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Horror किस्से अनहोनियों के

Shetan

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दोस्तों किस्से अनहोनीयों के एक हॉरर कहानी है. ये भूतिया किस्सों पर आधारित है. जैसे ही मेरे पास किस्से आते रहेंगे. या कोई अमेज़िंग कॉन्सेप्ट मिलते रहेंगे कहानी आगे बढ़ती रहेगी. लेखक भुत प्रेतो मे विस्वास रखते है या नहीं. या फिर कोई और कारण हो. लेखक किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए बंधित नहीं है. तो कृपया कहानी मे खोट निकालने की या नकारात्मक सवाल करने की कोसिस ना करें. ये स्पेशल हॉरर लवर्स के लिए कहानी है. जिन्हे दिलचस्पी हो और जो कमजोर दिल के ना हो वो ही पढ़े. यदि आप पढ़ते हो. उसके बाद आप मे आए किसी भी बदलाव के लिए लेखक जिम्मेदार नहीं है.


यह लेखक को मिले भूतिया किस्सों का नाटकिया और बनावटी रूप देकर कहानी को लिखा जा रहा है. अगर आप के पास कोई किस्सा हो तो आप मुजे msg के जरिये बता सकते हो. यदि आप का किस्सा बहेतर हुआ तो. आप के किस्से को बनावटी नाटकीय रूप देकर किस्सों मे शामिल किया जाएगा.

story pasand aae to please Likes aur comments dene me koi kanjusi mat karna



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Part 1
Part 2

 
Last edited:

Shetan

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जरूर भाई
इनकी पहली कहानी का सक्रिय पाठक रहा हूं मैं
बहोत बहोत शुक्रिया कामदेव जी. कांटेस्ट से बहार ये मेरी पहेली non sexual स्टोरी है. हलाकि पहला किस्सा तो कांटेस्ट मे शामिल है. मगर आगे के किस्से आप को किसी और हॉरर स्टोरी मे नहीं मिले होंगे. स्टोरी मे हॉरर लेवल मेने धीरे धीरे बढ़ाया है.

आप एक बार आगे जरूर बढ़ना. खास कर दूसरा और तीसरा किस्सा अमेज़िंग है.
 

Shetan

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Shetan

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Update 17

कोमल ने डोर पर खड़े रुस्तम को देखा. जो मुस्कुरा रहा था. पर स्माइल तो कोमल के फेस पर भी थी. कुछ हद तक उस माहौल मे एक अलग ही एनर्जी फेल गई थी. क्यों की सारी विंडो खुली हुई थी. बहार से सुबह की धुप और बहोत ही प्यारी हवा चल रही थी. ऊपर से कोमल के हौसले जैसे बुलंद हो रखे हो. बलबीर ने लाई हुई मूर्ति के आगे दिया जल रहा था.


कोमल : (स्माइल) आइये डॉ साहब.


डॉ : (स्माइल) आज मै कोनसी कोमल को देख रहा हु??? क्या ये कोमल असली है. या वो जो फोन पर थी.


कोमल बस जरासा मुस्कुराकर निचे देखने लगी.


कोमल : कोमल तो वो भी असली ही थी. बस हालत बदल गए.


डॉ : (स्माइल) बिलकुल वही लड़की जैसा दाई माँ ने बताया था.


दाई माँ को याद कर के कोमल को ख़ुशी तो हुई. पर उसी वक्त उसे एक डर भी लगा. बलबीर बिना ब्याहे उसके घर मे पति की तरह रहे रहा था. वो दाई माँ को क्या मुँह दिखाएगी.


कोमल : (स्माइल) दाई माँ मुजे मुझसे ज्यादा समज़ती है. खेर आप आइये बैठिये.


कोमल ने डॉ रुस्तम को सोफे पर बैठने का हिशारा किया. डॉ रुस्तम एक बैग ही लेकर आया था. वो उसे निचे रख कर सोफे पर बैठ गया.


डॉ : मै चाय पिऊंगा.


तीनो हसने लगे.


कोमल : (स्माइल) अभी बनाती हु.


कोमल किचन मे गई. और चाय बनाने लगी. बलबीर और डॉ रुस्तम दोनों बैठ कर बाते कर रहे थे. कोमल उन दोनों की बाते साफ सुन सकती थी.


बलबीर : और कुछ बताया माँ ने???


लम्बी शांस लेते हुए डॉ रुस्तम कुछ सोचने लगा. वो भी जानता था की उनकी बाते कोमल सुन रही है. क्यों की किचन तो सिर्फ 5 कदम की दूरी पर ही था.


डॉ : दाई माँ बता रही थी वो 2 जिन्न है. जो तुम्हे परेशान कर रहे है.


कोमल के कान खड़े हो गए. वो देख तो पतिले मे उबालते पानी को रही थी. मगर उसका ध्यान अब बलबीर और डॉ रुस्तम की बातो पर चले गया. मगर झटका सिर्फ कोमल को ही नहीं. बलबीर को भी लगा. क्यों के उसने भी कोमल के पास अजीब से दिखने वाले दो लोगो बैठा देखा था.


बलबीर : (सॉक) दो जिन्न??? पर ये आए कहा से???


डॉ : वही से. जहा से पहले वाला आया था.


बलबीर और कोमल दोनों ही समझ गए. जो पलकेश के अंदर जिन्न था. वो बलवीर के खेत मे जो पेड़ था. उसी से आया था. बलबीर डॉ रुस्तम को हैरत भरी नजरों से देखने लगा. कोमल भी किचन के डोर तक आ गई. डॉ रुस्तम कभी बलबीर को देखता तो कभी कोमल को.


डॉ : वो तीन थे. जिसमे से एक ने पलकेश को पजेश किया. पर बाकि 2 यही है. तुम्हारे घर मे. और ये बात मुजे खुद दाई माँ ने बताई.


बलबीर और कोमल दोनों को मानो झटका ही लगा था. कोमल किचन के डोर से ही खड़े खड़े डॉ रुस्तम से सवाल करने लगी.


कोमल : दाई माँ को कैसे पता चला.


डॉ : दाई माँ ने कोई एनर्जी सिद्ध की हुई है.

जब मेने उन्हें पलकेश के जिन्न के बारे मे बताया तब उन्होंने अपनी एनर्जी से संपर्क किया. धीरे धीरे उन्हें जानकारी मिलने लगी. और धीरे धीरे सब पता चलने लगा. वो किस हद तक तुम्हे परेशान कर रहे है. सब दाई माँ को पता चल रहा है. वो मुजे हर बात बताती है. वो मूर्ति वाली बात भी और डोर पर लगे उस स्टिकर की बात भी.


कोमल सॉक जरूर थी. पर उसने ये नहीं सोचा की बलबीर के साथ उसके रिश्ते की बात भी तो दाई माँ को पता चल गई होंगी. कोमल का तो मानो सर चक्र गया था.


कोमल : अमम... मुजे मुजे कुछ समझ नहीं आ रहा है.


डॉ : तुम फ़िक्र मत करो. वो सब ठीक कर देगी. तकलीफ तो तब ज्यादा होती जब वो दोनों जिन्न मे से एक भी तुम्हारे अंदर आ चूका होता.


बलबीर : मतलब अभी डरने की जरुरत नहीं??


डॉ : हा वैसे तो डरने की जरुरत नहीं है. पर वो तुम्हे ऐसे ही परेशान जरूर करेगा.


कोमल : (गुस्सा)(किचन से ही) करने दो साले को जो करना है. मै डरने वाली नहीं हु.


डॉ रुस्तम को ये बहोत अच्छा लगा की कोमल के हौसले बुलंद है. कुछ पल के लिए माहौल शांत हो गया. लेकिन कोमल और बलबीर दोनों के मन मे अजीब से सवाल चल रहे थे. उन्होंने जिन्न कभी देखा नहीं था.

पलकेश के साथ हुए हादसे से पहले तक तो वो जिन्न मतलब कुछ और ही समझ रहे थे. टीवी पर एक काल्पनिक धारावाहिक अलिफ़ लैला जो देखा था. उनके हिसाब से तो जिन्न वैसा ही मानते थे. जो चिराग घिसने पर एक बड़ासा जिन्न निकलता है.

और वो सारी मनोकामना पूरी करता है. पर पलकेश के साथ हुए हादसे के बाद तो कोमल और बलबीर के सारे वहेम एकदम से ही दूर हो गए. आखिर बलबीर ने हिचकते सवाल पूछ ही लिया.


बलबीर : जिन्न इतने खतरनाक हो सकते है. ये मेने कभी सोचा ही नहीं था.


डॉ : जिन्न किसी के अंदर आए बिना भी इतनी तकलीफ पहोंचा सकता है. तुम सोच नहीं सकते.


तभी कोमल चाय की ट्रे लेकर आ गई. वो तीनो की चाय लेकर आई. उसने बलबीर और डॉ रुस्तम को चाय दी. और खुद भी चाय लेकर बैठ गई. कोमल भी डॉ रुस्तम की बातो को बड़े ध्यान से सुन रही थी.


डॉ : अगर किसी को पजेश करने की कोसिस करेगा तो वो सिर्फ नापाक जिन्न.

नापाक माने तो बुरा या गन्दा. ये इतने बुरे होते है की इनके आने से मनहूसियत तक छा जाती है. अच्छे कामों को बिगड़ देते है. इंसान सिर्फ साथ होने के असर से ही अइयासी नशे बहोत कुछ बुरी चीजों मे पड़ जाते है. तुम्हे वो हर अच्छी चीजों से दूर करने की कोसिस करेगा.


कोमल भी अपने आप को रोक नहीं पाई. क्यों की वो जिन्न तो सबसे ज्यादा कोमल को ही परेशान कर रहा था.


कोमल : अगर वो किसी के अंदर आ जाए तो कितना परेशान करेगा????


बलबीर : पलकेश को तो तुमने देखा ही ना.


बलबीर डॉ रुस्तम की तरफ देखता है. जैसे अपनी बात पर हामी भरवाने की कोसिस कर रहा हो.


डॉ : उस से भी ज्यादा.


कोमल : उस से भी ज्यादा???


कोमल हैरान रहे गई. क्यों की पलकेश के किस्से मे ही वो दोनों जबरदस्त परेशान रहे थे. पलकेश ने हर पल अलग अलग प्रकार से झटके दिये थे.


डॉ : अपने मोबाइल पर विकिपीडिया निकालो. तुम्हे एक किस्सा बताता हु. बांग्लादेश किस्सा है.


कोमल ने अपना मोबाइल लिया. और उसमे विकिपीडिया खोला. डॉ रुतम ने जो कहा उसने वही सर्च किया. कोमल को वो किस्सा मिल गया. एक बांग्लादेश की न्यूज़ थी.


बलबीर : आप ही बताओ ना??


कोमल ने भी तुरंत अपना मोबाइल बंद किया और डॉ रुस्तम की तरफ देखने लगी. कोमल वैसे भी भूतिया किस्सा सुन ने को ज्यादा ही बेताब रहती थी. वो ये भूल गई की उसे खुद को 2 जिन्न परेशान कर रहे थे. डॉ रुस्तम वो किस्सा बताने लगे.


सच्ची कहानी - दोस्तों बांग्लादेश न्यूज़ और विकिपीडिया पर ये किस्सा उपलब्ध है. बांग्लादेश मेडिकल रिसर्च ने हमारे देश और दुनिया के सारे बड़े पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर्स को ये किस्सा पोस्ट किया था. जिसमे हमारे मुल्क के सबसे बड़े पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर गौरव तिवारी सर भी शामिल थे. हलाकि आज के वक्त मे हमारे गौरव तिवारी सर जीवित नहीं है. पर स्पेशल उन्हें ये किस्सा ईमेल पोस्ट के द्वारा ये किस्सा खास तौर पर भेजा गया था.


डॉ : ये किस्सा 10 साल पुराना बांग्लादेश ढाका का है. रहेमान मालिक का.

रहेमान 34 साल का था. उसकी एक बीवी और 2 बच्चे थे. एक बेटा और एक बेटी. बेटी कुछ 8 साल की थी. पर बेटा तो जस्ट हुआ ही था. कुछ 2 या 3 महीने का ही होगा. रहेमान घर से कुडा फेकने गया. ढाका मे वैसे भी बहोत गंदगी है. कुछ मकानों के बिच एक खाली जगह थी. जहा कूड़े का पहाड़ जैसा बना हुआ था.

रहेमान ने वही अपना कुदा फेका. वहां एक पेड़ था. पेड़ के निचे एक छोटी मटकी(हांडी) और एक दिया जल रहा था. रहेमान ने बस एक ही गलती की. उस मटकी को जाते हुए जोर से लात मारी. वो मटकी सीधा कूड़े के ढेर मे जा गिरी. रहेमान जाने लगा. पर जाते हुए उसे सर मे तेज़ दर्द सा उठा. वो अपना सर पकड़ कर वही बैठ गया.

पर थोड़ी ही देर मे वो दर्द ठीक हो गया. रहेमान ने घूम कर उसी पेड़ को देखा. वो हैरान रहे गया. उसे उस पेड़ के निचे वही दिया जलता हुआ दिखा. पर साथ मे उसे कुछ और ही दिखा.


बलबीर : क्या????


डॉ : उसका खुद का कटा हुआ सर.


बलबीर : (सॉक) क्या????


डॉ : हा सही सुना तुमने.


कोमल भी अपने आप को रोक नहीं पाई.


कोमल : एएए एक मिनट. मतलब रहेमान ने उस पेड़ के निचे उस मटकी की जगह खुद का ही कटा हुआ सर देखा???


डॉ : हा तो मै भी तो वही कहे रहा हु. उसने खुद का ही कटा हुआ सर देखा.


ये सुनकर कोमल और बलबीर दोनों ही एकदम हैरान रहे गए. उन्हें सुनकर बड़ा अजीब लगा. लेकिन बोलते हुए वैसी ही हैरानी डॉ रुस्तम मे भी नजर आ रही थी.


डॉ : रहेमान वहां से चले गया. वो बहोत घबरा गया था. पर अपने घर आते आते रहेमान रहेमान नहीं रहा था. उसमे बदलाव आ गया था. उसकी बीवी का नाम रुबीना था. आते ही उसने रुबीना से पानी माँगा. रुबीना ने उसे ग्लास पानी दिया. रहेमान पी गया.


रहेमान : और दो.


रुबीना ने फ्रिज से बोतल निकली. और एक ग्लास और भर दिया. रहेमान पी गया.


रहेमान : और.


रुबीना ने उसे पानी की बोतल ही थमा दी.


रुबीना : कितनी प्यास लगी है तुम्हे???


रहेमान पूरी बोतल पानी पी गया.


रहेमान : और पानी दो.


रुबीना फ्रिज से दूसरी बोतल ले आई. और रहेमान को थमा दी.


रुबीना : ये लो. क्या किया जो आप को इतनी ज्यादा प्यास लग रही है.


रहेमान ने वो बोतल तो ले ली. मगर रुबीना को एक उलटे हाथ का जोर डर थमाचा रुबीना को मारा. रुबीना दूर जा गिरी. रहेमान दूसरी बोतल भी पानी पी गया. वो खुद ही खड़ा हुआ. और बारी बारी फ्रिज की सारी बोतलो का पानी पी गया.

रुबीना हैरान रहे गई. वो बस रहेमान को ही देखे जा रही थी. इस से पहले रहेमान ने कभी रुबीना पर हाथ नहीं उठाया था. वो एक डरपोक इंसान था. मगर उसमे अजीब सा बदलाव आ गया था. रहेमान पलट कर फिर रुबीना के पास गया.


रहेमान : मुजे और पानी दो.


रुबीना ने बस मटके की तरफ हिशारा किया. क्यों की वो भी डर गई थी. रहेमान मटके के पास गया. वो 10 लीटर के आस पास से भरा मटका उठता है. और मुँह लगाकर पानी पिने लगा. ये देख कर रुबीना डर गई. और वहां से भाग निकली.

उसके मकान के बगल मे ही रहेमान के बड़े भाई का घर था. अयान मालिक. अयान रुबीना के बुलाने पर आया. वही रहेमान उस मटके का पानी पीते उसे फेक दिया. और दूसरा मटका भी उठाकर वैसे ही पानी पिने लगा.


अयान भी ये देख कर सॉक हो गया. वो अपने छोटे भाई के पास आया. उसके कंधे पर हाथ रखा.



अयान : क्या हो गया तुम्हे रहेमान????


रहेमान ने घूम कर अयान को जोर से थप्पड़ मारा. अयान भी गिर गया. उसका सर चकरा गया. वो समझ गया की वो उसका भाई नहीं. कोई और है. अयान भी मार खाकर वहां से चले गया. रात रहेमान ने रुबीना का जबरदस्त बलात्कार किया. बच्चे रोते रहे और रुबीना चिल्लाती रही. मगर रहेमान को कोई फर्क नहीं पड़ा.

दो तीन दिन निकल गए. रुबीना फस चुकी थी. अयान भी उनके घर नहीं आ रहा था. रहेमान ऐसे ही घर का सारा पानी पी जाता. पर तक़रीबन चार दिन बाद रुबीना की मानो रूह ही कांप गई. एक शाम उसे अपना बेटा नहीं मिल रहा था. वो परेशान हो गई. आखिर घर से बच्चा गायब कैसे हो गया.


कोमल : (सॉक) क्या वही बच्चा??? जो दो तीन महीने का था???


डॉ : हा. उसका बेटा. उस शाम रुबीना को अपने बच्चे के रोने की आवाज आने लगी. पर कहा से वो समझ नहीं आया. रुबीना ने अपना पूरा घर छान मारा. मगर उसका बेटा मिल ही नहीं रहा था. बच्चे के रोने की आवाज ज्यादा आने लगी. रुबीना घर से बहार आ गई.

वो आवाज बहार ज्यादा आ रही थी. रुबीना दए बाए देखने लगी. फिर अचानक उसकी नजर ऊपर गई. और जो देखा. वो देख कर वो बुरी तरह से डर गई. रहेमान बच्चे की एक टांग पकडे छत से निचे लटका रखा था. एक माँ ये कैसे बरदास कर लेती. रुबीना बहोत तेज़ी से भाग कर सीढिया चढने लगी.

और बहोत जल्दी पहोच कर रहेमान के हाथो से अपना बच्चा छीन लिया. रुबीना सीधा अयान के घर चली गई. सारी बाते अयान को जाकर बताई.
अब तक आस पास के लोगो को भी ये बात पता चल चुकी थी. रहेमान की हालत ठीक नहीं है.

उसके अंदर कुछ है. अयान एक मौलवी को बुलाकर लाया. पर रहेमान ने तो उस मौलवी की हालत भी ख़राब कर दी.



कोमल : तो क्या मौलवी भी जिन्न को काबू नहीं कर सकते???


डॉ : नहीं ऐसा नहीं है. एक मौलवी 5 वक्त का पक्का नमाज़ी होता है.

वो ऊपर वाले की बहोत खिदमत करता है. उसे आयात और कुरान का अच्छा नॉलेज होता है. पर उस मौलवी ने अपनी तालीम बंगाली भाषा मे की थी. जिस कारण उसका कई शब्दो का ज्ञान अधूरा था. ऊपर से वो बिना पूरी तालीम लिए ही मौलवी का काम सँभालने लगा था.

वो रहेमान के हाथ चढ़ गया. रहेमान ने उसे कोई आयत पढ़ने ही नहीं दिया. और पिट पिट कर भगा दिया. कोई रस्ता नहीं था. सबने रहेमान को उसी के हाल पर छोड़ दिया. एक शाम रुबीना को रहेमान कही दिखाई नहीं दे रहा था. घर का सारा पिने वाला पानी ख़तम था.

बल्कि रुबीना ने पहले से ही भरा ही नहीं था. उसे प्यास लगती तो वो पड़ोस मे अयान के घर पी आती. बच्चों को भी उसी के घर छोड़ दिया था. रुबीना को घर मे कही भी रहेमान नहीं दिखा तो वो उसे खोजने लगी. मगर जब उसे रहेमान दिखा.

रुबीना की रूह कांप गई. वो बुरी तरह से घबरा गई. रहेमान बाथरूम मे निचे बैठा हुआ था. बाथरूम का नल खुला हुआ था. और पानी सीधा निचे बैठे रहेमान के मुँह मे ही गिर रहा था. नल से जिस स्पीड मे पानी गिरता है. उतनी स्पीड से तो इंसान क्या कोई जानवर भी पानी नहीं पी सकता. मगर बाथरूम के नल से पानी रहेमान के मुँह मे ऐसे गिर रहा था. जैसे रहेमान के पेट मे कोई बड़ी टंकी हो.

रुबीना डर कर वहां से चिल्लाते हुए भागी. सभी लोग जमा हो गए. इस किस्से को दशवा दिन (10 days) हो गया था. जब सब लोग आए तब देखा की रहेमान की हालत ज्यादा ख़राब हो गई थी. चहेरा सफ़ेद हो गया था होंठ सुख गए थे. जैसे चहेरे से नमी ही गायब हो गई हो. रहेमान बाथरूम मे ही गिरा पड़ा था. बस पलके झबक रही थी. सब ने मिलकर रहेमान को उठाया और हॉस्पिटल ले गए.

रहेमान को ढाका की मेडिकल कॉलेज लेजाया गया. पर जब डॉक्टर्स ने रहेमान को चेक किया तो वो भी हैरान रहे गए. मेडिकल रिपोर्ट बता रही थी की ज्यादा पानी शरीर मे होने के कारण रहेमान 10 दिन पहले ही मर चूका था. जब की रहेमान उनके सामने जिन्दा था.


कोमल : (सॉक) क्या????? वो दस दिन पहले ही मर चूका था????


बलबीर : पर जब रहेमान उनके सामने जिन्दा था तो उसे रिपोर्ट मे कैसे मरा हुआ घोषित कर सकते थे.


डॉ : तुम समझ क्यों नहीं रहे. उसे मरा हुआ घोषित नहीं किया. रिपोर्ट के अनुसार रहेमान की मौत तो 10 दिन पहले ही हो चुकी थी.

जब मेडिकल कॉलेज ने उस केस से हाथ खड़े किये तब वो लोग रहेमान को घर लेजाने लगे. मगर हॉस्पिटल से बहार निकलते ही रहेमान पूरी तरह से मर गया. रुबीना और अयान ने मेडिकल कॉलेज पर ही दावा ठोक दिया की उसे हॉस्पिटल मे डॉ ने ही मार डाला. अब डॉ भी फस गए. डेडबॉडी जा चुकी थी. और उनके पास रिपोर्ट के अनुसार रहेमान की मौत 10 दिन पहले ही हो चुकी थी.

गवाह पूरा माहौला था. नतीजा यह हुआ की मेडिकल कॉलेज को मुआबजा देना पड़ा.


कोमल : तो वो क्या जिन्न था????


डॉ : बिलकुल. उस हॉस्पिटल मे कुछ डॉक्टर्स पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर्स थे.

उन्होंने बाद मे इस केस पर आगे काम किया. वो एक नापाक जिन्न था. और उसी कूड़े मे रहे रहा था. बाद मे उसने रुबीना को बहोत परेशान किया. उसके लिए स्पेशल लखनऊ से मौलवी को बुलाकर उस जिन्न से पीछा छुड़वाया गया.


काफ़ी वक्त उस किस्से को सुनते हो गया था. कोमल खड़ी हुई और किचन मे चली गई. और लंच की तैयारी करने लगी.


 

komaalrani

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Update 17

कोमल ने डोर पर खड़े रुस्तम को देखा. जो मुस्कुरा रहा था. पर स्माइल तो कोमल के फेस पर भी थी. कुछ हद तक उस माहौल मे एक अलग ही एनर्जी फेल गई थी. क्यों की सारी विंडो खुली हुई थी. बहार से सुबह की धुप और बहोत ही प्यारी हवा चल रही थी. ऊपर से कोमल के हौसले जैसे बुलंद हो रखे हो. बलबीर ने लाई हुई मूर्ति के आगे दिया जल रहा था.


कोमल : (स्माइल) आइये डॉ साहब.


डॉ : (स्माइल) आज मै कोनसी कोमल को देख रहा हु??? क्या ये कोमल असली है. या वो जो फोन पर थी.


कोमल बस जरासा मुस्कुराकर निचे देखने लगी.


कोमल : कोमल तो वो भी असली ही थी. बस हालत बदल गए.


डॉ : (स्माइल) बिलकुल वही लड़की जैसा दाई माँ ने बताया था.


दाई माँ को याद कर के कोमल को ख़ुशी तो हुई. पर उसी वक्त उसे एक डर भी लगा. बलबीर बिना ब्याहे उसके घर मे पति की तरह रहे रहा था. वो दाई माँ को क्या मुँह दिखाएगी.


कोमल : (स्माइल) दाई माँ मुजे मुझसे ज्यादा समज़ती है. खेर आप आइये बैठिये.


कोमल ने डॉ रुस्तम को सोफे पर बैठने का हिशारा किया. डॉ रुस्तम एक बैग ही लेकर आया था. वो उसे निचे रख कर सोफे पर बैठ गया.


डॉ : मै चाय पिऊंगा.


तीनो हसने लगे.


कोमल : (स्माइल) अभी बनाती हु.


कोमल किचन मे गई. और चाय बनाने लगी. बलबीर और डॉ रुस्तम दोनों बैठ कर बाते कर रहे थे. कोमल उन दोनों की बाते साफ सुन सकती थी.


बलबीर : और कुछ बताया माँ ने???


लम्बी शांस लेते हुए डॉ रुस्तम कुछ सोचने लगा. वो भी जानता था की उनकी बाते कोमल सुन रही है. क्यों की किचन तो सिर्फ 5 कदम की दूरी पर ही था.


डॉ : दाई माँ बता रही थी वो 2 जिन्न है. जो तुम्हे परेशान कर रहे है.


कोमल के कान खड़े हो गए. वो देख तो पतिले मे उबालते पानी को रही थी. मगर उसका ध्यान अब बलबीर और डॉ रुस्तम की बातो पर चले गया. मगर झटका सिर्फ कोमल को ही नहीं. बलबीर को भी लगा. क्यों के उसने भी कोमल के पास अजीब से दिखने वाले दो लोगो बैठा देखा था.


बलबीर : (सॉक) दो जिन्न??? पर ये आए कहा से???


डॉ : वही से. जहा से पहले वाला आया था.


बलबीर और कोमल दोनों ही समझ गए. जो पलकेश के अंदर जिन्न था. वो बलवीर के खेत मे जो पेड़ था. उसी से आया था. बलबीर डॉ रुस्तम को हैरत भरी नजरों से देखने लगा. कोमल भी किचन के डोर तक आ गई. डॉ रुस्तम कभी बलबीर को देखता तो कभी कोमल को.


डॉ : वो तीन थे. जिसमे से एक ने पलकेश को पजेश किया. पर बाकि 2 यही है. तुम्हारे घर मे. और ये बात मुजे खुद दाई माँ ने बताई.


बलबीर और कोमल दोनों को मानो झटका ही लगा था. कोमल किचन के डोर से ही खड़े खड़े डॉ रुस्तम से सवाल करने लगी.


कोमल : दाई माँ को कैसे पता चला.


डॉ : दाई माँ ने कोई एनर्जी सिद्ध की हुई है.

जब मेने उन्हें पलकेश के जिन्न के बारे मे बताया तब उन्होंने अपनी एनर्जी से संपर्क किया. धीरे धीरे उन्हें जानकारी मिलने लगी. और धीरे धीरे सब पता चलने लगा. वो किस हद तक तुम्हे परेशान कर रहे है. सब दाई माँ को पता चल रहा है. वो मुजे हर बात बताती है. वो मूर्ति वाली बात भी और डोर पर लगे उस स्टिकर की बात भी.


कोमल सॉक जरूर थी. पर उसने ये नहीं सोचा की बलबीर के साथ उसके रिश्ते की बात भी तो दाई माँ को पता चल गई होंगी. कोमल का तो मानो सर चक्र गया था.


कोमल : अमम... मुजे मुजे कुछ समझ नहीं आ रहा है.


डॉ : तुम फ़िक्र मत करो. वो सब ठीक कर देगी. तकलीफ तो तब ज्यादा होती जब वो दोनों जिन्न मे से एक भी तुम्हारे अंदर आ चूका होता.


बलबीर : मतलब अभी डरने की जरुरत नहीं??


डॉ : हा वैसे तो डरने की जरुरत नहीं है. पर वो तुम्हे ऐसे ही परेशान जरूर करेगा.


कोमल : (गुस्सा)(किचन से ही) करने दो साले को जो करना है. मै डरने वाली नहीं हु.


डॉ रुस्तम को ये बहोत अच्छा लगा की कोमल के हौसले बुलंद है. कुछ पल के लिए माहौल शांत हो गया. लेकिन कोमल और बलबीर दोनों के मन मे अजीब से सवाल चल रहे थे. उन्होंने जिन्न कभी देखा नहीं था.

पलकेश के साथ हुए हादसे से पहले तक तो वो जिन्न मतलब कुछ और ही समझ रहे थे. टीवी पर एक काल्पनिक धारावाहिक अलिफ़ लैला जो देखा था. उनके हिसाब से तो जिन्न वैसा ही मानते थे. जो चिराग घिसने पर एक बड़ासा जिन्न निकलता है.

और वो सारी मनोकामना पूरी करता है. पर पलकेश के साथ हुए हादसे के बाद तो कोमल और बलबीर के सारे वहेम एकदम से ही दूर हो गए. आखिर बलबीर ने हिचकते सवाल पूछ ही लिया.


बलबीर : जिन्न इतने खतरनाक हो सकते है. ये मेने कभी सोचा ही नहीं था.


डॉ : जिन्न किसी के अंदर आए बिना भी इतनी तकलीफ पहोंचा सकता है. तुम सोच नहीं सकते.


तभी कोमल चाय की ट्रे लेकर आ गई. वो तीनो की चाय लेकर आई. उसने बलबीर और डॉ रुस्तम को चाय दी. और खुद भी चाय लेकर बैठ गई. कोमल भी डॉ रुस्तम की बातो को बड़े ध्यान से सुन रही थी.


डॉ : अगर किसी को पजेश करने की कोसिस करेगा तो वो सिर्फ नापाक जिन्न.

नापाक माने तो बुरा या गन्दा. ये इतने बुरे होते है की इनके आने से मनहूसियत तक छा जाती है. अच्छे कामों को बिगड़ देते है. इंसान सिर्फ साथ होने के असर से ही अइयासी नशे बहोत कुछ बुरी चीजों मे पड़ जाते है. तुम्हे वो हर अच्छी चीजों से दूर करने की कोसिस करेगा.


कोमल भी अपने आप को रोक नहीं पाई. क्यों की वो जिन्न तो सबसे ज्यादा कोमल को ही परेशान कर रहा था.


कोमल : अगर वो किसी के अंदर आ जाए तो कितना परेशान करेगा????


बलबीर : पलकेश को तो तुमने देखा ही ना.


बलबीर डॉ रुस्तम की तरफ देखता है. जैसे अपनी बात पर हामी भरवाने की कोसिस कर रहा हो.


डॉ : उस से भी ज्यादा.


कोमल : उस से भी ज्यादा???


कोमल हैरान रहे गई. क्यों की पलकेश के किस्से मे ही वो दोनों जबरदस्त परेशान रहे थे. पलकेश ने हर पल अलग अलग प्रकार से झटके दिये थे.


डॉ : अपने मोबाइल पर विकिपीडिया निकालो. तुम्हे एक किस्सा बताता हु. बांग्लादेश किस्सा है.


कोमल ने अपना मोबाइल लिया. और उसमे विकिपीडिया खोला. डॉ रुतम ने जो कहा उसने वही सर्च किया. कोमल को वो किस्सा मिल गया. एक बांग्लादेश की न्यूज़ थी.


बलबीर : आप ही बताओ ना??


कोमल ने भी तुरंत अपना मोबाइल बंद किया और डॉ रुस्तम की तरफ देखने लगी. कोमल वैसे भी भूतिया किस्सा सुन ने को ज्यादा ही बेताब रहती थी. वो ये भूल गई की उसे खुद को 2 जिन्न परेशान कर रहे थे. डॉ रुस्तम वो किस्सा बताने लगे.


सच्ची कहानी - दोस्तों बांग्लादेश न्यूज़ और विकिपीडिया पर ये किस्सा उपलब्ध है. बांग्लादेश मेडिकल रिसर्च ने हमारे देश और दुनिया के सारे बड़े पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर्स को ये किस्सा पोस्ट किया था. जिसमे हमारे मुल्क के सबसे बड़े पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर गौरव तिवारी सर भी शामिल थे. हलाकि आज के वक्त मे हमारे गौरव तिवारी सर जीवित नहीं है. पर स्पेशल उन्हें ये किस्सा ईमेल पोस्ट के द्वारा ये किस्सा खास तौर पर भेजा गया था.


डॉ : ये किस्सा 10 साल पुराना बांग्लादेश ढाका का है. रहेमान मालिक का.

रहेमान 34 साल का था. उसकी एक बीवी और 2 बच्चे थे. एक बेटा और एक बेटी. बेटी कुछ 8 साल की थी. पर बेटा तो जस्ट हुआ ही था. कुछ 2 या 3 महीने का ही होगा. रहेमान घर से कुडा फेकने गया. ढाका मे वैसे भी बहोत गंदगी है. कुछ मकानों के बिच एक खाली जगह थी. जहा कूड़े का पहाड़ जैसा बना हुआ था.

रहेमान ने वही अपना कुदा फेका. वहां एक पेड़ था. पेड़ के निचे एक छोटी मटकी(हांडी) और एक दिया जल रहा था. रहेमान ने बस एक ही गलती की. उस मटकी को जाते हुए जोर से लात मारी. वो मटकी सीधा कूड़े के ढेर मे जा गिरी. रहेमान जाने लगा. पर जाते हुए उसे सर मे तेज़ दर्द सा उठा. वो अपना सर पकड़ कर वही बैठ गया.

पर थोड़ी ही देर मे वो दर्द ठीक हो गया. रहेमान ने घूम कर उसी पेड़ को देखा. वो हैरान रहे गया. उसे उस पेड़ के निचे वही दिया जलता हुआ दिखा. पर साथ मे उसे कुछ और ही दिखा.


बलबीर : क्या????


डॉ : उसका खुद का कटा हुआ सर.


बलबीर : (सॉक) क्या????


डॉ : हा सही सुना तुमने.


कोमल भी अपने आप को रोक नहीं पाई.


कोमल : एएए एक मिनट. मतलब रहेमान ने उस पेड़ के निचे उस मटकी की जगह खुद का ही कटा हुआ सर देखा???


डॉ : हा तो मै भी तो वही कहे रहा हु. उसने खुद का ही कटा हुआ सर देखा.


ये सुनकर कोमल और बलबीर दोनों ही एकदम हैरान रहे गए. उन्हें सुनकर बड़ा अजीब लगा. लेकिन बोलते हुए वैसी ही हैरानी डॉ रुस्तम मे भी नजर आ रही थी.


डॉ : रहेमान वहां से चले गया. वो बहोत घबरा गया था. पर अपने घर आते आते रहेमान रहेमान नहीं रहा था. उसमे बदलाव आ गया था. उसकी बीवी का नाम रुबीना था. आते ही उसने रुबीना से पानी माँगा. रुबीना ने उसे ग्लास पानी दिया. रहेमान पी गया.


रहेमान : और दो.


रुबीना ने फ्रिज से बोतल निकली. और एक ग्लास और भर दिया. रहेमान पी गया.


रहेमान : और.


रुबीना ने उसे पानी की बोतल ही थमा दी.


रुबीना : कितनी प्यास लगी है तुम्हे???


रहेमान पूरी बोतल पानी पी गया.


रहेमान : और पानी दो.


रुबीना फ्रिज से दूसरी बोतल ले आई. और रहेमान को थमा दी.


रुबीना : ये लो. क्या किया जो आप को इतनी ज्यादा प्यास लग रही है.


रहेमान ने वो बोतल तो ले ली. मगर रुबीना को एक उलटे हाथ का जोर डर थमाचा रुबीना को मारा. रुबीना दूर जा गिरी. रहेमान दूसरी बोतल भी पानी पी गया. वो खुद ही खड़ा हुआ. और बारी बारी फ्रिज की सारी बोतलो का पानी पी गया.

रुबीना हैरान रहे गई. वो बस रहेमान को ही देखे जा रही थी. इस से पहले रहेमान ने कभी रुबीना पर हाथ नहीं उठाया था. वो एक डरपोक इंसान था. मगर उसमे अजीब सा बदलाव आ गया था. रहेमान पलट कर फिर रुबीना के पास गया.


रहेमान : मुजे और पानी दो.


रुबीना ने बस मटके की तरफ हिशारा किया. क्यों की वो भी डर गई थी. रहेमान मटके के पास गया. वो 10 लीटर के आस पास से भरा मटका उठता है. और मुँह लगाकर पानी पिने लगा. ये देख कर रुबीना डर गई. और वहां से भाग निकली.

उसके मकान के बगल मे ही रहेमान के बड़े भाई का घर था. अयान मालिक. अयान रुबीना के बुलाने पर आया. वही रहेमान उस मटके का पानी पीते उसे फेक दिया. और दूसरा मटका भी उठाकर वैसे ही पानी पिने लगा.


अयान भी ये देख कर सॉक हो गया. वो अपने छोटे भाई के पास आया. उसके कंधे पर हाथ रखा.


अयान : क्या हो गया तुम्हे रहेमान????


रहेमान ने घूम कर अयान को जोर से थप्पड़ मारा. अयान भी गिर गया. उसका सर चकरा गया. वो समझ गया की वो उसका भाई नहीं. कोई और है. अयान भी मार खाकर वहां से चले गया. रात रहेमान ने रुबीना का जबरदस्त बलात्कार किया. बच्चे रोते रहे और रुबीना चिल्लाती रही. मगर रहेमान को कोई फर्क नहीं पड़ा.

दो तीन दिन निकल गए. रुबीना फस चुकी थी. अयान भी उनके घर नहीं आ रहा था. रहेमान ऐसे ही घर का सारा पानी पी जाता. पर तक़रीबन चार दिन बाद रुबीना की मानो रूह ही कांप गई. एक शाम उसे अपना बेटा नहीं मिल रहा था. वो परेशान हो गई. आखिर घर से बच्चा गायब कैसे हो गया.


कोमल : (सॉक) क्या वही बच्चा??? जो दो तीन महीने का था???


डॉ : हा. उसका बेटा. उस शाम रुबीना को अपने बच्चे के रोने की आवाज आने लगी. पर कहा से वो समझ नहीं आया. रुबीना ने अपना पूरा घर छान मारा. मगर उसका बेटा मिल ही नहीं रहा था. बच्चे के रोने की आवाज ज्यादा आने लगी. रुबीना घर से बहार आ गई.

वो आवाज बहार ज्यादा आ रही थी. रुबीना दए बाए देखने लगी. फिर अचानक उसकी नजर ऊपर गई. और जो देखा. वो देख कर वो बुरी तरह से डर गई. रहेमान बच्चे की एक टांग पकडे छत से निचे लटका रखा था. एक माँ ये कैसे बरदास कर लेती. रुबीना बहोत तेज़ी से भाग कर सीढिया चढने लगी.

और बहोत जल्दी पहोच कर रहेमान के हाथो से अपना बच्चा छीन लिया. रुबीना सीधा अयान के घर चली गई. सारी बाते अयान को जाकर बताई.
अब तक आस पास के लोगो को भी ये बात पता चल चुकी थी. रहेमान की हालत ठीक नहीं है.

उसके अंदर कुछ है. अयान एक मौलवी को बुलाकर लाया. पर रहेमान ने तो उस मौलवी की हालत भी ख़राब कर दी.



कोमल : तो क्या मौलवी भी जिन्न को काबू नहीं कर सकते???


डॉ : नहीं ऐसा नहीं है. एक मौलवी 5 वक्त का पक्का नमाज़ी होता है.

वो ऊपर वाले की बहोत खिदमत करता है. उसे आयात और कुरान का अच्छा नॉलेज होता है. पर उस मौलवी ने अपनी तालीम बंगाली भाषा मे की थी. जिस कारण उसका कई शब्दो का ज्ञान अधूरा था. ऊपर से वो बिना पूरी तालीम लिए ही मौलवी का काम सँभालने लगा था.

वो रहेमान के हाथ चढ़ गया. रहेमान ने उसे कोई आयत पढ़ने ही नहीं दिया. और पिट पिट कर भगा दिया. कोई रस्ता नहीं था. सबने रहेमान को उसी के हाल पर छोड़ दिया. एक शाम रुबीना को रहेमान कही दिखाई नहीं दे रहा था. घर का सारा पिने वाला पानी ख़तम था.

बल्कि रुबीना ने पहले से ही भरा ही नहीं था. उसे प्यास लगती तो वो पड़ोस मे अयान के घर पी आती. बच्चों को भी उसी के घर छोड़ दिया था. रुबीना को घर मे कही भी रहेमान नहीं दिखा तो वो उसे खोजने लगी. मगर जब उसे रहेमान दिखा.

रुबीना की रूह कांप गई. वो बुरी तरह से घबरा गई. रहेमान बाथरूम मे निचे बैठा हुआ था. बाथरूम का नल खुला हुआ था. और पानी सीधा निचे बैठे रहेमान के मुँह मे ही गिर रहा था. नल से जिस स्पीड मे पानी गिरता है. उतनी स्पीड से तो इंसान क्या कोई जानवर भी पानी नहीं पी सकता. मगर बाथरूम के नल से पानी रहेमान के मुँह मे ऐसे गिर रहा था. जैसे रहेमान के पेट मे कोई बड़ी टंकी हो.

रुबीना डर कर वहां से चिल्लाते हुए भागी. सभी लोग जमा हो गए. इस किस्से को दशवा दिन (10 days) हो गया था. जब सब लोग आए तब देखा की रहेमान की हालत ज्यादा ख़राब हो गई थी. चहेरा सफ़ेद हो गया था होंठ सुख गए थे. जैसे चहेरे से नमी ही गायब हो गई हो. रहेमान बाथरूम मे ही गिरा पड़ा था. बस पलके झबक रही थी. सब ने मिलकर रहेमान को उठाया और हॉस्पिटल ले गए.

रहेमान को ढाका की मेडिकल कॉलेज लेजाया गया. पर जब डॉक्टर्स ने रहेमान को चेक किया तो वो भी हैरान रहे गए. मेडिकल रिपोर्ट बता रही थी की ज्यादा पानी शरीर मे होने के कारण रहेमान 10 दिन पहले ही मर चूका था. जब की रहेमान उनके सामने जिन्दा था.


कोमल : (सॉक) क्या????? वो दस दिन पहले ही मर चूका था????


बलबीर : पर जब रहेमान उनके सामने जिन्दा था तो उसे रिपोर्ट मे कैसे मरा हुआ घोषित कर सकते थे.


डॉ : तुम समझ क्यों नहीं रहे. उसे मरा हुआ घोषित नहीं किया. रिपोर्ट के अनुसार रहेमान की मौत तो 10 दिन पहले ही हो चुकी थी.

जब मेडिकल कॉलेज ने उस केस से हाथ खड़े किये तब वो लोग रहेमान को घर लेजाने लगे. मगर हॉस्पिटल से बहार निकलते ही रहेमान पूरी तरह से मर गया. रुबीना और अयान ने मेडिकल कॉलेज पर ही दावा ठोक दिया की उसे हॉस्पिटल मे डॉ ने ही मार डाला. अब डॉ भी फस गए. डेडबॉडी जा चुकी थी. और उनके पास रिपोर्ट के अनुसार रहेमान की मौत 10 दिन पहले ही हो चुकी थी.

गवाह पूरा माहौला था. नतीजा यह हुआ की मेडिकल कॉलेज को मुआबजा देना पड़ा.


कोमल : तो वो क्या जिन्न था????


डॉ : बिलकुल. उस हॉस्पिटल मे कुछ डॉक्टर्स पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर्स थे.

उन्होंने बाद मे इस केस पर आगे काम किया. वो एक नापाक जिन्न था. और उसी कूड़े मे रहे रहा था. बाद मे उसने रुबीना को बहोत परेशान किया. उसके लिए स्पेशल लखनऊ से मौलवी को बुलाकर उस जिन्न से पीछा छुड़वाया गया.


काफ़ी वक्त उस किस्से को सुनते हो गया था. कोमल खड़ी हुई और किचन मे चली गई. और लंच की तैयारी करने लगी.
Wonderful update, good use of Dacca story to explain the characters of Jinn. superb. shows your knowledge and reach.
 
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Shetan

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Wonderful update, good use of Dacca story to explain the characters of Jinn. superb. shows your knowledge and reach.
Thankyou very very much Komalji
 

Raj_sharma

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Update 17

कोमल ने डोर पर खड़े रुस्तम को देखा. जो मुस्कुरा रहा था. पर स्माइल तो कोमल के फेस पर भी थी. कुछ हद तक उस माहौल मे एक अलग ही एनर्जी फेल गई थी. क्यों की सारी विंडो खुली हुई थी. बहार से सुबह की धुप और बहोत ही प्यारी हवा चल रही थी. ऊपर से कोमल के हौसले जैसे बुलंद हो रखे हो. बलबीर ने लाई हुई मूर्ति के आगे दिया जल रहा था.


कोमल : (स्माइल) आइये डॉ साहब.


डॉ : (स्माइल) आज मै कोनसी कोमल को देख रहा हु??? क्या ये कोमल असली है. या वो जो फोन पर थी.


कोमल बस जरासा मुस्कुराकर निचे देखने लगी.


कोमल : कोमल तो वो भी असली ही थी. बस हालत बदल गए.


डॉ : (स्माइल) बिलकुल वही लड़की जैसा दाई माँ ने बताया था.


दाई माँ को याद कर के कोमल को ख़ुशी तो हुई. पर उसी वक्त उसे एक डर भी लगा. बलबीर बिना ब्याहे उसके घर मे पति की तरह रहे रहा था. वो दाई माँ को क्या मुँह दिखाएगी.


कोमल : (स्माइल) दाई माँ मुजे मुझसे ज्यादा समज़ती है. खेर आप आइये बैठिये.


कोमल ने डॉ रुस्तम को सोफे पर बैठने का हिशारा किया. डॉ रुस्तम एक बैग ही लेकर आया था. वो उसे निचे रख कर सोफे पर बैठ गया.


डॉ : मै चाय पिऊंगा.


तीनो हसने लगे.


कोमल : (स्माइल) अभी बनाती हु.


कोमल किचन मे गई. और चाय बनाने लगी. बलबीर और डॉ रुस्तम दोनों बैठ कर बाते कर रहे थे. कोमल उन दोनों की बाते साफ सुन सकती थी.


बलबीर : और कुछ बताया माँ ने???


लम्बी शांस लेते हुए डॉ रुस्तम कुछ सोचने लगा. वो भी जानता था की उनकी बाते कोमल सुन रही है. क्यों की किचन तो सिर्फ 5 कदम की दूरी पर ही था.


डॉ : दाई माँ बता रही थी वो 2 जिन्न है. जो तुम्हे परेशान कर रहे है.


कोमल के कान खड़े हो गए. वो देख तो पतिले मे उबालते पानी को रही थी. मगर उसका ध्यान अब बलबीर और डॉ रुस्तम की बातो पर चले गया. मगर झटका सिर्फ कोमल को ही नहीं. बलबीर को भी लगा. क्यों के उसने भी कोमल के पास अजीब से दिखने वाले दो लोगो बैठा देखा था.


बलबीर : (सॉक) दो जिन्न??? पर ये आए कहा से???


डॉ : वही से. जहा से पहले वाला आया था.


बलबीर और कोमल दोनों ही समझ गए. जो पलकेश के अंदर जिन्न था. वो बलवीर के खेत मे जो पेड़ था. उसी से आया था. बलबीर डॉ रुस्तम को हैरत भरी नजरों से देखने लगा. कोमल भी किचन के डोर तक आ गई. डॉ रुस्तम कभी बलबीर को देखता तो कभी कोमल को.


डॉ : वो तीन थे. जिसमे से एक ने पलकेश को पजेश किया. पर बाकि 2 यही है. तुम्हारे घर मे. और ये बात मुजे खुद दाई माँ ने बताई.


बलबीर और कोमल दोनों को मानो झटका ही लगा था. कोमल किचन के डोर से ही खड़े खड़े डॉ रुस्तम से सवाल करने लगी.


कोमल : दाई माँ को कैसे पता चला.


डॉ : दाई माँ ने कोई एनर्जी सिद्ध की हुई है.

जब मेने उन्हें पलकेश के जिन्न के बारे मे बताया तब उन्होंने अपनी एनर्जी से संपर्क किया. धीरे धीरे उन्हें जानकारी मिलने लगी. और धीरे धीरे सब पता चलने लगा. वो किस हद तक तुम्हे परेशान कर रहे है. सब दाई माँ को पता चल रहा है. वो मुजे हर बात बताती है. वो मूर्ति वाली बात भी और डोर पर लगे उस स्टिकर की बात भी.


कोमल सॉक जरूर थी. पर उसने ये नहीं सोचा की बलबीर के साथ उसके रिश्ते की बात भी तो दाई माँ को पता चल गई होंगी. कोमल का तो मानो सर चक्र गया था.


कोमल : अमम... मुजे मुजे कुछ समझ नहीं आ रहा है.


डॉ : तुम फ़िक्र मत करो. वो सब ठीक कर देगी. तकलीफ तो तब ज्यादा होती जब वो दोनों जिन्न मे से एक भी तुम्हारे अंदर आ चूका होता.


बलबीर : मतलब अभी डरने की जरुरत नहीं??


डॉ : हा वैसे तो डरने की जरुरत नहीं है. पर वो तुम्हे ऐसे ही परेशान जरूर करेगा.


कोमल : (गुस्सा)(किचन से ही) करने दो साले को जो करना है. मै डरने वाली नहीं हु.


डॉ रुस्तम को ये बहोत अच्छा लगा की कोमल के हौसले बुलंद है. कुछ पल के लिए माहौल शांत हो गया. लेकिन कोमल और बलबीर दोनों के मन मे अजीब से सवाल चल रहे थे. उन्होंने जिन्न कभी देखा नहीं था.

पलकेश के साथ हुए हादसे से पहले तक तो वो जिन्न मतलब कुछ और ही समझ रहे थे. टीवी पर एक काल्पनिक धारावाहिक अलिफ़ लैला जो देखा था. उनके हिसाब से तो जिन्न वैसा ही मानते थे. जो चिराग घिसने पर एक बड़ासा जिन्न निकलता है.

और वो सारी मनोकामना पूरी करता है. पर पलकेश के साथ हुए हादसे के बाद तो कोमल और बलबीर के सारे वहेम एकदम से ही दूर हो गए. आखिर बलबीर ने हिचकते सवाल पूछ ही लिया.


बलबीर : जिन्न इतने खतरनाक हो सकते है. ये मेने कभी सोचा ही नहीं था.


डॉ : जिन्न किसी के अंदर आए बिना भी इतनी तकलीफ पहोंचा सकता है. तुम सोच नहीं सकते.


तभी कोमल चाय की ट्रे लेकर आ गई. वो तीनो की चाय लेकर आई. उसने बलबीर और डॉ रुस्तम को चाय दी. और खुद भी चाय लेकर बैठ गई. कोमल भी डॉ रुस्तम की बातो को बड़े ध्यान से सुन रही थी.


डॉ : अगर किसी को पजेश करने की कोसिस करेगा तो वो सिर्फ नापाक जिन्न.

नापाक माने तो बुरा या गन्दा. ये इतने बुरे होते है की इनके आने से मनहूसियत तक छा जाती है. अच्छे कामों को बिगड़ देते है. इंसान सिर्फ साथ होने के असर से ही अइयासी नशे बहोत कुछ बुरी चीजों मे पड़ जाते है. तुम्हे वो हर अच्छी चीजों से दूर करने की कोसिस करेगा.


कोमल भी अपने आप को रोक नहीं पाई. क्यों की वो जिन्न तो सबसे ज्यादा कोमल को ही परेशान कर रहा था.


कोमल : अगर वो किसी के अंदर आ जाए तो कितना परेशान करेगा????


बलबीर : पलकेश को तो तुमने देखा ही ना.


बलबीर डॉ रुस्तम की तरफ देखता है. जैसे अपनी बात पर हामी भरवाने की कोसिस कर रहा हो.


डॉ : उस से भी ज्यादा.


कोमल : उस से भी ज्यादा???


कोमल हैरान रहे गई. क्यों की पलकेश के किस्से मे ही वो दोनों जबरदस्त परेशान रहे थे. पलकेश ने हर पल अलग अलग प्रकार से झटके दिये थे.


डॉ : अपने मोबाइल पर विकिपीडिया निकालो. तुम्हे एक किस्सा बताता हु. बांग्लादेश किस्सा है.


कोमल ने अपना मोबाइल लिया. और उसमे विकिपीडिया खोला. डॉ रुतम ने जो कहा उसने वही सर्च किया. कोमल को वो किस्सा मिल गया. एक बांग्लादेश की न्यूज़ थी.


बलबीर : आप ही बताओ ना??


कोमल ने भी तुरंत अपना मोबाइल बंद किया और डॉ रुस्तम की तरफ देखने लगी. कोमल वैसे भी भूतिया किस्सा सुन ने को ज्यादा ही बेताब रहती थी. वो ये भूल गई की उसे खुद को 2 जिन्न परेशान कर रहे थे. डॉ रुस्तम वो किस्सा बताने लगे.


सच्ची कहानी - दोस्तों बांग्लादेश न्यूज़ और विकिपीडिया पर ये किस्सा उपलब्ध है. बांग्लादेश मेडिकल रिसर्च ने हमारे देश और दुनिया के सारे बड़े पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर्स को ये किस्सा पोस्ट किया था. जिसमे हमारे मुल्क के सबसे बड़े पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर गौरव तिवारी सर भी शामिल थे. हलाकि आज के वक्त मे हमारे गौरव तिवारी सर जीवित नहीं है. पर स्पेशल उन्हें ये किस्सा ईमेल पोस्ट के द्वारा ये किस्सा खास तौर पर भेजा गया था.


डॉ : ये किस्सा 10 साल पुराना बांग्लादेश ढाका का है. रहेमान मालिक का.

रहेमान 34 साल का था. उसकी एक बीवी और 2 बच्चे थे. एक बेटा और एक बेटी. बेटी कुछ 8 साल की थी. पर बेटा तो जस्ट हुआ ही था. कुछ 2 या 3 महीने का ही होगा. रहेमान घर से कुडा फेकने गया. ढाका मे वैसे भी बहोत गंदगी है. कुछ मकानों के बिच एक खाली जगह थी. जहा कूड़े का पहाड़ जैसा बना हुआ था.

रहेमान ने वही अपना कुदा फेका. वहां एक पेड़ था. पेड़ के निचे एक छोटी मटकी(हांडी) और एक दिया जल रहा था. रहेमान ने बस एक ही गलती की. उस मटकी को जाते हुए जोर से लात मारी. वो मटकी सीधा कूड़े के ढेर मे जा गिरी. रहेमान जाने लगा. पर जाते हुए उसे सर मे तेज़ दर्द सा उठा. वो अपना सर पकड़ कर वही बैठ गया.

पर थोड़ी ही देर मे वो दर्द ठीक हो गया. रहेमान ने घूम कर उसी पेड़ को देखा. वो हैरान रहे गया. उसे उस पेड़ के निचे वही दिया जलता हुआ दिखा. पर साथ मे उसे कुछ और ही दिखा.


बलबीर : क्या????


डॉ : उसका खुद का कटा हुआ सर.


बलबीर : (सॉक) क्या????


डॉ : हा सही सुना तुमने.


कोमल भी अपने आप को रोक नहीं पाई.


कोमल : एएए एक मिनट. मतलब रहेमान ने उस पेड़ के निचे उस मटकी की जगह खुद का ही कटा हुआ सर देखा???


डॉ : हा तो मै भी तो वही कहे रहा हु. उसने खुद का ही कटा हुआ सर देखा.


ये सुनकर कोमल और बलबीर दोनों ही एकदम हैरान रहे गए. उन्हें सुनकर बड़ा अजीब लगा. लेकिन बोलते हुए वैसी ही हैरानी डॉ रुस्तम मे भी नजर आ रही थी.


डॉ : रहेमान वहां से चले गया. वो बहोत घबरा गया था. पर अपने घर आते आते रहेमान रहेमान नहीं रहा था. उसमे बदलाव आ गया था. उसकी बीवी का नाम रुबीना था. आते ही उसने रुबीना से पानी माँगा. रुबीना ने उसे ग्लास पानी दिया. रहेमान पी गया.


रहेमान : और दो.


रुबीना ने फ्रिज से बोतल निकली. और एक ग्लास और भर दिया. रहेमान पी गया.


रहेमान : और.


रुबीना ने उसे पानी की बोतल ही थमा दी.


रुबीना : कितनी प्यास लगी है तुम्हे???


रहेमान पूरी बोतल पानी पी गया.


रहेमान : और पानी दो.


रुबीना फ्रिज से दूसरी बोतल ले आई. और रहेमान को थमा दी.


रुबीना : ये लो. क्या किया जो आप को इतनी ज्यादा प्यास लग रही है.


रहेमान ने वो बोतल तो ले ली. मगर रुबीना को एक उलटे हाथ का जोर डर थमाचा रुबीना को मारा. रुबीना दूर जा गिरी. रहेमान दूसरी बोतल भी पानी पी गया. वो खुद ही खड़ा हुआ. और बारी बारी फ्रिज की सारी बोतलो का पानी पी गया.

रुबीना हैरान रहे गई. वो बस रहेमान को ही देखे जा रही थी. इस से पहले रहेमान ने कभी रुबीना पर हाथ नहीं उठाया था. वो एक डरपोक इंसान था. मगर उसमे अजीब सा बदलाव आ गया था. रहेमान पलट कर फिर रुबीना के पास गया.


रहेमान : मुजे और पानी दो.


रुबीना ने बस मटके की तरफ हिशारा किया. क्यों की वो भी डर गई थी. रहेमान मटके के पास गया. वो 10 लीटर के आस पास से भरा मटका उठता है. और मुँह लगाकर पानी पिने लगा. ये देख कर रुबीना डर गई. और वहां से भाग निकली.

उसके मकान के बगल मे ही रहेमान के बड़े भाई का घर था. अयान मालिक. अयान रुबीना के बुलाने पर आया. वही रहेमान उस मटके का पानी पीते उसे फेक दिया. और दूसरा मटका भी उठाकर वैसे ही पानी पिने लगा.


अयान भी ये देख कर सॉक हो गया. वो अपने छोटे भाई के पास आया. उसके कंधे पर हाथ रखा.


अयान : क्या हो गया तुम्हे रहेमान????


रहेमान ने घूम कर अयान को जोर से थप्पड़ मारा. अयान भी गिर गया. उसका सर चकरा गया. वो समझ गया की वो उसका भाई नहीं. कोई और है. अयान भी मार खाकर वहां से चले गया. रात रहेमान ने रुबीना का जबरदस्त बलात्कार किया. बच्चे रोते रहे और रुबीना चिल्लाती रही. मगर रहेमान को कोई फर्क नहीं पड़ा.

दो तीन दिन निकल गए. रुबीना फस चुकी थी. अयान भी उनके घर नहीं आ रहा था. रहेमान ऐसे ही घर का सारा पानी पी जाता. पर तक़रीबन चार दिन बाद रुबीना की मानो रूह ही कांप गई. एक शाम उसे अपना बेटा नहीं मिल रहा था. वो परेशान हो गई. आखिर घर से बच्चा गायब कैसे हो गया.


कोमल : (सॉक) क्या वही बच्चा??? जो दो तीन महीने का था???


डॉ : हा. उसका बेटा. उस शाम रुबीना को अपने बच्चे के रोने की आवाज आने लगी. पर कहा से वो समझ नहीं आया. रुबीना ने अपना पूरा घर छान मारा. मगर उसका बेटा मिल ही नहीं रहा था. बच्चे के रोने की आवाज ज्यादा आने लगी. रुबीना घर से बहार आ गई.

वो आवाज बहार ज्यादा आ रही थी. रुबीना दए बाए देखने लगी. फिर अचानक उसकी नजर ऊपर गई. और जो देखा. वो देख कर वो बुरी तरह से डर गई. रहेमान बच्चे की एक टांग पकडे छत से निचे लटका रखा था. एक माँ ये कैसे बरदास कर लेती. रुबीना बहोत तेज़ी से भाग कर सीढिया चढने लगी.

और बहोत जल्दी पहोच कर रहेमान के हाथो से अपना बच्चा छीन लिया. रुबीना सीधा अयान के घर चली गई. सारी बाते अयान को जाकर बताई.
अब तक आस पास के लोगो को भी ये बात पता चल चुकी थी. रहेमान की हालत ठीक नहीं है.

उसके अंदर कुछ है. अयान एक मौलवी को बुलाकर लाया. पर रहेमान ने तो उस मौलवी की हालत भी ख़राब कर दी.



कोमल : तो क्या मौलवी भी जिन्न को काबू नहीं कर सकते???


डॉ : नहीं ऐसा नहीं है. एक मौलवी 5 वक्त का पक्का नमाज़ी होता है.

वो ऊपर वाले की बहोत खिदमत करता है. उसे आयात और कुरान का अच्छा नॉलेज होता है. पर उस मौलवी ने अपनी तालीम बंगाली भाषा मे की थी. जिस कारण उसका कई शब्दो का ज्ञान अधूरा था. ऊपर से वो बिना पूरी तालीम लिए ही मौलवी का काम सँभालने लगा था.

वो रहेमान के हाथ चढ़ गया. रहेमान ने उसे कोई आयत पढ़ने ही नहीं दिया. और पिट पिट कर भगा दिया. कोई रस्ता नहीं था. सबने रहेमान को उसी के हाल पर छोड़ दिया. एक शाम रुबीना को रहेमान कही दिखाई नहीं दे रहा था. घर का सारा पिने वाला पानी ख़तम था.

बल्कि रुबीना ने पहले से ही भरा ही नहीं था. उसे प्यास लगती तो वो पड़ोस मे अयान के घर पी आती. बच्चों को भी उसी के घर छोड़ दिया था. रुबीना को घर मे कही भी रहेमान नहीं दिखा तो वो उसे खोजने लगी. मगर जब उसे रहेमान दिखा.

रुबीना की रूह कांप गई. वो बुरी तरह से घबरा गई. रहेमान बाथरूम मे निचे बैठा हुआ था. बाथरूम का नल खुला हुआ था. और पानी सीधा निचे बैठे रहेमान के मुँह मे ही गिर रहा था. नल से जिस स्पीड मे पानी गिरता है. उतनी स्पीड से तो इंसान क्या कोई जानवर भी पानी नहीं पी सकता. मगर बाथरूम के नल से पानी रहेमान के मुँह मे ऐसे गिर रहा था. जैसे रहेमान के पेट मे कोई बड़ी टंकी हो.

रुबीना डर कर वहां से चिल्लाते हुए भागी. सभी लोग जमा हो गए. इस किस्से को दशवा दिन (10 days) हो गया था. जब सब लोग आए तब देखा की रहेमान की हालत ज्यादा ख़राब हो गई थी. चहेरा सफ़ेद हो गया था होंठ सुख गए थे. जैसे चहेरे से नमी ही गायब हो गई हो. रहेमान बाथरूम मे ही गिरा पड़ा था. बस पलके झबक रही थी. सब ने मिलकर रहेमान को उठाया और हॉस्पिटल ले गए.

रहेमान को ढाका की मेडिकल कॉलेज लेजाया गया. पर जब डॉक्टर्स ने रहेमान को चेक किया तो वो भी हैरान रहे गए. मेडिकल रिपोर्ट बता रही थी की ज्यादा पानी शरीर मे होने के कारण रहेमान 10 दिन पहले ही मर चूका था. जब की रहेमान उनके सामने जिन्दा था.


कोमल : (सॉक) क्या????? वो दस दिन पहले ही मर चूका था????


बलबीर : पर जब रहेमान उनके सामने जिन्दा था तो उसे रिपोर्ट मे कैसे मरा हुआ घोषित कर सकते थे.


डॉ : तुम समझ क्यों नहीं रहे. उसे मरा हुआ घोषित नहीं किया. रिपोर्ट के अनुसार रहेमान की मौत तो 10 दिन पहले ही हो चुकी थी.

जब मेडिकल कॉलेज ने उस केस से हाथ खड़े किये तब वो लोग रहेमान को घर लेजाने लगे. मगर हॉस्पिटल से बहार निकलते ही रहेमान पूरी तरह से मर गया. रुबीना और अयान ने मेडिकल कॉलेज पर ही दावा ठोक दिया की उसे हॉस्पिटल मे डॉ ने ही मार डाला. अब डॉ भी फस गए. डेडबॉडी जा चुकी थी. और उनके पास रिपोर्ट के अनुसार रहेमान की मौत 10 दिन पहले ही हो चुकी थी.

गवाह पूरा माहौला था. नतीजा यह हुआ की मेडिकल कॉलेज को मुआबजा देना पड़ा.


कोमल : तो वो क्या जिन्न था????


डॉ : बिलकुल. उस हॉस्पिटल मे कुछ डॉक्टर्स पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर्स थे.

उन्होंने बाद मे इस केस पर आगे काम किया. वो एक नापाक जिन्न था. और उसी कूड़े मे रहे रहा था. बाद मे उसने रुबीना को बहोत परेशान किया. उसके लिए स्पेशल लखनऊ से मौलवी को बुलाकर उस जिन्न से पीछा छुड़वाया गया.


काफ़ी वक्त उस किस्से को सुनते हो गया था. कोमल खड़ी हुई और किचन मे चली गई. और लंच की तैयारी करने लगी.
Bohot ache setu ji:claps::claps:Ek or kissa padhne ko mila. Sawal ye hai ki ko.al ka to aura majboot hai magar balbir ko jinn kyu nahi pareshan kar rahe???
Anyway awesome update and superb writing ✍️. 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
 

Ajju Landwalia

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Update 17

कोमल ने डोर पर खड़े रुस्तम को देखा. जो मुस्कुरा रहा था. पर स्माइल तो कोमल के फेस पर भी थी. कुछ हद तक उस माहौल मे एक अलग ही एनर्जी फेल गई थी. क्यों की सारी विंडो खुली हुई थी. बहार से सुबह की धुप और बहोत ही प्यारी हवा चल रही थी. ऊपर से कोमल के हौसले जैसे बुलंद हो रखे हो. बलबीर ने लाई हुई मूर्ति के आगे दिया जल रहा था.


कोमल : (स्माइल) आइये डॉ साहब.


डॉ : (स्माइल) आज मै कोनसी कोमल को देख रहा हु??? क्या ये कोमल असली है. या वो जो फोन पर थी.


कोमल बस जरासा मुस्कुराकर निचे देखने लगी.


कोमल : कोमल तो वो भी असली ही थी. बस हालत बदल गए.


डॉ : (स्माइल) बिलकुल वही लड़की जैसा दाई माँ ने बताया था.


दाई माँ को याद कर के कोमल को ख़ुशी तो हुई. पर उसी वक्त उसे एक डर भी लगा. बलबीर बिना ब्याहे उसके घर मे पति की तरह रहे रहा था. वो दाई माँ को क्या मुँह दिखाएगी.


कोमल : (स्माइल) दाई माँ मुजे मुझसे ज्यादा समज़ती है. खेर आप आइये बैठिये.


कोमल ने डॉ रुस्तम को सोफे पर बैठने का हिशारा किया. डॉ रुस्तम एक बैग ही लेकर आया था. वो उसे निचे रख कर सोफे पर बैठ गया.


डॉ : मै चाय पिऊंगा.


तीनो हसने लगे.


कोमल : (स्माइल) अभी बनाती हु.


कोमल किचन मे गई. और चाय बनाने लगी. बलबीर और डॉ रुस्तम दोनों बैठ कर बाते कर रहे थे. कोमल उन दोनों की बाते साफ सुन सकती थी.


बलबीर : और कुछ बताया माँ ने???


लम्बी शांस लेते हुए डॉ रुस्तम कुछ सोचने लगा. वो भी जानता था की उनकी बाते कोमल सुन रही है. क्यों की किचन तो सिर्फ 5 कदम की दूरी पर ही था.


डॉ : दाई माँ बता रही थी वो 2 जिन्न है. जो तुम्हे परेशान कर रहे है.


कोमल के कान खड़े हो गए. वो देख तो पतिले मे उबालते पानी को रही थी. मगर उसका ध्यान अब बलबीर और डॉ रुस्तम की बातो पर चले गया. मगर झटका सिर्फ कोमल को ही नहीं. बलबीर को भी लगा. क्यों के उसने भी कोमल के पास अजीब से दिखने वाले दो लोगो बैठा देखा था.


बलबीर : (सॉक) दो जिन्न??? पर ये आए कहा से???


डॉ : वही से. जहा से पहले वाला आया था.


बलबीर और कोमल दोनों ही समझ गए. जो पलकेश के अंदर जिन्न था. वो बलवीर के खेत मे जो पेड़ था. उसी से आया था. बलबीर डॉ रुस्तम को हैरत भरी नजरों से देखने लगा. कोमल भी किचन के डोर तक आ गई. डॉ रुस्तम कभी बलबीर को देखता तो कभी कोमल को.


डॉ : वो तीन थे. जिसमे से एक ने पलकेश को पजेश किया. पर बाकि 2 यही है. तुम्हारे घर मे. और ये बात मुजे खुद दाई माँ ने बताई.


बलबीर और कोमल दोनों को मानो झटका ही लगा था. कोमल किचन के डोर से ही खड़े खड़े डॉ रुस्तम से सवाल करने लगी.


कोमल : दाई माँ को कैसे पता चला.


डॉ : दाई माँ ने कोई एनर्जी सिद्ध की हुई है.

जब मेने उन्हें पलकेश के जिन्न के बारे मे बताया तब उन्होंने अपनी एनर्जी से संपर्क किया. धीरे धीरे उन्हें जानकारी मिलने लगी. और धीरे धीरे सब पता चलने लगा. वो किस हद तक तुम्हे परेशान कर रहे है. सब दाई माँ को पता चल रहा है. वो मुजे हर बात बताती है. वो मूर्ति वाली बात भी और डोर पर लगे उस स्टिकर की बात भी.


कोमल सॉक जरूर थी. पर उसने ये नहीं सोचा की बलबीर के साथ उसके रिश्ते की बात भी तो दाई माँ को पता चल गई होंगी. कोमल का तो मानो सर चक्र गया था.


कोमल : अमम... मुजे मुजे कुछ समझ नहीं आ रहा है.


डॉ : तुम फ़िक्र मत करो. वो सब ठीक कर देगी. तकलीफ तो तब ज्यादा होती जब वो दोनों जिन्न मे से एक भी तुम्हारे अंदर आ चूका होता.


बलबीर : मतलब अभी डरने की जरुरत नहीं??


डॉ : हा वैसे तो डरने की जरुरत नहीं है. पर वो तुम्हे ऐसे ही परेशान जरूर करेगा.


कोमल : (गुस्सा)(किचन से ही) करने दो साले को जो करना है. मै डरने वाली नहीं हु.


डॉ रुस्तम को ये बहोत अच्छा लगा की कोमल के हौसले बुलंद है. कुछ पल के लिए माहौल शांत हो गया. लेकिन कोमल और बलबीर दोनों के मन मे अजीब से सवाल चल रहे थे. उन्होंने जिन्न कभी देखा नहीं था.

पलकेश के साथ हुए हादसे से पहले तक तो वो जिन्न मतलब कुछ और ही समझ रहे थे. टीवी पर एक काल्पनिक धारावाहिक अलिफ़ लैला जो देखा था. उनके हिसाब से तो जिन्न वैसा ही मानते थे. जो चिराग घिसने पर एक बड़ासा जिन्न निकलता है.

और वो सारी मनोकामना पूरी करता है. पर पलकेश के साथ हुए हादसे के बाद तो कोमल और बलबीर के सारे वहेम एकदम से ही दूर हो गए. आखिर बलबीर ने हिचकते सवाल पूछ ही लिया.


बलबीर : जिन्न इतने खतरनाक हो सकते है. ये मेने कभी सोचा ही नहीं था.


डॉ : जिन्न किसी के अंदर आए बिना भी इतनी तकलीफ पहोंचा सकता है. तुम सोच नहीं सकते.


तभी कोमल चाय की ट्रे लेकर आ गई. वो तीनो की चाय लेकर आई. उसने बलबीर और डॉ रुस्तम को चाय दी. और खुद भी चाय लेकर बैठ गई. कोमल भी डॉ रुस्तम की बातो को बड़े ध्यान से सुन रही थी.


डॉ : अगर किसी को पजेश करने की कोसिस करेगा तो वो सिर्फ नापाक जिन्न.

नापाक माने तो बुरा या गन्दा. ये इतने बुरे होते है की इनके आने से मनहूसियत तक छा जाती है. अच्छे कामों को बिगड़ देते है. इंसान सिर्फ साथ होने के असर से ही अइयासी नशे बहोत कुछ बुरी चीजों मे पड़ जाते है. तुम्हे वो हर अच्छी चीजों से दूर करने की कोसिस करेगा.


कोमल भी अपने आप को रोक नहीं पाई. क्यों की वो जिन्न तो सबसे ज्यादा कोमल को ही परेशान कर रहा था.


कोमल : अगर वो किसी के अंदर आ जाए तो कितना परेशान करेगा????


बलबीर : पलकेश को तो तुमने देखा ही ना.


बलबीर डॉ रुस्तम की तरफ देखता है. जैसे अपनी बात पर हामी भरवाने की कोसिस कर रहा हो.


डॉ : उस से भी ज्यादा.


कोमल : उस से भी ज्यादा???


कोमल हैरान रहे गई. क्यों की पलकेश के किस्से मे ही वो दोनों जबरदस्त परेशान रहे थे. पलकेश ने हर पल अलग अलग प्रकार से झटके दिये थे.


डॉ : अपने मोबाइल पर विकिपीडिया निकालो. तुम्हे एक किस्सा बताता हु. बांग्लादेश किस्सा है.


कोमल ने अपना मोबाइल लिया. और उसमे विकिपीडिया खोला. डॉ रुतम ने जो कहा उसने वही सर्च किया. कोमल को वो किस्सा मिल गया. एक बांग्लादेश की न्यूज़ थी.


बलबीर : आप ही बताओ ना??


कोमल ने भी तुरंत अपना मोबाइल बंद किया और डॉ रुस्तम की तरफ देखने लगी. कोमल वैसे भी भूतिया किस्सा सुन ने को ज्यादा ही बेताब रहती थी. वो ये भूल गई की उसे खुद को 2 जिन्न परेशान कर रहे थे. डॉ रुस्तम वो किस्सा बताने लगे.


सच्ची कहानी - दोस्तों बांग्लादेश न्यूज़ और विकिपीडिया पर ये किस्सा उपलब्ध है. बांग्लादेश मेडिकल रिसर्च ने हमारे देश और दुनिया के सारे बड़े पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर्स को ये किस्सा पोस्ट किया था. जिसमे हमारे मुल्क के सबसे बड़े पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर गौरव तिवारी सर भी शामिल थे. हलाकि आज के वक्त मे हमारे गौरव तिवारी सर जीवित नहीं है. पर स्पेशल उन्हें ये किस्सा ईमेल पोस्ट के द्वारा ये किस्सा खास तौर पर भेजा गया था.


डॉ : ये किस्सा 10 साल पुराना बांग्लादेश ढाका का है. रहेमान मालिक का.

रहेमान 34 साल का था. उसकी एक बीवी और 2 बच्चे थे. एक बेटा और एक बेटी. बेटी कुछ 8 साल की थी. पर बेटा तो जस्ट हुआ ही था. कुछ 2 या 3 महीने का ही होगा. रहेमान घर से कुडा फेकने गया. ढाका मे वैसे भी बहोत गंदगी है. कुछ मकानों के बिच एक खाली जगह थी. जहा कूड़े का पहाड़ जैसा बना हुआ था.

रहेमान ने वही अपना कुदा फेका. वहां एक पेड़ था. पेड़ के निचे एक छोटी मटकी(हांडी) और एक दिया जल रहा था. रहेमान ने बस एक ही गलती की. उस मटकी को जाते हुए जोर से लात मारी. वो मटकी सीधा कूड़े के ढेर मे जा गिरी. रहेमान जाने लगा. पर जाते हुए उसे सर मे तेज़ दर्द सा उठा. वो अपना सर पकड़ कर वही बैठ गया.

पर थोड़ी ही देर मे वो दर्द ठीक हो गया. रहेमान ने घूम कर उसी पेड़ को देखा. वो हैरान रहे गया. उसे उस पेड़ के निचे वही दिया जलता हुआ दिखा. पर साथ मे उसे कुछ और ही दिखा.


बलबीर : क्या????


डॉ : उसका खुद का कटा हुआ सर.


बलबीर : (सॉक) क्या????


डॉ : हा सही सुना तुमने.


कोमल भी अपने आप को रोक नहीं पाई.


कोमल : एएए एक मिनट. मतलब रहेमान ने उस पेड़ के निचे उस मटकी की जगह खुद का ही कटा हुआ सर देखा???


डॉ : हा तो मै भी तो वही कहे रहा हु. उसने खुद का ही कटा हुआ सर देखा.


ये सुनकर कोमल और बलबीर दोनों ही एकदम हैरान रहे गए. उन्हें सुनकर बड़ा अजीब लगा. लेकिन बोलते हुए वैसी ही हैरानी डॉ रुस्तम मे भी नजर आ रही थी.


डॉ : रहेमान वहां से चले गया. वो बहोत घबरा गया था. पर अपने घर आते आते रहेमान रहेमान नहीं रहा था. उसमे बदलाव आ गया था. उसकी बीवी का नाम रुबीना था. आते ही उसने रुबीना से पानी माँगा. रुबीना ने उसे ग्लास पानी दिया. रहेमान पी गया.


रहेमान : और दो.


रुबीना ने फ्रिज से बोतल निकली. और एक ग्लास और भर दिया. रहेमान पी गया.


रहेमान : और.


रुबीना ने उसे पानी की बोतल ही थमा दी.


रुबीना : कितनी प्यास लगी है तुम्हे???


रहेमान पूरी बोतल पानी पी गया.


रहेमान : और पानी दो.


रुबीना फ्रिज से दूसरी बोतल ले आई. और रहेमान को थमा दी.


रुबीना : ये लो. क्या किया जो आप को इतनी ज्यादा प्यास लग रही है.


रहेमान ने वो बोतल तो ले ली. मगर रुबीना को एक उलटे हाथ का जोर डर थमाचा रुबीना को मारा. रुबीना दूर जा गिरी. रहेमान दूसरी बोतल भी पानी पी गया. वो खुद ही खड़ा हुआ. और बारी बारी फ्रिज की सारी बोतलो का पानी पी गया.

रुबीना हैरान रहे गई. वो बस रहेमान को ही देखे जा रही थी. इस से पहले रहेमान ने कभी रुबीना पर हाथ नहीं उठाया था. वो एक डरपोक इंसान था. मगर उसमे अजीब सा बदलाव आ गया था. रहेमान पलट कर फिर रुबीना के पास गया.


रहेमान : मुजे और पानी दो.


रुबीना ने बस मटके की तरफ हिशारा किया. क्यों की वो भी डर गई थी. रहेमान मटके के पास गया. वो 10 लीटर के आस पास से भरा मटका उठता है. और मुँह लगाकर पानी पिने लगा. ये देख कर रुबीना डर गई. और वहां से भाग निकली.

उसके मकान के बगल मे ही रहेमान के बड़े भाई का घर था. अयान मालिक. अयान रुबीना के बुलाने पर आया. वही रहेमान उस मटके का पानी पीते उसे फेक दिया. और दूसरा मटका भी उठाकर वैसे ही पानी पिने लगा.


अयान भी ये देख कर सॉक हो गया. वो अपने छोटे भाई के पास आया. उसके कंधे पर हाथ रखा.


अयान : क्या हो गया तुम्हे रहेमान????


रहेमान ने घूम कर अयान को जोर से थप्पड़ मारा. अयान भी गिर गया. उसका सर चकरा गया. वो समझ गया की वो उसका भाई नहीं. कोई और है. अयान भी मार खाकर वहां से चले गया. रात रहेमान ने रुबीना का जबरदस्त बलात्कार किया. बच्चे रोते रहे और रुबीना चिल्लाती रही. मगर रहेमान को कोई फर्क नहीं पड़ा.

दो तीन दिन निकल गए. रुबीना फस चुकी थी. अयान भी उनके घर नहीं आ रहा था. रहेमान ऐसे ही घर का सारा पानी पी जाता. पर तक़रीबन चार दिन बाद रुबीना की मानो रूह ही कांप गई. एक शाम उसे अपना बेटा नहीं मिल रहा था. वो परेशान हो गई. आखिर घर से बच्चा गायब कैसे हो गया.


कोमल : (सॉक) क्या वही बच्चा??? जो दो तीन महीने का था???


डॉ : हा. उसका बेटा. उस शाम रुबीना को अपने बच्चे के रोने की आवाज आने लगी. पर कहा से वो समझ नहीं आया. रुबीना ने अपना पूरा घर छान मारा. मगर उसका बेटा मिल ही नहीं रहा था. बच्चे के रोने की आवाज ज्यादा आने लगी. रुबीना घर से बहार आ गई.

वो आवाज बहार ज्यादा आ रही थी. रुबीना दए बाए देखने लगी. फिर अचानक उसकी नजर ऊपर गई. और जो देखा. वो देख कर वो बुरी तरह से डर गई. रहेमान बच्चे की एक टांग पकडे छत से निचे लटका रखा था. एक माँ ये कैसे बरदास कर लेती. रुबीना बहोत तेज़ी से भाग कर सीढिया चढने लगी.

और बहोत जल्दी पहोच कर रहेमान के हाथो से अपना बच्चा छीन लिया. रुबीना सीधा अयान के घर चली गई. सारी बाते अयान को जाकर बताई.
अब तक आस पास के लोगो को भी ये बात पता चल चुकी थी. रहेमान की हालत ठीक नहीं है.

उसके अंदर कुछ है. अयान एक मौलवी को बुलाकर लाया. पर रहेमान ने तो उस मौलवी की हालत भी ख़राब कर दी.



कोमल : तो क्या मौलवी भी जिन्न को काबू नहीं कर सकते???


डॉ : नहीं ऐसा नहीं है. एक मौलवी 5 वक्त का पक्का नमाज़ी होता है.

वो ऊपर वाले की बहोत खिदमत करता है. उसे आयात और कुरान का अच्छा नॉलेज होता है. पर उस मौलवी ने अपनी तालीम बंगाली भाषा मे की थी. जिस कारण उसका कई शब्दो का ज्ञान अधूरा था. ऊपर से वो बिना पूरी तालीम लिए ही मौलवी का काम सँभालने लगा था.

वो रहेमान के हाथ चढ़ गया. रहेमान ने उसे कोई आयत पढ़ने ही नहीं दिया. और पिट पिट कर भगा दिया. कोई रस्ता नहीं था. सबने रहेमान को उसी के हाल पर छोड़ दिया. एक शाम रुबीना को रहेमान कही दिखाई नहीं दे रहा था. घर का सारा पिने वाला पानी ख़तम था.

बल्कि रुबीना ने पहले से ही भरा ही नहीं था. उसे प्यास लगती तो वो पड़ोस मे अयान के घर पी आती. बच्चों को भी उसी के घर छोड़ दिया था. रुबीना को घर मे कही भी रहेमान नहीं दिखा तो वो उसे खोजने लगी. मगर जब उसे रहेमान दिखा.

रुबीना की रूह कांप गई. वो बुरी तरह से घबरा गई. रहेमान बाथरूम मे निचे बैठा हुआ था. बाथरूम का नल खुला हुआ था. और पानी सीधा निचे बैठे रहेमान के मुँह मे ही गिर रहा था. नल से जिस स्पीड मे पानी गिरता है. उतनी स्पीड से तो इंसान क्या कोई जानवर भी पानी नहीं पी सकता. मगर बाथरूम के नल से पानी रहेमान के मुँह मे ऐसे गिर रहा था. जैसे रहेमान के पेट मे कोई बड़ी टंकी हो.

रुबीना डर कर वहां से चिल्लाते हुए भागी. सभी लोग जमा हो गए. इस किस्से को दशवा दिन (10 days) हो गया था. जब सब लोग आए तब देखा की रहेमान की हालत ज्यादा ख़राब हो गई थी. चहेरा सफ़ेद हो गया था होंठ सुख गए थे. जैसे चहेरे से नमी ही गायब हो गई हो. रहेमान बाथरूम मे ही गिरा पड़ा था. बस पलके झबक रही थी. सब ने मिलकर रहेमान को उठाया और हॉस्पिटल ले गए.

रहेमान को ढाका की मेडिकल कॉलेज लेजाया गया. पर जब डॉक्टर्स ने रहेमान को चेक किया तो वो भी हैरान रहे गए. मेडिकल रिपोर्ट बता रही थी की ज्यादा पानी शरीर मे होने के कारण रहेमान 10 दिन पहले ही मर चूका था. जब की रहेमान उनके सामने जिन्दा था.


कोमल : (सॉक) क्या????? वो दस दिन पहले ही मर चूका था????


बलबीर : पर जब रहेमान उनके सामने जिन्दा था तो उसे रिपोर्ट मे कैसे मरा हुआ घोषित कर सकते थे.


डॉ : तुम समझ क्यों नहीं रहे. उसे मरा हुआ घोषित नहीं किया. रिपोर्ट के अनुसार रहेमान की मौत तो 10 दिन पहले ही हो चुकी थी.

जब मेडिकल कॉलेज ने उस केस से हाथ खड़े किये तब वो लोग रहेमान को घर लेजाने लगे. मगर हॉस्पिटल से बहार निकलते ही रहेमान पूरी तरह से मर गया. रुबीना और अयान ने मेडिकल कॉलेज पर ही दावा ठोक दिया की उसे हॉस्पिटल मे डॉ ने ही मार डाला. अब डॉ भी फस गए. डेडबॉडी जा चुकी थी. और उनके पास रिपोर्ट के अनुसार रहेमान की मौत 10 दिन पहले ही हो चुकी थी.

गवाह पूरा माहौला था. नतीजा यह हुआ की मेडिकल कॉलेज को मुआबजा देना पड़ा.


कोमल : तो वो क्या जिन्न था????


डॉ : बिलकुल. उस हॉस्पिटल मे कुछ डॉक्टर्स पैरानार्मल इन्वेस्टीकेटर्स थे.

उन्होंने बाद मे इस केस पर आगे काम किया. वो एक नापाक जिन्न था. और उसी कूड़े मे रहे रहा था. बाद मे उसने रुबीना को बहोत परेशान किया. उसके लिए स्पेशल लखनऊ से मौलवी को बुलाकर उस जिन्न से पीछा छुड़वाया गया.


काफ़ी वक्त उस किस्से को सुनते हो गया था. कोमल खड़ी हुई और किचन मे चली गई. और लंच की तैयारी करने लगी.

Wah Shetan Sahiba,

Bahut hi badhiya update di he aapne...............ye Bangladesh wala kissa maine kai ssal pehle net par hi padha tha..............

Agli update ki pratiksha rahegi
 

Shetan

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Bohot ache setu ji:claps::claps:Ek or kissa padhne ko mila. Sawal ye hai ki ko.al ka to aura majboot hai magar balbir ko jinn kyu nahi pareshan kar rahe???
Anyway awesome update and superb writing ✍️. 👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
Kyo ki Balbir bhi dehat aur rode par kai jagah bhut pret dekhte aa raha hai. Is lie use dar nahi lagta. Balbir gav ka himmat vala mard hai. Jaruri nahi ki aura sirf komal ka best hai to balbir ka kamjor hoga. Ye hamari expectation par bhi nirbhar hoti hai. Ham kitna kise except kar pate he. Thanks a lot Raj
 

sunoanuj

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Bahut hi behtarin umda update … khani ke andar ek ke kissa sunaya aapne … yeh case ab kuch jayda he khatarnak hota ja raha hai… 👌👌👌👏🏻👏🏻👏🏻
 
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