काफी खतरनाक माहौल...Update 22
चांदनी रात थी. स्कूल के बहार वैसे तो सब दिखाई तो दे रहा था. पर स्पस्ट नहीं. गांव के बहार की स्कूल थी. जिसके बाद खेत शुरू हो जाते थे. डॉ रुस्तम की टीम के आलावा कोई भी इंसान वहां नहीं था. पूरा सन्नाटा छाया हुआ था.
रात मे टिटहरी की आवाज भी सुनाई दे रही थी. और कल कल आवाज करने वाले किडो की भी आवाज आ रही थी. पटनायक जाने को तैयार हो गया. वो दो मंज़िला स्कूल थी. कोमल और डॉ रुस्तम वान मे बैठ गए. स्क्रीन सारी ब्लॉक एंड वाइट ही थी. स्क्रीन मे ऊपर जहा खड़ा रहकर वक्त गुजरना है.
वो जगह साफ दिखाई दे रही थी. कैमरे के आगे घूमता मच्छर जो बड़े दाने जितना दिख रहा था. वो तक साफ नजर आ रहा था. तभि स्क्रीन मे पटनायक दिखाई दिया.
वो आकर चारो तरफ देखने लगा. वहां बैठने के लिए एक चेयर भी रखी गई थी. पर पटनायक आकर वहां खड़ा हुआ. वो बैठा बिलकुल नहीं. वो खड़ा खड़ा हर तरफ देखने लगा. डॉ रुस्तम ने रेडिओ सेट उठाया.
डॉ : पटनायक टू डॉक्टर रिपोर्ट ओवर.
स्क्रीन पर साफ दिखाई दे रहा था की पटनायक के हाथ मे जो रेडिओ सेट था उसकी छोटी सी लाइट जली. पटनायक सेट को अपने फेस के पास ले गया.
पटनायक : पटनायक ओके ओवर.
डॉ : क्या सब ओके है??
पटनायक : आल ओके ओवर.
डॉ : कुछ फील हो तो बता देना. तू पुराना है यार. तू कर लेगा.
वहां डॉ रुस्तम और स्क्रीन पर पटनायक दोनों ही मुस्कुरा रहे थे. कोमल भी पटनायक को आसानी से देख रही थी. धीरे धीरे वक्त बीतने लगा. 10 मिनट हुई.
कोमल : हम ऐसे एक इंसान को वहां मतलब क्यों???
डॉ : हम जान ना चाह रहे है की वहां इतने लोगो ने सुसाइड क्यों अटेंम किया.
कोमल : पर अगर हमारे किसी इंसान ने ऐसा किया तो???
डॉ : हम हमेशा बैकअप रेडी ही रखते है.
डॉ और कोमल को बाते करते 10 ही मिनट हुई थी. बाते करते दोनों देख तो स्क्रीन पर ही रहे थे. तभि पटनायक मे बदलाव आना शुरू हुए. उसके फेस के एक्सप्रेशन चेंज होने लगे.
डॉ : तुम्हे कुछ चेंज दिखा???
कोमल : हा जब पटनायक गए थे तब उनके फेस पर एक्साइटमेंट थी. अब ऐसा लग रहा है. जैसे वो थोडा सेड है.
डॉ : गुड. तुम राइट हो.
कोमल : पर ऐसा क्या हो रहा है. क्या वो नहीं करना चाहते थे??? उन्हें कोई प्रॉब्लम तो नहीं हे ना???
डॉ : सायद प्रॉब्लम बाद मे होंगी. मै बाद मे बताऊंगा. बस नोटे करते रहो.
और 10 मिनट गुजर गए. तभि पटनायक मे और ज्यादा बदलाव हुआ. धीरे धीरे पटनायक रोने लगे.
कोमल : (एक्साइ सॉक) सर सर वो तो रो रहे है.
डॉ : हा हा रुको. बस देखो.
तभि एकदम से पटनायक खड़ा हो गया. और उस तरफ जाने लगा. जहा से कूद कर 12 लोगो ने सुसाइड एटम किया था. डॉ और कोमल दोनों ही सॉक हो गए. डॉ ने तुरंत ही रेडिओ सेट उठाया.
डॉ : डॉ तो पटनायक रिपोर्ट ओवर.
पटनायक रुक गया. पर उसने सेट नहीं छुआ. वो बहोत दुखी ही दिखाई दे रहा था. वो कुछ बाड बड़ा रहा था. पर रेडिओ सेट प्रेस ना करने के कारण वो क्या बोल रहा है वो पता नहीं चल रहा था.
डॉ : पटनायक पटनायक प्लीज मेरी बात सुनो वापस आ जाओ. प्लीज पटनायक तुम स्ट्रांग हो. प्लीज वापस आ जाओ.
पटनायक वापस पीछे हुआ. और वापस आने वाले रास्ते से निचे आ गया. कोमल और डॉ दोनों ने हेडफोन पहेन रखे थे. वो तुरंत अपना हेडफोन उतार कर पटनायक के पास पहोचे. वो निचे आकर भी रो ही रहा था. पर जब डॉ और कोमल दोनों उसके पास पहोचे वो रोते हुए भी मुश्कुराने लगा.
पटनायक : (रोते हुए स्माइल) सॉरी डॉक्टर. मे पूरा घंटा नहीं रुक पाया. सायद अभी प्रेक्टिस करनी पड़ेगी.
कोमल को कुछ समझ नहीं आया. वो तीनो वापस वान तक आए. कोमल ने अपनी और डॉ ने अपनी जगह ले ली. पटनायक भी थोडा उन दोनों के पीछे खिसक कर बैठा. क्यों की वान छोटी थी. तभि रेडिओ सेट पर डॉ के लिए call आया.
नवीन तो डॉक्टर रिपोर्ट ओवर.
डॉ : डॉक्टर ओके.
नवीन : क्या सतीश को भेजू क्या??? ओवर.
डॉ : नो.. वो अपने टाइम पे ही जाएगा. तुम बैटरी की सिचुएशन बताओ ओवर.
नवीन : बैकअप तो बढ़िया है ओवर.
डॉ : मतलब अभी तक नो एनी फ्रीक्वेंसी.
नवीन : राइट डॉक्टर ओवर.
डॉ : ओके रोजर.
कोमल को अब तक कुछ समझ नहीं आ रहा था की यहाँ हुआ क्या.
डॉ : (स्माइल) साला पटनायक मुजे विश्वास नहीं हो रहा है. तू साला 47 मिनट निकल लिया. पर तू चल क्यों पड़ा???
पटनायक : (स्माइल) मै मराठा हु डॉक्टर. जाता भी तो कूदता नहीं.
डॉ : (स्माइल) रहने दे रहने दे. ये मराठा कूद ही जाता.
पटनायक : (भड़कना) अरे तुम्हारा बात सुना ना. भुरोसा करने का मुझपर.
डॉ : चल ठीक है.
डॉ ने फिर सेट उठाया.
डॉ : डॉक्टर तो नवीन रिपोर्ट ओवर.
नवीन : नवीन ओके ओवर.
डॉ : सतीश को भेजो ओवर.
अब सतीश की जाने की बारी थी. कोमल कुछ नहीं बोली. पर सवाल उसके मन मे बहोत थे. वो अपने आप को रोक नहीं पाई.
कोमल : सर मुजे प्लीज बताओगे की हुआ क्या???
डॉ : ससससस...
कोमलने देखा सतीश जो की 30,35 साल का मर्द था. वो स्क्रीन पर आ चूका था. डॉ उसपर नजर बनाए हुए थे. पटनायक थोडा अपना फेस कोमल के फेस के करीब ले गया. कोमल ने अपने हेडफोन उतार दिये.
पटनायक : ध्यान से सतीश के फेस को देखो.
कोमल ने फिर सतीश के फेस को देखा. उसे सिर्फ 10 ही मिनट हुए थे. और चेंज आना शुरू हो गया. वो हसने लगा. फिर रोने लगा. फिर रोते हुए हसने लगा. उसके अंशू गिर रहे थे. अचानक उसका रोना और ज्यादा हो गया. उसकी आवाज तो नहीं आ रही थी. मगर देखने से पता चल रहा था. सतीश ऐसे जोरो से रो रहा था.
जैसे कोई मर गया हो. पूरा मुँह खोले सायद उसकी शास अटक रही हो. उसके मुँह से लार भी तपने लगी.
कोमल : (सॉक) इसे हो क्या गया???
पटनायक : इसे अपना अतीत याद आ रहा है. ये अपनी लाइफ के कोई बुरे हादसे को याद कर रहा है.
सतीश कुछ बाड बड़ा भी रहा था. तभि वो खड़े हो गया. डॉ रुस्तम ने तुरंत ही रेडिओ सेट हाथ मे लिया.
डॉ : फ़ास्ट फ़ास्ट बैकअप... कोई जल्दी जाओ. वो पक्का कूदेगा.
कोमल ये सब देख कर सॉक थी. उसने स्क्रीन पर ही देखा. सतीश उस जगह पहोच गया था. जहा से कूद कर पहले 12 लोगो ने आत्महत्या की थी. डॉ रुस्तम की टीम के कुछ बन्दे तेज़ी से जाकर उसे रोक देते है. और उसे सारे पकड़ कर निचे लाने लगे. पर सतीश उनसे छूटने की कोसिस कर रहा था. वो लोग सतीश को निचे ले आए थे. डॉ रुस्तम तुरंत खड़ा होकर सतीश तक पहोच गया.
कोमल भी उसके पीछे पीछे चली गई. कोमल ने अपनी आँखों से सतीश की हालत देखि. वो बहार आने के बाद भी रो रहा था.
सतीश : (रोते हुए) मुजे नहीं जीना. मेरी अनीता मुजे छोड़ कर चली गई. मुजे मर जाने दो.
डॉ : शांत हो जाओ सतीश शांत हो जाओ. कुछ नहीं हुआ. तुम बिलकुल ठीक हो.
कुछ पल बाद सतीश शांत हो गया. टीम ने उसे पानी पिलाया. डॉ रुस्तम ने जो कोमल को बताया वो सुनकर कोमल भी हैरान रहे गई.
डॉ : 4 साल पहले इसकी बीवी ने इसे तालाख दे दिया. और किसी और से सादी कर ली. इसे वही पल याद आया. आओ चलो उसे मेरी टीम संभाल लेगी.
वो दिनों वापिस वान की तरफ जाने लगे.
डॉ : तुम्हे समझ आ गया की वहां जाते तुम्हे तुम्हारा दुख सूख याद आएगा. वहां की एनर्जी तुम्हे उकसाएगी. तुम्हे एहसास दिलाएगी की अब तुम्हारे जीवन मे कुछ नहीं बचा. तुम्हे मर जाना चाहिये. मतलब तुम्हे सुसाइड करने का मन होने लगेगा.
वो दोनों वान तक पहोच गए थे. कोमल की जगह पटनायक ने ले ली थी.
कोमल : एक मिनट तुमने एनर्जी कहां. क्या वहां कोई एनटीटी नहीं है??
डॉ : अभी तक तो कोई एनटीटी नजर नहीं आई. कोई फ्रीक्वेंसी तो नहीं मिली. फिर हम यह नहीं मान सकते कि वह सब एंटी नहीं करवाया है. या करवा रही है. यह गलत वास्तु भी हो सकता है. जमीन की खुद की भी अपनी एनर्जी होती है.
कोमल सोच में पड़ गई. अगली बारी उसकी खुद की थी. डॉ रुस्तम ने घड़ी देखि.
डॉ : कोमल सतीश तो पुरे 15 मिनट भी नहीं रुक पाया. याद रहे. जब ऐसी सिचुएशन आती है तब तुम्हे उसे याद करना है जिसे तुम सब से ज्यादा प्यार करती हो. उस नेगेटिव एनर्जी को अपने ऊपर हावी मत होने दो.
कोमल हामी भर्ती है. बलबीर भी जानता था की अब बारी कोमल की है. वो भी वहां आ गया. कोमल और बलबीर दोनों की नजरें भी मिली.
बलबीर : कोमल...
कोमल बस बलबीर का हाथ पकड़े हुए निचे देखने लगी.
डॉ : अगर तुम ना जाना चाहो तो मै किसी और को भेज दू.
कोमल : नहीं नहीं. मै कर लुंगी.
डॉ : गुड. वन, टू, थ्री. अब जओ.
कोमल ने उस स्कूल की तरफ देखा. फिर वो बलबीर को देखती है. और अंदर जाने लगी. इस बार कोमल की जगह बलबीर ने ले ली. हलाकि उसने हैडफोन नहीं लगाए. पटनायक और डॉ रुस्तम स्क्रीन पर हैडफोन लगाए बैठे थे. और बलबीर उनके पीछे.
वो भी स्क्रीन को देख रहा था. उन्होंने देखा कोमल स्क्रीन मे दिखने लगी थी. वो वहां पहोच कर दए बाए देख रही थी. वही कोमल जब ऊपर पहोची तो उसे वही ब्लैक एंड वाइट चीजे अब रियल मे दिख रही थी.
कोमल को वो जगह भी दिख गई. जहा से लोगो ने सुसाइड एटम करने की कोसिस की थी. मगर कोमल ने वहां से तुरंत नजरें हटा ली. वो उस चेयर पर बैठ गई. और सोचने लगी. उसे 10 मिनट हो गए. पर कोई ख्याल नहीं आया. दरसल कोमल खुद भी ये जान ना चाहती थी की उसके जीवन मे कोनसा ऐसा दुख है जो सबसे ज्यादा है.
15 मिनट हो गई. पर कोमल को कोई ख्याल नहीं आया. तभि कोमल खुद ही सोचने लगी. वो खुद अपनी लाइफ को रिमाइन करने की कोसिस करने लगी. उसे सबसे पहले पलकेश याद आया.
पर उस से कोमल को कोई फर्क नहीं लगा. फिर उसे याद आया की उसने बलबीर के साथ सेक्स किया था. वो भी पलकेश को डाइवोर्स लेने से पहले. कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. उसका उसे कोई रिग्रेट नहीं था. फिर उसे याद आया कैसे उसने बलबीर के प्यार को धोए बिना पलकेश से वो चाटवा दिया. कोमल को हसीं ही आ गई. पर फिर उसे वो याद आया जब उसे पलकेश के शूट से किसी दूसरी लेडिस के परफ्यूम की खुशबू आई थी.
कोमल को गुस्सा आया. और उसने अपने दांत भींच दिये. वो पलकेश को गली भी देने लगी.
कोमल : ससस साला कुत्ता. पूरी जिंदगी चीटिंग की. और फिर मुझसे उम्मीद करेगा. भाड़ मे जा तू साले.
कोमल की ये सारी हरकते बलबीर भी देख रहा था. वहां कोमल ने अपनी आंखे बंद की. और उसे कॉलेज के लड़के याद आए. वो कैसे उन्हें चुतिया बनती. राइट टाइम पर बोल देती. मै तो तुम्हे अपना सबसे बेस्ट फ्रेंड समज़ती थी. तुम मेरे बारे मे ऐसा सोचते हो. शीट. कोमल का काटा हुआ बकरा जब तक पूरा हलाल नहीं हुआ तब तक कोमल से नहीं बच्चा. उनको याद करके तो कोमल खिल खिलाकर हसने लगी. और हस्ते हुए ताली भी बजा देती.
कोमल : (हसना) चूतिये साले.
कोमल इन सब को याद करते हुए गिनती करने लगी. पर उसे उसका पहला प्यार भी याद आया. सच्चा प्यार तो किया. पर उसे भूल गई. हलाकि कोमल की नजरों मे वो भी डंप करना ही था. इस लिए कोमल की आँखों से अंशू आ गए. वो बच्चों जैसा बिहेव करने लगी.
कोमल : ओओओ सॉरी बलबीर. मै बहोत बुरी हु ना. सॉरी..... अब मै तुम्हे कभी हर्ट नहीं करुँगी. I love you बलबीर.
प्यार का इज़हार करते कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. कोमल खुद से इन्वॉल्व होती उस एनर्जी की चपेट में आ गई थी. पर अब तक उसकी लाइफ मे ऐसा कुछ भी उसे नहीं लगा. जिसके लिए वो सुसाइड एटम करें. पर फिर उसे याद आया की अहमदाबाद के बहार की तरफ एक छोटा प्लाट उसने बिकवाया था.
जिस बेचारे की वो जमीन थी. वो बेचारा गरीब था. और कोमल ने उसके हाथ से जमीन खिंच ली. जब कोमल जिस से डील की उस बिजनेसमैन के साथ वहां पहोची तब वो किसान हाथ जोड़ के रो रहा था. पर कोमल को कोई फर्क नहीं पड़ा. कोमल अंदर से गिल्टी फील करने लगी. उसे रोना आने लगा. उसका दिल बोलने लगा कि.
कैसी है तू. एक गरीब की जमीन छीन ली. तुझे तो मर जाना चाहिए. चल खड़ी हो कूद जाए यहां से. तू जीने के लायक ही नहीं है.
कोमल के मन मे ख्याल आया. और वो खड़ी हो गई. पर कमल 55 मिनट सरवाइव कर चुकी थी. वो चल कर सुसाइड वाली जगह की तरफ जाने लगी. उसके हाथो मे जो रेडियो सेट था. उसमे से डॉ रुस्तम की आवाज आने लगी.
डॉ : कोमल रुको प्लीज. तुम मुझे सुन सकती हो. कोमल रुको प्लीज रुको.
पर कोमल नहीं रुक रही थी. वो चलती ही जा रही थी. वहां जब डॉ रुस्तम की बात कमल ने नहीं सुनी तो बालवीर ने डॉ रुस्तम के हाथ से रेडियो सेट छीन लिया.
बलबीर : कोमल रुक जाओ प्लीज रुक जाओ मेरे खाते रुक जाओ
बालवीर की आवाज सुनकर अचानक से कोमल रुक गई. वह एकदम घबरा गई. उसे एहसास हो गया कि वह कहां जा रही थी. क्यों जा रही थी. कोमल ने भी सेट पर रिप्लाई किया
कोमल : हां बालवीर में सुन रही हूं ओवर
बालवीर : वापी सजाओ कोमल
डॉ रुस्तम ने बालवीर के हाथ से रेडियो सेट ले लिया
डॉ : गुड जॉब कोमल वापस आ जाओ.
कोमल : मैं कितना टाइम सरवाइव किया.
कोमल को डॉक्टर रुस्तम की खुशी वाली आवाज सुनाई दी.
डॉ : 5 मिनिट्स एक्स्ट्रा कोमल ग्रेट जॉब
कोमल के फेस पर हसीं छा गई. और वो वहां से निचे की तरफ आने लगी. पर स्कूल के अंदर की सीढ़ियां उतरते कोमल को कुछ दिखाई दिया. 15-7 साल का बच्चा उसे खड़ा हुआ दिखाई दिया. जिसने स्कूल यूनिफार्म पहन रखी थी. कोमल भी वही खड़ी हो गई और उसे देखने लगी. वह बच्चा भी उसे ही देख रहा था वह लड़का था. तभी वह लड़का वापस अंदर भाग गया. कोमल भी उसके पीछे जाने लगी. रेडियो सेट पर डॉक्टर की फिर आवाज आने लगी.
डॉ : कोमल नहीं कोमल नहीं वापस आओ ओवर.
वह बच्चा एक खंडहर जैसे क्लास रूम में घुस गया था. कोमल भी उसके पीछे गई. वह भी क्लास रूम में घुस गई. पर क्लास रूम में उसे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. कोमल 1 मिनट खड़ी रही. उसके रेडियो सेट पर लगातार डॉक्टर रुस्तम बोल रहे थे. कोमल को एहसास हुआ वापस पीछे मुड़ गई. वह स्कूल के बाहर आ जाती है.
जब कोमल को वो छोटा लड़का दिखा. उस वक्त कैमरामैन नवीन की स्क्रीन भी blink हुई थी. उसे स्क्रीन पर बस एक ब्लू पिंक पट्टी सी नजर आई. ठीक वैसी ही स्क्रीन डॉ रुस्तम और पटनायक के सामने भी हुई. डॉ रुस्तम ने तुरंत नवीन को कॉल किया.
डॉ : डॉक्टर तो नवीन रिपोर्ट ओवर.
नवीन : नवीन ओके ओवर
डॉ : कुछ नोट हुआ क्या हुआ क्या? ओवर.
नवीन : सरवाइवर स्पीड कैच हुई है. ओवर.
डॉ : ओके नॉटेड ओवर.
जब स्क्रीन पर कोमल को वापिस आते देखा तो डॉ रुस्तम के फेस पर स्माइल आ गई. वो समझ गया की इस फिल्ड मे कोमल के रूप मे उसे रुपए का मिल गया है. पटनायक और डॉ रुस्तम की जगह किसी और ने ले ली. और वो दोनों कोमल के पास पहोचे. उसे बधाई दीं. उसके बाद डॉ रुस्तम की बारी थी. डॉ रुस्तम मजा हुआ खिलाडी था. उसने अपना टाइम पूरा किया और खुद ही वापिस आ गया. उसने आते ही सब क्लोज करने का आर्डर दिया.
डॉ : ओके गाइस बैकअप.
कोमल डॉ रुस्तम के पास आई. बलबीर भी उसके साथ था.
कोमल : डॉक्टर साहब कल 10:00 की मेरी फ्लाइट है अहमदाबाद के लिए.
डॉ : क्या तुम आगे नहीं करना चाहती????
कोमल : नहीं करना तो चाहती हु. कल मेरे केस की डेट है. तो शाम को मे वापिस आ जाउंगी.
डॉ : ठीक है. हम तुम्हे छोड़ देंगे एयरपोर्ट तक. पर देख लो. कल और परसो तक हम उन बच्चों की एंटीटी से कॉन्टेक्ट करने की कोसिस करने वाले है. अगर आ सको तो???
कोमल : नहीं सर में जरूर आऊंगी. मुजे आगे बढ़ना है.
डॉ रुस्तम ने स्माइल की.
कोमल : पर सर मे आपको कुछ बताना चाहती हु.
डॉ : हा बोलो??? कुछ देखा क्या???
कोमल : सर मेने एक छोटे बच्चे को देखा. उसने स्कूल यूनिफार्म पहनी हुई थी. और वो भाग कर किसी रूम मे चले गया. पर मै वहां गई तो मुजे कुछ नहीं दिखा.
डॉ रुस्तम समझ गए की उसी वक्त उनकी स्क्रीन blink हुई थी.
डॉ : हम इस बारे मे बादमे बात करेंगे. तुम्हे सुबह जाना है. तुम आराम कर लो.
कोमल बलबीर और सारी टीम बैकअप करके आश्रम में आ गए.
डॉ और कोमल एक परफेक्ट सहयोगी हैं इन कामों के लिए...