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Adultery क्या मेरी मम्मी एक रंडी है? - एक कहानी

Yash420

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६.

मेरी प्यारी अम्मी, मेरी प्यारी दुलारी अम्मी, मेरी प्यारी दुलारी सेक्सी अम्मी, आह मैं अपनी अम्मी को सोच सोच के परेशां हो रहा था, जब से मैं मामा के घर आया था, मुझे अम्मी हमेशा दुखी रहती, और वो घर का काम कराती लेकिन कभी भी मैंने अम्मी का वो हूरी रूप नहीं देखा, मैं अम्मी की पीछा हर जगह करने चिप के करने लगा लेकिन मेरी अम्मी कभी भी ऐसा काम नहीं कर रही थी, जो गलत था, हमेशा घर में हमेशा भारी कपडे पहनती थी, और बहार काले नक़ाब और बुरका कर के निकलती, मुझे कुछ ही दिनों में ऐसा लगाने लगा की जो मैंने उस रात देखा था वो सिर्फ मेरा एक वहां था, उस रात की घटना सिर्फ मेरे सोच में थी, और ना की असलियत, क्या वो रात की वहम थी, थकावट मेरा दिमाग मेरा साथ नहीं दिया, क्या था वो, मेरी अम्मी को मैं पिछले दो सप्ताह से मैं किसी बाझ की तरह नज़र रखे हुए था, लेकिन मेरी अम्मी ने एक बार भी ऐसा कोई इशारा नहीं दी की कोई भी गड़बड़ है,

मेरी अम्मी खाना बना रही थी और मेरे मामा सोफे पे बैठ के किसी से बातें कर रहे थे और मेरी नज़र हमारे घर के सामने रहने वाली आंटी पे गयी, जो मैं जनता था की चालू औरत है, मेरी नज़र उनके ऊपर थी, वो भी मेरी अम्मी की तरह एक आम हाउस वाइफ थी, और मेरी नज़र उनपे कपा सूखते हुए गयी, और उनकी मम्मे तर में लचक गए, और अनायास मेरे मुँह से निकला ,

'माशाअल्लाह'

'क्या हुआ बाबू, क्या देख लिया '

मेरी अम्मी मेरे बगल में खड़ी थी, और अंदर से मैं थोड़ा सा डर गया ,

'अम्मी आप कुछ भी तो नहीं'

मेरी अम्मी का नज़र बगल वाली आंटी के ऊपर था और वो थोड़ा सा मुस्का के घर के अंदर चली गयी, मैं ये देख हवस से भर गया और मेरी नज़र फिर सामने वाली आंटी पे जाता है, और मैं वहां पे अम्मी नंगी कड़ी हो, और मैं निचे देखु, और मेरा लुंड किसी तलवार की तरह खड़ा हो गया और मैं अपने प्याज़मा को ऊपर से रगड़ने लगा , और मेरे खयालो मेरी मेरी अम्मी थी, मेरी प्यारी सेक्सी दिलकश अम्मी,

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मेरी अम्मी मेरे अब्बू के नए निकाह के बारे में बिलकुल नहीं सुनना चाहती थी, और कोई उनके सामने ये बात उठता तो वो बहुत गुस्सा हो जाती थी, मैं अंदाज़ा लगाया की अगर मेरी अम्मी गलत है तो वो गलती गुस्से में ही करेगी, और मैं एक प्लान बनाने लगता हूँ, मेरा मकसद मुझे खुद अम्मी को मेरे निचे लाना था, मैं अभी १८ का होने में चार महीने थे, और मैंने चुत की सिर्फ तस्वीर ही देखि थी, यहाँ मैं अपनी अम्मी को अपने निचे का प्लान बना रहा था, और मेरा प्लान भी बहुत आसान था, अपनी अम्मी को अब्बू के नए निकाह का तस्वीर दिखा के गुस्सा दिलवाना, और फिर आशा करना की मेरी अम्मी फिर कोई गलत कदम ले और मैं उस गलती का फायदा उठा के खुद अपनी अम्मी को अपने हवस का सीकर बनाऊ,

मैं अपने दोस्त को फ़ोन कर अपने अब्बू के तस्वीर मंगवा लिया था, ये तस्वीर बहुत ही सादी थी, मेरे अब्बू के चेहरे में वो चमक नहीं थी, जिसे देखने का मैं आदी था, और इस तस्वीर में अब्बू की नयी बेगम का चेहरा ढाका हुआ था, एक पल को वो तस्वीर देख मुझे गुस्सा आ गया लेकिन दूसरे ही पल मुझ पे हवस चढ़ गया और मैं उस तस्वीर को लिफाफे में बंद कर के अम्मी के कमरे में रख दिया, और उसमे झूट मुठ का पता दाल दिया, और मैं अम्मी के ऊपर नज़र रखने लगा, मैं जनता था की अम्मी कुछ न कुछ करेगी, और मैं उसके लिए एक सस्ता सा रोल वाला कैमरा खरी लिया, वो लिफाफा टेबल पे राखी हुई थी, और मेरी अम्मी का नज़र दिन भर उस पे नहीं गया, और मैं व्याकुल हो रहा था,

'अम्मी आपके लिए पोस्ट आया था, क्या था उसमे' मेरी अम्मी रात को खाने के बाद मेरे बाल सहला रही थी, और वही पे लेती हुई थी,

'अरे मैं तो काम में भूल ही गयी थी रेहान वो लिफाफा बढ़ाना' और मैं वो लिफाफा अपने अम्मी के तरफ बढ़ा देता हूँ, मेरी अम्मी वो लिफाफा लेके खोलने लगाती है, और मेरा सरीर कांपने लगता और मैं वह से खड़ा हो बहार भाग जाता हूँ,

'अम्मी मैं बाथरूम जा रहा हूँ' मेरी अम्मी अपना सर हां में हिला के वो लिफाफा खोलने लगाती हैं, और मैं वही पे दरवाजे के बगल में बैठ अंदर का नज़ारा देखने लगता हूँ, मुझे अम्मी की प्रतिकिर्या देखनी थी, और मुझे अंदर से डर भी लग रहा था, मेरी अम्मी का नज़र उस तस्वीर पे जाता है, और उनके चेहरे से जैसे जो थोड़ी बहुत रौनक थी, वो भी कहीं गायब हो जाती है, और मेरी अम्मी अपना सीना पकड़ के उस तस्वीर को घूरते रहती है, और फिर मेरी अम्मी के आँखों से अंशु की एक कतरा बहते हुए दिखी और मैं अंदर से हिल गया, मैंने अपनी ही अम्मी को अपने हवस के लिए कितना दुःख दे दिया, उनकी दुखती राग पे अपने हाथ रख दिया, उनके अंशु ने मुझे झकझोर के रख दिया, और मेरे भी आँशु आ गए और मैं किसी पराजित सैनिक की तरग बहार जा के बैठ गया और रोने लगा, मेरा सारा हवस उस अंशु ने जैसे गायब कर दिया था, मैं एक चीज़ समाज गया की, मेरी अम्मी कोई महज़बी हो या सहर की बीबी, मैं कभी उनपे आंख उठा के नहीं देख सकता था, और मैं काफी देर के बाद वापस निचे आता हूँ, मेरी अम्मी रट हुए सू गयी थी, उनके अंशु से वो तस्वीर भी बह रहा था, मैं वो तस्वीरर अम्मी के हाथ से ले के फाड् देता हूँ, और अपने अम्मी के बगल में लेट जाता हूँ, मेरे अंदर का हवस मेरी अम्मी के प्रति उस दिन ख़तम हो गया, और मैं एक मादरचोद बनाने से बच गया|
क्या भाई इतना छोटा अपडेट
भाई शुरू होते ही ख़तम हो गया ☹️☹️
 

Mastramkabeta

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क्या भाई इतना छोटा अपडेट
भाई शुरू होते ही ख़तम हो गया ☹☹
Bhai story setup kar raha hun, bahut readers ko intro se lag raha hai ki isme incest hai, I wanted them to know this story will not have blood related incest, and story focuses on ammi's adulterous adventures.
 

Mastramkabeta

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५ .

मैं अपने घर के सामने वाले सोफिया आंटी सब्ज़ी ले रही थी, और मैं छिप के उन्हें देख रहा था, मुझे ये तो नहीं पता चल रहा था की वह उन दोनों में क्या बातें चल रही थी, लेकिन मुझे सोफिया आंटी के चहकते चेहरे को देख के इतना पता चल गया था की कुछ तो वह गड़बड़ है, वो सब्ज़ी वाला बार बार बैगन उठा के सोफिया आंटी को दिखा रहा था और आंटी जोड़ जोड़ से हंस रही थी, और मैं यहाँ अपना लण्ड पायजामा के ऊपर से सहला रहा था, जब से मेरे ऊपर से मेरे अम्मी का हवस उतरा था, सामने वाली सोफिया आंटी मेरा ध्यान बहुत खींच रही थी,

'काश सोफिया आंटी मेरे हाँथ में आ जाये', और मैं अपना लुंड जोड़ से दबाता हूँ, और उधर सोफिया आंटी अपने घर में चली जाती है, और सब्ज़ी वाला जाने लगता है, वो सब्ज़ी वाला काम उम्र का लग रहा था और मैं उसके पास पहुँच जाता हूँ,

'ओए लडके, तू वहा क्या कर रहा था, आंटी के साथ' वो सब्ज़ी वाला डर जाता है,

'भैया मैंने तो कुछ नहीं किया, मैं तो सिर्फ सब्ज़ी बेच रहा था' मैं उसके डर को पहचान लेता हूँ, और उसके कंधे को पकड़ लेता हूँ,

'सेल तू झूट बोल रहा है, मैंने सब देख लिया है तेरी करतूत, क्या कर रहा था बता भी दे, मैं किसी को नहीं बताऊंगा' वो लड़का थोड़ा संभालता है,

'सच बोल रहे हो'

'हाँ , तू बता तो'

'वो भाभी बहुत अच्छी है, बातें करने पे बुरा नहीं मानती' और वो लड़का थोड़ा शर्मा जाता है,

'कैसी बातें' और मैं उसे एक दुकान पे लेजा के दो छोल ड्रिंक खरीद लेता हूँ, और एक उसे दे देता हूँ,

'आप समझो न भइय्या कैसी बातें' मैं थोड़ा हँसाने लगता हूँ,

'तू बताएगा तो ही समझूंगा न, चल बता अभी क्या बोल रहा था'

'मैं बोल रहा था, मेरे बैगन खाने से उनके चेहरे पे चमक आ जाएगी' मैं मुस्का देता हूँ,

'वह रे और उन्होंने बुरा बिलकुल नहीं माना',

'नहीं भइय्या , वैसे भी उनका पति दुबई में सालो रहता है, थोड़ी गरम तो वो खुद रहती होंगी' और ये सुन मेरा दिमाग में तेज़ी आती है,

'उसका सौहार दुबई में रहता है, तुझे कैसे मालूम'

'उन्होंने खुद बताया था'

'उन्होंने तुझे बताया था?, तुझे चुत दे दी क्या वो रंडी'

'कहाँ भइय्या , लेकिन मिल जाये तो मज़ा आ जायेगा, वैसे भी रंडी छोड़ना बहुत महंगा है ' वह आसपास लोग थे, और मैं इशारा से उसे धीरे बोलने के लिए बोलता हूँ,

'तू रंडी चोदता है ',

'हां भइय्या बहुत गर्मी सर पे चढ़ जाती है तब' मैं सोचने लगता हूँ, की क्या मैं भी किसी रंडीखाने चला जउन, लेकिन मैं उस प्लान को रोक देता हूँ,

'चल कुछ हुआ उसके साथ तो बताना ' मैंने उस लडके को अपने भरोसे में ले लिया था, और मैं सोचने लगा की, ये आंटी का सौहार दुबई में रहता है, और ये ऐसे सब्ज़ी वाले के सामने खुल के मौज मस्ती वाले बातें कराती है , सायद मैं इसे पता सकता हूँ, मैं वापस अपने मामा के घर पहुंचा और मेरी नज़र वापस सोफिया सुनती के घर के तारा गया, वह पे वो अभी नहीं दिख रही थीं, और मैं घर के अंदर चला जाता हूँ, मेरी अम्मी घर का काम कर रही थी, और झाड़ू लगाने ले लिए झुकी हुई थी, मैं उन्हें देख एक पल के लिए हिल सा गया लेकिन अपने आप को संभल के वहां से अपने कमरे चला गया,

मेरी हवस भरी नज़र जो पहले मेरी अपनी अम्मी पे थी, अब वो सामने वाली आंटी पे था, लेकिन वहां तक कैसे पहुंचू, मैं ये जनता था की सोफिया आंटी अपने सौहार को धोका दे रही है, लेकिन मुझे अहसास होता है, मैंने सोफिया आंटी को पहली बार जब देखा था तो मुझे लगा था की वो मेरी अम्मी है, सायद मैं सोफिया को इस लिए अपने हवस में डूबा चाहता था क्युकी वो मेरी अम्मी जैसी दिखती था, उनका शरीर भी मेरी अम्मी जैसा था, सायद मैं उनके रस्ते अपने अम्मी का ही भाग करना चाहता था|

मुझे समझ में नहीं आ रहा था की सोफिया आंटी को कैसे अपने करीब लाये, पहले तो उनसे हमारा ज्यादा गहरा रिस्ता नहीं था, बस नाम के जान पहचान था, और दूसरा मैं उन्हें चोदना चाहता था, कोई भी गलती बहुत बड़ा तूफ़ान खड़ा कर सकती थी, लेकिन मैं ये जनता था की वो कैसी औरत हैं, और मैं वो प्लान ब्लैकमेल का जो अम्मी पे लगाना चाहता था, अब मैं सोफिया आंटी पे लगाने का प्लान बनाने लगा,

मैं हमेशा सोफिया आंटी के घर पे नज़र रखने लगा, मैं उन्हें रेंज हाटों पकड़ के, उन्हें ब्लैकमैल कर उन्हें अपने निचे लाना चाहता था, मुझे मालूम था सोफिया आंटी बहुत चालू औरत हैं, और मुझे कुछ ही दिनों में मौका मिल गया, वही गाड़ी जिसे मैंने पहले देखा था सोफिया आंटी के घर पे खड़ा था, मैं दुबक के उनके घर में खिड़कियों से झांकने लगा, और वह पे बिस्तर पे बिलकुल नंग्न सोफिया आंटी अपना गांड उठा के लेती हुई थी, और उनके उम्र पीछे से एक आदमी छोड़ रहा था, मैं ार करीब जा उनके बातों पे गौर देने लगा,

.. रिज़वान अब तुम में वो बात नहीं रही, क्या हो गया है तुम्हे, पहले तो तुम मेरा कचूमर निकल देते थे, अब तो तुम अपने भाई जितना भी नहीं कर पाते हो, वो आदमी सोफिया के सौहार का भाई था, मैं ये सुन हैरान हो गया, तभी मुझे हंफ़ने की आवाज़ आयी और मैं वापस ऊपर देखने लगा,

..सोफिया रानी, आआआआह, और सोफिया गुस्सा हो जाती है,

.. हद होता है रिज़वान, चले जाओं यहाँ से पूरा मूड ख़राब कर दिया, इतने दिन बाद मौका मिला था और तुम, मैं सोफिया आंटी के चीख से डर गया,

..सोफिया माफ़ कर दो, आज कल ऑफिस के टेंशन से परेशान हूँ, थोड़ा चुप्पा लगा दो, मैं डुबरा खड़ा हो जाऊंगा, सोफिया आंटी उस आदमी का लुंड पकड़ के एक दो बार ऊपर निचे कराती है, और सीधे अपना मुँह लुंड पे लगा चूसने लगाती है, मैं ये दृस्य देख के दांग रह गया था, और मेरा लुंड भी हिचकोले खाने लगा, और मैं अपना सर और अंदर दाल के देखने लगा,

.. आआह सोफिया, आआह , और वो आदमी दुबारा थरथराने लगा, सोफिया आंटी उसे चोर के उठी और गुस्से से उस आदमी को देखि, और वहा से उठ गयी, और उस आदमी का कपड़ा उसके हांथों में देने लगी,

'भागो यहाँ से' और वो आदमी अपना मुँह लटका के कपडे पहन वहान से निकल गया, मैं वही पे अपने खड़े लुंड की वजह से जमा हुआ था , और मैं वह इ बिना सोर किये निकल नहीं सकता था, इसलिए सोफिया आंटी को हटाने का इंतज़ार करने लगा, लेकिन मेरा डर से हालत ख़राब हो गया, और सोफिया आंटी सिहे मेरे खिड़की के तरफ आयी, और मैं अपना सर निचे झुनका लिया,

'क्यों शो अच्छा लगा, मजा आया' मेरा डर से हालत पतला था, सोफिया आंटी ने मुझे देख लिया था, और मैं अपना सर ऊपर कर उन्हें देखने लगा, वो अभी भी नग्न थी, और मेरे गाल को पकड़ लिया ,

'नॉटी बॉय' और उन्होंने मेरे गाल में चुटी कट लिया, मेरा लुंड और खड़ा हो गया , और खून के ऋषव की वजह से मेरा लुंड दुखने लगा था,

'रेहान नाम है न तेरा' मैं अपना सर हाँ में हिलता हूँ,

'अंदर आजाओ, मजे करते हैं' और सोफिया आंटी वहां से हैट जाती है, और मैं लड़खड़ाते दौड़ते हुए सोफिया आंटी के दरवाजे पे पहुँच जाता हूँ, यहाँ पे अब वो गाड़ी जा चुकी थी, और मैं दरवाज़ा ठकठकाते हूँ, लेकिन दरवाजा खुला हुआ था, और मैं अंदर दाखिल हो जाता हूँ, अंदर सोफिया आंटी नग्न चेयर पे बैठ सिगरराते पी रही थी,

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'पिओगे'

'नहीं आंटी'

'अरे आजकल के लडके नहीं हो तुम तो, वैसे ये आंटी आंटी क्या लगा रखा है, सोफिया बोलो '

'अच्छा आंटी', सोफिया आंटी , आंटी सोफिया, सोफिया ' और मेरे ऐसे करने पे सोफिया आंटी हँसाने लगाती है, और सिगेरट का एक कस मेरे मुँह पे फेकती है,

'पहले किया है, पेहले बाबू'

'नहीं आंटी, सोफिया आंटी , सोफिया' सोफिया आंटी हँसाने लगाती है, सोफिया आंटी मेरे सिने पे अपना हाथ चलाती है, और मेरे कपडे से घींच के अपने बिस्तर पे ले जाती है, जहाँ पे वो पहले लेती हुई थी, और मेरा पयजामा खोल हवा में उदा देती है, और मेरे खड़े लुंड को देख हँसाने लाती है ,

'अब ये हुई न कोई बात' और सोफिया आंटी बेड के किनारे अपना पैर फैला के लेट गयी और अपने पैर से मुझे खींच के पास ले आयी , मेरा लुंड सोफिया आंटी के चुत के बालों से चुम रहा था ,

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'देख क्या रहा है रेहान, दिखा अपने जवानी का ताक़त, घुसा अपना लुंड मेरे चुत में' और सोफिया आंटी अपना पेअर मेरे पीछे से हटा लेती है. और मैं निचे देखने लगता हूँ, सोफिया आंटी का छूट बहुत गरम था, और ऐसा लग रहा था की मेरा लण्ड पे चुत का भाफ लग रहा है, और मेरा लण्ड हिचकोले खा रहा था, मैं अपने खड़े लण्ड को धक्का देता हूँ, लेकिन वो किसी चीज़ से टकरा जाती है,

'आआआआआह क्या कर रहा है, तूने कोई ब्लू फिल्म नहीं देखि क्या, निचे डालते हैं ' और सोफिया आंटी मेरा लण्ड अपने चुत के छेद पे सटा देती है ,

'मारो धक्का' और मैं एक धक्का मरता हूँ, और सोफिया आंटी के गीले चूत में मेरा लण्ड फिसलता हुआ पूरा एक बार में ही घुस जाता है, मुझसे उनकी चूत की गरमी बदस्त नहीं होती है, और मैं एक ही बार में झड़ने लगता हूँ,

' आआआआआह आंटी कुछ निकल रहा है' मुझे अंदर से डर था की आंटी मुझपे गुस्सा हो जाएँगी, जैसे वो अपने सौहार के भाई पे हुई थी, लेकिन सोडिया आंटी मुस्का के मुझे देख रही थी, और मेरे अंदर से थोड़ा डर ख़तम हुआ,

'कैसा लगा पहला बार, मजा आया'

'हां आंटी कितना गरम था' और सोफिया आंटी हँसाने लगाती हैं और वहां से उठ जाती हैं, और मैं वही पे जोड़ जोड़ से हांफने लगता हूँ, मेरे सामने एक बार के लिए अम्मी का चेहरा आता है, लेकिन फिर सोफिया आंटी का चेहरा उनके बगल में आता है, और मैं वही सोफिया आंटी के बिस्तर में सो जाता हूँ,

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मेरी आँख जब खुलती है तो चारो था, और मुझे मालूम नहीं था की कितना बज रहा है, और वह पे सोफिया आंटी कहीं नहीं दिख रही थी, मैं उनके घर से अपने घर को जाने लगता हूँ,

मेरे घर के सामने वही सबज़ी वाला ठेला लगा हुआ था, जो सोफिया आंटी के सामने मैंने पिछले दिनों देखा था, और मैं एक पल को डर गया की क्या मेरी अम्मी भी सोफिया आंटी की तरह, लेकिन जब मैं नज़दीक गया तो वह पे मेरी अम्मी, और मामा कुछ सब्ज़ी ले रहे थे, वो सब्ज़ी वाला मुझे देख आंख मरता है,

'कहा गया था रेहान सब कितना परेशान थे '

'वो अम्मी मैं थोड़ा घूमने निकल गया था'

'बता के जाना चाहिए न, चलो घर में नाहा धो लो, खाना निकल देती हूँ' और मेरी अम्मी और मामा घर में घुस गए, मैं अंदर जा ही रहा था की मेरे कंधे पे सब्ज़ी वाले का हाँथ आता है,

'भइय्या, ये आपकी अम्मी थीं '

'हाँ '

'आपकी अम्मी बहुत अच्छी हैं, और बहुत प्यारी भी' और वो सब्ज़ी वाला लडक वहां से झट से भाग गया, मुझे पूछने तक का मौका नहीं मिला की आखिर वो कहना क्या चाहता है, लेकिन मैं उसकी इस बात से काफी परेशान हो गया,

मैं धो कर खाना खाने लगा और मेरा मामा वहीँ पे बैठे हुए थे, मेरे नज़र में नान नानी नहीं आ रहे थे,

..मां नाना नहीं कहाँ गए, दिख नहीं रहे हैं , मामा मेरी और देखते हैं,

..वो तेरे अब्बू के घर हैं, तुझे और तेरे अम्मी के लिए बातें करने गए हैं, और मामा छत को देखने लगते हैं, अब मैं सही में डर गया, मेरी अम्मी आज दिन भर घर में अकेली थी, मुझे याद आया वो रात उस दिन भी अम्मी ने अपने आप को अकेला समझा था घर पे, और उस सब्ज़ी वाले की अजीब बात, मैं जल्दी से खा के अम्मी के कमरे में जाता हूँ, और चीज़ो की जांच करने लगता हूँ, और मेरी नज़र वही बिस्तर के निचे चार इस्तेमाल हुई कंडोम पे जाती हैं, और मैं वही पे बैठ जाता हूँ, जब मैं उस चालू सोफिया को चोद के सो रहा था तब वो सब्ज़ी वाला चालू आयेशा को चोद रहा था और मैं कमज़ोर दिल से बाहर आया, एक बार को मेरा दिल किया की मैं अम्मी को इस बारे से झगड़ा करूँ , लेकिन मेरी इतनी हिम्मत नहीं हो रही थी,
 
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Yash420

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भाई पूरा जबरदस्त अपडेट
मज़ा आगया
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Yash420

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mahadev31

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mast update .... par kya rehaan sirf apni ammi ki chudai dekhke lund hilayega ? aur abh poori tarah se ammi ki chudai bhi nahi dekhi hai usne barsaat ki raat ko chhodke ki wo kis kis se chudti hai ....
 
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mahadev31

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aapne ek comment me kaha ki khooni rishto me sex nahi hoga matlab rehaan apni ammi ko nahi chod payeya ....sirf chupke uske kaarname dekhega .....aur dusri aurto ko chodega ( saamne wali aunty ko ) agar uske kaand dekh dekh ke use jabardasti chodta to aur maja aata .....shayad mama se bhi nahi chudti ammi phir kisse chudti hai ? waiting for update .....
 

Mastramkabeta

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६।

मेरा खून खोल रहा था, साला एक सब्ज़ीवाला मेरी माँ चोद के चला गया, और मैं, मैं भी तो उस खातून को चोद रहा था, लेकिन मुझे काफी ठगा ठगा सा महसूस हो रहा था, मेरी प्यारी अम्मी, जिन्होंने मेरा इतना ख्याल रखा, वो ऐसी हरकत कर रही हैं, और वो भी सब के चेहरे पे पर्दा दाल कर,

'रेहान रेहान बेटा'

'हाँ अम्मी' मैं उठ के अम्मी के पास जाता हूँ, और मेरा नज़र सीधे उनके सरीर पे लग जाती हैं, वह क्या काया है, क्या मम्मी, है अलह क्या सोंच रहा हूँ मैं, अपनी ही अम्मी के बारे में, मेरी अम्मी खाना पका रही थी, और मेरा मन उनके गांड को देख किया की, जेक उन्हें भींच दूँ, मेरा लुंड कड़क हो गया और मैं बहुत मुश्किल से अपना लुंड पे काबू कर रखा था,

'बेटा ज़रा बाजार से दूध ले आ , ख़तम हो गए हैं' दूध सुनते हि मेरा नज़र मेरी अम्मी के मम्मो पे जाता है, अम्मी आप कहां तो यहीं दूध का इंतजाम कर दूँ, मैं ये अपने मन में कहता हूँ ,

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'अच्छा अम्मी ' और बाजार के और मैं निकल गया, मेरी खयालो में मेरी अम्मी घूम रही थी, और न चाहते हुए कल रात का वो कंडोम जो उस सब्ज़ीवाले ने मेरे ही अम्मी पे इस्तेमाल किया था, अगर वो साला सब्ज़ीवाला मिल जाये तो टेटुआ दबा दूंगा, मादरचोद , जैसी ही मैं ये अपने मन में बोलता हूँ, मुझे वही सब्ज़ी वाला बाजार में कुछ कहते हुए दिख जाता है, और मैं दौड़ के उसके पास पहुंच जाता हूँ,

एक झटके में मैं उसका प्लेट पलट के उसका शर्ट पकड़ लेता हूँ, वो मुझसे छोटा था ऊंचाई में , और मैं उसके अंगुली के बल खड़ा कर देता हूँ,

'हरामज़ादा साला' और मैं उस सब्ज़ीवाले के मुँह पे एक घूंसा मर देता हूँ, और वो वहीँ गिर जाता है, उसके नाक से बुरी तरह से खून निकलने लगा था, लेकिन मैं उसका बाल पकड़ के उसे मरने लगता हूँ,

'मादरचोद मैंने तुझे दोस्त समझा और तू ने ये किया ' और वहा के लोग मुझे पकड़ लेते हैं,

'बेटा गरीब लड़का हैं, क्या कर दिया है इसने , मर जायेगा ' और लोग मुझे पीछे करने लगते हैं, और वो सब्ज़ी वाला बेहोश हो चूका था, लेकिन मेरे अंदर क गुस्सा काम नहीं हुआ था, लेकिन लोगो की वजह से मैं वह से चला गया, और लोगो के काफी पूछने के बाद भी नहीं बताया की आखिर इसने क्या किया हैं, मैं ये थोड़े बोल सकता था की इस मादरचोद ने मेरी अम्मी को ही अपने लुंड पे नचा दिया,

मैं उसके बाद दूध लेके घर पहुँच जाता हूँ, फिर मेरी नजर मेरी अम्मी पे जाती है, और मेरा लुंड खड़ा होने लगता है,

'रेहान तुम्हारे सरीर पे इतना धुल क्यों लगा हुआ है, बाल बिखरे हुए है, गिर गया था क्या '

'हाँ अम्मी' और मैं अपना लण्ड दबाके अपने कमरे में चला जाता हूँ , मेरे अंदर काफी गुस्सा था , खासकर मेरी अम्मी के बारे में, मुझे समझ में नहीं आ रहा था की आखिर अम्मी ऐसा क्यों कर रही है, आखिर वो अब्बू को धोखा क्यों दे रही है, लेकिन मैं असलियत अच्छे से जनता था, आखिर मेरी अम्मी ऐसा क्यों कर रही है,

मैं अपनी अम्मी पे हमेशा नजर रखने लगा, लेकिन उस रात के बाद मैंने अपनी अम्मी को कभी भी किसी काली करतूत में नहीं पकड़ा, मैंने घर में एक छिपा के कैमरा भी लगाया पकड़ने के लिए और ना उस सब्ज़ी वाले का कोई अता पता लगा, मैं अपनी अम्मी का हवस पडोसी आयेशा पे निकल रहा था,

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मेरी अम्मी ने दुबारा ऐसा कोई हरकत नहीं किया तो मुझे लगने लगा की सायद अब्बू से बदला का दौड़ सायद ख़तम हो गया है, क्युकी अम्मी वापस जाने के लिए भी राज़ी हो गयी, और मैं अम्मी के साथ वापस अब्बू के यहाँ आ गया.

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और वहां कड़ी थी मेरे अब्बू की नयी बीबी, जिसे देखते ही मेरी अम्मी चिढ गयी, और मैं चकित रह गया, ये वही खातून थी कार वाली.. ....
 

mahadev31

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itne din baad update diya ...aur mummy ko chudai karte huye bhi nahi dekha rehan ne ...aur laga hi tha nayi ammi wo car wali hogi ...waiting for next update ...
 
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