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Horror किस्से अनहोनियों के

komaalrani

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A

Update 24B


डॉ रुस्तम ने जो बताया वो होश उडाने वाला था.


डॉ : कोमल छत गिरने से जो 34 बच्चे मरे थे. उनमे से एक की आत्मा वहां नहीं है.


कोमल : (सॉक) तो वो कहा गई???


डॉ : वो तुम ले आई बेवकूफ. मेने पहले ही कहा था की उनसे डील मत करो.


कोमल : पर ऐसा कैसे हो सकता है. मेरे घर तो ऐसा कुछ फील नहीं हो रहा.


डॉ : क्यों की मेने बलबीर को जो किले दीं थी. वो किसी को भी घर मे अंदर आने नहीं देगी. वो बहार ही है.


कोमल ये सुन कर हैरान हो गई.


डॉ : अब बताओ आज का दिन कैसा रहा????


कोमल : मेरा दिन तो...... अच्छा ही रहा. मेरा बहोत प्रॉफिट भी हुआ. दिन में ही 3 लाख के ऊपर इनकम हुई.


डॉ : क्यों की वो बच्चा तुम्हे पसंद करता है. तभि वो तुम्हारा फायदा करवा रहा है. मगर वो तुम्हे अपने साथ लेजाना चाहता है. इस लिए वो तुम्हे किसी ना किसी तरह मरने की भी कोसिस करेगा. ताकि तुम्हारी सोल भी उनके साथ हो जाए.


ये सुनकर कोमल का दिमाग़ चकरा गया. क्यों की उसके और बलबीर के साथ कई एक्सीडेंट हुए. कई होते होते बचें.


कोमल : हा मेरे साथ एक्सीडेंट के भी केश हुए है. मै और बलबीर मरते मरते बचें है.


डॉ : कोमल वो सारे लोग जो स्कूल के अंदर सुसाइड अटेम्प्ट कर चुके है. उसे पंडितजी ने नहीं बल्की बच्चों ने ही करवाए है. पंडितजी तो उन्हें बचाना चाहते थे.


कोमल के लिए ये भी सॉक देने वाली खबर थी.


कोमल : (घबराहट) डोंट वरी. मै मै मै मॉर्निग मे ही आ रही हु.


डॉ : बलबीर को भी अपने साथ लेकर आना.


फोन कट हो गया. कोमल की तो नींद ही उड़ गई. कोमल ने सारी बाते बलबीर को बताई. कोमल ने फ्लाइट की टिकिट भी बुक कर दीं. पर वाया दिल्ली होने के कारण टिकिट महंगी भी पड़ी. सुबह होते ही दोनों टाइम पर निकल गए.


कोमल ने बलबीर को पूरी बात बता ही दीं थी. पर इस बार बलबीर का मज़ाक करने का मूड होने लगा.

बोर्डिंग पास लेने के बाद दोनों फ्लाइट का वेट कर रहे थे. कोमल बड़ बड़ा रही थी.


कोमल : साला इतनी महंगी टिकिट. इतने में तो इंसान साला लंदन पहोच जाए. लूट ते है साले.


बलबीर : मे जाके बोलू तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो.


कोमल : दिमाग़ मत ख़राब करो. चुप चाप बैठो. आए बड़े. उस दिन तो फट रही थी.


बलबीर : तो एक कम करें. तुम जाकर बोलो वो मेरे पति है. कही सस्ता कर दे.


कोमल भड़क गई.


कोमल : अच्छा... मै तो बोल दूंगी. और ये भी बोल दूंगी की हनीमून पर जा रहे है. तुम बोल पाओगे??? हम्म्म्म बोलो. थोड़ासा चिपकती हु तो तुम्हे शर्म आने लगती है.


बलबीर चुप चाप मुँह घुमाकर हस रहा था. और कोमल बोले ही जा रही थी. कोमल थक गई तो चुप हो गई. इसी का तो बलबीर वेट कर रहा था.


बलबीर : अच्छा वो ड्रेस तो लाई होना.


सुन ने के बाद पर समझने से पहले कोमल घूम गई. और फुकरते ते चहेरे से कुछ बोलने ही वाली थी. वॉर्निंग देने के लिए एक ऊँगली भी उठा दीं. पर बहोत जल्दी समझ आ गया की बलबीर ने बोला क्या है. कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. और वो शर्मा के दूसरी तरफ देखने लगी.


बलबीर : (स्माइल) हम्म्म्म बोलो??? अरे ली या नहीं???


कोमल सर निचे किये बहोत धीमे से बोली.


कोमल : (शर्माना) नई ले लेंगे???


बलबीर : हम्म??? क्या कहा???


कोमल जैसे ताकत लगाकर बोल रही हो. पर आवाज तो बस थोड़ी ही निकली. बोलते हुए आंखे भी बंद हो गई. और स्माइल और ज्यादा डार्क हो गई.


कोमल : (स्माइल शर्माना) अरे...... नई ले लेंगे.... अब चुप रहो.


दोनों ही चुप हो गए. कोमल तो नजरें बार बार घुमाकर कही और देखने की कोसिस करती. पर उसे पता था. बलबीर उसे ही देख रहा है. वो शर्मा कर हस पड़ी और सीधा बलबीर की बाहो मे. पर तब तक फ्लाइट का अनाउंसमेन्ट हो गया. कोमल और बलबीर 11:30 तक इलाहबाद पहोच गए. ठीक वैसे ही वही मिनिबस के जरिये वो उस आश्रम तक भी पहोच गए. बस से उतारते ही कोमल डॉ रुस्तम से बहार ही मिली.


डॉ : अच्छा है तुम जल्दी पहोच गई.


कोमल : सर और कुछ पता चला???


डॉ : हम शाम को एक बार फिर पंडितजी से बात करने की कोसिस करने वाले है. तब तक तुम थोडा आराम करो.


कोमल : सर आपने बताया की पंडितजी ने मंदिर बना लिया था. पर वो मंदिर कहा है ये पता नहीं चला.


डॉ : यही तो माइन बात है. मंदिर का पता चलना बहोत जरुरी है. कही कोई कड़ी आपस मे जुडी हुई है.


कोमल : और पंडितजी ने स्कूल के लिए जमीन दान की थी. ना की स्कूल बना के दिया.


डॉ : सिर्फ जमीन ही नहीं दान दीं स्कूल बनवाने के लिए पैसा भी दान दिया है. खेर शाम को ही पता चलेगा.


डॉ रुस्तम जाने लगे. पर कोमल के सवाल ख़तम नहीं हुए.


कोमल : सर सर सर... आप बता रहे थे की वो सारे सुसाइड एटम पंडितजी ने नहीं बच्चों ने ही करवाए है???


डॉ : कोमल प्लीज... शाम को कुछ ना कुछ पता चल ही जाएगा कोमल. तुम प्लीज थोड़ी देर रेस्ट कर लो. हो सकता शाम को पता चल जाए.



डॉ का दिमाग़ इस लिए ख़राब हो रहा था. क्यों की कोई तो था जो फ्लोड कर रहा था. वो अपने रूम मे चले गए. लेकिन कोमल तो खुद एक वकील थी. मुजरिम कौन होगा उसे पकड़ने की चूल उसमे ज्यादा मचने लगी. कोमल को भी शाम का इंतजार था.
बहुत अच्छे अपडेट्स

टर्न पर टर्न, जब लगता है सब सुलझ जाएगा, एक नया टर्न, पहले लग रहा था पंडित जी की प्रॉब्लम है उनकी अस्थियों के विसर्जन से मामला सुलझ जाएगा, भंडारा हो जाएगा और अब बच्चे ही परेशानी की जड़ लग रहे हैं,

एक बार लग रहा था गुब्बारे दे कर कोमल ने बच्चो को मना लिया लेकिन कोमल के साथ बच्चे लग लिए

तंत्र-मंत्र, पारानार्मल के साथ अब सस्पेंस का भी आनंद भी इस कहानी में मिल रहा है कोमल और बलबीर के प्रंसग भी अच्छे हैं। अब उत्सुकता यह है आगे क्या होता है और यही उत्सुकता पाठकों को अपने साथ बांधे रखेगी।
 

Tiger 786

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दोस्तों किस्से अनहोनीयों के एक हॉरर कहानी है. ये भूतिया किस्सों पर आधारित है. जैसे ही मेरे पास किस्से आते रहेंगे. या कोई अमेज़िंग कॉन्सेप्ट मिलते रहेंगे कहानी आगे बढ़ती रहेगी. लेखक भुत प्रेतो मे विस्वास रखते है या नहीं. या फिर कोई और कारण हो. लेखक किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए बंधित नहीं है. तो कृपया कहानी मे खोट निकालने की या नकारात्मक सवाल करने की कोसिस ना करें. ये स्पेशल हॉरर लवर्स के लिए कहानी है. जिन्हे दिलचस्पी हो और जो कमजोर दिल के ना हो वो ही पढ़े. यदि आप पढ़ते हो. उसके बाद आप मे आए किसी भी बदलाव के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं है.


यह लेखक को मिले भूतिया किस्सों का नाटकिया और बनावटी रूप देकर कहानी को लिखा जा रहा है. अगर आप के पास कोई किस्सा हो तो आप मुजे msg के जरिये बता सकते हो. यदि आप का किस्सा बहेतर हुआ तो. आप के किस्से को बनावटी नाटकीय रूप देकर किस्सों मे शामिल किया जाएगा.

story pasand aae to please Likes aur comments dene me koi kanjusi mat karna



IMG-20240320-121634

Part 1
Part 2

Wow kya dhamki de hai shetan ji,pura mumbaiya Don ki tarha😂😂🤣🤣
 

Tiger 786

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Update 20A


डाइनिंग टेबल पर बैठे बलबीर और डॉ रुस्तम गरमा गरम खाने का लुफ्त उठा रहे थे. तब ही किचन से कोमल आई और डॉ रुस्तम की थाली मे गरमा गरम रोटी डाल देती है.


डॉ रुस्तम : अरे बस बस हो गया.


कोमल : अरे खाइये ना डॉ साहब.


डॉ : मै ज्यादा नहीं खाता. तुम तो मुजे ऑलरेडी 5 रोटी खिला चुकी हो.


कोमल : ये लास्ट है.


कोमल ने बलबीर की तरफ देखा. जो चुप चाप खा रहा था.


कोमल : बलबीर तुम कुछ लोगे???


बलबीर : नहीं. तुम भी आ जाओ ना.


कोमल : हा बस अभी आई.


कोमल भी कुछ देर मे अपनी थाली लेकर आ गई. और उन दोनों के साथ अपना खाना खाने लगी. वो दोनों खा चुके थे. बस कोमल को कंपनी देने के लिए बैठे हुए थे. डॉ रुस्तम भी सोच ही रहे थे की अपनी फिल्ड मे काम करने के लिए कोमल से कैसे पूछे. कोमल भी अपना डिनर ख़तम कर लेती है. बाकि बचा हुआ काम भी वो जल्द ही कम्पलीट कर देती है. और वो भी उनके सामने आकर बैठ गई.


डॉ : तो कोमल क्या सोचा आप ने????


कोमल : किस बारे मे.


डॉ : हमारे साथ पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेशन और रिसर्च के बारे मे. क्या आप हमारे साथ मे काम करना चाहोगी???


कोमल ने तुरंत ही बलबीर की ओर देखा. कोमल इन सब चीजों से इस लिए दूर रहना चाहती थी. क्यों की बलबीर के बच्चों को वो एक माँ की तरह प्यार कर रही थी. इसी लिए कही कोई बला उनके साथ आ गई. और उन बच्चों को पजेश करने की कोसिस करेंगी तो बलबीर से किया वादा पूरा नहीं हो पाएगा. कोमल बलबीर के बच्चों के एजुकेशन के लिए बहोत बड़ा पैसा खर्च कर रही थी.


कोमल : वो...... दरसल. मै अपने सोख के खातिर अपने लोगो को प्रॉब्लम मे नहीं डाल सकती. आप सायद समझ गए होंगे की मै कहना क्या चाहता हु.


कोमल बोलने के बाद बलबीर की आँखों मे देखती है. जैसे कहना चाहती हो की फ़िक्र मत करो.


डॉ : अगर बात सिक्योरिटी की है तो गजबराओं नहीं. हम अपने लोगो को कभी मुशीबत मे नहीं डालते. लोगो की मदद करते है. और जहा ऐसी कोई बात होती है तो हम खुद आगे रहते है..


कोमल को भले ही भूतिया किस्सों मे बहोत दिलचस्पी थी. मगर बच्चों और अपनी माँ बहन के मामले मे वो बिलकुल रिस्क नहीं लेना चाहती थी.


कोमल : माफ करना डॉ साहब. मेरी तरफ से साफ ना है. आप जानते है की मै खुद अभी क्या क्या भोग चुकी हु. आप प्लीज....


डॉ रुस्तम ने कोमल की बात बिच मे ही काट दीं.


डॉ : वही तो. मै तुमसे यही तो कहना चाहता हु.

आप खुद कितना कुछ सह चुकी हो. अपने अपने एक्स हसबैंड का अंजाम देखा ना. आप जैसे कितने लोग है. जिसने अपना एक्स नहीं फ्यूचर को गवा दिया. नजाने कितनी माँ ने बच्चों को गवा दिया. कितने परिवार इन जादू टोन और बहोत सी ऐसी चूजों से खो दिया. हम लोगो की मदद करते है.


ऐसी दिल को छू लेने वाली बातो से कोमल नहीं पिघली. क्यों की वो एक बेरहेम वकील थी. पर बलबीर बहोत जल्दी भावुक हो गया. क्यों की वो बेचारा गांव का सीधा सादा इंसान था.


बलबीर : ये तो भलाई का काम है कोमल. सायद तुम्हे करना चाहिये. और मै तो तुम्हारे साथ हार वक्त हु ही.


कोमल अब फस गई. वैसे तो ऐसे कोई मामले मे बलबीर के राज़ी हो जाने के बाद भी वो साफ मना कर देती. बलबीर को भी चुप करा देती. पर खुद की दिलचस्पी ही एक अलग ही रोमांच पैदा करने लगी. कोमल मुश्कुराते हुए अब भी यही सोच रही थी की क्या ये फेशला सही होगा.


डॉ : हम परसो शाम इलाहबाद जा रहे है. एक स्कूल है. जिसकी छत गिर जाने से कई बच्चे मर चुके थे. अगर तुम आना चाहो तो...???


डॉ रुस्तम भी बोलते बोलते रुक गए.


कोमल कुछ पल सोचने के बाद बोलती है.


कोमल : ठीक है. पर मुजे अपने काम के लिए जरुरत हुई तो मै बिच मे से ही चली जाउंगी. प्लीज इसके लिए आप को भी समझना होगा.


डॉ रुस्तम ने तुरंत ही स्माइल करते हुए अपना हाथ कोमल की तरफ बढ़ाया. कोमल भी खुश होकर डॉ रुस्तम से हाथ मिलती है. बलबीर भी खुश था की कोमल मान गई. वक्त आ गया सोने का. डॉ रुस्तम पहले की तरह ड्रॉइंगरूम मे ही सो गए. बलबीर कोमल के बेडरूम मे कोमल का इंतजार कर रहा था. उसके हाथ मे कोमल का मोबाइल था. वो कोमल के ही फोटोज देख रहा था.

वैसे तो कोमल ने पलकेश और शादी के सारे फोटोज डिलीट कर दिये थे. पर अपने सिंगल फोटोज को सेव रखा हुआ था. कोमल के साड़ी मे कई फोटोज थे. बहोत सारे फोटोज स्लिवलेस और डीप नेक ब्लाउज वाले थे. ब्रा जैसे दिखने वाले हॉट ब्लाउज मे कोमल बहोत हॉट लग रही थी. और भी कई फोटोज थे.

जिसमे कोमल ने वनपीस गाउन पहना हुआ था. जिसमे टांगो की तरफ लम्बा कट था. बलबीर सिर्फ कोमल की फोटोज देख कर ही अकर्षित हुआ जा रहा था. वो ऊँगली घुमाते हर एक फोटोज को बड़ी गौर से देख रहा था. तभि कोमल के कॉलेज टाइम के फोटोज भी आ गए. जिसमे कोमल की छोटी छोटी ड्रेस मे फोटोज थे.

उस वक्त कोमल भरी हुई महिला नहीं एक टीन गर्ल थी. कोमल तो पहले से ही लम्बी हाईट वाली लड़की थी. कोमल कभी झंगो तक या उस से भी छोटे ड्रेस मे. तो कभी छोटी स्कर्ट मे दिखाई देती. इंडियन आउटफिट मे भी कोमल के फोटोज थे. कोमल बहोत ब्यूटीफुल और हॉट थी. उन फोटोज को देखने के कारण बलबीर का प्यार और अरमान दोनों ही जाग गए. तभि कोमल अंदर आई.

उसके हाथ मे तौलिया था. और वो फुल ढीली ढली मैक्सी मे थी. बलबीर के एक हाथ मे अपना मोबाइल और दूसरे हाथ पाजामे के ऊपर से ही अपने खूंटे पर देख के कोमल के फेस पर भी स्माइल आ गई.


कोमल : (स्माइल) क्या देख रहे हो???


बलबीर ने तुरंत ही मोबाइल साइड रखा. और कोमल को लेटने की जगह दीं.


बलबीर : सब तुम्हारी ही फोटू(फोटोज) देख रहा था.


कोमल भी बलबीर के बगल मे लेट कर बलबीर की तरफ झूक गई. उसकी चेस्ट पर अपना हाथ रख कर हलका हलका साहलाते हुए बलबीर की आँखों मे देखने लगी.


कोमल : (स्माइल) अच्छा??? तो कैसे लगे मेरे..... फोटू(फोटोज)????


कोमल ने जानबुचकर फोटू कहा. उसे बलबीर का देहाती होना और साफ हिंदी बोलते वक्त कुछ ऐसे शब्दो को सुन ना बहोत अच्छा लगता था. वो जानती थी की बलबीर उसकी जब भी तारीफ करता है. जो फील करता है. वही बोलता है.


बलबीर : तुम ना किसी फ़िल्म की हीरोइन की तरह लगती हो.


बस कोमल को और क्या चाहिये था. जब इसे पता हो की वो किसी के लिए कितनी स्पेशल है. उसे केसी लगती है. तब उसे और क्या चाहिये. बलबीर का उस तरह देखना कोमल को मदहोश ही कर रहा था.


कोमल : (स्माइल) अब तो ये हीरोइन तुम्हारी है.


बलबीर कुछ बोलने ही वाला था. की कोमल ने लपक कर उसके होठो से अपने होंठ ही जोड़ दिये. और लिप्स को लॉक कर के उसके ऊपर ही चढ़ गई. पर बलबीर से इतनी जबरदस्त तारीफ मिली की कोमल कुछ ज्यादा ही एक्सएटमेंट फील कर रही थी. मस्ती मे आकर कोमल ने बलबीर की गंजी को ही दोनों हाथो से पकड़ा और जोर से झटका लगाकर फाड़ दिया.


बलबीर : ममममम... (किस तोड़ते) (सॉक) ये क्या किया. फाड़ दीं??? 4 दिन पहले ही तो लाया था. साला नई बनियान फाड़ दीं.


कोमल को हसीं आ रही थी. और बलबीर की हलत पर वो बड़ी जोरो से हस रही थी.


कोमल : अरे यार नई ले लेना. अभी छोडो.


कोमल ने बलबीर को अफ़सोस करने का बाद मे मौका नहीं दिया. और वो उसपर टूट पड़ी. बलबीर भी कोमल के फोटोज देख कर मस्त हो चूका था. आखिर वो उसके सपनों की सहेजादी थी. और सहेजादी भी उसकी खुद की बाहो मे. ब्यूटी और बिस्ट का मिलन हुआ. तंदुरस्त और सुंदरता के समागम मे दोनों ने ही खूब आनंद लेते खुशियाँ बटोरी. प्रेम और वासना के संगम मे कब नींद आई.

कब रात गुजरी पता ही नहीं चला. सुबह 8 बजे खट पट की आवाज से कोमल की नींद खुली तब कोमल बेड पर अकेली थी. कोमल ने एक बेडशीट ओढ़ रखी थी. जिसमे वो अंदर से नंगी थी. कोमल ने दए बाए देखा. उसे अपनी ब्रा तो मिल गई. पर पैंटी नहीं मिली. कोमल फटाफट ब्रा और ऊपर वही ढीली ढली मैक्सी पहन कर बहार आई.

वो दोनों की भी नजरें कोमल पर गई. कोमल के बिखरे हुए बाल हालत बहोत खुबशुरत भूतनी ही लग रही थी.


डॉ : कोमलजी अब मुजे जाना है. बलबीर मुजे छोड़ने जा रहा है.


कोमल : ओह गोड. बलबीर तुम्हे मुजे जगाना चाहिये था ना. डॉ साहब को कम से कम मै एयरपोर्ट तक ड्राप करने तक तो जा सकती थी ना.


बलबीर : हा तो अभी कोनसा ज्यादा टाइम बीत गया. जल्दी तैयार हो जाओ.


कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. और वो फटाफट बाथरूम की तरफ भागी. बलबीर ने डॉ रुस्तम को बहोत बढ़िया नास्ता करवाया. और सही टाइम पर तीनो एयरपोर्ट के लिए निकल पड़े.


बलबीर कार ड्राइव कर रहा था. और डॉ रुस्तम उसके बगल मे ही आगे की फ्रंट शीट पर था. कोमल अकेली पीछे बैठी हुई थी. बलबीर शहर के ट्रैफिक को काट ते हुए कार एयरपोर्ट तक पहोंचा रहा था.


डॉ : कोमल मुंबई से हमारी कल दोपहर 3 बजे की फ्लाइट है. हम सायद 04:30 तक इलाहबाद एयरपोर्ट पहोच जाएंगे.


कोमल : मै यही से डाइरेक्ट पहोच जाउंगी. आप फ़िक्र ना करें.


डॉ रुस्तम ने अपने बैग से पहले से ही कुछ सामान निकला हुआ था. जो उसके हाथ मे ही था. वो पीछे मुड़कर कोमल को वो सामान देता है. कोमल ने उसे हाथ मे लिया. एक लाल कपडे मे कुछ 6 किले थी. एक विलचैंग था जो बंधा हुआ था. इसके आलावा नीबू और मिर्ची की छोटी सी मला थी.


डॉ : मेने बलबीर को सब समझा दिया है. वो सब अच्छे से कर लेगा. इसे संभल के रख दो.


कोमल और बलबीर डॉ साहब को एयरपोर्ट छोड़ देते है. और वो मुंबई के लिए निकल जाते है. कोमल और बलबीर घर के लिए वापिस जाने लगे.


बलबीर : तुम पागल तो नहीं हो. ट्रैन से ही 38,40 घंटे लग जाएंगे.
कोमल का मूड शारारत करने का हो रहा था. वो बलवीर के कंधे पर हाथ रख कर हलके हलके सहलाने लगी.


कोमल : (स्माइल) कोई बात नहीं ये परी तुम्हे उड़ाकर ले जाएगी.


बलबीर समझ गया की कोमल हवाइजहाज की बात कर रही है.


बलबीर : उसमे कितना पैसा लगता है.


कोमल समझ गई की बलबीर पैसा जान गया तो जाने को तैयार नहीं होगा.


कोमल : वो बॉयफ्रेंड के लिए फ्री होता है.


बलबीर : (स्माइल) एहहह... बस सुबह सुबह तुम्हे मे ही मिलता हु.


कोमल को भी हसीं आने लगी.


कोमल : (स्माइल) अरे सच मे. अगर कोई लड़की जाती है तो उसके बॉयफ्रेंड की टिकिट फ्री.


बलबीर : (स्माइल) और पति हुआ तो.


कोमल : नहीं उसका उल्टा है. पति के साथ पत्नी फ्री. और लड़की के साथ उसका बॉयफ्रेंड फ्री.


कोमल को बलबीर से ऐसा मज़ाक करना पसंद आ रहा था.


बलबीर : तो अगर जैसे की मै अपनी बीवी को लेजाऊंगा तो फ्री. और अगर गर्लफ्रेंड को ले गया तो???


कोमल : नई तो तो तुमसे डबल पैसा लेगा.


बलबीर : (स्माइल) ये क्या बात हुई. लड़की बॉयफ्रेंड को ले जाए तो बॉयफ्रेंड फ्री. और लड़का अपनी गर्लफ्रेंड को ले जाए तो डबल पैसे...


कोमल : (स्माइल) हा तुम्हे नहीं पता. ये सरकार की योजना है यार. लड़कियों को प्रोत्साहन देने के लिए.


बलबीर : ये कोनसी योजना है??? लड़का पटाओ योजना या लड़का घुमाओ योजना.


अपने मज़ाक से ज्यादा कोमल को बलबीर का मज़ाक ज्यादा मज़ेदार लगा. दोनों ही खिल खिलाकर हसने लगे. कोमल ने झट से मोबाइल निकला और 2 टिकिट बुक करने लगी. एक टिकिट की कॉस्ट 8500 रूपये थी. कोमल ने बिलकुल परवाह नहीं की और झट से टिकिट बुक कर दीं. एक तो कोमल को बलबीर के लिए कुछ करना अच्छा लगता था. और दूसरा अब भी कोमल के पास जमीन की दलाली वगेरा हराम के पेसो का बेलेंस था.

पर बलबीर पेसो की कीमत समाजता था. उसे अपनी गरीबी का एहसास था. उसके बच्चों की पढ़ाई का खर्चा कोमल दे रही है. उसके लिए यही बहोत था.


बलबीर : पर मेरे पास वो नहीं है.


कोमल को हसीं आ गई.


कोमल : (स्माइल) क्या वो नहीं है??


बलबीर : (स्माइल) अरे वो फिल्मो मे बोलते हेना वो पास पासपोट(पासपोर्ट).


कोमल को हसीं आ गई. बलबीर डोमेस्टिक ट्रेवल के लिए पासपोर्ट की बात कर रहा था. कोमल को उसके भोलेपन पर प्यार आने लगा. पर शारारत करने का मान बिलकुल काम नहीं हुआ.


कोमल : (स्माइल) देखो वो मेरे पास है तो तुम्हारी जिम्मेदारी मेरी हुई. वहां कोई कुछ भी पूछेगा तो बोलना की ये मेरी गर्लफ्रेंड है. समझे??? क्या बोलोगे????


बलबीर : क्यों सुबह सुबह मेरी खिंचाई कर रही हो.


कोमल : अरे बाबा नहीं बोलोगे तो वो तुमसे पैसे ले लेंगे.


बलबीर : कितना????


कोमल : सायद 2,3 लाख ले ले. पर तुम बोलोगे की ये मेरी गर्लफ्रेंड है. तो तुम्हे उल्टा अच्छे से बात भी करेंगे.


बलबीर : हा बाबा बोल दूंगा. पर देख लो. वहां मेरे पास हवाइजहाज वाले अच्छे कपडे नहीं है. फिर कुछ बोलना मत.


कोमल को एहसास हो गया की अब तक उसने क्या नहीं किया. वैसे तो बलबीर कैसा भी दिखे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था. पर सब कोमल का मूड कुछ और ही प्लानिंग करने लगा.


कोमल : हा बाबा नहीं बोलूंगी. वहां उस मॉल मे ले चलो.


कोमल ने जैसे ही हाथो का इशारा दिया बलबीर ने एक मॉल की तरफ कार मोड़ दीं. कार पार्क करने के बाद कोमल निकली और मॉल के अंदर जाने लगी. पर बलबीर वही खड़ा रहा. तो कोमल को 4 कदम चल कर रुकना पड़ा. वो घूम कर बलबीर को देखती है.


कोमल : यहाँ क्यों खड़े हो गए. चलो अंदर.


बलबीर को मॉल मे अच्छा नहीं लगता था. अपने सिंपल पहनावे और जेब की हालत के कारण उसे बहोत छोटा महसूस होता. इस लिए वो अंदर नहीं जाना चाहता था.


बलबीर : तुम....... जाओ. मुजे अच्छा नहीं लगता अंदर.


कोमल : चुप चाप चलो अंदर. वरना.....


बलबीर : अरे यार वो इंग्लिश मे बाते करते है. मुजे कुछ तो समझ आता नहीं.


कोमल : (स्माइल) तो तुम्हे सिखाया तो है. जब कुछ समझ नहीं आए तो वही बोल देना.



बलबीर को भी हसीं आ गई. और सर खुजलता हुआ वो भी कोमल के साथ अंदर चलने लगा.
Kya hi romantic pal hai komal or balbeer ke
Bohot hi mazedaar update
 

sunoanuj

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Abhi saya 2 ke update likh rahi hu. Kosis karungi jaldi karne ki. Vese ek bada update to likha huaa hai. Par me aur jyada likh kar post karna chahti hu. Is lie thoda time lag raha hai.
Theek hai take your time 👏🏻👏🏻
 

sunoanuj

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Abhi saya 2 ke update likh rahi hu. Kosis karungi jaldi karne ki. Vese ek bada update to likha huaa hai. Par me aur jyada likh kar post karna chahti hu. Is lie thoda time lag raha hai.
Theek hai take your time 👏🏻👏🏻
 

Shetan

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बहुत अच्छे अपडेट्स

टर्न पर टर्न, जब लगता है सब सुलझ जाएगा, एक नया टर्न, पहले लग रहा था पंडित जी की प्रॉब्लम है उनकी अस्थियों के विसर्जन से मामला सुलझ जाएगा, भंडारा हो जाएगा और अब बच्चे ही परेशानी की जड़ लग रहे हैं,

एक बार लग रहा था गुब्बारे दे कर कोमल ने बच्चो को मना लिया लेकिन कोमल के साथ बच्चे लग लिए

तंत्र-मंत्र, पारानार्मल के साथ अब सस्पेंस का भी आनंद भी इस कहानी में मिल रहा है कोमल और बलबीर के प्रंसग भी अच्छे हैं। अब उत्सुकता यह है आगे क्या होता है और यही उत्सुकता पाठकों को अपने साथ बांधे रखेगी।
Komalji me aap ka shukriya kese adah karu. Jan bhi aap thread par aai ho. Mera hoshla bulndiyo ko chhu jata he. Aap ka pith thap thapana ek naya josh bhar deta hai. Lot of thanks Komalji.
 

Shetan

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Wow kya dhamki de hai shetan ji,pura mumbaiya Don ki tarha😂😂🤣🤣
Yaar har inshan ke riwaj reet manyata alag alag he. Aur sabhi ka sahi hai. Ese me koi apni bat manvane ka dabav na dale isi lie ye notes redy rakhi.
 

Shetan

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Kya hi romantic pal hai komal or balbeer ke
Bohot hi mazedaar update
Ye bachho vala kissa real hi hai. Bas mene to kirdar badle. Aur thoda natkiya banaya hai
 

Shetan

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Theek hai take your time 👏🏻👏🏻
Thankyou very very much yaar
 
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