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Adultery गुजारिश

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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#39

"वहाँ तुम्हारा घर है देव " मोना ने कहा

मैं हैरानी से उसे देखने लगा.

मोना - हैरान होने की जरूरत नहीं देव, तुम्हारा ये सोचना कि मुझे कैसे मालूम उसके बारे मे सही है, मुझे उस के बारे में मालूम है क्योंकि मैं ना जाने कितनी बार वहां जा चुकी हूं, बचपन से ही मैं बुआ के बहुत करीब थी, लोग कहते थे मैं उनकी ही छाया हूं. बुआ का हाथ थामे ना जाने कितनी बार मैं आई गई.

मैं - वहां पर तो खलिहान है, इतनी बड़ी इमारत लोगों को क्यों नहीं दिखी और ऐसे अचानक

मोना - हर एक घटना के होने का एक निश्चित समय होता है, आज नहीं तो कल तुम्हें इस बारे मे मालूम होना ही था, कुछ खास रात होती है जब हवेली राह देखती है अपने वारिस की. कल भी ऐसी ही रात थी.

"तो मैं वारिस हूं " मैंने पूछा

मोना - क्या मैंने कहा ऐसा, घर तुम्हारा है इसमे कोई शक नहीं पर वारिस होना अलग बात है

मैं - समझा नहीं

मोना - बुआ हवेली मेरे नाम कर गई. अपनी विरासत वो मुझे दे गयी. पर कोई इशू नहीं है ये सब तुम्हारा ही है जब तुम कहोगे मैं तुम्हें दे दूंगी, मुझसे ज्यादा तुम्हारा हक है.

मैं - कैसी बात करती हो तुम. तुम्हें क्या लगता है मुझे ईन सब चीजों से कोई लगाव है. मैं बस अपने माँ बाप के बारे मे जानना चाहता हूं, अचानक से मेरी जिन्दगी इतने गोते खा गयी है कि मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा. तुम कहती हो कि हवेली मे तुम जाती रहती हो, तो मुझे उस सर्प के बारे मे बताओ जो हवेली मे था.

मोना - मैंने ये कहा कि बुआ के साथ मैं वहां जाती थी, ये नहीं कहा कि जाती रहती हूँ, बेशक बुआ वो मुझे दे गयी थी पर जब बुआ गई, हवेली गायब हो गई. और शायद कल तुमने उसे देखा. याद है जब तुमने मुझसे इस तस्वीर के बारे में पूछा था तो मैंने क्या कहा था कि ये एक ख्वाब है. वो ख्वाब जिसे वक़्त ने भुला दिया.

मैं - ऐसा कैसे हो सकता है कि इतनी बड़ी इमारत को छिपा दे.

मोना - पिछले दिनों से जो जिंदगी तुम जी रहे हो लगता है क्या की कुछ भी मुमकिन है या ना नामुमकिन है

मैं - और वो सर्प, उसका क्या

मोना - मुझे उस बारे मे कुछ नहीं मालूम, तस्वीर मे भी एक है तो सही पर जानकारी नहीं है.

मैं - तुम क्या कर रही थी उस मोड़ पर

मोना - तुम्हें मनाने आ रही थी और क्या, ऐसे कोई जाता है क्या

मैं - तुमने रोका भी तो नहीं

मोना आगे बढ़ी और मेरे गाल पर एक चुम्मा लिया

"दरअसल इस रिश्ते ने मुझे दो रहे पर लाकर खड़ा कर दिया है एक तरफ तुम्हें देखूँ तो मेरा मुसाफिर है और वहीं मुसाफिर बुआ का बेटा भी है तुम्हीं बताओ किस सच को अपना मानू किस सच से मुह मोड़ लू " मोना ने कहा

मैं - सच बस इतना है कि तुम वो हो जिसे मैं परिवार समझता हूं, सच बस इतना है कि तुम हो एक वज़ह मेरे जीने की.

मैंने एक बार अपने होंठ मोना के होंठो पर रख दिए. मोना ने अपना बदन ढीला छोड़ दिया और मुझे किस करने लगी. कुछ पलों के लिए हम खो से गए.

" कितनी बार कहा है होंठ को काटा ना करो "मोना ने कहा

मैं - कंट्रोल नहीं होता, जी करे है कि इनको बस चूसा ही करू

मोना - तुम्हारा दिल तो ना जाने क्या करेगा

मैं - दिल पर किसका जोर

मैंने मोना के स्तन को भींच दिया.

"बदमाश हो तुम, इसके लिए वक़्त है, फ़िलहाल तो हमे इस घाव के बारे मे सोचना चाहिए, ये बढ़ता जा रहा है तीन दिन बीते " मोना अचानक से गम्भीर हो गई.

"बाबा तलाश तप रहे है उपाय " मैंने कहा

मोना - बाबा का ही सहारा है

मैं - और मुझे तुम्हारा

मैंने एक बार फिर मोना को अपनी बाहों मे भर् लिया उसकी चिकनी टांगों को सहलाने लगा. मैंने अपना हाथ उसकी स्कर्ट मे डाल दिया और उसकी योनि को अपनी मुट्ठी मे भर् लिया.

"मान भी जाओ, मेरी जान सूखी जा रही है और तुम्हें मस्ती चढ़ रही है " मोना ने कहा

मैं - तुम हो ही ऐसी की जी चाहता है तुम्हें पा लू वैसे भी मेरे पास समय कम है, तो मरने से पहले तुम्हें अपना बना लू

"दुबारा ऐसा कभी ना कहना " मोना ने मेरे होंठो पर उंगली रखते हुए कहा.

मोना - तुम अमानत हो हमारी, तुम खुशी हो, ऐसी बात फिर कभी ना कहना कुछ नहीं होगा तुम्हें, कुछ नहीं होगा

मोना गंभीर हो गई.

"देखो नसीब क्या करे, दुख दिया तो सुख भी देगा खैर मुझे जाना होगा " मैंने कहा

मोना - कहीं नहीं जाना तुम्हें यही रहो मेरे पास

मैं - तुम्हारे पास ही तो हूं. पर घर से ज्यादातर बाहर रहूं तो सरोज काकी नाराज होती है उसका भी देखना पड़ता है. हर किसी को खुश रखना चाहिए ना

मोना - कल आती हूं मैं

मैं - नहीं, मैं ही आ जाऊँगा.

मोना - गाड़ी छोड़ आएगी तुम्हें

मैं - नहीं मेरी जान, मैं चला जाऊँगा वैसे भी शहर मे थोड़ा काम है मुझे

वहां से निकल कर मैं बाजार मे गया. अपने लिए कुछ नई शर्ट खरीदी और पैदल ही बस अड्डे की तरफ चल दिया. मैं अपनी मस्ती मे चले जा रहा था कि तभी मेरी नजर उस पर पडी.....
 
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nice update ...dev ko uska ghar mil gaya ,par amawas ki raat aur khoon khoon ko pehechanega ( thoda hi yaad hai ) to us haweli me dev ke maa baap kyu nahi mile usko ,shayad unki aatma to honi chahiye thi waha par kyunki wo haweli gayab ho jaati hai ...
 
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agar haweli dev ke maa ki thi aur usne mona ko di thi ,,,aur mona keh rahi hai ki dev bhi uska waaris nahi hai ?.to usko wo haweli kaise dikhayi di ?
aur dev ki maa ne haweli dev ko naa dekar mona ko kyu di ??..waaris ko paakar wo haweli kya karegi ? saap se kya rishat hai dev ka ....
 
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