• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Horror किस्से अनहोनियों के

Shetan

Well-Known Member
16,549
48,767
259
Madam is update ne mera dimag ka bhosda kar diya . Palkes ko koun tang kar Raha hai uska komal se kya rishta hai . Aur sab se shocking chiz jo badboo balbir ko komal ke ghar per mahsos hua wahi badboo palkes ke Ghar per bhi sala fir komal ko kyu nahi mahsos ho raha hai. Ho na ho yeh koi bhut hi hai jo aur komal ke sundarta ke piche pagal hoga uske saath sex karna chaah Raha hai . Puri gutthi uljhi hui hai . Madam aapko readers ko band kar rakhne ata hai 🫡🫡🫡🙏🙏🙏
Ye ek writer ka hak hota he. Khas kar agar uske topic me thriller Shamil Ho. Aap ko ab to agle update ka kal rat tak intjar karna hi hoga. Agar padhna chahte ho to. Kal jarur aaiyega. Thankyou so much
 

Shetan

Well-Known Member
16,549
48,767
259
Tere saath movie nahi dekhunga kabhi.. logo ko enjoy karne de... apna gyaan mat baat tu...

Itna hi aage ki sochti hai toh khud koi kahani kyu nahi likhti tu... logo ki kahani mei taang mat adaa..
:angry++:
Please no ladhai. Yaha sirf aap mujse bate kariye. Kisi ko bhi jawab dena mera kam he. Aap agle update ka bataiye kesa laga???

Upar se mene abhi ek aur update de diya he.
 

Cuckold ( beta)

Active Member
776
2,926
124
Ye ek writer ka hak hota he. Khas kar agar uske topic me thriller Shamil Ho. Aap ko ab to agle update ka kal rat tak intjar karna hi hoga. Agar padhna chahte ho to. Kal jarur aaiyega. Thankyou so much
Ye kya bol Rahi ho aap itni achi story ko koun chodega koun nahi padhna chahega mujhe ummed hai ak baar readers padhne baith jaye to pura padhe hi uthenge . Kal ka intezar to karna padega wo bhi besabri se ..
 

Shetan

Well-Known Member
16,549
48,767
259
Ye kya bol Rahi ho aap itni achi story ko koun chodega koun nahi padhna chahega mujhe ummed hai ak baar readers padhne baith jaye to pura padhe hi uthenge . Kal ka intezar to karna padega wo bhi besabri se ..
Ha ab to intjar karna hoga. Kyo ki aap kahani me ghule hue the. Is lie ek update de diya. Jo kal dena tha.

Vo mene is lie bola kyo ki sirf 11 update me hi redars ne 37 pages tak pahocha diya. Aap ki tarah shadar tarif bahot ne ki. Magar views per Dhyan de to bilkul kam. Kisi incast story ke mukable to bahot hi kam.

Sayad koi sirf horror dekh kar hi nahi padh rahe. Saya ka bhi yahi hal tha. Par bad me redars aur views badh Gaye
 

Cuckold ( beta)

Active Member
776
2,926
124
Ha ab to intjar karna hoga. Kyo ki aap kahani me ghule hue the. Is lie ek update de diya. Jo kal dena tha.

Vo mene is lie bola kyo ki sirf 11 update me hi redars ne 37 pages tak pahocha diya. Aap ki tarah shadar tarif bahot ne ki. Magar views per Dhyan de to bilkul kam. Kisi incast story ke mukable to bahot hi kam.

Sayad koi sirf horror dekh kar hi nahi padh rahe. Saya ka bhi yahi hal tha. Par bad me redars aur views badh Gaye
Aapka dhanyawaad mere liye aap aaj update post kar di ho .

Madam yeh dekh kar dukh hota hai achi kahani ko log pahchan nahi pate . Per aap yeh bhi janti hai yaha jayada dar readers hilane wale hai . Unko sirf apne hathiyar se sochna acha lagta hai unko dimag lagna acha nhai lagta hoga jaise aapki kahani mai itne suspence hai ki wo log padhna hi chod dete honge .

Jaise mai apni baat kar raha hu mere kahani interfaith thi views bhar bhar ke aaye kyu ki readers ko wahi pasand aya .mai bhi aise hi kahani likhna start kar diya mujhe andaza nahi tha jayada tar logi ki interfaith aur incest pasand hogi .

Mai samjh sakta hu aapko horror likhna padhna acha lagta hai aap apni khusi ke liye likhiye. Views jarror badhenge baki mai dekh Raha hu aapko ache ache comments bahut aa rahe hai isse pata chalta hai jo genuine readers hai unko kahani pasand aa rahi hai . Dil chota na kare aapki kahani jarror hit hogi mai apne dosto mai bhi apki khani share kar diya hu ..
 
Last edited:

Logan(Wolverine)

Never back down
565
982
93
A

कोमल और बलबीर दोनों कार से मुंबई के लिए रवाना हो चुके थे. अंधेरा हो चूका था. एकदम चिकने फ्लेट रोड पर गाड़ी भागने में कोई दिक्कत नहीं हो रही थी. बलबीर ट्रक ड्राइवर ही था. इस लिए लम्बे रुट पर उसे ड्राइव करने में कोई दिक्कत नहीं थी.

कोमल अपने मोबाइल में लगी हुई थी. बिच बिच में उसकी वाकलती call आ रहे थे. कभी किसी नए केस के लिए वो अपनी फीस बताती. तो कभी किसी मुद्दे पर कोई खास चीज.

जब सब काम निपट गया तो कोमल को बलबीर की याद आई. वो गौर से बलवीर को देखने लगी. एकदम मासूम चहेरा. सारा ध्यान सिर्फ अपने काम पर. कोमल को ऐसे देखते हुए जब बलबीर को महसूस हुआ तो बलबीर भी पूछे बिना रुक नहीं पाया.


बलबीर : ऐसे क्यों देख रही हो??


कोमल पहले तो थोडा सा मुश्कुराई. फिर जैसे सोच में पड़ गई हो की पुछु या नहीं. लेकिन रुकते रुकते उसने पूछ ही लिया.


कोमल : तुम अचानक ऐसे बिना बताए कैसे आ गए. मतलब की...


कोमल के पूछने का मतलब बलबीर समझ गया.


बलबीर : तुमने कहा था ना. तुम्हारे बच्चों को अच्छी स्कूल में पढ़ाऊंगी. उन्हें बहोत बड़ा आदमी बनाउंगी. तो में आ गया.


कोमल : मतलब की तुम मेरे लिए नहीं आए.


कोमल का जैसे मूड ख़राब हो गया हो. पर बलबीर कोमल के नेचर में हुए बदलाव को महसूस कर रहा था.


बलबीर : ऐसा नहीं है की मै तुम्हारे लिए नहीं आया. बल्कि सिर्फ तुम्हारे भरोसे पर ही मै यहाँ आया हु.


कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. और वो बलबीर की तरफ थोडा खिसक कर उसके कंधे पर अपना सर टेक देती है. बलबीर को भी ये अच्छा लगा. ऐसा कुछ पहले होता था. जब बलबीर और कोमल को नया नया प्यार हुआ था.


बलबीर : तुम अपने पति से अलग क्यों हुई.


कोमल बताना तो नहीं चाहती थी. पर बलबीर था इस लिए वो बता देती है.


कोमल : वो मेरे साथ खुश नहीं था. उसे मै बोझ लगती थी. अब बाकि जिंदगी एक दूसरे के साथ सिर्फ एक पहचान से निभाए इस से बहेतर की हम अलग हो जाए. हम ख़ुशी से अलग हुए.


बलबीर ने आगे कुछ पूछा नहीं रात भर ड्राइव करते हुए वो मुंबई पहोच गए. पलकेश का मुंबई में एक और फेल्ट था. और वो वही रहे रहा था. कोमल उस फ्लेट का पता जानती थी. वो दोनों उस फ्लेट पर पहोच गए. पलकेश का फ्लेट 4th फ्लोर पर था.

वो बल्डिंग 10 मंज़िला थी. कोमल और बलबीर दोनों डोर के सामने खड़े हो गए. कोमल ने बेल बजाई. पर कोई डोर नहीं खोल रहा था. और ना ही कोई आवाज आई. कोमल ने दूसरी बार बेल बजाई. तब भी किसी ने डोर नहीं खोला.

कोमल ने पलट कर बलबीर की तरफ देखा. जैसे कहना चाहती हो की कोई गड़बड़ तो नहीं. फिर कोमल ने बेल बजाते डोर का हैंडल भी पकड़ लिया.


कोमल : पलकेश......


पर कोमल के हैंडल पकड़ते ही डोर खुल गया. डोर खुलते ही एक गन्दी सी बदबू का जैसे भापका आया हो. कोमल ने तो अपने मुँह पर हाथ ही रख दिया.


कोमल : उफ्फ्फ... ये बदबू केसी है.


बलबीर हैरान था की ऐसी ही बदबू तो कोमल के फ्लेट से भी आ रही थी. उसे वहां क्यों फील नहीं हुई. वो दोनों अंदर गए. अंदर का नजारा बड़ा अजीब था. सारी विंडोज को कपडे से कवर किया हुआ था.

जैसे बाहर का उजाला रोकने की कोसिस हो. अंदर का माहौल एकदम चिल्ड था. जैसे ac ऑन कर रखा हो. फैन धीमे धीमे घूम कर आवाज कर रहा था. कोमल और बलबीर चारो तरफ नजरें घुमाकर सब देख रहे थे.

खाने के जुठे बर्तन भी जुठे जिसमे थोडा बहोत खाना भी पड़ा हुआ था. देखने से ही पता चल रहा था की खाना कम से कम 2 दिन बसा जरूर होगा. एक खुले हुए कार्टून बॉक्स मे आधे से ज्यादा पिज़्ज़ा पड़ा हुआ था. जिसमे कीड़े भी रेंग रहे थे.

पर पलकेश कहा है. ये समझ नहीं आ रहा था. कोमल भी ऐसी थी की उसे डर तो मानो लगता ही ना हो. वो पलकेश को आवाज देते अंदर जाने लगी.


कोमल : पलकेश..... पलकेश....


पर अंदर जाने से पहले ही एक पाऊ सोफे के निचे नजर आ गया. कोमल रुक गई. और उसने उस पाऊ को देखा. कोमल ने पलटकर बलबीर को भी देखा. वो भी वही देख रहा था. वो आगे आया और सोफे को खिंचता है. पलकेश बेहोश पड़ा हुआ था.

वो दोनों पलकेश को बाहर निकलते है. और उसे होश में लाने की कोसिस करते है. जब उसे निकला तो पलकेश की हालत कुछ अजीब सी थी. वो पूरा तो नंगा था. और उसके बदन से बहोत बदबू भी आ रही थी. जैसे नजाने कितने दिनों से वो नहाया ही ना हो.

हाथ पाऊ गले बहोत जगग घाव थे. जैसे किसी ने बड़े जोर से खरोचा हो. कोमल घुटनो पर बैठ कर पलकेश के गलो पर हलकी हलकी थपकी मरना शुरू करती है.


कोमल : पलकेश..... पलकेश आँखे खोलो पलकेश...


पलकेश की आंखे बड़ी मुश्किल से खुली. जैसे उसने किसी चरस या अफीम का नशा किया हुआ हो. पर आंखे खुलते जब उसने कोमल को देखा तो वो तुरंत ही कोमल को जोरो से बांहो में भर कर रोने लगा.


पलकेश : हाआआ... मुजे बचा लो कोमल प्लीज. वो मुजे मार डालेगा अअअअअ.... प्लीज कोमल मुजे बचा लो....


कोमल और बलबीर दोनों सॉक थे.


कोमल : कौन मार डालेगा तुम्हे??? बोलो??? बोलो.


पलकेश के तेवर एकदम से बदल गए. वो रोते हुए हसने लगा. रुक रुक कर हसने लगा. उसकी आंखे एकदम से बड़ी हो गई. पलकेश ही देखने में डरावना लगने लगा.


पलकेश : खीखीखी...... खीखीखी...... वो तुम्हे हर वक्त देखता है. वो सिर्फ तुम्हारे लिए यहाँ आया है.


कोमल ने सर घुमाकर एक बार बलबीर को देखा. फिर पलकेश को देखने लगी.


कोमल : कौन देखता है मुजे. वो कौन है.


पलकेश फटी फटी आँखों से कोमल को देखता है. फिर बलबीर को देखने लगा. और बलबीर से ही बोलने लगा. पर जो बोला वो सुनके बलबीर और कोमल दोनों के कान खड़े हो गए.


पलकेश : तू इस से अब भी प्यार करता हेना. पर ये तुजसे शादी नहीं करेगी.


बोलने के बाद पलकेश जोरो से पागलो की तरह हसने लगा. कोमल और बलबीर दोनों ने एक दूसरे को देखा. पलकेश एकदम से शांत हो गया.


पलकेश : जब मेरा फ़ोन आया. तब भी लगे हुए थे ना दोनों.


और बोलते के साथ फिर पागलो के जैसे हसने लगा. बसलबीर तो समझ गया की पलकेश को क्या हुआ है. पर कोमल को समझ नहीं आया. उसे लगा की फोन पर उसे एहसास हो गया होगा. कोई नई बात नहीं है. पर पलकेश फिर एक बार कोमल और बलबीर दोनों को चोका देता है.


पलकेश : तुम दोनों ने गांव में भी किया था. खेतो में. उसी आम के पेड़ के निचे. पूरलियो में.


बोलकर पलकेश जोरो से हसने लगा. पर अब कोमल को झटका लगा. कोमल ने पलकेश को ये बताया था की उसने किसी के साथ सेक्स किया. पर ये नहीं बताया की किसके साथ. कैसे. और कहा.

पर पलकेश तो वो सब बता रहा था. जो कोमल ने उसे नहीं बताया था. पलकेश फिर पागलो के जैसे हसने लगा.


पलकेश : वो तुम्हारे साथ वही खेल खेलना चाहता है. एक रूपए वाला. हा हा हा....


कोमल को याद आया वो क्या था. जब कोमल और पलकेश की नई नई शादी हुई थी. वो लोग अक्षर बाहर घूमने जाते थे. एक बार पलकेश के पास बाहर आउट साइड पर एक वेश्या आ गई. और उसे साथ चलने को कहने लगी. पलकेश नहीं गया. पर कोमल अचानक उसके पास पहोची और पूछा. वो क्या कहे रही थी. पलकेश ने बताया. वो एक वेश्या थी.

और पेसो के लिए अपने कपडे उतरने को तैयार थी. कोमल को हसीं आ गई. दोनों घूम फिर कर घर पहोचे. बेडरूम में पलकेश लेटा हुआ कोई बुक पढ़ रहा था. तभी कोमल उस रूम में आ गई. एक हॉट सेक्सी गाउन पहने. अपनी बीवी का हॉट लुक देख कर पलकेश मुश्कुराया.

कोमल ने कहा आज मै एक वेश्या हु. तुम पैसे फेको. मै तुम्हारे लिए अपने कपडे उतरूंगी. पलकेश ने एक कॉइन दिखाया. स्माइल किये बोला. मेरे पास तो बस एक ही रुपया है.

बोल कर वो एक रूपए का सिक्का कोमल की तरफ फेक देता है. उस कॉइन की खनक आज भी कोमल को याद थी. उस कॉइन के गिरते ही कोमल अपना गाउन उतर कर नंगी होने लगी. पर ये सारे मनोरंजक खेल नई नई शादी हुई थी.

तब कोमल और पलकेश ने खेले थे. पलकेश ने कहा की वो भी कोमल के साथ वही खेल खेलना चाहता है. कोमल को बुरा लगा. हसबैंड वाइफ के बिच की इन बातो को बलबीर के सामने ऐसे बोलना.

पर कोमल को अब भी एहसास ही नहीं था की पलकेश के साथ क्या हो रहा है. वो एकदम से बेहोश हो गया. कोमल ने बलबीर की तरफ देखा. उसने पलकेश को उठाकर सोफे पर रखने में कोमल की मदद की.


कोमल : तुम एक काम करो. हमें यही रुकना होगा तुम कुछ खाने पिने की चीज़े ले आओ. तब तक में थोड़ी जगह ठीक करती हु.


बलबीर चले गया. चाहे कुछ हो जाए. कोमल पलकेश को उसकी उस हालत मे छोड़ कर जाना नहीं चाहती थी. कोमल थोडा घर की साफ सफाई में लग गइ.

पर साफ सफाई करते उसकी नजर अचानक सोफे पर गई. जहापर उन्होंने पलकेश को लेटाया था. वो वहां नहीं था. कोमल सॉक हो गई. अचानक पलकेश कहा चले गया. कोमल उसे पहले तो घर में ही ढूढ़ने लगी.


कोमल : पलकेश... पलकेश... कहा हो तुम???? पलकेश.


पर पलकेश मिला बहोत ही जबरदस्त हालत में. वो किचन में था. फ्रिज के आगे बैठा हुआ. और फ्रिज का डोर एकदम खुला हुआ था. कोमल को हैरानी तब हुई जब वो पलकेश के करीब गई. पलकेश कुछ खा रहा था.

कोमल ने ध्यान से देखने की कोसिस की के पलकेश क्या खा रहा है. वो कच्चा चिकन खा रहा था. कोमल को एकदम से झटका लगा. उसके हाथ में पूरा चिकन था. और पलकेश उसे खींच खींच कर कच्चा ही खा रहा था.


कोमल : (सॉक) पलकेश तुम यहाँ क्या कर रहे हो??


पलकेश ने कोई जवाब नहीं दिया. वो जानवर के जैसे खाता ही रहा. पर कोमल को दूसरा झटका तब लगा जब उसका ध्यान खुले हुए फ्रिज पर गया. वो पूरा फ्रिज मीट से ही भरा हुआ था. जब की कोमल को पता था की पलकेश जैन है.

वो नॉनवेज नहीं खाता. हा शराब वो जरूर पिता था. कोमल ने पलकेश के कंधे पर हाथ रखा तो पलकेश ने एकदम से उसका हाथ झाटक दिया. कोमल एकदम से घबरा गई. और पीछे हो गई.

पलकेश एकदम से गर्दन घुमा कर कोमल को देखा. उसके मुँह में कच्चा मीट था. बोलते हुए उसके मुँह से मीट के छोटे छोटे टुकड़े भी गिर रहे थे.


पलकेश : (गुस्सा चिल्ला कर) ये सब तुम्हारी वजह से हो रहा है. वो तो तुम्हारे लिए ही आया था. पर अब मुजे परेशान करता है. कहता है मुजे मांश खाना है. उसे शराब पीना है. वो मुझसे लड़की भी मांगवाता है. पर मेरी ये हालत देख कर सब भाग जाती है. तुम उसकी भूख मिटा दो. वरना वो मुजे मार डालेगा.


बोलकर पलकेश एकदम से ही बेहोश हो गया. कोमल उसे उठाने गई. पर कोमल के बस की नहीं थी. कोमल ने उसे खींचना शुरू किया. और उसे खिंचते हुए सोफे तक ले गई. कोमल को अब ये तो समझ आ गया की गड़बड़ क्या है. पलकेश किसी और की बात कर रहा है.

सायद कोई भुत है. कोमल को भूतों की कहानियाँ बहोत पसंद थी. पर पलकेश के अंदर क्या है. भुत है या नहीं कुछ समझ नहीं आ रहा था. कोमल ने अपना फोन उठाया और दाई माँ को call किया. पर फोन स्विच ऑफ आ रहा था. कोमल एकदम से निराश हो गई.

फिर उसे याद आया की दाई माँ ने उसे एक कार्ड दिया था. जिसपर किसी प्रोफ़ेसर रुस्तम का नाम था. कोमल ने अपने पर्स में उस कार्ड को तलाशना शुरू किया. वो कार्ड उसे मिल गया. कोमल ने जल्दी से उस नंबर पर call किया. रिंग बज रही थी. पर किसी ने फोन पिक नहीं किया. कोमल ने दूसरी बार कोसिस की. 2 रिंग के बाद किसी ने call पिक किया.


रुस्तम : हेलो???


कोमल : हेलो में कोमल बोल रही हु. मुजे दाई माँ ने आप का कार्ड दिया था


रुस्तम : ओह्ह तो आप ही कोमल हो. पर call करने में इतना टाइम क्यों लगा दिया.


कोमल ने उसके साथ घाटी वो सारी बाते बता दी. प्रोफ़ेसर रुस्तम ध्यान से सारी बात सुनता है. पलकेश के उस call से लेकर अब तक की सारी घटना की उसे जानकारी हो गई.


रुस्तम : में फिलहाल तो मुंबई से बाहर हु. तुम आज रात निकाल लो. और हो सके तो उसे सुबह मेरे पास ले आओ.


कोमल : पर आज रात?????


रुस्तम : क्या डर लग रहा है. दाई माँ तो तुम्हारी बड़ी तारीफ कर रही थी. बस एक रात तो तुम्हे उसके साथ रुकना ही होगा. ओके.



कोमल ने call तो कट कर दिया. पर उसे एक रात वही रुकना था. वो यही सोचती रही की रात कैसे कटेगी.



GOOD THRILLER INTERESTING UPDATE
SHETAN MADAM JI

BALBEER AUR KOMAL NE YEH KYA KIYAA , BALBEER KO PALKESH KO KISI CHEEJ SE USKE HAATH PAIR BAANDH KAR RAKHNE CHAHIYE THE KYUNKI USE POORI TAREH KISI PRET NE POSSESS KIYA HAI, AUR BAKBEER KHAANE KA INTEZAAM KARNE CHALAA GAYA KHANA KIS KE LIYE APNE AUR KOMAL KE LIYE JABKI PALKESH NE APNA KHANE KA INTAZAAM TO PEHLE SE KAR RAKHHA HAI. YAHAA KOMAL BECHAARI AKELI HAI, AUR USKE SAAMNE PRET AATMA BHI HAI.


Palkesh me andar kisi ayyash pret ka nivaas hai.
 

Shetan

Well-Known Member
16,549
48,767
259
Aapka dhanyawaad mere liye aap aaj update post kar di ho .

Madam yeh dekh kar dukh hota hai achi kahani ko log pahchan nahi pate . Per aap yeh bhi janti hai yaha jayada dar readers hilane wale hai . Unko sirf apne hathiyar se sochna acha lagta hai unko dimag lagna acha nhai lagta hoga jaise aapki kahani mai itne suspence hai ki wo log padhna hi chod dete honge .

Jaise mai apni baat kar raha hu mere kahani interfaith thi views bhar bhar ke aaye kyu ki readers ko wahi pasand aya .mai bhi aise hi kahani likhna start kar diya mujhe andaza nahi tha jayada tar logi ki interfaith aur incest pasand hogi .

Mai samjh sakta hu aapko horror likhna padhna acha lagta hai aap apni khusi ke liye likhiye. Views jarror badhenge baki mai dekh Raha hu aapko ache ache comments bahut aa rahe hai isse pata chalta hai jo genuine readers hai unko kahani pasand aa rahi hai . Dil chota na kare aapki kahani jarror hit hogi mai apne dosto mai bhi apki khani share kar diya hu ..
Nahi nahi... Me dill chhota nahi kar rahi. Me janti hu ki horror padhne vale non sexual padhne vale kam he. Magar he. Jo story dhudhte he. Sex nahi.

Mere pas redars jude he. Jinme ab aap bhi shamil ho. Kam he. Magar he to sahi. Jinki comments motivation deti he. Promise ek behtarin story likh kar aap sab ke samne pesh karungi.
 

CyccoDraamebaaz

"Paagalpan zaruri hai."
117
236
44
A

कोमल और बलबीर दोनों कार से मुंबई के लिए रवाना हो चुके थे. अंधेरा हो चूका था. एकदम चिकने फ्लेट रोड पर गाड़ी भागने में कोई दिक्कत नहीं हो रही थी. बलबीर ट्रक ड्राइवर ही था. इस लिए लम्बे रुट पर उसे ड्राइव करने में कोई दिक्कत नहीं थी.

कोमल अपने मोबाइल में लगी हुई थी. बिच बिच में उसकी वाकलती call आ रहे थे. कभी किसी नए केस के लिए वो अपनी फीस बताती. तो कभी किसी मुद्दे पर कोई खास चीज.

जब सब काम निपट गया तो कोमल को बलबीर की याद आई. वो गौर से बलवीर को देखने लगी. एकदम मासूम चहेरा. सारा ध्यान सिर्फ अपने काम पर. कोमल को ऐसे देखते हुए जब बलबीर को महसूस हुआ तो बलबीर भी पूछे बिना रुक नहीं पाया.


बलबीर : ऐसे क्यों देख रही हो??


कोमल पहले तो थोडा सा मुश्कुराई. फिर जैसे सोच में पड़ गई हो की पुछु या नहीं. लेकिन रुकते रुकते उसने पूछ ही लिया.


कोमल : तुम अचानक ऐसे बिना बताए कैसे आ गए. मतलब की...


कोमल के पूछने का मतलब बलबीर समझ गया.


बलबीर : तुमने कहा था ना. तुम्हारे बच्चों को अच्छी स्कूल में पढ़ाऊंगी. उन्हें बहोत बड़ा आदमी बनाउंगी. तो में आ गया.


कोमल : मतलब की तुम मेरे लिए नहीं आए.


कोमल का जैसे मूड ख़राब हो गया हो. पर बलबीर कोमल के नेचर में हुए बदलाव को महसूस कर रहा था.


बलबीर : ऐसा नहीं है की मै तुम्हारे लिए नहीं आया. बल्कि सिर्फ तुम्हारे भरोसे पर ही मै यहाँ आया हु.


कोमल के फेस पर स्माइल आ गई. और वो बलबीर की तरफ थोडा खिसक कर उसके कंधे पर अपना सर टेक देती है. बलबीर को भी ये अच्छा लगा. ऐसा कुछ पहले होता था. जब बलबीर और कोमल को नया नया प्यार हुआ था.


बलबीर : तुम अपने पति से अलग क्यों हुई.


कोमल बताना तो नहीं चाहती थी. पर बलबीर था इस लिए वो बता देती है.


कोमल : वो मेरे साथ खुश नहीं था. उसे मै बोझ लगती थी. अब बाकि जिंदगी एक दूसरे के साथ सिर्फ एक पहचान से निभाए इस से बहेतर की हम अलग हो जाए. हम ख़ुशी से अलग हुए.


बलबीर ने आगे कुछ पूछा नहीं रात भर ड्राइव करते हुए वो मुंबई पहोच गए. पलकेश का मुंबई में एक और फेल्ट था. और वो वही रहे रहा था. कोमल उस फ्लेट का पता जानती थी. वो दोनों उस फ्लेट पर पहोच गए. पलकेश का फ्लेट 4th फ्लोर पर था.

वो बल्डिंग 10 मंज़िला थी. कोमल और बलबीर दोनों डोर के सामने खड़े हो गए. कोमल ने बेल बजाई. पर कोई डोर नहीं खोल रहा था. और ना ही कोई आवाज आई. कोमल ने दूसरी बार बेल बजाई. तब भी किसी ने डोर नहीं खोला.

कोमल ने पलट कर बलबीर की तरफ देखा. जैसे कहना चाहती हो की कोई गड़बड़ तो नहीं. फिर कोमल ने बेल बजाते डोर का हैंडल भी पकड़ लिया.


कोमल : पलकेश......


पर कोमल के हैंडल पकड़ते ही डोर खुल गया. डोर खुलते ही एक गन्दी सी बदबू का जैसे भापका आया हो. कोमल ने तो अपने मुँह पर हाथ ही रख दिया.


कोमल : उफ्फ्फ... ये बदबू केसी है.


बलबीर हैरान था की ऐसी ही बदबू तो कोमल के फ्लेट से भी आ रही थी. उसे वहां क्यों फील नहीं हुई. वो दोनों अंदर गए. अंदर का नजारा बड़ा अजीब था. सारी विंडोज को कपडे से कवर किया हुआ था.

जैसे बाहर का उजाला रोकने की कोसिस हो. अंदर का माहौल एकदम चिल्ड था. जैसे ac ऑन कर रखा हो. फैन धीमे धीमे घूम कर आवाज कर रहा था. कोमल और बलबीर चारो तरफ नजरें घुमाकर सब देख रहे थे.

खाने के जुठे बर्तन भी जुठे जिसमे थोडा बहोत खाना भी पड़ा हुआ था. देखने से ही पता चल रहा था की खाना कम से कम 2 दिन बसा जरूर होगा. एक खुले हुए कार्टून बॉक्स मे आधे से ज्यादा पिज़्ज़ा पड़ा हुआ था. जिसमे कीड़े भी रेंग रहे थे.

पर पलकेश कहा है. ये समझ नहीं आ रहा था. कोमल भी ऐसी थी की उसे डर तो मानो लगता ही ना हो. वो पलकेश को आवाज देते अंदर जाने लगी.


कोमल : पलकेश..... पलकेश....


पर अंदर जाने से पहले ही एक पाऊ सोफे के निचे नजर आ गया. कोमल रुक गई. और उसने उस पाऊ को देखा. कोमल ने पलटकर बलबीर को भी देखा. वो भी वही देख रहा था. वो आगे आया और सोफे को खिंचता है. पलकेश बेहोश पड़ा हुआ था.

वो दोनों पलकेश को बाहर निकलते है. और उसे होश में लाने की कोसिस करते है. जब उसे निकला तो पलकेश की हालत कुछ अजीब सी थी. वो पूरा तो नंगा था. और उसके बदन से बहोत बदबू भी आ रही थी. जैसे नजाने कितने दिनों से वो नहाया ही ना हो.

हाथ पाऊ गले बहोत जगग घाव थे. जैसे किसी ने बड़े जोर से खरोचा हो. कोमल घुटनो पर बैठ कर पलकेश के गलो पर हलकी हलकी थपकी मरना शुरू करती है.


कोमल : पलकेश..... पलकेश आँखे खोलो पलकेश...


पलकेश की आंखे बड़ी मुश्किल से खुली. जैसे उसने किसी चरस या अफीम का नशा किया हुआ हो. पर आंखे खुलते जब उसने कोमल को देखा तो वो तुरंत ही कोमल को जोरो से बांहो में भर कर रोने लगा.


पलकेश : हाआआ... मुजे बचा लो कोमल प्लीज. वो मुजे मार डालेगा अअअअअ.... प्लीज कोमल मुजे बचा लो....


कोमल और बलबीर दोनों सॉक थे.


कोमल : कौन मार डालेगा तुम्हे??? बोलो??? बोलो.


पलकेश के तेवर एकदम से बदल गए. वो रोते हुए हसने लगा. रुक रुक कर हसने लगा. उसकी आंखे एकदम से बड़ी हो गई. पलकेश ही देखने में डरावना लगने लगा.


पलकेश : खीखीखी...... खीखीखी...... वो तुम्हे हर वक्त देखता है. वो सिर्फ तुम्हारे लिए यहाँ आया है.


कोमल ने सर घुमाकर एक बार बलबीर को देखा. फिर पलकेश को देखने लगी.


कोमल : कौन देखता है मुजे. वो कौन है.


पलकेश फटी फटी आँखों से कोमल को देखता है. फिर बलबीर को देखने लगा. और बलबीर से ही बोलने लगा. पर जो बोला वो सुनके बलबीर और कोमल दोनों के कान खड़े हो गए.


पलकेश : तू इस से अब भी प्यार करता हेना. पर ये तुजसे शादी नहीं करेगी.


बोलने के बाद पलकेश जोरो से पागलो की तरह हसने लगा. कोमल और बलबीर दोनों ने एक दूसरे को देखा. पलकेश एकदम से शांत हो गया.


पलकेश : जब मेरा फ़ोन आया. तब भी लगे हुए थे ना दोनों.


और बोलते के साथ फिर पागलो के जैसे हसने लगा. बसलबीर तो समझ गया की पलकेश को क्या हुआ है. पर कोमल को समझ नहीं आया. उसे लगा की फोन पर उसे एहसास हो गया होगा. कोई नई बात नहीं है. पर पलकेश फिर एक बार कोमल और बलबीर दोनों को चोका देता है.


पलकेश : तुम दोनों ने गांव में भी किया था. खेतो में. उसी आम के पेड़ के निचे. पूरलियो में.


बोलकर पलकेश जोरो से हसने लगा. पर अब कोमल को झटका लगा. कोमल ने पलकेश को ये बताया था की उसने किसी के साथ सेक्स किया. पर ये नहीं बताया की किसके साथ. कैसे. और कहा.

पर पलकेश तो वो सब बता रहा था. जो कोमल ने उसे नहीं बताया था. पलकेश फिर पागलो के जैसे हसने लगा.


पलकेश : वो तुम्हारे साथ वही खेल खेलना चाहता है. एक रूपए वाला. हा हा हा....


कोमल को याद आया वो क्या था. जब कोमल और पलकेश की नई नई शादी हुई थी. वो लोग अक्षर बाहर घूमने जाते थे. एक बार पलकेश के पास बाहर आउट साइड पर एक वेश्या आ गई. और उसे साथ चलने को कहने लगी. पलकेश नहीं गया. पर कोमल अचानक उसके पास पहोची और पूछा. वो क्या कहे रही थी. पलकेश ने बताया. वो एक वेश्या थी.

और पेसो के लिए अपने कपडे उतरने को तैयार थी. कोमल को हसीं आ गई. दोनों घूम फिर कर घर पहोचे. बेडरूम में पलकेश लेटा हुआ कोई बुक पढ़ रहा था. तभी कोमल उस रूम में आ गई. एक हॉट सेक्सी गाउन पहने. अपनी बीवी का हॉट लुक देख कर पलकेश मुश्कुराया.

कोमल ने कहा आज मै एक वेश्या हु. तुम पैसे फेको. मै तुम्हारे लिए अपने कपडे उतरूंगी. पलकेश ने एक कॉइन दिखाया. स्माइल किये बोला. मेरे पास तो बस एक ही रुपया है.

बोल कर वो एक रूपए का सिक्का कोमल की तरफ फेक देता है. उस कॉइन की खनक आज भी कोमल को याद थी. उस कॉइन के गिरते ही कोमल अपना गाउन उतर कर नंगी होने लगी. पर ये सारे मनोरंजक खेल नई नई शादी हुई थी.

तब कोमल और पलकेश ने खेले थे. पलकेश ने कहा की वो भी कोमल के साथ वही खेल खेलना चाहता है. कोमल को बुरा लगा. हसबैंड वाइफ के बिच की इन बातो को बलबीर के सामने ऐसे बोलना.

पर कोमल को अब भी एहसास ही नहीं था की पलकेश के साथ क्या हो रहा है. वो एकदम से बेहोश हो गया. कोमल ने बलबीर की तरफ देखा. उसने पलकेश को उठाकर सोफे पर रखने में कोमल की मदद की.


कोमल : तुम एक काम करो. हमें यही रुकना होगा तुम कुछ खाने पिने की चीज़े ले आओ. तब तक में थोड़ी जगह ठीक करती हु.


बलबीर चले गया. चाहे कुछ हो जाए. कोमल पलकेश को उसकी उस हालत मे छोड़ कर जाना नहीं चाहती थी. कोमल थोडा घर की साफ सफाई में लग गइ.

पर साफ सफाई करते उसकी नजर अचानक सोफे पर गई. जहापर उन्होंने पलकेश को लेटाया था. वो वहां नहीं था. कोमल सॉक हो गई. अचानक पलकेश कहा चले गया. कोमल उसे पहले तो घर में ही ढूढ़ने लगी.


कोमल : पलकेश... पलकेश... कहा हो तुम???? पलकेश.


पर पलकेश मिला बहोत ही जबरदस्त हालत में. वो किचन में था. फ्रिज के आगे बैठा हुआ. और फ्रिज का डोर एकदम खुला हुआ था. कोमल को हैरानी तब हुई जब वो पलकेश के करीब गई. पलकेश कुछ खा रहा था.

कोमल ने ध्यान से देखने की कोसिस की के पलकेश क्या खा रहा है. वो कच्चा चिकन खा रहा था. कोमल को एकदम से झटका लगा. उसके हाथ में पूरा चिकन था. और पलकेश उसे खींच खींच कर कच्चा ही खा रहा था.


कोमल : (सॉक) पलकेश तुम यहाँ क्या कर रहे हो??


पलकेश ने कोई जवाब नहीं दिया. वो जानवर के जैसे खाता ही रहा. पर कोमल को दूसरा झटका तब लगा जब उसका ध्यान खुले हुए फ्रिज पर गया. वो पूरा फ्रिज मीट से ही भरा हुआ था. जब की कोमल को पता था की पलकेश जैन है.

वो नॉनवेज नहीं खाता. हा शराब वो जरूर पिता था. कोमल ने पलकेश के कंधे पर हाथ रखा तो पलकेश ने एकदम से उसका हाथ झाटक दिया. कोमल एकदम से घबरा गई. और पीछे हो गई.

पलकेश एकदम से गर्दन घुमा कर कोमल को देखा. उसके मुँह में कच्चा मीट था. बोलते हुए उसके मुँह से मीट के छोटे छोटे टुकड़े भी गिर रहे थे.


पलकेश : (गुस्सा चिल्ला कर) ये सब तुम्हारी वजह से हो रहा है. वो तो तुम्हारे लिए ही आया था. पर अब मुजे परेशान करता है. कहता है मुजे मांश खाना है. उसे शराब पीना है. वो मुझसे लड़की भी मांगवाता है. पर मेरी ये हालत देख कर सब भाग जाती है. तुम उसकी भूख मिटा दो. वरना वो मुजे मार डालेगा.


बोलकर पलकेश एकदम से ही बेहोश हो गया. कोमल उसे उठाने गई. पर कोमल के बस की नहीं थी. कोमल ने उसे खींचना शुरू किया. और उसे खिंचते हुए सोफे तक ले गई. कोमल को अब ये तो समझ आ गया की गड़बड़ क्या है. पलकेश किसी और की बात कर रहा है.

सायद कोई भुत है. कोमल को भूतों की कहानियाँ बहोत पसंद थी. पर पलकेश के अंदर क्या है. भुत है या नहीं कुछ समझ नहीं आ रहा था. कोमल ने अपना फोन उठाया और दाई माँ को call किया. पर फोन स्विच ऑफ आ रहा था. कोमल एकदम से निराश हो गई.

फिर उसे याद आया की दाई माँ ने उसे एक कार्ड दिया था. जिसपर किसी प्रोफ़ेसर रुस्तम का नाम था. कोमल ने अपने पर्स में उस कार्ड को तलाशना शुरू किया. वो कार्ड उसे मिल गया. कोमल ने जल्दी से उस नंबर पर call किया. रिंग बज रही थी. पर किसी ने फोन पिक नहीं किया. कोमल ने दूसरी बार कोसिस की. 2 रिंग के बाद किसी ने call पिक किया.


रुस्तम : हेलो???


कोमल : हेलो में कोमल बोल रही हु. मुजे दाई माँ ने आप का कार्ड दिया था


रुस्तम : ओह्ह तो आप ही कोमल हो. पर call करने में इतना टाइम क्यों लगा दिया.


कोमल ने उसके साथ घाटी वो सारी बाते बता दी. प्रोफ़ेसर रुस्तम ध्यान से सारी बात सुनता है. पलकेश के उस call से लेकर अब तक की सारी घटना की उसे जानकारी हो गई.


रुस्तम : में फिलहाल तो मुंबई से बाहर हु. तुम आज रात निकाल लो. और हो सके तो उसे सुबह मेरे पास ले आओ.


कोमल : पर आज रात?????


रुस्तम : क्या डर लग रहा है. दाई माँ तो तुम्हारी बड़ी तारीफ कर रही थी. बस एक रात तो तुम्हे उसके साथ रुकना ही होगा. ओके.



कोमल ने call तो कट कर दिया. पर उसे एक रात वही रुकना था. वो यही सोचती रही की रात कैसे कटेगी.



Yeh hua na asli horror... padhkar maza aa gaya Shetan ji... Bechare jainy Palkes ko maas khila diya... Us Bhootiye ko chahiye Komal.. par ghera usne Palkes ko.. Aur yeh Balbeer kaha gayab ho gaya... Next update bada hi mazedaar hone wala hai... besabri se intezaar hai...
 

Shetan

Well-Known Member
16,549
48,767
259
GOOD THRILLER INTERESTING UPDATE
SHETAN MADAM JI

BALBEER AUR KOMAL NE YEH KYA KIYAA , BALBEER KO PALKESH KO KISI CHEEJ SE USKE HAATH PAIR BAANDH KAR RAKHNE CHAHIYE THE KYUNKI USE POORI TAREH KISI PRET NE POSSESS KIYA HAI, AUR BAKBEER KHAANE KA INTEZAAM KARNE CHALAA GAYA KHANA KIS KE LIYE APNE AUR KOMAL KE LIYE JABKI PALKESH NE APNA KHANE KA INTAZAAM TO PEHLE SE KAR RAKHHA HAI. YAHAA KOMAL BECHAARI AKELI HAI, AUR USKE SAAMNE PRET AATMA BHI HAI.


Palkesh me andar kisi ayyash pret ka nivaas hai.
Esa is lie kyo ki palkesh pajesh he ya nahi ye unko confirm pata to hona chahiye. Halat dhire dhire pata chalta he. Palkesh aur NTT dono copret bhi kar rahe he. Aur mojudgi bhi dikha rahe he. Harm sirf palkein ho raha hai
 

CyccoDraamebaaz

"Paagalpan zaruri hai."
117
236
44
Please no ladhai. Yaha sirf aap mujse bate kariye. Kisi ko bhi jawab dena mera kam he. Aap agle update ka bataiye kesa laga???

Upar se mene abhi ek aur update de diya he.
🏳️ Jaanta hu aapne pehle hi warning de di thi... lekin yaar... aise toh logo ka romanch kill mat karo... Mein toh bass yehi kehna chahta tha... 🏳️
 
Last edited:
Top