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चंदु – सुन बे मादरचोद...सच सच बता कब चोदे हो....हम साले को इतने साल से लगे हैं सेवा में हाथ नहीं साफ़ कर पाए और तुम पेल भी दिए...बिटिया को भी पेल दिए क्या बे....बताओ बे....डरो नहीं....सच सच बता दो...हम दोस्त हैं..किसे से नहीं कहेंगे...
उसकी तरफ देखा तो पाया की वो आँख बंद किये बोले जा रहा है और पेंट के ऊपर से अपने लंड को घिस रहा है...मुझे राहत हुई की ये अपनी ठरक में है...मुझे डरने की जरुरत नहीं है..
मैं – अरे नहीं काका नहीं पेले हैं. ना माँ को न बिटिया को. सोचे भी नहीं है.
चंदु – खा ले अपने लंड की कसम की सोचा भी नहीं है? अगर झूठी कसम खायी तो तेरा लंड कभी खड़ा नहीं होगा...
मैं – अरे नहीं काका...तुम भी कहाँ की बात को कहाँ ले गए..
चंदू – देखा..मुझे पता था की तू मादरचोद है. सोचा है न दोनों को पेलने के बारे में...
मैं – अरे नहीं वो तो बस ऐसे ही..
चंदु – अरे तो हाँ बोलो न भैया..इसम छुपाने की क्या बात....हमको तो बिटिया काका काका कहती है और हम तो उसकी चुदाई के सपने देखते हैं..हम नहीं शर्माते..खुल के कहते हैं की बिटिया हमारे ऊपर मूत भी दे तो हम पी लेंगे ख़ुशी ख़ुशी...हाय भैया कैसी बुर होगी...अभी तो सील लगी होगी..खुली थोड़ी न होगी...एकदम चिकनी रखती होगी लौंडिया...जब हम पेलेंगे तभी उसकी सील टूटेगी.....देखना तुम...हमसे बोलेगी काका पेलो काका पेलो हम रगड़ रगड़ के हुमच हुमच के पेलेंगे पूजा बिटिया को..एक ही बार में उसका पेट भर देंगे भैया देख लेना...इतना करारा माल है साली...हमेशा शमीज पहन के घुमती है घर में..और कुछ नहीं पहनती...दो दो दूध अभी से थन के जैसे हो गए हैं बड़े बड़े..जब हम मसल देंगे तो देखना दूध की पिचकारी निकाल देगी...रंडी की तरह चोदेंगे पूजा बिटिया को.....
वो लगातार बोले जा रहा था और अपना लंड घसे जा रहा था....साला इतने दिनों में रोज मेडम जी के यहाँ जाते जाते कभी मैंने ये नहीं सोचा था की चंदु भी उनके बारे में ऐसा कुछ सोच सकता होगा..उस दिन सुन के लगा की ये तो बड़ा लीचड़ आदमी है...फिर सोचा की वही सब तो मैं भी करना चाहता हूँ....फिर सोचा की लीचड़ नहीं है...सही आदमी है...मेरी तरह...अब मैंने भी हाँ में हाँ मिलाना शुरू किया..
मैं – ठीक कह रहे हो काका. वो मेडम तो खुल्ला कहती है की राजेशा चोदा चादी की फिल्म ले आ...आज बुर पनिया रही है..
चंदु – हाय भैया...तुमसे कहती है बुर पनिया रही है...अरे मुझे पिला दे बुर का पानी...
मैं – हाँ काका एकदम रंडी जैसे बात करती है....कहती है की दिन रात चुदाई की फिल्म दिखा मुझो और मेरी बेटी को भी.....उसको भी फिल्म दिखा दिखा के चुदैल बना दे...
चंदु – बना दो भैया बना दो.....एकदम पक्की चुदैल बना दो भैया...फिर हमको भी चोदने देना...देखो हम तुम्हारे दोस्त हैं..हमको भी हिस्सा देना...हम तुमको बहुत दुआ देंगे....एक बार चुदवा दो भैया...हम किसी से नहीं बताएँगे...
हालाँकि मैं सब झूट बता रहा था उसे लेकिन उसका रिएक्शन देख के मुझे लगा की ये मेरी बात को सच मान रहा है...मुझे लगा की साला कही दारू के नशे में किसी से कुछ कह न दे...मैंने तुरंत मुद्दा बदल दिया और इधर उधर की बात करने लगा....कुछ देर में चंदू की भी अकाल ठिकाने आ गयी....उसे एहसास हुआ की मुझसे क्या कह दिया है उसने...अब उसे डर लगने लगा,...
उसकी तरफ देखा तो पाया की वो आँख बंद किये बोले जा रहा है और पेंट के ऊपर से अपने लंड को घिस रहा है...मुझे राहत हुई की ये अपनी ठरक में है...मुझे डरने की जरुरत नहीं है..
मैं – अरे नहीं काका नहीं पेले हैं. ना माँ को न बिटिया को. सोचे भी नहीं है.
चंदु – खा ले अपने लंड की कसम की सोचा भी नहीं है? अगर झूठी कसम खायी तो तेरा लंड कभी खड़ा नहीं होगा...
मैं – अरे नहीं काका...तुम भी कहाँ की बात को कहाँ ले गए..
चंदू – देखा..मुझे पता था की तू मादरचोद है. सोचा है न दोनों को पेलने के बारे में...
मैं – अरे नहीं वो तो बस ऐसे ही..
चंदु – अरे तो हाँ बोलो न भैया..इसम छुपाने की क्या बात....हमको तो बिटिया काका काका कहती है और हम तो उसकी चुदाई के सपने देखते हैं..हम नहीं शर्माते..खुल के कहते हैं की बिटिया हमारे ऊपर मूत भी दे तो हम पी लेंगे ख़ुशी ख़ुशी...हाय भैया कैसी बुर होगी...अभी तो सील लगी होगी..खुली थोड़ी न होगी...एकदम चिकनी रखती होगी लौंडिया...जब हम पेलेंगे तभी उसकी सील टूटेगी.....देखना तुम...हमसे बोलेगी काका पेलो काका पेलो हम रगड़ रगड़ के हुमच हुमच के पेलेंगे पूजा बिटिया को..एक ही बार में उसका पेट भर देंगे भैया देख लेना...इतना करारा माल है साली...हमेशा शमीज पहन के घुमती है घर में..और कुछ नहीं पहनती...दो दो दूध अभी से थन के जैसे हो गए हैं बड़े बड़े..जब हम मसल देंगे तो देखना दूध की पिचकारी निकाल देगी...रंडी की तरह चोदेंगे पूजा बिटिया को.....
वो लगातार बोले जा रहा था और अपना लंड घसे जा रहा था....साला इतने दिनों में रोज मेडम जी के यहाँ जाते जाते कभी मैंने ये नहीं सोचा था की चंदु भी उनके बारे में ऐसा कुछ सोच सकता होगा..उस दिन सुन के लगा की ये तो बड़ा लीचड़ आदमी है...फिर सोचा की वही सब तो मैं भी करना चाहता हूँ....फिर सोचा की लीचड़ नहीं है...सही आदमी है...मेरी तरह...अब मैंने भी हाँ में हाँ मिलाना शुरू किया..
मैं – ठीक कह रहे हो काका. वो मेडम तो खुल्ला कहती है की राजेशा चोदा चादी की फिल्म ले आ...आज बुर पनिया रही है..
चंदु – हाय भैया...तुमसे कहती है बुर पनिया रही है...अरे मुझे पिला दे बुर का पानी...
मैं – हाँ काका एकदम रंडी जैसे बात करती है....कहती है की दिन रात चुदाई की फिल्म दिखा मुझो और मेरी बेटी को भी.....उसको भी फिल्म दिखा दिखा के चुदैल बना दे...
चंदु – बना दो भैया बना दो.....एकदम पक्की चुदैल बना दो भैया...फिर हमको भी चोदने देना...देखो हम तुम्हारे दोस्त हैं..हमको भी हिस्सा देना...हम तुमको बहुत दुआ देंगे....एक बार चुदवा दो भैया...हम किसी से नहीं बताएँगे...
हालाँकि मैं सब झूट बता रहा था उसे लेकिन उसका रिएक्शन देख के मुझे लगा की ये मेरी बात को सच मान रहा है...मुझे लगा की साला कही दारू के नशे में किसी से कुछ कह न दे...मैंने तुरंत मुद्दा बदल दिया और इधर उधर की बात करने लगा....कुछ देर में चंदू की भी अकाल ठिकाने आ गयी....उसे एहसास हुआ की मुझसे क्या कह दिया है उसने...अब उसे डर लगने लगा,...