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Horror किस्से अनहोनियों के

Ajju Landwalia

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Update 26C


डॉ रुस्तम ने तुरंत कोमल को रेडिओ सेट पर call किया.


डॉ : हेलो हेलो कोमल???


कोमल : हा डॉ साहब. मे सुन रही हु.


डॉ : मंदिर मिल चूका है.


कोमल के फेस पर तुरंत स्माइल आ गई.


डॉ : लेकिन उसमे मूर्ति नहीं है.


दाई माँ : वा के काजे तो पंडितजी बुलानो पड़ेगो.
(उसके लिए तो पंडितजी को बुलाना पड़ेगा)


कोमल ने दाई माँ का मेसेज डॉ रुस्तम को बताने के लिए रेडिओ सेट का बॉटन प्रेस जरूर किया. पर वो रुक गई. जैसे उसे कुछ याद आया. वो दोबारा डॉ रुस्तम को call करती है.


कोमल : दिन दयाल कहा है???


वहां दिन दयाल को भी मुखिया ने पास मे बैठाया हुआ था. वो डरा हुआ हाथ जोड़े चुप चाप वहां बैठा था. मगर कोमल के call के बाद डॉ रुस्तम घूम के देखते है. दिन दयाल वहां नहीं था. डॉ रुस्तम भी सॉक हो गए. उन्होंने तुरंत रेडिओ सेट पर कोमल को बताया.


डॉ : वो यहाँ नहीं है. लगता है कही भाग गया.


कोमल : वो मूर्ति दिन दयाल के खटिये के निचे गाढ़ी हुई है.


कोमल का वाकिली दिमाग़ सीबीआई वालों से भी तेज़ चलने लगा था. बुढ़िया के गंदे बिस्तर और फीके कलर से ही पता चल रहा था की बुढ़िया की खटिया वहां से नहीं हटी. दिन दयाल धुप छाव सर्दी गर्मी हर वक्त क्यों बहार उसी जगह बुढ़िया को मरने छोड़ रखा था.

ताकि उस जगह को खाली ना रखा जाए. कोमल को तुरंत समझ आ गया. डॉ रुस्तम मुखिया की मदद से दिन दयाल के घर भीड़ लेकर पहोच गए. और वहां पहोचने पर कुछ अलग ही नजारा था.

दिन दयाल की माँ एक तरफ पड़ी हुई थी. वो हिल ही नहीं रही थी. हकीकत मे वो मर चुकी थी. खटिया एक तरफ उलटी पड़ी थी. बिछोना बिस्तर भी निचे बिखरा पड़ा था. दिन दयाल वहां गाढ़ा खोद रहा था. जो सब को देख कर रुक गया. और सब के सामने हाथ जोड़ कर रोने लगा. डॉ रुस्तम को पूरा सीन समझ आ गया.

जब मूर्ति तक बात पहोची तो दिन दयाल वहां से खिसक गया. क्यों की मूर्ति पंडितजी की आत्मा को बुलकर पूछ लिया जता. उस से पहले दिन दयाल मूर्ति वहां से गायब करना चाहता था. वहां स्कूल से दिन दयाल खिसक लिया. वो तेज़ी से भागते हुए अपने घर तक पहोंचा. उसने जिसपर उसकी माँ लेटी हुई थी. उस खटिये को उलट दिया. बुढ़िया बहोत ज्यादा ही बूढी बीमार थी.

वो उसी वक्त मर गई. दिन दयाल उस जगह से मूर्ति खोद कर निकालने लगा. लेकिन पकडे गया. गांव वाले हो रही मौतो से बहोत परेशान थे. और दिन दयाल पकडे जा चूका था. गांव वाले उसपर टूट पड़े. पर डॉ रुस्तम और मुखिया ने मिलकर उसे बचा लिया.

उस मूर्ति को जमीन से सलामत निकला गया. वो मूर्ति माता की थी. गांव वाले मूर्ति और दिन दयाल दोनों को लेकर स्कूल तक पहोचे. वहां स्कूल मे अब भी एक एनटीटी अब भी पकड़ मे नहीं आई थी. दाई माँ कोमल के साथ हुए हादसे को सुन चुकी थी. दाई माँ समझ चुकी थी की उस बच्चे की आत्मा बुरी तरह से कोमल के पीछे है.

भले ही वो कोमल के शरीर मे ना घुस पाई हो. पर पीछे पड़े होने के कारण वो कोई ना कोई हादसा करने की कोसिस करेंगी. और आत्माओ से बच्चे की आत्मा ज्यादा जिद्दी होती है. जल्दी पीछा नहीं छोड़ती. लेकिन ऐसी आत्माओ को पकड़ना और भी ज्यादा आसान है.

वो जो मौत देती है. एक बली होती है. अगर उन्हें बली दे डी जाए तो उस मुद्दे तक शांत हो जाती है. दाई माँ ने कोमल की तरफ हाथ बढ़ाया. कोमल समझ नहीं पाई. दाई माँ बस मंतर पढ़ते हुए कोमल की तरफ अपना हाथ बढ़ाए हुए थी. कोमल ने भी दाई माँ की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया.


कोमल : अह्ह्ह्ह ससससस...


दाई माँ ने झट से कोमल का हाथ पकड़ लिया. और दूसरे हाथ से एक चाकू निकल कर कोमल के हाथ पर कट मारा. कोमल के हाथ से खून तपकने लगा. दाई माँ ने कोमल का हाथ अपने एक हाथ से पकडे रखा और दूसरे हाथ से निचे एक मिट्टी का कुल्लड़ सेट किया.

कोमल का खून उस कुल्लड़ से टप टप तपकने लगा. दाई माँ तो लगातार मंत्रो का उच्चारण मन मे किये ही जा रही थी. किसी भी जीव को मरे बिना. इस तरह धोखे से खून निकला जाए. वो मृत्यु बली के सामान है. ये विधि तामसिक विधया मे शामिल है. इस से वो जीव की जान लिए बिना बली दी जाती है. दाई माँ ने मिरर की तरफ हिशारा किया.

कोमल ने झट से मिरर उठाकर देखने की कोसिस की. वो लड़का वही था. ये देख कर कोमल घबरा गई. कोमल ने फिर धुँआ देखा. पर जब धुँआ छटा वो लड़का वहां नहीं था. दाई माँ उस कुल्लाड़ को भी वैसे ही बांध देती है.


दाई माँ : अब तू आज़ाद हे लाली(बेटी).


दाई माँ ने कोमल के हाथ को खुद अपने हाथो मे लिया. और उसके हाथ मे एक लाल धागा बांध दिया.


दाई माँ : अब तू कुछ बोले बिना ज्या ते निकर जा.
(अब तू कुछ बोले बिना यहाँ से निकल जा)


कोमल बोलना चाहती थी. पर दाई माँ ने उसके मुँह पर अपना हाथ रख दिया.


दाई माँ : मेरो काम बाकि है लाली. तू जा तहा ते.
(मेरा काम बाकि है. तू जा यहाँ से.)


कोमल कुछ बोले बिना उस स्कूल से निकल गइ. पर बहार निकलते ही उसने गांव वालों की भीड़ आते देखि.




Wah Shetan Sahiba,

Kya gazab ki updates di he aapne...............

Komal ka dimag vakayi me behad shatir he................usne kis tarah se mandir ki urti ka pata lagaya vo vakai me hairan karne wala he...........

Dai maa ne aakhirkar apna tantra vidya ka kaam badi hi achchi tarah se nipata diya.............

Sabhi bachcho ki aatmao ko mukt kar diya.............

Ab bache he kewal pandit ji....................wo bhi bahndara karne ke baad mukt ho jayenge

Keep Posting Ji
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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डॉ रुस्तम ने तुरंत कोमल को रेडिओ सेट पर call किया.


डॉ : हेलो हेलो कोमल???


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कोमल के फेस पर तुरंत स्माइल आ गई.


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दाई माँ : वा के काजे तो पंडितजी बुलानो पड़ेगो.
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कोमल ने दाई माँ का मेसेज डॉ रुस्तम को बताने के लिए रेडिओ सेट का बॉटन प्रेस जरूर किया. पर वो रुक गई. जैसे उसे कुछ याद आया. वो दोबारा डॉ रुस्तम को call करती है.


कोमल : दिन दयाल कहा है???


वहां दिन दयाल को भी मुखिया ने पास मे बैठाया हुआ था. वो डरा हुआ हाथ जोड़े चुप चाप वहां बैठा था. मगर कोमल के call के बाद डॉ रुस्तम घूम के देखते है. दिन दयाल वहां नहीं था. डॉ रुस्तम भी सॉक हो गए. उन्होंने तुरंत रेडिओ सेट पर कोमल को बताया.


डॉ : वो यहाँ नहीं है. लगता है कही भाग गया.


कोमल : वो मूर्ति दिन दयाल के खटिये के निचे गाढ़ी हुई है.


कोमल का वाकिली दिमाग़ सीबीआई वालों से भी तेज़ चलने लगा था. बुढ़िया के गंदे बिस्तर और फीके कलर से ही पता चल रहा था की बुढ़िया की खटिया वहां से नहीं हटी. दिन दयाल धुप छाव सर्दी गर्मी हर वक्त क्यों बहार उसी जगह बुढ़िया को मरने छोड़ रखा था.

ताकि उस जगह को खाली ना रखा जाए. कोमल को तुरंत समझ आ गया. डॉ रुस्तम मुखिया की मदद से दिन दयाल के घर भीड़ लेकर पहोच गए. और वहां पहोचने पर कुछ अलग ही नजारा था.

दिन दयाल की माँ एक तरफ पड़ी हुई थी. वो हिल ही नहीं रही थी. हकीकत मे वो मर चुकी थी. खटिया एक तरफ उलटी पड़ी थी. बिछोना बिस्तर भी निचे बिखरा पड़ा था. दिन दयाल वहां गाढ़ा खोद रहा था. जो सब को देख कर रुक गया. और सब के सामने हाथ जोड़ कर रोने लगा. डॉ रुस्तम को पूरा सीन समझ आ गया.

जब मूर्ति तक बात पहोची तो दिन दयाल वहां से खिसक गया. क्यों की मूर्ति पंडितजी की आत्मा को बुलकर पूछ लिया जता. उस से पहले दिन दयाल मूर्ति वहां से गायब करना चाहता था. वहां स्कूल से दिन दयाल खिसक लिया. वो तेज़ी से भागते हुए अपने घर तक पहोंचा. उसने जिसपर उसकी माँ लेटी हुई थी. उस खटिये को उलट दिया. बुढ़िया बहोत ज्यादा ही बूढी बीमार थी.

वो उसी वक्त मर गई. दिन दयाल उस जगह से मूर्ति खोद कर निकालने लगा. लेकिन पकडे गया. गांव वाले हो रही मौतो से बहोत परेशान थे. और दिन दयाल पकडे जा चूका था. गांव वाले उसपर टूट पड़े. पर डॉ रुस्तम और मुखिया ने मिलकर उसे बचा लिया.

उस मूर्ति को जमीन से सलामत निकला गया. वो मूर्ति माता की थी. गांव वाले मूर्ति और दिन दयाल दोनों को लेकर स्कूल तक पहोचे. वहां स्कूल मे अब भी एक एनटीटी अब भी पकड़ मे नहीं आई थी. दाई माँ कोमल के साथ हुए हादसे को सुन चुकी थी. दाई माँ समझ चुकी थी की उस बच्चे की आत्मा बुरी तरह से कोमल के पीछे है.

भले ही वो कोमल के शरीर मे ना घुस पाई हो. पर पीछे पड़े होने के कारण वो कोई ना कोई हादसा करने की कोसिस करेंगी. और आत्माओ से बच्चे की आत्मा ज्यादा जिद्दी होती है. जल्दी पीछा नहीं छोड़ती. लेकिन ऐसी आत्माओ को पकड़ना और भी ज्यादा आसान है.

वो जो मौत देती है. एक बली होती है. अगर उन्हें बली दे डी जाए तो उस मुद्दे तक शांत हो जाती है. दाई माँ ने कोमल की तरफ हाथ बढ़ाया. कोमल समझ नहीं पाई. दाई माँ बस मंतर पढ़ते हुए कोमल की तरफ अपना हाथ बढ़ाए हुए थी. कोमल ने भी दाई माँ की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया.


कोमल : अह्ह्ह्ह ससससस...


दाई माँ ने झट से कोमल का हाथ पकड़ लिया. और दूसरे हाथ से एक चाकू निकल कर कोमल के हाथ पर कट मारा. कोमल के हाथ से खून तपकने लगा. दाई माँ ने कोमल का हाथ अपने एक हाथ से पकडे रखा और दूसरे हाथ से निचे एक मिट्टी का कुल्लड़ सेट किया.

कोमल का खून उस कुल्लड़ से टप टप तपकने लगा. दाई माँ तो लगातार मंत्रो का उच्चारण मन मे किये ही जा रही थी. किसी भी जीव को मरे बिना. इस तरह धोखे से खून निकला जाए. वो मृत्यु बली के सामान है. ये विधि तामसिक विधया मे शामिल है. इस से वो जीव की जान लिए बिना बली दी जाती है. दाई माँ ने मिरर की तरफ हिशारा किया.

कोमल ने झट से मिरर उठाकर देखने की कोसिस की. वो लड़का वही था. ये देख कर कोमल घबरा गई. कोमल ने फिर धुँआ देखा. पर जब धुँआ छटा वो लड़का वहां नहीं था. दाई माँ उस कुल्लाड़ को भी वैसे ही बांध देती है.


दाई माँ : अब तू आज़ाद हे लाली(बेटी).


दाई माँ ने कोमल के हाथ को खुद अपने हाथो मे लिया. और उसके हाथ मे एक लाल धागा बांध दिया.


दाई माँ : अब तू कुछ बोले बिना ज्या ते निकर जा.
(अब तू कुछ बोले बिना यहाँ से निकल जा)


कोमल बोलना चाहती थी. पर दाई माँ ने उसके मुँह पर अपना हाथ रख दिया.


दाई माँ : मेरो काम बाकि है लाली. तू जा तहा ते.
(मेरा काम बाकि है. तू जा यहाँ से.)


कोमल कुछ बोले बिना उस स्कूल से निकल गइ. पर बहार निकलते ही उसने गांव वालों की भीड़ आते देखि.



Superb update and mind blowing writing skills 👌🏻 devi ji, daai ma ne bali vidhi se aakhiri bache hue ntt ko bhi pakad liya👍 aapne sahi kaha baccho ki ntt kafi jiddi hoti hai per kuch raste hai jinse unper kabu paya ja sakta hai, jinme tamsik or satvik dono hi aate hai👍 jaisa ki pahle bhi ek bar laga tha ki mandir or murti deen dayal ne hi chupaya ho sakta hai, ab sabit ho hi gaya, halanki mandir usne na sahi per murti to chupai👍 awesome update
👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💥💥💥💥💥💥💥💥🔥🔥🔥🔥🔥
🔥
 

Shetan

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Me janti thi ki ye vale updates aap ko bahot pasand aaenge. Life me paheli bar thilar likha. Socha tha ki is bar kissa pura ho jaega. Lekin ab bhi thodasa kissa likhna baki hai. Next time peopar complete hoga.
 

Shetan

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Komal ka dimag vakayi me behad shatir he................usne kis tarah se mandir ki urti ka pata lagaya vo vakai me hairan karne wala he...........

Dai maa ne aakhirkar apna tantra vidya ka kaam badi hi achchi tarah se nipata diya.............

Sabhi bachcho ki aatmao ko mukt kar diya.............

Ab bache he kewal pandit ji....................wo bhi bahndara karne ke baad mukt ho jayenge

Keep Posting Ji
Thankyou so much Ajju. Me janti thi. Is bar vale updates sab ko hilakar rakh denge.
 

Shetan

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Superb update and mind blowing writing skills 👌🏻 devi ji, daai ma ne bali vidhi se aakhiri bache hue ntt ko bhi pakad liya👍 aapne sahi kaha baccho ki ntt kafi jiddi hoti hai per kuch raste hai jinse unper kabu paya ja sakta hai, jinme tamsik or satvik dono hi aate hai👍 jaisa ki pahle bhi ek bar laga tha ki mandir or murti deen dayal ne hi chupaya ho sakta hai, ab sabit ho hi gaya, halanki mandir usne na sahi per murti to chupai👍 awesome update
👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻💥💥💥💥💥💥💥💥🔥🔥🔥🔥🔥
🔥
Sahi kaha. Ab hakikat puri sachai din Dayal bakega. Lot of thanks. Ye simple vali writing me post do na. Ek to English nahi aati. Upar se ye tede mede aksar. Copy pest kar ke padha.
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Me janti thi ki ye vale updates aap ko bahot pasand aaenge. Life me paheli bar thilar likha. Socha tha ki is bar kissa pura ho jaega. Lekin ab bhi thodasa kissa likhna baki hai. Next time peopar complete hoga.
Bolne me or likhne me yahi to anter hota hai madam, bolke jaldi se khatam kiya ja sakta hai per likhne me samay lagta hai👍
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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Sahi kaha. Ab hakikat puri sachai din Dayal bakega. Lot of thanks. Ye simple vali writing me post do na. Ek to English nahi aati. Upar se ye tede mede aksar. Copy pest kar ke padha.
Aage se aisa hi hoga sarkaar👍
 

Shetan

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Aage se aisa hi hoga sarkaar👍
Thankyou so much Panditji
 
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Kya gajab ka update Diya h saitan ji, maja aa gaya Parke, superb
 
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