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Horror किस्से अनहोनियों के

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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तेरे नाम कविता:D

अब तो मेरी कविताएँ भी तुझसे जलने लगी हैं,
तेरी तारीफ सुन-सुन के ये नज़्में पकने लगी हैं,

तेरा नाम कविता में लिख दूँ तो ये मुझसे चिढ़ती हैं,
दुनिया क्या कम थी, जो अब ये भी मेरे कान भरती हैं,

ज़माने को क्या पता मेरी हर साँस में तेरा नाम बसा है,
ये अब भी कागज़ और कलम की कशमकश में फँसा है,

तेरे नाम को कविता दूँ या कविता को तेरा नाम
लिखूँ या नहीं, मैं तो फिर भी रहूँगा बदनाम,

तेरा नाम तो मेरी हर कहानी में आएगा,
कनक को तो पृथ्वी में ही बोया जाएगा ।।
Shetan
 

Shetan

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तेरे नाम कविता:D

अब तो मेरी कविताएँ भी तुझसे जलने लगी हैं,
तेरी तारीफ सुन-सुन के ये नज़्में पकने लगी हैं,

तेरा नाम कविता में लिख दूँ तो ये मुझसे चिढ़ती हैं,
दुनिया क्या कम थी, जो अब ये भी मेरे कान भरती हैं,

ज़माने को क्या पता मेरी हर साँस में तेरा नाम बसा है,
ये अब भी कागज़ और कलम की कशमकश में फँसा है,

तेरे नाम को कविता दूँ या कविता को तेरा नाम
लिखूँ या नहीं, मैं तो फिर भी रहूँगा बदनाम,

तेरा नाम तो मेरी हर कहानी में आएगा,
कनक को तो पृथ्वी में ही बोया जाएगा ।।
Shetan
अमेज़िंग पंडितजी. जबरदस्त.
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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अमेज़िंग पंडितजी. जबरदस्त.
Anything for you setu ji :hi:
 

Shetan

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Anything for you setu ji :hi:
फिर shetan साहब आ गए परेड से. भोजन ग्रहण करवा दू.
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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फिर shetan साहब आ गए परेड से. भोजन ग्रहण करवा दू.
Awasya :D
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Waiting for next dhamaka shetu ji :D
 

Shetan

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Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Saya 2 likh rahi hu. Vese ek update likh liya he. Dusra likh ke ek sath post karti hu.
ज़िक्र मेरा आएगा महफ़िल में जब जब दोस्तो ,
रो पड़ेंगे याद कर के यार सब यारी मेरी ।।❣️
 

motaalund

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बेताज बादशाह!! मैं??!! 🙄😲

क्यों मज़ाक कर रही हैं आप, देवी जी... 😅

जलवा तो आपका है यहाँ... कहानी पर कहानी पोस्ट किए जा रही हो आप. 🖥️

(घर व कुछ व्यक्तिगत कारणों से इस साइट पर नहीं आ पा रहा था.)
दोनों अपना जलवा इस फोरम पर बिखेरते रहें...
 

motaalund

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इस अपडेट में कोमल के कोमल पक्ष का अच्छा नज़ारा मिला, पहले उस गरीब बुड्ढे की पेंशन के मामले में, फिर एक अपराध बोध और बाद में गुब्बारे और जो इस कहानी की एक खास विशेषता है, चूल से चूल मिलाना, एक बात से जोड़ के दूसरी बात शुरू कर देना और यही गुब्बारे उन्होंने कोमल के दोनों पक्ष को जोड़ा

कोमल पहलू से स्थितियों को समझने की शक्ति ने, गुब्बारे, गुब्बारों से बच्चे और फिर बच्चो से पंडित जी, जिन्होंने एक तरह से हल भी बता दिया, अस्थियों का विसर्जन कराइये और भंडारा कराइये,

और यह एक तीसरा तरीका था, डाक्टर रुस्तम ने कुछ यंत्रों के सहारे जानने की कोशिश की और दायी माँ के पास तो तंत्र मंत्र का अगाध भंडार है और अनुभव का खजाना भी लेकिन कोमल ने मन के द्वार खोल कर अतीत से बात की और एक सीधा संवाद स्थापित कर लिया,

भूत, अतीत, एक मुट्ठी से रेत की तरह झरते काल का हर पल अभी से अतीत में, भूत में बदल जाता है, और समय की खायीं को लांघ कर सिर्फ एक पॉजिटिव सोच, विश्वास के जरिये पहुंचना तभी हो सकता है जब मन झील की तरह पारदर्शी हो,

और कोमल जो यह चरित्र लेखिका ने गढ़ा है उसके अनेक आयाम हमारे सामने रखे, वह बहुत कुछ शायद उनके व्यक्तित्व को भी दर्शाता है। कमेंट में थोड़ी देरी हुयी लेकिन अब आपकी इस कहानी को तीन बार मैं पढ़ती हूँ कुछ लिखने के पहले, एक बार पढ़ने के लिए दूसरी बार उसके अंतर्बिन्दुओं को समझने के लिए और अंत में तीसरी बार कमेंट लिखने के लिए
तभी इतनी गहराई होती है आपके कमेंट में..
इतना सटीक विश्लेष्ण शायद आपके द्वारा हीं संभव है..
 
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