- 904
- 1,931
- 124
कमनीय कोमल
नेट पर एक कहानी पढ़ी है एक कमसिन कमनीय लड़की कोमल की और नौजवान की जो अभी जवानी की तरफ बढ़ रहा है कैसे छेड़छाड़ उत्सुकता से प्यार परवान चढ़ा और फिर पहला मिलन हुआ
कहानी मेरी नहीं है पर समयानुसार कुछ काट छांट जरूर की है
लेखक में दो नाम सामने आये mrindia और bbmast
असली लेखक के बारे में काफी प्रयास करने पर भी पता नहीं चला .. किसी ने अगर पढ़ी ही और असली लेखक के बारे में जानते हो तो अवश्य बताना उन्होंने बहुत अच्छी कहानी लिखी है
कहानी से उनका नाम जुड़ा होना चाहिए
उसे यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ आशा है पसंद आएगी
परिचय
पुरानी बात है, मैंने स्कूल से निकल कर कॉलेज में कदम रक्खा ही था, सारा माहौल उस समय रूमानी लगता था, हर लड़की खूबसूरत लगती थी, शरीर और दिमाग में मस्ती रहती थी, शरीर जैसे हर समय विस्फोट के लिए तैयार, मुठ मारने लगा था, लंड बेचैन रहता था, वैसे मैं पढाई में भी तेज था और क्लास में ऊँचे दर्जे से पास होता था, इस वजह से घर और बाहर इज्जत थी, किसी चीज के लिए घरवाले मना नहीं करते,
उसी समय गर्मी की छुट्टियां हुई और मेरे ताउजी के एक घनिष्ट मित्र अपनी पत्नी और बेटी के साथ हमारे घर आये तीन चार दिनों के लिए, उन्हें पुरी जाना था और हमारे यहाँ रुके थे, बेटी अलीगढ़ के एक स्कूल में छात्रा थी और अभी अभी परीक्षा का रिजल्ट आया था जिसमे पास हो गयी थी, छुट्टियों के बाद आगे पढाई जारी रखनी थी.
उसके परिवार से हमारा बहुत पुराना सम्बन्ध था और मेहमानों जैसी कोई बात नहीं थी. उसके पिताजी भी मेरे पिताजी के दोस्त जैसे ही थे. पहले हम संयुक्त परिवार में रहते थे, तीन चार सालों से ताउजी व्यापार के लिए पूना रहने लगे थे. कोमल को बहुत सालों के बाद देखा था.
कहानी जारी रहेगी
नेट पर एक कहानी पढ़ी है एक कमसिन कमनीय लड़की कोमल की और नौजवान की जो अभी जवानी की तरफ बढ़ रहा है कैसे छेड़छाड़ उत्सुकता से प्यार परवान चढ़ा और फिर पहला मिलन हुआ
कहानी मेरी नहीं है पर समयानुसार कुछ काट छांट जरूर की है
लेखक में दो नाम सामने आये mrindia और bbmast
असली लेखक के बारे में काफी प्रयास करने पर भी पता नहीं चला .. किसी ने अगर पढ़ी ही और असली लेखक के बारे में जानते हो तो अवश्य बताना उन्होंने बहुत अच्छी कहानी लिखी है
कहानी से उनका नाम जुड़ा होना चाहिए
उसे यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ आशा है पसंद आएगी
परिचय
पुरानी बात है, मैंने स्कूल से निकल कर कॉलेज में कदम रक्खा ही था, सारा माहौल उस समय रूमानी लगता था, हर लड़की खूबसूरत लगती थी, शरीर और दिमाग में मस्ती रहती थी, शरीर जैसे हर समय विस्फोट के लिए तैयार, मुठ मारने लगा था, लंड बेचैन रहता था, वैसे मैं पढाई में भी तेज था और क्लास में ऊँचे दर्जे से पास होता था, इस वजह से घर और बाहर इज्जत थी, किसी चीज के लिए घरवाले मना नहीं करते,
उसी समय गर्मी की छुट्टियां हुई और मेरे ताउजी के एक घनिष्ट मित्र अपनी पत्नी और बेटी के साथ हमारे घर आये तीन चार दिनों के लिए, उन्हें पुरी जाना था और हमारे यहाँ रुके थे, बेटी अलीगढ़ के एक स्कूल में छात्रा थी और अभी अभी परीक्षा का रिजल्ट आया था जिसमे पास हो गयी थी, छुट्टियों के बाद आगे पढाई जारी रखनी थी.
उसके परिवार से हमारा बहुत पुराना सम्बन्ध था और मेहमानों जैसी कोई बात नहीं थी. उसके पिताजी भी मेरे पिताजी के दोस्त जैसे ही थे. पहले हम संयुक्त परिवार में रहते थे, तीन चार सालों से ताउजी व्यापार के लिए पूना रहने लगे थे. कोमल को बहुत सालों के बाद देखा था.
कहानी जारी रहेगी
Update 1 | update 2 | update 3 | update 4 | update 5 |
update 6 | update 7 | update 8 | update 9 | update 10 |
Update 11 |
Last edited: