखे भी जैसे बहार गिरने वाली हो. कोमल ने अपने हाथो से उसकी थोड़ी को सपोर्ट देकर उसका मुँह बंद किया.


कोमल : (स्माइल शारारत) अब चलो.


कोमल जब चलने लगी तो आप समझ ही गए होंगे की बलबीर की नजरें कहा गई होंगी. वो दोनों साथ मे फ़िल्म देखने गए और फ़िल्म काम देखि. एक दूसरे को ज्यादा देखा. दोनों मे वो सब भी हुआ जो नए प्रेमी जोड़े जब फ़िल्म देखने साथ जाते तो क्या होता है. पर इन सब मे दोनों के शरीर का तापमान कुछ ज्यादा ही बढ़ गया.

फ़िल्म देखने के बाद दोनों ही घर आ गए. फ्लेट के निचे पहोचते दोनों ही लिफ्ट तक गए. लिफ्ट के लिए बॉटन प्रेस भी करने लगे. मगर लिफ्ट थी की बड़े आराम से आ रही थी.


कोमल : ससससस ऑफ़ फो.... ये लिफ्ट भी ना. कितनी स्लो है.


पर सायद बिच मे ही किसी ने बॉटन प्रेस कर दिया होगा. लिफ्ट बिच मे ही किसी मंज़िल पर रूक गई. कोमल सीधा सीढ़ियों की तरफ बढ़ गई. हाई हिल से सीढिया तेज़ नहीं चढ़ी जाती. पर कोमल टक टक टक आवाज करते सीढिया चढने लगी. पीछे बलबीर भी था. कोमल की सीढिया चढ़ते झंगे भर गई.

बहोत मुश्किल से वो अपने फ्लेट पर पहोची. डोर खोला अंदर आई. पर आते ही उसे बलबीर ने पकड़ लिया. कोमल इसी लिए तो जल्दी कर रही थी. उसे उसके प्रेमी बलबीर ने बाहो मे जोरो से जकड रखा था. कोमल ड्रेस की स्ट्रिप निचे उतरने लगी तो उसका हाथ बलबीर ने पकड़ लिया.


बलबीर : अह्ह्ह्ह ससस नहीं नहीं. इसे मत उतरो ऐसे ही.


कोमल समझ गई की बलबीर आज उसे पूरा nude नहीं करना चाहता. वो उसी ड्रेस मे उस से प्यार करना चाहता है. कोमल ने बलबीर के हाथ को अपने पीछे महसूस कर लिया. उसका ड्रेस पीछे की तरफ से ऊपर उठ रहा था. माहोल पल भर मे ही बदल गया. गर्माहट भी छा गई और कामुख आवाज भी निकालने लगी.


कोमल : अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह... ससससस धीरे उफ्फ्फ.....


वो पूरा दिन और रात दोनों ने ऐसे ही प्यार करते बिता दिया.
To aakhirkar KOMAL ne apane mnn ki ker Lee bechara Balbir smj skta ho kis trh se bechare ne control kia hoga khud ko Mall me sbke samne
Kehte hai sbr ka fal mitha hota hai
Jada sbr nhi krna pda BALBIR ko jldi he ghr aake suru hogya dono ka
TAK DHINAA DINNNN 😉 😉
Kher
Ab to Balbir bhi Komal ke sath Jaa Raha hai hawai Safar pe
Aage ky hota hai
Komal ko is bar kon se Activity ke bare me jaane ko milega
Intjaar hai
UPDATE KAFI MAST DIA AAPNE
Shetan Devi ji
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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29,232
204
Update 21A


नया दिन निकल गया. कोमल को डॉ रुस्तम के टाइम से मैच होने वाली कोई फ्लाइट नहीं मिली. अहमदाबाद की सिर्फ 2 ही फ्लाइट थी. एक अर्ली मॉर्निंग के लिए. और दूसरी 12:30 के लिए. कोमल ने दोपहर 12:30 की फ्लाइट बुक की थी. कोमल तो सुबह उठी नहीं मगर बलबीर एक्सीइटेड था. आखिर पहेली बार हवाई जहाज मे जो बैठ रहा था. उसकी नींद सुबह चार बजे ही खुल गई.


कोमल की नींद 5 बजे टूटी. और उसने देखा बलबीर बाथरूम से टावल लपेटे बहार आ रहा है. कोमल ने तुरंत मोबाइल मे टाइम देखा. वो हालत समझ गई. और वापस सो गई. उसकी नींद सुबह 7 बजे खुली. बलबीर ने सारी तैयारी कर ली थी. घर भी साफ कर दिया था. दिया बत्ती भी कर दीं थी. दाई माँ ने तैयार की हुई वो किले भी बताए हुई जगहों पर लगा दीं थी. डोर पर वही छोटी सी नीबू मिर्ची की मला भी लगा दीं. इन सब लगाने पर बलबीर को ठोका पीटी भी करनी पड़ी. जिसकी वजह से कोमल की नींद भी बहोत टूटी.

मगर कोमल मे बदलाव आ चूका था. अब वो चिड़चिड़ी नहीं रही थी. जब कोमल उठी और उसने देखा सारा काम हो चूका है. घर एकदम साफ है. मंदिर मे दिया जल रहा है. वो खुश हो गई. उसे गरमा गरम परठो की खुसबू भी आ रही थी. कोमल ने बलबीर से कोई शिकायत नहीं की. वो सीधा बाथरूम मे घुस गई. कोमल ने भी सब काम कम्पलीट कर दिया. नहाना धोना फ्रेश होना.

इन सब काम कम्पलीट होने के बाद कोमल का भी मन पूजा करने का होने लगा. कोमल भगवान की मूर्ति के आगे खड़ी हो गई. ग*** भगवान के आगे हाथ जोड़े. और प्रार्थना की. हे भगवान मुजे और बलबीर को सारी बुराइयों से बचाना. भगवान के आगे साफ सच्चे मन से ये पहेली प्रार्थना थी. उसके बाद बलबीर से बाते करते उसने नास्ता भी किया. बलबीर को जल्दी थी.

वो समझ सकती थी. पर पेकिंग अब भी बाकि थी. कोमल ने देखा बलबीर ने अपने पुराने बैग को भर रखा था. कोमल सोच मे पड़ गई.


कोमल : ये क्या किया. हमें क्या वहां बसने जाना है. सिर्फ दो दिन लगेंगे.


बलबीर बेचारा क्या बोलता. वो बस कोमल को देखता ही रहा.


कोमल : तुम चुप चाप बैठो. मै सब कर लुंगी.


कोमल ने एक ट्रॉली बैग निकला. उसमे अपने और बलबीर के कपडे और जरुरी सामान डालने लगी. जब वो अपनी ब्रा और पैंटी डाल रही थी. तब उसकी नजरें निचे थी. कोमल नजरें निचे किये मुस्कुरा भी रही थी. वो जानती थी की बलबीर उसे देख रहा है. कोमल को शर्म भी आ रही थी और उसे मझा भी आ रहा था. कोमल सारी पेकिंग करने के बाद सबसे पहले खुद बलबीर को तैयार करती है.

उसे इसी पल का तो इंतजार था. बलबीर के लिए उसने जो नए कपडे ख़रीदे थे. वही कपडे उसने बलबीर को पहेन ने दिये. ब्राडेड वाइट शर्ट, क्रीम पेंट, ब्लेक ब्रांडेड जूते, बेल्ट पर्स सब कुछ बढ़िया. बलबीर उस लुक मे कोई अमीरजादा ही लग रहा था. जब कोमल ने उसे तैयार कर दिया और बाथरूम के मिरर के सामने खड़ा कर दिया.

वो अपने आप को फुल तो नहीं देख सकता था. मगर खुद के लुक को देख कर बलबीर हैरान था. तभि कोमल उसके पीछे आकर खड़ी हो गई. बलबीर की नजर मिरर से ही कोमल से मिली. कोमल ने एक मोटी गोल्डीचैन बलबीर के गले मे डाली. ऐसे सीन अक्सर पत्नी या प्रेमिका को प्रेमी या पति करता है. पर यहाँ उल्टा था.

यहाँ प्रेमिका प्रेमी को इस तरह से तोफे दे रही थी. कोमल ने गोल्ड चेन के बाद उसका हाथ पकड़ा. और महंगी घड़ी उसके हाथ मे बांध दीं. कोमल वहां से चली गई. बलबीर आईने मे अपने आप को कई देर देखता ही रहा. उसे भरोसा ही नहीं हो रहा था. वही कोमल ने अपने लिए साड़ी ही चुनी. एक हॉट ग्रीन नेट महंगी साड़ी और बहोत छोटा ब्लाउज. कोमल को थोडा टाइम लगा. बलबीर कोमल को भी देखता ही रहे गया. वो परफेक्ट मैरिड वुमन लग रही थी.

कोमल ने टेक्सी बुक की हुई थी. वो दोनों साथ एयरपोर्ट आ गए. बलबीर बहोत एक्साइटिड था. वो पहेली बार एयरपोर्ट को अंदर से देख रहा था. वो कोमल के साथ चलते हुए सब जगह देख रहा था. कोमल उसकी एक्साइटमेंट समझ सकती थी. कोमल ने खुद ही दोनों का बोर्डिंग पास लिया. पर कोमल को शारारत करने का मन होने लगा. वो चलते हुए बलबीर से जान बुचकर चिपक जाती है. वो जाताना चाहती थी की ये हैंडसम मेरे साथ है.


बलबीर : (धीमे से) क्या कर रही हो. ऐसे सब के सामने कोई क्या सोचेगा.


बलबीर बेचारा गांव का सीधा. और कोमल शहर की शरारती. देखने से तो दोनों हस्बैंड वाइफ ही लग रहे थे. क्यों की बलबीर का गेटप चेंज हो चूका था.


कोमल : (धीमी आवाज) ससससस.... तुम्हे बताया नहीं था. गर्लफ्रेंड के साथ बॉयफ्रेंड फ्री होता है. वरना उन्हें सक हो जाएगा.
आगे चेकिंग है.


बलबीर कुछ नहीं बोल पाया. वो कोमल की बातो को सच मान ने लगा. अब अंदर एंट्री लेने के लिए सिक्योरिटी चेकिंग स्टार्ट होने वाली थी. कोमल अपना मुँह घुमाकर बिना आवाज किये मुस्कुरा रही थी. उसे हंसी भी आ रही थी. पर उसे बालवीर को पता नहीं चलने देना था.


कोमल : (धीमी आवाज) देख लो. तुम्हे पता हेना कोई पूछे तो क्या बोलना है.


बलबीर थोडा डर गया. उसका थूक निगलना भी मुश्किल हो गया.


बलबीर : (घबराहट) ह ह हा हा..


कोमल मुश्कुराई वो दोनों साथ साथ चल रहे थे. ट्रे मे दोनों ने अपना अपना मोबाइल डाला, बेल्ट और पर्स भी. कोमल आगे गई. उसका मेटल डिटेक्टर से चेकिंग हुआ. कोमल ने जानबूकर दोनों बोर्डिंग पास अपने हाथ मे रखा. जब बलबीर आगे आया और उसके होलिये को देख कर सिक्योरिटी चेकिंग ऑफिसर ने उस से उसका बोर्डिंग पास माँगा.



सिक्योरिटी ऑफिसर : सर प्लीज शो योर बोर्डिंग पास???


अब बलबीर की फट गई. उस तरफ कोमल बलबीर की हालत पर खड़ी खड़ी मुस्कुरा रही थी. बलबीर कभी उस सिक्योरिटी देखा तो कभी कोमल को देखने की कोसिस करता. बालवीर ने सामने कोमल को देख लिया. और डरते हुए तुरंत ही बोल गया.


बलबीर : (डर) वो वो वो मेरी गर्लफ्रेंड हे.


कोमल तुरंत आगे आई. और दोनों बोर्डिंगपास ऊपर हाथ किये दिखाने लगी.


कोमल : yesh sir. This is their boarding pass.


सिक्योरिटी ऑफिसर ने तुरंत ही बालवीर को चेकिंग करके जाने दिया. बलबीर की हालत पर कोमल इस बार जोरो से हस पड़ी. कोमल बलबीर से एकदम चिपक कर चलने लगी. बलबीर की मजबूत बाजु मे हाथ डालकर चलना कोमल को बहोत रौनचक लग रहा था.

बलबीर ने पहेली बार एयरप्लेन को टेक ऑफ करते देखा. वो वो हैरान रहे गया. इतना बड़ा एरोप्लेन कैसे हवा मे उड़ गया. पर उसकी गति आवाज सुनकर बलबीर को थोडा डर भी लगा. कोमल सब सनाझती थी. जब वो फ्लाइट से पहेली बार ट्रैवलिंग किया.

उसे भी कुछ ऐसा ही फील हुआ था. पर मझा तब आया जब वो दोनों एरोप्लेन के अंदर गए. क्योंकि अंदर जाते ही सुंदर बालास से सामना हुआ. अंदर जाते ही एयर होस्टेस स्माइल किये सब को वेलकम कर रही थी. बलबीर को देखते ही एक एयर होस्टेस के फेस की स्माइल डार्क हो गई. बलबीर का लुक ही इतना जबरदस्त था.

वो एयर होस्टेस बलबीर से अट्रैक्ट हो गई. वो बहोत हॉट थी. छोटी सी स्क्रिट और ब्यूटीफुल फेस था. एक औरत इन चीजों को बहोत जल्दी भाप लेती है. कोमल ने भी ये सब भाप लिया. उसे बुरा ही नहीं लगा. उस एयर होस्टेस पर गुस्सा भी आने लगा. कोमल ने कोई रिएक्शन नहीं दिया. मगर हमारे बलबीर भाईसाहब तो नजरें चुराने लगे. जैसे ही एयर होस्टेस बलबीर को देख कर स्माइल करती है. बलबीर के पसीने छूटने लगे.



एयर होस्टेस : (स्माइल) वेलकम सर. गुड आफ्टरनून सर.


बलबीर तुरंत निचे देखने लगा. कोमल ने जताने के लिए तुरंत बलबीर का हाथ पकड़ लिया. कोमल और बलबीर दोनों अपनी शीट तक पहोच गए. कोमल ने जानबुचकर बलबीर को विंडो शीट पर बैठाया. ताकि वो उस खुबशुरत नज़ारे को देख सके. सारे पैसेंजर्स बैठ गए थे. एयर होस्टेस बार-बार चक्कर लगा रही थी. और चक्कर लगाते उसकी नजर बार-बार बालवीर पर भी जा रही थी.

कुमार को एयर होस्टेस की हरकत पर गुस्सा भी बहुत आ रहा था. कोमल शरारत किये बिना रहे नहीं पाई. वो बलबीर की तरफ थोडा खिसक कर बहोत धीमे से बोली.


कोमल : देख रहे हो ना. उसे सक है की हम गर्लफ्रेंड बॉयफ्रेंड नहीं है. अगर पूछेगी तो बता देना.



तभी वह अरेस्ट आई. बलबीर को देख कर स्माइल करती है. और वही खड़ी होकर अपनी रटी रटाई स्पीच देने लगी. हिंदी और फिर इंग्लिश मे.


यात्रीगण कृपया ध्यान दें........


कोमल ने तुरंत ही अपनी और बलबीर दोनों की शीतबेल्ट लगा दिया. जब प्लेन टेक ऑफ हुआ तब बलबीर को बहोत डर लगा. उसने कस कर कोमल का हाथ पकड़ लिया.


कोमल : बलबीर छोडो. अब ठीक है. बलबीर बलबीर ससस.... मुजे दर्द हो रहा है.


जब कोमल का दर्द सुना तो बलबीर ने तुरंत उसका हाथ छोड़ दिया. बाद मे उसे अच्छा लगने लगा. विंडो से कुछ देर तो बदल भी दिखे. बलबीर के लिए ये सफर बड़ा रोमांचक रहा. और कुछ ही देर मे वो दोनों इलाहबाद एयरपोर्ट पर पहोच गए. ठीक फिर से वैसी ही हालत बलबीर की दोबारा भी हुई. जब प्लेन ने लेंड किया.


कोमल : (स्माइल) हम पहोच गए बलबीर. कैसा लगा??


बलबीर जैसे थक गया हो.


बलबीर : बहोत अच्छा. पर दोबारा नहीं बैठूंगा.


कोमल खिल खिलाकर हसने लगी. वो दोनों बहार जाने लगे. जाते हुए कोमल और बलबीर दोनों ने देखा एयर होस्टेस सब को गुड बाय ट्रीट कर रही थी.


कोमल : (धीमी आवाज) देखा ये कितना सक कर रही थी?? पुरे रास्ते तुम पर ही नजर रख रही थी.


बलबीर सोच मे पड़ गया. जब वो एयर होस्टेस के पास पहोंचा तो वो बलबीर से बात करने की कोसिस करती है.



एयर होस्टेस : (स्माइल) hello sir. How did you like our service???


बलबीर बेचारा इंग्लिश सुनकर डर गया. उसने कोमल का हाथ पकड़ा और हकलाते हुए बोल गया.


बलबीर : ये ये ये ये मेरी ग.. ग... गर्लफ्रेंड है.


कोमल बहोत जोरो से हसीं. उस एयर होस्टेस का मुँह देखने लायक था. स्माइल तो थी पर बहोत फीकी. कोमल बलबीर के साथ एरोप्लेन से बाहर आ गई. वो बहोत खुश थी. लड़कियों को भी लड़कों की तरह अपने वाले का शॉ अप करना पसंद है. पर उससे भी ज्यादा अपने वाले से सब के सामने एक्सेप्ट करवाना ज्यादा पसंद आता है. कोमल ने भी वही किया. वह दोनों डॉक्टर रुस्तम से पहले आ चुके थे. इसलिए उन दोनों को वेट करना पड़ा.

Wah aap to serious ke sath itna jada Romance or Masti bhi krte ho aaj pata chla mujhe
Waise ky aapka ye tarika aajmaya hua to nhi hai 😉😉😉
Detail he itni pakki lag rhe hai dout hone laga hai mujhe 😉😉😉
Kher
Mja aagya Shetan Devi ji jordar hai update ye wala bhi
 
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Shetan

Well-Known Member
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Bahut barhiya update aakhir komal ke ache Karampura ka use gal mila or bachon ki aatmaon ne bhi baat ki … bus thoda bhaownao main bah kar galti ho gayi bacho se deal kar li…

pandit ji ki atma ko mukti dilane ka suraag toh mil hee gaya is mulaqat main…

bahut hee detail main aapne likha ek aisa pratit ho raha tha ke yeh sab aankhon ke samne ho raha hai
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
मेने जानबुचकर फ़ास्ट सॉर्ट मे लास्ट वाला लिखा. इंसान का aura कब बड़ा होता है. कोमल के नेगेटिव पॉजिटिव दोनों aura पावरफुल है. कोमल के कर्मो ने उसे बचाया भी. कोमल किसी एनटीटी के हाथ आना आसान नहीं है. क्यों की वो अपने किये पाप पर भी अफ़सोस नहीं करती थी.
 
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