Iron Man
Try and fail. But never give up trying
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Awesome Super Fantastic update.#49
पर मेरे नसीब में वो सुख नहीं था जिसकी मुझे तलब थी , इस से पहले की एक बार और मैं और सरोज एक हो जाते दरवाजा जोरो से पीटा जाने लगा. हमने जल्दी से कपडे पहने और निचे आये तो देखा की शकुन्तला दरवाजे पर थी . मुझे देखते ही उसके अन्दर का गुबार फूट पड़ा.
“मैंने तुमसे कहा था की उसे समझा लो पर तुमने मेरी नहीं मानी ” वो जोर जोर से चिलाने लगी.
मैं- ये क्या तमाशा कर रही हो अपने घर जाओ .
“चली जाउंगी, मैं बस तुम्हे ये बताने आई हूँ की दुश्मनी की आग में तुम भी झुल्सोगे, आज मैं रो रही हूँ, कल तुम्हारी बारी है तुम्हारी आँखों के सामने मैं उसे मार दूंगी. आग जो मेरे कलेजे में लगी है उसमे तुम्हे न जला दूंगी तब तक चैन नहीं आएगा मुझे ” शकुन्तला ने कहा
सरोज- सेठानी, औकात से ज्यादा बोल रही हो , ये मत भूलो की देव अकेला नहीं है .
शकुन्तला- तू तो चुप रह सरोज, तुझे नहीं मालूम तेरे इस देव ने क्या किया है . मेरी मांग का सिंदूर इसकी वजह से मिटा है इसके उस सांप ने मारा है मेरे पति को . मैं कसम खाती हूँ उस सांप को इसकी आँखों के सामने मारूंगी
सरोज- मार दे , चाहे जो कर हमें क्या लेना देना बस मेरे बच्चे को इसमें मत घसीट वैसे भी तेरा पति दूध का धुला नहीं था , तू भी जानती है , मेरे बच्चे को अगर खरोंच भी आई तो मैं खाल उतार लुंगी तेरी .
शकुन्तला- अपने पर आई तो कैसे बिलबिला गयी तू, इस से कह की उस सान्प को मेरे सामने ले आये. मैं बात खत्म कर दूंगी.
मैं- सेठानी मैं तेरे दुःख को समझता हूँ पर तेरे इस पागलपन को नहीं, तू जा यहाँ से , कोई फायदा नहीं है दुनिया को तमाशा दिखाने का .
शकुन्तला- जा रही हूँ पर दिन गिनने शुरू कर दे. और तूने जो उसे बचाने की कोशिश की तो पहला वार तुझ पर ही होगा.
मैं- तेरी यही इच्छा है तो ठीक है तू कर अपनी कोशिश , पर इतना याद रखना दुश्मनी की आग में तुझे ही झुलसना है . रही बात उस सांप की तो तू कोशिश करके देख ले . तेरा अंजाम तेरे सामने होगा.
शकुन्तला- तू ये मत समझना मैं अकेली हूँ मेरे साथ और भी लोग है .
मैं- जिसके लंड पर उछालना है उछल ले . पर मेरी बात याद रखना मेरे इस घर के किसी भी सदस्य को जरा भी खरोंच आई तो मैं क्या करूँगा सोच भी नहीं सकती तू.
शकुन्तला- भुगतेगा तू जल्दी ही .
वो तो चली गयी थी पर हमारे घर में कलेश कर गयी थी .सरोज काकी चढ़ गयी थी मुझ पर .
सरोज- ये क्या कांड कर दिया है तुमने ऐसा क्या किया है जो मुझसे छुपाया है , तुम्हे सब बताना होगा मुझे.
“तेरे सर की कसम काकी, लाला की मौत से मेरा कोई लेना देना नहीं है ” मैंने कहा .
सरोज- तू घर पर ही रहेगा कहीं नहीं जाएगा आगे से तू इस रांड का कोई भरोसा नहीं
मैं- तू घबरा न काकी. मैं देख लूँगा सेठानी को .
सरोज कुछ कहना चाहती थी पर उसने खुद को रोक लिया. शाम को सीधा मजार पर पहुंचा. बाबा धूनी सुलगा रहा था मुझे देख कर वो खुश हो गया .
मैं- लाला की घरवाली को लगता है की मैंने नागिन को कहकर लाला को मरवाया है . मुझ पर आरोप लगाया उसने .
बाबा- पर लाला को नागिन ने नहीं मारा .
मैं- मैं जानता हु इस बात को पर दुनिया नहीं मानती .
बाबा- दुनिया की दुनिया जाने.
मैं- शकुन्तला ने कसम खायी है नागिन को मारने की.
बाबा- कसम खायी है तो कर लेगी पूरी , उसकी वो जाने
मैं- नागिन से मिलना है मुझे
बाबा- मिल जाएगी
मैं- कब
बाबा- जब उसका मन होगा .
मैं-समझते क्यों नहीं बाबा.
बाबा- तुम नहीं समझते मुसाफिर , तुम नहीं समझते. ये नयी दुनिया जिसमे तुम आये हो ये कुछ नहीं है महज एक छलावे के . इसके रहस्य इतने गूढ़ है की तुम कभी नहीं समझ पाओगे. नागिन ने लाला के काफिलो पर हमला किया था वो लाला को मार ही देना चाहती थी पर वो बच गया . लाला से अपना बदला लेना चाहती थी वो .
“कैसा बदला बाबा ” मैंने कहा .
बाबा- बरसो पहले शिवाले में एक जोड़ा रहता था . मंदिर की साफ सफाई करते, भजन करते पूजा करते. मंदिर में बड़ी बरकत थी और धन भी था . मंदिर में शिवजी को सोने का छत्र था . लाला और उसके दोस्तों ने मंदिर में चोरी की . और इल्जाम उन भले मानसों पर लगा दिया. उनकी किसी ने नहीं सुनी . ये जो अपना पीपल है न यही पर होता था वो मंदिर . इसी पीपल पर फांसी लगा दी गयी उन दोनों भक्तो को .
मैं- ये तो अनर्थ हुआ बाबा. किसी ने विरोध नहीं किया . क्या सब मर गए थे , पंचायत भी खामोश रही .
बाबा- कुछ ऐसा ही समझ लो. उस समय तुम्हारे पिता कही बाहर थे जब वो लौटे और इस काण्ड का उन्हें मालूम हुआ तो गाँव का माहौल बहुत बिगड़ गया . युद्धवीर ने लाला और उसके दोस्तों के खिलाफ तलवार उठा ली. तब तुम्हारे दादा बीच में आये. चूँकि लाला और उसके दोस्तों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था तो पंचायत भी कुछ न कर सकी. युधवीर बहुत मानता था भोले को . उसे इस बात का क्रोध था की खुद भोले के दरबार के ये अनर्थ हुआ तो और कहाँ न्याय मिलेगा. युद्ध की नजर जब उस जोड़े की बच्ची पर पड़ी. तो उसका मन बहुत व्याकुल हो गया . हमेशा सबका भला करने वाले, सबसे मिलकर चलने वाले युधवीर ने मंदिर तोड़ दिया. तुम्हारे दादा और युद्ध के बीच वैसे ही किसी बाट को लेकर अनबन थी उन दिनों बस उन्होंने युद्ध को घर से निकल जाने को कहा . और फरमान भी सुना दिया की परिवार का कोई भी सदस्य उस से रिश्ता न रखे.
बाबा की बाते सुनकर मेरे दिल में एक तीस उठ गयी .
मैं- तो वो बच्ची ही ये नागिन है
बाबा- हाँ ,
मैं- मैं उसे कुछ नहीं होने दूंगा. उसकी रक्षा करूँगा. बाबा मुझे मिलवा दो उस से
बाबा- हर पूर्णमासी की रात को वो पीपल के पास आती है .
बाबा ने कहा और चिलम सुलगाने लगे.
मैं अपनी माँ के पेड़ के पास आकार बैठ गया और सोचने लगा. मुझे ध्यान आया की चांदरात को ही तो मैंने उसे पहली बार देखा था . कुछ देर बाद मैं अपनी झोपडी की तरफ चल दिया. आधे रस्ते में पहुंचा ही था की मेरे सामने चार पांच गाड़िया आकर रुक गयी . गाड़ी में से जो सख्स सबसे पहले उतरा उसे देख कर मेरे मुह से निकला “तू यहाँ .”
Nagin ke mata pita ka rahahy khul gaya ab dev use bacah pata hai ya Shankuntala marne me safal ho jati hai . Par lala ko kisne mara kon khel raha hai yah khel ? Lagta hai Dev ke nana ke aaadmi aaye hai shankuntala ke bualne par ab dekhte hai kya hota hai ?