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Adultery क्या मेरी मम्मी एक रंडी है? - एक कहानी

Mega

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Update bda do yaar aur jldi
 
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Yash420

👉 कुछ तुम कहो कुछ हम कहें 👈
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Bro Waiting For Next.....
 
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Mastramkabeta

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७।

'आह, आयेजा, मेरी जान, काश तू मुझे मिल जाये'

'आआआह हाई, आखिर तुझे मेरे बुड्ढे अब्बू में ऐसा क्या दिख गया आआह, आयेजा' मैं अपने अब्बू के नयी बीबी को देख छिप कर मुठ मार रहा था, मेरी अम्मी की ये सौत एक अलग ही बला थी, और जब से मैंने इस्पे अपना आँख टिकाया था, मैं तो जैसे पागल सा हो गया था, क्या काया थी, परदे में भी इसके कमर का जलवा चालक जाता, इसके बड़े तसरीफ जैसे कोई गुलाबजामून फिट करा लिए हो, और इसके मम्मी वल्लाह वल्लाह सुभानअल्लाह, मैं इस्पे वैसे ही पागल था जैसे मेरा बाप, सायद बाप बेटे की स्वाद एक जैसा ही था,

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'आआआआआह, आयेजा' और मैं झड़ने लगा, मेरा मल निचे जमीन पे गिराने लगा, और मैं धरासाई बाथरूम के छत के रोशन्दानी के बगल में बैठ के अपना सर हिलने लगा,

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मेरे कानो में ये आवाज़ आ रहा था, और मैं खिड़की से निचे जानका, निचे अब्बू खड़े थे नयी अम्मी के साथ, मेरा तो उन दोनों को साथ देख के खून खौल गया, लेकिन जब उनलोगो ने मेरी अम्मी के बारे में बातें करना सुरु की तो मैं उनकी बातों पे ध्यान देने लगा,

'अरे आप तो समझदार हैं, वो हैं तो मेरे बेटे की अम्मी ही न'

'अरे इसका मतलब आप हर वक़्त उसका ही पक्ष लेंगे, आपके बच्चे की अम्मी तो मैं भी बनने जा रही हूँ, आपको तो मेरी कोई चिंता ही नहीं'

'अरे बेगम जान' और मेरा अब्बा अपनी नयी बेगम को गले से लगा लेता है, और मैं ऊपर गुस्से से उठ बाहर घर के निकल जाता हूँ, मुझे अपने बाप से बहुत िष्य हो रही थी, एक मेरी अम्मी जो की क़यामत थी, और फिर ये छिपकिली,

'साला आखिर उस बुड्ढे में इन दोनों को क्या दिख गया' और मैं एक पान वाला के दुकान पे से सिगरेट ले पिने लगता हूँ, मेरा ये नयी पटाखा ने जान काबू कर लिया था, मैं हर वक़्त नज़र छिपा घूरता रहता था और सायद उसे भी मेरी गन्दी नज़र का एहसास कही न कही था, क्या गांड मटका के चलती है साली, पहले मेरे नानीहाल में वो रांड पडोसी से मेरा काम चल जाता था, लेकिन यहाँ न तो मेरी कोई सेटिंग थी, और न मेरे पास समय था, मुझे कुछ लड़कियां पसंद जरूर थीं, लेकिन मुझे पता नहीं क्यों बड़ी उम्र की मस्त सरीर वाली औरतें बहुत क़यामत लगाने लगीं थी, सायद मेरे अम्मी का असर मेरे ऊपर बहुत गहरा पड़ा था.

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मैं घर पहुँच गया, और मेरे अब्बू के कमरे से एक बहुत ही धीमी कराहने की आवाज़ आ रही थी, और मेरा दिलो दिमाग जल गया और मेरे अब्बू और उनकी नयी बीबी की छवि मेरे दिमाग में आयी, और मेरा दिमाग ख़राब होने लगा.

'हट मादरचोद'

और मैं वहां से दौड़ के निकल गया, मेरा पूरा सरीर उस आयेजा का सोंच कैम्प रहा था, मेरा दिमाग काम करने से मन कर रहा था, और मेरा लण्ड किसी तलवार की तरह मेरे पैजामा में अकड़ा हुआ था,

'कास आयेजा मुझे मिल जाये, है अल्लाह'

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'रेहान क्या हलचल है भाई, बड़ी दिनों बाद दिखे हो' मैं सर उठा के देखता हूँ, वहां मेरा क्रिकेट खेलने वाला अच्छा दोस्त खड़ा था,

'क्या हाल है भाई, मैं किसी काम से दूसरे सहर गया हुआ था'

'अच्छा, और सब कैसा चल रहा है, सुने की तेरे बाप ने तेरे लिए नया मम्मी लेके आये हैं, हआ हा हा , वो ये बोल के मुझपे हंसाने लगा, और इस से मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया ,

'क्या बकता है बे, वो मेरी कोई मम्मी छम्मी नहीं है' मैं उसपे भड़कते हुए कहता हूँ,

'अरे तू तो गुस्सा हो गया, वैसे हैं वो काफी दिलकश, और अच्छे मिजाज की, भाई जो हुआ सो हुआ, तू उनपे गुस्सा मत कर'

'तू कब से उसका वकील हो गया, वैसे भी तू उसे जनता ही क्या है, सेल उसने मेरे अम्मी की जिंदगी में आग लगा दी' मैं थोड़ा और गुस्सा हो गया और ये देखते हुए वो मुझे सांत करने लगा,

'अरे भाई, अभी मैं उनसे उनसे और तेरे अब्बू से मिला बाजार में इसलिए बात उठा दी, चल भाई सॉरी' और वो जाने लगा, पहले पहले उसका कहा हुआ बात मुझे समझ में नहीं आया, मेरे अब्बू और उनकी नयी बेगम तो घर में देह के खेल में व्यस्त थे, तो फिर इसने किसे देख लिया,

'अरे रुक भाई तुझे मेरे अब्बू कहाँ मिले, मुझे जारा उनसे काम है'

'वो चांदीमल हलवाई के दुकान पे कुछ खा रहे थे', मैं वहां से दौड़ के निकला,उस हलवाई के दुकान पे, और मेरे दोस्त के कहे हुए बात सही निजकल और मेरे अब्बू और उनकी नयी बेगम, चाट ख़तम करने के कगार पे थे, और हंस हंस के बातें कर रहे थे, मैं कुछ देर स्तब्ध रहा, आखिर घर में कौन था,

'अम्मी' और मैं घर के तरफ दौड़ निकाला, क्या मेरी अम्मी घर में अपने सौहार के बिस्तर पे किसी और के साथ, मैं अपना सर झकझोर लिए, मैंने काफी इन अपनी अम्मी पे नज़र रखा था, लेकिन फिर काफी दिन तक कुछ नहीं हुआ और मेरे अब्बू के नयी बीबी के लिए हवस ने लापरवाह कर दिया,

'क्या मेरी अम्मी इतनी हिम्मती है, है अल्लाह' और मैं अपने घर पहुँच गया,

'अम्मी अम्मी अम्मी अम्मी, कहाँ हैं आप, मुझे कोई जरुरी काम है', अंदर से मेरी अम्मी बहार निकलती हैं, और उनका चेहरा पसीने से बुरी तरह से लथपथ थी, और उन्होंने पूरा आबया कर रखा था, जोकि वो घर में कभी नहीं पहनती थी, लेकिन उनके आबया में भी मैं देख सकता था, उनके बाल बुरी तरह से बिखरे हुए थे, मेरा सरीर कैम्प रहा था,

'क्या हुआ बेटा, कुछ चाहिए आपको'

'हां अम्मी मेरे लिए पानी का एक गिलास ले आओ न'

'बस इतनी सी बात के लिए इतना सोर, चल मैं लेके आयी ' मैं अपने जाते हुए अम्मी पे नज़र डाला, उनके कमर में गज़ब लचक थी, और वो थोड़ा लंगड़ा रही थी, और मेरे सर से पसीना आने लगा, और ये मेरे सामने साफ़ होने लगा की मेरी अम्मी ने फिर अपना मुँह कला करवाया है,

'ये ले बेटा' मेरी अम्मी झुक के मुझे पानी का गिलास पकड़ने के लिए देती है, वो मुझसे काफी करीब थी, और मेरा नज़र उनके चेहरे पे जाता है, और मेरा आँख फैट जाता है, मेरी अम्मी के एक गाल पे गहरा दांत के निशान थे, मेरा सरीर कंपनी लगता है, और मैं मन में कहता हूँ,

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'है अल्लाह'

'बेटा और कुछ चाहिए' मैं बस अपना चेहरा ना में घूमता हूँ,

'अच्छा मैं नहाने जा रही हूँ' और मेरी अम्मी अपने विशाल गांड लेके नहाने को चली जाती है, और मैं वो गिलास उठा अपने आप को ठंडा करने के लिए अपने सर पे दाल देता हूँ,
 

Mastramkabeta

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Bhai rehan chutiya hai,uski maa itne logo se chudwa li aur wo kuch nhi kr pa rha hai.
Yrr uski maa ka sach to rehan ke samne lete aao

अगर रेहान की अम्मी को अगर उजाला मे ले आएंगे तो काफी स्टेरेओटिपिकल कहानी हो जाएगा, यहा कहानी इस उड़ेस्य से प्रस्तुत किया गया है की, रेहान की अम्मी ने काफी गलत काम किए, रेहान को य बात मालूम है, वो रोकना भी चाहता है, लेकिन फिर भी वो उन्हे नहीं रोकता है जान भूझ, इसलिए नहीं क्यूकी वो रोक नहीं सकता, इसलिए क्यूकी उसके दिल मे ये बात बैठी हुई है की उसके अब्बा ने उसके अम्मी को धोका दिया है, और दूसरा निकाह कर लिया, और वो अगर अम्मी को घसीट के अपने अम्मी को उजाला मे लता है तो उनका निकाह तो जाएगा ही, और साथसाथ समाज मे इज्जत भी, रेहान की अम्मी समाज मे किसी का गोद भर के उस से दूसरा शादी नहीं कर सकती है, जैसा उसके सौहर ने किया और अब पाठको को फैसला करना है की आखिर अम्मी ने जो लिया वो गलत है की सही,
 

Sexy launda

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अगर रेहान की अम्मी को अगर उजाला मे ले आएंगे तो काफी स्टेरेओटिपिकल कहानी हो जाएगा, यहा कहानी इस उड़ेस्य से प्रस्तुत किया गया है की, रेहान की अम्मी ने काफी गलत काम किए, रेहान को य बात मालूम है, वो रोकना भी चाहता है, लेकिन फिर भी वो उन्हे नहीं रोकता है जान भूझ, इसलिए नहीं क्यूकी वो रोक नहीं सकता, इसलिए क्यूकी उसके दिल मे ये बात बैठी हुई है की उसके अब्बा ने उसके अम्मी को धोका दिया है, और दूसरा निकाह कर लिया, और वो अगर अम्मी को घसीट के अपने अम्मी को उजाला मे लता है तो उनका निकाह तो जाएगा ही, और साथसाथ समाज मे इज्जत भी, रेहान की अम्मी समाज मे किसी का गोद भर के उस से दूसरा शादी नहीं कर सकती है, जैसा उसके सौहर ने किया और अब पाठको को फैसला करना है की आखिर अम्मी ने जो लिया वो गलत है की सही,
भाई आप कह रहे है कि रेहान के बाप ने दूसरी शादी करके रेहान के मॉ के साथ धोखा किया,पर अब रेहान की माँ भी तो दूसरों से चुद के सबको धोखा दे रही हैं खासकर रेहान को।
वो तो दोनों ही तरफ से पीस रहा हैं, सौतेली माँ भी आ गया और अपनी माँ रण्डी हो गयी।
इसलिए भाई रेहान को चाहिए की अपनी माँ को दूसरों से चुदवाते हुए रंगे हाथों पकड़े,और उसे समझाये या फिर खुद उसके साथ सेक्स करे
ये मेरी गुजारिश हैं इसपे आप जरूर गौर कीजियेगा दोस्त
 

Mega

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